Friday, February 17, 2017

चर्च के ईसाई पादरी करते हैं बच्चों का यौनशोषण, मध्यप्रदेश की महिला का किया बलात्कार

 चर्च के ईसाई पादरी करते हैं बच्चों का यौनशोषण, मध्यप्रदेश की महिला का किया बलात्कार

ईसाई पादरियों का पहले से ही असली चेहरा सामने आ चुका है भले ही प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नही बताये लेकिन सोशल मीडिया के जरिये कई जगह का हुआ पर्दाफाश!!

जहाँ चर्च के पादरी महिलाओं का एवं बच्चे-बच्चियों का बलात्कार करते हुए पकड़े गए । भले वेटिंकन सिटी के प्रभाव से उन पर सरकार या कानूनी कार्यवाही नहीं होती हो लेकिन अब पब्लिक जान चुकी है कि धर्म की आड़ में कई ईसाई पादरी कुकर्म करते हैं ।

ऐसे ही चर्च के पादरी द्वारा एक #आदिवासी #महिला के #बलात्कार का मामला सामने आया है। घटना मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के कानापुर की है। पादरी पर आरोप है कि, उसने शौच के लिए घर से बाहर निकली विवाहित आदिवासी महिला का बलात्कार किया। महिला ने रविवार को पुलिस में पादरी के खिलाफ मामला दर्ज कराया। घटना के बाद से ही #पादरी फरार है।पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और SC-ST ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
The pastor of the church sexually abused the  children, raped a woman in Madhya Pradesh

उन्होंने पीड़िता की शिकायत के हवाले से बताया कि, गत शनिवार-रविवार की मध्यरात्रि को पीड़िता घर से बाहर निकली थी, तभी पादरी वहां आया और जबरदस्ती उसे अपने कमरे में ले गया और उसके साथ #दुष्कर्म किया। महिला के शोर मचाने पर परिजन और आसपास के ग्रामीणों के जमा होने पर पादरी मोटरसाईकल से महाराष्ट्र की ओर भाग निकला।

महिला का शासकीय जवाहरलाल नेहरू जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है। आरोपी की खोज में पुलिस दल को अलग-अलग स्थानों पर भेजा जा रहा है। (स्त्रोत :हिन्दू जन जागृति - 14 फरवरी)

आस्ट्रेलियाई चर्च ने भरा 21.20 करोड़ डॉलर का मुआवजा!!

आपको बता दें कि अभी हाल ही में आस्ट्रेलिया की #कैथोलिक चर्च ने सेक्शुअल अब्यूज के मामले में करीब 21 करोड़ 20 लाख 90 हजार #अमेरिकी डॉलर (1426 करोड़ रुपए) का हर्जाना दिया है। 

पिछले 35 साल के दौरान #सेक्शुअल अब्यूज का शिकार हुए हजारों बच्चों को मुआवजे, इलाज और अन्य खर्च के तौर पर ये रकम दी गई है। संस्थागत उत्पीड़न को लेकर हुई जांच की जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

क्या रहा रॉयल कमीशन का अनुभव!!

- सरकार द्वारा बनाए गए रॉयल कमीशन की ओर से बैरिस्टर गैल फर्नेस ने कहा कि कथित उत्पीड़न और चर्च के खिलाफ किए गए दावे के बीच जांच में करीब 33 साल का वक्त लग गया।

- फर्नेस ने कहा, "रॉयल कमीशन का अनुभव है कि कई पीड़ितों को मुश्किलों को सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्होंने प्रशासन और संस्थाओं से उत्पीड़न की शिकायत नहीं की।"

-  #रॉयल_कमीशन #ऑस्ट्रेलिया के सबसे शक्तिशाली जांच आयोग में से है। इस आयोग का गठन 2013 में किया गया था, जो धार्मिक, सरकारी और खेल #संगठनों समेत कई संस्थाओं में बाल यौन उत्पीड़न की जांच कर रहा है।

- रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1980 से 2015 के बीच हुए 4445 #बाल #यौन_उत्पीड़न के दावों में से 3066 मामलों में मुआवजे और अन्य भुगतान किए गए। पुरुषों ने 40 फीसदी से ज्यादा दावे हासिल किए। 

