Monday, November 13, 2017

वेटिकन में सबसे बड़े कैथोलिक चर्च में लाखों बच्चों के साथ मिला अश्लीलता का वीडियो

अक्टूबर 13, 2017   www.azaadbharat.org
🚩वेटिकन सिटी के फंडिग की लालच में मीडिया भले हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं, पर्व-त्यौहारों, साधु-संतों, मंदिर-आश्रमों को बदनाम करें लेकिन आश्चर्य में डाल देगी आपको वेटिकन सिटी की खुद की सच्चाई !!
🚩वेबसाइट nnettle.com में चर्च के बारे में जो छपा है वो हैरान करने वाला है कि कैसे धर्म के नाम पर ईसाई पादरी बच्चों के साथ दुष्कर्म जैसे घिनौने कृत्य करते हैं ।
🚩वेटिकन में सबसे बड़ा कैथोलिक चर्च पीडोफाइल है।
🚩जहाँ कैथोलिक चर्च लिपिक पीडोफिलिया के अपने निरंतर प्रदर्शन को रोकने के लिए लड़ाई कर रहा है, वहीं दूसरी ओर जासूसों ने वेटिकन के भीतर की गई फोटो, वीडियो और अन्य स्पष्ट सामग्री सहित बाल अश्लील साहित्य की एक "अभूतपूर्व" मात्रा का पर्दाफाश किया है।

