*सर्व प्रांतों में एक ही अड़चन है कि, हिन्दू बिखरे हुए हैं : विधायक टी. राजासिंह*
जून, 21, 2017
गोवा
: तेलंगाना राज्य के #गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र के विधायक #श्री. टी.
राजासिंह ने #षष्ठ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के तृतीय दिन संबोधित करते
हुए कहा कि लाठी-गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’, ऐसा कहने के दिन अब
नहीं रहे । #राममंदिर के निर्माण के लिए #हिन्दू-संगठन आवश्यक है । राजकीय,
प्रशासकीय आदि किसी भी सहायता के बिना करोडों हिन्दुआें के संगठन से ही
#अयोध्या में #राममंदिर का निर्माण होगा ।
#टी.
राजासिंह ने आगे कहा, ‘‘सर्व प्रांतों में एक ही अड़चन है कि, हिन्दू
बिखरे हुए हैं । हिन्दू-संगठन में बडी शक्ति है । हिन्दू संगठित होने के
कारण ही पिछले 5 वर्षों से भाग्यनगर में एक भी गाय की हत्या नहीं हुई है ।
अब हम बैलों की भी हत्या न हो, इसके लिए प्रयत्न कर रहे हैं । इसलिए
हिन्दुआें को संगठित होना चाहिए । अभी आप हिन्दुत्व का कार्य करने के लिए
स्वतंत्र हैं; पर जब आप राजनीति में प्रवेश करते हैं, तब हिन्दुत्व का
कार्य करने में अनेक बंधन आते हैं । ‘हिन्दुआें का सर्वनाश करनेवाले अन्य
पंथियों के विरुद्ध न बोलें’, #‘राममंदिर, #गोरक्षा इस विषय में न बोलें’,
#‘वन्दे मातरम’ न बोलनेवालों के विरोध में कुछ न बोलें’, ऐसी अनेक सूचनाएं
‘ऊपर’ से आने लगती हैं । कुछ लोग जब सत्ता में नहीं होते, तब राममंदिर और
गोरक्षा का स्मरण होता है, सत्ता मिलने पर सब भूल जाते हैं ।
ऐसे लोग क्या #राममंदिर की स्थापना कर पाएंगे ?
जिस राजनीति में राममंदिर बनाने के विषय में बोला भी नहीं जाता, उस राजनीति का क्या लाभ ?
राजनीति
में आने से पहले 10 बार सोचिए । उससे अच्छा है बडी मात्रा में
हिन्दूसंगठन कीजिए । इससे मतों की राजनीति करनेवाला प्रत्येक नेता स्वयं
आपके पास आकर आपसे समर्थन मांगेगा ।
विधायक #श्री. टी. राजासिंहजी ने कथनानुसार राजनीति में रहकर कार्य करने के कुछ कटु अनुभव
इस
समय #श्री. टी. राजासिंह ने राजनीति में रहकर $हिन्दुत्वरक्षा के लिए किए
साहसी कार्य और उसका पक्षांतर्गत हुआ विरोध, इस विषय में आर्तता ने
निम्नलिखित अनुभव बताए ।
1.
#केरल में रा.स्व. संघ के कार्यकर्ताआें और #हिन्दुत्वनिष्ठों की #हत्या
हो रही है । केरल के मुख्यमंत्री की एक बडी सभा का आयोजन मेरे निर्वाचन
क्षेत्र में किया था । हमने पुलिस से कहा, ‘‘केरल के मुख्यमंत्री के
सभास्थल के निकट मेरा भी व्यासपीठ होगा । वहां से हम गोरक्षा के विषय में
बोलेंगे । इसके लिए हमें अनुमति दो ।’’ मुख्यमंत्री की सभा का प्रचार हो
चुका था । हमने भी सामाजिक प्रसारमाध्यमों मेें प्रचार किया । परिणाम
स्वरूप कानून-व्यवस्था का प्रश्न उत्पन्न न हो; इसके लिए मुख्यमंत्री की
सभा वहां से निरस्त की गई । तदुपरांत पक्ष ने मुझसे पूछा, ‘‘मुख्यमंत्री की
सभा निरस्त करने का अधिकार आपको किसने दिया ?’’ हमने कहा, ‘‘वर्ष 1939 में
रा.स्व. संघ के कार्यकर्ता की हत्या के आरोपी मुख्यमंत्री की सभा मैं अपने
निर्वाचन क्षेत्र में नहीं होने दूंगा ।’’
2.
