कब तक हिन्दू अत्याचार सहता रहेगा...???
1200 वर्षों से #भारत भूमि #विदेशी आक्रान्तों को झेलती आ रही है। पहले #इस्लामिक #आक्रमणकारी आये फिर अंग्रेज आये।
कहने को 1947 में हमारा देश स्वतंत्र हुआ मगर तब तक अफगानिस्तान, #पाकिस्तान, #नेपाल, #तिब्बत, #बांग्लादेश, #श्री लंका आदि भारत भूमि से अलग हो चुके थे।
यह जगजाहिर है कि #भारत में #हिंदुओं की आज भी वैसी ही दुर्दशा है जैसी #मुगलोँ और #अंग्रेजों के राज में थी।
Hindus oppressed |
सत्ता में कोई भी दल क्यों न हो।
#हिन्दू हितों की #अनदेखी सदा होती आयी है। आज भी #गौ माता #कसाई खानों में वैसी ही कटती है।
आज भी ईसाई मिशनरियाँ निर्धन #हिंदुओं का खुलेआम धर्मान्तरण कर रहे हैं।
आज भी #लव_जिहाद के नाम हिन्दू लड़कियों को धर्मान्तरित किया जा रहा है।
आज भी सरकार करोड़ों रुपये हज #सब्सिडी और हज टर्मिनल बनाने के लिए देती है जबकि हिन्दू तीर्थ यात्राओं पर अतिरिक्त कर लगाया जाता है ।
और ये लेकर भी #हिन्दू #मंदिरों का एकत्रित दान सरकारी कोष में जाता है, जिससे मौलवियों को मासिक भत्ता मिलता है।
आज भी #हिन्दू #जुलूसों पर पत्थरबाजी होती है और हिन्दू मंदिरों के लाऊड स्पीकर उतरवा दिए जाते है।
आज भी हिंदुओं के महान चरित्र मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम जी को कोई मिथक बताते है तो योगिराज श्री कृष्ण जी को कोई चरित्रहीन बताते हैं ।
आज भी हिन्दू #देवी-देवताओं की मजाक उड़ाई जाती है और उनके मंदिर तोड़े जाते है ।
आज भी षड्यंत्र तहत निर्दोष हिन्दू #संत जेल में हैं और अधर्मी लोग बाहर हैं ।
आज भी वेदादि धर्मशास्त्रों और संस्कृत का उपहास उड़ाया जाता है और अंग्रेजी को वरीयता दी जाती है।
आज भी 1200 वर्षों से हो रहे हिंदुओं पर अत्याचारों को बीती #चर्चा बताते हैं और गुजरात दंगों को प्रासंगिक बताते हैं ।
किसी ने सोचा ऐसा क्यों हो रहा है ???
क्या इसका कारण जानना आवश्यक नहीं है ?
सबसे बड़ा कारण हिंदुओं में #एकता की कमी का होना है। #जातिवाद के नाम पर वोट देने वाले हिंदुओं को आसानी से आपस में लड़वा कर अपना उल्लू सीधा करते हैं ।
उत्तर प्रदेश का उदाहरण लीजिये...!
सत्ता पाने के लिए सभी दल #मुसलमानों के तलवे चाटने पर लगे हुए है। क्योंकि उन्हें मालूम है कि हिन्दू तो #ब्राह्मण, #बनिया, #यादव, #ठाकुर, #जाट, #जाटव, #वाल्मीकि आदि के रूप में वोट करेगा जबकि मुसलमान समाज जो उनके पक्ष में सबसे बड़ी बोली लगाएगा उसके पक्ष में वोट करेंगे ।
मुस्लिम उत्तर प्रदेश में 20 प्रतिशत होते हुए भी सत्ता की चाबी अपने हाथ में रखते हैं जबकि हिन्दू 80% होते हुए भी #कैराना से पलायन करते हैं।
कारण हिन्दू समाज ने कभी भी राजसत्ता पर बैठकर #हिंदुत्व के लिए कार्य करने का नहीं सोचा । कारण हिंदुओं में एकता और उद्देश्य की कमी होना है।
राजनेता उसकी सुनता है जिसमें शक्ति होती है और संगठन होता है। मुस्लिम समाज संगठित है। एकमुश्त वोट करता है। इसलिए राजनेता उसके अनपढ़ #मौलवियों के तलवे चाटते हैं ।
तीन तलाक और #बहुविवाह के मुद्दे पर सरकार चुप है। #गौरक्षा और मदरसों में दी जा रही आतंकवादी शिक्षा को लेकर सरकार चुप है।
ईसाई समाज भी संगठित वोट करता है। इसलिए सभी जानते थे कि #मदर टेरेसा #धर्मान्तरण का कार्य करती थी फिर भी विदेश मंत्री से लेकर दो प्रदेशों के मुख्यमंत्री अपनी हाजिरी लगाने #वेटिकन गए।
पाकिस्तान और बांग्लादेश के रूप में भारत माता के दो बाजू तो पहले ही कट चुके हैं । कश्मीर के रूप में मस्तक पर भी खतरा मंडरा रहा है। आज यह हालात हैं तो सन 2051 में हालात कैसे होंगे ?
जब भारत की मुस्लिम आबादी 50 #करोड़ से अधिक हो जाएगी।
वीर #सावरकर का कथन स्मरण कीजिये। अगर हिन्दू जातिवाद त्याग कर संगठित होकर वोट करें तो #सेक्युलर राजनीति करने वाले सभी नेता कोट के ऊपर जनेऊ पहनेंगे ।
इसलिए #हिंदुओं अभी भी समय है। एक हो जाओ। जातिवाद का #बहिष्कार कर संगठित हो जाओ ।
अन्यथा......हिंदुओं का भविष्य खतरें में हैं !!!
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