 #चर्च की आड़ में चल रहे #यौन #शोषण के हजारों मामले सामने आ चुके हैं । 

सन् 2002 में #आयरलैंड के #पादरियों के यौन-शोषण के अपराधों के कारण 12 करोड़ 80 लाख डॉलर का दंड चुकाना पड़ा । 

मई 2009 में प्रकाशित #रॉयन #रिपोर्ट के अनुसार 30,000 बच्चों को इन संस्थाओं में ईसाई ननों और पादरियों द्वारा प्रताड़ित और उनका शोषण किया जाता रहा ।

फिलॉसफर नित्शे ने कहा था कि मैं ईसाई धर्म को एक अभिशाप मानता हूँ, उसमें आंतरिक विकृति की पराकाष्ठा है । वह द्वेषभाव से भरपूर वृत्ति है । इस भयंकर विष का कोई मारण नहीं । #ईसाईत गुलाम, क्षुद्र और चांडाल का पंथ है । 

ऐसे #कुकर्म करने वाले चर्च के #पादरी हिंदुओं को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवाते है जो खुद पतित है वो दूसरों को क्या सन्मार्ग पर लेकर जायेगे..??

इनके मार्ग ( #धर्मपरिवर्तन ) में जो आड़े आते है उनको मीडिया द्वारा बदनाम करवा दिया जाता है । जिससे समाज सच्चाई से अनभिज्ञ रहें । 

अतः #हिन्दू सावधान रहें विदेशी प्रभाव से चलने वाली #मीडिया से और #ईसाई_पादरियों से । अपने धर्म में मरना भी श्रेष्ठ है दूसरों का धर्म भयावह है ।


Thursday, February 16, 2017

ABP न्यूज के अधिकारी 45 करोड़ की रिश्वत लेते पकड़े गए रंगे हाथ..!!

ABP न्यूज के अधिकारी 45 करोड़ की रिश्वत लेते पकड़े गए रंगे हाथ..!!

आपने मीडिया में अक्सर देखा होगा कि दूसरों की खबरें खूब उत्तेजित होकर दिखायी जाती हैं मीडिया वाले द्वारा।
जैसे- एक बड़ी खबर आ रही है कि फलाना व्यक्ति इतने करोड़ रूपये लेते फंस गया यहाँ तक तो ठीक है लेकिन कोई हिन्दू कार्यकर्ता या हिन्दू साधु-संतों के ऊपर केवल कोई आरोप लग जाता है तो दिन-रात ब्रेकिंग न्यूज द्वारा वो खबरें हाईलाइट होती रहती हैं ।
ABP News officer caught red handed while accepting a bribe of 45 million 

अभी हाल ही में गुजरात की साध्वी जयश्रीगिरी के पास से केवल सवा करोड़ रूपये मिले होंगे तो सभी न्यूज चैनल ब्रेकिंग न्यूज द्वारा उसे दिन-रात दिखा रहे हैं लेकिन खुद मीडिया का ही एक बड़ा भांडा फोड़ हुआ है ।

हम आपको बता रहे हैं कि जो एक न्यूज चैनल खुद पैसा लेते पकड़ा गया है उस पर सभी मीडिया वालों ने चुप्पी क्यों साध ली है..??

क्योंकि एक मीडिया दूसरी मीडिया की पोल नही खोल सकती इसलिए..??

या दोनों मित्र ही चोर हो तो कौन किसकी पोल खोले इसलिए...??

ये तो केवल एक चैनल की पोल खुली है लेकिन ऐसे तो करीब सभी चैनल कितने पैसे लेते होंगे ईश्वर जाने!

 लेकिन अब जनता समझ गई है कि मीडिया जो खबरें दिखा रही है वो सभी खबरें सच नही होती, पैसे लेकर बनाई गई तथा तोड़-मरोड़ कर बनाई गई होती हैं ।

ABP न्यूज के अधिकारी पकड़ें गए रंगे हाथ..!!


