Saturday, January 21, 2017

नोटबन्दी की घोषणा के जैसे ही कत्लखाने बंद करने की घोषणा करने की सिफारिश की - संत रामविचारजी महाराज ने !!



मोदीजी कत्लखाने बन्द करने की तारीख की भी घोषणा कर दीजिये - संत रामविचारजी !!

जोधपुर शहर में हुए एक समारोह को संबोधित करते हुए संत रामविचारजी महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी को नोटबन्दी की घोषणा की तारीख के जैसे ही कत्लखाने बंद करने की तारीख घोषणा करने की सिफारिश की ।


महाराज श्री ने बताया कि 8 नवम्बर की रात्रि को जो घोषणा हुई उसे पूरा भारत देश हिल गया और घोषणा भी बड़ी क्रान्तिकारी हुई । ये सभी लोगो को मानना पड़ा मैं जानता हूँ ।

 उस समय मोदीजी ने कहा था कि मैं आपसे 50 दिन मांगता हूं । आप मुझे 50 दिन दे दे उसके बाद मैं भारत का नक्शा बदल दूंगा । भारत की जनता ने इसे स्वीकार किया और 50 दिन दिए अब मैं भी निवेदन करता हूँ मोदीजी से कि..

मोदीजी,आपने 50 दिन मांगे भारत की जनता ने 50 दिन दिए भी और आपकी बात भारत की जनता ने मानी है तो एक बार आप भी हमारी माने !! 

आपने एक तारीख निकाली 8 नवम्बर जिसे पूरे भारत को मानना पड़ा । मैं चाहता हूँ कि मोदीजी एक ऐसी तारीख भी निकाले जिसमें रात को घोषणा हो कि भारत में सारे कत्लखाने बंद हो जाए । 

https://youtu.be/14jOUQsyVfA

एक भी गाय भारत में न कटे ऐसी बात भी भारत के प्रधानमंत्री के मुँह से निकालनी चाहिए ।

 ऐसी हम आशा करते हैं क्योंकि तारीखें आ रही हैं एक से एक ! एक तारीख ऐसी भी आनी चाहिए । 

हम चाहते हैं कि आप ऐसे काम करें जिससे हमारा भारत एक नंबर पर रहे लेकिन इसके साथ दुर्भाग्य से ये भी कहना पड़ रहा है । गौहत्या के लिए भी भारत उतना ही जिम्मेदार है जितना हम सब बाकि सब चर्चाओं में हैं । जितने कत्लखाने भारत देश में हैं अन्य देशों में नही है । ये कलंक भी भारत को झेलना पड़ता है ।

महाराज जी ने आगे बताया कि एक बात मेरे भी समझ में नहीं आई..!! 
मोदीजी हमेशा रेडियो में कहते आये हैं मन की बात..!!
मन की बात बताने की नही करने की होती है । इसलिए ऐलान हो गया 
अब मैं चाहता हूँ कि भारत देश भी ऐसा हो एक बार एक तारीख ऐसी भी आये कि जिससे गाये बच जाए, गौ कत्लखाने बंद हो, गौ माता की सेवा हो ।

प्रधानमंत्री से निवेदन करते हुए उन्होंने आगे कहा कि मैं निवेदन करता हूँ कि मोदीजी आप कर सकते हैं और जरूर करें कत्लखाने बंद होंगे, जनता को बहुत खुशी होगी ।

दो रुपये चवन्नी गंगा जी को चढ़ाते थे, हजार हजार लीटर घी चढ़ाये, पैक भर-भर कर बाहर फैंक रहे हैं और इतना डरा दिया कि 2,50,000 से ज्यादा लिया तो खैर नही !! अब आदमी डर-डर के करे तो क्या करे..??

 2,50,000 तो होते ही हैं सबके पास !! अब 2,50,000 से ज्यादा वहां तो मन की बात है क्या करें क्या ना करे..??

तो लोग व्यर्थ में जला रहे हैं ।  कोई फेंक रहा है, कोई क्या कर रहा है, 

मोदीजी को एक काम करना चाहिए। एक शाखा खोले तुम्हारा कोई ब्योरा नही लिया जायेगा सारे पैसे यहाँ जमा कर जाये । जितने भी भारत की गौशालाएं हैं। सब में दे दिया जाय न गंगा में बहाने की जरुरत है, न जलाने की जरुरत है, न डरने की जरुरत है । जो हुआ जैसे हुआ होने दो लेकिन कम से कम वो कागज के टुकड़े बने व्यर्थ जाये इससे अच्छा गौमाता तक पहुँच जाये चारे के रूप में ।

भारतमाता की गायों को चारा मिलेगा तो आशीष मिलेगी और सभी का धन सार्थक बनेगा । भारत की गाय बचे ये हमारी इच्छा रहती है ।

गौरतलब है कि मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले गुलाब क्रांति (पशुहत्या) के खिलाफ खूब आवाज उठाई थी लेकिन अभीतक एक भी कत्लखाना बन्द नही हुआ बल्कि प्रधानमंत्री बनने के बाद कत्लखानों के लिए 15 करोड़ सब्सडी कर दी थी । जिससे कई गौ रक्षक नाराज होकर उनके खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं।


आपको बता दें कि पशु कल्याण के लिए सरकार ने 1962 में 28 सदस्यीय एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (एडब्ल्यूबीआई) का गठन किया था जिसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के जरिये फंड भेजा जाता है। 2011-12 में एडब्ल्यूबीआई के लिए 21.7  करोड़ रुपये का आबंटन हुआ था, 2015-16 में यह राशि घटकर 7.8 करोड़ हो गई है। देश भर में चार हजार से अधिक गौशालाओं में साढ़े तीन करोड़ गौवंश हैं। एडब्ल्यूबीआई के चेयरमैन डॉ. आर.एम. खर्ब के मुताबिक, 'एक गाय पर रोज का खर्चा कम से कम सौ रुपये है, मगर केंद्र सरकार से जो अनुदान राशि मिल रही है, उससे गौशालाओं में संरक्षित एक गाय के हिस्से साल में सिर्फ दो रुपये आते हैं।' यह है गाय पर राजनीति करने वाली सरकार का असली चेहरा!

