राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को जमानत मिलने पर कोई आपत्ति नही..!!
वर्ष 2008 में हुए #मालेगांव बम धमाका मामले में गुरुवार को एक नया मोड़ तब आया जब राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने बॉम्बे हाई कोर्ट में कहा कि इस मामले की मुख्य अभियुक्त #साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत देने पर उसे कोई ऐतराज नहीं है ।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को जमानत मिलने पर कोई आपत्ति नही |
एनआईए के इस रुख के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बड़ी राहत मिल सकती है । उन्होंने निचली अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जो खारिज कर दी गयी थी । साध्वी प्रज्ञा ने इसे बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी है ।
अदालत में NIA की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि एजेंसी ने पहले ही यह जानकारी दे दी है कि यह मामला मकोका के प्रावधान लागू करने योग्य नहीं है।
साध्वी की अपील पर #न्यायाधीश आरवी मोरे और न्यायाधीश शालिनी फनसालकर जोशी की पीठ सुनवाई कर रही है। #NIA की तरफ से अदालत में सॉलिसिटर जनरल सिंह ने कहा कि मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने आरोपियों के अन्य विस्फोटों में शामिल होने और संगठित अपराध समूह का हिस्सा होने के आधार पर मकोका लागू किया था।
सिंह ने आगे कहा कि NIA की जांच में यह बात सामने नहीं आई कि आरोपी केवल मालेगांव ब्लास्ट में ही आरोपी थे, जिस कारण से उन पर मकोका लागू ही नहीं होता । NIA की ओर से जांच शुरू किए जाने से पहले ही कई गवाह अपने बयान से पलट गए और उनकी ओर से शिकायत की गई कि उन्हें एटीएएस की ओर से झूठा बयान देने के लिए मजबूर किया गया था, ऐसे में इन सब बातों पर विचार करते हुए NIA साध्वी को #जमानत दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं करेगी।
दूसरी ओर, मालेगांव बम धमाके की जाँच करने वाले विशेष जांच दल (एटीएस) में शामिल रहे महाराष्ट्र के पूर्व #पुलिस अधिकारी #महबूब मुजावर ने हाल ही में सोलापुर की अदालत में हलफनामा दायर कर दावा किया था कि धमाके के तीन अभियुक्तों को एटीएस अधिकारियों ने साल 2008 में ही मार डाला था ।
महबूब मुजावर का ये भी दावा है कि उनके शव, मुंबई चरमपंथी हमले में मारे गए लोगों के साथ ही जला दिए थे । इन दावों की वजह से महाराष्ट्र एटीएस की अब तक की जाँच सवालों के घेरे में आ गई है ।
साध्वी प्रज्ञा के वकील प्रशांत मग्गू ने बताया कि "हमने अदालत को मुजावर के हलफनामे के बारे में विस्तार से बताया है । हमारा मानना है कि महाराष्ट्र एटीएस ने इस मामले में झूठे सबूतों के आधार पर #बेगुनाहों को गिरफ्तार किया है । मुझे आशा है कि साध्वी को जल्द ही जमानत मिल जाएगी ।"
इस मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी ।
गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा 9 साल से जेल में है और #कैंसर से पीड़ित हैं, उनके खिलाफ अभीतक एक भी सबूत नही है, यहाँ तक कि उनको फंसाने के कई सबूत मिल चुके हैं। उसके बाद भी अभी तक जमानत नही मिलना ये देश के लिए शर्मनाक बात है ।
आपको बता दें कि जॉइंट इंटेलीजेंस कमेटी के पूर्व प्रमुख और पूर्व उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. एस डी प्रधान ने भी #मालेगांव और #समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
प्रधान ने बताया कि ब्लास्ट होने वाला है वो हमें पहले ही पता चल गया था और हमने #गृह मंत्रालय में भी बता दिया था लेकिन #पी. चिंदबर ने राजनैतिक के फायदे के लिए #साध्वी प्रज्ञा, #स्वामी असीमानंद आदि हिन्दू #साधु-संतों को फंसाने के लिए भगवा आतंकवाद नाम देकर उनको जेल भेज दिया था।
जैसा कि हमने पहले भी कई बार बताया है कि #साध्वी प्रज्ञा, #स्वामी असीमानन्द, #कर्नल पुरोहित, #बापू #आसारामजी, #श्री #नारायण साईं, #धनंजय देसाई आदि को फंसाने के पीछे कई सबूत मिल चुके हैं। लेकिन उनको इसलिये जेल में रखा गया है कि वो कट्टर हिंदुत्ववादि हैं।
उन्होंने लाखों हिंदुओं की #घरवापसी करवाई ।
विदेशी प्रोडक्ट पर रोक लगाई ।
इसलिये उनको विदेशी ताकतों ने मीडिया द्वारा बदनाम करवाया है । जिसका असर न्यायपालिका के फैसलों पर भी पड़ा है ।
अब देखना ये है कि #हिन्दुत्वादी कहलाने वाली #सरकार #कब इन #हिन्दू #संतों को #न्याय दिलवाती है..???
जागो हिन्दू !!