बुधवार(15 फरवरी 2017) को एबीपी (ABP) न्यूज के कार्यकारी अधिकारी राजीव मलिक को 45 करोड़ रूपये के साथ गुड़गांव हाइवे पर गिरफ्तार कर लिया गया है । 

आपको बता दें कि एबीपी न्यूज के इस अधिकारी के पास पहले से तैयार की गई समाचार की कॉपिया भी मिली । 

गौरतलब है कि ये वो समाचार थे जो 2 महीने बाद चैनल पर दिखाए जाने थे और जिसके लिए इतनी बड़ी रकम दी गई थी ।


वैसे सूत्रों के अनुसार ये रकम उत्तर प्रदेश के चुनावों को प्रभावित करने के उद्देश्य से ही दी जा रही थी और इससे पहले भी 100 करोड़ और 64 करोड़ की राशि इस चैनल तक पहुंचाई जा चुकी थी ।
इसके इलावा समाचार लिखे जाने तक मामले की छान-बीन भी जारी थी ।

 यानि एबीपी न्यूज वाले जिन चुनावों को लेकर बड़ा मुद्दा बनाने वाले थे, अब वो खुद ही उस मुद्दे में फंस गए हैं ।  http://tadkanews.net/rishabh/abp-news-exposed/

इतने बड़े सच का खुलासा हुआ क्या आपको एक मिनट के लिए भी ऐसी कोई न्यूज किसी चैनल द्वारा देखने को मिली ?
 
अब बड़ी खबर या ब्रेकिंग न्यूज क्यों नही बनती है..??

ऐसे तो पहले भी कई सारे बुद्धिजीवी लोग खुलासा कर चुके हैं कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार मीडिया में व्याप्त है लेकिन मीडिया वालें खुद की बुराई छुपाने के लिए दूसरे के विरुद्ध बड़ी-बड़ी खबरें बनाकर  दिखाते रहते हैं ।

जैसा कि हमने पहले भी कई बार खुलासा किया है कि भारतीय मीडिया हाउस पर विदेशी लोगों का दबदबा है। लगभग सभी मीडिया के मालिक विदेशी हैं इसलिये अधिकतर मीडिया की खबरें हिंदुत्व विरोधी होती हैं ।

मीडिया में अगर आपकी छवि को अच्छा बनाना है या किसी के विरुद्ध कोई खबर बनानी है तो पैसा दो या तो विज्ञापन दो ।
जैसे उदाहरण के तौर पर बाबा रामदेव को ले लीजिये। उनके खिलाफ मीडिया ने खूब बोला लेकिन जैसे ही उन्होंने विज्ञापन देना शुरू किया तो उनके खिलाफ न्यूज आनी बंद हो गई ।
दूसरा उदाहरण बापू आसारामजी का ले लीजिये जिन्होंने मीडिया को बोला था कि मैं अपने पैसे गरीबों में लगावऊगाँ पर मीडिया को नही दूँगा तो उनके खिलाफ हम देख रहे हैं कि आज तक बनावटी न्यूज बन रही है अगर बापू आसारामजी भी पैसे या विज्ञापन दे देते हैं तो उनके खिलाफ न्यूज दिखाना बन्द कर देंगे । 

यह खुलासा डीडी न्यूज वालों द्वारा भी हुआ था कि अगर बापू आसारामजी पैसा या विज्ञापन देना शुरू करेंगे तो उनके खिलाफ न्यूज बन्द हो जायेगी ।

यहाँ हमने दो उदाहरण आपके समक्ष रखे हैं पर ऐसे तो अनगिणत हैं ।

आपने टीवी या अखबार में देखा होगा कि कोई हिन्दू संस्कृति की या देश बचाने की बात करता है तो उनके खिलाफ न्यूज दिखाना शुरू हो जाते हैं । विवादित बयान करके लोगों के मन में उनके खिलाफ  माहौल बनाते है लेकिन वहीं दूसरी ओर ओवैसी, आजमखान जैसे लोग देश-विरोधी या हिन्दू संस्कृति के खिलाफ बोलते हैं तब चुप्पी साध लेते हैं ।