इसके ठीक उलट सरकार ने देश भर के कसाईघरों को आधुनिक बनाने के वास्ते 2002 में दसवीं पंचवर्षीय योजना के तहत 5 हजार 137 करोड़ की राशि का आबंटन किया था, ताकि बीफ  एक्सपोर्ट में हम पीछे न रह जाएं। देश का दुर्भाग्य है कि कसाईघरों के आधुनिकीकरण पर हम हजारों करोड़ खा रहे हैं, मगर पशुओं के संरक्षण के वास्ते सरकार के खजाने में पैसे नहीं हैं।


मोदी सरकार आने के बाद पहला बजट जो पास किया गया जिसमें कत्लखाने खोलने के लिए 15 करोड़ सब्सिडी प्रदान की जाती है ।
2014 में  4.8 अरब डॉलर का बीफ एक्सपोर्ट हुआ था । 2015 में भी भारत, 2.4 मिलियन टन बीफ एक्सपोर्ट कर दुनिया में नंबर वन बन गया। 

आपको बता दें कि भारत में प्रतिदिन लगभग 50 हजार गायें बड़ी बेरहमी से काटी जा रही हैं । 1947 में गोवंश की जहाँ 60 नस्लें थी। वहीं आज उनकी संख्या घटकर 33 ही रह गयी है । हमारी अर्थव्यवस्था का आधार गाय है और जब तक यह बात हमारी समझ में नहीं आयेगी तबतक भारत की गरीबी मिटनेवाली नहीं है । गोमांस विक्रय जैसे जघन्य पाप के द्वारा दरिद्रता हटेगी नहीं बल्कि बढ़ती चली जायेगी । गौवध को रोकें और गोपालन कर गोमूत्ररूपी विषरहित कीटनाशक तथा दुग्ध का प्रयोग करें । गोवंश का संवर्धन कर देश को मजबूत करें ।

Friday, January 20, 2017

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को जमानत मिलने पर कोई आपत्ति नही

🚩राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को जमानत मिलने पर कोई आपत्ति नही..!!

🚩वर्ष 2008 में हुए #मालेगांव बम धमाका मामले में गुरुवार को एक नया मोड़ तब आया जब राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने बॉम्बे हाई कोर्ट में कहा कि इस मामले की मुख्य अभियुक्त #साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत देने पर उसे कोई ऐतराज नहीं है ।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को जमानत मिलने पर कोई आपत्ति नही

🚩एनआईए के इस रुख के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बड़ी राहत मिल सकती है । उन्होंने निचली अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जो खारिज कर दी गयी थी । साध्वी प्रज्ञा ने इसे बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी है ।

🚩अदालत में NIA की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि एजेंसी ने पहले ही यह जानकारी दे दी है कि यह मामला मकोका के प्रावधान लागू करने योग्य नहीं है।

🚩साध्वी की अपील पर #न्यायाधीश आरवी मोरे और न्यायाधीश शालिनी फनसालकर जोशी की पीठ सुनवाई कर रही है। #NIA की तरफ से अदालत में सॉलिसिटर जनरल सिंह ने कहा कि मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने आरोपियों के अन्य विस्फोटों में शामिल होने और संगठित अपराध समूह का हिस्सा होने के आधार पर मकोका लागू किया था।


🚩सिंह ने आगे कहा कि NIA की जांच में यह बात सामने नहीं आई कि आरोपी केवल मालेगांव ब्लास्ट में ही आरोपी थे, जिस कारण से उन पर मकोका लागू ही नहीं होता । NIA की ओर से जांच शुरू किए जाने से पहले ही कई गवाह अपने बयान से पलट गए और उनकी ओर से शिकायत की गई कि उन्हें एटीएएस की ओर से झूठा बयान देने के लिए मजबूर किया गया था, ऐसे में इन सब बातों पर विचार करते हुए NIA साध्वी को #जमानत दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं करेगी।

🚩दूसरी ओर, मालेगांव बम धमाके की जाँच करने वाले विशेष जांच दल (एटीएस) में शामिल रहे महाराष्ट्र के पूर्व #पुलिस अधिकारी #महबूब मुजावर ने हाल ही में सोलापुर की अदालत में हलफनामा दायर कर दावा किया था कि धमाके के तीन अभियुक्तों को एटीएस अधिकारियों ने साल 2008 में ही मार डाला था ।

🚩महबूब मुजावर का ये भी दावा है कि उनके शव, मुंबई चरमपंथी हमले में मारे गए लोगों के साथ ही जला दिए थे । इन दावों की वजह से महाराष्ट्र एटीएस की अब तक की जाँच सवालों के घेरे में आ गई है ।

🚩साध्वी प्रज्ञा के वकील प्रशांत मग्गू ने बताया कि "हमने अदालत को मुजावर के हलफनामे के बारे में विस्तार से बताया है । हमारा मानना है कि महाराष्ट्र एटीएस ने इस मामले में झूठे सबूतों के आधार पर #बेगुनाहों को गिरफ्तार किया है । मुझे आशा है कि साध्वी को जल्द ही जमानत मिल जाएगी ।"

🚩इस मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी ।

🚩गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा 9 साल से जेल में है और #कैंसर से पीड़ित हैं, उनके खिलाफ अभीतक एक भी सबूत नही है, यहाँ तक कि उनको फंसाने के कई सबूत मिल चुके हैं। उसके बाद भी अभी तक जमानत नही मिलना ये देश के लिए शर्मनाक बात है ।

🚩आपको बता दें कि जॉइंट इंटेलीजेंस कमेटी के पूर्व प्रमुख और पूर्व उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. एस डी प्रधान ने भी  #मालेगांव और #समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। 

🚩प्रधान ने बताया कि ब्लास्ट होने वाला है वो हमें पहले ही पता चल गया था और हमने #गृह मंत्रालय में भी बता दिया था लेकिन #पी. चिंदबर ने राजनैतिक के फायदे के लिए #साध्वी प्रज्ञा, #स्वामी असीमानंद आदि हिन्दू #साधु-संतों को फंसाने के लिए भगवा आतंकवाद नाम देकर उनको जेल भेज दिया था।

🚩जैसा कि हमने पहले भी कई बार बताया है कि #साध्वी प्रज्ञा, #स्वामी असीमानन्द, #कर्नल पुरोहित, #बापू #आसारामजी, #श्री #नारायण साईं, #धनंजय देसाई आदि को फंसाने के पीछे कई सबूत मिल चुके हैं। लेकिन उनको इसलिये जेल में रखा गया है कि वो कट्टर हिंदुत्ववादि हैं।
 🚩उन्होंने लाखों हिंदुओं की #घरवापसी करवाई । 
🚩विदेशी प्रोडक्ट पर रोक लगाई ।
इसलिये उनको विदेशी ताकतों ने मीडिया द्वारा बदनाम करवाया है । जिसका असर न्यायपालिका के फैसलों पर भी पड़ा है ।

🚩अब देखना ये है कि #हिन्दुत्वादी कहलाने वाली #सरकार #कब इन #हिन्दू #संतों को #न्याय दिलवाती है..???

