Monday, May 22, 2017

पूर्व सचिव समेत 3 अफसरों को कोयला घोटाले में 2 साल की जेल, मिली तुरंत जमानत

पूर्व सचिव समेत 3 अफसरों को कोयला घोटाले में 2 साल की जेल, मिली तुरंत जमानत

🚩22 अप्रैल 2017

🚩आज भी देश की जेलों में करीब 2.78 लाख विचाराधीन कैदी हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जो उस अपराध के लिए मुकर्रर सजा से ज्यादा समय जेलों में बिता चुके हैं ।


🚩जो धनी लोग हैं और सत्ता के साथ अपना ताल मेल रखते हैं वो तो पैसे के बल पर तुरन्त जमानत पा लेते हैं लेकिन जो गरीब हैं, झूठे #केस में फंसे हैं उनके लिये न्याय पाना मुश्किल ही नही असंभव जैसा हो गया है ।

🚩ऐसे ही करीब 11 लाख करोड़ रुपये कोयला खदान आवंटन घोटाले का मामला सामने आया है ।

🚩दिल्ली की पटियाला हाउस #कोर्ट स्थित स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को कोयला घोटाले में दोषी पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, #कोयला #मंत्रालय के तत्कालीन संयुक्त सचिव के एस क्रोफा और तत्कालीन निदेशक के सी समारिया को दो साल जेल की सजा सुनायी। हालांकि तीनों दोषियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर तत्काल #जमानत भी मिल गयी।

🚩 #यूपीए #सरकार के समय #मध्यप्रदेश के थेसगोड़ा-बी रूद्रपुरी कोयला ब्लॉक के आवंटन घोटाले में गुप्ता, क्रोफा, समारिया और कंपनी केएसएसपीएल और उसके प्रबंध निदेशक पवन कुमार आहलूवालिया को #दोषी करार दिया गया था। दो साल जेल की सजा पाए आहलूवालिया को भी कोर्ट से जमानत मिल गयी।
इस कोयला घोटाले से जुड़े ये चार किरदार कौन हैं, इस पर एक रिपोर्ट-

🚩1.एच सी गुप्ता- यह 31 दिसंबर 2005 से नवंबर 2GYह008 तक कोयला सचिव थे। इन्होंने तत्कालीन #पीएम #मनमोहन सिंह के समक्ष कमल स्पॉंज स्टील एंड पावर लिमिटेड (केएसएसपीएल) कंपनी को मध्य प्रदेश में कोयला ब्लॉक आवंटित करने की सिफारिश की थी, जो उस समय आवंटन के नियमों को पूरा नहीं करती थी। सीबीआई ने विशेष अदालत से गुप्ता को धोखाधड़ी और आपराधिक #षडयंत्र के जुर्म में अधिकतम सात साल जेल की मांग की थी। गुप्ता के खिलाफ कोयला घोटाले से जुडे 10 और मामले लंबित हैं, जिन पर अलग से कार्रवाई चल रही है। 

🚩2. के एस क्रोफा- यह कोयला मंत्रालय के तत्कालीन संयुक्त सचिव थे। इन्हें भी विशेष कोर्ट ने कोयला ब्लॉक आवंटन में #अनियमितता का दोषी माना है। क्रोफा असम मेघालय कैडर के 1982 बैच के आईएएस अ​धिकारी हैं। फिलहाल यह मेघालय के मुख्य सचिव हैं।  इन पर कोयला घोटाले से जुड़े 8 मामलों में शामिल होने का आरोप है।

🚩3. के सी समारिया- यह कोयला मंत्रालय के तत्कालीन निदेशक थे। कोयला ब्लॉक आवंटन में य​ह भी दोषी माने गए हैं। इन पर कोयला घोटाले से जुड़े 6 मामलों में संलिप्त होने का आरोप है।

🚩4. पवन कुमार आहलूवालिया- यह कोयला घोटाले में शामिल कंपनी केएसएसपीएल के प्रबंध निदेशक हैं। इनकी कंपनी के सतना और जयपुर में कार्यालय हैं।

🚩केवल कोयला घोटाले के अपराधियों को ही जमानत मिल गई ऐसा नही है घोटाले - #बोफोर्स_घोटाला - 64 करोड़ रुपये, #यूरिया_घोटाला - 133 करोड़ रुपये, #चारा_घोटाला - 950 करोड़ रुपये, #शेयर_बाजार_घोटाला - 4000 करोड़ रुपये, #सत्यम_घोटाला - 7000 करोड़ रुपये, #स्टैंप_पेपर_घोटाला - 43 हजार करोड़ रुपये, #कॉमनवेल्थ_गेम्स_घोटाला - 70 हजार करोड़ रुपये, #2जी_स्पेक्ट्रम_घोटाला - 1 लाख 67 हजार करोड़ रुपये, अनाज_घोटाला - 2 लाख करोड़ रुपए (#अनुमानित), विजय माल्या 9000 करोड़ घोटाला आदि के सभी आरोपी बाहर स्वतंत्र घूम रहे हैं ।

🚩लेकिन दूसरी ओर  हिन्दू संस्कृति की रक्षा करने वाले, शंकराचार्य अमृतानन्द, कर्नल पुरोहित, संत आसारामजी बापू, श्री नारायण साई, श्री धनंजय देसाई आज भी बिना सबूत सालों से जेल में बंद हैं ।

🚩इसे तो यही पता चल रहा है कि पूर्व जजों ने जो सवाल उठाये थे कि न्यायप्रणाली में भ्रष्टाचार व्याप्त है वे सही हैं ।

🚩सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस खरे ने कहा है कि आपके पास पैसे नही हैं तो कोर्ट के तरफ भूलकर भी नही देखना।

🚩सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश काटजू ने कहा था कि भारतीय #न्याय_प्रणाली में 50% जज भ्रष्ट हैं ।

🚩सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश संतोष_हेगड़े भी सवाल उठा चुके हैं कि ‘धनी और प्रभावशाली’ तुरंत जमानत हासिल कर सकते हैं ।

🚩कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस के एल मंजूनाथ ने कहा कि यहाँ सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के लिए कोई स्थान नहीं है और इस देश में न्याय के लिए कोई जगह नहीं ।

🚩भारत की जेलों में कई सालों से बिना सबूत बहुत सारे निर्दोष लोग बन्द हैं, उनकी कोर्ट में कोई सुनवाई नही हो रही है और न ही उनको जमानत मिल पा रही है, लेकिन किसी भी नेता, अभिनेता, पत्रकारों और अमीरों को सजा होने का बाद तुरंत जमानत हासिल हो जाती है ।

🚩इसलिये आज न्याय प्रणाली से जनता का भरोसा उठ गया है ।

🚩आरोप साबित होने पर भी कई बड़ी हस्तियाँ बाहर घूम रही हैं और अभी तक जिन पर आरोप साबित नही हुआ है वो जेल में हैं । पूर्ण रूप से अब ये समझा जाता है कि मीडिया और #पॉलिटिक्स की आपस में मिलीभगत के कारण न्यायप्रणाली में भी भ्रष्टाचार व्याप्त हो चुका है ।

🚩जनता के मन में कई सवाल उठ रहे हैं कि निर्दोषों के लिए न्याय प्रणाली #भ्रष्ट मुक्त होकर शीघ्र निर्णय कब लेगी ???

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Sunday, May 21, 2017

मीडिया की झूठी खबरों से गुमराह होकर कवियों ने बापू आसारामजी के लिए बोला गलत,अब मांगी माफी

 मीडिया की झूठी खबरों से गुमराह होकर कवियों ने बापू आसारामजी के लिए बोला गलत,अब मांगी माफी

 #जोधपुर जेल में 4 साल से बिना सबूत हिन्दू संत बापू #आसारामजी बंद हैं। अब तक उनके खिलाफ #मीडिया ट्रायल खूब चला है, मीडिया ने #टीआरपी और #पैसे के चक्कर मे उनके खिलाफ झूठी कहानियां बनाकर खूब दिखाई और उसी को सच मानकर कई #कवि और #कवयित्रियों ने उनके खिलाफ मजाक करते हुए बोला लेकिन जब उनको सच्चाई का पता चला तो उन्होंने माफी मांगते हुए #वीडियो जारी किया ।

आइये आपको बताते है क्या कहा कवि और कवयित्रियों ने...
Poets apologized for Bapu Asharamji

 #कवित्री #पूनम वर्मा - अभी अभी संज्ञान में आया है  Youtube पर, मेरी किसी वीडियो में कुछ संत आसारामजी बापू का मजाक बनाया गया है । उपहास किया गया है । "मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था लेकिन जाने अनजाने में मेरे शब्दों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करती हूँ । हाथ जोड़ कर क्षमा चाहती हूँ "।

