Thursday, September 7, 2023

पृथ्वी पर अष्टमी को ही श्रीकृष्ण क्यों आए ? जन्माष्टमी व्रत से कितने फायदे होते है ? जानिए....

 06 September 2023

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🚩जब समाज में अव्यवस्था फैलने लगती है, सज्जन लोग पेट भरने में भी कठिनाइयों का सामना करते हैं और दुष्ट लोग शराब-कबाब उड़ाते हैं, कंस, चाणूर, मुष्टिक जैसे दुष्ट बढ़ जाते है और निर्दोष गोप-बाल जैसे लोग अधिक सताए जाते हैं, तब उन सताए जाने व शक्ति और भावना शक्ति उत्कट होती है और सताने वालों के दुष्कर्मों का फल देने के लिए भगवान का अवतार होता है ।

🚩जब-जब पृथ्वी पर पापियों का बोझ बढ़ जाता है, तब-तब पृथ्वी अपना बोझ उतारने के लिए भगवान की शरण में जाती है । कंस आदि दुष्टों के पापकर्म बढ़ जाने पर भी, पापकर्मों के भार से बोझिल पृथ्वी देवताओं के साथ भगवान के पास गई और उसने श्रीहरि से प्रार्थना की, तब भगवान ने कहाः “हे देवताओं ! पृथ्वी के साथ तुम भी आये हो, धरती के भार को हल्का करने की तुम्हारी भी इच्छा है, अतः जाओ, तुम भी वृन्दावन में जाकर गोप-ग्वालों के रूप में अवतरित हो मेरी लीला में सहयोगी बनो । मैं भी समय पाकर वसुदेव-देवकी के यहाँ अवतार लूँगा।”


🚩जन्माष्टमी व्रत से लाभ:-

जन्माष्टमी का व्रत ( 7 सितंबर) को करने से 1000 एकादशी व्रत करने का पुण्य प्राप्त होता है और उसके रोग, शोक, दूर हो जाते हैं।” धर्मराज सावित्री देवी को कहते हैं किः “जन्माष्टमी का व्रत सौ जन्मों के पापों से मुक्ति दिलाने वाला है ।” (ब्रह्मवैवर्त पुराण)

🚩अकाल मृत्यु व गर्भपात से करे रक्षा:-

ʹभविष्य पुराणʹ में लिखा है कि ʹजन्माष्टमी का व्रत अकाल मृत्यु नहीं होने देता है । जो जन्माष्टमी का व्रत करते हैं, उनके घर में गर्भपात नहीं होता । बच्चा ठीक से पेट में रह सकता है और ठीक समय पर बालक का जन्म होता है।ʹ ( स्त्रोत : संत श्री आशारामजी आश्रम द्वारा साहित्य से )

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Wednesday, September 6, 2023

सांसद की मांग देश का नाम इंडिया हटावो भारत रखों....

 05 to  September 2023


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🚩हमारे देश का नाम ' भारत' चक्रवर्ती सम्राट महाराज भरत के नाम पर पड़ा है किन्तु क्या आप यह जानते हैं कि ये भरत कौन थे? निश्चय ही आपका उत्तर होगा 'दुष्यन्त-शकुन्तला के पुत्र', लेकिन यह असत्य है। 

 

🚩यह बात सही है कि दुष्यन्त-शकुन्तला के पुत्र का नाम भी भरत था किन्तु इन भरत के नाम पर इस देश का नाम भरत नहीं रखा गया। इस देश का नाम भारत जिन चक्रवर्ती सम्राट महाराज भरत के नाम पर रखा गया वे ऋषभदेव-जयन्ती के पुत्र थे। ये वही ऋषभदेव हैं जिन्होंने जैन धर्म की नींव रखी। ऋषभदेव महाराज नाभि व मेरूदेवी के पुत्र थे। महाराज नाभि और मेरूदेवी की कोई सन्तान नहीं थी। महाराज नाभि ने पुत्र की कामना से एक यज्ञ किया जिसके फ़लस्वरूप उन्हें ऋषभदेव पुत्र रूप में प्राप्त हुए। 

 

🚩ऋषभदेव का विवाह देवराज इन्द्र की कन्या जयन्ती से हुआ। ऋषभदेव व जयन्ती के सौ पुत्र हुए जिनमें सबसे बड़े पुत्र का नाम 'भरत' था। भरत चक्रवर्ती सम्राट हुए। इन्हीं चक्रवर्ती सम्राट महाराज भरत के नाम पर इस देश का नाम 'भारत' पड़ा। इससे पूर्व इस देश का नाम 'अजनाभवर्ष' या 'अजनाभखण्ड' था क्योंकि महाराज नाभि का एक नाम 'अजनाभ' भी था। 


🚩अजनाभ वर्ष जम्बूद्वीप में स्थित था, जिसके स्वामी महाराज आग्नीध्र थे। आग्नीध्र स्वायम्भुव मनु के पुत्र प्रियव्रत के ज्येष्ठ पुत्र थे। प्रियवत समस्त भू-लोक के स्वामी थे। उनका विवाह प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्री बर्हिष्मती से हुआ था। महाराज प्रियव्रत के दस पुत्र व एक कन्या थी। महाराज प्रियव्रत ने अपने सात पुत्रों को सप्त द्वीपों का स्वामी बनाया था, शेष तीन पुत्र बाल-ब्रह्मचारी थे। इनमें आग्नीध्र को जम्बूद्वीप का स्वामी बनाया गया था। श्रीमदभागवत (५/७/३) में कहा है कि-