🚩जागो हिन्दू !!

Thursday, January 19, 2017

20 जनवरी को कश्‍मीरी पंडितों को काफिर करार दिया गया था..!!

20 जनवरी को कश्‍मीरी पंडितों को काफिर करार दिया गया था..!!

जानिए इतिहास!!
Azaad-Bharat-कश्‍मीरी पंडित
20 जनवरी जब-जब यह तारीख आती है, कश्‍मीरी पंडितों के जख्‍म हरे हो जाते हैं। यही वह तारीख है जिसने जम्‍मू कश्‍मीर में बसे कश्‍मीरी पंडितों को अपने ही देश में शरणार्थी बनकर रहने को मजबूर कर दिया। इस तारीख ने उनके लिए जिंदगी के मायने ही बदल दिए थे।

कश्‍मीरी पंडितों को बताया काफिर!!

https://youtu.be/LPcfGSS04hQ
20 जनवरी 1999 को कश्‍मीर की मस्जिदों से कश्‍मीरी पंडितों को काफिर करार दिया गया। मस्जिदों से लाउडस्‍पीकरों के जरिए ऐलान किया गया, 'कश्‍मीरी पंडित या तो मुसलमान धर्म अपना लें, या चले जाएं या फिर मरने के लिए तैयार रहें।' यह ऐलान इसलिए किया गया ताकि कश्‍मीरी पंडितों के घरों को पहचाना जा सके और उन्‍हें या तो इस्‍लाम कुबूल करने के लिए मजबूर किया जाए या फिर उन्‍हें मार दिया जाए।

कश्मीरी पंडितों के सर काटे गए, कटे सर वाले शवों को चौक-चौराहों पर लटकाया गया था ।

बड़ी संख्‍या में कश्‍मीरी पंडितों ने अपने घर छोड़ दिए। आंकड़ों के मुताबिक 1990 के बाद करीब 7 लाख कश्मीरी पंडित अपने घरों को छोड़कर कश्‍मीर से विस्थापित होने को मजबूर हुए।

सरेआम हुए थे बलात्कार!!

एक कश्मीरी पंडित नर्स के साथ आतंकियों ने सामूहिक बलात्कार किया और उसके बाद मार-मार कर उसकी हत्या कर दी। घाटी में कई कश्मीरी पंडितों की बस्तियों में सामूहिक बलात्कार और लड़कियों के अपहरण किए गए। 

मस्जिदों में भारत एवं हिंदू विरोधी भाषण दिए जाने लगे। सभी कश्मीरियों को कहा गया कि इस्लामिक ड्रेस कोड अपनाएं।

डर की वजह से वापस लौटने से कतराते!!

आज भी कश्‍मीरी पंडितों के अंदर का डर उन्‍हें वापस लौटने से रोक देता है। कश्‍मीरी पंडितों ने घाटी छोड़ने से पहले अपने घरों को कौड़‍ियों के दाम पर बेचा था। 27 वर्षों में कीमतें तीन गुना तक बढ़ गई हैं। आज अगर वह वापस आना भी चाहें तो नहीं आ सकते क्‍योंकि न तो उनका घर है और न ही घाटी में उनकी जमीन बची है। इस मौके पर अभिनेता अनुपम खेर ने एक कविता शेयर की है। आप भी देखिए अनुपम ने कैसे कश्‍मीरी पंडितों का दर्द बयां किया है।


फरीदाबाद (हरियाणा) के सेक्टर 37 स्थित कश्मीरी भवन में यूथ फॉर पनून कश्मीर तथा कश्मीरी पंडित वेलफेयर असोसिएशन द्वारा कश्मीरी हिंदुओं के विस्थापन हेतु विशेष कार्यक्रम का अायोजन किया गया था उसमे कर्नाटक के श्री प्रमोद मुतालिक, श्रीराम सेना (राष्ट्रिय अध्यक्ष)  ने बताया कि यह कश्मीरी हिंदुओं के विस्थापन का प्रश्न नहीं, तो यह पूरे भारत की समस्या है। हिंदुओं को 1990 में कश्मीर में से क्यों निकाला गया ? क्या वो कोई दंगा कर रहे थे ? या उनके घर में हथियार थे ?
उन्हें केवल इसलिए वहां से निकल दिया गया कि वो ’हिन्दू´ हैं। आज यही समस्या भारत के विविध राज्यों में उभरनी शुरू हो गई है। इसलिए आज एक भारत अभियान की आवश्यकता है।
 पू. (डॉ) चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिती ने बताया कि जिस प्रकार महाभारत के काल में भगवान श्रीकृष्ण ने 5 गांव मांगे थे किंतु कौरवों ने वो भी देने से इन्कार कर दिया था , तदुपरांत महाभारत हुआ। उसी प्रकार आज कश्मीरी हिंदुओं के लिए पूरे भारत के हिन्दुत्वनिष्ठ और राष्ट्रप्रेमी संगठन पनून कश्मीर मांग रहे हैं, परंतु आज सरकार चुप है।

कश्मीर भारत माता का मुकुट है। कश्मीर भूभाग नहीं, कश्यप ऋषि की तपोभूमि है। वहां से हिंदुओं का पलायन हुआ है, परंतु उन्हाेंने हार नहीं मानी है । कश्मीर में पनून कश्मीर और भारत हिन्दू राष्ट्र बनने तक हम कार्य करते रहेंगे यह हमारा धर्मदायित्व है ।

अधिवक्ता श्रीमती चेतना शर्मा, हिन्दू स्वाभिमान, उत्तर प्रदेश – राजनैतिक दलों ने हर जगह जाति का नाम देकर हर मामले को राजनैतिक करने का प्रयास किया है। परंतु आज समय आ गया है कि जो स्थिति जैसी है, वैसा ही सत्य रूप दुनिया के सामने लाया जाए। जब भी, जहां भी जनसांख्यिकी बदली है, वहां कश्मीर बना है। अब उत्तर प्रदेश की भी स्थिति वैसी ही होना शुरु हो गई है। कैराना में जो हुआ, वही आज उत्तर प्रदेश के बाकी क्षेत्रों में भी होने लगा है। अब मात्र 10 वर्ष में या तो भारत हिन्दू राष्ट्र होगा , या हिन्दू विहीन राष्ट्र !


