Saturday, October 7, 2017

निर्दोषों को नहीं मिल रही है जमानत, दोषी शशिकला को मिल गई पैरोल

अक्टूबर 7,2017

🚩आय से अधिक संपत्ति के मामले में अदालत का फैसला आने में 19 साल का वक्त लगा, 19 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने वी .के. शशिकला को दोषी करार दिया और चार साल की सजा सुनाई है ।

🚩कर्नाटक जेल में बंद शशिकला को अपने बीमार पति से मिलने के लिए शुक्रवार को पांच दिन का पैरोल मिल गया है। 
Innocent is not getting bail, convicted Sasikala gets parole

🚩पर जनता सवाल कर रही है कि ओडिसा के ओझर जेल में दारा सिंह(बजरंगदल) पिछले 18 सालों से सजा काट रहे हैं  जिन्हे अपने परिजनों से मिलने के लिए एक भी पैरोल नहीं मिली है और वहीं दूसरी तरफ वो शशिकला हैं  जिन्हें जेल में अभी 6 महीने हुए हैं उसको पैरोल दे दी गयी। 

🚩दूसरा मामला हिन्दू संत आसारामजी बापू का है वे चार साल से अधिक समय से जोधपुर जेल में बंद हैं, उन पर अभी तक एक भी #आरोप #सिद्ध #नहीं #हुआ है, केवल #ट्रायल चल रहा है , उनकी उम्र 81 वर्ष है , उनका स्वास्थ्य भी काफी खराब रहता है लेकिन उनको इलाज कराने के लिए कुछ दिन के लिए भी #जमानत #नहीं मिल रही है, जबकि भारत के कानून के अनुसार जब तक दोष सिद्ध नहीं होता है तब तक उनको जमानत मिलती है लेकिन उनको जमानत नहीं मिल रही है ऐसी दोहरी नीति क्यों ?

🚩जबकि बापू #आसारामजी को #फंसाने के कई #सबूत भी मिले हैं और लड़की की #मेडिकल रिपोर्ट में एक खरोंच भी  नहीं पाई गई, मेडिकल में भी #क्लीन चिट मिल चुकी है, डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने केस पढ़कर बताया कि लड़की के #कॉल डिटल्स से पता चला कि जिस समय छेड़छाड़ी का आरोप लगाया है उस समय तो वहाँ थी ही नहीं, वो अपने मित्र से बात कर रही थी और बापू आसारामजी भी दूसरे कार्यक्रम में थे तो केस बनता ही नहीं है ।

🚩डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी  ने तो यहाँ तक कह दिया है कि मैंने तो #आशाराम बापू के जेल जाने से पहले ही  उनको बता दिया था कि आप जो #हिन्दू #धर्मपरिवर्तन कर चुके लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवा रहे हो और धर्मपरिवर्तन पर #रोक #लगाई है इससे #वेटिकन सिटी बहुत नाराज है , #सोनिया गांधी से मिलकर आपको #जेल भेजने का #प्लान बना रहे  हैं ।

🚩और आखिर यही हुआ झूठा केस दर्ज करवाकर #मीडिया द्वारा #बदनाम करवाकर जेल भिजवाया गया ।

🚩#दारा सिंह(बजरंगदल) ने भी #धर्मपरिवर्तन का खूब #विरोध किया था वे ईसाई #मिशनरियों को धर्मपरिवर्तन करने नहीं दे रहे थे उसके फल स्वरूप जेल जाना पड़ा ।

🚩शशिकला जेल में लक्जिरियस जिंदगी जी रही हैं उसके कई खुलासे भी हुए हैं लेकिन इन हिन्दू समर्थकों को जेल में भी कोई विशेष सुविधा नहीं मिल रही है न ही पैरोल या जमानत ही दी जा  रही है ।


🚩आखिर ये किस तरह की दोहरी नीति है, जहां #भ्रष्टाचारी नेता की पैरोल की मांग उचित समझी जाती है और हिन्दू समर्थकों व हिंदुत्व के हक की लड़ाई लड़ने वालों को कानून द्वारा प्राप्त अधिकारों से भी वंचित रखा जाता है। 

🚩#संजय दत्त को भी #दोषी सिद्ध होने पर भी बार-बार पैरोल पर छोड़ा जाता था, #लालूप्रसाद यादव भी बाहर घूम रहे हैं, पत्रकार तरुण #तेजपाल पर #आरोप #सिद्ध होने पर भी बाहर हैं, 9000 करोड़ लेकर भाग जाने वाला विजय माल्या को गिरफ्तार करने के बाद 3 घण्टे में जमानत मिल जाती है इससे सिद्ध होता है कि #नेता, #अभिनेता, #पत्रकार और #अमीरों को तुरंत #जमानत हासिल हो सकती है लेकिन हिंदुत्वनिष्ठों को न जमानत मिलती है  न ही कोई विशेष सुविधा । 

🚩सालों से हम देख रहे हैं कि एक के बाद एक #हिंदुत्वनिष्ठों को #टारगेट किया जा रहा है और हिन्दू मूक दर्शक बन तमाशा देख रहा हैलल 
। पर अगर ऐसे ही चलता रहा तो एक समय ऐसा आएगा जब हिंदुओं के पक्ष में बोलने वाला कोई नहीं रहेगा ।

🚩अभी भी समय है चेत सकें तो चेत !!
एक कवि ने लिखा है :- 
आज उठ रही हर ऊँगली #न्याय व्यवस्था पर,
जहाँ #भ्रष्टाचार का बोलबाला है,
निर्दोष सालों से बैठे जेल में न्याय की आस लगाये
और दोषी पा रहे पैरोल व बेल, वाह री न्याय व्यवस्था,अजब तेरा खेल !!

