Saturday, June 8, 2024
बच्चा पैदा करने के लिए मिली पैरोल, बुजुर्ग संत को बीमारी की अवस्था में भी जेल...
बच्चा पैदा करने के लिए मिली पेरोल, बुजुर्ग संत को बीमारी की अवस्था में भी जेल
9 June 2024
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🚩भारत का कानून जिनके हाथ में उनकि मर्जी चाहे किसी को भी रिहा कर दे और मर्जी चाहे उसे जीवनभर जेल में सड़ा दे फिर चाहे वो निर्दोष है, चाहे अपराधी- उसपर ध्यान ज्यादा नहीं दिया जाता है। काफी समय से देख रहे हैं कि एक जैसे मामलों में भी एक अदालत अलग फैसला सुना रही है तो दूसरी अलग फैसला सुना रही है इससे साफ होता है की कानून को अपने ढंग से चलाया जा रहा है, इसलिए आज जनता का भरोसा न्याय पालिका से उठता जा रहा हैं।
🚩आपका बता दे की कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हत्या के दोष में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 28 वर्षीय आनंद को संतान पैदा करने के लिए 30 दिन की परोल दी है। कैदी की 31 वर्षीय पत्नी ने संतान प्राप्ति के अपने अधिकार और अपनी सास की स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर अपने पति की रिहाई की माँग के लिए याचिका दाखिल की थी।
🚩हाई कोर्ट के न्यायाधीश एसआर कृष्ण कुमार ने कैदी को नजदीकी थाने में हर हफ्ते हाजिरी देने का भी आदेश दिया। न्यायाधीश ने आनंद के आचरण के आधार पर पत्नी को परोल की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने की भी अनुमति दी। पत्नी ने याचिका में कहा कि उसे संतान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। उसकी सास बुजुर्ग और बीमार हैं। वह अपने पोते-पोतियों के साथ समय बिताना चाहती थी।
दरअसल, कोलार निवासी आनंद को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और साल 2019 में जिला सत्र न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसने इस फैसले को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसने उसकी सजा को घटाकर 10 साल कर दिया। इस समय तक आनंद पहले ही पाँच साल जेल में बिता चुका था।
🚩इससे पहले 5 अप्रैल से 20 अप्रैल 2023 तक की पिछली परोल के दौरान आनंद ने याचिकाकर्ता से विवाह किया था। शादी के बाद पत्नी ने अपने पति के साथ अधिक समय बिताने के लिए 60 दिन की विस्तारित पैरोल माँगी। आनंद के जेल लौटने के बाद उसने जेल अधिकारियों से 90 दिन की पैरोल माँगी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था।
🚩फिर उसने गर्भधारण करने के उद्देश्य से कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने अब संभावित विस्तार के साथ 30 दिन की पैरोल मंजूर की है। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार परप्पना अग्रहारा केंद्रीय कारागार के जेल अधीक्षक आनंद को 5 जून से 4 जुलाई तक रिहा करेंगे। इस बार उसने बच्चा पैदा करने के अपने अधिकार के तहत अपने पति के लिए यह परोल माँगी है।
🚩कोर्ट हत्या केस में शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए जमानत दे सकती है तो फिर कई निदोष जेल में है उनको भी रिहा करना चाहिए।
🚩नेता, अभिनेता, आतंकवादियों जैसे को उनका मौलिक अधिकार बताकर जमानत दी जाती है तो फिर स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद विश्व धर्म परिषद में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले, बच्चों को दिव्य संस्कार देने हेतु 17000 बाल संस्कार खोलने वाले, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन व क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शुरू करवाने वाले, वैदिक गुरुकुल खोलने वाले, करोड़ों लोगों को व्यसन मुक्त करवा उनके हृदय में सनातन संस्कृति की लौ जगाने वाले, धर्मांतरण रोकने वाले 88 वर्षीय हिंदू संत श्री आशारामजी बापू को एक निहायत ही झूठे और बेबुनियाद केस में 12 साल से कारावास रखा गया हैं, कारावास में रहते हुए उनके शरीर में कई भयंकर बीमारियां हो गई हैं।
🚩जनता की मांग है की निर्दोष हिंदू संत आशाराम बापू को तुरंत रिहा कर देना चाहिए।
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