ट्वीटर भी लोगों ने दी प्रतिक्रिया!!

सुरयश ने लिखा कि जम्मू कश्मीर में मुस्लिम 68% है, फिर भी अल्पसंख्यक श्रेणी का खैरात दिया जा रहा है
सिर्फ मुस्लिम तुष्टिकरण क्यों?

देवेंद्र कुमार ने लिखा कि #KashmiriPandits को कश्मीर छोड़े 26 साल हो गए। आज भी उनकी कसक ये है कि उनको लेकर राजनीति बहुत हुई, लेकिन उनकी घर वापसी का रास्ता नहीं बना।😢😥 

जीवैश्य लिखता है कि
#KashmiriPandits हम 19 जनवरी कभी नहीं भूलेंगे !भारत माता हम शर्मिन्दा है,कश्मीरी हिंदुओं के दोषी अब तक जिन्दा हैं!

भगवे वादल ने लिखा कि #KashmiriPandits विदेशी रोहिंग्या मुसलमानों के लिए कश्मीर में जगह है,पर कश्मीरी हिंदू विस्थापितों के लिए नही? 


आपको बता दें कि 14 सितंबर, 1989 को बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष टिक्कू लाल टपलू की हत्या से कश्मीर में शुरू हुए आतंक का दौर समय के साथ और वीभत्स होता चला गया।

टिक्कू की हत्या के महीने भर बाद ही जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता मकबूल बट को मौत की सजा सुनाने वाले सेवानिवृत्त सत्र न्यायाधीश नीलकंठ गंजू की हत्या कर दी गई। फिर 13 फरवरी को श्रीनगर के टेलीविजन केंद्र के निदेशक लासा कौल की निर्मम हत्या के साथ ही आतंक अपने चरम पर पहुंच गया था। उस दौर के अधिकतर हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई। उसके बाद 300 से अधिक हिंदू-महिलाओ और पुरुषों की आतंकियों ने हत्या की।


केंद्र सरकार कब हिंदुओं के नाम से जाने वाले हिंदुस्तान में हिंदुओं को सुरक्षित करेगी ?

Wednesday, January 18, 2017

Todays Verdict in favor Salman Khan Proved that court is not for Poors

सलमान खान बरी होने से पहले ही सोशल मीडिया पर मचा था बवाल..!!!

सलमान खान के विरोध में जोधपुर कोर्ट में 18 वर्ष से अवैध तरीके से हथियार रखने का केस चल रहा था आज सलमान को 6 मिनट में कोर्ट ने बरी कर दिया।

जिसको लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।

कई ट्वीटर यूजर कानून का मजाक उड़ा रहे थे और कई यूजरों ने तो पहले ही ट्वीट करना प्रारंभ कर दिया था कि देखना ब्रेकिंग न्यूज आने वाली है सलमान बरी होने की..!!

आइये जानते हैं कि सोशल मीडिया पर क्या प्रतिक्रिया दे रहे थे लोग...

Todays Verdict in favor Salman Khan Proved that court is not for Poors 

जागीरदार साहब कहते हैं कि
आज सलमान खान को कोर्ट द्वारा बरी किया जाना ये साबित करता है कि भारत में कोर्ट आदेश पालन दंड सिर्फ गरीब आम लोगों के लिये ही है ।

हार्दिक भावसार लिखते हैं कि सलमान खान इतनी जल्दी बरी हो गया,
जज साहब ने सुनवाई पर बुलाया था या सेल्फी लेने 
😎 अंधा कानून 😎

ज्योति गंभीर लिखती हैं कि जो कानून 80 वर्षीय निर्दोष संत आसारामजी बापू को जमानत के लिए भी तारीखें देता है वो सलमान खान को 5 मिनट में बरी कर देता है।
क्या सेटिंग है!


ज्योति गंभीर अपनी एक दूसरी ट्वीट में कहती हैं कि सलमान खान जी उन निर्दोषों को भी बताते जाओ कि कैसे बरी हुए जो सालों से न्याय की आस में सजा काट रहे हैं।

विकास कटेवा डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी को टैग करके कहते हैं कि
@Swamy39  सरजी,सलमान खान 18 साल पुराने जुर्म ना जेल ना बेल, 6 मिनट में बरी और निर्दोष हिन्दू बुजुर्ग संत @AsaramBapuJi  बेगुनाह होकर भी जेल में!

कृष्णत्रे कहते हैं कि सलमान खान बरी हो गए। ड्राईवर को भी कोई सजा नहीं मिली। मतलब साफ है कि पेट्रोल में ही दारू मिलाया गया था। गाड़ी नशे में थी🙄😜 😷😷


शालिनी उनको जवाब देते हुए कहती हैं कि
😂😂😂😂साथ में कानून व्यवस्था ने भी पी ली थी थोड़ी झूम बराबर झूम शराबी 😂😂😛😛


नीलेश मकवाना कहते हैं कि वो निर्दोष को बता गया है कि देशद्रोही ताकतों से हाथ मिलाओ खूप पैसा कमाओ न्याय खरीद ले जाओ। #ShameOnJudiciary

विशाल जी कहते हैं कि
सलमान खान बरी हो गया रे। ये तो होना ही था।न्यायालय को कितना पैसा मिला है क्या मालूम ?
निर्दोष संतों को बेल भी नहीं देते । सलमान खान बरी .....