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Friday, October 6, 2017

भारत में ही हिन्दू हो रहे है अल्पसंख्यक, हिंदुओं को खत्म करने की चल रही है साजिश ।

अक्टूबर 6, 2017

बहुसंख्यक हिन्दू बाहुल भारत देश में भले हिन्दू निश्चिंत हों लेकिन रिपोर्ट चौकाने वाला है भारत के ही कई राज्यों में हिन्दू एकदम अल्पसंख्यक हो गए हैं उसमे बाकी जो बचे है उनको भी जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन करने या यातनायें देकर भगाने की साजिश रची जा रही है ।
आंकडों के अनुसार इन सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हिन्दू इतने प्रतिशत ही बचे है मिजोरम (2.70%), लक्षद्वीप (2.80%), नागालैंड (8.70%), मेघालय (11.50%), जम्मू-कश्मीर (28.40%), अरुणाचल प्रदेश (29.00%), पंजाब (38.50%) और मणिपुर में (41.40) प्रतिशत है।  तीन राज्यों नागालैंड, मिजोरम और मेघालय में ईसाई बहुसंख्यक होते जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर और लक्षद्वीप में मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक है। 
Hindus are becoming minor in India, Hindus are going to eliminate conspiracy

भारत मे हिन्दू ख़त्म किये जा रहे है। अगर अब भी हिन्दू नहीं जागे तो समाप्त होते चले जाएंगे। हिन्दुओं के खात्मे की बड़ी भयंकर साजिश रची जा रही है। 


अभी हाल ही में एक सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा था उसमें बताया कि ये वीडियो नायगाओ पश्चिम में  विजय पार्क चेल्सी बिल्डिंग में रहने वाले गुजराती परिवार किरीट बारिया का है, इनकी बिल्डिंग में सारे परिवार क्रिश्चन है, सिर्फ यही एक फैमिली हिन्दू है। इनको  पिछले 10 साल से प्रताड़ित किया जा रहा है कभी पानी बन्द कर देते है, कभी मार पीट करते है। अभी नवरात्रि में इनके घर के बाहर तुलसी का पौधा तोड़ दिया, बच्चो से मारपीट की ओर कहा कि तुम लोग क्रिश्चन बन जाओ । पुलिस भी इनको सहयोग नहीं कर रही है।

उत्तर प्रदेश में भी आए दिन धर्म परिवर्तन करने के मामले सामने आते हैं। जहां आये दिन जबरन धर्मपरिवर्तन कराया जाता है, धर्म की आड़ में ना जाने कितने लोगों को निशाना बनाया जाता है, उत्तर प्रदेश में रहेने वाले लोगों को जबरदस्ती या फिर उनकी कमज़ोरी का फायदा उठाकर उन्हें धर्मपरिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है। जिसको लेकर आए दिन हंगामा हो रहा है। नया मामला कानपुर का है, जहां श्रवण को जबरन धर्मपरिवर्तन करने को मजबूर कर रहे थे, लेकिन श्रवण को अपना हिंदू धर्म छोड़ कर किसी और धर्म में जाना मंजूर नहीं था इसलिए पुलिस से धर्म परिवर्तन करवाने की शिकायत कर डाली।

श्रवण ने बताया कि उसके इलाके में चर्च का पादरी प्रदीप राव लोगों को लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कर गुमराह कर रहा है।

आपको बता दें कि केवल उत्तर प्रदेश या मुम्बई में ही नही भारत में हर कोने में ईसाई पादरी प्रलोभन देकर धर्मान्तरण करवा रहे हैं दूसरी और मुस्लिमों द्वारा जबरन धर्मपरिवर्तन कराया जा रहा है अभी भी हिन्दू नहीं जागे तो जैसे आठ राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गये है ऐसे ही अन्य राज्यों में भी होने लगेंगे ।

 वेटिकन सिटी और इस्लामिक देशों द्वारा भारतीय मीडिया में भारी फंडिंग की जा रही है जिससे वे श्री राम मंदिर, धारा 370, गौ-हत्या, महंगाई, किसानों की आत्महत्या, जवानों की हत्या, हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार आदि समस्याओं पर बहस नहीं करके केवल हिन्दू साधु-संतों के खिलाफ ही खबरें दिखाते हैं और भोले हिन्दू इसी बात को सही समझकर उनके ही धर्मगुरुओं पर उंगली उठाता है और गलत बोलता है जबकि मीडिया ईसाई पादरियों और मौलवियों द्वारा हो रहे कुकर्मो को छुपाता है क्योंकि उनके द्वारा फंडिग की जा रही है।

गौरतलब है कि आजतक जिन्होंने भी हिन्दू धर्म की हित की बात की, धर्मांतरण पर रोक लगाई, हिन्दुओ की घर वापसी करवाई, विदेशी कम्पनियों का बहिष्कार करवाया, पाश्चात्य संस्कृति का विरोध किया उन हिन्दू साधु-संतों एवं कार्यकताओं के खिलाफ सुनियोजित षडयंत्र करके उनकी हत्या करवा दी या मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर राजनेताओं से मिलकर जेल में भिजवा दिया ।

अतः हिन्दू आज भी एकजुट होकर इन षडयंत्रों का विरोध नहीं करेंगे तो एक के बाद एक हिन्दुओं को नष्ट कर दिया जायेगा और हिन्दू अल्पसंख्यक होते जायेंगे ।

Thursday, October 5, 2017

भारत का मीडिया बन गया है वेश्या का कोठा : पत्रकार देवेंद्र गांधी

अक्टूबर 5, 2017

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है पत्रकार देवेंद्र गांधी का उसमें उन्होंने मीडिया को पूरा नंगा कर दिया है ।
उन्होंने बताया - मीडिया का फंडिग कहाँ से आता है और कौन उसको हैंडल करता है, मीडिया में जो खबरें दिखाई जाती है वे कितनी सच होती है, उन्होंने मीडिया को वेश्या का कोठा बताया ।
India's media has become prostitutes: journalist Devendra Gandhi

आइये जानते है क्या कहा देवेंद्र गांधी ने... 

उन्होंने कहा कि नमस्कार दोस्तों मैं हूं देवेंद्र गांधी।
 #देवेंद्र गांधी एक नाम है आपके लिए, लेकिन मैं मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। 
मीडिया की क्या हैसियत है आज की तारीख में , मीडिया का क्या रुतबा है आज की तारीख में , मीडिया को लोग किस तरह से किस नजरिए से देखते हैं आज की तारीख 
इस पर बात करूंगा और साथ ही साथ आपको ये भी बताऊंगा कि देश के बड़े-बड़े मीडिया हाउसेस कहां से चल रहे हैं ?
कौन उन्हें चला रहा है और कौन उनका मालिक हैं ?


