11 अक्टूबर 2020
यह तो सब जानते ही हैं कि श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर-निर्माण में विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल तथा बीजेपी सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी का बड़ा योगदान रहा है। पर क्या आप यह भी जानते हैं कि इन्हीं दो नेताओं ने एक और मुद्दे पर जमकर पैरवी की है और वह है आशाराम बापू की रिहाई । दोनों ने खुलकर हर मंच पर कहा है कि आशाराम बापू निर्दोष हैं, उन्हें फँसाया गया है और उन्हें जल्द-से-जल्द ससम्मान रिहा किया जाना चाहिए। अशोक सिंघल और सुब्रमण्यम स्वामी दोनों ही आशाराम बापू से मिलने जोधपुर जेल भी गये थे।
क्या कहते थे सिंघल आशाराम बापू के बारे में ? जोधपुर जेल में बापू से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में सिंघल ने कहा था कि ‘‘आशारामजी बापू को इस उम्र में इतना कष्ट दिया गया है ! कानून में किसीको भी फँसाया जा सकता है । बापू पर लगाया गया आरोप, केस - सारा कुछ बनावटी है । हिन्दू धर्म के खिलाफ देश के भीतर वातावरण पैदा हो इसके लिए भारी मात्रा में फंड्स देते हैं विदेशी लोग। आशारामजी बापू हमारी संस्कृति को समाज में प्रतिष्ठित करने में लगे हुए हैं। समाज उनका ऋणी रहेगा और कभी उस ऋण को चुका नहीं पायेगा। उन्होंने अनेक प्रकार के सेवाकार्य वनवासी क्षेत्रों में खड़े किये। यह जिनके लिए बरदाश्त से बाहर की चीज थी उन्होंने ही महाराजजी को ऐसे बदनाम करना चाहा है जैसे शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वतीजी को किया गया था।’’
क्या कहते आये है सुब्रमण्यम स्वामी ?
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी यह पहले ही कह चुके है कि ‘‘लड़की के फोन रिकॉर्ड्स से पता लगा कि जिस समय पर वह कहती है कि वह कुटिया में थी, उस समय वह वहाँ थी ही नहीं ! उसी समय बापू सत्संग में थे और आखिर में एक मँगनी के कार्यक्रम में व्यस्त थे। वे भी वहाँ कुटिया में नहीं थे। बापू पर ‘पॉक्सो एक्ट’ लगवाने हेतु एक झूठा सर्टिफिकेट निकाल के दिखा दिया गया। संत आशारामजी बापू के खिलाफ किया गया केस पूरी तरह बोगस है।’’
अयोध्या में शिलान्यास पर संतों ने किया याद गौर करियेगा कि केवल सिंघल या स्वामी ही बापू को निर्दोष मानते हैं ऐसा नहीं है। अयोध्या के दिग्गज महंत एवं श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्यगोपालदासजी का भी यही मानना है। वे साफ तौर पर कह चुके हैं कि ‘‘संत आशारामजी बापू के प्रति जनता में बहुत भारी श्रद्धा है अतः दोष लगाने के लिए षड्यंत्रकारियों को कोई-न-कोई सहारा चाहिए। इसलिए इस प्रकार से सहारा लेकर उन्होंने चारित्रिक दोष की कल्पना की है लेकिन आशारामजी बापू महात्मा हैं। ।’’https://youtu.be/ YegncME19aU
भारतीय जनक्रांति दल, अयोध्या के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. श्री राकेशशरणजी महाराज ने अशोक सिंघलजी के जीवन को याद करते हुए बताया कि ‘‘श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के प्रणेता अशोक सिंघलजी के दो लक्ष्य थे। एक था श्रीराम मंदिर निर्माण और दूसरा हमारे निर्दोष संत आशाराम बापू की रिहाई। एक लक्ष्य तो पूरा हुआ, दूसरा सरकार कब पूरा करेगी ?’’
महाराज जी ने बापू को महान संत बताया और कहा कि उनका तो समाज के प्रति ऐसा योगदान है कि उन्हें तो श्रीराम मंदिर शिलान्यास के कार्यक्रम में होना चाहिए था।
राम मंदिर की तरह बापू की रिहाई के लिए भी हो सामूहिक प्रयास
अयोध्या के स्वामी अवधकिशोर शरणजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘‘बापूजी को मिशनरियों ने जबरदस्ती फँसाया है। सभी धर्मप्रेमियों, भक्तों, समाज व सभी संत-महापुरुषों से अनुरोध करूँगा कि जैसे राम मंदिर के लिए सभी ने इतना किया इसी तरह बापूजी के लिए भी आवाज उठानी चाहिए।’’
अयोध्या संत समिति के महामंत्री महंत पवनकुमारदास शास्त्रीजी, राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद के सम्पूर्ण दक्षिण भारत प्रभारी डॉ. श्रीकृष्ण पुरीजी, अयोध्या के महंत चिन्मयदासजी एवं श्री सतेन्द्रदासजी वेदांती ने भी इसी प्रकार की बात दोहरायी।
निश्चित ही अशोक सिंघल, वी.एच.पी. व संस्कृतिप्रेमियों का राम मंदिर निर्माण का एक सपना तो साकार हो ही गया है और अब उनका संत आशाराम बापू की निर्दोष रिहाई का दूसरा सपना भी जल्द ही साकार होगा ऐसा सबका मानना है।
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