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Wednesday, May 10, 2017

जेल में बंद शंकराचार्य अमृतानन्द की चिट्ठी पढ़कर हिन्दुस्तानियों का खून खोल उठेगा

जेल में बंद शंकराचार्य अमृतानन्द की चिट्ठी पढ़कर हिन्दुस्तानियों का खून खोल उठेगा ।

भारत की जनता जानती है कि हिन्दूओं को बदनाम करने के लिए #तत्कालीन सरकार ने "भगवा आतंकवाद" के नाम से कई #हिंदुत्वनिष्ठों को झूठे आरोपों में फंसाया था और उनको #अमानवीय प्रताड़नायें भी दी ।
Shankaracharya Amritananda

आपने मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा, स्वामी असीमानन्द, कर्नल #पुरोहित का नाम तो खूब सुना ही होगा लेकिन तत्कालीन सरकार के इशारे पर #ATS ने एक ऐसा नाम छुपाया और उन्हें इतनी भयंकर प्रताड़नायें दी जिससे आज भी अधिकतर #हिन्दुस्तान की जनता अनभिज्ञ है ।


जैसे साध्वी प्रज्ञा ने जेल से चिट्ठी लिखी थी ऐसे ही जेल में बंद पीओके (कश्मीर) शारदा पीठ के शंकराचार्य #अमृतानंद देव तीर्थ ने भी #चिट्ठी लिखी थी लेकिन जनता तक पहुँच नही पाई ।

आइये आज हम उस #षड्यंत्र का खुलासा करते हुए उनकी चिट्ठी आपके सामने रखते हैं । जिसे पढ़कर आपका खून खोल उठेगा ।

पढ़िये पूरी चिट्ठी..

शंकराचार्य अमृतानंद देव तीर्थ जी ने लिखा कि "भारत दुनिया का चौथा सबसे अधिक #आबादी वाला एकमात्र हिंदू राष्ट्र है, फिर भी एक विभाजित भारत, धर्मनिरपेक्षता के वजन तले दबा हुआ है, एक #हिंदू राष्ट्र होने के बाद भी दोषी महसूस करता है। पिछले 1200 सालों से, अपनी #एकजुट ताकत से अनजान, इस समाज में सच्चाई की बात करने के लिए साहस का #अभाव है और इतिहास के सबक से बचने में काफी अनुभव है, बहुत अपमान और #आक्रामकता से पीड़ित, अब अपनी पहचान के लिए खोज कर रहा है। "

इस संम्बध में, मैं हिंदू समाज की पहचान और #विश्वास का प्रतीक हूँ, वर्तमान परिस्थितियों में जगद्गुरु शंकराचार्य, अनंतश्री बिभुशित स्वामी #अमृतानंद देव तीर्थ (जन्म से सुधाकर धर), शंकराचार्य, श्री शारदा सर्वज्ञ पीठ, जम्मू कश्मीर (पीओके), #हिन्दू समाज के बेकार, उदासीन, अविश्वास और #आस्थाहीन नेतृत्व पर नाखुश होकर यह पत्र लिख रहा हूँ ।

क्योंकि, मुंबई #आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) के माध्यम से, हिंदू समाज #गुमराह किया जा रहा है और मेरे प्रति क्रूर और #अमानवीय अत्याचारों जैसे  - मेरा असली नाम हटाकर दयानंद पांडेय किया जो कि एक फर्जी नाम है, जो कभी मेरा नाम नही था वो #जबरदस्ती रखवाया इसी नाम की पहचान का प्रचार करने से लेकर, मुझे स्वयं घोषित संत , महंत या पुजारी कहने तक रोका गया और मुझे कुछ #अपराधों के आयोग को स्वीकार करने के लिए #जबरदस्ती मजबूर किया गया ।


1] "मेरे भगवा वस्त्रों को हटा दिया गया और तीन दिनों के लिए #वातानुकूलित कमरे में गीला रखा गया और बिजली के भयंकर #झटके दिए गए थे।"