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🚩वेटिकन प्रमोटर ऑफ जस्टिस, जियान पिएरो मिलानो ने इन आरोपों के जवाब में एक रिपोर्ट जारी की जो उन्होंने न्यायिक समारोह के दौरान कैथोलिक चर्च के अधिकारियों के समक्ष पूरी पढ़ी ।
🚩मिलानो का दावा है कि कैथोलिक चर्च की आंतरिक जांच प्रोटोकॉल के कारण, वह वास्तव में पीडोफिलिया और बाल अश्लीलता रखने के अभियुक्त लोगों के नाम बताने का उनका कोई कानूनी दायित्व नहीं है।
🚩हालांकि, होली सी के प्रवक्ता फेडेरिको लोम्बार्डी ने खुलेपन का एक दुर्लभ प्रदर्शन दिखाया और आर्कबिशप जोसेफ वेसोलोव्स्की का नाम आरोपी में से एक के रूप में दर्ज किया, जिनसे जांच शुरू हुई थी।
🚩यद्यपि यह वेटिकन द्वारा एक आगामी संकेत की तरह लग सकता है,  लेकिन 2014 में पहले ही खबरों का खुलासा हुआ था जिसमें न केवल वेसोलोव्स्की ( Wesolowski ) के कब्जे में 100,000 से अधिक ऐसे छवियों और वीडियो का मिलना जिसमे बच्चों को यौन क्रिया करने में मजबूर किया जा रहा है, परन्तु वेसोलोव्स्की द्वारा पोलैंड और डोमिनिकन गणराज्य में कई बच्चों को यौन शोषण करना भी शामिल था ।
🚩वेटिकन की आंतरिक नीतियों के कारण, वेसोलोव्स्की की जांच हुई थी। लेकिन "अपनी सुरक्षा" के लिए जेल जाने से बच गया।
🚩चर्च द्वारा उठाए गए  असामान्य कदम में,  इस उच्च श्रेणी के कैथोलिक आधिकारियों के अपराधों के लिए वेटिकन के अभियोजन से मुकदमा चलाया गया था  और उसे "सुरक्षात्मक" घर गिरफ्तारी के तहत रखा गया था, लेकिन इससे पहले कि मामला भी "कोर्टरूम" तक पहुंचता, उससे पहले वो रहस्यमय तरीके से मर गया।
🚩उनकी मृत्यु के बाद न्याय की कमी ने कई पीड़ितों को सुझावों से निराश कर दिया कि घर गिरफ्तारी के लिए एकमात्र कारण यह तथ्य, खबर का खुलासा था कि, डोमिनिकन गणराज्य में मुकदमा चलाने से बचने के लिए वेटिकन अधिकारियों द्वारा वेसोलोव्स्की को चुपचाप से वापस कैथोलिक शहर-राज्य तक ले जाया गया था, उसे बाद में मुफ्त में घूमने की इजाजत थी।
🚩चर्च और राज्य के अनुसार, वास्तव में वेसोलॉव्स्की के कंप्यूटर पर जो कुछ पाया गया था, उसका वर्णन घृणास्पद था:
🚩कैमरे के सामने हस्तमैथुन करने और एक दूसरे से सेक्स करने के लिए मजबूर किये गए किशोरों के 160 से अधिक वीडियो थे।
🚩इसके अलावा, किशोरों पे बलात्कार किया था और तो और उन्हें वयस्कों के साथ यौन कृत्य करने के लिए मजबूर किया था।
🚩वेसोलोव्स्की अपने बाल अश्लीलता संग्रह के बारे में सुरक्षात्मक था, 86000 से अधिक छवियों उनके द्वारा अवरोधित फ़ोल्डर में वर्गीकृत और दर्ज किया गया था।
🚩कंप्यूटर पर मौजूद छवियों और वीडियो के अलावा, कम से कम 45,000 अन्य पहले से ही हटाए जा चुके थे।
🚩यह अच्छा आर्चबिशप ये सुनिश्चित करना चाहता था कि प्रवास के दौरान को बाल अश्लीलता से वंछित नहीं रहे, इसलिए वो एक लैपटॉप साथ में रखता था जिसमें और भी ज्यादा अश्लील फोटो और वीडियो थे।
🚩यह काफी ठेठ लगता है कि इस नए बाल पोर्न डिस्कवरी केस में केवल आरोपी पार्टी का नाम रखा गया है, जो पहले से ही उजागर किया गया है और उसका निधन हो गया है, अन्य आरोपियों की पहचान गोपनीय रखी है।
🚩गार्डियन के मुताबिक, बाल अश्लीलता के मामलों से परे, वेटिकन अधिकारी मादक पदार्थों की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग सहित कई अपराधों से जूझ रहे हैं।
🚩वेटिकन को संबोधित नशीली दवाओं की तीन डाक-वितरण को 2014 में रोक दिया गया था जिसमें कोकेन से भरे कंडोम युक्त पैकेट भी शामिल थे ।
🚩जर्मनी की लीपज़िग हवाई अड्डे पर ड्रग्स की खोज की गई और खरीदार को फंसाने की आशा में वेटिकन को सौंप दिया गया, लेकिन कोई भी सामान पर दावा करने के लिए आगे नहीं आया।
🚩आपराधिक गतिविधियों की सरणी के बावजूद, हाल के वर्षों में वेटिकन के जेल में केवल छह लोग ही पहुंचे ।
🚩इनमें सेंट पीटर की बेसिलिका के ऊपर चढ़ने वाले एक इतालियन प्रदर्शनकार मार्सेलो डी फिनिज़ियो, और एक फ़ेमेन कार्यकर्ता इयाना अज़जानोवा शामिल हैं, जिन्होंने अपने स्तनों का प्रदर्शन करते हुए वेटिकन के जन्म के दृश्य से एक बाल यीशु की प्रतिमा को पकड़ लिया।
🚩जो #ईसाई #पादरी खुद #दुष्कर्म में लिप्त है वो ही भारत में आकर अपना धर्म महान बताकर लालच देकर हिन्दुओं का #धर्मपरिवर्तन #करवाते हैं और #मीडिया भी ईसाई #पादरियों का #दुष्कर्म #नहीं #बताती है और न ही उनके चर्च के में हो रहे योन शोषण के बारे में बताती है, सिर्फ पवित्र हिन्दू #साधु-संतों को ही #बदनाम करती है, #वेटिकन सिटी के इशारे पर ।
🚩पाठक खुद विचार करें कि आखिर क्यों सिर्फ और सिर्फ मीडिया में हिन्दू साधु-संतों की छवि ही धूमिल की जाती है । अभी हाल ही में कर्नाटक की मैसूर #न्यायालय ने #स्वामी नित्यानंद के खिलाफ #झूठी #गवाही देनेवाले #विनय भारद्वाज पर #2.75 करोड़ रुपए का #जुर्माना लगाया है ।
🚩पर जितना मीडिया ने उनको बदनाम किया क्या उसका चौथा हिस्सा भी इस न्यूज को हाईलाइट किया गया ?
🚩आखिर कबतक शिकार होंगे भारतवासी ऐसी बिकाऊ मीडिया के ???
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Sunday, November 12, 2017

