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Sunday, June 11, 2017

हैदराबाद उच्च न्यायालय : भगवान और मां के स्थान पर है पवित्र गौ-माता

हैदराबाद उच्च न्यायालय : भगवान और मां के स्थान पर है पवित्र गौ-माता

11,जून, 2017

कुछ दिन पहले ही राजस्थान उच्च न्यायालय ने गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा देने की बात कही थी । अब #हैदराबाद उच्च न्यायालय के जज बी शिवा शंकर राव ने भी कहा कि गाय को #राष्ट्रीय पशु का दर्जा मिलना ही चाहिए । साथ ही उन्होंने गाय को पवित्र राष्ट्रीय धरोहर बताते हुए यह भी कहा कि पवित्र गाय "मां और भगवान" की जगह पर है ।
Azaad Bharat - judge b shiva shanker
#पशु व्यवसायी रामावत हनुमा की #हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए जज ने यह बात कही । #याचिकाकर्ता #रामावत ने उसकी जब्त की गई 63 #गायों की #कस्टडी के लिए निचली अदालत में गुहार लगाई थी । निचली #अदालत में अपील खारिज होने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी । 

याचिकाकर्ता का कहना है कि वह गायों को चराने के लिए अपने गांव के पास कंचनपल्ली गांव लेकर गया था । वहीं, दूसरी तरफ के पक्ष का कहना है कि रामावत गायों को बेचने के लिए ले जा रहा था ताकि #बकरीद के दौरान #गौमांस बेच सके । 

जस्टिस बी शिवा शंकर राव ने रामावत हनुमा की अपील खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया । सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी का जस्टिस राव ने हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि मुस्लिमों को बकरीद के मौके पर स्वस्थ गायों को मारकर उनका मांस खाने का कोई #संवैधानिक अधिकार नहीं है । 

 #न्यायाधीश ने #बाबर का उदाहरण देते हुए कहा कि, उन्होंने गौहत्या पर पाबंदी लगाई थी। न्यायाधीश ने आगे कहा कि, बाबर ने अपने बेटे #हुमायूँ को भी ऐसा ही करने को कहा था। न्यायाधीश ने कहा कि #अकबर, #जहांगीर और अहमद शाह ने भी #गौहत्या पर पाबंदी रखी थी।

वहीं उन्होंने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के जानवरों का इलाज करने वाले #डॉक्टरों को भी कड़क निर्देश दिया कि स्वस्थ गायों को दूध देने में असमर्थ बताने वाले डॉक्टरों पर भी कार्रवाई होगी । 

आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में गायों को कत्लगाह में ले जाने की अनुमति तभी है जब डॉक्टरों द्वारा यह सर्टिफिकेट दे दिया जाए कि गाय अब दूध दे सकने में समर्थ नहीं है । जस्टिस राव ने यह भी बताया कि अब एपी काउ स्लॉटर ऐक्ट 1977 में संशोधन के बाद अब इस अपराध को #गैरजमानती और गंभीर भी माना जाएगा ।

गौ-माता की महिमा है बड़ी भारी

अमेरिका के #कृषि विभाग द्वारा #गौ -महिमा आधारित एक #पुस्तक प्रकाशित की गई है जिसका नाम है "#THE COW IS A WONDERFUL LABORATORY "



THE COW IS A WONDERFUL LABORATORY के अनुसार प्रकृति के समस्त जीव-जंतुओं और सभी दुग्धधारी जीवों में केवल #गाय ही ऐसा प्राणी है जिसके शरीर में लम्बी आंत होती है जबकि अन्य पशुओं में ऐसा नहीं है । इसी कारण #गाय जो भी खाती-पीती है वह अंतिम छोर तक जाता है । इसलिये उसका #दूध उत्तम माना जाता है ।

#शास्त्रों के अनुसार #सूर्य में से अनेक किरणें निकलती हैं जिसमें से एक #गौ-किरण भी निकलती है जो केवल #गाय माता ही ग्रहण करती है जिससे उसका नाम #गौ-माता रखा गया और इसलिये #गौ दूध में पीलापन यानि #सुवर्णक्षार होते हैं ।