2] "मेरे निजी पूजा के लिए इस्तेमाल किये गए श्री यंत्र और #धार्मिक पुस्तकें (जपजी साहिब सहित) को नाले में फेंक दिया गया ।"

3] "तीन पुरुषों ने मेरे पैरों पर खड़े होकर मेरे पैरों के तलवों पर मुझे #बेल्ट के साथ मारा,जब तक मैं बेहोश ना हुआ तब-तक मारते रहे ।"

4] "मांस मेरे #मुंह में धकेल दिया गया था और मुझे बताया गया था कि यह #गौ -मांस (बीफ) था।"

5] "मुझे कुछ लिपियों को पढ़ने के लिए मजबूर किया गया था, और फिर मेरी आवाज #डब की गई, और #ऑडियो-वीडियो टेप का उत्पादन किया गया।"


6]  “मुझे धमकी दी गई कि हिन्दू समाज में मुझे बदनाम करने के लिए , मेरी #अश्लील सीडी बनाई जाएगी [यानी, कंप्यूटर सिमुलेशन द्वारा]”

"ये केवल कुछ उदाहरण हैं। मैं उनकी #हिरासत में 17 दिनों तक था, और आप इस बारे में कल्पना कर सकते हैं कि उन्होंने मेरे साथ क्या-क्या किया होगा !"

"यदि एटीएस के पास मेरे खिलाफ कोई #सबूत है, तो उन्हें मेरे खिलाफ #फर्जी प्रमाण बनाने की आवश्यकता क्यों थी? 

एटीएस ने कहा, 'यहाँ हम तुम्हें मार देंगे, बाहर #मुसलमान तुम्हें मार देंगे; तुम्हें किसी भी हालत में मरना है,  तो अपने #अपराधों को स्वीकार करो '। 

उन्होंने मुझे सवालों के जवाब रटवाए, और फिर एक #नारको विश्लेषण किया '. 
'इन परिस्थितियों में, मुझे उम्मीद है कि #हिंदू समाज इस पत्र को पढ़ेगा । और अपने #धर्माचार्यों के सत्य के प्रमाण के रूप में स्वीकार करेगा।'

"यहां उल्लेख करना उचित होगा कि #शंकराचार्य परंपरा  की मूल और प्राचीन सीट, श्री शारदा सर्वज्ञ पीठ,  ग्राम शारदी, तालुका अत्तुमकम, जिला नीलम, विभाजित भारत के उत्तरी राज्य #जम्मू कश्मीर के पाकिस्तान द्वारा जब्त 48% इलाकों में निहित है।”

पाकिस्तानी जब्ती के कारण ना केवल इस सीट को खोना पड़ा, बल्कि पिछले 60 वर्षों में, उस क्षेत्र के #लाखों हिंदुओं ने अपने मानव अधिकारों को खो दिया है, बुनियादी नागरिक सुविधाओं से #वंचित रखा है, और वे सामाजिक या सरकारी सहायता के बिना दर दर की #ठोकरें खा रहे हैं  ।"

"पाक-कब्जे वाले #कश्मीर को वापस लेने के तीन प्रस्तावों में धूल जमा हो रही है । #धर्मनिरपेक्ष सरकारों के इस दृष्टिकोण को इस्लामी राष्ट्र और #इस्लामी नेतृत्व जानते हैं । जिसके परिणामस्वरूप उत्पीड़न की नीति का पालन किया जा रहा है, और भारत में, इस्लामिक परिवर्तन पाकिस्तान और अन्य इस्लामिक देशों के #समर्थक हो रहे हैं। 

नतीजा यह है कि 18-20 साल पहले, लाखों हिंदुओं को #कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया; उन्होंने देश के अन्य #हिंदू राज्यों में शरण पायी । लेकिन आज, सात तटीय राज्यों में, हिंदू 10% से कम के अल्पसंख्यक हैं।  अगर दूसरे राज्यों में भी #हिंदुओं की इसी प्रकार की उड़ान हो जाती है,तो वे शरण कहाँ लेगे?”