विश्वजीत का कहना है कि यहां सब कुछ बिकता है
बस राजनैतिक पहुँच व दाम सही होना चाहिये
"सलमान एक बार फिर से बरी" गोली बेचारे हिरण ने स्वयं मार ली ?

कुलदीप कादयान का कहना है कि..
अच्छा हुआ सलमान खान बरी हो गया नहीं तो साला,आज पैसे और जुगाड़ से ही भरोसा उठ जाता.. 😂

वासु जी लिखते हैं कि अरे सल्लू भाई को छोड़ दिया,तो कहाँ रहा कुछ अवैध,कहाँ रहा अपराध पता है न कानून है ही अँधा,बन गया है धंधा भाई।

विनीत नैन लिखते हैं कि सबको पता है भाई बरी होके आएगा सलमान खान Jodhpur Court से। पतंग उड़ाने के भी आखिर कुछ फायदे हैं कि नही?😎
#Salman #SalmanVerdict #SalmanKhan

राजीव दुबे लिखते हैं कि
#भक्तो .. शर्त ले लो 
#सलमान खान बरी हो जायेगे 
सलमान #मोदीजी के जिगरी दोस्त जो हैं।

अमित जैन ने लिखा था कि ब्रेकिंग न्यूज आने वाली है......
सलमान खान आर्म्स एक्ट केस में बरी,अवैध हथियार,सलमान के नही,मरने वाले हिरन के पास था.....!
(जोधपुर कोर्ट)

दीपक मार्गवानी लिखते हैं कि हिरण मारा गोली से 
गाड़ी से इंसान ।।
कानून मारा पैसों से ।
मेरा भारत महान
https://twitter.com/deepak_mragwani/status/821709215320383490

इस तरीके से कई ट्वीटर यूजर कानून की खिल्ली उड़ा रहे थे और सलमान के  खिलाफ टिप्पणियाँ कर रहे थे।

गौरतलब है कि हमारे देश के हिन्दू संत जिसमें साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 9 साल से, स्वामी असीमानन्द 7 साल से और संत आसारामजी बापू साढ़े 3 साल से क्लीन चिट मिलने पर और अभी तक एक भी आरोप सिद्ध न होने पर भी एक सामान्य जमानत के मौलिक अधिकार से भी न्यायालय द्वारा वंचित हैं । और न जाने कितने मासूम जेल में ही दम तोड़ देते हैं न्याय की आशा-आशा में ।

क्या सच में...

Our Judiciary System Is Biased & Disabled..?

Tuesday, January 17, 2017

सावधान : भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए मीडिया द्वारा चल रहा बड़ा भारी षड़यंत्र !!

सावधान : भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए मीडिया द्वारा चल रहा बड़ा भारी षड़यंत्र !!

फिल्म अभिनेता सलमान खान के विरोध में जोधपुर कोर्ट में 18 वर्ष से अवैध तरीके से हथियार रखने और उनसे शिकार करने को लेकर केस चल रहा है।

कल कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा। फैसला सुनने के लिए सलमान खान को कोर्ट में हाजिर रहने का आदेश दिया गया है।
सावधान : भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए मीडिया द्वारा चल रहा बड़ा भारी षड़यंत्र !!


अब एक बड़ा अहम सवाल है कि कोर्ट तो अपना काम कर रही है कोर्ट को जो फैसला सुनाना है वो सुनाएगी लेकिन मीडिया पहले से सलमान खान के लिए बड़े मानवाचक शब्दों का प्रयोग कर उसे निर्दोष दिखाने की भरपूर कोशिश करेगी ।

ये पहली बार नही हुआ है । हर बार ऐसा ही होता है पिछली बार भी सलमान को सजा सुनाने से पहले ही कोर्ट पर प्रभाव डालने के लिए उसे निर्दोष दिखाने का भरपूर प्रयास किया गया था जब कोर्ट ने सजा सुनाई थी तो मीडिया ऐसे विधवा विलाप करने लगी जैसे कोई उनके हितैषी की मृत्यु हो गई हो।


जब सलमान को जमानत मिल गई तो मीडिया जश्न मनाने लगी जैसे कोई उनका हितैषी मौत के मुख से वापिस आ गया हो ।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि केवल सलमान ही नही जब किसी आतंकवादी को भी सजा सुनाई जाती है तब भी मीडिया खूब छाती पीटकर रोने लगती है ।

पिछली बार आतंकवादी याकूब मेमन को फाँसी देनी थी तो मीडिया उसके बचाव में खड़ी हो गई और दिखाने लगी 
कि बेचारा मासूम है,
उसके बच्चों का क्या होगा?
बीबी का क्या होगा?
घर-परिवार का क्या होगा ? आदि आदि
 दिखाकर कोर्ट को प्रभावित कर रही थी और जनता में सहानुभूति का वातावरण बनाने की कोशिश कर रही थी ।

लेकिन जनता जानती है कि एक आतंकवादी की सजा क्या होनी चाहिए। जिसने एक नहीं कई परिवारों को मौत के घाट उतार दिया, कई महिलाओं के सुहाग छीन लिए , कई बच्चो को अनाथ कर दिया।
ऐसे आतंकवादियों के प्रति आखिर मीडिया सहानुभूति रखती क्यों है..???

एक तरफ मीडिया सलमान खान जैसे अभिनेता, याकूब मेनन जैसे आतंकी को मानवाचक शब्दों में संबोधित करती है दूसरी ओर मीडिया हिन्दू संतो के लिए तुच्छ शब्दों का प्रयोग करके उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश करती है ।

ऐसा क्यों..???

