27 अगस्त 2019
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क्योंकि ये ईसाई मिशनरियों के उस विष वृक्ष की जड़ खोदने में लगे हुए थे जो पूर्वोत्तर भारतीयों को उनकी संस्कृति से काटने की कोशिश कर रहा है। मिशनरी और कौमनष्ट लम्बे समय से यह बता रहे हैं कि त्रिपुरा भारत का हिस्सा नहीं है। ये उन गरीब हिन्दू वनवासियों की सहायता कर रहे थे जो मिशनरी के लिए कच्चा माल हैं। बस यही बात मिशनरियों को चुभ गई।
ईसाई आतंकी जिनका सम्बन्ध NLFT से था यहीं नहीं रूके। उनकी हत्या के 4 महीने बाद 4 दिसम्बर 2000 को शान्ति काली आश्रम ( चाचू बाजार निकट सिद्धाई पुलिस स्टेशन) में घुस गए। इस तरह NLFT ने 11 आश्रम, स्कूल और अनाथालय बंद करवाए।
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