"इस भय-ग्रस्त समाज के प्रमुख विचारकों, काशी विद्वत परिषद, दंडी सन्यासी सेवा समिति, काशी के #विश्वास-प्रेमी और प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने हाथ मिलाकर एक सार्वजनिक समारोह का आयोजन किया और फिर से श्री #शारदा सर्वज्ञ पीठ की लुप्त शंकराचार्य परंपरा को पुन: स्थापित किया ।" 

पीओके के हिंदुओं के उत्पीड़न और उड़ान को रोकना, पीओके के निवासी हिंदुओं के कष्टों को साझा करना और उन्हें न्याय और उनके #अधिकार प्राप्त करने में सहायता करना, #कश्मीरी पंडितों को घाटी में वापस करने के लिए प्रोत्साहित करना, और पीओके को पुनः प्राप्त करने के लिए तीन #संसदीय प्रस्तावों की सरकार को याद दिलाना, यह एक चुनौती थी। 

"इस प्रकार, 16 मई 2003 को, मुझे शंकराचार्य नियुक्त किया गया और मुझे इन  जिम्मेदारियों का #उत्तरदायित्व दिया गया। तब से आज तक, सभी प्रकार के खतरों और खतरों से निपटते हुए,  मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहा हूँ । इस पर एक विशेष #रिपोर्ट आरएसएस मुखपत्र, आयोजक की 17 फरवरी 2008 संस्करण में पढ़ी जा सकती है। "

"धर्म के आधार पर विभाजित भारत का जम्मू क्षेत्र, स्वतंत्रता के समय से, #धर्मनिरपेक्षता की कसौटी बन गया है। वहां शंकराचार्य की नियुक्ति आधिकारिक धर्मनिरपेक्षता का #पर्दाफाश कर सकती है। इस डर से प्रेरित, तत्कालीन केंद्रीय और राज्य सरकारों ने अभिनव भारत कार्यक्रमों का इस्तेमाल करने की मांग की है और कश्मीर शंकराचार्य के रूप में मेरी आधिकारिक क्षमता में, साक्ष्यों को बनाने और मुझे अपमानित करने के लिए #एटीएस का इस्तेमाल किया

"इसलिए, हिंदू समाज के माध्यम से, मैं #आत्महत्या करने की अनुमति लेने के लिए सम्मानित राष्ट्रपति और सम्मानित #न्यायपालिका से अपील करता हूं, क्योंकि इस तरह के #अपमान के बाद मैं हर-दूसरे क्षण धीमे मौत मर रहा हूँ। । और, उन घटनाओं की वजह से, जिनका  मुझे सामना करना पड़ा था, जिसे मैं समाज के सामने आने वाले भारी खतरों के संकेत के रूप में लेता हूँ, मुझे उम्मीद है कि #हिंदू समाज और उसके नेतृत्व करने वाले सतर्क और #जाग्रत होंगे ।"

स्वामी अमृतानन्द देव तीर्थ जी के उपरोक्त पत्र से स्पष्ट है कि #हिंदुओं के दमन के लिए तत्कालीन सरकार ने खूब प्रयास किये लेकिन वे सफल नही हो पाई और उनको जनता ने #उखाड़कर फेंक दिया लेकिन अभी वर्तमान सरकार का भी हिंदुओं के प्रति #उदासीन चेहरा देखकर हिंदुत्व #खतरे में ही लग रहा है ।

आज भी सालों से बिना सबूत हिंदुत्वनिष्ठ शंकराचार्य अमृतानन्द, कर्नल पुरोहित, संत #आसारामजी बापू, धनंजय देसाई आदि जेल में बन्द हैं ।
जब इनकी #रिहाई होगी और वो फिर से बाहर आकर जनता में जागृति लायेगें तभी #हिन्दू संस्कृति टिक पाएगी अन्यथा राष्ट्रविरोधी ताकतों से हिन्दू #संस्कृति खतरे में है ।