'अजनाभं नामैतदवर्षभारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति।'  

 

🚩इस बात के पर्याप्त प्रमाण हमें शिलालेख एवं अन्य धर्मंग्रन्थों में भी मिलते हैं। इसका उल्लेख अग्निपुराण, मार्कण्डेय पुराण व भक्तमाल आदि ग्रन्थों में भी मिलता है। अत: दुष्यन्त-शकुन्तला के पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम 'भारत' होना केवल एक जनश्रुति है सत्य नहीं।


🚩सांसद की मांग इंडिया नही भारत रखिए


🚩राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने माँग की है कि देश का नाम सिर्फ ‘भारत’ रखा जाए और ‘इंडिया’ को हटा दिया जाए। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-1 को संशोधित कर के इस पुण्य पावन धरा का नाम केवल ‘भारत’ रखा जाना चाहिए। 


🚩उन्होंने याद दिलाया कि विगत स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा था कि देश को दासता के चिह्नों से मुक्ति दिलाए जाने की आवश्यकता है। बता दें कि प्रधानमंत्री ने ‘5 प्रण’ की बात की थी, जिसमें गुलामी की मानसिकता से देश को मुक्ति दिलाने की बात कही गई थी। नरेश बंसल ने कहा कि औपनिवेशिक सोच से मुक्ति दिलाने की ज़रूरत है और परंपरागत भारतीय मूल्यों और सोच को लागू करने की आवश्यकता है।


🚩नरेश बंसल ने कहा, “आज़ादी के अमृत महोत्सव से देश को एक नई ऊर्जा और प्रेरणा मिली है। गुजरे हुए कल को हम पीछे छोड़ रहे हैं और आने वाले भविष्य में रंग भर रहे हैं। अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कई कानूनों को बदला गया है। भारतीय बजट की तारीख़ भी बदली गई है, जो अब तक अंग्रेजी नियमों का अनुसरण कर रहा था। नई शिक्षा नीति के तहत युवाओं को विदेशी भाषा से आज़ाद किया जा रहा है। इंडिया गेट पर जॉर्ज पंचम की मूर्ति हटा कर नेताजी बोस की लगाई गई।”


🚩नरेश बंसल ने कहा कि अंग्रेजों ने 250 वर्षों तक भारत पर राज़ किया और देश का नाम बदल कर ‘इंडिया’ रख दिया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के कारण राष्ट्र को स्वतंत्रता मिली, और 1950 में भारत का संविधान लिखा तब, तब भी इसे ‘इंडिया दैट इज भारत’ कहा गया। उन्होंने कहा कि अब इसे हटा कर ‘भारत’ करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि महाराज भरत ने संपूर्ण देश को विस्तार किया और उनके नाम पस ये देश भारत कहलाया।


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Monday, September 4, 2023

शिक्षक दिवस पर विशेष : चाणक्य नीति से जानिए शिक्षक की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है ?

 04 September 2023

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🚩हर वर्ष हम 5 सितंबर को शिक्षक दिवस तो मना लेते हैं,पर शिक्षक का हमारे जीवन और राष्ट्र के लिए कितना महत्व है, ये नही जानते हैं। हर व्यक्ति के जीवन के निर्माण के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अगर किसी की है, तो वे शिक्षक की है, अगर शिक्षक सही शिक्षा विद्यार्थी को दे, तो वो महानता को छू लेगा और राष्ट्र व संस्कृति के प्रति जागरूक रहेगा, अगर उसको शिक्षक ने सही शिक्षा नही दी तो वो अपने जीवनकाल में हताश निराश रहेगा और कोई महत्वपूर्ण कार्य नही कर सकेगा और राष्ट्र व अपनी संस्कृति के विरुद्ध भी जा सकता है।


🚩आइए चाणक्य नीति से जानते है क्या कहते थे, वे शिक्षकों के लिए…


🚩आचार्य चाणक्य ने बताया कि शिक्षक गौरव घोषित तब होगा, जब ये राष्ट्र गौरवशाली होगा और ये राष्ट्र गौरवशाली तब होगा जब ये राष्ट्र अपने जीवन मूल्यों एवं परम्पराओं का निर्वाह करने में सफल एवं सक्षम होगा और ये राष्ट्र सफल एवं सक्षम तब होगा, जब शिक्षक अपने उतरदायित्व का निर्वाह करने में सफल होगा और शिक्षक सफल तब कहा जाएगा, जब वह राष्ट्र के प्रत्येक व्यक्ति में राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करने में सफल हो। यदि व्यक्ति राष्ट्र भाव से शून्य है, राष्ट्र भाव से हिन है, अपनी राष्ट्रीयता के प्रति सजग नही है, तो ये शिक्षक की असफलता है।

