मीडिया के लोग धरती पर मानव जाति में सबसे बेईमान हैं : ट्रंप
अभी तक तो भारत में अनगिणत लोगों द्वारा मीडिया के खिलाफ आवाज उठाई गई थी लेकिन अब अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी मीडिया की पोल खोल के रख दी ।
मीडिया के लोग धरती पर मानव जाति में सबसे बेईमान हैं : ट्रंप
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अब मीडिया वालों की दोगली एवं कपट भरी रणनीति का चेहरा दुनिया के सामने आ चुका है ।
मीडिया वाले में खबरों के पीछे की खबर छापने के चक्कर में आज अंधी दौड़ चल रही है और इस दौड़ में कई पत्रकार अपनी कल्पनाओं के आधार पर कपोल कल्पित समाचार ही लिख रहे हैं।
न्यूज चैनल को हर घंटे में सुर्खियां चाहिए और ऐसे में हर बार खबरों को नए ढंग से पेश करने की होड़ मच जाती है। इससे असली खबरें खो जाती हैं और उन्हें गलत ढंग से पेश किया जाता है। इसलिए अब मीडिया से लोगों को नफरत सी हो रही है।
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ ग्रहण समारोह पर दर्शकों की संख्या कम बताने पर मीडिया से नाराज हुए और मीडिया को चेतावनी देकर कहा कि गलत रिपोर्टिंग के लिए भुगतना पड़ेगा खामियाजा !!
मीडिया को झूठ की कीमत चुकानी होगी!!
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि 'काफी सारे लोगों को हमने देखा आपने देखा। मैदान पूरा भरा हुआ था। मैं सुबह उठा और एक नेटवर्क को ऑन किया तो उन्होंने एकदम खाली मैदान दिखाया।' उन्होंने कहा करीब एक मिलियन या डेढ़ मिलियन लोग उनके शपथ ग्रहण समारोह में आए थे। चैनल वालों ने वह जगह दिखाई जो एकदम खाली थी और वहां पर शायद कोई नहीं था।
उन्होंने आगे कहा कि मीडिया ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ज्यादा लोगों को आकर्षित न कर सके।
ट्रंप का मानना है कि शायद लोग बारिश की वजह से घबरा गए लेकिन ईश्वर की दया रही और बारिश की वजह से स्पीच बर्बाद नहीं हुई। फिर जब मैं शपथ लेकर गया फिर से बारिश होने लगी। लेकिन फिर भी करीब एक से डेढ़ मिलियन लोग इस समारोह में आए थे।
ट्रंप ने आगे कहा कि फिर भी मीडिया झूठ बोल रहा है और कह रहा है कि करीब 250,000 लोग ही इस समारोह में आए थे। ट्रंप ने चेतावनी दी कि मीडिया को इस झूठ की कीमत चुकानी होगी।
मीडिया के साथ ट्रंप की लड़ाई!!
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह बात सीआईए के हेडक्वार्टर में कही। उन्होंने कहा कि वह सीआईए के हेडक्वार्टर सिर्फ इसलिए आए हैं क्योंकि मीडिया ने यह दिखाने की कोशिश की कि ट्रंप के इंटेलीजेंस समुदाय के साथ मतभेद हैं। ट्रंप ने सीआईए में मौजूद आफिसर्स से कहा कि वह उनसे सबसे पहले इसलिए मिलने आए हैं क्योंकि मीडिया के साथ उनकी लड़ाई चल रही है।
इसके बाद ट्रंप बोले कि, 'मीडिया के लोग धरती पर मानव जाति में सबसे बेईमान हैं।'
आपको बता दें कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी मीडिया पर निशाना साधा था उन्होंने कहा था कि दर्शकों को टीवी पर होने वाली चर्चाओं को देखकर लगता है कि यही राष्ट्रीय खबरें हैं लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत होती है।
टीवी पत्रकारों को लगता है कि जो कुछ टीवी पर दिखता है वही खबर है और बाकी सब कूड़ा है। मीडिया को इस गलत प्रवृत्ति को छोड़ना होगा क्योंकि लोग झूठी और कल्पित नही बल्कि वास्तविकता और तथ्यों पर आधारित खबर चाहते हैं।
भारतीय मीडिया भी हमेशा से हिंदू विरोधी न्यूज दिखाकर समाज को गुमराह करती आ रही है शायद से इस एजेंडे के पीछे का मकसद भारत में रहकर भारत की संस्कृति को बर्बाद कर देना ही है ।
हिन्दू पानी से होली क्यों खेलते हैं?
फटाखे क्यों जलाते हैं?
भगवान् शिव जी को दूध अर्पण क्यों करते हैं आदि आदि !!
हिन्दू त्यौहारों पर ही मीडिया क्यों बोलती है ईसाई और मस्लिम धर्म त्यौहारों के लिए क्यों नही बोलती..???
क्यों मीडिया के झूठे ट्रायल द्वारा निशाना बनते आ रहे हैं भारत के हिन्दू साधु-संत..??
2004 कांची के शंकराचार्य सरस्वती पर आरोप लगते ही मीडिया ने खूब बदनाम किया पर जब निर्दोष मुक्त हो गए तब कोई न्यूज नही दिखाई !
2008 में साध्वी प्रज्ञा जी को भगवा आतंकवाद कहकर बदनाम किया गया पर आज तक साध्वी जी के खिलाफ एक भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ ये कभी न्यूज में नहीं आया !
2009 में स्वामी नित्यानंद जी के लिए रात-दिन मीडिया ने खूब बदनामी की पर आखिर में निर्दोष बरी किया तो एक मिनट की भी न्यूज नही दिखाई!
और इस दशक का सब से बड़ा मीडिया ट्रायल हुआ हिन्दू धर्म रक्षा मंच के अध्यक्ष संत आशारामजी बापू के लिए!!
एक बालिग लड़की ने आरोप लगाकर #POCSO कानून का दुरूपयोग किया जहाँ FIR में 376 की धारा नहीं है, मेडिकल रिपोर्ट में उस बालिग लड़की के साथ बलात्कार की कोई घटना नहीं घटी और उस के शरीर पर एक खरोंच तक नहीं है फिर भी मीडिया ने समाज को ये कहा कि उस लड़की के साथ बलात्कार हुआ।
डॉक्टर सुब्रह्मणयम स्वामी जी ने संत आसारामजी बापू के केस की FIR पढ़ी और कहा कि सारा केस फर्जी है ।
जब-जब संत आसारामजी बापू की जमानत होने वाली होती तब तब मीडिया ट्रायल चलता है ।
अब आप खुद सोचिये कि पैसे और TRP के चक्कर में भारतीय मीडिया किस हद तक गिर चुकी है !!
आज-कल की न्यूज को देखकर तो ऐसा लगता है कि मीडिया की कोई जाति दुश्मनी है हिन्दू संस्कृति एवं साधु-संतों के साथ में ।
एक झूठ अगर चिल्ला चिल्लाकर सौ बार बताया जाए तो वो सच लगने लगता है ,
ठीक इसी प्रकार मीडिया ने एक मानसिक तकनीक से हिन्दू संस्कृति एवं साधु-संतों के खिलाफ समाज को गुमराह किया है ।
आज भारतवासियों को समझने की जरुरत है कि जो मीडिया न्यूज दिखाती है उसमें अधिकतर कई गलत खबरें होती हैं अतः इस मीडिया की बेईमानी से सावधान रहें ।
जय हिन्द!!
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