Saturday, July 27, 2024

सुप्रीम कोर्ट के नेम प्लेट के आदेश के बाद कांवड़िए बोले – हमारा तो धर्म भ्रष्ट हो गया

28  July 2024

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🚩उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस प्रशासन ने आदेश जारी किया था कि काँवड़ यात्रा मार्ग पर लगने वाली सभी दुकानों, ठेलों, होटलों, रेहड़ियों पर दुकानकार अपना और अपने कर्मचारियों के नाम साफ शब्दों में लिखे। इसका असर ये हुआ कि संगम शुद्ध शाकाहारी होटल का नाम अब सलीम शुद्ध शाकाहारी होटल हो गया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दिया। इस आदेश के बाद काँवड़ियों की भी प्रक्रिया सामने आई है, जिसमें लोगों ने मुजफ्फरनगर प्रशासन के फैसले की तारीफ की है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई है।


🚩यूपी तक से बातचीत में कई काँवड़ियों ने अपने मन की पीड़ा व्यक्त की। एक कावँड़िए ने कहा कि अगर नेम-प्लेट होता तो कम से कम ये तो साफ हो जाता कि जो भोजन वो कर रहे है, वो शाकाहारी है या मांसाहारी। काँवड़ यात्रा पर निकले एक व्यक्ति ने अपना दु:ख कुछ इस तरह से जाहिर किया, “जो भोलेनाथ के लिए जल लेकर जाते है, वो नॉनवेज छुएँगे तो अनर्थ हो जाएगा। लेकिन ऐसे होटलों में जिन बर्तनों में मांसाहारी भोजन बनाया गया, उसमें पलटकर हमें शाकाहारी भोजन दे दिया। हमारा तो धर्म भ्रष्ट हो गया न…।”


🚩सुप्रीम कोर्ट की रोक पर बोलते हुए एक काँवड़िया ने कहा, “योगी जी ने तो बहुत अच्छा किया था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हम क्या ही कहें।”


🚩एक काँवड़िए ने कहा, “अगर मुस्लिम ढाबा चला रहा है, तो वेज खाना देगा या नॉन-वेज, इसका कैसे पता चलेगा।” उन्होंने आगे कहा, “भगवान शिव के लिए हम पवित्र जल लेकर जा रहे है,अगर हम किसी ऐसे होटल में खाना खा रहे है, जहाँ नॉनवेज भी मिलता हो, तो हमारा तो पूरा व्रत ही खराब हो गया। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सही फैसला लिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाकर गलत किया है।”


🚩एक कावँडिए ने कहा कि अब हम कहीं भी खाना खाते समय पूरी तरह से परेशान रहेंगे कि हम सही शुद्ध शाकाहारी खाना खा रहे है, साफ सुथरे बर्तन में या नहीं, ये तो धर्म संकट वाली बात हो गई।

https://x.com/UPTakOfficial/status/1815375535142224155?t=EbWJtmwEoMWawc4ZunAwQA&s=19


🚩बता दें कि मुजफ्फरनगर पुलिस ने जब नेम-प्लेट का आदेश जारी किया, तो राजनीतिक रूप से बहुत हल्ला मचाया गया। ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया, जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। हालाँकि इस मामले में अभी आखिरी फैसला नहीं आया है। लेकिन पुलिस के आदेश के बाद कई सारी चौंकाने वाली बातें सामने आई। मुजफ्फरनगर में दिल्ली-देहरादून नेशनल हाइवे-58 पर स्थित जो दुकान कुछ दिन पहले ‘चाय लवर पॉइंट’ के नाम से हुआ करती थी, अब वह ‘वकील अहमद टी स्टॉल’ हो गया है। पुलिस के आदेश के बाद दुकान को चलाने वाले फहीम ने अपनी दुकान का नाम बदल दिया है। फहीम ने बताया कि इस निर्देश के बाद काँवड़ यात्रा के दौरान उनके काम पर बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है।


🚩इसी हाइवे पर पिछले ‘संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय’ नाम का एक ढाबा कुछ दिन पहले तक होता था। अब इस ढाबे का नाम बदल गया। संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय की जगह यह ‘सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय’ है। सलीम ने खाद्य सुरक्षा विभाग में इसी नाम से इसका रजिस्‍ट्रेशन भी करवा दिया है। इस दुकान को सलीम पिछले 25 सालों से चला रहा था।


🚩अब जनता की मांग है कि जैसा योगी जी ने कावँडिए के यात्रा पर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया था वैसा आदेश देशभर में लागू होना चाहिए जिससे शाकाहारी को शुद्ध भोजन मिल सके। 


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Friday, July 26, 2024

मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने कहा ‘कागज़ पर नहीं, UCC को जमीन पर उतारिए’

26 July 2024 
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🚩मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा है कि समान नागरिक संहिता (UCC) को कागजों की जगह अब जमीन पर उतारने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा है कि इससे ही रूढ़िवादी प्रथाओं पर लगाम लग सकती है। कोर्ट ने यह टिप्पणी तीन तलाक के एक मामले को सुनते हुए की है।

🚩मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल वर्मा ने कहा, “समाज में कई निंदनीय, कट्टरपंथी, अंधविश्वासी और अति-रूढ़िवादी प्रथाएँ प्रचलित है, जिन्हें आस्था और विश्वास के नाम पर दबाया जाता रहा है। हालाँकि, भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता का समर्थन किया गया है, लेकिन इसे केवल कागज़ों पर नहीं बल्कि असलियत में बदलने की जरूरत है। एक सही तरह से ड्राफ्ट की गई संहिता ऐसी अंधविश्वासी और बुरी प्रथाओं पर लगाम लगा सकती है।” 

 🚩कोर्ट ने कहा कि 2019 में तीन तलाक को अवैध घोषित करते हुए 2019 में भारत की संसद ने कानून पास किया था जो अच्छा कदम था लेकिन फिर भी हमारे जनप्रतिनिधियों को इतने वर्ष यह जानने में लग गए कि तीन तलाक असंवैधानिक और समाज के लिए बुरा है।” 

 🚩कोर्ट ने कहा कि हमें बहुत जल्द ही देश में UCC की आवश्यकता समझने की जरूरत है। कोर्ट ने यह सारी टिप्पणियाँ तीन तलाक के एक मामले को सुनते हुए की। कोर्ट में दो महिलाओं ने राहत की माँग करते हुए अपील लगाई थी। इन महिलाओं पर घर की बहू ने दहेज़ माँगने, मारपीट और प्रताड़ना देने का आरोप लगाया था। 

 🚩मुस्लिम महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी नंनद और सास ने उसे निकाह के बाद प्रताड़ित किया और दहेज़ को लेकर मारपीट की। महिला ने आरोप लगाया था कि उसके शौहर ने भी उसको प्रताड़नाएँ दी। जब महिला ने प्रताडनाओं का विरोध किया था तो उसके शौहर ने उसे तीन बार तलाक बोल कर घर से बाहर भगा दिया। 

 🚩मुस्लिम महिला ने इस मामले में शौहर के साथ ही उसके घरवालों पर तीन तलाक क़ानून के तहत मामला चलाने की अपील की थी। हालाँकि, कोर्ट ने कहा कि यह कानून शौहर के तीन तलाक देने पर ही बनता है, कोर्ट ने इस मामले में उसकी सास और नंनद को राहत दे दी। 