और हमारा अनुभव साक्षी है, की राष्ट्रीय चरित्र के अभाव में हमने अपने राष्ट्र को अपमानित होते देखा है। हमारा अनुभव है की शस्त्र से पहले हम शास्त्र के अभाव से पराजित हुए है। हम शस्त्र और शास्त्र धारण करने वालो को राष्ट्रीयता का बोध नही करा पाए और व्यक्ति से पहले खंड खंड हमारी राष्ट्रीयता हुई। शिक्षक इस राष्ट्र की राष्ट्रीयता व सामर्थ्य को जाग्रत करने में असफल रहा। यदि शिक्षक पराजय स्वीकार कर ले तो पराजय का वो भाव राष्ट्र के लिए घातक होगा।


🚩अत: वेद वन्दना के साथ साथ राष्ट्र वन्दना का स्वर भी दिशाओं में गूंजना आवश्यक है। आवश्यक है, व्यक्ति एवं व्यवस्था को ये आभास कराना की यदि व्यक्ति की राष्ट्र की उपासना में आस्था नहीं रही तो , तो उपासना के अन्य मार्ग भी संघर्ष मुक्त नहीं रह पायेंगे। अत: व्यक्ति से व्यक्ति, व्यक्ति से समाज, व समाज से राष्ट्र का एकीकरण आवश्यक है।


🚩अत: शीघ्र ही व्यक्ति समाज एवं राष्ट्र को एक सूत्र में बांधना होगा और वह सूत्र राष्ट्रीयता ही हो सकती है। शिक्षक इस चुनोती को स्वीकार करे व शीघ्र ही राष्ट्र का नव निर्माण करने के लिए सिद्ध हो। संभव है की आपके मार्ग में बाधाएं आयेगी , पर शिक्षक को उन पर विजय पानी होगी और आवश्यकता पड़े तो शिक्षक शस्त्र उठाने में भी पीछे ना हटे।


🚩मैं स्वीकार करता हु की शिक्षक का सामर्थ्य शास्त्र है, और यदि मार्ग में शस्त्र बाधक हो और राष्ट्र मार्ग के कंटक सिर्फ शस्त्र की ही भाषा समझते हो तो शिक्षक उन्हें अपने सामर्थ्य का परिचय अवश्य दे,अन्यथा सामर्थ्यहीन शिक्षक अपने शास्त्रों की भी रक्षा नही कर पायेगा। संभव है की इस राष्ट्र को एक सूत्र में बाँधने के लिए शिक्षक को सत्ताओ से भी लड़ना पड़े, पर स्मरण रहे की सत्ताओ से राष्ट्र महत्वपूर्ण है। राजनैतिक सत्ताओ के हितो से राष्ट्रीय हित महत्वपूर्ण है। अत: राष्ट्र की वेदी पर सत्ताओ की आहुति देनी पड़े तो भी शिक्षक संकोच न करे। इतिहास साक्षी है की सत्ता व स्वार्थ की राजनीति ने इस राष्ट्र का अहित किया है। हमे अब सिर्फ इस राष्ट्र का विचार करना है। यदि शासन सहयोग दे तो ठीक अन्यथा शिक्षक अपने पूर्वजो के पुण्य व कीर्ति का स्मरण कर अपने उतरदायित्व का निर्वाह करने में सिद्ध हो विजय निश्चित है। सप्त सिंधु की संस्कृति की विजय निश्चित है। विजय निश्चित है, इस राष्ट्र के जीवन मूल्यों की । विजय निश्चित है, इस राष्ट्र की, आवश्यकता मात्र आवाहन की है। – आचार्य चाणक्य


🚩हमारी प्राचीन गुरुकुल शिक्षा-प्रणाली के साथ आधुनिक शिक्षा-प्रणाली की तुलना करेंगे, तो दोनों के बीच बहुत बड़ी खाई दिखाई पड़ेगी। गुरुकुल में प्रत्येक विद्यार्थी नैतिक शिक्षा प्राप्त करता था। प्राचीन संस्कृति का यह महत्त्वपूर्ण अंग था। प्रत्येक विद्यार्थी में विनम्रता, आत्मसंयम, आज्ञा-पालन, सेवा और त्याग-भावना, सद्व्यवहार, सज्जनता, शिष्टता तथा अंततः बल्कि अत्यंत प्रमुख रूप से आत्मज्ञान की जिज्ञासा रहती थी। आधुनिक प्रणाली में शिक्षा का नैतिक पक्ष सम्पूर्णतः भुला दिया गया है।


🚩शिक्षकों का कर्तव्य-


🚩विद्यार्थियों को सदाचार के मार्ग में प्रशिक्षित करने और उनका चरित्र सही ढंग से मोड़ने में स्कूल तथा कॉलेजों के शिक्षकों और प्रोफेसरों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आती है। उनको स्वयं पूर्ण सदाचारी और पवित्र होना चाहिए। उनमें पूर्णता होनी चाहिए। अन्यथा वैसा ही होगा जैसा एक अंधा दूसरे अंधे को रास्ता दिखाये। शिक्षक-वृत्ति अपनाने से पहले प्रत्येक शिक्षक को शिक्षा के प्रति अपनी स्थिति की पूरी जिम्मेदारी जान लेनी चाहिए। केवल शुष्क विषयों को लेकर व्याख्यान देने की कला सीखने से ही काम नहीं चलेगा,यह प्राध्यापक की पूरी योग्यता नहीं है।