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Saturday, April 29, 2017

राक्षसों और विधर्मियों के लिए भगवा बहुत बड़ा हथियार है : साध्वी प्रज्ञा

राक्षसों और विधर्मियों के लिए भगवा बहुत बड़ा हथियार है : साध्वी प्रज्ञा

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जमानत मिलने पर बाहर आ गई है और जिन्होंने हिन्दुओं को खत्म करने के लिए एक प्लान बनाया था जिसमें सबसे पहले हिन्दू साधु-संतों एवं हिन्दू नेताओं को फँसाकर खत्म करने की रणनीति बनाई थी जिसका नाम दिया था "भगवा आतंकवाद" इसकी सच्चाई साध्वी जी ने प्रेस #कॉन्फ्रेंस करके मीडिया के सामने बताई ।
#SadhviPragya

साध्वी प्रज्ञा ने मीडिया को संबोधित किया और कांग्रेस के #षड्यंत्र को उजागर किया | उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से निर्दोष थी और कांग्रेस ने साजिश के तहत मुझे फँसाया था | उन्होंने मुझे 9 साल तक जेल में रखकर बहुत प्रताड़ित किया | मुझे इतना मारा कि मेरे फेफड़े की झिल्ली फट गयी और मुझे कैंसर हो गया ।

साध्वी ने #मुंबई के कई पुलिस अधिकारियों का नाम लेते हुए बताया कि इन्होंने मुझे इतना प्रताड़ित किया जितना आजाद भारत से पहले और #आजाद भारत के बाद किसी भी स्त्री को प्रताड़ित नहीं किया गया होगा । उन्होंने कहा कि मुझे प्रताड़ित करने वालों में हेमंत करकरे, परमवीर सिंह भी थे | परमवीर सिंह इस वक्त थाणे के पुलिस #कमिश्नर हैं जबकि हेमंत करकरे मुंबई 26/11 हमले में मारा गया था ।

साध्वी ने कहा कि #कांग्रेस मुझे प्रताड़ित करवाकर मारना चाहती थी ताकि वे लोग भगवा #आतंकवाद की #परिभाषा गढ़ सकें, लेकिन इनकी ये कोशिश कामयाब नहीं हो पाई | इन लोगों ने मुझे मार-मारकर बीमार जरूर बना दिया लेकिन ये लोग मेरी #आत्मा, मेरे विश्वास को नहीं तोड़ पाए और आज मैं आप लोगों के सामने हाजिर हूँ ।

जब उनसे भगवा #आतंकवाद के बारे में पूछा गया तो साध्वी ने कहा कि कांग्रेस के तात्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने भगवा आतंकवाद की परिभाषा गढ़ी थी और मुझे फंसाने की साजिश की थी लेकिन कोर्ट में इतना तो साबित हो गया कि कोई भगवा आतंकवाद नहीं होता | उन्होंने पी. चिदम्बरम को विधर्मी और राक्षस बताते हुए कहा कि जो राक्षस और विधर्मी होते हैं वे भगवा से बहुत डरते हैं | इसलिए उनके लिए तो भगवा आतंकवादी ही होगा ना और उन्हें डरना भी चाहिए क्योंकि #राक्षसों के लिए ये भगवा बहुत बड़ा हथियार है।

उन्होंने कहा कि 9 साल तक मुझे लगातार प्रताड़ित किया | इससे ये तो निश्चित हो गया कि यह कांग्रेस का #षड्यंत्र था, पर मुझे भरोसा है कि अब मेरे साथ न्याय होगा ।

साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि पहले मैं पूरी तरह से ठीक थी और फिजिकली ट्रेंड भी थी लेकिन आज मैं बीमार हूँ, मुझे #कैंसर है, तो इसका कारण है ATS, #मुंबई | इन्होंने मुझे 9 दिन तक गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाकर इतना प्रताड़ित किया था, मुझे इतना मारा था कि मेरे फेफड़ों की झिल्ली फट गयी और मुझे कैंसर हो गया, उस वक्त पांच दिन तक मैं वेंटीलेटर पर थी | उस वक्त उन्होंने मुझे #शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह तोड़ दिया | लेकिन आत्मिक तौर पर वे मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाए | मैं सिर्फ अपने आत्मबल से आप लोगों के सामने हूँ | वरना कांग्रेसियों ने मुझे ख़त्म करने का पूरा प्रयास किया था ।

