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Sunday, January 3, 2021

भास्कर हिंदू विरोधी : देवी-देवताओं के अपमान पर चुप रहने की सलाह दे रहा है

03 जनवरी 2021


कई समय से हिन्दू देवी-देवताओं को अपमानित करने और हिंदूवादी संगठनों के खिलाफ बेतुकी बयानबाजी करने वाले कथित कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी (Munawar Faruqui) की शुक्रवार (जनवरी 01, 2021) शाम कुछ लोगों ने पिटाई कर डाली। ‘दैनिक भास्कर’ जैसे मीडिया संस्थानों को हमेशा से ही अपमानित होते आ रहे लोगों की प्रतिक्रिया से आपत्ति है।




समाचार पत्र ‘दैनिक भास्कर’ ने इस घटना के सम्बन्ध में जो खबर प्रकाशित की हैं उसका शीर्षक है, “हिंदूवादी नेताओं की गुंडागर्दी: देवताओं और अमित शाह पर टिप्पणी का आरोप, शो में कॉमेडियन को पीटा।”

जाहिर सी बात है कि ‘भास्कर’ ने यहाँ पर मुनव्वर फारूकी (Munawar Faruqui) की कुटाई करने वाली भीड़ के प्रति अपना फैसला सुनाते हुए यह शीर्षक लिखा है। साथ ही, यह समाचार पत्र चाहता है कि हिन्दुओं को अपमानित कर अपना ‘कॉमेडी’ का करियर बनाने की चाह रखने वाला हर दूसरा आदमी इसी तरह से मनचाही बयानबाजी कर एक बड़े समूह को लज्जित करता रहे और वह समूह इन सभी बातों का विरोध भी न करे।

यानी, मुनव्वर फारूकी भगवान राम से लेकर जला कर मार दिए गए कारसेवकों का मजाक उड़ाता रहे, तब मीडिया की नजरों में वह ‘कॉमेडी’ है और जब हिन्दुओं ने इसका विरोध किया तो वह गुंडागर्दी हो गई। निश्चित रूप से किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता लेकिन किसी भी तरह के उकसावे को भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है। ऐसे में, विरोध को ‘गुंडई’ कह देना भी एक तरह से हिन्दू घृणा से सनी मीडिया द्वारा फारूकी जैसों के कारनामों का समर्थन ही है।

वास्तव में, सोशल मीडिया के बढ़ते चलन ने यह साबित भी किया है कि हिन्दुओं को या उनके देवी-देवताओं को लगातार अपमानित कर, उनकी भावनाओं को निरंतर आहत कर एक वर्ग-विशेष का चहेता बनने की इच्छा रखने वाले रातों-रात ‘स्टार’ भी बन गए। लेकिन यह अब एक चलन के साथ ही एक बढ़िया करियर विकल्प भी बनकर उभरा है और हिन्दू विरोधी घृणा से सने लोग इसे अवसर की तरह देखने लगे हैं।

लेकिन मीडिया का इन सब विषयों पर लिया गया पक्ष हैरान करता है। यदि मुनव्वर फारूकी की पिटाई करने वाले भीड़ ‘गुंडा’ थी तो फिर साल-दो साल से समाज एक एक बड़े वर्ग की भावनाओं का लगातार अपमान करने वाला फारूकी ‘कॉमेडियन’ कैसे कहा जा सकता है?

लेकिन ‘भास्कर’ चाहता है कि देवी-देवताओं को कोई गाली दे तो आप सुनते रहें और कोई प्रतिक्रिया ना दें। विरोध नहीं करें। और अगर आप ऐसा करेंगे तो यह गुंडई होगी। यह एकतरफा अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता इस देश के उदार और सेक्युलर वर्ग की पसंदीदा फैंटेसी बन चुकी है और मीडिया ने इसे जमकर भुनाया है। यह वही मुनव्वर फारुकी है, जिसने कॉमेडी के नाम पर माता सीता पर अभद्र टिप्पणी करते हुए कहा था, “मेरा पिया घर आया ओ राम जी। राम जी डोंट गिव अ फ़क अबाउट पिया। यह सुन राम जी कहते हैं मैं खुद चौदह साल से घर नहीं गया। अगर सीता ने सुन लिया, वो तो शक करेगी। सीता को तो माधुरी पे पहले से ही शक है। वो गाना है तेरा करूँ गिन-गिन इंतजार। उसे लग रहा है वनवास गिन रही है 14 पर आकर रुक गई।”

इस हरकत के बाद मुनव्वर फारुकी पर एफ़आईआर भी दर्ज की गई थी लेकिन उसका नतीजा सामने नहीं आया। इसके अलावा, उसने गोधरा में जलाकर मार डाले गए 59 कारसेवकों का मजाक उड़ाया था। गोधरा कांड के लिए उसने अमित शाह और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया था। संज्ञान में यह वीडियो आने के बाद राष्ट्रीय सेवा संघ (RSS) ने उस पर कानूनी एक्शन लेने की बात कही थी।

