जम्मू-कश्मीर में हिन्दुआें के ऐतिहासिक स्थानों के नाम परिवर्तित किए जा रहे हैं । यहां पहले ऐसी स्थिति नहीं थी; परंतु कुछ महीनों से बहुत कुछ हो रहा है ।
आइये जाने कि कश्मीर में क्या-क्या परिवर्तित हुआ और क्या-क्या परिवर्तित होनेवाला है!!
कश्मीर के एेतिहासिक हिन्दू वास्तुआें के हो रहे इस्लामीकरण पर कब तक सोता रहेगा हिन्दू..???
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1. श्रीनगर में गोपाद्री पहाड़ी है । कश्मीर यात्रा के समय आदि शंकराचार्यजी ने इस पहाड़ी पर अनेक वर्ष तपस्या की थी । इसलिए सैकड़ों वर्ष पहले ही लोगों ने इस पहाड़ी का नाम शंकराचार्य पहाड़ी रखा था । ऐसी जानकारी सरकारी दस्तावेजों में भी
है; परंतु अब इसका नाम ‘सुलेमान टापू’ रखा गया है । विशेष बात तो यह है कि भारत सरकार के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने भी यहां सुलेमान टापू नाम का फलक लगाया है ।
2. श्रीनगर में हरि पर्वत है । अब उसका नाम परिवर्तित कर कोह महारन अर्थात दुष्टों का पर्वत रखा गया है ।
3. कश्मीर के अनंतनाग को वहां के लोग इस्लामाबाद कहने लगे हैं । अनंतनाग का नाम हटाने के लिए लोगों ने आंदोलन आरंभ किया है।
4. अनंतनाग में उमानगरी नामक विख्यात तीर्थस्थान है। इसका नाम भी परिवर्तित कर शेखपुरा किया गया है ।
5. यहां की सरकार अब श्रीनगर नाम भी नहीं चाहती है । इस नगर का नाम शहर-ए-खास रखने के लिए राज्य सरकार ने कई बार चर्चा भी की है ।
6. श्रीनगर के जिस चौराहे में जामा मस्जिद है, उस चौराहे का हिन्दू नाम परिवर्तित कर मदिना चौराहा रखा गया है ।
7. कश्मीर घाटी में बहनेवाली किशनगंगा नदी को अब दरिया-ए-नीलम कहा जा रहा है ।
मीडिया यह सब दिखाने के लिए तैयार नहीं है । केवल कश्मीरी पंडित (हिन्दू) ही यह लड़ाई लड़ रहे हैं ।
अनेक वर्षों से यहां विद्यमान हिन्दू संस्कृति नष्ट की जा रही है । यदि देशवासी अब जागृत नहीं हुए, तो भविष्य में उन्हें माता रानी के दर्शन के लिए अनुज्ञप्तिपत्र और पारपत्र (पासपोर्ट) लेकर आना )पड़ेगा
क्या वैष्णोदेवी का नाम परिवर्तित होने पर ही आप जागृत होनेवाले हैं..???
पहले भी भारत में मुगल शासन काल में शहरों, गांव आदि के नाम बदले गये उसके बाद अंग्रेज आये उन्होंने भी कई शहरों, गाँव आदि के नाम बदले ।
जब तक भारत गुलाम था तब तक तो ठीक था लेकिन बड़ी विडंबना तो यह है कि भारत आजाद होने के बाद भी हमारे पुराने नाम वापिस नही बदले गये । आजादी को 70 साल हो गए लेकिन आज भी वही नाम चल रहे हैं,बदले नही जा रहे । जिन क्रूर मुगलों ने हमारी बहनों-बेटियों का बलात्कार किया । तलवार की नोंक पर धर्मपरिवर्तन करवाया उन्हीं के नाम से शहरों के नाम रखे गए।
आज कश्मीर में भी वही चल रहा है हमारे प्राचीन नाम बदले जा रहे है और हिन्दू चुप चाप बैठा है ।
पहले भी ऐसा हुआ और आज भी वही हो रहा है हिन्दू सहनशीलता के नाम से पलायनवादी हो गया है सोचता है कि बाजू के घर में आग लगी है मुझे क्या?
अरे भाई बाजू के घर की आग नहीं बुझाएगा तो वो आग तेरे घर को भी जला सकती है।
पहले कश्मीर पंडित पलायन हुए, आज उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से हिन्दू पलायन हो रहे है, हिन्दू संतों को जेल में भेजा जा रहा है, हिन्दुओं का ईसाई मिशनरियों द्वारा लालच देकर और मुसलमानों द्वारा दहशत फैलाकर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है।
क्या हिन्दू इसी तरह से अन्याय को चुप-चाप देखता रहेगा..???
ऐसे ही अगर देखता रहा तो फिर हिन्दू को मिटने में देर नही लगेगी और हिन्दू मिटा तो सनातन संस्कृति मिटी और सनातन संस्कृति मिटी तो फिर पृथ्वी पर हा-हा कार मच सकता है ।
क्योंकि सनातन संस्कृति ही एक ऐसी संस्कृति है जो पूरी दुनिया में सुख-शांति भाईचारा का संदेश देती ही नही है बल्कि चरितार्थ करके भी दिखा देती है ।
आज दुनिया में जो सुख शांति है वो केवल सनातन संस्कृति का कुछ अंश लेकर ही है अतः हिन्दू संस्कृति को बचाना अत्यंत जरूरी है ।
आशा है कि भारतवासी जागृत होंगे ।
इस स्थिति में समस्त हिन्दू बंधु जागृत होकर वैध मार्ग अपना मिलकर विरोध करें ।