जब किसी नेता अभिनेता को सजा होती है तो भी मीडिया उनकी सजा माफ करवाने के लिए दिन-रात समाज के सामने उन्हें निर्दोष दिखाने का प्रयास कर कोर्ट को प्रभावित करती है ।

दूसरी ओर केवल आरोप लगने पर हिन्दू कार्यकताओं या हिन्दू संतों को न्यायिक हिरासत में रहने के बावजूद उनकी छवि को समाज के सामने धूमिल करती है और उनकी जमानत पर तो जानबूझ कर उनके खिलाफ जहर उगलती है । जिससे कोर्ट भी प्रभावित होकर, न्यायाधीश भी दवाब में आकर सामान्य जमानत तक भी नही दे पा रहे ।


ऐसे ही कई ताजा उदाहरण हैं।
जैसे बिना अपराध साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 9 साल से जेल में, कर्नल पुरोहित 7 साल से, स्वामी असीमानंद 7 साल से, संत आसारामजी बापू साढ़े तीन साल से,नारायण साईं 3 साल से और धनंजय देसाई 2 साल से जेल में हैं ।

उनकी जमानत जब कोर्ट में डाली जाती है तब मीडिया उनके खिलाफ खूब जहर उगलती है जिसका परिणाम आता है कि इन हिन्दुत्वनिष्ठों को कोर्ट जमानत तक नहीं दे पाता ।

क्यों मीडिया की नजर में सिर्फ देश के हिन्दू संत ही दोषी हैं ?

क्यों मीडिया समाज तक सच्चाई नहीं पहुंचाती..???

इसका सही और सरल जवाब ये है कि भारतीय मीडिया विदेशी फण्ड से चलती है और उन्हीं के इशारों पर यहाँ काम करती है ।


हमारी भारतीय संस्कृति अति प्राचीन दिव्य और महान है । उस पर विदेशियों ने अनेक बार आक्रमण किये लेकिन हमारी भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए हमेशा हिन्दू साधु-संतों एवं हिन्दू कार्यकताओं ने गांव-गांव नगर-नगर जाकर लोगों को जागृत किया जिससे हमारी दिव्य संस्कृति अभी भी जगमगा रही है ।

अब इसको तोड़ने के लिए उन्होंने नया तरीका अपनाया हिन्दू साधु-संतों को मीडिया द्वारा खूब बदनाम करो जिससे उनके प्रति भारतवासियों की श्रद्धा कम हो जाये और भारतवासियों का नैतिक पतन हो जाये और फिर से एक बार देश को गुलाम बनाया जा सके ।


विश्व हिन्दू परिषद के मुख्य संरक्षक व पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय श्री अशोक सिंघलजी कहते हैं : ‘‘मीडिया ट्रायल के पीछे कौन है ? हिन्दू धर्म व संस्कृति को नष्ट करने के लिए मीडिया ट्रायल पश्चिम का एक बड़ा भारी षड़यंत्र है हमारे देश के भीतर ! 
मीडिया का उपयोग कर रहे हैं विदेश के लोग ! उसके लिए भारी मात्रा में फंड्स देते हैं, जिससे हिन्दू धर्म के खिलाफ देश के भीतर वातावरण पैदा हो ।’’ 
                   
कई न्यायविद् एवं प्रसिध्द हस्तियाँ भी मीडिया ट्रायल को न्याय व्यवस्था के लिए बाधक मानती हैं । 

हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि : ‘‘मीडिया में दिखायी गयी खबरें न्यायाधीश के फैसलों पर असर डालती हैं । खबरों से न्यायाधीश पर दबाव बनता है और फैसलों का रुख भी बदल जाता है। पहले मीडिया अदालत में विचाराधीन मामलों में नैतिक जिम्मेदारियों को समझते हुए खबरें नहीं दिखाती थी लेकिन अब नैतिकता को हवा में उड़ा दिया है।  मीडिया ट्रायल के जरिये दबाव बनाना न्यायाधीशों को प्रभावित करने की प्रवृत्ति है। जाने-अनजाने में एक दबाव बनता है और इसका असर आरोपियों और दोषियों की सजा पर पड़ता है ।’’

न्यायाधीश सुनील अम्बवानी ने भी बताया कि मीडिया के कारण न्यायाधीश सुपरविजन के प्रभाव में आ जाता है । मीडिया कई मामलों में पहले ही सही-गलत की राय बना चुका होता है । इससे न्यायाधीश पर दबाव बन जाता है । न्यायाधीश भी मानव है । वह भी इनसे प्रभावित होता है ।

अतः सावधान!!

Monday, January 16, 2017

राष्ट्र के साथ बड़ा धोखा हो रहा है हिन्दू समाज को जागना चाहिए - आचार्य श्री भगवान शर्मा

राष्ट्र के साथ बड़ा धोखा हो रहा है हिन्दू समाज को जागना चाहिए - आचार्य श्री भगवान शर्मा 

बहादुर गढ़ हरियाणा वेदांत आश्रम के सुप्रसिद्ध राम कथाकार आचार्य श्री भगवान शर्मा ने एक निजी चैनल में अपना इंटरव्यू देते हुए हिन्दू संतों को जो टारगेट किया जा रहा है उस पर अपनी व्यथा प्रगट की है ।

आचार्य श्री ने बताया कि हिन्दू धर्म के जो आधार स्तंभ हैं, संत है उन आधार स्तंभों पर करारा प्रहार किया जा रहा है । कई संतो पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं । उनमें बापूजी भी एक हैं, और कई हैं । उनके अच्छे कार्यो को नहीं दर्शाया जाता, उनके द्वारा कितने विद्यालय चलाए जा रहें हैं, कितने बच्चों को गोद लेकर अनाज दिया जा रहा है, भोजन-पानी की व्यवस्था की जा रही है, कपड़े दिए जा रहें है । वो नहीं दिखाते लेकिन सिर्फ अनर्गल चीजों को ही दर्शाया जा रहा है ।
nation is being cheated Hindu society should wake - Sri Bhagwan Sharma Acharya 

आगे उन्होंने एक कविता के रूप में हिंदुओं को जगाने का आवाहन किया...

ऐ.. देश के हिंदुओं !
ऐ.. देश के हिंदुओं तुम कहाँ सो गए हो ?
क्या अपने इतिहास को भूल गए हो ?
याद करो उस शिवाजी को, जिसने औरंगजेब को पानी पिला दिया था ।

याद करो उस पृथ्वीराज चौहान को, जिसने मोहम्मद गोरी को सोलह बार हरा दिया था ।

विश्व विजेता सिकंदर जब भारत में आया था, चंद्रगुप्त मोर्य ने उसे पैरों तले कुचल डाला था ।

लंका में रावण के अहम का परचम जब लहराया था, हनुमान ने आग लगा कर उसको सबक सिखाया था ।

इतिहास तुम्हें पुकार रहा है कुछ करने को, ललकार रहा है....
भारत की संस्कृति पर हो रहा प्रहार है उनको सबक सिखाओ...