आप और हम अक्सर ये सोचते होंगे कि मीडिया निष्पक्ष है, मीडिया दबाव में काम नहीं करता लेकिन अगर आप आंकड़े देखेंगे और मीडिया चैनल्स के मालिकों की लिस्ट देखेंगे तो आपको थोड़ा-थोड़ा लगने लगेगा कि मीडिया उतना निष्पक्ष नहीं रहा,मीडिया उतना स्वतंत्र नहीं रहा जितना कि हम सोचते हैं या जितने की हम कामना करते हैं। 

यूं तो मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, लेकिन आज की तारीख में मुझे लगता है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ तो कतई नहीं है। 

लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पूरी तरह से या तो ढेर हो चुका है, जर्जर हो चुका है या तो ढेर होने के कगार पर है । 
अगर आज हमने खुद को नहीं संभाला, हमको मतलब मीडिया ने खुद को नहीं संभाला तो ये पिल्लर एक दिन पूरी तरह से धराशाई हो जाएगा और इसका इल्जाम भी मीडिया के सिर ही आएगा, क्योंकि हम खुद इसके लिए जिम्मेदार हैं और हमें इसकी जिम्मेदारी लेनी भी होगी ।

आज मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि मीडिया के कौन-कौन से हाउसेस प्रमुख हाउस इस देश में चल रहे हैं, 
लेकिन इससे पहले मैं 2 बड़े सवाल उठाता हूं, क्या मीडिया इस समय मंडी बन चुका है ?
क्या #मीडिया #पूंजीवादी व्यवस्था की रखेल हो चुका है ? 
क्या #मीडिया कोठे की #वेश्या बन चुका है?
 ये सवाल बड़े गंभीर हैं क्योंकि मैं खुद मीडिया से जुड़ा हुआ हूँ इसलिए ये सवाल और भी गंभीर हो जाते हैं, क्योंकि यह सवाल मैं किसी और पर नहीं उठा रहा यह सवाल मैं अपने आप पर ही उठा रहा हूँ एक तरह से। 

मैं उतना बड़ा पत्रकार नहीं हूँ कि टेलीविजन चैनल पर खड़ा होकर के इन सब बातों को बोलूं ।
 कोई बोलेगा भी नहीं क्योंकि जब मैं आपको लिस्ट बताऊंगा कि चैनलों के मालिक कौन है तो आप भी सोच कर हैरान रहेंगे कि बड़े-बड़े पत्रकारों के नाम टेलीविजन चैनल पर देखते हैं और सोचते हैं कि शायद इन चैनलों की टेलीविजन चैनलों के मालिक भी यही होंगे और यह पत्रकार ही खबरें तय करते होंगे, नहीं ऐसा नही है पत्रकार कभी भी कतई खबरें तय नहीं करते। यह पूरा प्रोसेस होता है, प्रबंधन खबरों को तय करता है कौन सी खबर दिखाई जानी है , कौन सी खबर नहीं दिखाई जानी ।

TRP का तो मामला है ही कि #TRP की अंधी दौड़ चल रही है। इसके अलावा भी और भी बहुत सारे दबाव होते हैं कभी सत्ता पक्ष का तो कभी विपक्ष का और इस समय जो मीडिया की भूमिका है वह इस तरह से है जिस तरह से एक पूंजीवादी आदमी की कोई दूसरी रखेल हो।



मैं आपको बताऊंगा दोस्तों कि मीडिया में आज कौन-कौन से प्रमुख चैनल है व इसके मालिकाना हक किस-किस के पास हैं। 

सबसे पहले मैं आपको बताता हूँ आज तक टेलीविजन चैनल के बारे में, ये #इंडिया न्यूज ग्रुप चैनल है जिसके संचालनकर्ता धर्ता जो है वो #अरुण पूरी जी हैं, अरुण पूरी वैसे पेशे से पत्रकार ही हैं।  

दूसरा बड़ा चैनल है देश में #ABP न्यूज कुछ समय पहले तक ABP News उसका नाम स्टार न्यूज हुआ करता था तब इसमें ज्यादा हिस्सेदारी थी स्टार न्यूज की, इसका नाम जो है स्टार न्यूज होता था। अरसे बाद कुछ समय पहले ही इस चैनल का नाम एबीपी न्यूज हो गया क्योंकि ABP अनंत बाजार पत्रिका ने इसका मेजर शेयर स्टॉक था, इसने अपने पास रख लिया।  इस चैनल को चलाती है #अभिजीत सरकार जो कि पश्चिम बंगाल की पुष्ट भूमि से आते हैं जो टेलीविजन से भी जुड़े रहे है। 

तीसरा बड़ा चैनल है देश का #India TV, India TV की स्थापना 20 मई 2004 को हुई थी और जिसको होस्ट करते हैं आज की तारीख में #रजत शर्मा, #ऋतु धवन को तो आप जानते ही हैं , ये भी पेशे से पत्रकार हैं ।

एक चैनल और है News24,
 News24 के जो मालिक है उनके बारे में दिलचस्प जानकारी देता हूँ, केंद्रीय मंत्री जो है श्री रवि शंकर प्रसाद जी उनकी बहन है #अनुराधा प्रसाद और #राजीव शुक्ला जो #कांग्रेस के नेता हैं ये दोनों मिलकर के इस चैनल को चलाते हैं ।
क्रिकेट एसोसिएशन से भी, बीसीसीआई से भी जुड़े रहे राजीव शुक्ला जी।
 वैसे राजीव शुक्ला जी की पहचान एक पत्रकार के तौर से शुरुआत होती है लेकिन वो कब इतने बड़े ग्रुप के मालिक बन जाते हैं ये अपने आप में एक सवाल है। 

तीसरा बड़ा घराना है जो है ZeeNews,
# ZeeNews के जो मालिक है डॉक्टर सुभाष चंद्रा एस्सेल ग्रुप ही Zee News चैनल को चलाता है Zee News के अलावा और भी Zee हिंदुस्तान व और भी कई सारे चैनल है जो एस्सल ग्रुप की तरफ से चलाए जाते हैं और जिनके मालिक है #डॉक्टर सुभाष चंद्रा।  
डॉक्टर सुभाष चंद्रा इन दिनों राज्यसभा के मेंबर हैं, सभी जानते हैं कि #हरियाणा से #राज्यसभा मेंबर चुने गए थे वो और भाजपा ने उन्हें समर्थन दिया था। 
वैसे वो निर्दलीय तौर पर राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे और ये जो Zee ग्रुप है वो उनका उनके मालिकाना हक वाली कंपनी है। 

तीसरी बड़ी कंपनी है #इंडिया न्यूज। इंडिया न्यूज जो है वो है विनोद शर्मा, यानी #मनु शर्मा के जो पिताजी है विनोद शर्मा, हरियाणा के मंत्री भी रहे केंद्र में भी वो मंत्री रहे, कार्तिक शर्मा जो विनोद शर्मा जी का बेटा हे वो इस न्यूज चैनल को चलाता है। 

और एक न्यूज चैनल है हमारे देश में न्यूज 18 इस न्यूज चैनल पर जो दबदबा है जो रुतबा है या इस न्यूज का जो मालिकाना हक है वो है रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास। आप चैनल खोलिएगा जब आप टेलीविजन खोलते हैं तो सबसे पहले न्यूज इंडिया TV फिर न्यूज 18 फिर ABP News फिर इस तरह से आप चैनलों की रिमोट पर हाथ रखते रखते चैनल आगे बढ़ते जाते हैं। तो ये जो चैनल है ये कार्तिक शर्मा इसको चला रहे हैं । 

इसके अलावा एक  चैनल और है NDTV इंडिया।  #NDTV इंडिया की स्थापना 1988 में हुई थी जो कि मैंने नेट से चेक किया है और इसको चलाने वाले हैं #प्रणव राय और उसकी पत्नी #राधिका राय और चेयर पर्सन और उनके मालिक का नाम दिया है विधान सिंह जो कि NDTV इंडिया के बारे में बताया जा रहा है। 

आज सवाल यह है कि क्या ये चैनल निष्पक्ष है ??