#गौ वात्सल्य :-  #गौ माता बच्चा जनने के  बाद अपने बच्चे के साथ रहती है और उसे चाटती है इसीलिए लाखों बच्चों में भी वह अपने बच्चे को पहचान लेती है जबकि #भैंस और जरसी अपने बच्चे को नहीं पहचान पाती । 

#गाय जब तक अपने बच्चे को अपना #दूध नहीं पिलाएगी तब तक #दूध नहीं देती है , जबकि भैस,जर्सी होलिस्टयन के आगे चारा डालो और #दूध दुह लो । 

आज बच्चों में क्रूरता इसीलिए भी बढ़ रही है क्योंकि जिसका वे #दूध पी रहे हैं उसके अन्दर ममता नहीं है ।

देसी #गाय की खीस : बच्चा देने के बाद  #गाय के स्तन से जो #दूध निकलता है उसे खीस, चाका, पेवस, कीला, तेली कहते हैं। #बच्चा देने के 15 दिनों तक इस दूध में #प्रोटीन की अपेक्षा #खनिज तत्वों की मात्रा अधिक होती है व लेक्टोज, वसा ( फैट ) एवं पानी की मात्रा कम होती है । 
#खीस वाले दूध में एल्व्युमिन दो गुनी , ग्लोव्लुलिन 12-15 गुनी तथा #एल्युमीनियम की मात्रा 6 गुनी अधिक पायी जाती है । 

#लाभ : खीज में भरपूर खनिज है ।
 काली #गौ का दूध ( खीझ) एक हफ्ते पिला देने से वर्षो पुरानी टी.बी. खत्म हो जाती है । कई भयंकर बीमारियां ठीक हो जाती हैं ।

#सींग :- #गाय के सींगो का आकार सामान्यतः पिरामिड जैसा होता है , जो कि शक्तिशाली एंटीना की तरह आकाशीय उर्जा ( कोस्मिक एनर्जी ) को संग्रह करने का कार्य करते हैं।

#देसी #गाय का कन्धा ( ढिल्ला ) : #गाय के कुकुद्द में सूर्यकेतु नाड़ी होती है जो सूर्य से अल्ट्रावायलेट किरणों को रोकती है , #गाय के #दूध में सोना पाया जाता है जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है इसलिए #गाय का #घी हल्के पीले रंग का होता है ।

#देसी गाय का दूध :  #गाय के दूध के अन्दर जल 87 % वसा 4 %, प्रोटीन 4% , शर्करा 5 % , तथा अन्य तत्व 1 से 2 % प्रतिशत पाये जाते हैं । गाय के दूध में 8 प्रकार के प्रोटीन , 11 प्रकार के विटामिन्स तथा गाय के दूध में ‘ कैरोटिन ‘ नामक प्रदार्थ भैस से दस गुना अधिक होता है । 

#भैस का #दूध गर्म करने पर उसके पोषक ज्यादातर खत्म हो जाते हैं परन्तु गाय के दूध के पोषक तत्व गर्म करने पर भी सुरक्षित रहते हैं ।

#गाय का #मूत्र :  #गाय के #मूत्र में #आयुर्वेद का खजाना है , इसके अन्दर ‘ #कार्बोलिक एसिड ‘ होता है जो कीटाणु नाशक है , #गौ मूत्र चाहे जितने दिनों तक रखे खराब नहीं होता है, इसमें #कैसर को रोकने वाली "करक्यूमिन" पायी जाती है । गौ मूत्र में नाइट्रोजन ,फास्फेट, यूरिक एसिड , पोटेशियम , सोडियम , लैक्टोज , सल्फर, अमोनिया, लवण रहित विटामिन ए वी सी डी ई , इन्जैम आदि तत्व पाए जाते हैं । देसी गाय के #गोबर-मूत्र-मिश्रण से ‘ #प्रोपिलीन ऑक्साइड ” उत्पन्न होती है जो बारिश लाने में सहायक होती है । इसी के मिश्रण से ‘ #इथिलीन ऑक्साइड ‘ गैस निकलती है जो ऑपरेशन थियटर में काम आती है ।