 🚩गौरतलब है कि बीते कुछ समय से देश भर में UCC का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। कई भाजपा शासित राज्य इसे लागू करने की तैयारी में है। उत्तराखंड में धामी सरकार इसे लागू भी कर चुकी है और इसके क्रियान्वन पर काम चल रहा है। भाजपा ने भी लगातार UCC को व्यापक तरीके से लागू किए जाने की वकालत की है। 

 🚩क्या है समान नागरिक संहिता  ?
🚩समान नागरिक संहिता में सभी धर्मों के लिए एक कानून की व्यवस्था होगी। हर धर्म का पर्सनल लॉ है, जिस में शादी, तलाक और संपत्तियों के लिए अपने-अपने कानून है। UCC के लागू होने से सभी धर्मों में रहनेवालें लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे। UCC का अर्थ शादी, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति का अधिकार से जुड़े कानूनों को सुव्यवस्थित करना होगा। 

 🚩इस्लामिक देशों में भी लागू है UCC -
 🚩मुस्लिम देशों में पारंपरिक रूप से शरिया कानून लागू है, जो धार्मिक शिक्षाओं, प्रथाओं और परंपराओं से लिया गया है। न्यायविदों द्वारा आस्था के आधार पर इन कानून की व्याख्या की गई है। हालांकि, आधुनिक समय में इस तरह के कानून में यूरोपीय मॉडल के मुताबिक कुछ संशोधन किया जा रहा है। दुनियां के इस्लामिक देशों में आमतौर पर पारंपरिक शरिया कानून पर आधारित नागरिक कानून लागू है। इन देशों में सऊदी अरब, तुर्की, सऊदी अगर, तुर्की, पाकिस्तान, मिस्र, मलेशिया, नाइजीरिया आदि देश शामिल है। इन सभी देशों में सभी धर्मों के लिए समान कानून है। किसी विशेष धर्म या समुदाय के लिए अलग-अलग कानून नहीं है। 

 🚩इनके अलावा इस्राइल, जापान, फ्रांस और रूस में समान नागरिक संहिता या कुछ मामलों के लिए समान दीवानी या आपराधिक कानून है। यूरोपीय देशों और अमेरिका के पास एक धर्मनिरपेक्ष कानून है, जो सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होता है फिर चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। रोम में सबसे पहले नागरिक कानून के सिद्धांत बनाए गए थे। रोम के लोगों ने एक कोड विकसित करने के लिए सिद्धांतों का इस्तेमाल किया, जो निर्धारित करता था कि कानूनी मुद्दों का फैसला कैसे किया जाएगा। फ्रांस में दुनियां में सबसे प्रसिद्ध नागरिक संहिताएं है। अमेरिका में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है, जबकि भारत की तरह यहां भी बहुत विविधता है। यहां कानून की कई लेयर्स है, जो देश, राज्य और काऊंटी, एजेंसियों और शहरों में अलग-अलग लागू होती है। इन सबके बाद भी ये सामान्य सिद्धांत नागरिक कानूनों को राज्यों में इस तरह से नियंत्रित करते है जो पूरे देश में लागू होते है। 

 🚩भारत में जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता को लागू करना चाहिए ऐसी जनता की मांग है।  

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Thursday, July 25, 2024

जिन गौरक्षक से अंग्रेज़ भी थर थर कांपते थे आज हम भूल गए हैं


26  July 2024
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                                                                                🚩टोहाना में मुस्लिम राँघड़ो का एक गाय काटने का एक कसाईखाना था। वहां की 52 गांवों की नैन खाप ने इसका कई बार विरोध किया। कई बार हमला भी किया जिसमें नैन खाप के कई नौजवान शहीद हुए व कुछ कसाइ भी मारे गए।लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई।क्योंकि ब्रिटिश सरकार मुस्लिमों के साथ थी और खाप के पास हथियार भी नहीं थे। 

🚩तब नैन खाप ने वीर हरफूल को बुलाया व अपनी समस्या सुनाई। हिन्दू वीर हरफूल भी गौहत्या की बात सुनकर लाल पीले हो गए और फिर नैन खाप के लिए हथियारों का प्रबंध किया। हरफूल ने युक्ति बनाकर दिमाग से काम लिया। उन्होंने एक औरत का रूप धरकर कसाईखाने के मुस्लिम सैनिको और कसाइयों का ध्यान बांट दिया। फिर नौजवान अंदर घुस गए उसके बाद हरफूल ने ऐसी तबाही मचाई के बड़े बड़े कसाई उनके नाम से ही कांपने लगे।उन्होंने कसाइयों पर कोई रहम नहीं खाया। अनेकों को मौत के घाट उतार दिया और गऊओ को मुक्त करवाया। अंग्रेजों के समय बूचड़खाने तोड़ने की यह प्रथम घटना थी। यह घटना 23 जुलाई 1930 को हुई थी ।


🚩इस महान साहसिक कार्य के लिए नैन खाप ने उन्हें सवा शेर की उपाधि दी व पगड़ी भेंट की।


🚩उसके बाद तो हरफूल ने ऐसी कोई जगह नहीं छोड़ी जहां उन्हें पता चला कि कसाईखाना है वहीं जाकर धावा बोल देते थे।

उन्होंने जींद, नरवाना, गौहाना, रोहतक आदि में 17 गौहत्थे तोड़े। ऊनका नाम पूरे उत्तर भारत में फैल गया। कसाई उनके नाम से ही थर्राने लगे ।उनके आने की खबर सुनकर ही कसाई सब छोड़कर भाग जाते थे। मुसलमान और अंग्रेजों का कसाइवाड़े का धंधा चौपट हो गया।

इसलिए अंग्रेज पुलिस उनके पीछे लग गयी। मगर हरफूल कभी हाथ न आये। कोई अग्रेजो को उनका पता बताने को तैयार नहीं हुआ।


🚩गरीबों का मसीहा-

वीर हरफूल उस समय चलती फिरती कोर्ट के नाम से भी मशहूर थे। जहाँ भी गरीब या औरत के साथ अन्याय होता था वे वहीं उसे न्याय दिलाने पहुंच जाते थे। उनके न्याय के भी बहुत से किस्से प्रचलित हैं।


🚩हरफूल की गिरफ्तारी व बलिदान


🚩अंग्रेजों ने हरफूल के ऊपर इनाम रख दिया और उन्हें पकड़ने की कवायद शुरू कर दी।  हरफूल अपनी एक ब्राह्मण धर्म बहन के पास झुंझनु (रजस्थान) के पंचेरी कलां पहुंच गए। इस ब्राह्मण बहन की शादी भी हरफूल ने ही करवाई थी। यहां का एक ठाकुर भी उनका दोस्त था। वह इनाम के लालच में आ गया व उसने अंग्रेजों के हाथों अपना जमीर बेचकर दोस्त व धर्म से गद्दारी की।


🚩अंग्रेजों ने हरफूल को सोते हुए गिरफ्तार कर लिया ।कुछ दिन जींद जेल में रखा लेकिन उन्हें छुड़वाने के लिये  जेल में सुरंग बनाकर सेंध लगाने की कोशिश की और विद्रोह कर दिया। इसलिये अंग्रेजों ने उन्हें चुपके से फिरोजपुर जेल में  ट्रांसफर कर दिया।