आपको बता दें कि जॉइंट #इंटेलीजेंसी कमेटी के पूर्व प्रमुख और पूर्व उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. एस.डी. प्रधान ने देश में भगवा आतंक की थ्योरी को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। 

उन्होंने भी स्पष्ट बताया है कि समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, मालेगाँव ब्लास्ट, #इशरतजहाँ मामला का पहले से ही हमें पता था और अमेरिकन खुफिया विभाग ने भी बताया था कि ये सब घटनाएं होने वाली थी और ये पाकिस्तान करवा रहा है और हमने तात्कालीन #गृहमंत्री पी.चिदंबरम को बताया भी था लेकिन उन्होंने राजनैतिक फायदे के लिए भगवा #आतंकवाद सिद्ध करने के लिए #डी.जी.वंजारा, साध्वी प्रज्ञा, स्वामी #असीमानन्द, #शंकराचार्य अमृतानन्दजी, कर्नल पुरोहित और बाद में संत आसारामजी बापू और उनके बेटे को जेल भेजा गया था ।

आपको बता दें कि साध्वी की शुरुआत बेहद डरावनी थी ।  पहले उसे 10 पुलिसवालों ने घेरकर मारना शुरू किया, कोई #घूंसे से, कोई बेल्ट से, कोई बूट से ... फ़िर एक पुलिसवाला उस साध्वी के गले में रुद्राक्ष की माला देखता है जिस पर #सूर्यदेव का प्रतीक लगा होता है, गले पर हाथ रखकर वो रुराक्ष की माला को तोड़ देता है और बोलता है कि बुला अपने शिव या सूर्य को उनकी भी ऐसी की तैसी कर दूगा मैं ।

फ़िर दूसरा पुलिसवाला उस साध्वी के झोले को जमीन पर पटक देता है, उस झोले से श्रीमद #भगवतगीता की पवित्र पुस्तक निकलकर बाहर आती है । वो पुलिसवाला उस साध्वी के बाल पकड़कर कहता है कि इसी मनहूस किताब ने दुनिया और तेरे अंदर भगवा का जहर घोल रखा है | फिर वही #पुलिसवाला गीता के एक-एक पन्ने को फाड़कर राक्षसों की तरह हंसकर कहता है कि- बुला द्रौपदी ! बुला अपने कृष्ण को । उस #साध्वी की रीढ की हड्डी टूटी, फेफ़डे की झिल्ली फटी… गीता फाड़ने,
रुद्राक्ष तोड़ने, बूट चलानेवाले आज भी इसी संसार में हैं, पूरी तरह सुखी और संपन्न हैं। आजादी के बाद सबसे #भीषण प्रताड़ना झेलने वाली नारी साध्वी #प्रज्ञा का बुरहान की गोली और याकूब की फांसी की चिंता करनेवालों को कभी हजारों चीखों में से एक आह भी नहीं सुनाई दी, 

कितना बड़ा आश्चर्य का विषय है !!

आपको बता दें कि जो भी हिन्दू साधु #संत या कायकर्ता #ईसाई #धर्मान्तरण पर रोक लगाते थे उनको वेटिकन सिटी के संकेत पर सोनिया गांधी ने सभी निर्दोष #हिन्दू #सन्तों को अपना निशाना बनाया था । 

ये सभी संत हिन्दू संस्कृति का परचम लहराने वाले और #धर्मान्तरण के विरोधी रहे हैं ।

जागो हिन्दू !!

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Tuesday, April 25, 2017

निर्दोष साध्वी प्रज्ञा को 9 साल में जमानत, रेप के आरोपी प्रजापति को 40 दिन में ही जमानत क्यों?