#गौ मूत्र में मुख्यतः 16 खनिज तत्व पाये जाते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं ।

#गौ माता के #गोबर से गैस बनती है जो आपके #रसोई घर में उपयोग आ सकती है । उसका खाद जिस जमीन पर पड़ता है वो बंजर जमीन भी उपजाऊ हो जाती है और उस जमीन का धान्य बहुत पौष्टिक होता है ।

#गौ-माता के सूखे कंडे में #घी डालकर धुँआ किया जाये तो 1 टन #ऑक्सीजन बनता है ।

#दुनिया में किसी भी प्राणी का मल-मूत्र पवित्र नही माना जाता । यहाँ तक कि #मनुष्य का भी मल-मूत्र पवित्र नही माना जाता है केवल #गाय ही ऐसा प्राणी है जिसका #गोबर और #गौ-मूत्र पवित्र माना जाता है । यहाँ तक कि #पूजा पाठ में भी #गोबर और #गौ-मूत्र का उपयोग किया जाता है ।

#गौ माता के #दूध #दही #घी #मूत्र व #गोबर का #पंचगव्य बनाकर पिया जाये तो भयंकर बीमार व्यक्ति भी ठीक हो जाता है ।

#गाय का शरीर : #गाय के शरीर से पवित्र #गुगल जैसी सुगंध आती है जो वातावरण को शुद्ध और पवित्र करती है ।

जननी जनकार #दूध पिलाती, केवल साल छमाही भर !
#गोमाता पय-सुधा पिलाती, रक्षा करती #जीवन भर !!

#गौ-माता की कितनी भी महिमा गाओ, कम है । 

अब वक्त आ गया है कि सभी को मिलकर #गौ-माता को #राष्ट्रपशु का दर्जा दिलाकर तन-मन-धन से इसकी रक्षा करनी है ।


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Sunday, April 2, 2017

कत्लखाने बन्द होने पर करोड़ो का होगा नुकसान, बोलने वाली मीडिया पढ़े सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर...

कत्लखाने बन्द होने पर करोड़ो का होगा नुकसान, बोलने वाली मीडिया पढ़े #सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर...

योगी #आदित्यनाथ ने यूपी के मुख्यममंत्री बनने के बाद कई कत्लखाने बन्द करवा दिए पर इस कार्य की सराहना करने की बजाय मीडिया की सुर्खियों में कुछ नया विवाद ही देखने को मिल रहा है। जैसे कि कत्लखाने बंद होने से करोड़ों का नुकसान होगा, कई लोग #बेरोजगार हो जाएंगे आदि ।

लेकिन ऐसा ही मामला #स्वर्गीय श्री राजीव दीक्षित सुप्रीम कोर्ट में लेकर गए थे ।
आइये जानते है क्या कहा था राजीव दीक्षित ने और क्या था सुप्रीम कोर्ट का आर्डर !!

राजीव दीक्षित ने सुप्रीम कोर्ट के मुकदमें मे कसाईयों द्वारा गाय काटने के लिए वही सारे कुतर्क रखे जो कभी शरद पवार द्वारा बोले गए या इस देश के ज्यादा पढ़ें लिखे लोगों द्वारा बोले जाते हैं या देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा कहे गए थे और आज जो मीडिया द्वारा कहे जा रहे हैं ।
COW 


#कसाईयो के कुतर्क

1) गाय जब बूढ़ी हो जाती है तो बचाने मे कोई लाभ नहीं उसे कत्ल करके बेचना ही बढ़िया है 
और हम भारत की अर्थ व्यवस्था को मजबूत बना रहे हैं क्योंकि गाय का मांस एक्सपोर्ट कर रहे हैं ।

2) भारत में गाय के चारे की कमी है । वह भूखी मरे इससे अच्छा ये है कि हम उसका कत्ल करके बेचें ।

3) भारत में लोगो को रहने के लिए जमीन नहीं है गाय को कहाँ रखें ?