         यह भारत माँ की पुकार है ❗❗
         यह भारत माँ की पुकार है ❗❗
         यह भारत माँ की पुकार है ...❗❗❗

आचार्य जी ने आगे कहा कि हिंदुस्तान जो एक धार्मिक देश है । यहाँ की जनता संतो पर विश्वास रखती है ।

विदेशी कंपनियों ने बापू आसारामजी पर रची साजिश..!!
उन्होंने कहा कि अब एक उदाहरण में आसारामजी बापू का दे रहा हूँ । आसारामजी बापू पर इस तरह के गलत आरोप लगाए जा रहे हैं बिना मतलब क्यों..???


क्योंकि आसारामजी बापू के देश में 7 करोड़ भक्त हैं । अब वो 7 करोड़ मांस नहीं खाते होंगे, सिगरेट नहीं पीते होंगे, शराब नहीं पीते होंगे इसलिए बड़ी बड़ी कंपनी के लोग जो अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियाँ हैं ,एक तो उनका लोस (घाटा) हो रहा है, दूसरा जब ये शराब नहीं पीयेंगे, मांस नहीं खाएंगे तब तक इनका यानि जनता का पतन कैसे होगा...???

हिंदुस्तान में ये शराब चलाने वाले लोग कौन थे ?? 
 चाइना में शराब और कॉफी का व्यापार शुरू किया गया था वो कौन थे?
किसी भी देश को अगर बर्बाद करना हो तो उस देश की जनता का नशे आदि द्वारा नैतिक पतन करवाया जाए और हिंदुस्तान में नैतिक पतन तब तक नहीं हो सकता है जब तक हिंदुस्तान में संत हैं। 

हिन्दू संतों को इस तरह से बदनाम कर दिया जाये जिससे जनता का विश्वास उन पर से उठ जाये । जनता का संतों के प्रति विश्वास तोड़ने के लिए ये गहरी साजिश रची जा रही है ।

संत आसारामजी बापू पर घिनौने आरोप!!

वे आगे बोले कि संत आसारामजी बापू एक राष्ट्रीय संत हैं । उन्होंने हिन्दू समाज के लिए, राष्ट्रीय उत्थान के लिए, एज्युकेशन के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है । उन पर बिलकुल ये घिनौने आरोप लगाए गए हैं  और उन्हें जल्द से जल्द जेल से रिहा किया जाय और हिंदुओं को चाहिए कि उनको बचाने के लिए वो सड़कों पर उतरे, सड़कों पर आंदोलन करें ।

लेकिन मुझे दुःख इस बात का है कि जनता जो है वो इस बात को बहुत कम समझती है।
उसे जागना होगा वो अपने संतो पर विश्वास रखें, भरोसा रखें । 

बापू आसारामजी पर लगे आरोप गलत हैं..!!

आचार्य श्री भगवान शर्मा जी ने आगे बताया कि कृपालुजी महाराज पर आरोप लगाया गया था कि 18 साल की लड़की के साथ बलात्कार किया है । बिलकुल निराधार निकला वो आरोप । 

इसी प्रकार से संत आसारामजी बापू पर भी जो आरोप लगाए गए हैं ये बिलकुल गलत है । 75 साल की उम्र में कोई व्यक्ति इस तरह के घिनौने अपराध नहीं कर सकता और इस तरह के गलत काम कर ही नहीं सकता है ।

मैं संत आसारामजी बापू को बहुत नजदीक से जानता हूँ । उनके लिए जो रैली आयोजित की थी दिल्ली के रामलीला मैदान में मैं वहाँ गया था । और मैंने इस बात को कहा था कि संत आसारामजी बापू को झूठे आरोप में जेल भेजना ये राष्ट्र के साथ बहुत बड़ा धोखा है साजिश है हिन्दू समाज को जागना चाहिए ।



गौरतलब है कि बिना अपराध सिद्ध हुए बापू आसारामजी साढ़े तीन साल से जोधपुर जेल में बंद हैं । उनको अभीतक जमानत नही मिल पाने पर अनेक हिन्दू संगठनों ने एवं उनके करोड़ों भक्तों ने देश-भर में कई रैलियां निकाली, धरने पर बैठे । यहाँ तक कि दिल्ली जंतर-मंतर पर तो जबसे बापू आसारामजी अंदर गये हैं तब से आज तक वहाँ उनके भक्त और हिन्दू संगठनों द्वारा धरना चल रहा है ।

Sunday, January 15, 2017

साध्वी प्रज्ञासिंह जैसे निर्दोष हिन्दू संतों को कब मिलेगा न्याय???

मेरे विरुद्ध कोई सबूत नहीं : साध्वी प्रज्ञासिंह 
सब फर्जी सबूत है :कर्नल पुरोहित 

मुंबई – 2008 के मालेगांव बम विस्फोट प्रकरण में कथित आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मुंबर्इ उच्च न्यायालय को गुरुवार को बताया कि इस प्रकरण में उनके शामिल या लिप्त होने के सरकार के पास कोई प्रमाण नहीं हैं और पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मुझे क्लीन चिट दे दी है। इस आधार पर उन्होंने न्यायालय से जमानत पर मुक्त करने की मांग की।
मेरे विरुद्ध कोई सबूत नहीं : साध्वी प्रज्ञासिंह 

यह मांग साध्वीजी के वकील आकाश गुप्ता ने न्यायाधीश रंजीत मोरे और न्यायालय प्रमुख जज शालिणी फणसलकर-जोशी के समक्ष रखी। इस पर न्यायालय ने 19 जनवरी को सुनवाई रखी है। साध्वी के वकील ने न्यायालय को बताया कि उनकी मुवक्किल एक महिला है और वह पिछले 8 साल से जेल में है। इसके अलावा, वे कैंसर से पीड़ित हैं और इसी आधार पर वे जमानत की मांग कर रही हैं। अपनी याचिका में साध्वीजी ने यह भी दावा किया है कि विशेष एनआईए न्यायालय ने पिछले साल 28 जून को उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी थी, किंतु ‘पिछले दिनों जो नए तथ्य सामने’ आए हैं उस पर न्यायालय ने अभी तक विचार नहीं किया है।

नवंबर,2015 में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद साध्वीजी ने विशेष एनआईए न्यायालय में अपनी जमानत याचिका रखी थी और इसे न्यायालय ने नामंजूर करते हुए कहा था कि प्रारंभिक दृष्टि से ऐसा लगता है कि उनके विरुद्ध लगे आरोपों में दम है। लेकिन मई, 2016 में एनआईए ने जो चार्ज शीट दायर की थी उसमें सभी दोषों से साध्वीजी को मुक्त कर दिया गया था। एनआईए ने उनके विरुद्ध लगे ‘मकोका’ के सभी आरोपों को वापस ले लिया था।

कर्नल पुरोहित ने एटीएस पर लगाया फर्जी सबूतों का आरोप..!!