क्या ये सब बातें कहीं से भी कॉमेडी या हास्य कही जा सकती हैं? अगर यह हास्य है तो उसे पहले अपने मजहब से इसकी शुरुआत की चाहिए, जिसमें हो सकता है कि अन्य धर्मों से अधिक हास्य की सम्भावन निकल आएँ। लेकिन शायद खुद मुनव्वर फारूकी जैसों को खुद भी सभी धर्मों की सहिष्णुता और असहिष्णुता के पैमानों का सही-सही अंदाजा है, इसी कारण ये उस धर्म को निशाना बनाना ज्यादा आसान समझते हैं, जहाँ उनकी जिंदगी पर बात नहीं आती और बात बस एक-आध FIR और ‘ट्विटर आउटरेज’ में दफ़्न हो जाती हैं।

‘भास्कर’ जैसे मीडिया गिरोहों का मुनव्वर फारूकी की खबरों में लिया गया पक्ष इस देश की सहिष्णुता और इसके उदारवाद का एकदम नग्न और स्पष्ट परिचय है। ये समय-समय पर इसी तरह खुद अपना आवरण उतारकर सामने आते रहेंगे।

फिलहाल एक और ‘गुंडागर्दी की खबर’ जो सामने आई है, वह ये कि हिन्दू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में कथित कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

दैनिक भास्कर पहले भी हिंदूत्व के खिलाफ छापता रहा है, कभी हिंदू त्यौहार नही मनाने की सलाह देता रहा है जिससे जनता में भारी रोष है और उसपर कड़ी कार्यवाही करने की मांग उठ रही है।

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Monday, November 23, 2020

Netflix की वेब सीरीज बन चुकी है हिंदू विरोधी, दर्ज हुई FIR

23 नवंबर 2020


 इस दौर में ओटीटी प्लेटफॉर्म की कंपनियों की नीति केवल इतनी ही रह गई है कि उनका बिजनेस ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन इसकी आलोचना करता है या कौन सराहना या फिर किसे इससे चोट पहुँचती है।




 विदेशी ओटीटी प्लेटफॉर्म Netflix का हाल भी कुछ ऐसा ही है, जिसमें आए दिन ऐसा कंटेंट दिखाया जाता है जो कि हिंदुओं की भावनाओं को आहत करता है, लेकिन फिर भी इस प्लेटफॉर्म के यूजर भारत में बढ़ रहे हैं। आलोचनाओं के सहारे ही सही, लेकिन इसकी पहुँच लोगों तक बढ़ रही है, जो कि लोगों के लिए भी एक रेड अलर्ट है कि अब इसे बहिष्कृत करने का सही समय आ चुका है।

 Netflix के खिलाफ हिंदू भावनाओं को आहत करने की मुहिम छिड़ गई है। Netflix की वेब-सीरीज ‘A Suitable Boy’ को लेकर लोगों का गुस्सा भड़क पड़ा है। इसके एक दृश्य में लड़का और लड़की मंदिर में बेहद ही अश्लील हरकतें करते दिख रहे हैं। जबकि बैकग्राउंड में भगवान की पूजा अर्चना और भजन किए जा रहे हैं।

इस दृश्य से हिंदू समुदाय के लोगों की भावनाएँ आहत हुई हैं। लोग इसे तुरंत Netflix से हटाने के साथ ही कंपनी से इसके लिए माफी माँगने की बात करने लगे हैं। लोगों की इस मुहिम का असर ये हुआ है कि अब तक #BoyCottNetflix हैशटैग के तहत करीब 64 हजार ट्वीट किए जा चुके हैं।

 इसको लेकर बीजेपी के युवा मोर्चा के मंत्री गौरव शर्मा ने मध्य प्रदेश पुलिस से शिकायत की है और केस दर्ज कराया है। यही नहीं ट्विटर पर लोगों ने सरकार से Netflix समेत सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म को सरकारी नियमों के अंतर्गत लाने की माँग की है। जिससे इनके गलत कार्यक्रमों पर नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जा सके, ताकि इन्हें सबक मिल सके, और ये सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म अपने कार्यक्रमों में लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने से बचें।

 इस मामले में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भी काफी सख्ती से पेश आए हैं। उन्होंने इसको लेकर वीडियो संदेश के माध्यम से कहा है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म Netflix में हिंदू मंदिर के अंदर इस प्रकार की अश्लील हरकतें आपत्तिजनक हैं और इसके खिलाफ अधिकारियों को कार्रवाई करने के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि Netflix को इस तरह से हिंदू भावनाओं को आहत करने से बचना चाहिए।