अच्छा कार्य करने पर लोग ध्यान में रखते हैं । मुझे अनेक क्रांतिकारियों
का स्मरण होता है । उन्होंने धर्म के लिए बहुत कार्य किये हैं । हम सब
भाग्यवान हैं । हम अखंड #हिन्दू राष्ट्र के लिए लड़ रहे हैं । भगवान ने
हमारे लिए यह कार्य लिखा है । हमें #छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे बनना है ।
उसके लिए संगठित होना चाहिए ।
3. #तेलंगाना सरकार द्वारा किया जा रहा #धर्मांधों का तुष्टीकरण !
अभी
#रमजान का महीना चल रहा है । तेलंगाना सरकार ने रमजान के लिए 8 करोड़ रुपए
का अनुदान दिया है । #नमाज पढ़नेवालों को पानी के पैकेट देने के लिए सरकार
ने #5 करोड़ रुपए दिए हैं । महानगरपालिकाआें को नमाज स्थल के गड्ढे भरने के
लिए 5 करोड़ रुपए दिए हैं । राज्य की #500 मस्जिदों में प्रत्येक को 2 लाख
रुपए दिए हैं । प्रत्येक व्यक्ति को 5 किलो चावल और बिरयानी मसाला देने के
लिए यह रकम दी है । राज्य में मुसलमानों को #12 प्रतिशत आरक्षण है । इतना
आरक्षण और कहीं नहीं ।
#श्री.
टी.एन. मुरारी ने भी कहा कि तेलंगाना का तेलंगाना राष्ट्र समितीप्रणित
शासन तथा सभी राजकीय पक्ष अल्पसंख्यकों का सर्वाधिक तुष्टीकरण कर रहे हैं
।
आंध्रप्रदेश
और तेलंगाना में अल्पसंख्यकों के भरोसे पर शासन स्थापित किया जाता है ।
इसलिए वहां सभी पक्ष ‘इफ्तार’ भोज का आयोजन करते हैं । उनमें राजकीय
नेताआें सहित प्रशासकीय अधिकारी भी सम्मिलित होते हैं; परंतु वही नेता और
अधिकारी गणेशोत्सव के समय गणेशपूजन के लिए बुलाकर भी नहीं आते ।
आगे
कहा कि तेलंगाना में पहले 1 हजार तालाब थे । अब वहां केवल 12 तालाब रह गए
हैं । उस स्थान पर देवताआें की मूर्तियां विसर्जित करने से रोका जाता है;
क्योंकि उस क्षेत्र में अल्पसंख्यकों ने अनेक मस्जिदें बनाई हैं । तेलंगाना
राष्ट्र समिति का शासन अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के लिए बहुसंख्यकों का
आरक्षण और सुविधाएं देनेका निरंतर प्रयत्न कर रहा है । उस क्षेत्र में चर्च
और मस्जिद बनाने के लिए तहसील कार्यालय से तत्काल अनुमति दी जाती है ।
#श्री.
आनंद पाटील ने कहा कि, भारत #‘रामराज्य’, सम्राट युधिष्ठिर का
‘धर्मराज्य’ और छत्रपति शिवाजी महाराज का #‘हिन्दवी स्वराज्य’, आदि आदर्श
राजकीय व्यवस्थाआें की परंपरा है; परंतु वर्तमान में #राज्यव्यवस्था,
#शिक्षा, #स्वास्थ्य, #पुलिस और अन्य सभी व्यवस्थाआें में #भ्रष्टाचार बढ़
रहा है । कार्य और व्यवसाय करते समय इन दृष्पप्रवत्तियों के कारण अनेक
बाधाआें का सामना करना पड़ता है । सामान्य व्यक्ति भी #अधर्माचरण,
धर्मनिरपेक्षतावाद के कारण उस व्यवस्था का एक घटक बनता जा रहा है । ‘यह
राष्ट्र मेरा है, यह मेरी मातृभूमि है और मैं समाज का एक घटक हूँ' इस
दृष्टि से सामाजिक कर्तव्य के लिए इस #भ्रष्ट व्यवस्था के विरोध में खड़े
रहकर वैध मार्ग से संघर्ष करना चाहिए ।
अब देखते है इन #हिन्दुत्वनिष्ठों की #आवाज #सरकार सुनती है कि नही???
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