स्वास्थ्य मंत्रालय अधिकारी दीपकराज ने दैनिक भास्कर का किया पर्दोफाश!!
एक निजी चैनल में अपना इंटरव्यू देते हुए भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय अधिकारी दीपकराज पौनिकरजी ने बताया कि बापू आसारामजी के खिलाफ जो दैनिक भास्कर ने बटर ब्रेड वाली खबर छापी थी वो बिलकुल ही झूठी है ।
बापू आसारामजी के पास कोई नर्स गई ही नहीं थी क्योंकि उनके पास एक पैनल बना हुआ था ।
स्वास्थ्य मंत्रालय अधिकारी दीपकराज ने दैनिक भास्कर का किया पर्दोफाश!! |
उनको बदनाम किया जाए ये मीडिया का रोल है । ओथोरिटीस ने ये बताया कि ऐसी कोई घटना घटी ही नहीं है।
दीपक जी ने आगे बताया कि एक कर्मचारी के ऊपर कोई आक्षेप करता हैं, या कोई बात बताता है, तो उस कर्मचारी का कर्तव्य बनता है कि वो सबसे पहले मुख्य अधिकारी को रिपोर्ट करें । परंतु ऐसी कोई भी जानकारी AIMS के प्रशासन में नहीं हैं ।
मैं AIIMS के PRO से मिला इस मेटर में, उनको कहा कि एक प्रतिष्ठित अखबार है दैनिक भास्कर और वो इस प्रकार की बातें करें मुझे ये खबर (बापू आसारामजी ने नर्स को बटर जैसा बोला) झूठी लग रही है।
मुझे सत्य पता चले,समाज को सत्य पता चले इसके लिए क्या प्रोसेस है..??? मेरी प्रजंटेशन देने के बाद जो कार्यवाही चली, AIMS की टीम बैठी और टीम की ओथोरिटी ने बताया ऐसी कोई घटना ही नहीं घटी है।
दीपक जी ने आगे कहा कि दूसरी बात बापू आसारामजी बटर और ब्रेड खाते ही नहीं हैं । बापूजी तो क्या बापूजी के साधक भी नहीं खाते तो बापूजी कैसे बोल सकते हैं ब्रेड बटर चाहिए..???
जाँच कॉमेटी ने भी हमें उत्तर दिया ऐसी कोई घटना ही नहीं घटी । बापूजी के पास कोई नर्स ही नहीं गई क्योंकि उनका एक पेनल था ।
वो उपचार के लिए एक टेस्ट के लिए आए थे । बापूजी के पानी और नाश्ते की व्यवस्था आश्रम से ही की गई थी ।
बापू आसारामजी के प्रति मीडिया का रोल...
दीपक जी ने बताया कि मीडिया का रोल संत आसारामजी बापू के केस में एकदम नेगिटिव है। बापूजी के सेवाकार्यो को दिखाना नहीं है, समाज में संतो को किस प्रकार बदनाम किया जाए और साधक आपस में इतनी मजबूती से खड़े हैं उनका कैसे बिखराव किया जाय ये उनका षड़यंत्र है ।
गुरु शिष्य परंपरा को विश्व में कैसे बदनाम किया जाय ये मीडिया का रोल है ।
बापू आसारामजी जेल जाने के बाद धर्मान्तरण में गति आई!!
जब से बापूजी को गिरफ्तार करके जेल में रखा है । तब से हिन्दूओं को क्रिश्चन बनाने की मात्रा अधिक बढ़ी है।
ये सरकार को भी सोचना चाहिए और समाज के प्रतिष्ठित आदमी को भी सोचना चाहिए ।
इस बारे में साधु-संत और अखाड़ो को भी सोचना चाहिए कि बापूजी को जेल में भेजने से समाज किस ओर जा रहा है..???
आसारामजी बापू का इलाज !!
स्वास्थ्य अधिकारी दीपक जी ने आगे बताया कि कोई भी ट्रीटमेन्ट, कोई भी दवाई, किसी भी प्रकार की हो, किसी भी क्षेत्र की हो । वहाँ की व्यवस्था वहाँ के गांव/शहर के तापमान,किसके शरीर पर कितना प्रभाव होता है, वैसा डिपेन्ट होता है । दिल्ली का तापमान और जोधपुर के तापमान में डिफरंट हैं अगर जोधपुर में कोई आर्युवैदिक ट्रीटमेन्ट होता है क्या उसे शरीर Accept करता है ? इस पर प्रश्न चिन्ह् है ।
बापूजी केरल इसलिए पसंद कर रहें हैं कि ये उनका मूलभूत अधिकार है कि केरल में वैसा वातावरण मिलता है । केरल में ऐसी ट्रीटमेन्ट की व्यवस्था है और उनका शरीर उस ट्रीटमेन्ट को Accept कर सकता है ये उनका मूलभूत अधिकार है ।
जोधपुर का जो वातावरण है आर्युवैदिक ट्रीटमेन्ट के लिए । चाहे आप उनको ट्रीटमेन्ट दें दीजिए पर उनका शरीर भी ट्रीटमेन्ट को Accept करना चाहिए । वहाँ का जो तापमान होता हैं वो शरीर को भी सुटेबल बैठना चाहिए । बापू आसारामजी को पता है आर्युवैदिक की महिमा कितनी है । बापूजी जानते हैं शरीर के साथ मानस की भी कितनी शुद्धि रहती है ।
मेरे मूलभूत अधिकार हैं मुझे कैसी ट्रीटमेन्ट चाहिए । बापूजी के भी मूलभूत अधिकार हैं उनको जो ट्रीटमेन्ट चाहिए उनका जो शरीर Accept करता है वो उनको मिलना ही चाहिए इसके लिए बकायता मंत्रालय है ।
गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व बापू आसारामजी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार चेकअप के लिए एम्स दिल्ली में गये थे तो दैनिक भास्कर से बापू आसारामजी को बदनाम करने के लिए एक खबर छापी गई थी और उसके बाद लगभग सभी मीडिया में दिखाया गया था कि एम्स में बापू आसारामजी के पास एक नर्स नाश्ते में ब्रेड और बटर लेकर आई तो उन्होने बताया कि तुम मक्खन जैसी लग रही हो लेकिन बाद में एम्स ने अपना प्रेसनॉट जारी करते हुए लिखा कि बापू आसारामजी के पास कोई नर्स गई ही नही दैनिक भास्कर द्वारा छापी गई खबर बिलकुल झूठी है ।