कांग्रेस का हाथ अपराधियों के साथ? बचाने के लिए सोनिया गांधी ने लिखी थी चिट्ठी- रिपोर्ट

November 12, 2017

🚩देश में हर पार्टी अपने चहेते #पत्रकार रखती है, फिर चाहे वो कितने ही #देश #विरोधी क्यों न हो लेकिन #सरकार उनको #बचाने के लिए भरपूर #प्रयास करती है।

🚩ऐसे ही कांग्रेस सरकार की तरफ से एक घटना सामने आई है, जो तहलका हमेशा विवादित खबरों में रहा हो, #झूठी #खबरें छापकर देश की नंबर एक #मैगजीन बता रहा हो उन्हीं को बचाने के लिए #सोनिया गांधी ने भरपूर प्रयास किये हैं ।

🚩तहलका पर अटल बिहारी वाजपेयी ने जांच के आदेश दिए थे लेकिन 2004 में कांग्रेस सरकार बनते ही 4 महीने में तहलका की जांच रोकने का आदेश दे दिया गया ।
🚩तहलका केस में खुलासा हुआ है कि, यौन शोषण के #आरोपी #तरुण तेजपाल को राहत देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उस समय वित्त मंत्री रहे #पी. चिदंबरम को #पत्र लिखा था । 

🚩जी न्यूज के अनुसार उनके हाथ एक पत्र लगा है जिसके द्वारा यह बात कही जा रही है कि, वर्ष 2004 में चिदंबरम को #सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर तहलका न्यूज पोर्टल के #फाइनैंशियल #प्राइवेट फर्म फर्स्ट ग्लोबल के #विरोध में #जांच को #रुकवाने के #निर्देश दिए थे । इस पत्र के 6 दिनों के बाद फर्स्ट ग्लोबल पर चल रही जांच को हटा लिया गया था । रिपोर्ट के अनुसार 2004 में सत्ता में आने के बाद सोनिया गांधी ने प्रवर्तन निदेशालय को मिलने के लिए बुलाया था ।

🚩सोनिया ने चिंदबरम को निर्देश दिए थे कि, तहलका मामले को सुलझाने को प्राथमिकता दी जाए ताकि यह सनुश्चित किया जा सके कि इस केस में किसी भी प्रकार का अनुचित या गैरकानूनी कार्य नहीं किया गया है । 

🚩सोनिया गांधी के पत्र लिखने के चार दिन बाद #यूपीए सरकार ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया था और 2 दिन बाद फर्स्ट #गलोबल पर चल रही #जांच को #हटा लिया गया था । वहीं इस मामले के सामने आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम ने कहा कि, मैंने इस पत्र पर ज्यादा ध्यान दिया था जो कि, बिलकुल सही था, क्योंकि यह मेरे मंत्रालय के कार्य का हिस्सा रहा होगा तभी मैंने पत्र का जवाब दिया होगा ।

🚩अब देश की जनता का ये प्रश्न है कि देश के सामने इतनी #बडी-बडी #समस्या होते हुए भी कांग्रेस अध्यक्ष #सोनिया गांधी को तहलका केस में इतनी #दिलचस्पी क्यों थी ?


🚩यौन शोषण के आरोपी होने के बावजूद सोनिया गांधी ने तरुण तेजपाल का जो बचाव किया है उससे आम जनता के मन में प्रश्न उत्पन्न हो सकता है कि, क्या कांग्रेस का हाथ अपराधियों के साथ है ?

🚩आजतक कांग्रेस ने न केवल हिन्दुआें का विश्वास तोड़ा है, बल्कि वह आम जनता का भी विश्वास तोड़ रही है यही इस घटना से सामने आता है ।

🚩एक तरफ तो सोनिया गांधी हिन्दू आतंकवाद सिद्ध करने के लिए हिंदुत्वनिष्ठों एवं हिन्दू साधु-संतों पर झूठा इल्जाम लगाकर जेल भेज रही थी, दूसरी ओर जो भी ईसाई धर्मान्तरण को रोक रहे थे उनके साथ भी यही हो रहा था उनके खिलाफ भी मीडिया ट्रायल चलाकर झूठे आरोप लगाकर जेल में बंद कर दिया गया या उनकी हत्या करवा दी गई । इससे साबित होता है कि हिन्दुत्व को खत्म करने की साजिश भी सोनिया गांधी द्वारा रची जा रही थी ।