 बड़ा सवाल आपके सामने ये भी उठता होगा कि जब आप टेलीविजन पर रिमोट पर हाथ दबाते होंगे न्यूज चैनल की तरफ तो जब भी आप टेलीविजन खोलते हैं तो आपके मन में ये बड़ा सवाल उठता होगा, क्या ये चैनल वही दिखा रहा है जो आप देखना चाहते हैं ?
 या चैनल अपना एजेंडा चला रहे हैं, ये सवाल क्यों उठ रहे हैं ? 
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि जो कुछ आप देखना चाहते हैं वो ये चैनल दिखाना नहीं चाहते। अगर ऐसा होता तो आपके मन में ये शंका ये सवाल कतई नहीं उठते। इसलिए आज सोशल मीडिया पर सबसे बड़ा जो सवाल है वो मीडिया पर ही उठ रहा है ।

मैं रोज देखता हूँ आप भी देखते होंगे कि मीडिया रोज ये दिखाता है कि वायरल सच।  इसका वायरल सच क्या है किसका वायरल सच क्या है। लेकिन मीडिया कभी ये दिखाने की कोशिश नहीं करता कि उनका (मीडिया का) अपना वायरल सच क्या है। 

आज #मीडिया को #चोर , #भ्रष्ट #बेईमान न जाने किन किन तरीकों से नवाजा जा रहा है और जब मैं  इन चीजों को देखता हूँ तो कई बार व्यथित भी हो जाता हूँ, दुखी भी होता हूँ क्योंकि मैं भी मीडिया से जुड़ा हुआ हूं और ये पीड़ा सहनी पड़ती है कि जब लोग कहते हैं कि मीडिया #बिकाऊ है । मीडिया बिक गया है और  ये सवाल मीडिया को सोचना चाहिए।

 क्या उनके सामने यह तस्वीर नहीं जाती की उनके बारे में क्या कहा जा रहा है ? और आज देश में जो हालात है मीडिया को लेकर । ये बातें क्यों होती है ? क्योंकि मीडिया में बहुत सारे पूंजीवादी व्यवस्था के हाथों खेल रहे हैं, वो जो ग्रुप है वो जो प्रबंधन है ,वो तय करता है कि आप कौन सी खबर दिखाएंगे कौन सी खबर नहीं दिखाएंगे। 

ये आज से नहीं है , ये काफी समय से ऐसा होता आ रहा है, चला आ रहा है कि आज कौन सी खबर कौन तय करेगा।

 हम पत्रकार है, मैं बड़ी सच्चाई के साथ बड़ी ईमानदारी के साथ यह कहना चाहता हूँ कि पत्रकार के पास ये अधिकार नहीं है कि क्या खबर चलाई जाए, क्या खबर दिखाई जाए ??

 शुक्र है मार्क जुकरबर्ग का जिसने हमें facebook पर एक मंच दे दिया , इसलिए हम कुछ भी बताते हैं , कोई भी वीडियो अपलोड करते हैं , कुछ भी लाइव चला देते हैं। ये स्वतंत्रता थोड़ी बची है जबकि मीडिया की जो स्वतंत्रता टेलीविजन चैनल हो या अखबार हो उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं और यह सवाल हमने खुद ही अपने ऊपर खड़े किए हैं क्योंकि हम उतने निष्पक्ष नहीं है जितने कि लोग सोचते हैं। 

लोगों को लगता है कि हमारे सामने महंगाई का मुद्दा उठाया जाएगा लेकिन हम नहीं उठाते। हम क्या मुद्दे उठाते हैं, तीन तलाक ट्रिपल तलाक पर रहता है। तीन चार मौलानाओं को बुला लिया जाता है इधर से बीजेपी के एक लीडर को उधर से कांग्रेस के एक लीडर को इधर से सीपीआई के एक लीडर को उधर से आम आदमी पार्टी के लीडर को यानी व्यवस्था को इस तरह से कर दिया जाता है कि तमाम व्यवस्था को सिर्फ यह पांच सात दस लोग ही चलाने वाले हैं। आम लोगों से इस बारे में कोई राय नहीं ली जाती कोई मशवरा नहीं किया जाता इसलिए भी मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं। 

आज कल इन दिनों हिंदू मुसलमान का एक बड़ा फसाद दिखाया जा रहा है और रोहिंग्या मुसलमानों को ले करके भी TRP और अभी थोड़े दिन पहले बाबा राम रहीम का जो प्रकरण हुआ गुरमीत राम रहीम का, उसको लेकर के तो मीडिया की भूख मिट ही नहीं रही। TRP की भूख इस तरह से हासिल है कि जो काम हुआ ही नहीं उसको एकदम से फ़्लैश किया। 
 यानी आप देखिए इतनी जल्दी थी मीडिया चैनलों को फैसले को लेकर कि मीडिया चैनलों ने अपने आप ही सजा सुना दी 10 साल की। जज ने सजा सुनाई 10+10 की लेकिन मीडिया में ब्रेकिंग न्यूज आई,सब चैनलों पर एक ही न्यूज थी कि बाबा को सजा 10 साल की.. 
यानी कोई भी सब्र नहीं करना चाहता की फैक्ट लाया जाए। 

