Sunday, January 31, 2021

हिंदू ग्रंथ महान हैं, पढ़ने से मिलती है शांति : अमेरिका की स्वर्ण पदक विजेता मिसी

31 जनवरी 2021

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हिंदू धर्म सनातन धर्म है जबसे सृष्टि का उद्गम हुआ है तबसे यह धर्म चला आ रहा है, बाकी ईसाई धर्म 2018 और मुस्लिम धर्म करीब 1500 साल पुराना है । बड़ी बात तो ये है कि ईसाई धर्म की स्थापना यीशु ने तथा मुस्लिम धर्म की स्थापना मोहम्मद पैंगबर ने की, लेकिन हिन्दू धर्म की स्थापना किसी ने नहीं की अनादि काल से चली आ रही है और हिन्दू धर्म में ही भगवान व ऋषि-मुनियों के अवतार हुए हैं किसी अन्य धर्म में नहीं हुए हैं । जब-जब अधर्म बढ़ जाता है तब समाज को मार्गदर्शन देने के लिए स्वयं भगवान ही धरा पर अवतार लेते हैं ।




सनातन हिन्दू धर्म की महिमा समझकर विदेशी लोग भी हिंदू धर्म के अनुसार आचरण करने लगे हैं ।

हिन्दू धर्म की महानता भले ही भारतीय या हिन्दू न समझें परंतु ऐसे कई विदेशी लोग हैं, जिन्होंने हिन्दू धर्म की महानता को न केवल समझा अपितु अनुभव भी किया है ।

बता दें कि लंदन ओलंपिक में पांच स्वर्ण पदक जीतने वालीं करिश्माई तैराक मिसी फ्रेंकलिन ने कहा कि "उन्हें हिन्दू ग्रंथों को पढ़ने से मानसिक शांति मिलती है ।" अमेरिका की 23 वर्षीय तैराक ने संन्यास की घोषणा कर सबको चौंका दिया था । कंधे के दर्द से परेशान इस तैराक ने संन्यास के बाद मनोरंजन के लिए योग करना शुरू किया ।

हिन्दू धर्म के बारे में जानने के बाद उनका झुकाव आध्यात्म की ओर हुआ । वह जार्जिया विश्वविद्यालय में धर्म में पढ़ाई कर रही हैं । फ्रेंकलिन ने लॉरेस विश्व खेल पुरस्कार से इतर कहा कि "मैं पिछले एक साल से धर्म की पढ़ाई कर रही हूं । यह काफी आकर्षक और आंखें खोलने वाला है । मुझे विभिन्न संस्कृतियों, लोगों और उनकी धार्मिक मान्यताओं के बारे में पढ़ना पसंद है । मेरा अपना धर्म ईसाई है लेकिन मेरी दिलचस्पी हिन्दू धर्म में ज्यादा है ।"

ये ऐसा धर्म हैं जिसके बारे में मुझे ज्यादा नहीं पता था, लेकिन उसके बारे में पढ़ने के बाद लगा कि ये शानदार है । तैराकी में सफल फ्रेंकलिन पढ़ाई में भी काफी अच्छी हैं । वह हिन्दू धर्म के बारे में काफी कुछ जानती हैं । वह रामायण और महाभारत की ओर आकर्षित हैं और अपरिचित नामों के बाद भी दोनों महाग्रंथों को पढ़ रही हैं ।

उन्होंने कहा कि मुझे उसके मिथक और कहानियां अविश्वसनीय लगती हैं । उनके भगवान के बारे में जानना भी शानदार है । महाभारत और रामायण पढ़ने का अनुभव कमाल का है । महाभारत में परिवारों के नाम से मैं भ्रमित हो जाती हूं, लेकिन रामायण में राम और सीता के बारे में जो पढ़ा वह मुझे याद है ।

स्त्रोत : अमर उजाला

पहले भी कई विदेशी विद्वान और अन्य हस्तियां हिन्दू धर्म को महान बता चुके हैं और बाद में हिन्दू धर्म भी अपना लिया है ।

हिन्दुत्व एक व्यवस्था है मानव से महामानव और महामानव से महेश्वर बनाने की । यह द्विपादपशु सदृश उच्छृंखल व्यक्ति को देवता बनाने वाली एक महान परम्परा है । 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' का उद्घोष केवल इसी संस्कृति के द्वारा किया गया है.....

विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता भारत में ही मिली है । संसार का सबसे पुराना इतिहास भी यहीं पर उपलब्ध है । हमारे ऋषियों ने उच्छृंखल यूरोपियों के जंगली पूर्वजों को मनुष्यत्व एवं सामाजिक परिवेश प्रदान किया, इस बात के लाखों ऐतिहासिक प्रमाण आज भी उपलब्ध हैं ।

यूनान के प्राचीन इतिहास का दावा है कि भारतवासी वहाँ जाकर बसे तथा वहाँ उन्होंने विद्या का खूब प्रचार किया । यूनान के विश्वप्रसिद्ध दर्शनशास्त्र का मूल भारतीय वेदान्त दर्शन ही हैं..

सैमुअल जानसन के अनुसारः 'हिन्दू लोग धार्मिक, प्रसन्नचित्त, न्यायप्रिय, सत्यभाषी, दयालु, कृतज्ञ, ईश्वरभक्त तथा भावनाशील होते हैं । ये विशेषताएँ उन्हें सांस्कृतिक विरासत के रूप में मिली हैं ।'

हिंदू संस्कृति के प्रति विश्वभर के महान विद्वानों की अगाध श्रद्धा अकारण नहीं हो सकती । इस संस्कृति की उस आदर्श आचार संहिता ने समस्त वसुधा को आध्यात्मिक एवं भौतिक उन्नति से पूर्ण किया, जिसे हिन्दुत्व के नाम से जाना जाता है ।

विद्वान अल्दू हक्सले बताया है कि "हिन्दुत्व सदा बहने वाला (बारहमासी) दर्शन है जो कि सभी धर्मों का केन्द्र है ।"

डॉ. एनी बेसेन्ट ने कहा है कि मैंने 40 वर्षों तक विश्व के सभी बड़े धर्मों का अध्ययन करके पाया कि हिन्दू धर्म के समान पूर्ण, महान और वैज्ञानिक धर्म कोई नहीं है ।

जो इस महान हिन्दू धर्म को नहीं समझ पाया वे मनुष्य कहलाने के लायक भी नहीं है । हिन्दू धर्म ही वास्तव में मनुष्य से महेश्वर तक पहुँचा सकती है, जीव से शिव बना सकती है । अतः इसकी महिमा समझें पालन करें, प्रचार करें और रक्षण करें ।

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