4 ) इससे विदेशी मुद्रा मिलती है और सबसे खतरनाक कुतर्क जो कसाइयों की तरफ से दिया गया है कि गाय की हत्या करना हमारे इस्लाम धर्म में लिखा हुआ है कि हम गायों की हत्या करें (this is our religious right ) 


श्री राजीव दीक्षित की तरफ से बिना क्रोध प्रकट किए बहुत ही धैर्य से इन सब कुतर्को का तर्कपूर्वक जवाब दिया गया।

उनका पहला कुतर्क गाय का मांस बेचते हैं तो आमदनी होती है देश को ।
 राजीव भाई ने सारे आंकड़े सुप्रीम कोर्ट में रखे कि एक गाय को जब काट देते हैं तो उसके शरीर में से कितना मांस निकलता है?
 कितना खून निकलता है?? 
कितनी हड्डियाँ निकलती हैं ??

एक स्वस्थ्य गाय का वजन कमसे कम 3 से साढ़े तीन कवींटल होता है उसे जब काटे तो उसमे से मात्र 70 किलो मांस निकलता है एक किलो गाय का मांस जब भारत से एक्सपोर्ट (Export )होता है तो उसकी कीमत है लगभग 50 रुपए ! तो 70 किलो का 50 से गुना को ! 70 x 50 = 3500 रुपए !

खून जो निकलता है वो लगभग 25 लीटर होता है ! जिससे कुल कमाई 1500 से 2000 रुपए होती है !

फिर #हड्डियाँ निकलती है वो भी 30-35 किलो हैं ! जो 1000 -1200 के लगभग बिक जाती है !!

तो कुल मिलकर एक गाय का जब कत्ल करें और मांस ,हड्डियाँ खून समेत बेचें तो सरकार को या कत्ल करने वाले कसाई को 7000 रुपए से ज्यादा नहीं मिलता !!

फिर राजीव भाई द्वारा कोर्ट के सामने उल्टी बात रखी गई कि यदि गाय को कत्ल न करें तो क्या मिलता है ? हमने कत्ल किया तो 7000 मिलेगा और अगर इसको जिंदा रखे तो कितना मिलेगा ?

तो उसका कैलकुलेशन (Calculation) ये है !!

एक गाय एक दिन मे 10 किलो #गोबर देती है और ढाई से 3 लीटर #मूत्र देती है । गाय के एक किलो गोबर से 33 किलो Fertilizer (खाद ) बनती है ।जिसे organic खाद कहते हैं तो कोर्ट के जज ने कहा how it is possible ??

राजीव भाई द्वारा कहा गया कि आप हमें समय और स्थान दीजिये हम आपको यही सिद्ध करके बताते हैं ।
कोर्ट ने आज्ञा दी तो राजीव भाई ने उनको पूरा करके दिखाया और कोर्ट से कहा कि आई. आर. सी. के वैज्ञानिक को बुला लो और टेस्ट करा लो । जब गाय का गोबर कोर्ट ने भेजा टेस्ट करने के लिए  तो वैज्ञानिकों ने कहा कि इसमें 18 micronutrients (पोषक तत्व ) हैं। जो सभी खेत की मिट्टी को चाहिए जैसे मैगनीज है ! फोस्फोरस है ! पोटाशियम है, कैल्शियम,आयरन, #कोबाल्ट, सिलिकोन ,आदि आदि । रासायनिक खाद में मुश्किल से तीन होते हैं । तो गाय का खाद #रासायनिक खाद से 10 गुना ज्यादा ताकतवर है । ये बात कोर्ट को माननी पड़ी !


#राजीव भाई ने कहा अगर आपके र्पोटोकोल के खिलाफ न जाता हो तो आप चलिये हमारे साथ और देखे कहाँ - कहाँ हम 1 किलो #गोबर से 33 किलो खाद बना रहे हैं राजीव भाई ने कहा मेरे अपने गाँव में मैं बनाता हूँ ! मेरे माता पिता दोनों किसान हैं पिछले 15 साल से हम गाय के गोबर से ही खेती करते हैं !

