संत समाज संयुक्त राष्ट्र संघ को लिखेगे पत्र...!!!
अंतर्राष्ट्रीय सनातन संत समिति ने प्रस्ताव पारित किया..!!!
देश में संतो के खिलाफ हो रहे दुष्प्रचार और षड़यंत्र के पीछे विदेशी कंपनियो व मिशनरियों का हाथ है।
ऐसा मानते हुए अंतर्राष्ट्रीय सनातन संत समिति ने संयुक्त राष्ट्रीय संघ को एक पत्र लिखने के लिए प्रस्ताव पारित किया है । संतो का कहना हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ मिशनरी व इन कंपनियों पर अंकुश लगाये।
समिति का सम्मलेन पिछले दिनों उजडवेडा हनुमान मंदिर के समीप स्थित चिदध्यानम शिविर में हुआ । स्वामी चिदम्बरानंद महाराज की अध्यक्षता में हुए सम्मलेन में 'देश और धर्म पर हम चुप क्यों' विषय,वैचारिक मंथन के दौरान संतो ने फैसला लिया कि देश और धर्म की रक्षा के लिए समाज की चुप्पी तोड़ कर मुखर बनाया जाएगा ।
स्वामीजी ने संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र लिखने का प्रस्ताव किया । संतों की करतल ध्वनि के बीच स्वामी भावेशानंदजी महाराज ने समर्थन किया । उन्होंने बताया कि समिति में शामिल संतों के अलावा अन्य संतों व महंतों के भी पत्र पर हस्ताक्षर करवाए जाएंगे ।
शंकराचार्य सहित कई संत हुए षड़यंत्र के शिकार..!!!
स्वामी चिदम्बरानंद महाराज के अनुसार जो संत आदिवासी व पिछड़े क्षेत्र में धर्मातरण रोकने व शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहें हैं मिशनरी व उनके इशारों पर विदेशी कंपनियां षड़यंत्र रच रही हैं । शंकराचार्य, जयेन्द्र सरस्वती, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर , संत आसारामजी बापू और असीमानंदजी अब तक इनके षड़यंत्र का शिकार हो चुके हैं । हम संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र लिखने के बाद देश में भी अभियान चलाएंगे ।
प्रशासक की लापरवाही से नाराजगी...!!!
हिन्दू संतों के खिलाफ अभीतक एक भी सबूत नही है और साध्वी प्रज्ञा और संत आसारामजी बापू को क्लीनचिट मिलने के बावजूद भी इन संतों को जमानत तक नही देना ये प्रशासन की लापरवाही है ।
आपको बता दें कि भारत में विदेशी कम्पनियाँ कोलगेट, दवाईयां, ड्रग्स, पेप्सी, दारू आदि का टीवी में ऐड देकर भारतवासियों को लुभाते हैं और भोले भारतवासी उसको अच्छी क्वालटी समझकर खरीद लेते हैं जिससे विदेशी कम्पनियाँ भारत से अरबों-खबरों रूपये कमाकर देशवासियों को खोखला कर रही है और ईसाई मिशनरियां हिन्दुओं का जोर-शोर से धर्मान्तरण करवा रही हैं उसको रोकने के लिए हिन्दू साधु-संत गांव-गांव, नगर-नगर जाकर हिन्दू संस्कृति की महिमा समझाते थे और एक नयी जाग्रति लाकर विदेशी कंपनियों और ईसाई धर्मान्तरण पर रोक लगा रहे थे इसलिए साधु-संतों पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेल भेजा गया, कई साधु-संतों की हत्यायें हो गई ।
ओडिशा के लक्ष्मणानन्दजी की हत्या करवा दी गई, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 9 साल से, स्वामी असीमानन्द जी 7 साल से, स्वामी अमृतानन्द जी 7 साल से, संत आसारामजी बापू साढ़े तीन साल से, नारायण साईं 3 साल से, धनंजय देसाई 2 साल से जेल में हैं । क्योंकि इन्होंने विदेशी कम्पनियों और धर्मान्तरण का डटकर मुकाबला किया था ।
आपको मुस्लिम समुदाय के लोग तो दिख जाएंगे कि ये दंगे कर रहे हैं लेकिन ये ईसाई मिशनरियां बड़े छल-कपट से हिन्दुओं का धर्मान्तरण कर रही हैं और आम जनता को भनक भी नही लगने देती हैं।
रोमन केथोलिक #चर्च का एक छोटा राज्य है जिसे वेटिकन बोलते है । अपने धर्म (ईसाई) के प्रचार के लिए वे हर साल 171,600,000,000 डॉलर खर्च करते हैं।
भारत की मीडिया 90% ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित है इसलिए वो हमेशा हिन्दुओं के विरोध में ही काम करती है ।
ईसाई मिशनरियों द्वारा विदेशी फंड से चलने वाले आज भी भारत में कई हजारों NGOs चल रहे हैं जो दिन रात हिन्दुओं को लालच देकर धर्मान्तरण करवा रहे हैं।
लेकिन उनकी तरफ कानून, सरकार, मीडिया किसी का भी ध्यान नही जाता ।
अतः सभी हिन्दू सावधान रहें !
अपने-अपने इलाको में जो लालच देकर धर्मान्तरण करवा रहे हैं उन पर कड़ी कार्यवाही करें नही तो हिन्दुस्तान में हिन्दू बचेगा ही नही ।
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