🚩निर्दोष साध्वी प्रज्ञा को 9 साल में जमानत, रेप के आरोपी प्रजापति को 40 दिन में ही जमानत क्यों?

🚩2008 मालेगांव बम विस्फोट में साजिश रचने की बनाई गई आरोपी #साध्वी_प्रज्ञा_सिंह ठाकुर को मंगलवार (25 अप्रैल) को मुंबई उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति शालिनी फनसाल्कर जोशी की खंड पीठ ने कहा, ‘साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की अपील को मंजूरी दी जाती है । याची (साध्वी) को पाँच #लाख रुपये की जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है।  प्रसाद पुरोहित की ओर से दायर अपील को खारिज किया जाता है ।’ 
conspiracy against india

🚩 #न्यायमूर्ति मोरे ने आदेश में कहा है कि पहली नजर में साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है ।

🚩एनआईए जाँच एजेंसी के मुताबिक, विस्फोट को दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत ने कथित तौर पर अंजाम दिया था और पुरोहित और प्रज्ञा सहित कुल 11 लोग इस मामले में अभी #जेल में हैं ।

🚩एनआईए ने पुरोहित की जमानत की अर्जी का विरोध किया ।

🚩पुरोहित ने दलील दी थी कि एनआईए कुछ आरोपियों को आरोपमुक्त करने में भेदभाव कर रही है और एजेंसी ने उसे मामले में बलि का बकरा बनाया है ।

🚩जब #एनआईए ने साफ कह दिया है कि दक्षिणपंथी संगठन ने मालेगांव ब्लास्ट किया है फिर कर्नल पुरोहित को क्यों जमानत देने का विरोध कर रही है?

🚩गौरतलब है कि 29 सितंबर 2008 को #मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था जिसमें आठ लोगों की मौत हुई थी और तकरीबन 80 लोग जख्मी हो गए थे। साध्वी और पुरोहित को 2008 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में हैं।

🚩अब जनता सवाल कर रही है कि भयंकर यातनाऐं देकर 9 साल से साध्वी प्रज्ञा को जेल में रखा गया, रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई, जेल में कैंसर हो गया और अब एनआईए और न्यायालय बोलता है कि उनके खिलाफ कोई मामला बनता नही है, तो 9 साल से जो साध्वी प्रज्ञा जी को बिना सबूत #जेल में रखा, उनका जो समय गया, उनका स्वास्थ्य गया वो क्या न्यायालय लौटा पायेगा? 

मीडिया ने उनकी जो खूब बदनामी की क्या वो इज्जत मीडिया दोबारा लौटा पायेगी ?

🚩ऐसे ही कुछ समय पूर्व स्वामी #असीमानन्द को 8 साल के बाद जेल से रिहा किया गया उनको भी बिना सबूत ही जेल में रखा गया था ।

🚩लेकिन वहीं दूसरी ओर #उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के दौरान कैबिनेट मंत्री गैंग रेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को 40 दिन के बाद आज (25 अप्रैल) को लखनऊ की पॉस्को कोर्ट ने जमानत दे दी है। पूर्व मंत्री के अलावा अन्य 2 आरोपी को भी जमानत दी है।

🚩महिला ने #गायत्री_प्रजापति पर आरोप लगाया है कि उसके साथ #गैंगरेप और नाबालिक बेटी के साथ भी यौन शोषण किया। प्रजापति और 6 अन्य लोगों के ख‍िलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। गायत्री को 15 मार्च 2017 को गिरफ्तार किया गया था 25 अप्रैल को जमानत मिल गई ।

🚩वहीं दूसरी ओर केवल छेड़छाड़ी के आरोप में हिन्दू संत बापू आसारामजी 4 साल से जेल में बन्द है, जबकि उनको मेडिकल में क्लीनचिट भी मिल चुकी है और कॉल डिटेल्स से भी पता चला है कि जिस समय #छेड़छाड़ी का आरोप लगाया है उस समय तो वो अपने किसी मित्र से फोन पर बात कर रही थी और बापू आसारामजी भी किसी अन्य कार्यक्रम में व्यस्त थे और उनको षडयंत्र के तहत फंसाने के सैकड़ों सबूत भी मिले हैं लेकिन फिर भी जमानत क्यों नही मिल पा रही है???