🚩सुब्रमयम स्वामी के अनुसार वेटिकन सिटी के इशारे पर सोनिया गांधी काम कर रही थी इसलिए उसने शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, साध्वी प्रज्ञा, स्वामी असीमानंद, शंकराचार्य अमृतानन्द, संत आशारामजी बापू आदि आदि हिन्दू #साधु- संतों पर #झूठे #इल्जाम लगाकर जेल भिजवाया था। 

🚩उस समय इन हिंदुत्वनिष्ठों को बदनाम करने के लिए #झूठी-झूठी #कहानियां बनकर मीडिया ने दिन-रात प्रयास किया, उनकी अच्छाई नही दिखाकर उनको सिर्फ बदनाम किया गया ताकि आम जनता के मन में #हिन्दू #संतों की छवि #धूमिल हो जाये लेकिन कांग्रेस सरकार जाते ही सच बाहर आने लगे और उनकी पोल पट्टी खुलने लगी और तत्कालीन सरकार की #साजिश को जनता समझने लगी ।

🚩देश की मीडिया आज पैसे और टीआरपी के लिए  इतनी निर्लज्जता और स्वतंत्रता की हदें पार कर चुकी है कि हर खबर को अपने फायदे के लिए तोड़-मरोड़ करके दिखाना इसका पेशा हो गया है, आज जनता जाग रही है और मीडिया पर अंकुश लगाने के लिए आवाज उठा रही है पर जब तक सरकार उनके साथ होगी, नेता उनको मदद करेगे तब तक मीडिया देश के लिए घातक ही बनी रहेगी ।

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Saturday, November 11, 2017

भारत में ईसाई और मुसलमानों की हो रही हिंसा रोकने के लिए अमेरिका देगा पांच लाख डॉलर

November 11, 2017     www.azaadbharat.org
🚩#सनातन धर्म के हिन्दू समाज ने #विश्व को #शांति का पाठ पढ़ाया आज उनको ही हिंसक घोषित किया जा रहा है और #हिदुत्व को #मिटाने का #षडयंत्र चल रहा है ।
🚩हिन्दुस्तान में ही हिन्दू पराये होते जा रहे हैं, उनकी कहीं भी सुनवाई नही हो रही है और न ही उनको कोई सहायता दी जा रही है, भारत देश के 8 राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गये हैं उनको अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए #सुप्रीम #कोर्ट में #याचिका डाली गई लेकिन #सुनवाई करने से ही #मना कर दिया, देवभूमि कश्मीर से पंडितों को भगा दिया गया, केरल ,कर्णाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल आदि में हिन्दुओं की बर्बरतापूर्वक हत्या की जा रही है लेकिन फिर भी उनके पक्ष में कोई नही आ रहा है, उत्तर प्रदेश कैराना से कई हिन्दू पलायन कर गये, लव जिहाद से लाखों हिन्दू लड़कियां लापता है, गुजरात कच्छ में भी गांव हिन्दू विहीन हो रहे हैं इस पर कोई ध्यान नही दे रहा है और न ही कोई हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सहायता कर रहा है ।
🚩भारत में जो हिन्दुओं का #धर्मान्तरण करवा रहे हैं, #क्रूरता से #हत्या कर रहे हैं उनको अमेरिका NGOs के माध्यम से सहायता करेगा ।
America will give $ 500,000 to prevent violence against Christians and Muslims in India