बाद में 27 जुलाई 1936 को चुपके से पंजाब की फिरोजपुर जेल में अंग्रेजों ने उन्हें रात को फांसी दे दी। उन्होंने विद्रोह के डर से इस बात को लोगो के सामने स्पष्ट नहीं किया। उनके पार्थिव शरीर को भी हिन्दुओ को नहीं दिया गया। उनके शरीर को सतलुज नदी में बहा दिया गया।


🚩इस तरह देश के सबसे बड़े गौरक्षक, गरीबो के मसीहा, उत्तर भारत के रॉबिनहुड कहे जाने वाले वीर हरफूल सिंह ने अपना सर्वस्व गौमाता की सेवा में कुर्बान कर दिया।


🚩वीर हरफूल का जन्म 1892 ई० में भिवानी जिले के लोहारू तहसील के गांव बारवास में एक जाट क्षत्रिय परिवार में हुआ था।उनके पिता एक किसान थे।

बारवास गांव के इन्द्रायण पाने में उनके पिता चौधरी चतरू राम सिंह रहते थे।उनके दादा का नाम चौधरी किताराम सिंह था। 1899 में हरफूल के पिताजी की प्लेग के कारण मृत्यु हो गयी। इसी बीच ऊनका परिवार जुलानी(जींद) गांव में आ गया।यहीं के नाम से उन्हें वीर हरफूल जाट जुलानी वाला कहा जाता है।


🚩सेना में 10 साल

उसके बाद हरफूल सेना में भर्ती हो गए।उन्होंने 10 साल सेना में काम किया।उन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध में भी भाग लिया। उस दौरान ब्रिटिश आर्मी के किसी अफसर के बच्चों व औरत को दुश्मन ने घेर लिया। तब हरफूल ने बड़ी वीरता दिखलाई व बच्चों की रक्षा की। अकेले ही दुश्मनों को मार भगाया। फिर हरफूल ने सेना छोड़ दी। जब सेना छोड़ी तो उस अफसर ने उन्हें गिफ्ट मांगने को कहा गया तो उन्होंने फोल्डिंग गन मांगी। फिर वह बंदूक अफसर ने उन्हें दी।

उसने अपना बाद का जीवन गौरक्षा व गरीबों की सहायता में बिताया। मगर कितने शर्म की बात है कि बहुत कम लोग आज उनके बारे में जानते हैं।

https://youtu.be/rZAdKBmTyCc?si=ks0kXy9n8B6_ag5C


🚩ऐसे महान गौरक्षक को मैं नमन । आज कुछ ऐसे गौरक्षक भारत में हो जाए तो सरकार को गौ हत्या बंद करनी पड़ेगी।


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Wednesday, July 24, 2024

कांवड़ियों के रास्ते पर नेमप्लेट लगना क्यों जरूरी है? इस लेख में आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी......

 25 July 2024

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🚩हम कई बार इस बात को देख चुके है कि काँवड़ यात्रा के दौरान मजहबी भीड़ काँवड़ियों के ऊपर हमले भी करते है, उनके रास्ते में मांस भी फेंकते है और यही नहीं, भगवान शिव और उनके पूरे परिवार का मजाक भी बनाते है। इन्हीं सबके मद्देनज़र इस प्रकार के सांप्रदायिक दंगों और झगड़ों से निपटने के लिए मुजफ्फरनगर प्रशासन ने एक नियम बनाया कि रास्ते में जितने भी ठेले और ढाबे आदि होंगे वो सब अपने सही और असली नाम के साथ ही दुकान लगाएँगे ताकि किसी भी प्रकार से भक्तों को असुविधा ना हो।


🚩और, यह नियम किसी एक मजहब के लिए नहीं बल्कि प्रत्येक दुकानदार के लिए है। क्योंकि, कई बार इस बात को देखा गया है कि तीर्थयात्री काँवड़िए वहाँ पर जाकर भोजन तो कर लेते है लेकिन बाद में पता लगता है कि यह तो कोई ‘थूक नान’ स्पेशलिस्ट वालों का ढाबा था। मुजफ्फरनगर प्रशासन के इसी नियम पर बहुत सारे ऐसे सवाल उठ रहे है जिनका जवाब देना अत्यंत आवश्यक हो गया है। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि मुस्लिम लोगों द्वारा अपने ढाबों पर बनाए जाने वाले खानों में थूकने के कई वीडियो सामने आए है।


🚩हमने रोटियों पर थूकते हुए कई वीडियो देखे है। आम पर पेशाब करते हुए मुहम्मदिनों को कौन नहीं जानता है? खीरों को थूक में लपेटकर पॉलिथीन में भरने वाली वीडियो अभी हमारी आँखों के सामने आ जाती है तो मन में घृणा पैदा हो जाती है। बर्तनों को चाटने वाले वीडियो, सब्जियों को नाली में धोने वाले वीडियो, हिंदू बहुल क्षेत्र में गौमांस के समोसे खिलाने वाले दीनी व्यक्ति के वीडियो। दूध में थूकने वाले दीन के पक्के दूधिए का वीडियो। होटल में काम करने वाले मुस्लिम लड़कों द्वारा भोजन पर थूकने वाले वीडियो। दिल्ली का वह वीडियो जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति पानी की बोतलों में थूक रहा है।


🚩एक बूढ़े बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति द्वारा सेबों पर थूकने वाला वीडियो या फिर इसी प्रकार कपड़ों पर इस्त्री करने वाले बुजुर्ग का वह वीडियो जिसमें वह मुँह में पानी भरकर कपड़ों पर थूक रहा है। या फिर ड्राई फ्रूट्स के ऊपर ऐसे ही मुँह में पानी भरकर छिड़काव करता अधेड़ नमाजी हो। या वह छोटे बच्चों का वीडियो जिसमें वह लोग उज्जैन महाकाल की यात्रा के ऊपर थूक रहे है। ऐसे तमाम वीडियो हमें बताते ह कि किस प्रकार हिंदुओं को अपना जूठा खिलाने की सड़ी हुई घिनौनी मानसिकता इस रेगिस्तानी कैंसर रूपी कल्ट के दिमाग में पनपती रहती है।


🚩इसके अलावा काँवड़ियों पर हमला करना, उनके ऊपर थूकना, भगवान शिव के पूरे परिवार पर आपत्तिजनक फब्तियाँ कसना, काँवड़ियों के रास्ते में मांस के लोथडे फेंकना – यह सब घटनाएँ बहुत आम है। हम अभी रियासी की घटना भूले नहीं जिस में 6000 रुपए के लिए 9 देवी भक्तों की जान लेने वाला इसी कैंसर रूपी मजहब का व्यक्ति था। गद्दार पुलिस अधिकारी DSP शेख आदिल मुस्ताक जो भारत की सुरक्षा की शपथ लेकर आतंकवादियों को हमारी सेना की सभी जानकारियां देता रहता था और किस प्रकार कानून के हाथों से बचना चाहिए वह सब हथकंडे भी आतंकवादियों को बताता था।