1 किलो गोबर है तो 33 किलो खाद बनता है और 1 किलो खाद का जो #अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भाव है वो 6 रुपए है ! तो रोज 10 किलो गोबर से 330 किलो #खाद बनेगी ! जिसे 6 रुपए किलो के हिसाब से बेचें तो 1800 से 2000 रुपए रोज का गाय के गोबर से मिलता है !

और गाय के गोबर देने मे कोई सन्डे (Sunday) नहीं होता Weekly Off नहीं होता ! हर दिन मिलता है ।

साल में कितना? 

1800 x 365 = 657000 रुपए साल का !

और गाय की सामान्य उम्र 20 साल है और वो जीवन के अंतिम दिन तक #गोबर देती है ।

तो 1800 गुना 365 गुना 20 कर लो आप !! 1 करोड़ से ऊपर तो मिल जाएगा केवल गोबर से !


अब बात करते हैं #गौ मूत्र की । रोज का 2 - सवा दो लीटर देती है । इसमें सुवर्ण क्षार होता है जो वैज्ञानिकों ने भी सिद्ध करके दिखाया है और इससे औषधियां बनती है 
Diabetes Arthritis 
Bronkitis, Bronchial Asthma, Tuberculosis, Osteomyelitis ऐसे करके 48 रोगो की #औषधियां बनती हैं और गाय के एक लीटर मूत्र का बाजार में दवा के रूप मे कीमत 500 रुपए है । वो भी भारत के बाजार में, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तो इससे भी ज्यादा है ।

अमेरिका में गौ मूत्र #Patent हैं और अमरीकी सरकार हर साल भारत से गाय का मूत्र Import करती है और उससे कैंसर की Medicine बनाते हैं।diabetes की दवा बनाते हैं और अमेरिका मे गौ मूत्र पर एक दो नहीं तीन patent है । #अमेरिकन market के हिसाब से calculate करें तो 1200 से 1300 रुपए लीटर बैठता है एक लीटर मूत्र, तो गाय के मूत्र से लगभग रोज की 3000 की आमदनी 
और एक साल का 3000 x 365 =1095000 
और 20 साल का 300 x 365 x 20 = 21900000 
इतना तो गाय के #गोबर और #मूत्र से हो गया एक साल का ।


और इसी #गाय के गोबर से एक गैस निकलती है जिसे मैथेन कहते हैं और मैथेन वही गैस है जिससे आप अपने रसोई घर का सिलंडर चला सकते हैं और जरूरत पड़ने पर गाड़ी भी चला सकते हैं ।
जैसे #LPG गैस से गाड़ी चलती है वैसे मैथेन गैस से भी गाड़ी चलती है तो न्यायधीश को विश्वास नहीं हुआ तो #राजीव भाई ने कहा आप अगर आज्ञा दो तो आपकी कार में मेथेन गैस का सिलंडर लगवा देते हैं ।आप चला के देख लो उन्होने आज्ञा दी और राजीव भाई ने लगवा दिया और जज साहब ने 3 महीने गाड़ी चलाई और उन्होने कहा Its #Excellent 

क्यूंकि इसका खर्चा आता है मात्र 50 से 60 पैसे किलोमीटर और डीजल से आता है 4 रुपए किलो मीटर ।
मेथेन गैस से गाड़ी चले तो #धुआँ बिलकुल नहीं निकलता । डीजल गैस से चले तो धुआँ ही धुआँ । मेथेन से चलने वाली गाड़ी में शोर बिलकुल नहीं होता और डीजल से चले तो इतना शोर होता है कि कान के पर्दे फट जाएँ तो ये सब जज साहब की समझ में आया ।


तो फिर हम (राजीव भाई  ने कहा ) अगर रोज का 10 किलो गोबर इकट्ठा करें तो एक साल में कितनी मेथेन #गैस मिलती है? 20 साल में कितनी मिलेगी और भारत मे 17 करोड़ गाय हैं सबका गोबर एक साथ इकठ्ठा करें और उसका ही इस्तेमाल करे तो 1 #लाख 32 हजार करोड़ की बचत इस देश को होती है ।बिना डीजल ,बिना पट्रोल के हम पूरा ट्रांसपोटेशन इससे चला सकते हैं । अरब देशो से भीख मांगने की जरूरत नहीं और पट्रोल डीजल के लिए #अमेरिका से डालर खरीदने की जरूरत नहीं । अपना रुपया भी मजबूत ।