मुंबई – वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बन्दी बनाए गए पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने बुधवार को मुंबर्इ उच्च न्यायालय में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दल (एटीएस) ने उनके खिलाफ फर्जी सबूत जुटाए और यहां तक कि राष्ट्रीय जांच दल (एनआईए) भी एटीएस की जांच से असहमत है।

न्यायमूर्ति आरवी मोरे और न्यायमूर्ति शालिनी फणसालकर जोशी की खंडपीठ  उनकी जमानत याचिका खारिज करने के न्यायालय के आदेश के खिलाफ पुरोहित की अपील पर सुनवाई कर रही थी। कर्नल पुरोहित को मालेगांव विस्फोट प्रकरण में गिरफ्तार किया गया था । याचिका में आरोप लगाया गया कि, पुरोहित को एटीएस ने गैर-कानूनी रूप से निलंबित किया और उन पर अत्याचार किए।

3 नवंबर, 2008 को एटीएस अधिकारियों ने एक कमरे में आरडीएक्स रख दिए और दावा किया कि इस कमरे के बारे में पुरोहित ने उस समय बताया जब उनसे पूछताछ हो रही थी। यह भी आरोप लगाया गया कि, अनेक गवाहों को एटीएस ने झूठे वक्तव्य देने के लिए बाध्य किया जिन्हें बाद में एनआईए ने बेनकाब किया। यह भी कहा गया कि, एटीएस निर्दोष लोगों को झूठे मामले में फंसाने के लिए कुख्यात है। इसी मामले में सीबीआई ने कुछ एटीएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी क्योंकि इन अधिकारियों ने कुछ गवाहों को गायब ही कर दिया था।

जांच पहले एटीएस ने संभाली थी लेकिन बाद में इसे एनआईए को सौंप दिया गया। एनआईए ने इस मामले से मकोका के कठोर प्रावधान हटा दिए थे और मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित कुछ आरोपियों को क्लीन चिट दी थी। पुरोहित के वकील श्रीकांत शिवडे ने आरोप लगाया कि एटीएस ने उनके मुवक्किल के खिलाफ झूठे और फर्जी सबूत जुटाए और एनआईए के आरोपपत्र के सबूतों से यह साफ है। (नवभारत टाइम्स)

इस देश में जमानत तो एक आतंकवादी को भी मिल जाती है लेकिन हिन्दू संतों एवं हिन्दू कार्यकर्ताओं को सामान्य जमानत तक भी नही मिलती है ।
ये कौन सा कानून है?

ऐसा तो नही है देश में सर्वोपरि माना जाने  वाला कानून भी देशविरोधी ताकतों के इशारे पर काम कर रहा हो..?

इसलिये ऐसा लग रहा है कि बम बनाकर विस्फोट करने वाले टुंडा जैसे आतंकी को भी रिहा किया जाता है लेकिन कैंसर से पीड़ित, बिना सबूत, क्लीन चिट मिलने पर भी 8 साल से जेल में बन्द साध्वी प्रज्ञा को जमानत नही मिल पा रही है इसलिए संशय होता है कि क्या कानून केवल हिन्दुओं को ही प्रताड़ित करने के लिए बनाया है???

कर्नल पुरोहित पर भी मालेगांव विस्फ़ोट में NIA द्वारा मकोका हटा दी गई है ।

एनआइए के प्रमुख शरद कुमार ने कहा है कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं है ।

आपको बता दें कि जॉइंट इंटेलीजेंस कमेटी के पूर्व प्रमुख और पूर्व उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. एस डी प्रधान ने देश में भगवा आतंक की थ्योरी को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। 

जिसमे उन्होंने बताया है कि मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस बम ब्लास्ट का हमें पहले से ही पता था और हमने गृहमंत्रालय को भी बताया था और साध्वी प्रज्ञा एवं स्वामी असीमानंद आदि हिंदुत्वनिष्ठों का ब्लास्ट में नाम ही नही था और ब्लास्ट पाकिस्तान द्वारा ही करवाया गया था । इसका पुख्ता सबूत होने पर भी पूर्व गृहमंत्री चिंदमर ने राजनीतिक फायदे के लिए साध्वी प्रज्ञा और स्वामी असीमानन्द जैसे हिंदुत्व निष्ठों को जेल भेजा था।

अब बड़ा सवाल यह है कि टुंडा जैसे आतंकी के खिलाफ इतने अहम सबूत होने पर भी वह आसानी से बरी हो जाता है लेकिन इन हिन्दू संतों के खिलाफ सबूत नही होने पर भी जेल में रहते है 
तो क्या हिंदुत्व-निष्ठ होना गुनाह है..???

ऐसे ही संत आसारामजी बापू को भी क्लीन चिट मिल चुकी है लेकिन उनको भी अभीतक जमानत तक नही मिल पा रही है ऐसे ही श्री धनंजय देसाई को भी बिना सबूत जेल में रखा हुआ है ।

हिन्दूवादी सरकार आने पर भी इन हिंदुत्व निष्ठों को जमानत तक नही मिलना और खूंखार आतंकी टुंडा जैसे का बरी हो जाना।
कितना बड़ा आश्चर्य है..!!!

क्या इन संतों ने ईसाई धर्मान्तरण पर रोक लगाई थी इसलिए उनको टारगेट बनाकर जेल भेज दिया गया है?

निर्दोष हिन्दू संतों को कब मिलेगा न्याय???

"क्या देर से न्याय मिलना अन्याय का ही रूप नहीं ?"

सोचो हिन्दू !!!