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Wednesday, March 8, 2017

विश्व महिला दिवस पर सोशल मीडिया पर बापू आसारामजी की रिहाई की उठी मांग !!

आज विश्व महिला दिवस पर ग्राउंड लेवल व सोशल मीडिया पर बापू आसारामजी की रिहाई की उठी मांग

आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस है जगह-जगह पर महिलाओं के सम्मान में समारोह हो रहा था लेकिन नारी उत्तम संस्कार देने वाले संगठन "महिला उत्थान मंडल" ने आज कुछ अलग ही अंदाज में InternationalWomenDay मनाया ।

आज ट्वीटर फेसबुक, वेबसाइट आदि पर देखा गया तो महिला उत्थान मंडल द्वारा देशभर में बापू आसारामजी की शीघ्र रिहाई की मांग करते हुए विभिन्न स्थानों पर रैलियां निकाली तथा कलेक्टर को ज्ञापन दिए जा रहे थे ।
Azaad Bharat- Women's Day

आज ट्वीटर पर भी #महिला_उत्थान_GreatInitiative हैश टैग टॉप पर ट्रेंड कर रहा था जिसमें महिला उत्थान मंडल के सेवाकार्यों की गतिविधियाँ एवं बापू आसारामजी की शीघ्र रिहाई की मांग की जा रही थी ।

महिला मंडल के सदस्यों ने कहा कि निर्भया कांड के बाद #नारियों की सुरक्षा हेतु बलात्कार-निरोधक नये #कानून बनाये गये ।परंतु दहेज विरोधी कानून की तरह इनका भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है ।

जैसे दहेज विरोधी अधिनियम में संशोधन किया गया ऐसे ही #POCSO कानून में भी संशोधन की सख्त आवश्यकता है।

कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए उन्होंने कहा कि संत आसारामजी बापू सदा हर वर्ग, हर प्राणी को ईश्वरीय सुख-शांति, आत्मिक निर्विकारी आनंद पहुँचाने का अथक प्रयास करते रहे हैं । समाज, संस्कृति और विश्वसेवा के दैवी कार्य में बापूजी का योगदान अद्वितीय है । 

बापू आसारामजी के ओजस्वी जीवन एवं उपदेशों से असंख्य लोगों ने व्यसन, मांस आदि बड़ी सहजता से छोड़कर संयम-सदाचार का रास्ता अपनाया है ।

 एक 80 वर्षीय बुजुर्ग संत, जिन्हें करोड़ों लोगों के जीवन में संयम-सदाचार जागृत करने व उन्हें भगवान के रास्ते चलाने तथा करोड़ों दुःखियों के चेहरों पर मुस्कान लाने का श्रेय जाता है, उनको जमानत मिलनी चाहिए । 

सम्पादक, राजनेता, फिल्म स्टार, आतंकवादी आदि को भी जमानत मिल जाती है तो एक हिन्दू संत जिन पर 4 साल से एक भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है और उन्हें जमानत तक भी नहीं मिल रही है ।

जब हमारा कानून एक आतंकवादी के प्रति भी उदारता का व्यवहार करता है तो एक निर्दोष संत को क्यों बेवजह सता रहा है ???

महिला उत्थान मंडल आपसे निवेदन करता है कि विश्व में भारतीय संस्कृति की ध्वजा फहरानेवाले, आध्यात्मिक क्रांति के प्रणेता, संयममूर्ति संत आसारामजी बापू की समाज को अत्यंत आवश्यकता है ।
 आज भी देश की असंख्य महिलाएँ उनकी निर्दोषता के समर्थन में सड़कों पर आकर उनकी रिहाई की माँग कर रही हैं तो आपको इस बात पर अवश्य विचार करना चाहिए कि आरोप लगानेवाली दो महिलाएँ सच्ची हैं या हम करोड़ों महिलाओं का अनेक वर्षों का अनुभव सच्चा है ! 

अतः हम आपसे निवेदन करती हैं कि उन्हें शीघ्रातिशीघ्र जमानत दी जाय, रिहा किया जाय।

उन्होंने आगे कहा कि आसारामजी बापू केस में आज तक न कोई ठोस सबूत मिला है और न ही कोई #मेडिकल आधार है...!!
बल्कि उन्हें #षड़यंत्र करके फंसाने के सैकड़ों प्रमाण सामने आये हैं ।
आरोप लगानेवाली #लड़की की मेडिकल जाँच करनेवाली #डॉ. #शैलजा वर्मा ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि “लड़की के शरीर पर जरा सा भी #खरोंच का निशान नहीं था और न ही प्रतिरोध के कोई निशान थे ।”

प्रसिद्ध न्यायविद् डॉ. #सुब्रमण्यम स्वामी ने केस अध्ययन कर बताया कि ‘‘लड़की के #फोन #रिकॉर्ड्स से पता लगा कि जिस समय पर वह कहती है कि वह कुटिया में थी, उस समय वह वहाँ थी ही नहीं और #बापूजी भी उस समय अपनी कुटिया में न होकर अपने भक्तों के बीच सत्संग कर रहे थे।

बापू आसारामजी पर आरोप लगाने वाली सूरत की महिला ने गांधीनगर कोर्ट में एक अर्जी डालकर बताया था कि उसने बयान डर और भय के कारण दिया था । अब वह केस वापिस लेना चाहती है ।

‘अखिल भारतीय नारी रक्षा मंच’ की अध्यक्षा श्रीमती रुपाली दुबे ने कहा : ‘‘ संत आसारामजी बापू से लाभान्वित हुए लोगों में महिलाओं की संख्या भी करोड़ों में है लेकिन विडम्बना है कि जिन बापूजी ने नारी सशक्तीकरण एवं महिला जागृति के लिए महिला उत्थान मंडलों की स्थापना की, गर्भपात रोको अभियान चलवाया, नारियों के शोषण के खिलाफ हमेशा आवाज उठायी, उन्हीं साजिशकर्ताओं का मोहरा बनी एक-दो महिलाओं के झूठे आरोपों के आधार पर 42 महीनों से एक निर्दोष संत को जेल में रखा गया है । 

संत आसारामजी बापू पर लगे आरोपों में से एक भी सिद्ध नहीं हुआ और न ही किसी जाँच में ऐसा कुछ सामने आया कि जिसके आधार पर 80 वर्ष की उम्र में ‘ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया’ की भयंकर बीमारी होने के बावजूद उनको जेल में रखा जाये। 
जमानत उनका संवैधानिक मौलिक अधिकार है लेकिन उन्हें यह भी नहीं मिल पाना बड़ा अपवाद और आपत्तिकारक है ।’’

धन्यवाद!!

गौरतलब है कि जब से संत आसारामजी बापू जेल में गए हैं तबसे उनके #करोड़ों #भक्त समय-समय पर सरकार से उनकी रिहाई की माँग कर रहे हैं । कभी POCSO  कानून के विरुद्ध #रैली निकाल कर तो कभी #सोशल मीडिया का सहारा ले ट्विटर पर ट्रेंड चला कर।

अब देखना ये है कि एक लड़की के कहने पर विश्विख्यात् संत आसारामजी बापू को जेल में रखने वाली #सरकार इन लाखों लड़कियों की गुहार कब सुनेगी ?

जिनकी सिर्फ एक ही मांग है कि..
 ‘निर्दोष संत आसारामजी बापू की शीघ्र रिहाई हो सह-सम्मान।'