Tuesday, October 10, 2023

गरबा क्यों खेलते है और नवरात्रि में क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए ? जानिए......

10 October 2023

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🚩नवरात्रि में विभिन्न प्रांतों में किए जानेवाले धार्मिक कार्यक्रमों का एक महत्त्वपूर्ण अंग है- गरबा । प्रारंभ में विशेषकर यह भक्तिपूर्ण नृत्य गुजरात से ही देशभर में प्रचलित हुआ है । गुजरात में नवरात्रि में अनेक छिद्रों वाले मिट्टी के कलश में दीपक रखते हैं, जो रात्रि के अंधेरे में बड़ा ही सुंदर प्रकाशित होता है । इस दीप कलश का मातृशक्ति के प्रतीक या स्त्री की सृजनशक्ति के प्रतीक के रूप में पूजन भी करते हैं।


🚩गरबा खेलने’ का क्या अर्थ है ?


🚩नवरात्रि में प्रथम दिन स्थापित माता की प्रतिमा और कलश के चारों ओर घुमते हुए तालियों के लयबद्ध स्वर के साथ देवी माँ के भक्तिरस पूर्ण गुणगानात्मक भजन और नृत्य को गरबा खेलना कहते हैं। अर्थात तालियों की ध्वनि पर भजन एवं नृत्य करते हुए सगुण उपासना से श्री दुर्गादेवी की स्तुति करना । और इस प्रकार भक्तजन जगत के कल्याण के लिए और दुर्जनों व दुष्ट शक्तियों के विनाश के लिए माता का प्रार्थना पूर्वक आवाहन करते हैं । माता के प्रति भक्ति प्रकट करने, उनको पूर्ण समर्पण करने के लिए गरबा खेला जाता है।


🚩नवरात्रि में अनुचित कृत्यों को रोकें :


🚩पूर्वकाल में ‘गरबा’ नृत्य के समय देवी गीत , कृष्णलीला गीत एवं संत रचित गीत ही गाए जाते थे। वर्तमान काल में भगवती के इस सामूहिक नृत्य की उपासना में विकृतियां आ गई हैं। ‘रिमिक्स’, पश्चिमी संगीत अथवा चलचित्रों के गीतों की ताल पर अश्लील हावभाव में मनोरंजन के लिए गरबे के स्थान पर ‘डिस्को-डांडिया’ खेला जाता है। गरबे को निमित्त बनाकर व्यभिचार आदि भी किया जाता है। पूजास्थल पर तंबाकू सेवन, मद्यपान, ड्रिंक्स, ध्वनि प्रदूषण आदि अनुचित कृत्य भी किए जाते हैं। मूलत: एक धार्मिक उत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस कार्यक्रम को व्यावसायिक रूप देकर विकृत कर दिया गया है। इससे संस्कृति और समाज की हानि हो रही है। इसे रोकने हेतु उचित कदम उठाना अत्यावश्यक है।


🚩क्या अनुचित रूप से गरबा खेलने से माँ की कृपा होगी ?


🚩यद्यपि देवी माँ की यह उपासना अन्तर्मुख होने का सुअवसर प्रदान करती है।

तथापि अनुचित रूप से गरबा खेलते समय बढ़े रज-तम के कारण उस स्थान पर कष्टदायक तरंगें अधिक मात्रा में आकृष्ट होती हैं। बढ़ी ही अनिष्टकारी शक्तियां आकृष्ट होती हैं । जिनका वहां उपस्थित व्यक्तियों पर न्यूनाधिक मात्रा में असर होता है। परिणामस्वरूप व्यक्ति बहिर्मुख और विषयों के आधीन होता जाता है। 


🚩देवी की उपासना स्वरूप परंपरागत गरबा :


🚩जब हम उत्कट भाव से देवी-देवताओं का आदर-सम्मान करेंगे, तभी उनकी कृपा प्राप्त कर पाएंगे। आज पवित्र गरबा नृत्य के दौरान जबरन होने वाले अनाचार जैसे कृत्यों से नहीं। भावपूर्ण पूजन से भक्त पर देवी मां की पूर्ण कृपा होती है। इसलिए गरबा खेलने को हिन्दू धर्म में देवी की उपासना मानते हैं। इसमें देवी का भक्तिरस पूर्ण गुणगान करते हैं।


🚩इस समय देवी के समक्ष पारंपरिक भावपूर्ण नृत्य किया जाता है। नृत्य में प्रत्येक स्तर पर तीन तालियां बजायी जाती हैं एवं छोटे छोटे डंडों से लयबद्ध ध्वनि भी करते हैं। गरबा खेलते समय गोल घेरा बनाते हैं साथ ही देवी के गीत अथवा भजन गाते हैं। नृत्य करते करते माता की स्तुति में अपने नकली मैं-पने को अर्थात् अहं भाव को कुछ क्षणों के लिए भूल जाते हैं और भक्तिभाव में सराबोर होने से एकाग्रता होती है । जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है ।


🚩सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।।


🚩नवरात्रि महिषासुरमर्दिनी माँ श्री दुर्गादेवी का त्यौहार है। देवी ने महिषासुर नामक असुर के साथ नौ दिनों तक अर्थात प्रतिपदा से नवमी तक युद्ध कर, नवमी की रात्रि उसका वध किया। उस समय से देवी को ‘महिषासुरमर्दिनी’ के नाम से जाना जाता है। जग में जब-जब तामसी, आसुरी एवं क्रूर लोग प्रबल होकर सात्त्विक, उदार एवं धर्मनिष्ठ सज्जनों को छलते हैं, तब देवी धर्मसंस्थापना हेतु पुनः-पुनः अवतार धारण करती हैं। उनके निमित्त यह नवरात्रि का व्रत है।

संदर्भ– सनातन का ग्रंथ, ‘देवीपूजन से संबंधित कृत्यों का शास्त्र‘ एवं अन्य ग्रंथ


🚩ऐसे पवित्र त्यौहार में व्यभिचार करना, मद्यपान करना, लड़के-लकड़ियों के प्रति बुरी नजर रखना, अश्लील कपड़े पहनना- ये सब अनुचित है। इससे माँ प्रसन्न नहीं होतीं, इससे तो और नाराज होती हैं। इसलिए नवरात्रि में पवित्रता बनाए रखें ।


🚩नवरात्रि में लव जिहाद के किस्से भी बढ़ जाते हैं। हिन्दू युवतियों को ध्यान रखना चाहिए कि कहीं कोई जिहादी हिन्दू बनकर आपको प्रेम जाल में फंसा तो नहीं रहा है न?

नहीं तो, वह आपको लव जिहाद में फंसाकर आपकी और आपके परिवार की जिंदगी बर्बाद कर देगा।

पंडाल के व्यवस्थापकों को भी ध्यान रखना चाहिए की कोई विधर्मी नहीं आने पाए और इससे बचाव के लिए गरबा खेलने आने वाले सभी सदस्यों को गौ-मूत्र का पान करवाएं , तिलक लगाएं और आईकार्ड चेक करें । जिससे विधर्मी अंदर प्रवेश नही कर पाएं।


🚩देवी मां का अनादर रोकना चाहिए :


🚩आजकल चित्र, नाटक, विज्ञापन इत्यादि द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं का अनादर किया जा रहा है। इससे समाज में धर्म की हानि होती है। इसको भी रोकना आवश्यक है।


🚩सभी को नवरात्रि में पवित्रता बनाए रखनी चाहिए और कोई देवी माँ का अपमान करता है तो उसको करारा जवाब अवश्य देना चाहिए ।


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