 #कवि #संपत सरल - मेरी किसी एक कवि #सम्मेलन प्रस्तुति को किसी मूर्ख ने कट पेस्ट करके इस तरह से दुरुपयोग किया और उसको संत आसारामजी बापू के चरित्र के साथ जोड़ दिया । हम हास्य  कवि लेखक है परिहास करते है उपहास नहीं करते । वैसे भी लेखक प्रवृति पर होता है व्यक्ति पर नहीं होता । "जाने अनजाने मेरे उस वक्तव्य से जो मैंने गलती की भी नहीं है अगर किसी आदमी की संत #आसारामजी बापू के भक्तों की भावनाओं को आहत हुई हो उसके लिए खेद व्यक्त करता हूँ उसके लिए क्षमा याचना करता हूँ और भविष्य में  इसकी पुनरावृति नहीं होगी इस बात का आपको भरोसा दिलाता हूँ हरि ॐ" ।

कवि शम्भू शिखर - दिल्ली के कार्यो की वीडियो you tube पर,जिसमें कि आसारामजी बापू की हँसी मजाक मेरी ओर से कविताओं में कही गई ।जिस कारण से बहुत सारे भक्तों का दिल दुःखा और बहुत भक्तों को तकलीफ हुई । मेरा #मकसद किसीका दिल दुखाना या किसीको तकलीफ देना नहीं था न है । ये अज्ञानतावश मैंने ऐसा किया । "आप सभी से किसी भाई-बहन साधकों को अनुयायियों को तकलीफ हुई हो मैं उन सब से क्षमा मांगता हूँ और आप सब से वादा करता हूँ आगे मेरे द्वारा संत आसारामजी बापू पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं आएगी जिस किसी भाई का दिल मेरी वजह से दुखा उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ और उम्मीद करता हूँ आप सबका प्रेम मुझ तक ऐसे ही अविरत पहुंचता रहेगा" ।
 #डॉ. सुरेश अवस्थी - अभी अभी संज्ञान में आया कि मैंने किसी कवि सम्मेलन में कोई ऐसा शब्द,कोई ऐसी पंक्ति पढ़ी है जिससे संत आसारामजी बापू के समर्थको और उनके भक्तों को ठेस पहुंची है । उनका मन आहत हुए है । उन्हें लगा है कि उन शब्दों से संत श्री की अवमानना हुई है। यदि मेरे द्वारा ऐसा कोई शब्द कोई टिप्पणी कविता की कोई पंक्ति प्रयुक्त की गई है जिससे संत श्री आसारामजी बापू के भक्त आहत हुए हैं, उनकी आस्था को चोट पहुंची है या उन शब्दों में कोई संत श्री की अपमानता प्रतीत होती है तो "मैं उसके प्रति भावी मन से खेद व्यक्त करता हूँ मुझे क्षमा करें और मैं ये भविष्य में सचेतता बरतूँगा, ध्यान रखूंगा कि कहीं कोई ऐसी टिप्पणी ऐसी पंक्ति ऐसी कविता मेरे द्वारा प्रस्तुत न की जाए जिससे संत श्री आसारामजी  बापू के भक्तों को दिक्कत हो उन्हें कोई #ठेस पहुँचे या किसी व्यक्ति विशेष को या कोई प्रतीत हो कि उसकी अवमानना की जा रही है मैं इसका पूरा ख्याल रखूंगा खेद क्षमा धन्यवाद"|

कवित्री #अनामिका जैन अम्बर - मैं कवित्री अनामिका जैन अम्बर ये स्वीकारती हूँ कि पूज्य संत श्री आसारामजी बापू के संदर्भ में मुझसे थोड़ा तिपुन दोहा बोला गया है । जब मैंने ये पंक्तियां कही थी तब ये नया विवाद इनके चरित्र को लेकर लगा था प्रथम #दृष्ट्या मुझे ऐसा लगा था कि मेरे अपने धर्म का चोला पहन किसी अपने व्यक्ति ने हमें छल लिया । ये ऐसा था जैसे किसी बच्चे ने अपनी माँ को छला हो ।किन्तु उसके बाद ऐसे साक्ष्य सामने आये जिनमें भान हुआ कि ये एक बड़ा #षड्यंत्र है । हमारे हिंदुओं के साधुओं के प्रति संतों के प्रति। मेरी कलम ने हमेशा माँ भारती की वंदना की है धर्म का मन रखा है । मुझसे जो हुआ वो वास्तव में गलत है मेरी पंक्तियों से पूज्य श्री के अनुयायियों की भावनाएं आहत हुई हैं । "मैं उनसे करबद्ध क्षमा प्रार्थी हूँ आप सब की साक्षी हूँ" भविष्य में कभी किसी #हिन्दू #संत के प्रति ऐसे शब्द जो किसीका हृदय दुखाये नहीं कहूंगी एक आग्रह और करती हूं आप सब से कि उस वीडियो को आप वायरल न करें उसे हमने अपलोड नहीं किया है । जिस चैनल से अपलोड किया गया है उनसे भी निवेदन है कि नेट से उसे हटा दें मेरी कलम आप सभी के साथ से बलशाली हुई है अतः अपना स्नेह बनाये रखे "|

 #डॉ. #सुनील जोगी - मैं आप सब से अपील करता हूँ बहुत से कार्टूनीय पत्रकार कुछ ऐसे हैं जो आसारामजी बापू के विषय में अशोभनीय बातें करते हैं । वो उचित नहीं है बहुत से लोग मुझे फ़ोन करते है । बहुत से उनके भक्त है, उनके अनुयायी है,उनके चाहनेवाले है उनका हृदय दुखता है #बापूजी पर अभी कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है केवल अदालत में मामला है ।  जब तक आरोप सिद्ध नहीं हो जाता हमें किसी भी संत पर इस तरह की टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए । इससे हमारे #धर्म को क्षति पहुंचती है। नुकसान होता है । किसी भी वर्णीय बड़े संत को और आसारामजी  बापू का बड़ा योगदान रहा है उनके करोड़ो शिष्य हैं, #भक्त हैं,  उनका #हृदय दुखता है तो आप सबका कोई अधिकार नहीं कि आसारामजी बापू के लिए अपमान जनक शब्द इस्तेमाल करें या उनके प्रति कोई अशुभ टिप्पणी करें जिससे उनके भक्तों का,उनके माननेवालों का उनके फोल्लोवेर्स का दिल दुखे । इसलिए मेरी आप सब से अपील है कि इस मामले में कुछ भी ऐसी #टिप्पणी न करें। मेरा अनुरोध आप सब स्वीकार करेंगे तो मुझे खुशी होगी ।

अब एक सवाल उठता है कि #मीडिया क्यों बिना सबूत ही  हिन्दू संतो के खिलाफ बोलती रहती है?

क्या उनको इतनी #स्वतन्त्रता दी गई है कि बिना सबूत कुछ भी दिखा सकते हैं ???

जबकि सच्चाई ये है कि किसी भी पादरी या मौलवी के लिए सबूत होने के बाद भी मीडिया दिखाती नहीं है और हिन्दू संतो के खिलाफ बिना सबूत ही जहर उगलती रहती है।

इससे सिद्ध हो जाता है कि वेटिंकन सिटी और सऊदी अरब से हिन्दू संतों और  हिन्दू कार्यकर्ताओं को बदनाम करने का भारी फंडिग मिलता है मीडिया को ।

अतः #देशवासी #विदेशी #फंडिग से चलने वाली मीडिया से सावधान रहें ।

जय हिंद

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Saturday, May 20, 2017

जहर परोसने वाली पेप्सी और कोका कोला का जनता कर रही है त्याग, अपना रहे है देशी पेय पदार्थ

जहर परोसने वाली पेप्सी और कोका कोला का जनता कर रही है त्याग, अपना रहे है देशी पेय पदार्थ

20 मई 2017

पेप्सी 1989 में भारत आई थी । कोका-कोला को जॉर्ज फर्नींडीज ने एक बार भगा दिया था, दोबारा वो 1993 में इंडिया फिर से आई ।
coca cola pepsi

इन दोनों अमेरिकी कंपनियों ने बाकी कंपनियों को रास्ते से हटाने के लिए धमकाने से लेकर कंपनी खरीदने तक की हर टैक्टिक का इस्तेमाल किया और सफल रहे । बाद में आपस में जूझ गए । सॉफ्ट ड्रिंक का ये मार्केट इंडिया में 60 हजार करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया ।

कोका कोला और पेप्सी दोनों कंपनियां भारत सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में राज करती हैं लेकिन अब उनका मार्केट खतरे में है, क्योंकि जनता लो-शुगर और लो-कैलोरी सॉफ्ट ड्रिंक्स की तरफ शिफ्ट हो रही है ।


दोनों कंपनियां एक तरफ हैं । दूसरी तरफ डाबर, पार्ले, हेक्टर बीवरेज, आईटीसी और मनपसंद बीवरेज जैसी कंपनियां हैं । इन कंपनियों ने नये तरीके के ड्रिंक निकाले हैं और स्मार्ट मार्केटिंग की है ।

ये मार्केट दूध बेस्ट ड्रिंक्स और पैकड पानी का है। हेल्थ को लेकर नई कॉन्शसनेस बनी है । जनता इधर शिफ्ट हो रही है। पेप्सी और कोला इसे नहीं देख पाई है।

वड़ोदरा की कंपनी बीवरेज और कई भारत की कंपनियों ने 5 प्रतिशत फ्रूट जूस मिलना शुरू कर दिया है ।

मार्केट इन कंपनियों के बारे में क्या कह रहा है?