🚩आज उसी के कारण हमारे सेना के अधिकारी और जवान बलिदान हुए। और यह लोग सोचते है कि हम फिर भी इन्हें अपना भाई माने और उनके थूक नान खाएँ, गौंमांस मिश्रित समोसे खाएँ और जब यह हमारी बहन बेटियों को छेड़े, हमारे भाइयों पर हमला करें तो हम चुपचाप अपने घर के ऊपर यह लिखकर भाग जाएँ कि यह मकान बिकाऊ है। अब थोड़ी विवेचना उन ढाबों पर भी करते हैं जहाँ यह लोग हिंदुओं का धर्म भ्रष्ट करने का पूरा षड्यंत्र चलाते होंगे अन्यथा अगर किसी को उनके ढाबे या होटल में खाना है तो वह वैसे भी चला जाएगा लेकिन नाम बदलकर ठीक उसी प्रकार से धोखा दिया जाता है जिस प्रकार ‘लव जिहाद’ करने वाला अब्दुल हिंदू बहन बेटियों को धोखे में रखकर उनका मजहब परिवर्तित करता है।


🚩अभी कुछ दिन पहले ही लखनऊ के एक व्यापारी के साथ घटी दुर्घटना सामने आई थी जिस में हिंदू व्यापारी ने एक मुस्लिम व्यक्ति को अपने यहाँ नौकर रखा था और इस नौकर ने व्यापारी की इकलौती बेटी के बाथरूम में कैमरा लगाकर उसके वीडियो बनाए और फिर उसे काफी लंबे समय तक ब्लैकमेल करता रहा था। अभी उसे घटना को बीते ज्यादा समय नहीं हुआ एक और घटना हमारे सामने है बिहार के VIP पार्टी के संस्थापक व पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी का केस नया ताजा ही है।


🚩जीतन ने ताउम्र हिंदू-मुस्लिम एकता की बात की, उन्होंने हिंदुओं को भले ही पीछे धकेल दिया लेकिन मुस्लिमों को हमेशा प्रायोरिटी पर रखा, इसी के चलते जीतन ने एक नौकर रखा हुआ था जिसका नाम था काजिम अंसारी। पिछले दिनों काजिम ने जतन से डेढ़ लाख रूपए उधार लिए थे समय से न लौटाने पर जीतन ने उसे बीच-बीच में कई बार पैसे वापस करने के लिए टोका जिससे काजिम को गुस्सा आ गया और वह अपने साथियों को लेकर एक रात जीतन के घर में घुस गया और उसके साथ वही हश्र किया जैसा काजिम हर बकरा ईद पर एक बकरे के साथ किया करता है।


🚩अर्थात, तुम लोग उन्हें भाई मानकर गरीब मानकर मजलूम मानकर नौकरी पर तो रखते हो लेकिन उनकी नजर या तो तुम्हारी बेटियों पर होती है या फिर तुम्हारे धन ऐश्वर्य और पैसे पर होती है। फिर ऐसे में सामान्य लोग जो यह खबरें सुनते और पढ़ते है या अपने आस पड़ोस में ऐसी घटनाओं को होते हुए देखते है क्या वह उनके हाथ का पानी भी पीना मंजूर करेंगे ऐसे में इन लोगों ने कैसे सोच लिया कि शिव भक्त और भोजन में पवित्रता रखने वाले लोग उनके हाथ का थूका हुआ खाना खाएँगे या फिर मांस मिश्रित पकवान ग्रहण करेंगे?


🚩उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ‘जनता वैष्णो ढाबा’ चलता है। लोग सोचते है कि यह कोई शाकाहारी ढाबा है जिसका मालिक कोई हिंदू होगा। लेकिन 15 साल से चल रहे इस ढाबे का मालिक मोहम्मद अनस सिद्की है। आगरा मथुरा रोड पर ‘श्री खाटू श्याम ढाबा’ वर्षों से चल रहा है। लोग धोखे में यहां पर शुद्ध शाकाहारी भोजन खोजते हुए पहुँच जाते है जबकि इसके मालिक का नाम मोहम्मद इरशाद है। बरेली में ‘चौधरी स्वीट्स’ के मालिक का नाम अहमदमियाँ है।


🚩अब तो ‘अग्रवाल स्वीट्स’ के मालिक भी मुस्लिम बने बैठे है, जहाँ से हिंदू बड़े चाव से अपने मनपसंद व्यंजन खरीदते है जबकि उन्हें पता ही नहीं की इस में कितने मोमिनो का थूक मिला हुआ है। बिहार में चलने वाली एक दुकान जिसका नाम ‘अर्जुन सिंह’ था यहाँ पर इसका मालिक मोहम्मद उजियार आलम निकला जो हिंदू बनकर अपनी दुकान पर हिंदू लड़कियों से छेड़छाड़ किया करता था। हरिद्वार रोड पर ‘न्यू गणपति टूरिस्ट ढाबा’ चलता है जिसका मालिक मोहम्मद वसीम है।


🚩मुजफ्फरनगर के हाईवे NH 58 पर स्थित ‘ओम शिव वैष्णव ढाबा’ चलता है जिसका मालिक मोहम्मद आदिल है। खुलासा होने के बाद आजकल इसने अपने ढाबे का नाम बदलकर ‘वेलकम टू पिकनिक पॉइंट टूरिस्ट ढाबा’ कर दिया है। हर की पैड़ी पर बहुत सारे भोजनालय चलते है जबकि उनके मालिक भी मुस्लिम है। इसी प्रकार एक आरोपी को जब पकड़ा गया तो उसने अपना नाम चुन्नू बताया लेकिन आधार कार्ड पर देखने के बाद पता लगता है कि इसके अब्बा का नाम मोहम्मद मुनीर था, जबकि नगर निगम के उपनियमों के अनुसार हर की पैड़ी क्षेत्र में गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है।


🚩खतौली में ‘शिव पंजाबी ढाबा’ चलता है जिसका मालिक भी मुस्लिम ही निकला। दिल्ली के किशनगंज बाजार में एक मुस्लिम युवक द्वारा राम मीट शॉप खोली गई बाद में खुलासा होने पर यह भी विक्टिम कार्ड खेलने लगा। उत्तर प्रदेश में ही राज मेहंदी स्टोर के नाम से बहुत सी दुकान चलती हैं जो हिंदू बहुलक क्षेत्र में जानबूझकर खोली जाती हैं और हिंदू लड़कियों को मेहंदी लगाने के नाम पर खुल्लम-खुल्ला ‘लव जिहाद’ को प्रमोट करते है।


🚩मथुरा में ताजमहल नाम से एक होटल चलता है जिसका मालिक जमील अहमद है जबकि मथुरा के मंदिर एरिया में नॉनवेज की बिक्री प्रतिबंधित है। लेकिन नाम बदलकर यह लोग नॉनवेज का धंधा भी चलाते हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें ‘श्री लक्ष्मी शुद्ध फैमिली ढाबा’ दिखाई दे रहा था जबकि इसका मालिक मोहम्मद शमशेर था। धार मध्य प्रदेश में हिंदू देवता साँवड़िया के नाम से मोहम्मद इलियास दुकान चलता था।


🚩अब एक बात सोचिए कि जब एक मुस्लिम झटके का मीट नहीं खा सकता, जब एक मौलाना अपनी भीड़ को यह कह रहा है कि तुम हिंदुओं की पूजा पाठ का प्रसाद मत खाओ यह हमारे दीन में हराम है पाप है। जब वह लोग टूथपेस्ट से लेकर चड्डी-बनियान, भोजन और साबुन-शैंपू व कपड़े, यहाँ तक की टूरिज्म भी हलाल सर्टिफाइड ही इस्तेमाल करते है ताकि इनकी इस्लामी अर्थव्यवस्था मजबूत हो और ये लोग यहाँ पर पूरी तरह कब्जा कर सके।