हम भी इसमें शामिल हैं हम भी जब मौके पर जाते हैं देखते हैं कि चेन मिसिंग हो गई ये भी पूछने की कोशिश नहीं करते भई चेन सोने की थी, असली थी, नकली थी, हम ये भी कोशिश नहीं करते कि दो लाशें  पानी में बह रही है, किसकी है औरत की है,हम फटाफट कोशिश करते हैं आपस में कोई जल्दी से जल्दी खबर को ब्रेक करने की, हमारे अंदर इतनी जल्दी होती है या होड़ होती है कि फटाफट खबर को ब्रेक कर दिया जाए उसके फैक्ट्स बाद में आते रहते हैं तो हम बाद में कॉमेंट्स में या उस पोस्ट में एडिट करके लिखते हैं। ये आज की विडंबना है। असलियत यही है,हकीकत यही है कि मीडिया की वो भूमिका सामने नहीं आ रही जिस भूमिका की लोग हमसे उम्मीद करते हैं।
 मैं उसमें शामिल हूँ और सबसे बड़ा कटाक्ष भी मैं आज खुद पर कर रहा हूँ, मैं किसी दूसरे पर उंगली नहीं उठा रहा, अगर कुछ साथियों को लगे कि ये मीडिया पर उंगली उठा रहा है या ये अपने आप को साफ चरित्र का पत्रकार बताने में लगा हुआ है तो दोस्तों ऐसा कतई नहीं है। 

आप भी अपने अंदर झांकिए, मैंने तो झांका ही है और मुझे ये लगता है कि मीडिया उतना निष्पक्ष उतना साफ इतना बेदाग नहीं है। 

हम कोठे पर एक वेश्या की तरह हैं,  हम पूंजीवादी लोगों की रखेल की तरह हैं और इसलिए आज हम पर सबसे बड़े सवाल उठ रहे हैं क्योंकि हमने खुद को मंडी के रूप में तब्दील कर लिया है। किसी की कीमत इतनी किसी की कीमत इतनी। 

दोस्तों मीडिया को मंडी होने से बचाइए, हमारा साथ दीजिए इस खबर को दूर-दूर तक पहुंचाइए अगर आप इस खबर को दूर-दूर तक पहुंचाने में सफल रहे, कामयाब रहे तो शायद कारगिल पर में जो जा करके जो सियाचिन में जाकर के अपने देश भक्ति की भावना दिखाते हैं टेलीविजन चैनलों पर छाती ठोक करके अपने आप को राष्ट्रभक्त बताते हैं और कोई ईमानदार बताते हैं ।
कोई सरकार की बखिया उधेड़ रहा है तो कोई सरकार को पॉलिश करने में लगा हुआ है। दोनों ही तरह के लोग हमारे सामने हैं । आपको ही तय करना है कि हमें किसे देखना है किसे नहीं देखना। 

मुझे लगता है कहीं मीडिया हाउसेस जो है वो सरकार को चमकाने में लगे हुए हैं और कई मीडिया हाउसेस ऐसे हैं जो बिन देखे ही बिना कोई प्रमाण के सरकार के बखिया उधेड़ने पर लगे हुए हैं। यानी कुछ मीडिया हाउसेस सरकार का समर्थन जुटाने में और कुछ मीडिया हाउसेस यह दिखाने में कि हम सरकार से पावरफुल है। 
दोस्तो ऐसा मत कीजिए आप अपने देश के बारे में सोचिए जो सही है उसे सही दिखाइए जो गलत है उसे गलत दिखाइए क्योंकि अगर मीडिया नहीं बचेगा तो मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ लोकतंत्र में कुछ नहीं बचेगा। 

हम किसी के पांव की जूती ना बने ,हम किसी पूंजीवादी की रखेल ना बने, हम किसी कोठे की वेश्या ना बने और हम पूंजीवादी चौखट पर घुटने ना टेके, माथा ना रगड़े ।
 ये सवाल हमारे सामने है और इसका हल भी हमें ही खोजना है। मेरा आपसे फिर अनुरोध है इस खबर को हो सके तो ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए ।

 - पत्रकार देवेंद्र गांधी

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Wednesday, October 4, 2017

शरद पूर्णिमा पर क्या करने से साल भर स्वथ्य रहे और धनप्राप्ति कैसे करें?

अक्टूबर 4, 2017
शरद पूर्णिमा - 5 अक्टूबर 2017 

 आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को ‘शरद पूर्णिमा’ बोलते हैं । #शरद_पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है और अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इस रात्रि में #चंद्रमा का ओज सबसे तेजवान और ऊर्जावान होता है। #पृथ्वी पर शीतलता, पोषक शक्ति एवं शांतिरूपी अमृतवर्षा करता है ।

इस दिन #रास-उत्सव और कोजागर व्रत किया जाता है । #गोपियों को शरद पूर्णिमा की रात्रि में #भगवान श्रीकृष्ण ने बंसी बजाकर अपने पास बुलाया और ईश्वरीय अमृत का पान कराया था ।

यूं तो हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन #शरद पूर्णिमा का महत्व उन सभी से कहीं अधिक है। हिंदू धर्म ग्रंथों में भी इस #पूर्णिमा को विशेष बताया गया है।
What to do on Sharad Purnima, how to stay healthy all year and get money?

#शरद पूर्णिमा से जुड़ी बातें....

इस दिन चंद्रमा की किरणें विशेष अमृतमयी गुणों से युक्त रहती हैं, जो कई बीमारियों का नाश कर देती हैं। यही कारण है कि #शरद #पूर्णिमा की रात को लोग अपने घरों की छतों पर खीर रखते हैं, जिससे #चंद्रमा की किरणें उस #खीर के संपर्क में आती है, इसके बाद उसे खाया जाता है।

#नारद पुराण के अनुसार #शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर अपने कर-कमलों में वर और अभय लिए निशिद काल में पृथ्वी पर भ्रमण करती है। #माता यह देखती है कि कौन जाग रहा है?
यानी अपने कर्तव्‍यों को लेकर कौन जागृत है? जो इस रात में जागकर मां #लक्ष्मी की उपासना करते हैं, मां उन पर असीम कृपा करती है।

वैज्ञानिक भी मानते हैं कि #शरद पूर्णिमा की रात स्वास्थ्य व सकारात्मकता देने वाली मानी जाती है क्योंकि #चंद्रमा धरती के बहुत समीप होता है। #शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा की किरणों में खास तरह के लवण व विटामिन आ जाते हैं। पृथ्वी के पास होने पर इसकी किरणें सीधे #जब खाद्य पदार्थों पर पड़ती हैं तो उनकी #क्वालिटी में बढ़ोतरी हो जाती है।

#शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सुबह उठकर व्रत करके अपने #इष्ट देव का पूजन करना चाहिए। #इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी का दीपक जलाकर, गंध पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए। #ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए।

#लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से किया जाता है। कहा जाता है कि #इस दिन जागरण करने वाले की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।

#शरद पूनम की रात को क्या करें, क्या न करें ?