🚩संसार का भावी भाग्य पूर्णतया शिक्षकों और विद्यार्थियों पर निर्भर है । यदि शिक्षक अपने विद्यार्थियों को ठीक ढंग से सही दिशा में, धार्मिक वृत्ति में शिक्षा दें तो संसार में अच्छे नागरिक, योगी और जीवन्मुक्त भर जायेंगे, जो सर्वत्र प्रकाश, शांति, सुख और आनंद बिखेर देंगे।


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Sunday, September 3, 2023

कन्हैयालाल हत्याकांड में जिसके घर मिली तलवार, उस फरहाद को कोर्ट से मिली जमानत

03 September 2023


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🚩NIA स्पेशल कोर्ट ने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में आरोपित फरहाद मोहम्मद को जमानत दे दी है। 24 अगस्त 2023 को फरहाद की जमानत अर्जी पर बहस हुई थी। इस पर शुक्रवार (1 सितम्बर) को फैसला आया। आरोप था कि फरहाद के पारिवारिक मकान से तलवार बरामद की गई थी। 


🚩मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फरहाद की जमानत की सुनवाई न्यायाधीश रविंद्र कुमार की अदालत में हुई। कन्हैयालाल हत्याकांड में NIA ने फरहाद को आर्म्स एक्ट 4/25 का आरोपित बनाया था। आरोपित की तरफ से बहस एडवोकेट अखिल चौधरी ने की।


 🚩NIA के वकील टीपी शर्मा ने कोर्ट से फरहाद को आदतन अपराधी बताया और उस पर पहले से ही 3 केस दर्ज होने की जानकारी भी दी । सरकारी वकील के मुताबिक फरहाद ने नूपुर शर्मा के खिलाफ हुए एक प्रदर्शन के दौरान सिर तन से जुदा के नारे भी लगाए थे। 


🚩गौरतलब है कि 28 जून 2022 को कन्हैयालाल की मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने निर्मम तरीके से गला काटकर हत्या कर दी थी। कत्ल की वजह कन्हैयालाल के बेटे द्वारा सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा का सपोर्ट करना बताया गया था।


🚩फरहाद को जमानत देने पर चक्रपाणी महाराज ने बताया कि

आसाराम बापू जैसे हिंदू संत को 10 वर्षों से जमानत नहीं और कन्हैया कुमार के हत्यारे आतंकी जिहादी को 1 वर्ष में ही जमानत,अत्यंत निंदनीय,दो विधान,संतो को जेल,आतंकी को बेल स्वीकार नहीं, सरकारें वोट के लिए जिहादियों की तुष्टिकरण बंद करें,अन्यथा चुनाव में परिणाम भुगतने को तैयार रहे..।

https://twitter.com/SwamyChakrapani/status/1697854996895977937?t=tpImvKQUPZqa8C2F0qIWsA&s=19


🚩एक तरफ लालू यादव जो जातिवाद की राजनीति कर बिहार में आग लगाई खुल्ला घूम रहा है वही संत आशाराम बापू जो राष्ट्र विरोधियों के खिलाफ आवाज उठाते थे, इसलिए उनको जेल भेज दिया गया।


🚩क्या सरकार और न्यायलय जनता की आवाज सुनकर निर्दोष संत को रिहा करेगी?


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पाकिस्तान में 20 चर्च जले:कर्ता-धर्ता चुप !!

 पाकिस्तान में 20 चर्च जलाए गए...

पर चर्च के कर्ता-धर्ता चुप हैं, ऐसा क्यों !?


02 September  2023


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🚩लगभग 10 दिन पहले पाकिस्तान में कई चर्च (अनुमानित 20) जला दिए गए। ईसाइयों के लगभग 86 घर जला दिए गए। इस पर विश्व के मानवाधिकार संगठनों में लगभग चुप्पी है। भारत में चर्च की खिड़की का कांच भी टूट जाए तो प्रधानमंत्री तक शोर पहुंचता है।

अब पता नहीं क्यों भारत से लेकर वेटिकन तक के सभी चर्च पाक में घटित इस घटना पर लगभग चुप हैं? इनकी सहायता के लिए न तो कोई मदर टेरेसा है और न ही पाल दिनाकरन।


🚩क्या हुआ था...?

भारत विभाजन के समय बड़ी संख्या मे दलित हिंदूओ को पाकिस्तान मे ही रोक लिया गया। उनको भारत ना आने देने का कारण नाले/ गटर/ शौचालय की सफाई करवाना व सिर पर मैला ढोने का काम करवाना आदि था । इन्हे मुस्लिम नहीं बनाया गया , क्योंकि इस्लाम के मुताबिक़ ऐसी सफाई करना नापाक काम है और मुस्लिमो से सफाई कर्मचारी जैसा नापाक कार्य नहीं करवाया जा सकता। 

भारत की तत्कालीन नेहरू सरकार ने भी उनकी कोई सुध नहीं ली और ये दलित (हिन्दू) इस्लामिक रिपब्लिक पाकिस्तान की चक्की मे पिसते रहे...