🚩ये लोग जो भी हमसे कमाते है उससे ही तो इनकी आर्थिक व्यवस्था और स्थिति मजबूत होती है, उसी का इस्तेमाल ये हमारे खिलाफ करते है तो फिर हिंदू क्यों मजबूर हो कि वह उनके हाथ का खाए। ईद के दौरान मुस्लिम घूम-घूमकर अपनी कम्युनिटी में कहते है कि वो सिर्फ मुस्लिमों की दुकानों से ही सामान खरीदे, हिंदुओं की दुकान से सामान ना खरीदे। जब उस पर किसी को कोई एतराज नहीं है तो फिर इन चीजों पर क्यों ऐतराज़ है? जिनके कारण अब तक काँवड़ यात्रा के दौरान काफी सारे सांप्रदायिक झगड़े पनप चुके हैं क्योंकि काँवड़िया यह सोचकर किसी भोजनालय में प्रवेश करता है कि यह किसी हिंदू का होगा लेकिन जैसे कि मैंने वीडियो की शुरुआत में ही बताया कि हमारे पास कई ऐसे उदाहरण है कि यह लोग हमारे धर्म के खिलाफ काम करते है, हमारे लोगों को जूठा खिलाते है, हमारे लोगों को पूज्य गाय माता का मांस खिलाते है हमारी बहन-बेटियों को झूठा नाम बताकर ‘लव जिहाद’ करते है, और उनको इस्लाम में कन्वर्ट करते है।


🚩यही लोग हिंदुओं के घरों में पहले नौकरी करते है और फिर उनकी बहन बेटियों के बाथरूम में कैमरा लगाकर वीडियो बनाते है उन्हें ब्लैकमेल करते है तो फिर जब एक शिव भक्त को पता लगेगा कि इसका असली मालिक एक मुस्लिम है तो क्या वह प्रतिक्रिया नहीं देगा। झूठ बोलकर व्यापार क्यों करना है हिंदुओं के साथ? इस बात पर कोई बात नहीं कर रहा है। इसी कारण फिर झगड़ा होते है और फिर यही अब्दुल जो वैष्णो देवी के नाम से ढाबा खोल कर बैठा है यही फिर विलाप करता है। किसी ने सोशल मीडिया पर मुजफ्फरनगर पुलिस के इस आदेश की मुखालफत करते हुए कहा कि हमारे मुस्लिम देशों में भी हिंदू जाते है वहाँ पर वह लोग व्यापार करते है लेकिन उनके साथ तो ऐसा नहीं होता लेकिन सवाल यह है कि क्या हिंदू लोग मक्का-मदीना या हिजरत के रास्ते में ढाबे खोलकर बैठे हुए है क्या उन्होंने हाजियों को कभी धोखा हुआ खिलाया क्या उन्होंने कभी हजरत करने वालों को थूक कर पानी पिलाया?


🚩अरे यह सब तो छोड़िए, हिंदू जिनको कि मुस्लिम की किताबों में काफिर प्रजाति बताया गया है वह लोग तो उसे रास्ते पर भी कम नहीं रख सकते, मक्का मदीना की तो बात ही छोड़ दो और यही नहीं भारत के मुस्लिम भी इस बात का पक्ष लेते है कि जब हिंदू इस्लाम को मानते नहीं या फिर उनकी आस्था हमारे मजहब में नहीं है तो फिर वह उसे स्थान पर जाएँ ही क्यों? वही भारतीय मुस्लिम आज दोगलेपन की सीमाएं पार करके हल्ला मचा रहे है?


🚩क्या यह लोग कभी खुद को आईने में नहीं देखते? क्या जो हिंदू मुस्लिम देशों में अपने होटल या ढाबे चला रहे है वो वहाँ के मुस्लिमों को झटके का मीट चोरी छिपे खिलाते है? क्या उनके भोजन में थूकते है? या फिर इस्लाम में अभक्ष्य जानवर के गोश्त के समोसे उनको खिलाते है? इन बातों का जवाब किसी के पास नहीं होता। ये लोग सिर्फ विरोध करने के लिए पैदा हुए है। ये लोग सिर्फ हिंदुओं के देवी-देवताओं को गाली देने के लिए पैदा हुए है।


🚩और अगर कोई इनको इन्हीं की दवाई चखा दे तो फिर इनका रोना स्टार्ट हो जाता है। संविधान से पहले कुरान बताने वाले देश से पहले इस्लाम बताने वाले आज सही सुनता और भाईचारा पर बड़े-बड़े भाषण दे रहे है तो ऐसा लगता है जैसे इनकी फूफी मियाँ खलीफा ब्रह्मचर्य पर तकरीर कर रही हो। मेरा तो बस इसे इतना ही कहना है कि तुमको हिन्दू नामों से, भगवानों से इतना ही प्यार है तो क्यों नहीं तुम हिन्दू ही बन जाते हो घर-वापसी करके? सारा झगड़ा ही खतम हो जाएगा।


🚩हर साल ‘शिव ढाबे’ वाला सलमान भी काँवड़ लेकर जाए, ‘शिव शक्ति ढाबे’ वाला शाहरूख घर में जगराता करवाए और वैष्णो ढाबे वाला जफरूल अपने घर हवन करवाए। जगह-जगह पर काँवड़ियों के लिए जल के प्याऊ लगवाए जैसे हिंदू उनके लिए निशुल्क भंडारे और छोटे-छोटे चिकित्सालय खुलवाते है। उससे भी अधिक पवित्रता के साथ भोजन परोसने का इंतजाम करवाए तो कितना अच्छा भाईचारे का माहौल बने और हिंदू चाहकर भी इनके ढाबों का विरोध ना कर पाए।


🚩या फिर यह भाईचारा केवल तभी बनता है जब कोई पुजारी अपने मंदिर में इफ्तारी पार्टी करवाता है या फिर हिंदू जालीदार टोपी पहनकर ईद की मुबारक बात देता घूमता है या फिर एंबुलेंस और स्कूल बसें एक साइड रोककर इनकी नमाज के लिए सड़क पर जगह देता है। हिंदू समाज आज उसे दोगलेपन को जानना चाहता है जिसके तहत हमारी आस्था का मजाक बनाना और फिर हमसे ही पैसा कमाना… सिर्फ यही उन्हें अच्छा लगता है। और या फिर तब तुमको किताब की आयतें याद आ जाती हैं? “काफिरों को अपना दोस्त ना बनाओ..”- (5:51), तुम कीचड़ में डूब क्यों नहीं मरते?