क्या कानून सबके लिए समान है...???


🚩क्यों नेता, अभिनेता, अमीरों को शीघ्र जमानत दी जाती है लेकिन हिंदुस्तान में ही हिन्दू संत #बापू #आसारामजी को 4 साल से और अन्य संतों और कार्यकर्ताओं को क्यों जमानत नहीं दी जा रही है ??

क्या यही हमारी उत्तम न्याय व्यवस्था है..???

🚩देश के 9000 हजार करोड़ लेकर भागने वाले #विजय_माल्या को तो केवल 3 घण्टे में ही जमानत मिल गई ।

🚩इन निर्दोष हिन्दू #साधु-संतो के खिलाफ एक भी सबूत नहीं है फिर भी इनको सालों से जेल में रखा जा रहा है, #मीडिया द्वारा खूब बदनामी की जाती है।

 आखिर ऐसा क्यों ???

🚩क्या इनका यही गुनाह है कि इन्होंने धर्मान्तरण पर रोक लगाई और गाँव-गाँव, नगर-नगर जाकर #देश-विदेश में हिन्दू संस्कृति का प्रचार प्रसार किया । जनता में राष्ट्र भक्ति जगाई ।

🚩क्या इनका यही गुनाह था कि इन्होंने विदेशी कंपनियों से लोहा लिया और लोगों को #स्वदेशी की ओर मोड़ा।

🚩क्या इनका यही गुनाह था कि विदेशी कल्चर का #बहिष्कार करवाया और भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित किया ।

🚩या ये गुनाह है कि इन्होंने अनेक गौशालायें खुलवाकर #कत्लखाने जाती गायों को बचाया और लोगों को गाय माता को बचाने के प्रति जाग्रत किया ।

🚩लगता है इनका #हिन्दू_संत होना ही सबसे बड़ा गुनाह है क्योंकि इस देश में सिर्फ हिन्दू #संतों और कार्यकर्ताओं से ही उनके मौलिक अधिकार छीन लिए गए हैं। 

🚩एक बात तो पक्की हो गई कि जो भी हिंदुत्वनिष्ठ आगे आकर हिन्दू संस्कृति के प्रचार प्रसार में लगेगा उन पर #राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा ऐसे ही हमला होगा ।

🚩अब हिन्दू का जगने का समय आ गया है। हिन्दुत्वनिष्ठों के साथ हो रहे अन्याय पर अब हिन्दू चुप नहीं बैठेगा ।

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Friday, January 20, 2017

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को जमानत मिलने पर कोई आपत्ति नही

🚩राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को जमानत मिलने पर कोई आपत्ति नही..!!

🚩वर्ष 2008 में हुए #मालेगांव बम धमाका मामले में गुरुवार को एक नया मोड़ तब आया जब राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने बॉम्बे हाई कोर्ट में कहा कि इस मामले की मुख्य अभियुक्त #साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत देने पर उसे कोई ऐतराज नहीं है ।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को जमानत मिलने पर कोई आपत्ति नही

🚩एनआईए के इस रुख के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बड़ी राहत मिल सकती है । उन्होंने निचली अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जो खारिज कर दी गयी थी । साध्वी प्रज्ञा ने इसे बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी है ।

🚩अदालत में NIA की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि एजेंसी ने पहले ही यह जानकारी दे दी है कि यह मामला मकोका के प्रावधान लागू करने योग्य नहीं है।

🚩साध्वी की अपील पर #न्यायाधीश आरवी मोरे और न्यायाधीश शालिनी फनसालकर जोशी की पीठ सुनवाई कर रही है। #NIA की तरफ से अदालत में सॉलिसिटर जनरल सिंह ने कहा कि मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने आरोपियों के अन्य विस्फोटों में शामिल होने और संगठित अपराध समूह का हिस्सा होने के आधार पर मकोका लागू किया था।