🚩भारत के कश्मीर में भी सफाई कर्मचारी केवल गैर मुस्लिम ही होता था। 2019 तक इन्हें न कश्मीर की नागरिकता मिलती थी, न विधानसभा में वोट देने का हक, न आरक्षण और न ही अन्य कोई नौकरी। परन्तु भीम-मीम भाईचारे के चलते समूचे भारत के दलित नेता चुप थे। इसी भीम-मीम भाईचारे के चलते हरियाणा और मेवात में भी दलित पीड़ित हैं।  


🚩पाकिस्तान की संघीय जाँच एजेंसी की तफ़्तीश में पता ये चला था , कि कई मामलों में तो पाकिस्तान की इन ग़रीब ईसाई लड़कियों के अंग निकाल कर अंगों के अंतरराष्ट्रीय ब्लैक मार्केट में बेच दिया गया था।  जाँच में पता ये भी चला था, कि जिन लड़कियों को वेश्यावृत्ति के 'लायक़' नहीं समझा जाता था, उनके अंग निकाल कर बेच दिए जाते थे।


🚩ये है कम्युनिस्ट चीन और इस्लामिक रिपब्लिक पाकिस्तान की " गरीब इसाइयों " के प्रति हमदर्दी। तो इस बात पर ही पाकिस्तान में फूंक दिए गए चर्च और इसाइयों के घर...

बहरहाल अभी फिलहाल तो चर्च भी इस पर चुप हैं !!


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इतिहास: हिन्दुओं के साथ किया गया बड़ा धोखा !!

इतिहास में रक्षाबंधन के नाम पर हिन्दुओं के साथ किया गया बड़ा धोखा ! पूरा लेख अवश्य पढ़ें....



31 August 2023

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🚩बचपन से हमें पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाता रहा है,कि रक्षाबंधन के त्योहार पर बहनें अपने भाई को राखी बांध कर उनकी लम्बी आयु की कामना करती हैं। रक्षाबंधन का सबसे प्रचलित उदाहरण चितौड़ की रानी कर्णावती और मुगल बादशाह हुमायूँ का दिया जाता है। कहा जाता है, कि जब गुजरात के शासक बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर हमला किया तब चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूँ को पत्र लिख कर सहायता करने का निवेदन किया। पत्र के साथ रानी ने भाई समझ कर राखी भी भेजी थी। हुमायूँ रानी की रक्षा के लिए आया मगर तब तक देर हो चुकी थी। रानी ने जौहर कर आत्महत्या कर ली थी। इस इतिहास को हिन्दू-मुस्लिम एकता के तौर पर पढ़ाया जाता है।


🚩अब सेक्युलर घोटाला पढ़िए


🚩हमारे देश का इतिहास सेक्युलर इतिहासकारों ने लिखा है। भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम थे। जिन्हें साम्यवादी विचारधारा के नेहरू ने सख्त हिदायत देकर यह कहा था कि जो भी इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये उस इतिहास में यह न पढ़ाया जाये कि मुस्लिम हमलावरों ने हिन्दू मंदिरों को तोड़ा, हिन्दुओं को जबरन धर्मान्तरित किया, उनपर अनेक अत्याचार किये। मौलाना ने नेहरू की सलाह को मानते हुए न केवल सत्य इतिहास को छुपाया अपितु उसे विकृत भी कर दिया।


🚩रानी कर्णावती और मुगल बादशाह हुमायूँ के किस्से के साथ भी यही अत्याचार हुआ। जब रानी को पता चला कि बहादुर शाह उसपर हमला करने वाला है तो उसने हुमायूँ को पत्र तो लिखा। मगर हुमायूँ को पत्र लिखे जाने का बहादुर शाह को पता चल गया। बहादुर शाह ने हुमायूँ को पत्र लिखकर इस्लाम की दुहाई दी और एक काफिर की सहायता करने से रोका।

मिरात-ए-सिकंदरी में गुजरात विषय में पृष्ठ संख्या 382 पर लिखा मिलता है-


🚩सुल्तान के पत्र का हुमायूँ पर बुरा प्रभाव हुआ। वह आगरे से चित्तौड़ के लिए निकल गया था। अभी वह ग्वालियर ही पहुंचा था। उसे विचार आया, “सुल्तान चित्तौड़ पर हमला करने जा रहा है। अगर मैंने चित्तौड़ की मदद की तो मैं एक प्रकार से एक काफ़िर की मदद करूँगा। इस्लाम के अनुसार काफ़िर की मदद करना हराम है। इसलिए देरी करना सबसे सही रहेगा।” यह विचार कर हुमायूँ ग्वालियर में ही रुक गया और आगे नहीं सरका।