1. यूरोमॉनीटर के मुताबिक 2014 और 2016 के बीच कोका कोला का इंडियन मार्केट 35.5 प्रतिशत से घटकर 33.5 प्रतिशत हो गया है । पेप्सी का मार्केट 23.2 प्रतिशत से घटकर 22.2 प्रतिशत हो गया है । 


2. सॉफ्ट ड्रिंक के मार्केट में बॉटल्ड वाटर पिछले 5 सालों में बढ़कर 24 प्रतिशत हिस्सा पकड़ चुका है । 24 प्रतिशत के साथ पार्ले बिस्लेरी इस मामले में सबसे आगे है । कोका कोला का किनले 17 प्रतिशत था, पर अब घट गया है।

3. कॉर्बोनेटेड ड्रिंक्स के मार्केट में कोका कोला और पेप्सी का 96 प्रतिशत शेयर है। पिछले दो-तीन सालों में ये मार्केट 16 हजार करोड़ रुपये बढ़ा और ये दोनों कंपनियां इसका ज्यादा फायदा उठा पाने में कामयाब नहीं रहीं । ये फायदा नई कंपनियों को ही गया ।

4. कोका कोला ने तीन नये नॉन-कॉर्बनेटेड यानी प्लेन ड्रिंक लॉन्च किये । एक्वेरियस, दूध आधारित वायो और नारियल पानी बेस्ड जिको।  पेप्सी ने प्रॉमिस किया कि अपने ड्रिंक्स में वो कैलोरी का लेवल कम करेंगे। पर ये टैक्टिक काम नहीं कर रही है।

5. लगातार ये चीजें भी सामने आती गई हैं कि ये दोनों ड्रिंक्स हेल्थ के लिए हानिकारक हैं। पेप्सी पर तो बाकायदा कीटनाशक होने का आरोप लगा था।

ये दोनों कंपनियां पीछे जा रही हैं, भारत की कंपनियां आगे आ रही हैं

1. वॉट्सऐप पर लगातार इनसे जुड़ी खबरें चलती हैं कि इनके गिलास में इतनी चीनी होती है कि खीर बन जाए। पर इन दोनों कंपनियों ने इस चीज को ज्यादा सीरियसली नहीं लिया। अब इनकी सच्चाई पता चलने पर लोग पीना छोड़ रहे है । सरकार द्वारा इनको पाप यानी कि अनहेल्दी चीजों में रखा जा रहा है।

2. पेप्सी के फ्रूट प्रोडक्ट ट्रॉपिकाना भी जूस के मार्केट में 33.5 प्रतिशत हिस्सेदारी से नीचे गिरकर 28.7 प्रतिशत तक आ गया । डाबर इसमें 56.3 प्रतिशत मार्केट की हिस्सेदारी रखता है ।

3. देसी ब्रांड्स के साथ फायदा ये है कि लोग इनसे जुड़ें जा रहे हैं। अभी नेशनलिज्म का दौर है तो पहले वाली बात नहीं रही कि अमेरिका का है तो अच्छा है। पार्ले एग्रो तो अपने एप्पी फिज्ज के साथ बहुत आगे निकल गया है। अभी हाल में ही फ्रूटी फिज्ज भी लॉन्च किया है। ये मैंगो ड्रिंक है। जिसमें 11 प्रतिशत फल की मात्रा है। जबकि फैंटा या मिरिंडा बस फ्रूट फ्लेवर वाले ड्रिंक्स हैं।

4. यहां तक कि 100 साल पुराने ब्रांड रूह अफजा वाले हमदर्द ने भी रेडी टू ड्रिंक मार्केट में 20 प्रतिशत फल की मात्रा वाला जूस लॉन्च कर दिया है, रूह अफजा फ्यूजन। डाबर तो फ्रूट जूस के अलावा वेजीटेबल जूस भी बना रहा है।इनका नया मैंगो जूस Ju C भी लॉन्च हुआ है।


5 हेक्टर बीवरेज जैसी देसी कंपनियां तो ठंडई और आम का पना भी बना रही हैं। ये अपने पेपर बोट ब्रांड से लोगों तक पहुंच रही हैं। हेक्टर बीवरेज बनाने वाले लोग पहले कोका कोला कंपनी में ही काम करते थे। नये जमाने में इंडियन होना नया कॉन्फिडेंस दे रहा है तो देसी नॉस्टैल्जिया मार्केटिंग में काम आ रहा है।

6 कोका-पेप्सी दोनों कंपनियों को मार्केट के अलावा भी दिक्कतें हैं। पानी की समस्या देश में कई जगह पर है। जहां पर इन कंपनियों के प्लांट लगते हैं, विरोध होना शुरू हो जाता है। मार्च 2017 में देश के सबसे इंडस्ट्रियलाइज्ड राज्य तमिलनाडु की दो बड़ी ट्रेड एशोसिएशन्स ने कोका-कोला और पेप्सी को राज्य में बैन कर दिया। कहा कि ये कंपनियां जो पानी खा जाती हैं, वो किसानों को मिलेगा।


"पेप्सी और कॉक" में उपयोग होने वाले रासायनिक तत्व सोडियम मोनो ग्लूटामेट, पोटेशियम सोरबेट, ब्रोमिनेटेड वेजिटेबल ऑइल (BVO), और सोडियम बेन्जोईट ये चारो  कैंसर करते है।

मिथाइल बेन्जीन - ये #किडनी को खराब करता है।

इसमें सबसे खराब जहर है - एंडोसल्फान - ये #कीड़े मारने के लिए खेतों में डाला जाता है।

और ऊपर से होता है - #कार्बन डाईऑक्साइड - जो कि बहुत जहरीली गैस है इसीलिए इन #कोल्ड ड्रिंक्स को "#कार्बोनेटेड वाटर" कहा जाता है 

सरकार के एक अध्ययन के अनुसार #स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलास्ते ने राज्यसभा में बताया है कि कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स और फार्मा प्रोडक्ट वाली पीईटी बोतलों (#स्प्राइट, #माउंटेन #ड्यू, #सेवन अप, #पेप्सी और #कोकाकोला) के सैंपल में भारी धातु मिले हैं जो #स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं।

अमेरिका हावर्ड #यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक सॉफ्ट ड्रिंक की लत से हर साल 1.33 लाख जानें जाती हैं, हृदयरोग से लगभग 45,000 और कैंसर से 6,500 लोग मौत का शिकार बनते हैं। यानी कुल 1.84 लाख मौतों के लिए सॉफ्ट ड्रिंक जिम्मेदार है।

यह ड्रिंक्स हड्डियों, मांसपेशियों, दांतों, आंखों और किडनी की सेहत के लिए भारी हानिकारक है।

कई विदेशी कंपनियाँ कुछ #नेताओं की #मिलीभगत से #हिन्दुस्तान में बोतलबंद #जहर खुल्लेआम बेच रही है, इस जहर को हिन्दुस्तान की सांसदों की केंटीन में प्रतिबंधित कर दिया गया है,  अगर कोल्ड्रिंक जहरीला है ये हमारे सांसद जानते हैं तो इसे पूरे भारत में प्रतिबंधित क्यों नहीं करते?? 

🚩नेताओं का स्वास्थ्य बेहतर रहना चाहिए तो जनता का क्यो नहीं?? 

🚩हमारे देश मे बहुत सी विदेशी कम्पनियाँ हानिकारक पेय व खाद्य सामग्री बेच रही है और #सरकार टेक्स के चक्कर में आंखे बन्द करके बैठी है ।


🚩नींबू स्वास्थ्य में उत्तम लाभदायी !!