 Netflix की वेब सीरीज का ये दृश्य विक्रम सेठ की किताब A Suitable Boy के दूसरे एपिसोड का है, जो कि मध्य प्रदेश के ही महेश्वर घाट स्थित शिव मंदिर का है। इसको लेकर बीजेपी नेता गौरव ने कहा है कि इसके खिलाफ जनता सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेगी।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि Netflix ने कोई आपत्तिजनक कंटेंट प्रसारित किया हो। ये ओटीटी प्लेटफॉर्म आए दिन इसी तरह की वेब सीरीज प्रसारित करता रहता है जो कि हिंदू समुदाय और उसकी संस्कृति को नीचा दिखाती है।

 Netflix पर सभी ने अनुराग कश्यप की सेक्रेड गेम्स देखी है, जो कि वामपंथी एजेंडा चलाती है। इस सीरीज में जिस तरह से अहम ब्रह्मास्मि का प्रयोग करके अपराध के दृश्य दिखाए गए, उससे हिन्दू समुदाय को धक्का लगा है। इसके अलावा एक सीरीज घोउल (Ghoul) भी है जो भारत के हिंदुओं को इस्लाम विरोधी प्रदर्शित करती है। Netflix ने ऐसी अनेक फिल्में प्रसारित की हैं, जिसमें किसी न किसी दृश्य में हिंदुओं या उनकी संस्कृति के प्रति नफरत भरी हो।

 हिंदू विरोध के बावजूद लोग अभी भी इसे पसंद करते हैं। कुछ लोग ऐसे हैं, जो केवल इसके कंटेंट की आलोचना करने के लिए ही इसे देखते हैं। ऐसे कंटेंट को देखने के बाद वे Netflix की ट्विटर से लेकर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फजीहत करते हैं। वहीं ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें हिन्दू विरोधी कंटेंट देखने में मजा आता है। इसलिए अब सरकार को ऐसे प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही कुछ नियम भी तय करने चाहिए, जिससे हिंदुओं को इस तरह से अपमानित करने वाले कंटेंट पर लगाम लग सके।

 इससे पहले नेटफ्लिक्स की वेब सीरिज सेक्रेड गेम्स-2 को लेकर खूब विवाद हुआ था। शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सेक्रेड गेम्स के डायरेक्टर अनुराग कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। सेक्रेड गेम्स 2 में सिख पुलिस अधिकारी का किरदार निभाने वाले सैफ अली खान के एक सीन को लेकर अकाली दल के नेता ने अनुराग कश्यप पर सिख धर्म के अपमान करने का आरोप लगाया था।

 बता दें कि पिछले कई सालों से इस्लामिक संगठनों द्वारा किए गए हमलों को सफेदजामा पहनाने की कोशिश की जा रही है और नेटफ्लिक्स इस प्रोपेगेंडा में सबसे आगे है। इन सभी हमलों को छिपाने के लिए इसने कई ऐसी सीरीज निकाली, जो हिन्दुओं की छवि को धूमिल करती है। लेकिन इनमें इतना साहस नहीं है कि वो इस्लामिक स्टेट, बोको हराम जैसे आतंकी संगठनों पर कोई वेब सीरीज बना कर दुनिया को दिखाए।

 आतंकवाद पर पर्दा डालने के लिए इन निर्माता कंपनियों ने हिन्दुओं को निशाने पर लिया है तथा हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। उनकी छवि को नकारात्मक तरीके से पेश किया जा रहा है ताकि लोगों में दिखावटी डर को बढ़ावा दे सके, जिसका वास्तविकता से कोई नाता ही नहीं है।

 नेटफ्लिक्स की प्रवृत्ति हमेशा से हिंदू विरोधी नैरेटिव को बढ़ावा देने की रही है। इसने ‘Ghoul’, ‘Sacred Games’ और ‘लैला’ के रूप में ऐसी कई वेब सीरिज बनाई है, जो हिंदू विरोधी भावनाओं को जन्म दे रही है और साथ ही इससे विश्व में हिंदू धर्म की नकारात्म छवि पेश की जा रही है। लैला वेब सीरीज में सनातन धर्म के अनुयायियों को सबसे हिंसक और दमनकारी मानसिकता वाले लोगों के तौर पर दिखाया गया है, जो सिर्फ लोगों को बाँटकर उन पर राज करना चाहते हैं।

 वेब सीरीज में आर्यावर्त समाज को भयंकर जातिवाद, कट्टरवाद और असहिष्णुता से ग्रसित दिखाया गया है। जहां मामूली अपराध करने पर भी कड़ी सजा दी जाती है। यहाँ आपके लिए यह जानना जरूरी है कि यह वेब सीरीज प्रयाग अकबर द्वारा इसी नाम से लिखित विवादित किताब पर आधारित है जिसमें लेखक ने सच्चाई और तथ्यों की जगह सिर्फ अपने एजेंडे का ही प्रचार किया है। अब समय आ गया है कि भारतीय जनता ऐसी वेब सीरीज बनाने वाली कंपनियों का बहिष्कार करे और ऐसे कंटेंट के खिलाफ आवाज उठाए जिससे विश्व में हिंदुओं की छवि धूमिल हो। - रचना कुमारी
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