🚩इधर बहादुर शाह ने जब चित्तौड़ को घेर लिया। रानी ने पूरी वीरता से उसका सामना किया। हुमायूँ का कोई नामोनिशान नहीं था। अंत में जौहर करने का फैसला हुआ। किले के दरवाजे खोल दिए गए। केसरिया बाना पहनकर पुरुष युद्ध के लिए उतर गए। पीछे से राजपूत वीरांगनाएं जौहर की आग में कूद गईं। रानी कर्णावती 13000 स्त्रियों के साथ जौहर में कूद गईं। 3000 छोटे बच्चों को कुएँ और खाई में फेंक दिया गया ताकि वे मुसलमानों के हाथ न लगे। कुल मिलकर 32000 निर्दोष हिन्दुओं को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा।


🚩बहादुर शाह किले में लूटपाट कर वापिस चला गया। हुमायूँ चित्तौड़ आया। मगर पूरे एक वर्ष के बाद आया। परन्तु किसलिए आया? अपने वार्षिक लगान को इकठ्ठा करने आया।

ध्यान दीजियेगा... यही हुमायूँ जब शेरशाह सूरी के डर से रेगिस्तान की धूल छानता फिर रहा था। तब उमरकोट सिंध के हिन्दू राजपूत राणा ने हुमायूँ को आश्रय दिया था। यहीं उमरकोट में अकबर का जन्म हुआ था। एक काफ़िर का आश्रय लेते हुमायूँ को कभी इस्लाम याद नहीं आया।


🚩और धिक्कार है ऐसे राणा पर... जिसने अपने हिन्दू राजपूत रियासत चित्तौड़ से दगा करने वाले हुमायूँ को आश्रय दिया। अगर हुमायूँ वहीं रेगिस्तानों में मर जाता , तो शायद भारत से मुग़ल साम्राज्य का अंत तभी हो गया होता ।

और ना ही आगे चलकर अकबर से लेकर औरंगज़ेब तक के अत्याचार हिन्दुओं को सहने पड़ते।


🚩यहां यह भी याद दिलाना जरूरी है , कि यह हुमायूँ उसी बाबर का बेटा , जिसने न जाने कितने हजारों मन्दिरों को विध्वंस करवाया । हिन्दुओ पर कहर बनकर बरसा और हिन्दू महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार किया/ करवाया । इसी बाबर ने अयोध्या जी स्थित भगवान श्री राम के जन्मभूमि को हड़प कर , मन्दिर को नष्ट कर वहां बाबरी मस्जिद खड़ी कर दी थी ।


🚩इरफ़ान हबीब, रोमिला थापर सरीखे इतिहासकारों ने इतिहास का केवल विकृतिकरण ही नहीं किया अपितु यह कहना ही उचित होगा कि , उसका पूरा बलात्कार ही कर दिया।


🚩हुमायूँ द्वारा इस्लाम के नाम पर की गई दगाबाजी को हिन्दू-मुस्लिम एकता और भाईचारे का जामा पहनाने के लिए, रक्षाबंधन जैसे परम् पवित्र त्यौहार का नाम भी बड़ी कुटिलता से इस बनावटी कहानी में जोड़ दिया गया ।


🚩हमारे पाठ्यक्रम में बचपन से ही ऐसा सब कचरा पढ़ा-पढ़ा कर हिन्दू बच्चों को इतना भ्रमित किया गया , कि उन्हें कभी सत्य का ज्ञान ही न हुआ और अगर कोई सच्चाई सुनाए भी तो विश्वास ही न आए ।


🚩 विड़बना ही है कि आज हिन्दुओं के बच्चे दिल्ली में उसी धोखेबाज और अहसानफरामोश हुमायूँ के मकबरे के दर्शन करने जाते हैं। जहाँ पर गाईड भी उन्हें हुमायूँ को हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे के प्रतीक के रूप में बताता हैं।


🚩इस लेख को आज रक्षाबंधन के दिन इतना फैलाएं, इतना फैलाएं कि देशभर में दीमक की तरह चिपके हुए और नासूर की तरह सड़न फैलाने वाले सेक्युलर घोटालेबाजों तक भी यह अवश्य अवश्य पहुंच जाए।

सत्य सनातनधर्म की जय हो !!

जय हिन्द ! जय भारत माता !!


           -डॉ. विवेक आर्य


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Thursday, August 31, 2023

वर्ष 2013 में 31 अगस्त की आधी रात को आशाराम बापू को गिरफ्तार क्यों किया था ? जानिए.....

 31 August 2023


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🚩आज से 11 साल पहले 31 अगस्त 2013 को ठीक रात के 12 बजे 87 वर्षीय हिन्दू संत आशारामजी बापू की गिरफ्तारी हुई थी। विदेशी फंडिंग वाली मीडिया ने आज तक जितना उनके खिलाफ मीडिया ट्रायल चलाया होगा शायद किसी के खिलाफ चलाया होगा, क्योंकि कांग्रेस सरकार के समय हिंदू धर्म के पक्ष में कोई बोलता नही था उस समय आशाराम बापू ने ईसाई बना दिए गए लाखों हिंदू आदिवासियों की घर वापसी करवा दी थी, करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति कट्टर बना दिया था, सैंकड़ों गुरुकुल और 17000 से अधिक बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित किया, कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर अनेकों गौशालाएं खोल दी, वेलेंटाइन डे के दिन करोडों लोगों द्वारा मातृ-पितृ पूजन शुरू करवा दिया । विदेशों में भी उनके लाखों अनुयायी बन चुके थे और वे भारतीय संस्कृति की वहाँ प्रचार करने लगे थे, करोड़ों लोगों को व्यभिचारी से सदाचारी बना दिया उसके बाद उन करोडों लोगों ने व्यसन छोड़ दिये, सिनेमा में जाना छोड़ दिया, क्लबों में जाना छोड़ दिया, ब्रह्मचर्य का पालन करने लगे, स्वदेशी अपनाने लगे इसके कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अरबों-खरबों रुपयों का घाटा हुआ और ईसाई मिशनरियों की धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने लगीं, फिर पूरे सुनियोजित ढंग से उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया।


