स्टिंग में बड़ा खुलासा : कश्मीर के असली दुश्मन हुए बेनकाब
18 अप्रैल 2017
sting enemy of kashmir |
कश्मीर में देश की रक्षा करने वाले जवानों पर ग्रेनेड फैकें जा रहे हैं । पथराव किया जा रहा है । बंकरो पर हमला किया जा रहा है । हमारे कई जवान शहीद हो रहे हैं । कई जवान गायब होते जा रहे हैं ।
हिन्दूओं के घर जलाये जा रहे हैं ।
कोर्ट की दीवारें जला दी गई । पाकिस्तान के झंडे फहराये जा रहे हैं । " पकिस्तान_जिंदाबाद" के नारे लगाये जा रहे हैं ।
अमरनाथ यात्रा रोकी गई , कई लंगर जला दिए गए , अमरनाथ यात्रियों से जबरदस्ती "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगवाये गये ।
ये सब करवा रहा है पाकिस्तान, लेकिन पाकिस्तान की इतनी हिम्मत नही है कि वहाँ बैठे बैठे कुछ कर सके । हमारे देश में छुपे गद्दार लोगों के कारण आज #इंटरनेंशनल लेवल तक #भारत की छवि खराब हो रही है ।
इंडिया टुडे के स्टिंग में बेनकाब कश्मीर के असली दुश्मन
कश्मीर के पत्थरबाज अलगाववादी कहते हैं जब तक काला पैसा आएगा, कश्मीर की सड़कों पर बर्बादी का नाच चलता रहेगा.. कश्मीर में गिलानी गैंग और अमन के ऐसे ही दुश्मनों की स्याह हकीकत एक बार फिर बेपर्दा हुई है । इंडिया टुडे के स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि किस तरह अलगाववादी भाड़े पर जन्नत को अपने फायदे की आग में जला रहे हैं । पाकिस्तान में बैठे दहशत के आका कश्मीर को सुलगाने के लिए हालिया वक्त में 400 करोड़ रुपये झोंक चुके हैं ।
आपको बताते हैं इसी स्टिंग की 10 बड़ी बातें:
-इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर्स ने हुर्रियत के गिलानी धड़े के प्रांतीय अध्यक्ष से संपर्क साधकर अलगाववादियों को फंडिंग की इच्छा जताई ।
-नईम खान का लालच इस कदर था कि उसे झांसे में आते देर नहीं लगी और वो इंडिया टुडे के रिपोर्टर्स से मिलने चोरी-छिपे दिल्ली तक पहुंच गया ।
-खुफिया कैमरे के सामने नईम खान ने बताया कि पाकिस्तान पिछले 6 साल से कश्मीर में बड़े प्रदर्शन को हवा देने की कोशिश में है ।
-नईम का दावा था कि पाकिस्तान इस मंसूबे को पूरा करने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये से ज्यादा झोंक चुका है। लेकिन कश्मीरियों के रहनुमा होने का दावा करने वाले अलगाववादियों की पैसे की भूख इतने से भी नहीं मिटी है और उन्हें पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से और ज्यादा पैसे की उम्मीद है ।
-नईम खान ने काले पैसे को सफेद करने के इस्लामाबाद के तरीके की भी पोल खोली । ये पहला मौका है जब किसी भी कश्मीरी अलगाववादी ने कैमरे के सामने ये खुलासा किया है। पैसों की चाहत में नईम खान ने फंडिंग के रास्ते का राज भी खोला। उसकी मानें तो अलगाववादियों को रकम सऊदी अरब और कतर के रास्ते से मिलती है।
- इंडिया टुडे के इस स्टिंग में पता चला है कि राजधानी दिल्ली के बल्लीमारान और चांदनी चौक के हवाला कारोबारी इस गोरखधंधे का हिस्सा हैं।नईम खान ने बताया कि अलगाववादियों के हमदर्द कश्मीर तक पैसा पहुंचाने की बाकायदा कमीशन लेते हैं।