🚩#नींबू का रस स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी  है। #रक्त की अम्लता को दूर करने का विशिष्ट गुण रखता है। त्रिदोष, वायु-सम्बन्धी रोगों, मंदाग्नि, कब्ज और हैजे में नींबू विशेष उपयोगी है। #नींबू में कृमि-कीटाणुनाशक और सड़न दूर करने का विशेष गुण है। यह रक्त व त्वचा के विकारों में भी लाभदायक है। #नींबू की खटाई में #ठंडक उत्पन्न करने का विशिष्ट गुण है जो हमें गर्मी से बचाता है। 


मुँह सूखना, पित्तप्रकोप, उदररोग, अपच, अरुचि, पेटदर्द, मंदाग्नि,  मोटापा, कब्ज, दाँतों से खून निकलना, बालों की रूसी, सिर की फोड़े-फुंसी आदि #नीबू के प्रयोग से मिट जाते हैं ।


क्यों ऐसी #विदेशी कंपनियों के #ज़हरीले पेय-पदार्थों का सेवन करना जो हमारा पैसा लेने के साथ-साथ हमारे शरीर को भी बिमारियों का घर बनाना चाहते है।


इसे तो प्राकृतिक वस्तुओं जैसे #नीबूंपानी #गुलाब शर्बत, नारियल पानी आदि का सेवन कर #गरीबों की रोजी #रोटी में मदद रूप हो और #देश की समृद्धि में सहायक होने के साथ-साथ अपना स्वास्थ्य भी बढ़िया रखे।

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Friday, May 19, 2017

केरल में हर दिन होती है एक हिंदू की हत्या, अब तक हो चुकी है 294 हिंदुओं की हत्या

केरल में हर दिन होती है एक हिंदू की हत्या, अब तक हो चुकी है 294 हिंदुओं की हत्या

19 मई 2017

केरल : हिंदुओं पर लगातार अत्याचार बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन हिंदुओं पर हमले होते हैं जिस वजह से उन्हें पलायन करना पड़ता है। अगर हिन्दू उस हमले का सामना करते हैं तो उनकी हत्या कर दी जाती है। 

ऐसा ही एक मामला आया है केरल के कन्नूर का। जहां हर रोज लगभग किसी न किसी हिंदू की बर्बरता से हत्या हो रही है, हर रोज एक हिंदू की मां अपने बेटे के शव पर रोती है। 
Hindus Outraged

केरल में बीजू नाम का एक हिन्दू वामपंथियों का शिकार हो गया। बीजू को वामपंथियों ने घेरकर धारदार हथियारों से कत्ल कर दिया। जिसके बाद न्याय पाने के लिए बीजू के पिता केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप में मिलने रूडी पहुंचे, जहां उन्होंने मदद की गुहार लगाई है। 

आपको बता दें कि पिछले 1 साल में केरल में 294 हिन्दुओं की हत्या हो चुकी है। 

केरल के मालाबार में लव जिहाद के ईनाम की घोषणा और संचालन होता है ।

केवल केरल में ही लव जिहाद के 5000 से अधिक मामले कोर्ट के सामने आये हैं । 

रिपोर्ट के अनुसार केरल आदि में तो लव जिहाद के जरिये से 4 लाख करीबन हिन्दू लड़कियाँ गायब हो गई है । 

केरल में ईसाई मिशनरियां भी बहुत सक्रिय है जो हिंदुओं का दिन-रात धर्मान्तरण करवाती रहती है ।

वहाँ जो भी हिंदुत्वनिष्ठ लव जिहाद, धर्मान्तरण आदि का विरोध करता है उसको वहाँ से भाग जाने की धमकी मिलती है या उनकी हत्या करवा दी जाती है ।

कब तक हिन्दुस्तान में ही हिन्दू अत्याचार सहता रहेगा?

बांग्लादेश के प्रोफेसर डॉ. अब्दुल बरकत ने रिपोर्ट अनुसार बताया कि अभी अत्याचार के कारण जिस तरह बांग्लादेश से हिन्दू पलायन हो रहे है 632 हिंदू रोजाना छोड़ रहे हैं बांग्लादेश । तीन दशक बाद बांग्लादेश में एक भी हिन्दू नहीं बचेगा ।


पाकिस्तान में भी हिंदू नरक जैसी जिदंगी जी रहे हैं उनकी बहू-बेटियों को उठा ले जाते हैं, पथराव करते हैं,वहाँ की सरकार भी हिंदुओं को कोई सुरक्षा नही देती है ।

भारत में भी कश्मीर से #पंडितों को भगा दिया गया और आज भी मुस्लिम बाहुल इलाकों से हिन्दू परिवार पलायन कर रहे हैं।


#ईसाई मिशनरियाँ और #मुस्लिम देश दिन-रात #हिंदुस्तान और पूरी दुनिया से हिन्दुस्तान को मिटाने में लगे हैं अतः हिन्दू #सावधान रहें ।

अभी समय है हिन्दू #एक होकर #हिन्दुओं पर हो रहे प्रहार को रोके तभी हिन्दू बच पायेंगे । हिन्दू होगा तभी सनातन संस्कृति बचेगी ।


अगर #सनातन #संस्कृति नही बचेगी तो दुनिया में इंसानियत ही नही बचेगी क्योंकि #हिन्दू संस्कृति ही ऐसी है जिसने "वसुधैव कुटुम्बकम्" का वाक्य चरितार्थ करके दिखाया है ।

#सदाचार व भाई-चारे की भावना अगर किसी #संस्कृति में है तो वो सनातन संस्कृति है ।

#शत्रु को भी क्षमा करने की #ताकत अगर किसी संस्कृति में है तो वो #सनातन संस्कृति है ।

#प्राणिमात्र में ईश्वरत्व के दर्शन कर, सर्वोत्वकृष्ट ज्ञान प्राप्त कर जीव में से #शिवत्व को प्रगट करने की क्षमता अगर किसी संस्कृति में है तो वो सनातन #संस्कृति में है ।

ऐसी #महान संस्कृति में हमारा #जन्म हुआ है , #हिन्दू संस्कृति को बचाने के लिए आज हिंदुओं को ही #संगठित होने की जरुरत है ।
 
दुनिया में केवल एक मात्र भारत ही हिन्दू बाहुल राष्ट्र है अगर वहाँ पर भी हिन्दू सुरक्षित नही रहेगा तो कहाँ रहेगा?

#हिन्दू_कार्यकर्ताओं और #हिन्दू_संतों को जेल भेज दिया गया , फिर भी हिन्दू सोया हुआ है....!!!

हिन्दू कार्यकर्ताओं की दिन दहाड़े हत्याएं हो रही है, फिर भी हिन्दू सोया है...!!!

कश्मीर से सभी #पंडितों को भगा दिया गया, फिर भी हिन्दू सोया है...!!!

मुस्लिम बाहुल इलाकों से हिंदुओं का पलायन हो रहा है, फिर भी हिन्दू सोया है...!!!


#ईसाई दिन-रात हिंदुओं का #धर्मान्तरण कर रहे हैं , फिर भी हिन्दू सोया है...!!!

एक नही,दो नही, हजार नही , लाखों हिन्दू #लड़कियों को लव जिहाद में फंसाकर ले जाते हैं फिर भी हिन्दू सोया है...!!!

हिंदुओं के #मंदिर तोड़े जा रहे है फिर भी हिन्दू सोया है…!!!

और भी कई ऐसी घटनाएँ है जिस पर हिन्दू मौन धारण करके सोया है...!!!

हिन्दू कब जागेगा नींद से ...???

अभी भी वक्त है हिन्दू #संगठित हो जाएँ । कानून या सरकार आपकी रक्षा नही करेगी । #धर्म की रक्षा खुद को ही करनी पड़ेगी,इसलिए आपके आस-पास कहीं भी हिन्दू के साथ #अत्याचार हो रहा हो तो निर्भयता से एक होकर सामना करो । 

हे वीर हिन्दू! जाग अपनी महिमा में...