🚩सिंह ने आगे कहा कि NIA की जांच में यह बात सामने नहीं आई कि आरोपी केवल मालेगांव ब्लास्ट में ही आरोपी थे, जिस कारण से उन पर मकोका लागू ही नहीं होता । NIA की ओर से जांच शुरू किए जाने से पहले ही कई गवाह अपने बयान से पलट गए और उनकी ओर से शिकायत की गई कि उन्हें एटीएएस की ओर से झूठा बयान देने के लिए मजबूर किया गया था, ऐसे में इन सब बातों पर विचार करते हुए NIA साध्वी को #जमानत दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं करेगी।

🚩दूसरी ओर, मालेगांव बम धमाके की जाँच करने वाले विशेष जांच दल (एटीएस) में शामिल रहे महाराष्ट्र के पूर्व #पुलिस अधिकारी #महबूब मुजावर ने हाल ही में सोलापुर की अदालत में हलफनामा दायर कर दावा किया था कि धमाके के तीन अभियुक्तों को एटीएस अधिकारियों ने साल 2008 में ही मार डाला था ।

🚩महबूब मुजावर का ये भी दावा है कि उनके शव, मुंबई चरमपंथी हमले में मारे गए लोगों के साथ ही जला दिए थे । इन दावों की वजह से महाराष्ट्र एटीएस की अब तक की जाँच सवालों के घेरे में आ गई है ।

🚩साध्वी प्रज्ञा के वकील प्रशांत मग्गू ने बताया कि "हमने अदालत को मुजावर के हलफनामे के बारे में विस्तार से बताया है । हमारा मानना है कि महाराष्ट्र एटीएस ने इस मामले में झूठे सबूतों के आधार पर #बेगुनाहों को गिरफ्तार किया है । मुझे आशा है कि साध्वी को जल्द ही जमानत मिल जाएगी ।"

🚩इस मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी ।

🚩गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा 9 साल से जेल में है और #कैंसर से पीड़ित हैं, उनके खिलाफ अभीतक एक भी सबूत नही है, यहाँ तक कि उनको फंसाने के कई सबूत मिल चुके हैं। उसके बाद भी अभी तक जमानत नही मिलना ये देश के लिए शर्मनाक बात है ।

🚩आपको बता दें कि जॉइंट इंटेलीजेंस कमेटी के पूर्व प्रमुख और पूर्व उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. एस डी प्रधान ने भी  #मालेगांव और #समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। 

🚩प्रधान ने बताया कि ब्लास्ट होने वाला है वो हमें पहले ही पता चल गया था और हमने #गृह मंत्रालय में भी बता दिया था लेकिन #पी. चिंदबर ने राजनैतिक के फायदे के लिए #साध्वी प्रज्ञा, #स्वामी असीमानंद आदि हिन्दू #साधु-संतों को फंसाने के लिए भगवा आतंकवाद नाम देकर उनको जेल भेज दिया था।

🚩जैसा कि हमने पहले भी कई बार बताया है कि #साध्वी प्रज्ञा, #स्वामी असीमानन्द, #कर्नल पुरोहित, #बापू #आसारामजी, #श्री #नारायण साईं, #धनंजय देसाई आदि को फंसाने के पीछे कई सबूत मिल चुके हैं। लेकिन उनको इसलिये जेल में रखा गया है कि वो कट्टर हिंदुत्ववादि हैं।
 🚩उन्होंने लाखों हिंदुओं की #घरवापसी करवाई । 
🚩विदेशी प्रोडक्ट पर रोक लगाई ।
इसलिये उनको विदेशी ताकतों ने मीडिया द्वारा बदनाम करवाया है । जिसका असर न्यायपालिका के फैसलों पर भी पड़ा है ।

🚩अब देखना ये है कि #हिन्दुत्वादी कहलाने वाली #सरकार #कब इन #हिन्दू #संतों को #न्याय दिलवाती है..???

🚩जागो हिन्दू !!