🚩बताया जाता है कि अरबों-खरबों का कंपनियों को घाटा होने और धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने के कारण हिन्दू धर्म व राष्ट्र विरोधी ताकतों ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा । डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी और सुदर्शन न्यूज़ चैनल के सुरेश चव्हाणके जी ने बताया है कि आशाराम बापू को पहले ही बता दिया था कि आप जो धर्मान्तरण रोकने का कार्य कर रहे हैं, उसके कारण वेटिकन सिटी बहुत नाराज है और वे सोनिया गांधी को बोलकर आपको जेल भेजने की तैयारी कर रहा है, पर आशारामजी बापू ने कहा कि “देश व धर्म की रक्षा के लिए सूली पर चढ़ जाऊंगा लेकिन हिन्दू धर्म की हानि नहीं होने दूंगा।”


🚩आपको बता दें कि उनके खिलाफ षडयंत्र तो 2004 से शुरू हो गया था क्योंकि शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था । 2008 में साजिस ने जोर पकड़ा। उसमें उनके गुरुकुल के दो बच्चों की संदिग्ध रीति से मौत हो गई और तांत्रिक विद्या बताकर मीडिया ने उनके विरुद्ध इतना कुप्रचार किया कि आम जनता में भी रोष व्याप्त होने लगा; बाद में सुप्रीम कोर्ट ने और उसके बाद गुजरात सरकार ने क्लीनचिट दी लेकिन मीडिया ने क्लीनचिट की खबर छुपा दिया। 2008 में उनको जेल भेजने की तैयारी थी, लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं हुए लेकिन विदेशी फंड से चलने वाली मीडिया उनके वैदिक होली का कुप्रचार करने लगी अर्थात उनके हर सनातन हिन्दू धर्म के अनुसार कार्य की आलोचना करने लगी, उनको बदनाम करना जारी रखा।


🚩साल 2013 में उनके खिलाफ एक FIR दर्ज हुई लेकिन आपको बता दें कि आरोप लगाने वाली लड़की रहने वाली थी शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) की थी, पढ़ती थी छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) में, घटना जोधपुर (राजस्थान) की बता रही है और FIR करवाती है तथाकथित घटना के 5 दिन बाद दिल्ली में वो भी रात के 02:45 बजे; दिलचस्प बात तो ये है कि FIR में उस लड़की ने लिखवाया है कि मैं कमरे के अंदर थी और मुझ पर आशाराम बापू ने डेढ़ घण्टे तक हाथ घुमाया और मेरी माँ कमरे के बाहर गेट पर बैठी थी। तो क्या लड़की चिल्ला नहीं सकती थी? चिल्लाती तो तुरन्त ही उसकी मां को पता चल जाता। दूसरी बात कि वो घटना रात को 10:30 के आसपास की बता रही थी जबकि वो जिसके घर में रुकी थी वे लोग बता रहे थे कि 10:30 बजे तो हमारे घर में थी और हमने दरवाजा को लॉक कर दिया था और कॉल डिटेल के अनुसार तथाकथित घटना के समय लड़की अपने एक फ्रेंड से बात कर रही थी। जिनके घर पर वो रुकी थी,उन्होंने भी बताया कि सुबह हमारे साथ लड़की हंस खेल रही थी, हम उनको स्टेशन पर भी छोड़कर आये फिर उनको अचानक क्या हुआ कि FIR कर दिया। FIR करने के बाद आरोप लगाने वाली लड़की को उसकी सहेली ने पूछा कि ऐसे झूठे आरोप क्यों लगा रही है ?? तो उसने जवाब दिया कि मेरे को मेरे माता-पिता जैसे बोल रहे हैं वैसा कर रही हूं। फिर लड़की जो तथाकथित घटना बता रही है तो उस समय तो आशाराम बापू किसी कार्यक्रम में थे, उनके साथ 50-60 लोग भी थे जिन्होंने कोर्ट में गवाही भी दी है।


🚩आपको बता दें कि जब लड़की का मेडिकल करवाया गया लेकिन रिपोर्ट में एक खरोंच का निशान तक भी नहीं आया अर्थात लड़की को टच भी नही किया गया था और FIR में भी लिखा है कि रेप हुआ ही नहीं सिर्फ हाथ घुमाया। लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में वो भी बात खारिज हो गई लेकिन मीडिया ने दुष्प्रचार किया कि लड़की के साथ रेप हुआ है, जबकि खुद जांच ऑफिसर अजय पाल लाम्बा ने बताया कि रेप का आरोप है ही नहीं, तथाकथित छेड़छाड़ का आरोप है, फिर भी विदेशी फंडेड बिकाऊ मीडिया उनको बदनाम करती रही।