देश के साथ गद्दारी करने वाले मीडिया हॉउसस्  , #ईसाई_मिशनरियों #मुस्लिम_समुदाय के जो भी आतंकी आतंक फैला रहे हैं और जो #राजनीति में हिन्दू संस्कृति विरोधी बैठे है उनको उखाड़ फैको ।

हे हिन्दू! तू वीर #शिवाजी, #पृथ्वीराज_चौहाण, #वीर_महाराणा प्रताप जैसे वीरों का वंशज है । देश के गद्दारों का सफाया कर दें ।

Thursday, May 18, 2017

स्टिंग में बड़ा खुलासा : कश्मीर के असली दुश्मन हुए बेनकाब

स्टिंग में बड़ा खुलासा : कश्मीर के असली दुश्मन हुए बेनकाब

18 अप्रैल 2017
sting enemy of kashmir

कश्मीर में देश की रक्षा करने वाले जवानों पर ग्रेनेड फैकें जा रहे हैं । पथराव किया जा रहा है । बंकरो पर हमला किया जा रहा है । हमारे कई जवान शहीद हो रहे हैं । कई जवान गायब होते जा रहे हैं ।

हिन्दूओं के घर जलाये जा रहे हैं ।

कोर्ट की दीवारें जला दी गई । पाकिस्तान के झंडे फहराये जा रहे हैं । " पकिस्तान_जिंदाबाद" के नारे लगाये जा रहे हैं ।

अमरनाथ यात्रा रोकी गई , कई लंगर जला दिए गए , अमरनाथ यात्रियों से जबरदस्ती "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगवाये गये ।  

ये सब करवा रहा है पाकिस्तान, लेकिन पाकिस्तान की इतनी हिम्मत नही है कि वहाँ बैठे बैठे कुछ कर सके । हमारे देश में छुपे गद्दार लोगों के कारण आज #इंटरनेंशनल लेवल तक #भारत की छवि खराब हो रही है । 


इंडिया टुडे के स्टिंग में बेनकाब कश्मीर के असली दुश्मन

कश्मीर के पत्थरबाज अलगाववादी कहते हैं जब तक काला पैसा आएगा, कश्मीर की सड़कों पर बर्बादी का नाच चलता रहेगा.. कश्मीर में गिलानी गैंग और अमन के ऐसे ही दुश्मनों की स्याह हकीकत एक बार फिर बेपर्दा हुई है । इंडिया टुडे के स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि किस तरह अलगाववादी भाड़े पर जन्नत को अपने फायदे की आग में जला रहे हैं । पाकिस्तान में बैठे दहशत के आका कश्मीर को सुलगाने के लिए हालिया वक्त में 400 करोड़ रुपये झोंक चुके हैं ।

आपको बताते हैं इसी स्टिंग की 10 बड़ी बातें:

-इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर्स ने हुर्रियत के गिलानी धड़े के प्रांतीय अध्यक्ष से संपर्क साधकर अलगाववादियों को फंडिंग की इच्छा जताई ।

-नईम खान का लालच इस कदर था कि उसे झांसे में आते देर नहीं लगी और वो इंडिया टुडे के रिपोर्टर्स से मिलने चोरी-छिपे दिल्ली तक पहुंच गया ।

-खुफिया कैमरे के सामने नईम खान ने बताया कि पाकिस्तान पिछले 6 साल से कश्मीर में बड़े प्रदर्शन को हवा देने की कोशिश में है ।

-नईम का दावा था कि पाकिस्तान इस मंसूबे को पूरा करने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये से ज्यादा झोंक चुका है। लेकिन कश्मीरियों के रहनुमा होने का दावा करने वाले अलगाववादियों की पैसे की भूख इतने से भी नहीं मिटी है और उन्हें पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से और ज्यादा पैसे की उम्मीद है ।

-नईम खान ने काले पैसे को सफेद करने के इस्लामाबाद के तरीके की भी पोल खोली । ये पहला मौका है जब किसी भी कश्मीरी अलगाववादी ने कैमरे के सामने ये खुलासा किया है। पैसों की चाहत में नईम खान ने फंडिंग के रास्ते का राज भी खोला। उसकी मानें तो अलगाववादियों को रकम सऊदी अरब और कतर के रास्ते से मिलती है।

- इंडिया टुडे के इस स्टिंग में पता चला है कि राजधानी दिल्ली के बल्लीमारान और चांदनी चौक के हवाला कारोबारी इस गोरखधंधे का हिस्सा हैं।नईम खान ने बताया कि अलगाववादियों के हमदर्द कश्मीर तक पैसा पहुंचाने की बाकायदा कमीशन लेते हैं।

-नईम खान का कहना था कि पाकिस्तान के फंड मैनेजर सरहद के बजाए दिल्ली के रास्ते पैसा भेजने को ज्यादा सुरक्षित मानते हैं।नईम खान स्टिंग कैमरे में ये शेखी बघारते हुए पाया गया कि कश्मीर में पिछले 1 साल में स्कूलों समेत सभी सरकारी इमारतों में आगजनी हुर्रियत के समर्थन से ही मुमकिन हो पाई।

-तहरीक ए हुर्रियत के नेता ने दावा किया कि जब तक अलगाववादियों को फंडिंग मिलती रहेगी, वहां हालात नहीं सुधरेंगे। उसके अंदाजे के मुताबिक अगर पाकिस्तान से 300-400 करोड़ रुपये और मिलते हैं तो घाटी की सड़कों पर हिंसा 3 महीने तक और खींची जा सकती है।

-इस गुर्गे ने ये भी बताया कि हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी लश्कर के सरगना हाफिज सईद के साथ संपर्क में है और लश्कर ए तैयबा गिलानी को पैसा देने का काम करता है। उसके मुताबिक हाफिज सईद ने पिछले कुछ वक्त में अमन के इन दुश्मनों की फंडिंग में भारी इजाफा किया है। उसका दावा था कि गिलानी से होकर पैसा मीर वाइज उमर फारुक और यासीन मलिक सरीखे सीनियर अलगाववादी नेताओं तक भी पहुंचता है।

-जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे अंडर कवर रिपोर्टर्स के सामने पैसे के बदले हिंसा सुलगाने के लिए तैयार नजर आया। उसने इस काम के लिए बाकायदा प्लान भी पेश किया।

अलगाववादियों पर हजारों करोड़ खर्च!!

आपको बता दें कि कश्मीर में अलगाववादी #नेताओं की सुरक्षा और ऐशो आराम के लिए केंद्र और राज्य सरकार सालाना 100 करोड़ से अधिक खर्च करती है। 

रिपोर्ट के अनुसार 2010 से 2016 तक #सरकार ने अलगाववादी नेताओं पर 600 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए।


मीडिया का भी देश विरोधी रवैया!!

🚩पूर्व रॉ अधिकारी अमर भूषण जी ने बताया कि कुछ #मीडियाकर्मियों द्वारा आतंकियों का समर्थन करना, ऐसा सिर्फ भारत में ही हो सकता है।

🚩सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ऐसे चैनलों को बंद कर देना चाहिए, जो आतंकियों को हीरो बनाने का काम करते हैं या अलगाववादियों की मदद करते हैं। ऐसा करके उन्हें सबक सिखाया जा सकता है।

🚩अमर भूषण जी के अनुसार #मीडिया #आतंकवादियों का #समर्थन करती है इससे ये साबित होता है कि कुछ #मीडिया का भी #देश #विरोधी रवैया है और ऐसे मीडिया चैनलों को हमेशा के लिए #बन्द कर देना चाहिए । 

🚩कुछ समय पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट भेजी है जिसमें कहा गया था कि मस्जिदों, मदरसों और मीडिया पर नियंत्रण रखना होगा ।

🚩यह बात बिलकुल सही है क्योंकि #मीडिया, मस्जिदों, मदरसों और अलगावादी नेताओं पर नियंत्रण हो जायेगा तो फिर कश्मीर में सुख-शांति बनी रहेगी और जो अलगावादी नेताओं पर 100 करोड़ खर्च किये जा रहे  हैं उन्हें अब देश के विकास में लगाना चाहिए क्योंकि पैसा तो देश की जनता का है जो टेक्स से वसूल किया जाता है ऐसे पैसे का देश विरोधी अलगावादी नेताओं के लिए दुपरूपयोग नही करना चाहिए ।

🚩#देश विरोधी मीडिया पर भी #अंकुश लगाना जरूरी है जिससे देश की संस्कृति पर प्रहार न हो ।

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Wednesday, May 17, 2017

विदेश की किताबों में बच्चे पढ़ रहे रामायण और महाभारत

विदेश की किताबों में बच्चे पढ़ रहे रामायण और महाभारत

17 मई 2017

भारत मे भले ही विदेशी लुटेरे मुगलों का और अंग्रेजों की महिमा मंडन वाला इतिहास पढ़ाया जाता हो लेकिन विदेश में आज भी कई जगह पर भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण की महिमा का इतिहास पढ़ाया जा रहा है और वे लोग बौद्धिक, आर्थिक और सभी क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं ।



विदेश की भारत से दूरी लगभग 6 हजार किलोमीटर है ।पर वहां पर मजहबी ठेकेदारों की ठेकेदारी नहीं चलती और वहाँ पर श्रीराम की रामायण और श्री कृष्ण की महाभारत कक्षा 11 के पाठ्यक्रम में पढाई जाती है ।

भगवान श्रीराम , भगवान श्रीकृष्ण , अर्जुन , भीम , नकुल, युधिष्ठिर ऐसी प्रतिमूर्तियां हैं जिनसे कोई बल,कोई बुद्धि , कोई न्याय, कोई त्याग, कोई कर्म और कोई धर्म की शिक्षा ले सकता है । 

आपको ये जान कर आश्चर्य होगा कि दूर देश रोमानिया में कक्षा 11 की पाठ्यपुस्तकों में रामायण और महाभारत के अंश हैं । ये जानकारी भारत में रोमानिया के राजदूत डोबरे ने विशेष बातचीत में कहा ।

भारत और रोमानिया के बीच अत्यंत निकट एवं मजबूत संबंधों को रेखांकित करते हुए रोमानिया के राजदूत राडू ओक्टावियन डोबरे ने बताया कि, दोनों देशों के निकट के सांस्कृतिक संबंध हैं और इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, हमारे यहां 11वीं कक्षा में बच्चों को रामायण और महाभारत के अंश पढाए जाते हैं ! 

