09 जुलाई 2020
आज की बात नही है, सदियों से हिंदू संस्कृति पर प्रहार होते आये हैं और समय समय पर भगवान ने स्वयं अवतार लेकर सनातन धर्म को बचाया है।
भारत ऋषि-मुनियों का देश रहा है और आज तक जितनी खोजें हुई और कई खोजें कोई भी वैज्ञानिक नही कर पाया, वे ध्यान समाधि द्वारा हमारे ऋषियों ने पहले ही कर दी है। चाहे बिजली हो या परमाणु की अथवा हवाई जहाज हो या शल्यक्रिया जितनी भी खोजे हुई हैं, हमारे ऋषियों ने की है, उनको हम साधु-संत भी कहते है। हमारी दिव्य संस्कृति बचाने में हमारे साधु-संतों ने अति महत्वपूर्ण योगदान दिया है क्योंकि अभी तक धर्म, संस्कृति और राष्ट्र बचाने के लिए हमे मार्गदर्शन उनके द्वारा ही मिलता रहा है और हमे इसका आसानी से लाभ मिल सके उसके लिए उन्होंने आश्रम खोले जिससे वहां हर व्यक्ति आकर समाज, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति अपना क्या कर्तव्य है तथा हमे उसके लिए कितना योगदान देना चाहिए वे सब समझाते हैं।
साधु-संत और उनके आश्रमो में जाने वाले लोग धर्मपरिवर्तन नही करते हैं बल्कि कोई करता है तो उसको भी रोकते हैं और वे विदेशी सामान का उपयोग नही करते हैं, व्यसन नही करते हैं, क्लबो में नही जाते हैं, सिनेमा नही देखने जाते हैं, वेलेंटाइन डे आदि का विरोध करते हैं अर्थात जो भी भारतीय सनातन हिंदू संस्कृति और राष्ट्र को तोड़ने का कार्य करते हैं, उस पर आश्रम में जाने वाले रोक लगाते हैं, इसलिए हमेशा साधु-संतों और आश्रमों को टारगेट किया जाता है। विधर्मी, षडयंत्रकारी चाहते हैं कि सबसे पहले इनको जेल भिजवाओ, फिर इनके आश्रम बंद करवाओ, जिससे संस्कृति को तोड़ने ओर राष्ट्र विघटन का कार्य आसानी हो सके।
मस्जिदों एवं मदरसों में राष्ट्र विरोधी कार्य होते हैं, वहाँ कट्टरपंथी शिक्षा दी जाती है, वहां आतंकवादी बनाये जाते हैं। चर्चो में धर्मान्तरण का खेल चलता है लेकिन इनको बंद करने की कोई मांग नही कर रहा है पर अभी सुप्रीम कोर्ट में सिकंदराबाद निवासी डुम्पाला रामरेड्डी ने दायर याचिका में कहा है कि बिना नियम-कायदे के चलने वाले कई आश्रम अवैध गतिविधियों के केंद्र बने हुए हैं। इनको बंद कर दिया जाए अथवा सरकार के नीति नियमों के अनुसार चले और सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करने को तैयार भी हो गई। सरकार से जवाब भी मांगा है और दो हफ्तों के बाद सुनवाई भी होगी।
जो न्यायालय और सरकार जिस पर 65 वारंट हैं, इसमे भी कई ग़ैरजमानती वारंट, जिसमे राष्ट्रद्रोह, बलात्कार जैसे गंभीर आरोपी उस इमाम बुखारी को कभी गिरफ्तार नही कर पाए, पूरे देश मे कोरोना फैलाने वाले मौलान साद को गिरफ्तार कर नही पाए और जिन मस्जिदों में आतंकवादी पलतें रहे और जिन चर्चो में धर्मान्तरण होते हैं, उनको बंद नही करवा पाए लेकिन आश्रमो के लिए सुनवाई के लिए तैयार हो गए क्योंकि हिंदू सहिष्णु है, पहले मंदिरों को सरकार के कब्जे में करवा दिया जिससे मंदिर का पैसा हिंदुओं के लिए नही बल्कि अन्य धर्मों में उपयोग किया जाए अब आश्रमों पर उनकी नजर ठहरी है इसलिए हिन्दू सावधान रहे।
आपको बता दें कि रामपाल जैसे छोड़कर सभी साधु-संतों को षड्यंत्र के तहत जेल भेजा गया है क्योंकि वे सनातन संस्कृति का परचम पूरे विश्व मे फैला रहे थे।
सनातन संस्था द्वारा राष्ट्र एवं संस्कृति के हित के कार्य करने के कारण उनको बंद करवाने में कई समय से विधर्मी लगे हैं।
हिंदू संत आशारामजी बापू के बारे में तो सब जानते ही है कि उन्होंने समाज, देश और संस्कृति बचाने का अथाह कार्य किया जिसके कारण झुठा केस बनाकर साजिश के तहत जेल भेज गया।
बापू आशारामजी ने क्या किया और आज भी उनके आश्रमों द्वारा क्या प्रवृत्तियां चल रही है देख लीजिए...
1). लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री, मकान, पैसे, दवाइयां आदि दी जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया।
2). कत्लखानों में जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया।
3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया।
4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथी के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया।
5). लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र देकर और योग व उच्च संस्कार का प्रशिक्षण देकर ओजस्वी- तेजस्वी बनाया।
6). लंदन, पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया, पाकिस्तान में तो कराची में गाजी दरगाह में दोपहर की अजान के समय भी वे हरि कथा करते रहे।
7). वैलेंटाइन डे का विरोध करके "मातृ-पितृ पूजन दिवस" का प्रारम्भ करवाया।
8). क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय, तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया।
9). करोड़ों लोगों को अधर्म से धर्म की ओर मोड़ दिया।
10). नशा मुक्ति अभियान के द्वारा करोड़ों लोगों को व्यसन-मुक्त कराया।
11). वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल खुलवाएं।
12). मुश्किल हालातों में कांची कामकोटि पीठ के "शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी", बाबा रामदेव, मोरारी बापूजी, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया। https://youtu.be/jZBu4ZSu-tE
ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं।
डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने तो यह भी बताया कि हिन्दू संत आशारामजी बापू ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी की और करोड़ो लोगों को सनातन धर्म की तरफ ले आये इसके कारण वेटिकन सिटी ने सोनिया गाँधी को कहकर झूठे केस में फँसाया गया। उनके आश्रम में फेक्स भी आया था कि 50 करोड़ दो नहीं तो जेल जाने को तैयार रहो इससे साफ होता है कि उन पर अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र हुआ है।
बाबा राम रहीम ने पंजाब एवं हरियाणा में हजारों युवकों को ड्रग्स आदि व्यसनों को छुड़वाया, गरीबो को सहायता की और उनकी संस्था द्वारा कइयो को ब्लड डोनेट किया, बॉलीवुड में भी अच्छे संस्कार वाली फिल्में लाई जा रही थी इसके कारण उनके पीछे साजिश हुई।
इससे साफ पता चलता है कि पहले मंदिरों पर कब्जा, फिर साधु-संतों को झूठे केस में जेल भेजना ओर अब उनके आश्रम बंद करवाना ये एक सुनियोजित साजिश चल रही है, हिंदू सावधान रहें और इस षडयंत्र का पुरजोर विरोध करें।
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