🚩आपको ये भी बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता सज्जन राज सुराणा ने न्यायालय में साजिश का खुलासा करते हुए बताया था कि Prosecution Witness PW-06 मणई फार्म हाउस के मालिक रामकिशोर ने ये कहीं नहीं कहा कि 15/08/2013 को लड़की या उसके माता-पिता रात्रि को 10 बजे कुटिया या कुटिया के आस-पास गए तो फिर जो रेप कमिट हुआ क्या वो हवा में कमिट हुआ ? इन्होंने उसके existence को ही नकार दिया।


🚩अब प्रश्न ये पैदा होता है कि ये लड़की आखिर आरोप क्यों लगा रही है? इसके लिए हमने जिज्ञासा भावसार का स्टेटमेंट रीड किया। इसमें अमृत प्रजापति, कर्मवीर, राहुल सचान, महेंद्र चावला आदि जो बहुत से गवाह थे उन्होंने मिलकर conspiracy (षड्यंत्र) की- ऐसा कहा गया है। उनके अहमदाबाद स्थित आश्रम को एक फैक्स भेजा था जिसमें अमृत प्रजापति व उनके साथियों के द्वारा ये कहा गया था कि 50 करोड़ रुपये दो वरना परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ। हम झूठी लड़कियां तैयार करेंगे, प्लांट करेंगे जिसके कारण बापूजी जिंदगी भर तक जेल में रहेंगे, कभी बाहर नहीं आ सकेंगे।


🚩इस बात के लिए साजिस वडोदरा (गुजरात) में की गई थी। जिसमें इंडिया न्यूज के दीपक चौरसिया (वर्तमान में जी न्यूज़) भी शामिल था जो मीडिया के ऊपर प्रचार प्रसार कर रहा था, कर्मवीर (परिवादिता का पिता) भी शामिल था। सबने मिलकर जो conspiracy की थी वो जिज्ञासा भावसार के सामने की थी। इन सबका जो एक motive था, वो 50 करोड़ की ब्लैकमेलिंग का था। 50 करोड़ नहीं देने के कारण से मणई गाँव का पूरा घटनाक्रम बनाया गया है।


🚩इस तरीके से सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया और उनको 76 उम्र में आधी रात में गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में चल रहे ट्रायल जिसमें अपराध सिद्ध नहीं हुआ और जो 5 साल तक केस चला लेकिन उनको जमानत नहीं दी गई जबकि उनके केस की पैरवी दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी पैरवी कर चुके हैं और उनको लड़की के बयान को सही मानते हुए POCSO एक्ट लगाकर सेशन कोर्ट ने उम्रकैद सजा सुना दी,जबकि लड़की बालिग थी, उसके अलग अलग बर्थ सर्टिफिकेट से साबित भी हुआ था और बापू आशारामजी के पास निर्दोष होने के अनेकों प्रमाण हैं, फिर भी उन्हें उम्र कैद की सजा सुना दी गई । वो भी केवल एक लड़की के बयान पर। आपको बता दें कि निचली अदालत के कई फैसले हाईकोर्ट ओर सुप्रीम कोर्ट बदल देती है क्योंकि कई बार जल्दीबाजी में गलत निर्णय ले लिया जाता है। खैर जब वे ऊपरी कोर्ट में जायेंगे निर्दोष बरी होंगे लेकिन उनका देश व धर्म के लिए कार्य करने का इतना कीमती समय कौन लौटा पायेगा?


🚩सलमान खान को निचली अदालत से सजा होने के बाद 1 घंटे में ही ऊपरी कोर्ट तुरंत जमानत दे देती है और आतंकवादियों के हथियार रखने वाले संजय दत्त को बार बार पेरोल देती रही वो ही न्यायालय हिंदू संत आसाराम बापू को 10 साल में एक दिन भी जमानत अथवा पेरोल नहीं दे पाई।


🚩जो कानून पूरे भारत में कोरोना फैलाने वाले मौलाना साद को और दिल्ली के इमाम बुखारी पर सैंकड़ों गैर जमानती वारंट होने के बाद भी आजतक गिरफ्तार नहीं कर पाया वही कानून हिंदू संत आशाराम बापू को 10 साल से जेल में रखे है और मीडिया भी सिर्फ हिंदू धर्म के साधु-संतों के खिलाफ झूठी कहानियां बनाकर बदनाम करती है वही मीडिया इन सबपर चुप है और सेक्युलर हिंदू तो वामपंथी मीडिया की बात को मानकर अपने ही धर्मगुरुओं के खिलाफ बोलना चालू कर देते हैं।


🚩इसलिए हिंदू अब समझ जाओ कि सनातन धर्म की रक्षा करने वालों को कैसे फंसाया जाता है, अभी समय है अपने धर्मगुरुओं के खिलाफ हो रहे षड्यंत्र पर आवाज उठाओ, उनकी रिहाई करवाओ नहीं तो आने वाले समय पर देश अफगानिस्तान जैसा न बन जाए।


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