तो इतने सारे #Calculation जब राजीव भाई ने दिए  सुप्रीम कोर्ट में तो जज ने मान लिया कि गाय की हत्या करने से ज्यादा उसको बचाना आर्थिक रूप से लाभकारी है ।


जब कोर्ट की #Opinion आई तो ये मुस्लिम कसाई लोग भड़क गए उनको लगा कि अब केस उनके हाथ से गया क्योंकि उन्होने कहा था कि गाय का कत्ल करो तो 7000 हजार की इन्कम और इधर #राजीव भाई ने सिद्ध कर दिया कत्ल ना करो तो लाखो करोड़ो की इन्कम ।
और फिर उन्होने ने अपना Trump Card खेला । उन्होंने कहा कि गाय का कत्ल करना हमारा धार्मिक अधिकार है (this is our religious right )

तो राजीव भाई ने कोर्ट में कहा कि अगर ये इनका धार्मिक अधिकार है तो #इतिहास में पता करो कि किस - किस मुस्लिम राजा ने अपने इस धार्मिक अधिकार का प्रयोग किया? तो कोर्ट ने कहा ठीक है एक कमीशन बैठाओ हिस्टोरीयन को बुलाओ और जितने मुस्लिम राजा भारत में हुए, सबकी #History निकालो दस्तावेज़ निकालो और किस किस राजा ने अपने इस धार्मिक अधिकार का पालन किया ?

कोर्ट के आदेश अनुसार पुराने दस्तावेज जब निकाले गए तो उससे पता चला कि भारत में जितने भी मुस्लिम राजा हुए एक ने भी गाय का कत्ल नहीं किया । इसके उल्टा कुछ राजाओ ने गायों के कत्ल के खिलाफ कानून बनाए । उनमे से एक का नाम था बाबर । बाबर ने अपनी पुस्तक बाबर नामा में लिखवाया है कि मेरे मरने के बाद भी गाय के कत्ल का कानून जारी रहना चाहिए । तो उसके पुत्र #हुमायु ने भी उसका पालन किया और उसके बाद जितने मुगल राजा हुए सबने इस कानून का पालन किया Including औरंगजेब ।

फिर दक्षिण भारत में एक राजा था हेदर आली टीपू सुल्तान का बाप । उसने एक कानून बनवाया था कि अगर कोई गाय की हत्या करेगा तो हैदर उसकी गर्दन काट देगा और हैदर अली ने ऐसे #सैकंडो कसाइयों की गर्दन काटी थी जिन्होंने गाय को काटा था फिर हैदर अली का बेटा आया टीपू सुलतान तो उसने इस कानून को थोड़ा हल्का कर दिया तो उसने कानून बना दिया की हाथ काट देना ।
तो टीपू सुलतान के समय में कोई भी अगर गाय काटता था तो उसका हाथ #काट दिया जाता था |

तो ये जब दस्तावेज जब कोर्ट के सामने आए तो राजीव भाई ने जज #साहब से कहा कि आप जरा बताइये अगर इस्लाम में गाय को कत्ल करना धार्मिक अधिकार होता तो बाबर तो कट्टर इस्लामी था 5 वक्त की नमाज पढ़ता था हिमायु और #औरंगजेब तो सबसे ज्यादा कट्टर थे तो इन्होंने क्यों नहीं गाय का कत्ल करवाया ??
क्यों गाय का #कत्ल रोकने के लिए कानून बनवाए ?? क्यों हेदर अली ने कहा कि वो गाय का कत्ल करने वाले का गर्दन काट देगा ??