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Friday, July 19, 2024

मुहर्रम पर ताजिए का जुलूस ही नहीं निकला, देशभर के कई इलाकों में हुई हिंसा

मुहर्रम पर ताजिए का जुलूस ही नहीं निकला, देशभर के कई इलाकों में हुई हिंसा 20 July 2024 https://azaadbharat.org
🚩मुहर्रम के मौके पर देश के अलग-अलग इलाकों से हिंसा की खबरें सामने आई है। कहीं ताजिया निकालने के रूट को लेकर विवाद में लाठी डंडे चले तो कहीं हिन्दुओं को घर में घुसकर पीटा गया। इसके अलावा डीजे बजाने को लेकर भी बवाल और पथराव हुआ। देश के अलग-अलग हिस्सों में फिलिस्तीन का झंडा लहराया गया, इसको लेकर भी बवाल हुआ। पुलिस को मुहर्रम जुलूस के दौरान शान्ति व्यवस्था बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। 🚩प्रयागराज: ताजिया निकालने वालों ने घर में घुसकर हिन्दुओं को पीटा 🚩प्रयागराज के लालापुर इलाके के अमिलिया गाँव में बुधवार (17 जुलाई, 2024) को मुहर्रम का जुलूस निकाला जा रहा था। यह लोग ताजिया लेकर जुलूस निकाल रहे थे। जब यह जुलूस गाँव में ही रहने वाले अधिवक्ता अवधेश कुमार के घर के पास पहुँचा तो जुलूस में शामिल युवकों ने हुल्लड़ मचाना चालू कर दिया। यह युवक अवधेश कुमार की दीवाल पर चढ़ गए। 🚩जब उनको ऐसा करने से मना किया गया तो उन्होंने अवधेश कुमार के परिवार पर हमला बोला दिया। अवधेश कुमार के साथ ही उनके बेटे और बेटी पर तलवार और कट्टों से हमला किया गया। बीच बचाव करने आए आस पडोस के लोगों पर भी मुहर्रम निकाल रहे लोगों ने हमला किया। इस हमले में अवधेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। 🚩इलाके में तनाव कम करने के लिए भारी पुलिस और PAC बल को तैनात किया गया है। मामले में FIR भी दर्ज कर ली गई है और 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अवधेश कुमार ने घर से ₹3 लाख के गहने लूटने का आरोप भी इमरान, मिराज, सरताज समेत 10-12 लड़कों पर लगाया है। 🚩बरेली: डीजे बजाने को लेकर विवाद, पुलिस पर भी हमला 🚩उत्तर प्रदेश के बरेली में भी मुहर्रम पर जम कर हिंसा हुई। बरेली के अलीगंज इलाके में डीजे बजाने को लेकर काफी बवाल हुआ। जानकारी के अनुसार, बरेली के अलीगंज इलाके में मुहर्रम के मौके पर निकाले जानेवाले जुलूस को लेकर पहले सहमति बनी थी की मुस्लिम बड़ा डीजे नहीं लाएँगे। हालाँकि, उन्होंने यह बाद में नहीं माना और बुधवार को दो बड़े डीजे बाहर से मँगा लिए। इसको लेकर हिन्दू संगठनों ने विरोध किया। इसके बाद शाम को थाने और पुलिस की गाड़ी पर भी पथराव हो गया। बाद में पुलिस बल लगाकर मामला शांत करवाया गया। 🚩भीलवाड़ा: भगवा झंडे को लातों तले रौंदा भीलवाड़ा के कोटड़ी कस्बे में मुस्लिमों ने मुहर्रम जुलूस के दौरान भगवा झंडा हटाया और उसे रौंदा, यह आरोप हिन्दू संगठनों ने लगाया। हिन्दू संगठनों ने इस मामले में कारवाई की माँग की है। हिन्दू व्यापारियों ने इसके विरोध में बाजार भी बंद कर दिया। हिन्दू संगठनों ने आरोप लगाया कि जुलूस में शामिल लोगों ने जानबूझकर हिन्दू पताकाओं का अपमान किया है। 🚩जालौन: दो गुटों में पथराव, लाठी डंडे चले उत्तर प्रदेश के जालौन में भी मुहर्रम को लेकर बवाल हुआ। यहाँ डकोर कोतवाली क्षेत्र के मुहम्मदाबाद गाँव में मुस्लिमों के दो गुट आपस में ही भिड गए। बताया गया कि गाँव में दो ताजी के जुलूस निकल रहे थे। यह दोनों ही आपस में पहले ताजिया निकालने को लेकर आपस में भिड़े। इसके बाद पथराव और लाठी डंडे चले। इसमें कई लोग घायल हो गए। इसके बाद से इलाके में तनाव बना हुआ है और पुलिस बल को तैनात किया गया है। 🚩हजारीबाग: दो पक्षों के बीच बवाल, पथराव झारखंड के हजारीबाग के बड़कागाँव थाना क्षेत्र के नयाटांड में भी दो पक्षों के बीच हिंसा हो गई। दरअसल, इस इलाके रामनवमी और मुहर्रम के जुलूस को लेकर पिछले कुछ समय से विवाद है। इसी को लेकर दो युवक धरने पर बैठे हुए थे। उनको गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद जब इसी रूट पर मुहर्रम का जुलूस निकला तो बवाल हो गया। इसके बाद स्थिति बिगड़ गई और पथराव होने लगा। इस पथराव में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। अब इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है। 🚩धनबाद: बदल दिया मुहर्रम का रूट, पथराव धनबाद के पांडरपाला इलाके में मुहर्रम जुलूस का रूट बदलने को लेकर हिंसा हुई। बताया गया कि पांडरपाला इलाके में मुहर्रम का जुलूस कुम्हार टोला में पहुँचा तो रास्ते को लेकर दूसरे पक्ष ने प्रश्न उठाए। इसके बाद बवाल चालू हुआ। यहाँ थोड़ी देर में ही पथराव होने लगा। बताया गया कि इसके बाद घरों पर पत्थर फेंके गए। बताया गया कि दोनों पक्षों ने एक दूसरे के घरों पर लाठी डंडों से भी हमला किया। पुलिस ने यहाँ बल प्रयोग किया। झारखंड में ही बिहार झारखंड सीमा पर भी बड़ा बवाल हुआ और पथराव किया गया। 🚩मोतिहारी: आपस में ही भिड़े मुस्लिम, चली लाठी-गोली 🚩बिहार के मोतिहारी में मुहर्रम के मौके पर मुस्लिमों के दो पक्ष ही पास में भिड गए। बताया गया कि यहाँ भी रूट को लेकर विवाद हुआ। यहाँ के नकरदेई गाँव में एक जुलूस निकल रहा था। इस दौरान दूसरे मुस्लिम पक्ष के लोग बवाल करने लगे। दोनों पक्ष के बीच पथराव भी होने लगा। इसके बाद जुलूस निकाल रहे लोगो ने नईम खान के घर पर फायरिंग कर दी और लाठियों से हमला कर दिया। बाद में पुलिस ने पहुँच कर मामला शांत करवाया। 🚩संथाल परगना में दिखाया फिलिस्तीन का झंडा झारखंड के दुमका में मुहर्रम के जुलूस के दौरान फिलिस्तीन का झंडा लहराया गया। बताया गया कि दुधानी इलाके में मुहर्रम का जुलूस निकालने के दौरान कुछ युवक फिलिस्तीन का झंडा लहराने लगे। इसके बाद एक बस पर चढ़कर करतब दिखाया गया। यह फोटो फेसबुक पर भी वायरल की गईं। 🚩झारखंड के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, “संथाल परगना में आदिवासी समाज को भगाकर अब घुसपैठियों का मन इतना बढ़ गया है कि झारखंड की उप राजधानी दुमका जो हेमंत सोरेन जी का कर्म क्षेत्र है वहाँ आज मुहर्रम के जुलूस में फ़िलिस्तीन का झंडा लहराया गया । गृह मंत्रालय को जाँच कर देशद्रोही तालिबानी समर्थकों को फाँसी दिलाना चाहिए।” https://x.com/OpIndia_in/status/1813904306829176855?t=ByuyqkOHD-EPtcz2cqncXQ&s=19 🚩श्रीनगर में भी लहराया फिलिस्तीन का झंडा श्रीनगर में मुहर्रम के जुलूस के दौरान फिलस्तीन के झंडे लहराए गए। इसकी कई फोटो और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने कारवाई करते हुए कई युवकों को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। 🚩राहुल गांधी बोल रहा था की हिंदू हिंसा करते है, किसी भी हिन्दू त्यौहार पर हिंसा नहीं हुई, मुस्लिम के हर त्योहार पर हिंसा होती है ऐसा क्यों? अभी भी राहुल गांधी को कोई प्रमाण चाहिए की केवल झूठ ही फैलाते रहेंगे? 🔺 Follow on 🔺 Facebook https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/ 🔺Instagram: http://instagram.com/AzaadBharatOrg 🔺 Twitter: twitter.com/AzaadBharatOrg 🔺 Telegram: https://t.me/ojasvihindustan 🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg 🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Thursday, July 18, 2024