इंटरनेशनल कल्चर खंड में बच्चों को यह पढ़ाया जाता है। आगे उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच निकट के सांस्कृतिक संबंध हैं जिन्हें और मजबूत करने की जरूरत है । 

रामायण, महाभारत व गीता में जीवन की हर समस्या का समाधान है....!!!

हम समाज में किस तरह रहें..?
परिवार में किस तरह रहें ...?
अपने कार्य क्षेत्र में कैसे रहें...?
 मित्रों के साथ हमारा व्यवहार कैसा हो...?
ये सभी बातें हम इस ग्रंथ से सीख सकते हैं।


रामायण, महाभारत एवं श्रीमद्भगवद्गीता  #ग्रंथों की बहुउपयोगिता के कारण ही कई स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, प्रबंधन #संस्थान ने इस ग्रंथ की सीख व उपदेश को पाठ्यक्रम में शामिल किया है ।


#आधुनिक काल में जे. रॉबर्ट आइजनहॉवर ने गीता और महाभारत का गहन अध्ययन किया। उन्होंने महाभारत में बताए गए #ब्रह्मास्त्र की संहारक क्षमता पर शोध किया और अपने मिशन को नाम दिया ट्रिनिटी (त्रिदेव)।

रॉबर्ट के नेतृत्व में 1939 से 1945 के बीच #वैज्ञानिकों की एक टीम ने यह कार्य किया और #अमेरिका में 16 जुलाई 1945 को पहला परमाणु परीक्षण किया ।

हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में छुपे रहस्यों को उजागर करने के लिए विदेशों में अनेकों अनुसंधान चल रहे हैं । उसमें विदेशियों को सफलता भी खूब मिल रही है । उन्हीं रहस्यों को उजागार करने के लिए अब भारत में विश्वविद्यालय खुलने लगे हैं । पटना से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिद्दूपुर, #वैशाली में एक विश्वविद्यालय खोला जा रहा है जहाँ रामायण, गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों की पढ़ाई होगी । 



अमेरिका के #न्यूजर्सी में स्थापित कैथोलिक सेटन हॉ यूनिवर्सिटी में गीता को अनिवार्य पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किया है ।

#माध्यमिक_शिक्षा_निदेशालय बीकानेर के डायरेक्टर बी.एल. स्वर्णकार ने आदेश में कहा है कि 'विद्यार्थियों को गीता का उपयोग सुनिश्चित करते हुए अध्ययन के लिए प्रेरित करना होगा, जिससे उनका आध्यात्मिक विकास हो सके ।'

कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने भी कहा है कि 'गीता-रामायण भारत की #सांस्कृतिक व #आध्यात्मिक धरोहर हैं। इसलिए स्कूलों में इनकी पढ़ाई को अनिवार्य किया जाना चाहिए। 

डीपीएस #भागलपुर की प्रिंसिपल डॉ. #अरुणिमा चक्रवर्ती ने भी बताया है कि रामायण और महाभारत की कथाएँ पढ़ाने से बच्चों में शालीनता पैदा की जा सकेगी ।


प्रोफेसर अनामिका गिरधर का कहना है कि'श्रीमदभगवद्गीता' में चरित्र निर्माण, आचरण,व्यवहार व विचार को सुंदर एवं अनुपम बनाने की सामग्री मिल जाती है । किसी भी सम्प्रदाय,मत या वाद की कोई भी ऐसी पुस्तक नहीं है कि जो इस कसौटी पर खरी उतरी हो । 


कई विशेषज्ञों का मानना है कि गीता में दिया गया ज्ञान आधुनिक मैनेजमेंट के लिए भी एकदम सटीक है और उससे काफी कुछ सीखा जा सकता है। 

 इनका तो यहाँ तक कहना है कि गीता का मैनेजमेंट गुण पश्चिमी देशों के सिर्फ मुनाफा कमाने के मैनैजमेंट वाली सोच से कहीं बेहतर है क्योंकि गीता इंसान के पूरे व्यक्तित्व में आत्मिक सुधार की बात करती है । 

इंसान में सुधार आने के बाद उसके जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति तय है और मैनेजमेंट भी उनमें से एक है । गीता में ऐसे कई श्लोक हैं जो द्वापर युग में अर्जुन के लिए तो प्रेरणादायी साबित हुए ही थे,अब इस युग में आधुनिक मैनेजमेंट के भी बहुत काम के हैं । इसलिए आधुनिक मैनेजर गीता ज्ञान से मैनेजमेंट के गुण सीख रहे हैं ।

#भारत ने वेद-पुराण, उपनिषदों से पूरे विश्व को सही जीवन जीने की ढंग सिखाया है । इससे भारतीय बच्चे ही क्यों वंचित रहे ?

जब मदरसों में कुरान पढ़ाई जाती है, #मिशनरी के स्कूलों में बाइबल तो हमारे स्कूल-कॉलेजों में रामायण, महाभारत व गीता क्यों नहीं पढ़ाई जाएँ ?

 मदरसों व मिशनरियों में शिक्षा के माध्यम से धार्मिक उन्माद बढ़ाया जाता है तो #सेक्युलरवादी उसे संविधान का मौलिक अधिकार कहते है और जब स्कूलों-कॉलेजों में बच्चों को जीवन जीने का सही ढंग सिखाया जाता है तो बोलते हैं कि शिक्षा का भगवाकरण हो रहा है ।


अब समय आ गया है कि पश्चिमी #संस्कृति के #नकारात्मक प्रभाव को दूर किया जाए और अपनी पुरानी #संस्कृति को अपनाया जाए। #हिंदुत्व को बढ़ावा दिया जाना भगवाकरण नहीं है।' अपितु उसमें मानवमात्र का कल्याण और उन्नति छुपी है ।

Tuesday, May 16, 2017

भारत को लूटने वाले क्रूर, बर्बर विदेशी शासक – एक तथ्य

भारत को लूटने वाले क्रूर, बर्बर विदेशी शासक – एक तथ्य


मई 16-2017


हमारे देश भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। कुछ दार्शनिक और विदेशी इतिहासकारों ने भारत में कभी गरीबी नहीं देखी थी। हम सब जानते है कि मध्य युग में भारत सोने की चिड़िया कहलाता था। इसलिए हमारा देश शुरू से ही विदेशी आक्रांताओं के निशाने पर रहा। सन् 187 ई० पू० में मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद भारतीय इतिहास की राजनीतिक एकता बिखर गई।
The-cruel-barbarous-foreign-ruler-who-robbed-India-a-fact.


इस खंडित एकता के चलते देश के उत्तर-पश्चिमी मार्गों से कई विदेशी आक्रांताओं ने आकर अनेक भागों में एक ओर जहाँ लूटपाट की, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपने-अपने राज्य स्थापित कर लिए। इन आक्रांताओं और लुटेरों में से कुछ तो महाक्रूर और बर्बर हत्यारे थे जिन्होंने भारतीय जनता को बेरहमी से कुचला।



आओं जानते हैं ऐसे कुछ बर्बर लुटेरों के बारे में ....