तो #राजीव भाई ने कोर्ट से कहा कि आप हमे आज्ञा दें तो हम ये कुरान #शरीफ, #हदीस,आदि जितनी भी पुस्तकें हैं हम ये कोर्ट मे पेश करते हैं और कहाँ लिखा है गाय का कत्ल करो ये जानना चाहतें है ।
इस्लाम की कोई भी धार्मिक पुस्तक में नहीं लिखा है कि गाय का कत्ल करो ।

हदीस में तो लिखा हुआ है कि गाय की #रक्षा करो क्यूंकि वो तुम्हारी रक्षा करती है । पैंगबर मुहमद साहब का #Statement है कि गाय अबोल जानवर है इसलिए उस पर दया करो और एक जगह लिखा है गाय का कत्ल करोगे तो नरक में भी जमीन नहीं मिलेगी।

राजीव भाई ने कोर्ट से कहा अगर कुरान ये कहती है मुहम्मद साहब ये कहते हैं हदीस ये कहती है तो फिर ये #गाय का कत्ल करना धार्मिक अधिकार कब से हुआ?? 
पूछो इन कसाईयो से ??
 तो कसाई बोखला गए और राजीव भाई ने कहा अगर मक्का मदीना में भी कोई किताब हो तो ले आओ उठा के ।

अंत में कोर्ट ने उनको 1 महीने का पर्मिशन दिया कि  जाओ और दस्तावेज ढूंढ के लाओ जिसमें लिखा हो गाय का कत्ल करना इस्लाम का मूल अधिकार है । हम मान लेंगे ।
 और एक महीने तक भी कोई #दस्तावेज़ नहीं मिला । कोर्ट ने कहा अब हम ज्यादा समय नहीं दे सकते  और अंत 26 अक्तूबर 2005 Judgement आ गया और आप चाहें तो Judgement की copy www. supremecourtcaselaw . com पर जाकर Download कर सकते हैं ।

यह 66 पन्ने का #Judgement है सुप्रीम कोर्ट ने एक इतिहास बना दिया और उन्होंने कहा कि गाय को काटना संवैधानिक पाप है धार्मिक पाप है और सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गौ रक्षा करना,सर्वंधन करना देश के प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक कर्त्तव्य है । सरकार का तो है ही नागरिकों का भी कर्तव्य है ।

अब तक जो संवैधानिक कर्तव्य थे जैसे , संविधान का पालन करना, #राष्ट्रीय ध्वज ,का सम्मान करना, #क्रांतिकारियों का सम्मान करना, देश की एकता, अखंडता को बनाए रखना आदि आदि अब इसमें गौ की रक्षा करना भी जुड़ गया है ।

#सुप्रीम_कोर्ट ने कहा कि भारत के सभी राज्यों की सरकार की जिम्मेदारी है कि वो गाय का कत्ल अपने अपने राज्य में बंद कराये और किसी राज्य में गाय का कत्ल होता है तो उस राज्य के #मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है #राज्यपाल की जवाबदारी, चीफ सेकेट्री की जिम्मेदारी है, वो अपना काम पूरा नहीं कर रहे है तो ये राज्यों के लिए #संवैधानिक जवाबदारी है और नागरिको के लिए संवैधानिक कर्त्तव्य है ।

ये तो केवल गाय के गोबर और गौ मूत्र की बात की गई । अगर उसके दूध की बात करे तो कितने करोड़ का आंकड़ा पहुँच जायेगा ।

अब कई तथाकथित मीडिया वाले या सेकुलर बोलेंगे कि हम गाय की बात नही करते है हम भैंस आदि #पशु की बात करते हैं तो भैस के गोबर और मूत्र को खेत में डालने से अधिक धान, सब्जी आदि पैदा किये जाते हैं तो उससे गोबर और #मूत्र से भी पैसा कमा सकते हैं और उसके दूध आदि से भी करोड़ो रूपये कमा सकते हैं और एक #भैंस की कीमत 70,000 से 80,000 गिने तो भी उसके मीट, खून, हड्डियां, चमड़ा आदि बेचने से कई अधिक पैसा होता है ।

मीट खाने से कई #बीमारियां भी होती है और उसका दूध पीने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है अतः कत्लखाने बन्द करना ही उचित होगा ।