 #अश्विनी कुमार देवताओं के वैद्य हैं । जो भी इन्द्रियाँ शिथिल हो गयी हों, उनको पुष्ट करने के लिए चन्द्रमा की चाँदनी में खीर रखना और भगवान को भोग लगाकर अश्विनी कुमारों से प्रार्थना करना कि #‘हमारी इन्द्रियों का बल-ओज बढ़ायें ।’ फिर वह खीर खा लेना ।

इस रात सूई में धागा पिरोने का अभ्यास करने से नेत्रज्योति बढ़ती है ।

 चन्द्रमा की चाँदनी गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो गर्भ पुष्ट होता है । #शरद पूनम की चाँदनी का अपना महत्त्व है लेकिन बारहों महीने चन्द्रमा की चाँदनी गर्भ को और औषधियों को पुष्ट करती है ।

#अमावस्या और पूर्णिमा को चन्द्रमा के विशेष प्रभाव से समुद्र में ज्वार-भाटा आता है । जब चन्द्रमा इतने बड़े दिगम्बर समुद्र में उथल-पुथल कर विशेष कम्पायमान कर देता है तो हमारे शरीर में जो जलीय अंश है, सप्तधातुएँ हैं, #सप्त रंग हैं, उन पर भी #चन्द्रमा का प्रभाव पड़ता है । इन दिनों में अगर काम-विकार भोगा तो विकलांग संतान अथवा जानलेवा बीमारी हो जाती है और यदि उपवास, व्रत तथा सत्संग किया तो तन तंदुरुस्त, मन प्रसन्न होता है।

#खीर को बनायें अमृतमय प्रसाद...
#खीर को रसराज कहते हैं । सीताजी को अशोक वाटिका में रखा गया था । रावण के घर का क्या खायेंगी सीताजी ! तो इन्द्रदेव उन्हें खीर भेजते थे ।

खीर बनाते समय घर में चाँदी का गिलास आदि जो बर्तन हो, आजकल जो मेटल (धातु) का बनाकर चाँदी के नाम से देते हैं वह नहीं, असली चाँदी के बर्तन अथवा असली सोना धोकर खीर में डाल दो तो उसमें रजतक्षार या सुवर्णक्षार आयेंगे । लोहे की कड़ाही अथवा पतीली में खीर बनाओ तो लौह तत्त्व भी उसमें आ जायेगा ।
#इलायची, खजूर या छुहारा डाल सकते हो लेकिन बादाम, काजू, पिस्ता, चारोली ये रात को पचने में भारी पड़ेंगे । #रात्रि 8 बजे महीन कपड़े से ढँककर चन्द्रमा की चाँदनी में रखी हुई खीर 11 बजे के बाद भगवान को भोग लगा के प्रसादरूप में खा लेनी चाहिए । लेकिन देर रात को खाते हैं इसलिए थोड़ी कम खाना ।
सुबह गर्म करके भी खा सकते हो ।
(खीर दूध, चावल, मिश्री, चाँदी, #चन्द्रमा की चाँदनी - इन पंचश्वेतों से युक्त होती है, अतः सुबह बासी नहीं मानी जाती ।) यह खीर खाने से सालभर मनुष्य स्वथ्य रहता है ।
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं,#'पुष्णामि चौषधीः सर्वाः सोमो भूत्वा रसात्मकः।।'
अर्थात रसस्वरूप अमृतमय #चन्द्रमा होकर सम्पूर्ण औषधियों को अर्थात वनस्पतियों को पुष्ट करता हूं। (गीताः15.13)
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Tuesday, October 3, 2017

एक हजार साल से भारत और हिन्दू जिहादी आतंक का शिकार हैं : डीजी बंजारा

अक्टूबर 3, 2017

भारत देश ऋषि-मुनियों का देश है, भारतीय संस्कृति सनातन संस्कृति है और यहाँ बसने वाला हर इंसान हिन्दू ही है, #भारत देश #सोने की #चिड़िया था, विदेशी #जिहादी #आक्रमणकारियों की भारत को लूटने और #भारतीय संस्कृति #मिटाने की हमेशा #साजिश रही है वो आज से नहीं है बल्कि हजार साल से चल रही है ।

पहले लुटेरे #मुगल आये जिन्होंने भारत में 700 साल  राज करके भारत को लूटा, जबरन #धर्मपरिवर्तन करवाया, महिलाओं का #बलात्कर किया, बड़ों व बच्चों का #कत्ल किया, #मन्दिर #तोड़ दिये और मस्जिदें बनाई ।
India and Hindus are victims of Jihadi terror for a thousand years: DG Banjara

बाद में #अंग्रेज आये उन्होंने भी 200 साल तक भारत को लूटा और भारतवासियों पर #अत्याचार किया ये सब होते हुए भी खुशी की बात ये है कि इतना अत्याचार होते हुए भी भारत की संस्कृति मिट नही पाई आज भी भारत में प्राचीन गौरवशाली संस्कृति बची हुई है । 

दुःख की यह बात है कि हजार साल अत्याचार सहने के बाद भी हिन्दू जाति-पाति में बंटा है और #बिकाऊ #मीडिया की बात को सच मानकर कर #भारतीय #संस्कृति के आधार स्तंभ #हिन्दू साधु-संतों के खिलाफ #झूठी खबरों को सच मानकर अपने धर्मगुरुओं की ही खिल्ली उड़ाता है और अपने को आधुनिक समझ रहा है । 

वर्तमान में जिहादी आतंकवाद जेल रहा । भारत को लेकर गुजरात के जांबाज पूर्व आईपीएस पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा जी ने ट्वीट किया कि



( भारत में ये जिहादी आतंकवाद कोई आज की समस्या नहीं है, ये हजारों साल पुरानी समस्या है )

आपको बता दें कि यह वही जांबाज #डीजी वंजारा हैं जिन्होंने वर्तमान में प्रधानमंत्री #नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब #आतंकवादियों से #जान #बचाई थी अगर डीजी वंजारा सतर्क नही होते और आतंकवादियों का इनकाउंटर नही करते तो आज इस देश को ऐसे प्रधानमंत्री नही मिलते ।

गुजरात में जब जिहादियों ने आतंक मचाया था, गुजरात में हररोज #हिन्दू-मुस्लिम के #दंगे होते थे, मुस्लिम लतीफ जैसे डॉन बढ़ गये थे हिन्दुओं का जीना मुश्किल हो गया था तब इस वीर जांबाज डीजी वंजारा ने 21 से भी अधिक इन जिहादी आतंकवादियों को इनकाउंटर करके ठिकाने लगा दिया था, गुजरात में आज जितनी शांति है वह श्रेय इन जांबाज पुलिस अधिकारी #डीजी वंजारा जी को ही जाता है ।