 *मुहम्मद बिन कासिम* (Muhammad Bin Qasim)
7वीं सदी के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान भारत के हाथ से जाता रहा। भारत में इस्लामिक शासन का विस्तार 7वीं शताब्दी के अंत में मोहम्मद बिन कासिम के सिन्ध पर आक्रमण के बाद मुस्लिम शासकों द्वारा हुआ। लगभग  712 में इराकी शासक अल हज्जाज के भतीजे एवं दामाद मुहम्मद बिन कासिम ने 17 वर्ष की अवस्था में सिन्ध और बूच के अभियान का सफल नेतृत्व किया।


 #इस्लामिक खलीफाओं ने सिन्ध फतह के लिए कई अभियान चलाए। 10 हजार #सैनिकों का एक दल ऊंट-घोड़ों के साथ सिन्ध पर आक्रमण करने के लिए भेजा गया। सिन्ध पर ईस्वी सन् 638 से 711 ई. तक के 74 वर्षों के काल में 9 खलीफाओं ने 15 बार आक्रमण किया। 15वें आक्रमण का नेतृत्व मोहम्मद बिन कासिम ने किया।


मुहम्मद बिन कासिम अत्यंत क्रूर यौद्धा था। सिंध के दीवान गुन्दुमल की बेटी ने सर कटवाना स्वीकर किया, पर मीर कासिम की पत्नी बनना नहीं। इसी तरह वहां के राजा दाहिर (679 ईस्वी में राजा बने) और उनकी पत्नियों और पुत्रियों ने भी अपनी मातृभूमि और अस्मिता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दिया। सिंध देश के सभी राजाओं की कहानियाँ बहुत ही मार्मिक और दुखदायी हैं। आज सिंध देश पाकिस्तान का एक प्रांत बनकर रह गया है। राजा दाहिर अकेले ही अरब और ईरान के दरिंदों से लड़ते रहे। उनका साथ किसी ने नहीं दिया बल्कि कुछ लोगों ने उनके साथ गद्दारी की।


 *महमूद गजनवी* (Mahmud Ghaznavi)

अरबों के बाद तुर्कों ने भारत पर आक्रमण किया। अलप्तगीन नामक एक तुर्क सरदार ने #गजनी में तुर्क साम्राज्य की स्थापना की। 177 ई. में अलप्तगीन के दामाद सुबुक्तगीन ने गजनी पर शासन किया। सबुक्तगीन ने मरने से पहले कई लड़ाईयाँ लड़ते हुए अपने राज्य की सीमाएं अफगानिस्तान, खुरासान, बल्ख एवं पश्चिमोत्तर भारत तक फैला ली थी। सुबुक्तगीन की मुत्यु के बाद उसका पुत्र महमूद गजनवी गजनी की गद्दी पर बैठा। महमूद गजनवी ने बगदाद के खलीफा के आदेशानुसार भारत के अन्य हिस्सों पर आक्रमण करना शुरू किया ।


उसने भारत पर 1001 से 1016 ई. के बीच 17 बार आक्रमण किए। उसने प्रत्येक वर्ष भारत के अन्य हिस्सों पर आक्रमण करने की प्रतिज्ञा की। अपने 13वें अभियान में गजनवी ने बुंदेलखंड, किरात तथा लोहकोट आदि को जीत लिया। 14वां आक्रमण ग्वालियर तथा कालिंजर पर किया। अपने 15वें आक्रमण में उसने लोदोर्ग (जैसलमेर), चिकलोदर (गुजरात) तथा अन्हिलवाड (गुजरात) पर आक्रमण कर वहां खूब लूटपाट की।


माना जाता है कि #महमूद_गजनवी ने अपना 16वां आक्रमण (1025 ई.) सोमनाथ पर किया। उसने वहां के प्रसिद्ध मंदिरों को तोड़ा और वहां से अपार धन प्राप्त किया। इस मंदिर को लूटते समय महमूद ने लगभग 50,000 ब्राह्मणों एवं हिन्दुओं का कत्ल कर दिया। इसकी चर्चा पूरे देश में आग की तरह फैल गई। 17वां आक्रमण उसने सिन्ध और मुल्तान के तटवर्ती क्षेत्रों के जाटों के ऊपर किया। इसमें जाट पराजित हुए।


 *मुहम्मद गौरी*(Muhammad Ghori)

 #मुहम्मद_बिन_कासिम के बाद महमूद गजनवी और उसके बाद मुहम्मद गौरी ने भारत पर आक्रमण कर अंधाधुंध कत्लेआम और लूटपाट मचाई। इसका पूरा नाम शिहाबुद्दीन उर्फ मुईजुद्दीन मुहम्मद गौरी था। भारत में तुर्क साम्राज्य की स्थापना करने का श्रेय मुहम्मद गौरी को ही जाता है। गौरी गजनी और हेरात के मध्य स्थित छोटे से पहाड़ी प्रदेश गौर का शासक था।


उसने पहला आक्रमण 1175 ईस्वी में मुल्तान पर किया, दूसरा आक्रमण 1178 ईस्वी में गुजरात पर किया। इसके बाद 1179-86 ईस्वी के बीच उसने पंजाब पर फतह हासिल की। इसके बाद उसने 1179 ईस्वी में पेशावर तथा 1185 ईस्वी में स्यालकोट अपने कब्जे में ले लिया। 1191 ईस्वी में उसका युद्ध पृथ्वीराज चौहान से हुआ। इस युद्ध में मुहम्मद गौरी को बुरी तरह पराजित होना पड़ा। इस युद्ध में गौरी को बंधक बना लिया गया, किंतु पृथ्वीराज चौहान ने उसे छोड़ दिया। इसे तराइन का प्रथम युद्ध कहा जाता था।


इसके बाद मुहम्मद गौरी ने अधिक ताकत के साथ पृथ्वीराज चौहान पर आक्रमण कर दिया। तराइन का यह द्वितीय युद्ध 1192 ईस्वी में हुआ था। अबकी बार इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान हार गए और उनको बंधक बना लिया गया। ऐसा माना जाता है कि बाद में उन्हें गजनी ले जाकर मार दिया गया। गौरी भारत में गुलामवंश का शासन स्थापित करके पुन: अपने राज्य लौट गया।


 *चंगेज खान*(Changez khan)

(मंगोलियाई नाम चिंगिस खान, सन 1162 से 18 अगस्त, 1227)। चंगेज खान ने मुस्लिम साम्राज्य को लगभग नष्ट ही कर दिया था। वह एक मंगोल शासक था। वह बौद्ध धर्म का अनुयायी था। हलाकू खान भी बौद्ध था। चंगेज अपनी संगठन शक्ति, बर्बरता तथा साम्राज्य विस्तार के लिए कुख्यात रहा। भारत सहित संपूर्ण रशिया, एशिया और अरब देश चंगेज खान के नाम से ही कांपते थे।


 #चंगेज_खान का जन्म 1162 के आसपास आधुनिक मंगोलिया के उत्तरी भाग में ओनोन नदी के निकट हुआ था। उसका वास्तविक या प्रारंभिक नाम तेमुजिन (या तेमूचिन) था। उसके पिता का नाम येसूजेई था जो कियात कबीले का मुखिया था।


चंगेज खान ने अपने अभियान चलाकर ईरान, गजनी सहित पश्‍चिम भारत के काबुल, कन्धार, पेशावर सहित कश्मीर पर भी अधिकार कर लिया। इस समय चंगेज खान ने सिंधु नदी को पार कर उत्तरी भारत और असम के रास्ते मंगोलिया वापस लौटने की सोची। किंतु वह ऐसा नहीं कर पाया। इस तरह उत्तर भारत एक संभावित लूटपाट और वीभत्स उत्पात से बच गया।


एक नए अनुसंधान के अनुसार इस क्रूर मंगोल योद्धा ने अपने हमलों में इस कदर लूटपाट और खूनखराबा किया कि एशिया में चीन, अफगानिस्तान सहित उजबेकिस्तान, #तिब्बत और बर्मा आदि देशों की बहुत बड़ी आबादी का सफाया हो गया था। मुसलमानों के लिए तो चंगेज खान और हलाकू खान अल्लाह का कहर था।


 *तैमूर*(Timur Lang)

तैमूर लंग भी चंगेज खान जैसा शासक बनना चाहता था। सन 1369 ईस्वी में वह समरकंद का शासक बना। उसके बाद उसने अपनी विजय और क्रूरता की यात्रा शुरू की। मध्य एशिया के मंगोल लोग इस बीच में मुसलमान हो चुके थे और तैमूर खुद भी मुसलमान था।


क्रूरता के मामले में वह चंगेज खान की तरह ही था। कहते हैं, एक जगह उसने दो हजार जिन्दा आदमियों की एक मीनार बनवाई और उन्हें ईंट और गारे में चुनवा दिया।


जब तैमूर ने भारत पर आक्रमण किया तब उत्तर भारत में तुगलक वंश का राज था। 1399 में तैमूर लंग द्वारा देहली पर आक्रमण के साथ ही तुगलक साम्राज्य का अंत माना जाना चाहिए। तैमूर मंगोलों की फौज लेकर आया तो उसका कोई कड़ा मुकाबला नहीं हुआ और वह कत्लेआम करता हुआ मजे के साथ आगे बढ़ता गया।


 #तैमूर के आक्रमण के समय हिन्दू और मुसलमान दोनों ने मिलकर जौहर की राजपूती रस्म अदा की थी, यानी युद्ध में लड़ते-लड़ते मर जाने के लिए बाहर निकल पड़े थे। देहली में वह 15 दिन रहा और उसने इस बड़े शहर को कसाईखाना बना दिया। बाद में कश्मीर को लूटता हुआ वह समरकंद वापस लौट गया। तैमूर के जाने के बाद देहली #मुर्दों का शहर रह गया था।


 *बाबर*(Babar)