🚩आपको बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत में धार्मिक हत्याएं और हमले बढ़े हैं। गौरक्षक समूहों द्वारा ज्यादातर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि हुई है। हिंदुओं ने मुसलमानों और ईसाइयों पर हमले किए और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। भारत में अमेरिका के नवनियुक्त राजदूत केन जस्टर ने सीनेट के समक्ष कहा था कि मानवाधिकार और धार्मिक आजादी नई दिल्ली में उनकी प्राथमिकता होगी।
🚩गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत में धार्मिक आजादी को बढ़ावा देने के लिए करीब पांच लाख डॉलर (करीब 3.24 करोड़ रुपये) का अनुदान देने की घोषणा की है। अमेरिकी विदेशी मंत्रालय ने इसके लिए गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से आवेदन मांगे हैं। आवेदन के साथ भारत में धार्मिक हिंसा और भेदभाव कम करने के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित करने का प्रस्ताव मांगा गया है।
🚩आपकी जानकारी के लिये बता दे कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय के लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम ब्यूरो की इस संबध में जारी सूचना में कहा गया है कि 493,827 डॉलर के कार्यक्रम का मकसद भारत में धार्मिक हिंसा और भेदभाव को कम करना है। आवेदकों से कार्यक्रम की सफलता के लिए आपत्तिजनक संदेशों से मुकाबले के लिए सकारात्मक संदेशों के विचार देने को कहा गया है। इसके अलावा उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता खासकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की कानूनी सुरक्षा को लेकर सिविल सोसायटी और पत्रकारों को शिक्षित करने का प्रस्ताव भी देने को कहा गया है। आवेदनों की जांच के बाद भारत और श्रीलंका के लिए अनुदान पाने वालों की घोषणा की जाएगी। मंत्रालय की वेबसाइट पर यह सूचना उपलब्ध है ।
🚩भारत में अल्पसंख्यक ही बहुसंख्यक का धर्मान्तरण करा रहे हैं और अत्याचार कर रहे हैं लेकिन फिर भी उनको ही अमेरिका फंडिग देगा, दूसरी ओर पाकिस्तान, बाग्लादेश, श्री लंका, इंडोनेशिया, भूटान, मलेशिया, अफगानिस्तान आदि देशों में हिन्दू अल्पसंख्यक है और उनको मिटाने के लिए भयंकर अत्याचार किये जा रहे हैं, सरकार की तरफ से कोई सुविधा नही दी जा रही है उनकी हत्यायें की जा रही है, जमीन हड़पते हैं, घर-दुकान, मन्दिर को आग लगा देते हैं, तोड़-फोड़ देते हैं उन अत्याचार रोकने के लिए अमेरिका पैसा क्यों नहीं दे रहा है?
🚩धर्म रक्षा दल के अध्यक्ष ने इस पर एक प्रेस विज्ञप्ति निकाली है
🚩प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि भारत का कोई प्रधानमंत्री या गृहमंत्री है जो पूछे अमेरिका से धर्म किसे कहते है। 9 Nov17 को नव भारत टाइम्स दिल्ली अखबार के अनुसार अमेरिका ने घोषणा की है।भारत में धर्म के नाम पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए अमेरिका 5 लाख डॉलर देगा। गोरक्षकों  के द्वारा धर्म के नाम पर मुसलमानों पर अत्याचार के मामले सामने आए हैं । NGOs को अमेरिका सीधे संपर्क करके अल्पसंख्यको के हितों की रक्षा करने का दायित्व दे रहा है।
🚩अमेरिका पहले धर्म की परिभाषा बताये नही तो भारत से अपना दूतावास बंद करके घर में रोटी खाकर वही खाद बनाएं । कम से कम भारत में तो धर्म की बात नहीं करे।
🚩भारत का कोई नेता जिन्दा हो तो अखबार की खबर की जिम्मेदारी तय करके अपने जीवित होने का प्रमाण प्रस्तुत करें या राजनीति त्याग कर घर मे रोटी खाये। जनता के पैसे पर मौज ना उड़ाये,अखबार या अमेरिका की जिम्मेदारी से हिन्दू जनता को अवगत कराया जाए।
🚩भारत में ही #ईसाई मिशनरियां, #मीडिया, साहित्य, इतिहासकारों, शिक्षा, #बॉलीवुड, #आतंकवादियों द्वारा #हिन्दू पर #प्रहार किया जा रहा है और विदेश में हिन्दू  नर्क जैसा जीवन जी रहे हैं फिर न सरकार से न न्यायालय से और न ही विदेश से सहायता मिल रही है।
🚩हिन्दुओं को जाति-पाति छोड़कर एक होकर जो हिन्दुत्व का कार्य कर रहे हैं साधु-संत, हिंदुत्वनिष्ठ और नेताओं का साथ देना चाहिए जिससे हिन्दू संस्कृति की रक्षा हो और हिंदुत्व को मिटाने का प्लान विफल हो जाए ।
🚩जय हिंद
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