गौरतलब है कि #जिहादियों को #रोकने के कारण तत्कालीन #कांग्रेस सरकार ने देशभक्त #वंजारा जी को #षडयंत्र के तहत #फंसाया और नौ साल तक बिना सबूत जेल में रखा।

गुजरात में अभी चुनाव आने वाला है, गुजरात की करोड़ों जनता की निगाहें इन वीर जांबाज डीजी वंजारा जी पर टिकी हैं कि अगले #मुख्यमंत्री #डीजी वंजारा बने यही #अभिलाषा कर रहे हैं क्योंकि वंजारा जी सच्चे देशभक्त हैं, जो जनता और देशहित करने में पीछे कभी नही हटते ।

हजारों सालों से हिन्दुओं के साथ अन्याय हुआ है, आक्रमणकारियों ने भारत का नाश किया है और अब जरुरत है कि हिन्दू एकजुट हों ।
 इतिहास की गलतियों से सीखें और हिन्दू संस्कृति पर हो रहे कुठाराघात को समझें ।

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Monday, October 2, 2017

र्इसार्इ कट्टरपंथियों ने राष्ट्रध्वज तथा हिन्दू देवता की प्रतिमा जलार्इ, मीडिया ने साधी चुप्पी


अक्टूबर 2, 2017

मिजोरम के लुन्ग्लेर्इ जिले में 21 सितंबर को र्इसार्इ पंथ के कुछ कार्यकर्ताआें द्वारा हिन्दू देवता की प्रतिमा तथा राष्ट्रध्वज जलाने की घटना सामने आर्इ है । उस समय इन कार्यकर्ताआें ने यह भी कहा कि, उन्हें भारत में नहीं रहना है, वे भारत से स्वतंत्रता चाहते हैं । इस घटना से यह तथ्य सामने आया है कि, मिजोरम में अलगाववादी कट्टरपंथियों की ताकत बढ़ रही है ।

प्रारंभ में पुलिस ने इस घटना को दबाकर रखने का प्रयास किया था क्योंकि उन्हें राज्य की शांति में बाधा नहीं डालनी थी, परंतु सोशल मीडिया के माध्यम से जब ये वीडियो सामने आया, तब पुलिस ने अपराधियों की खोज करना प्रारंभ किया । मिजोरम में 87 प्रतिशत लोग र्इसार्इ पंथ के हैं तथा हिन्दू वहां अल्पसंख्यंक हैं । पहले हिन्दू बहुसंख्यक थे पर ईसाईयों ने हिन्दुओं का धर्मांतरण करके ईसाई बना दिया ।
Christian fundamentalists burnt incense of national flag and Hindu deity,The media is silent
यह पढ़कर कुछ सूत्र ध्यान में आते है :

1.कई भोले देशवासी प्रश्न करते हैं कि धर्मपरिवर्तन करने से कोई नुकसान नही होगा लेकिन देश में अल्पसंख्यंक होनेवाले हिन्दू जब बहुसंख्यंक हो जाते हैं, तो उसका परिणाम क्या हो सकता है..??
यह दर्शानेवाला यह आैर एक उदाहरण है ।
 इसी प्रकार आज हिन्दूआें की स्थिति कश्मीर के बाद कर्इ राज्य तथा राज्यों के कुछ जिलों में हो रही है ।

2. भारत में हिन्दूआें पर तथा उनके श्रद्धास्थानों पर धर्मांध जिहादी आक्रमण कर ही रहे हैं,अब उनके साथ धर्मांध र्इसार्इ भी हिन्दूआें के विरूद्ध हिंसापर उतर आए हैं, ऐसा इस घटना से प्रतीत होता है । यह स्थिति रोकने हेतु हिन्दुआें का प्रभावी संगठन होना यही समय की मांग है ।
हिन्दुओं भविष्य में जीवित रहने तथा धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा करने हेतु संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें ।

3. भारत में इससे पूर्व भी र्इसार्इयों ने हिन्दूआें पर भयंकर अत्याचार किए हैं, जिसका उदाहरण है ‘गोवा इन्क्विजिशन’ । आज भी कर्इ जगह वे हिन्दूआें को प्रलोभन दिखाकर या अन्य मार्गों से धर्मान्तरित कर रहे हैं । गोवा में तो मिशनरियों ने उनका विरोध करने वाले हिन्दू कार्यकर्ताआें पर झूठे आरोप भी लगाए थे तथा कुछ कार्यकर्ताआें पर आक्रमण भी किया था । 
क्या यही है र्इसार्इयों की मानवता ?
 क्या यही है उनका प्रेम ?



4. मिजोरम में आज ये र्इसार्इ हिन्दू देवता की प्रतिमा जला रहे हैं, राष्ट्रध्वज जला रहे हैं तथा भारत से स्वतंत्रता चाहते हैं । पुलिस भी उनपर कड़ी कार्यवाही करने की बजाए इस घटना को दबाने का प्रयास कर रही है । इसलिए इन धर्मांध र्इसार्इ तत्त्वों पर तथा निष्क्रिय पुलिस पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए ।

5. इतनी बडी घटना होने पर भी सेक्युलर मीडिया आैर कार्यकर्ता चुप क्यों है ? 
 केवल मुस्लिम या र्इसार्इयों के विरूद्ध कुछ होता है तभी ‘भारत में असहिष्णुता बढ चुकी है’ ऐसा साक्षात्कार इन्हें होता है ? 


क्या ऐसी दोगली मीडिया का संपूर्ण बहिष्कार करना चाहिए !!


आप क्या कर सकते हैं..???

1. देशद्रोही मांग करनेवाले मिजोरम के र्इसार्इ कार्यकर्ताआें के विरूद्ध तुरंत कड़ी कार्यवाही हो, यह मांग मिजोरम सरकार तथा केंद्र सरकार से आप कर सकते हैं । इसमें आप इमेल, सोशल मीडिया तथा अन्य मार्गों का उपयोग भी कर सकते है ।

2. अपने शहर / गांव में यदि कोर्इ मिशनरी संस्था हिन्दुआें को लालच देकर उन्हें धर्म-परिवर्तन करने के लिए कह रही हो, तो उसकी शिकायत तुरंत पुलिस में करें ।

3. अपने क्षेत्र में सभी हिंदुओं को र्इसार्इयों द्वारा हो रहे धर्मांतरण के विषय में जागृत करें ।

4. साथ ही कोर्इ भी हिन्दू धर्मांतरण की बलि ना चढें, इसके लिए प्रत्येक हिन्दू धर्मशिक्षा लें । इस विषय में विस्तृत लेख आप यहां पढ सकते हैं आैर उसे अपने मित्र-परिवार को शेयर भी कर सकते हैं : https://www.hindujagruti.org

5. हिन्दू जनजागृति समिति की आेर से धर्म परिवर्तन के विषय में जागृति करने हेतु कुछ ग्रंथ प्रकाशित किए गए है । आप स्वयं इन्हें खरीद सकते है तथा अन्यों को भी यह ग्रंथ पढने हेतु बता सकते है ।

Sunday, October 1, 2017

तरुण तेजपाल पर रेप का आरोप तय: मीडिया की तरह कानून में भी भेदभाव क्यों..??