मुगल वंश का संस्थापक बाबर एक लूटेरा था। उसने उत्तर भारत में कई लूट को अंजाम दिया। मध्य एशिया के समरकंद राज्य की एक बहुत छोटी सी #जागीर फरगना (वर्तमान खोकन्द) में 1483 ई. में बाबर का जन्म हुआ था। उसका पिता उमर शेख मिर्जा, तैमूरशाह तथा माता कुनलुक निगार खानम #मंगोलों की वंशज थी।


बाबर ने चगताई तुर्की भाषा में अपनी आत्मकथा ‘तुजुक ए बाबरी’ लिखी इसे इतिहास में #बाबरनामा भी कहा जाता है। बाबर का टकराव देहली के शासक #इब्राहिम लोदी से हुआ। बाबर के जीवन का सबसे बड़ा टकराव मेवाड़ के #राणा सांगा के साथ था। बाबरनामा में इसका विस्तृत वर्णन है। संघर्ष में 1927 ई. में खन्वाह के युद्ध में, अन्त में उसे सफलता मिली।


 #बाबर ने अपने विजय पत्र में अपने को मूर्तियों की नींव का खण्डन करने वाला बताया। इस भयंकर संघर्ष से बाबर को गाजी की उपाधि प्राप्त हुई। गाजी वह जो काफिरों का कत्ल करे। बाबर ने अमानुषिक ढंग से तथा क्रूरतापूर्वक हिन्दुओं का नरसंहार ही नहीं किया, बल्कि अनेक हिन्दू मंदिरों को भी नष्ट किया। बाबर की आज्ञा से मीर बाकी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर निर्मित प्रसिद्ध #मंदिर को नष्ट कर मस्जिद बनवाई, इसी भांति ग्वालियर के निकट उरवा में अनेक जैन मंदिरों को नष्ट किया। उसने चंदेरी के प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों को भी नष्ट करवा दिया था, जो आज बस खंडहर है।


 *औरंगजेब*(Aurangzeb)

भारत में मुगल शासकों में सबसे क्रूर औरंगजेब था। मुहीउद्दीन मुहम्मद औरंगजेब का जन्म 1618 ईस्वी में हुआ था। उसके पिता शाहजहाँ और माता का नाम मुमताज था।


बाबर का बेटा नासिरुद्दीन मुहम्मद हुमायूं देहली के तख्त पर बैठा। हुमायूं के बाद जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर, अकबर के बाद नूरुद्दीन सलीम जहांगीर, जहांगीर के बाद #शाहबउद्दीन मुहम्मद शाहजहां, शाहजहां के बाद मुहीउद्दीन मुहम्मद औरंगजेब ने तख्त संभाला।


हिन्दुस्तान के इतिहास के सबसे जालिम शासक जिसने, अपने पिता को कैद किया, अपने सगे भाइयों और भतीजों की बेरहमी से हत्या की, गुरु तेग बहादुर का सर कटवाया, गुरु #गोविन्द सिंह के बच्चों को जिंदा दीवार में चुनवाया, जिसने सैकड़ों मंदिरों को तुड़वाया, जिसने अपनी प्रजा पर बे-इन्तहा जुल्म किए और अपने शासन क्षेत्र में गैर-मुस्लिमों के लिए मुनादी करावा दी कि या तो आप इस्लाम कबूल कर ले या फिर मरने के लिए तैयार रहें। औरंगजेब एक तुर्क था। उसके काल में ही उत्तर भारत का तेजी से इस्लामी करण हुआ। अधिकतर ब्राह्मणों को या तो मुसलमान बनना पड़ा या उन्होंने प्रदेश को छोड़कर महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के गांवों में शरण ली।


उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध #इतिहासकार राधाकृष्ण बुंदेली अनुसार मुगल शासक औरंगजेब ने अपनी सेना को सन् 1669 में जारी कर अपने एक हुक्मनामे पर हिंदुओं के सभी मंदिर ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इस दौरान सोमनाथ मंदिर, वाराणसी का मंदिर, मथुरा का केशव राय मंदिर के अलावा कई हिंदू देवी-देवताओं के प्रसिद्ध मंदिर तोड़ दिए गए थे।


 #औरंगजेब ने हिन्दू त्यौहारों को सार्वजनिक तौर पर मनाने पर प्रतिबन्ध लगाया और उसने हिन्दू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया । औरंगजेब ने दारुल हर्ब (काफिरों का देश भारत) को दारुल इस्लाम (इस्लाम का देश) में परिवर्तित करने का अपना महत्वपूर्ण लक्ष्य बनाया था। 1669 ई. में औरंगजेब ने बनारस के विश्वनाथ मंदिर एवं मथुरा के केशव राय मदिंर को तुड़वा दिया था।

*नादिर शाह* (Nadir Shah)

(जन्म 6 अगस्त, 1688 मृत्यु 17 जून, 1747) : #नादिरशाह का पूरा नाम नादिर कोली बेग था। यह ईरान का शासक था। उसने भारत पर आक्रमण कर कई तरह की लूटपाट और कत्लेआम को अंजाम दिया। देहली की सत्ता पर आसीन उस वक्त के मुगल बादशाह मुहम्मदशाह को हराने के बाद उसने वहां से अपार सम्पत्ति अर्जित की, जिसमें कोहिनूर हीरा भी शामिल था।


 #मुगल बादशाह #मुहम्मदशाह और नादिरशाह के मध्य करनाल का युद्ध 1739 ई. में लड़ा गया। काबुल पर कब्जा करने के बाद उसने देहली पर आक्रमण किया। करनाल में मुगल राजा मोहम्मद शाह और नादिर की सेना के बीच लड़ाई हुई। इसमें नादिर की सेना मुगलों के मुकाबले छोटी थी पर अपने बारूदी अस्त्रों के कारण फारसी सेना जीत गई।


हारने के बाद देहली के #सुल्तान #मोहम्मद शाह ने संभवत मार्च 1739 में देहली पहुंचने पर यह अफवाह फैलायी कि नादिर शाह मारा गया। इससे देहली में भगदड़ मच गई और फारसी सेना का कत्ल शुरू हो गया। नादिर को जब यह पता चला तो उसने इसका बदला लेने के लिए देहली पर आक्रमण कर दिया। उसने देहली में भयानक खूनखराबा किया और एक दिन में कई हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसके अलावा उसने शाह से भारी धनराशि भी लूट ली। मोहम्मद शाह ने सिंधु नदी के पश्चिम की सारी भूमि भी नादिरशाह को दान में दे दी। हीरे जवाहरात का एक जखीरा भी उसे भेंट किया गया जिसमें कोहिनूर (कूह-ए-नूर), दरियानूर और ताज-ए-मह नामक विख्यात हीरे शामिल थे।


 *अहमद शाह अब्दाली* (Ahmad Shah Abdali)



 #अहमदशाह अब्दाली को अहमदशाह दुर्रानी भी कहते हैं। सन 1747 में नादिर शाह की मौत के बाद वह अफगानिस्तान का शासक बना। अपने पिता की तरह अब्दाली ने भी भारत पर सन 1748 से 1758 तक कई बार आक्रमण किया और लूटपाट करके अपार धन संपत्ति को इकट्ठा किया।


सन 1757 में जनवरी के माह में उसने देहली पर आक्रमण किया। उसने अब्दाली से बहुत ही शर्मनाक संधि की, जिसमें एक शर्त देहली को लूटने की अनुमति देना भी था। अहमदशाह एक माह तक देहली में ठहरकर लूटमार और कत्लेआम करता रहा। वहां की लूट में उसे करोड़ों की संपदा हाथ लगी।


देहली लूटने के बाद अब्दाली का लालच बढ़ गया। वहां से उसने आगरा पर आक्रमण किया। आगरा के बाद बल्लभगढ़ पर आक्रमण किया। बल्लभगढ़ में उसने जाटों को हराया और बल्लभगढ़ और उसके आस-पास के क्षेत्रों को लूटा और व्यापक जन−संहार किया।


उसके बाद अहमदशाह ने अपने पठान सैनिकों को मथुरा लूटने और हिन्दुओं के सभी पवित्र स्थलों को तोड़ने के साथ ही हिन्दुओं का व्यापक पैमाने पर कत्लेआम करने का आदेश दिया। उसने अपने सिपाहियों से कहा प्रत्येक हिन्दू के एक कटे सिर के बदले इनाम दिया जाएगा।


मथुरा के इस जनसंहार के विस्तृत ब्यौरा आज भी मथुरा के इतिहास में दर्ज है। अब्दाली द्वारा मथुरा और ब्रज की भीषण लूट बहुत ही क्रूर और बर्बर थी। यह लेख यहां से लिया गया है।
– शिवम शर्मा भारतीय


स्त्रोत : इंडियन नोव्हा


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