जब पत्रकारिता में स्वतंत्रता है तो फिर सुदर्शन न्यूज के सुरेश चव्हाणके की क्यों हुई गिरफ्तारी?
हमारे
संविधान में लिखा है और हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी
कहा है कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और उसे स्वतंत्रता का पूरा
अधिकार है। तो फिर क्यों सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक पर ये कार्रवाई
की गई है ?
SURESH CHAWANKE, SUDARSHAN NEWS |
जबकि
कई पत्रकार बरखा दत्त, राजसर देसाई आदि खुल्ले आम पाकिस्तान और
आतंकवादियों का समर्थन करते दिखे हैं लेकिन उनकी न ही आजतक गिरफ्तारी हुई
है और न ही कोई भी FIR हुई है।
आखिर ऐसा क्यों..???
सुदर्शन
न्यूज पर की गई कार्रवाई से तो साफ जाहिर है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष
पत्रकारिता पर हमला किया जा रहा है, क्योंकि सुदर्शन न्यूज के प्रधान
संपादक ने कहा था कि वो एक पत्रकार की हैसियत से संभल जाएंगे। जबकि संसद
में राज्यसभा के सासंद ने संभल मामले को ऐसे पेश किया, जैसे सुरेश चव्हाणके
जी अपने साथ हिंदुओं की सेना लेकर जा रहे हैं।
अपनी गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए सुरेश चव्हाणके जी ने कहा कि, "मुझ पर निराधार एफआईआर दर्ज की गई है।"
पत्थरबाजों
का खुला समर्थन करने वाला कोई एक भी आज तक छुआ नहीं गया । मैंने
पत्थरबाजों का विरोध किया तो मुझे मिली ये सजा - सुरेश चाव्हाणके
उत्तर
प्रदेश पुलिस ने सुदर्शन न्यूज के संपादक और सीएमडी सुरेश चव्हाणके को
लखनऊ एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। आज संभल में उनका कार्यक्रम था ।
एक मुल्ले के आगे देश की सत्ता झुकती है ,यह सिद्ध हो गया ।
सुदर्शन
न्यूज के मुख्य एडिटर सुरेश चव्हाणके को मौलाना बाबर द्वारा धमकी मिली कि
सम्भल में सुरेश चव्हाणके शिव मंदिर में मत्था टेकने आते हैं तो उनका सर
धड़ से अलग कर दिया जाएगा और पैर काट देगे । वे सम्भल न आये, और तो और अगर
वह मत्था टेकना चाहते हैं तो उन्हें इस्लाम स्वीकार करना पड़ेगा और नमाज
पढ़नी पड़ेगी तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा । यह मुसलमान शिव मंदिर
को जामा मस्जिद कहते हैं ।
यह वही मन्दिर है जहाँ मुसलमानों ने पिछले 35 वर्षों से पूजा पाठ बन्द करवा दिया है ।
यह वही मन्दिर है जहाँ मुसलमानों ने पिछले 35 वर्षों से पूजा पाठ बन्द करवा दिया है ।
दरअसल
यह जितने भी मुल्ले धमकी दे रहे हैं वह वर्तमान सरकार के मुँह पर थूक रहे
हैं । जिन्होंने चुनाव से पहले हिन्दू हितकारी बहुत बड़ी-बड़ी बातें की पर
करके कुछ नहीं दिखाया ।
सुरेश चव्हाणके जी के साथ-साथ देश के लिए ये बेहद पीड़ा का विषय है ।
श्री
सुरेश चव्हाणके जी का कहना है कि "कश्मीर में सेना प्रमुख तक को गुंडा
बोलने वालों के विरुद्ध जिस समाजवादी सांसद जावेद अली ने आज तक आवाज नहीं
उठाई उसे सम्भल के पत्थरबाजों का विरोध करने वाले सुरेश चव्हाणके से इतनी
पीड़ा क्यों और किस बात की हो गयी ?"
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने सेना , राष्ट्र , धर्म आदि के सम्मान से ना ही कभी समझौता किया है और ना ही आगे कभी करेंगे।
समाजवादी
पार्टी के सांसद जावेद अली के लिए उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि वो सम्भल
के साथ साथ कश्मीर के पत्थरबाजों के विरोध में अपनी आवाज बुलंद करके उनका
समर्थन करने वाले नेताओं के खिलाफ ठीक वैसी ही आवाज उठायें जैसी उन्होंने
राष्ट्र , धर्म , न्याय और नीति की बात करने वाले सुदर्शन न्यूज के विरुद्ध
उठाई है ।
श्री
सुरेश चव्हाणके जी के अनुसार उन्हें किसी भी प्रकार से,किसी भी दबाव
द्वारा,चाहे वो शारीरिक हो या मानसिक दबाया नहीं जा सकता है। वो अपने
राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए छेड़े गए अभियान को सदा गति देते रहेंगे
भले ही इसके लिए उन्हें अपने प्राणों का बलिदान ही क्यों ना देना पड़े ।
एक और हिंदुत्वनिष्ठ कानून की चपेट में !!
अगर
आप पिछले कुछ वर्षों पर ध्यानदेंगे तो आपको देखने को मिलेगा कि जो भी
हिन्दू संस्कृति की सेवा के लिए आगे आता है चाहे वो हिन्दू संत हो या
हिन्दू कार्यकर्त्ता उनको किसी न किसी निमित्त जेल ही भेजा जा रहा है ।
जिसके
कई उदाहरण हैं जैसे शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर,
स्वामी असीमानंद, संत आसारामजी बापू, नारायण साईं, धनंजय देसाई, और अब
हिन्दू धर्म में निष्ठा रखने वाले सुरेश चव्हाणके !!
इन
सबके जीवन पर दृष्टि डाले तो इन्होंने हिन्दू संस्कृति के उत्थानार्थ वो
कार्य किये हैं कि जिनकी जितनी भी प्रशंसा की जाये कम है ।
पर इसका परतोषिक क्या मिला इन्हें ???
जेल!!
और वहां भी जमानत जैसे मौलिक अधिकार से वंचित !!
आखिर क्या चाहती है हिंदुत्ववादी कहलाने वाली सरकार ???
क्यों एक के बाद एक हिंदुत्वनिष्ठ जेल में ???
अब
समय आ गया है जब हिंदुओं को आपसी मनमुटाव छोड़कर एकजुट होना होगा और
हिंदुत्वनिष्ठों के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध आंदोलन छेड़ना होगा नहीं
तो एक दिन ऐसा आएगा जब कोई हिन्दू संस्कृति के लिए आगे नहीं आयेगा,आवाज
नहीं उठाएगा ।
जागो हिन्दू !!