अक्टूबर 1, 2017

न्यूज मैगज़ीन तहलका के पूर्व संपादक #तरुण तेजपाल के खिलाफ गोवा अदालत ने #रेप के #आरोप #तय कर दिए हैं।

#तरुण तेजपाल पर अपनी एक #महिला सहकर्मी से #बलात्कार का आरोप है।
TARUN TEJPAL VS ASARAM BAPU

नवम्बर 2013 में रेप का आरोप लगने के बाद तरुण तेजपाल को गिरफ़्तार कर लिया गया था। तेजपाल को #छह #महीने में #जमानत #मिल गई थी।

तेजपाल पर आईपीसी की धारा 341 (गलत तरीके से नियंत्रण), धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), धारा 354-ए (किसी महिला के साथ यौन दुर्व्यवहार और शीलभंग की कोशिश), धारा 376 (बलात्कार) लगाई गई है।

आपको बता दें कि 2013 में तरुण तेजपाल पर बलात्कार का आरोप लगा था लेकिन 
2013 में हिन्दू संत आसारामजी बापू पर केवल #छेड़छाड़ी के #आरोप लगे थे ।

एक बात गौर करने वाली है कि तरुण तेजपाल के तो #CCTV में #साफ दिखाई दे रहा है कि #तेजपाल #दुष्कर्म कर रहा है, साक्ष्य में पूर्ण #सबूत है लेकिन दूसरी ओर हिन्दू संत आसारामजी बापू के खिलाफ तो लड़की का #मेडिकल हुआ उसमें #साफ लिखा है कि छेड़छाड़ी की ही नही,लड़की के शरीर पर चोट के या प्रतिकार के कोई #निशान #नहीं पायेगे,
 दूसरी बात की जिस समय लडक़ी ने छेड़छाड़ी का आरोप लगाया है उस समय लड़की से #कॉल #डिटल्स से पता चल रहा है कि उस समय तो वे अपने फ्रेंड से लंबी बात कर रही थी और बापू असारामजी एक दूसरे कार्यक्रम में व्यस्त थे तो इससे पता चलता है कि ये #मामला #बनावटी है ।

दूसरी बात की लड़की रहने वाली शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश ) की है, पढ़ती है छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) में, छेड़छाड़ी की घटना बताती है जोधपुर (राजस्थान) की और वो भी घटना के पांच दिन के बाद ।
 दिल्ली में रात को 2:30 बजे एफआईआर करवाती है । जबकि आप अगर एफआईआर किसी दूसरे इलाके में करवाने जाओ तो एक पुलिस स्टेशन दूसरी पुलिस स्टेशन एफआईआर दर्ज नही करती है, लेकिन ये दूसरे शहर की घटना पुलिस दर्ज करती है तो कहीं न कहीं लगता है कि यह मामला उपजाऊ फर्जी है । 

अब आपका सवाल है कि तो फिर वो किस मामले में जेल में बंद है तो आपको बता दें कि 2012 में जो #पोक्सो एक्ट बनाई गई है जिसमें अगर #18 साल से #कम #उम्र की लड़की ने आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी कि मेरे को यह पुरूष घूरता है या स्पर्श किया है तो उस लड़की के बयान पर आपको जेल होगी और आपको सिद्ध करना होगा कि मैंने घूरा नही है या उससे स्पर्श नही किया है अगर आप यह सिद्ध नही कर पाये तो लड़की के बयान को सच मानकर आपको सजा होगी यही मामला बापू आसारामजी पर है लड़की के बयान को सच मानकर उनके खिलाफ केस चलाया जा रहा है जबकि मेडिकल में उनको क्लीन चिट मिलने के बाद भी केस चलाया जा रहा है ।

आपको बता दें कि लड़की बालिग है कि नाबालिग इसमे भी पूरा संदेह है क्योंकि बचपन में पढ़ाई करते वक्त अलग #जन्म #तारीख है, #एलआईसी पॉलिसी में अलग जन्म तारीख है, और स्कूल के #सर्टिफिकेट में #अलग #तारीख है तो अब लड़की नाबालिग है कि नही वो भी कोर्ट में सिद्ध करना बाकी है ।


भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि मैंने बापू आसारामजी को आरोप लगने से पहले ही बता दिया था कि आपने जो #आदिवासी क्षेत्रों में #धर्मपरिवर्तन पर #रोक लगाई है और लाखों #हिन्दुओं की #घरवापसी करवाई है इससे #वेटिकन सिटी नाराज है और #सोनिया गांधी से मिलकर आपको फंसायेंगे । और वही हुआ ईसाई मिशनरियों के इशारे पर #झूठा केस दर्ज हुआ और #विदेशी फंड से चलने वाली #मीडिया ने उनकी खूब #बदनामी की और जेल भिजवाया ।

गौरतलब है कि बीमारी अवस्था में आरोप सिद्ध हुए बिना 81 वर्षीय हिन्दू संत आसारामजी बापू चार साल से जेल में बंद हैं लेकिन उनको जमानत नही मिल पाई लेकिन तरुण तेजपाल के खिलाफ पूरे सबूत होते हुए भी उसको 6 महीने में ही जमानत मिल गई थी ।

आखिर क्यों मीडिया जैसे केवल हिन्दू संतों को ही बदनाम करती है और तरुण तेजपाल पर आरोप सिद्ध होने पर भी चुप है ?

आखिर क्यों कानून में भी यही है कि हिन्दू संत हो तो जमानत नही जबकि पत्रकार नेता आदि को तुरन्त जमानत ??

🚩अब मुख्य बात तो यही है कि किसी साधु-संत पर छोटा आरोप लगते ही #मीडिया खूब चिल्लाती है व अपनी ही बिरादरी के तरुण #तेजपाल पर #आरोप सिद्ध होने पर मौन होकर #चुपचाप बैठी है ।

हिन्दुस्तानी यही #षड्यंत्र को आप भी समझें औरों को भी समझाएं व हिन्दू #संस्कृति पर हो रहे षड़यंत्र का डटकर मुकाबला करें ।

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