-नईम खान का कहना था कि पाकिस्तान के फंड मैनेजर सरहद के बजाए दिल्ली के रास्ते पैसा भेजने को ज्यादा सुरक्षित मानते हैं।नईम खान स्टिंग कैमरे में ये शेखी बघारते हुए पाया गया कि कश्मीर में पिछले 1 साल में स्कूलों समेत सभी सरकारी इमारतों में आगजनी हुर्रियत के समर्थन से ही मुमकिन हो पाई।
-तहरीक ए हुर्रियत के नेता ने दावा किया कि जब तक अलगाववादियों को फंडिंग मिलती रहेगी, वहां हालात नहीं सुधरेंगे। उसके अंदाजे के मुताबिक अगर पाकिस्तान से 300-400 करोड़ रुपये और मिलते हैं तो घाटी की सड़कों पर हिंसा 3 महीने तक और खींची जा सकती है।
-इस गुर्गे ने ये भी बताया कि हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी लश्कर के सरगना हाफिज सईद के साथ संपर्क में है और लश्कर ए तैयबा गिलानी को पैसा देने का काम करता है। उसके मुताबिक हाफिज सईद ने पिछले कुछ वक्त में अमन के इन दुश्मनों की फंडिंग में भारी इजाफा किया है। उसका दावा था कि गिलानी से होकर पैसा मीर वाइज उमर फारुक और यासीन मलिक सरीखे सीनियर अलगाववादी नेताओं तक भी पहुंचता है।
-जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे अंडर कवर रिपोर्टर्स के सामने पैसे के बदले हिंसा सुलगाने के लिए तैयार नजर आया। उसने इस काम के लिए बाकायदा प्लान भी पेश किया।
अलगाववादियों पर हजारों करोड़ खर्च!!
आपको बता दें कि कश्मीर में अलगाववादी #नेताओं की सुरक्षा और ऐशो आराम के लिए केंद्र और राज्य सरकार सालाना 100 करोड़ से अधिक खर्च करती है।
रिपोर्ट के अनुसार 2010 से 2016 तक #सरकार ने अलगाववादी नेताओं पर 600 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए।
मीडिया का भी देश विरोधी रवैया!!
पूर्व रॉ अधिकारी अमर भूषण जी ने बताया कि कुछ #मीडियाकर्मियों द्वारा आतंकियों का समर्थन करना, ऐसा सिर्फ भारत में ही हो सकता है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ऐसे चैनलों को बंद कर देना चाहिए, जो आतंकियों को हीरो बनाने का काम करते हैं या अलगाववादियों की मदद करते हैं। ऐसा करके उन्हें सबक सिखाया जा सकता है।
अमर भूषण जी के अनुसार #मीडिया #आतंकवादियों का #समर्थन करती है इससे ये साबित होता है कि कुछ #मीडिया का भी #देश #विरोधी रवैया है और ऐसे मीडिया चैनलों को हमेशा के लिए #बन्द कर देना चाहिए ।
कुछ समय पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट भेजी है जिसमें कहा गया था कि मस्जिदों, मदरसों और मीडिया पर नियंत्रण रखना होगा ।
यह बात बिलकुल सही है क्योंकि #मीडिया, मस्जिदों, मदरसों और अलगावादी नेताओं पर नियंत्रण हो जायेगा तो फिर कश्मीर में सुख-शांति बनी रहेगी और जो अलगावादी नेताओं पर 100 करोड़ खर्च किये जा रहे हैं उन्हें अब देश के विकास में लगाना चाहिए क्योंकि पैसा तो देश की जनता का है जो टेक्स से वसूल किया जाता है ऐसे पैसे का देश विरोधी अलगावादी नेताओं के लिए दुपरूपयोग नही करना चाहिए ।
#देश विरोधी मीडिया पर भी #अंकुश लगाना जरूरी है जिससे देश की संस्कृति पर प्रहार न हो ।
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