सर तन से जुदा’ की नारेबाजी वाले हो गए बरी, यह ‘न्याय’ आपको कचोटता नहीं?

‘सर तन से जुदा’ की नारेबाजी वाले हो गए बरी, यह ‘न्याय’ आपको कचोटता नहीं? 18 July 2024 https://azaadbharat.org
🚩राजस्थान में जून की भयानक मोगर्मी थी। इस बीच नूपुर शर्मा द्वारा इस्लाम के मोहम्मद पैगंबर पर दिए गए बयान को मुद्दा बनाकर देश को झुलसाने की कोशिश की जा रही थी। 17 जून 2022 का दिन था। नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में अजमेर में मौन जुलूस निकाला जा रहा था। लगभग 3000 लोगों वाली जुलूस जब अजमेर शरीफ दरगाह के पास पहुँचा तो वहां मजमा लगा दिया गया। 🚩रिक्शे पर लाउडस्पीकर लगाकर भड़काऊ भाषण दिया जाने लगा। इस्लाम और रसूल की निंदा करने पर मौत की सजा की बात कही जाने लगी। इस दौरान लाउडस्पीकर से ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए। भीड़ भी उन्माद में आकर ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाने लगी। इस पूरे जुलूस का नेतृत्व कर रहा था अजमेर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती। 🚩चिश्ती ने मौन जुलूस के नाम पर परमिशन लिया था। प्रशासन ने उसे समझाया भी था कि जुलूस में किसी तरह की भड़काऊ बयानबाजी या नारे नहीं लगने चाहिए। हालाँकि, गौहर चिश्ती ने इस चेतावनी को अपने पैरों की जूती पर लिया। जुलूस में जमकर भड़काऊ नारे लगाए गए। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। राजस्थान पुलिस के कॉन्स्टेबल जयनारायण जाट ने भी अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया था। 🚩इसको लेकर वायरल वीडियो में दरगाह के बाहर गौहर ने कहा था, “हम अपने हुजूर की शान में गुस्ताखी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। गुस्ताख-ए-रसूल की एक सज़ा… सर तन से जुदा, सर तन से जुदा। अपने आका की इज्जत के लिए हम सर कटाने को तैयार हैं। नूपुर ने हमारे आका की शान में गुस्ताखी की है इसलिए उसे जीने का हक नहीं है। नूपुर शर्मा मुर्दाबाद।” 🚩इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज करके गौहर चिश्ती सहित 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। हालाँकि, स्थानीय कोर्ट ने मंगलवार (16 जुलाई 2024) को इन सभी आरोपितों को बरी कर दिया। वहीं, एक अन्य आरोपित फरार है। उसे जमानत पर रिहा किया था,लेकिन वह फरार हो गया। उसको लेकर कोर्ट ने अभी कोई निर्णय नहीं दिया है। 🚩इस तरह के छोटी-छोटी रैलियाँ और जुलूस देश के अलग-अलग हिस्से में हो रहे थे और देश में माहौल को गर्म रखने की कोशिश जारी थी। समय गुजरता जा रहा था, लेकिन इसका असर दिखता रहा। दिन था 28 जून 2022 का उदयपुर में कन्हैयालाल नाम का एक दर्जी की गला काटकर सार्वजनिक रूप से हत्या कर दी गई थी। 🚩इस दौरान आरोपित मोहम्मद रियाज़ अंसारी और मोहम्मद गौस ने गला काटने का वीडियो भी बनाया था। कन्हैयालाल की गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए अपने व्हाट्सऐप स्टेटस पर एक पोस्ट लगा दिया। हालाँकि, यह पोस्ट कन्हैया लाल के लड़के ने लगाया था। इसके बावजूद रियाज और गौस ने कन्हैयालाल की गला काटकर हत्या कर दी। 🚩कन्हैयालाल की हत्या के तार गौहर चिश्ती से भी जुड़े यह सामने आया था। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि कन्हैयालाल की हत्या के बाद रियाज और गौस भागकर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती के पास अजमेर ही आ रहे थे। हालाँकि, शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह नाम के दो युवकों ने इन दोनों आरोपितों को दौड़कर पकड़ लिया था और पुलिस के हवाले कर दिया था। 🚩रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि गौहर चिश्ती 17 जून 2022 को उदयपुर भी गया था। वहाँ उसने ‘सर कलम करने’ के नारे लगवाए थे। वहाँ उसकी मोहम्मद रियाज से मुलाकात की बात भी कही गई थी। बताया जा रहा है कि गौहर चिश्ती ने ही रियाज और गौस को कन्हैयालाल के कत्ल का वीडियो बनाने को भी कहा था। हालाँकि, रास्ते में ये दोनों पकड़े गए थे। 🚩गौहर चिश्ती के इन कारनामों के दो साल बाद आखिरकार कोर्ट ने उसे सारे आरोपों से मुक्त कर दिया। इतना ही नहीं, गौहर चिश्ती के साथ ही उसके पाँच अन्य आरोपितों को भी रिहा कर दिया गया। इस मामले में अदालत का पूरा निर्णय अभी सामने नहीं आया है लेकिन दोनों पक्ष के वकीलों की बातों से साफ लगता है कि मामला साक्ष्य की कमजोरी का है। 🚩 आरोपियों की ओर से कोर्ट में पेश वकील अजय वर्मा का कहना है कि भड़काऊ नारे वाले जो भी वीडियो सामने आए थे, उनका सत्यापन नहीं हो पाया है। पुलिस ने मौके का नक्शा नहीं बनाया और जो पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे, वे भी अपनी मौजूदगी के दस्तावेज पेश नहीं कर पाए। वकील ने कहा कि कोर्ट ने इस संबंध में पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाया और सभी आरोपितों को बरी कर दिया। 🚩इससे साफ लगता है कि पुलिस ने इस मामले की पैरवी ढंग नहीं कर पाई। जो वीडियो वायरल हुआ, उसका सत्यापन नहीं करा पाना भी एक बड़ी नाकामी है। जिस पुलिसकर्मी जयनारायण जाट ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वे घटना के दिन ड्यूटी निजाम गेट पर थी। इस बात को भी जाट एवं अन्य पुलिसकर्मी पेश नहीं कर पाए। 🚩इस मामले में दो साल पूरा होते ही इन आरोपियों के मामले में फैसला हो गया और वे दोषमुक्त होकर बाहर आ गए। हालाँकि, सरकार इस फैसले को आगे हाई कोर्ट में चुनौती देती है तो वो अलग बात है। हालाँकि, कन्हैयालाल के परिजन आज भी न्याय की आस में बैठे है। कन्हैयालाल के बेटे ने ऐलान किया है कि जब तक उसके पिता को न्याय नहीं मिलता, तब तक वह नंगे पैर रहेगा। 🚩इतना ही नहीं, मृत कन्हैयालाल की हत्या के दो साल बाद भी उनकी अस्थि कलश विसर्जन की बाट जोह रही है। उनके हत्यारों को सजा हो तो परिवार उनकी अस्थि को पवित्र नदियों के जल में प्रवाहित करे। हालाँकि, नजदीकी भविष्य में इसकी गुंजाइश कम दिखती है। उधर, मामला सामने आने के बाद अजमेर दरगाह पर लोगों की आवाजाही कम हो गई थी, लेकिन फिर से वहाँ चहल-पहल बढ़ गई है। - ओप इंडिया 🚩जिस गली में कन्हैयालाल की दुकान थी और जहाँ उनका घर है, वहाँ आज भी दहशत का माहौल है। हर तरफ एक भयानक खामोशी फैली हुई थी। उस गली से गुजरने की आज भी कोई हिम्मत नहीं जुटा पाता है। वहाँ के हालात आज भी सामान्य नहीं हो पाए हैं। अगर कन्हैयालाल के हत्यारों को सजा मिल भी जाए और उनकी अस्थियों को प्रवाहित कर भी दी जाए तो गलियों का डर दशकों तक कंपकंपी पैदा करती रहेगी। 🔺 Follow on 🔺 Facebook https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/ 🔺Instagram: http://instagram.com/AzaadBharatOrg 🔺 Twitter: twitter.com/AzaadBharatOrg 🔺 Telegram: https://t.me/ojasvihindustan 🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg 🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Wednesday, July 17, 2024

ASI सर्वे: भोजशाला में ब्रह्मा-गणेश-नरसिंह-भैरव की मिली प्रतिमाएं

ASI सर्वे: भोजशाला में ब्रह्मा-गणेश-नरसिंह-भैरव की मिली प्रतिमाएं 18 July 2024 https://azaadbharat.org
🚩मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की सर्वे रिपोर्ट को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जमा कर दिया गया है। इस रिपोर्ट में सर्वे में मिली सभी संरचनाओं की जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में सर्वे के दौरान मिली मूर्तियों, सिक्कों और चिन्हों के विषय में जानकारी दी गई है। 🚩आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सर्वे के दौरान चाँदी, तांबे, एल्युमिनियम और स्टील के 31 सिक्के पाए गए है। यह सिक्के अलग-अलग ऐतिहासिक समय के है। इसमें दिल्ली के सल्तनत काल, मुग़ल काल और अलग-अलग समय के हैं। सिक्कों के अलावा 94 वास्तुशिल्प भी मिले है। इनमें मूर्तियाँ, मूर्तियों के खंडित हिस्से और पत्थरों पर उकेरी प्रतिमाएं शामिल है। 🚩इस सर्वे में यह भी पाया गया है कि यहाँ के स्तम्भों पर मूर्तियां उकेरी गई थी। इन पर बने हुए देवता सशस्त्र थे। बताया गया कि इन छवियों में ब्रम्हा, गणेश, नरसिंह और भैरव के साथ ही पशुओं की आकृतियाँ भी है। इनमें कुछ मानव आकृतियाँ भी है। 🚩इसके अलावा इस परिसर के एक हिस्से में भित्तिचित्रों में मानव औए सिंह समेत कई पशुओं के मुख वाली आकृतियाँ भी है। एक हिस्से में यह विकृत की गई थी जबकि कुछ जगह यह सुरक्षित थी। यहाँ कई शिलालेख भी मिले है। इनमें कई रचनाएँ लिखी हुई है। इन रचनाओं से भोजशाला के रूप में जानकारी मिलती है। 🚩बताया गया है कि सर्वे में मिले एक शिलालेख में यहां परमार वंश के राजा नरवर्मन का शासन था। इससे इंगित होता है कि यहां मुस्लिमों के शान करने से पहले हिन्दू शासक, शासन कर रहे थे। रिपोर्ट में यहाँ से मिले अन्य कई शिलालेख और चिन्ह को रिपोर्ट में जगह दी गई है। यह रिपोर्ट 2000 पेज की है। 🚩इस मामले में हिन्दू पक्ष के याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने ऑपइंडिया को बताया, “हिन्दू पक्ष की याचिका पर हाई कोर्ट ने यहाँ सर्वे का आदेश ASI को दिया था। यहाँ 98 दिन तक सर्वे चला। इस सर्वे में 1700 से अधिक अवशेष मिले है। इनमें 39 से अधिक मूर्तियाँ और प्रतिमाएँ है। इनमें गदा, पद्म, कमल और स्तम्भ के टुकड़े है। अब इस विषय में 22 जुलाई, 2024 को कोर्ट में सुनवाई है। हम इस मामले में कोर्ट से रिपोर्ट सार्वजनिक करने की अपील करेंगे।” 🚩मालूम हो कि इस संबंध में हिंदू पक्ष ने याचिका डाली हुई है कि भोजशाला उनकी माँ वाग्देवी का मंदिर है। वहीं मुस्लिम पक्ष इसे अपना मजहबी स्थल बताकर सर्वे के खिलाफ बोल रहे है। इस मामले में 11 मार्च को इंदौर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सर्वे की अनमुति दी थी। 22 मार्च से सर्वे शुरू हुआ, 1 अप्रैल को मुस्लिम पक्ष इसे रोकने सुप्रीम कोर्ट पहुँचा, 29 अप्रैल को एएसआई के आवेदन पर सर्वे की समयसीमा और बढ़ाई गई, अब इस मामले में ASI ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है। 🚩वाग्देवी मंदिर कैसे बना कमालुद्दीन मस्जिद 🚩गौरतलब है कि भोजशाला विवाद बहुत पुराना विवाद है। हिंदू पक्ष का मत है कि ये माता सरस्वती का मंदिर है जिसकी स्थापना राजा भोज ने सन् 1000-1055 के मध्य कराई थी। सदियों पहले मुसलमान आक्रांताओं ने इसकी पवित्रता भंग करते हुए यहाँ मौलाना कमालुद्दीन (जिस पर तमाम हिंदुओं को छल-कपट से मुस्लिम बनाने के आरोप है) की मजार बना दी थी जिसके बाद यहाँ मुस्लिमों का आना जाना शुरू हो गया और अब इसे नमाज के लिए प्रयोग में लाया जाता है। हालाँकि हिंदू पक्ष का कहना है कि ये उनका मंदिर ही है क्योंकि आज भी इसके खंभों पर देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत में श्लोक लिखे साफ दिखते हैं। इसके अलावा दीवारों पर ऐसी नक्काशी है जिसमें भगवान विष्णु के कूर्मावतार के बारे में दो श्लोक हैं। 🔺 Follow on 🔺 Facebook https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/ 🔺Instagram: http://instagram.com/AzaadBharatOrg 🔺 Twitter: twitter.com/AzaadBharatOrg 🔺 Telegram: https://t.me/ojasvihindustan 🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg 🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