अगर आप गौर करें तो जब भी किसी हिन्दू साधु-संत या साध्वी पर आरोप लगते हैं तो मीडिया में दिन-रात दिखाया जाता है लेकिन जब वो निर्दोष बाहर आते हैं तो कोई खबर नही दिखाई जाती ।
पर दूसरी ओर अगर कोई ईसाई पादरी या मौलवी को कोर्ट सजा भी कर दे तो भी एक मिनट की न्यूज नहीं बनती है।

 आप समझ ही गए होंगे कि मीडिया का उपयोग करके हिन्दू संस्कृति एवं देश को तोड़ने का प्लान कर रही हैं विदेशी ताकतें । राष्ट्रविरोधी ताकतें देश को तोड़ने के लिए बड़ी चालाकी से काम कर रही हैं

अतः हिंदुस्तानी सावधान रहें!
विदेशी ताकतों के इशारे पर नाचने वाली मीडिया का बहिष्कार करें ।

जय हिंद!!

Wednesday, February 15, 2017

14 फरवरी को विश्वभर में छाया रहा #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस !!

14 फरवरी को विश्वभर में छाया रहा #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस !!
आज जहाँ एक ओर वैलेंटाइन डे का प्रभाव अंधाधुन बढ़ता आ रहा है तथा इसके कुप्रभाव व दुष्परिणाम समाज के सामने प्रत्यक्ष हो रहे हैं ।
एड्स, नपुसंकता, दौर्बल्य, छोटी उम्र में ही गर्भाधान (Teenage Pregnency), ऑपरेशन आदि गुप्त बिमारियों का सामना समाज को करना पड़ रहा है ।

वहीं दूसरी ओर समाज में युवावर्ग का चारित्रिक पतन होते देख तथा देश भर में वृद्धाश्रमों की माँग बढ़ते देख हिन्दू संत बापू आसारामजी ने 2006 से एक अनूठी मुहिम की तरफ युवावर्ग को आकर्षित किया। जो है #14 फरवरी_मातृ_पितृ_पूजन_दिवस 
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जिसका देश- विदेश की सभी सम्मानीय एवं प्रतिष्ठित हस्तियों ने स्वागत किया। और देश-विदेश में पिछले 11 वर्षों से 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे की जगह #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाना शुरू किया गया।

जब इस विषय को लेकर सोशल साइट पर देखा गया तो देखने को मिला कि बापू आसारामजी के अनुयायियों ने जनवरी से ही 14 फरवरी #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस निमित्त देश-विदेश में मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम शुरू कर दिया था ।

ऐसे ही लगातार 15 दिन से Twitter, Facebook, Instagram, google, Whatsapp आदि पर भी उनके भक्तगण बहुत सक्रिय थे । 

सोशल मीडिया से लेकर ग्राउंड लेवल तक बड़े जोरों से #ParentsWorshipDay मनाया जा रहा है ।

विश्व भर में अमेरिका, दुबई, सऊदी अरब, केनेडा, पाकिस्तान, बर्मा, नेपाल, इटली, लन्दन आदि कई देशों में स्कूल, कॉलेज, जाहिर स्थल, वृद्धाश्रम, समाज सेवी संस्थाओं, घर, परिवार, मोहल्ले आदि में जगह-जगह पर #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाया गया ।


माता-पिता अपने बच्चों सहित अपने-अपने क्षेत्रों में जहाँ-जहाँ ये कार्यक्रम आयोजित किये गए वहाँ वहाँ बड़ी संख्या में पधारे और एक नये उत्साह, एक नए जीवन, नये संस्कारों, एक नयी दिव्य अनुभूति, और एक अनोखे हर्ष के साथ सबके मुखमंडल प्रफुल्लित हो उठे।

सच में जिन्होंने भी इसे मनाया, अपने माता-पिता की पूजा की, अपनी दिव्य संस्कृति को अपनाया उनके जीवन में कुछ नया देखने को जरूर मिला ।

कुछ पाश्चात्य संस्कृति (VALENTINE DAY) मनाने वाले मनचले लोग तर्क-कुतर्क करने लगे कि माता-पिता की पूजा एक ही दिन क्यों ?
उन्हें हमारा जवाब इस तरह का है कि क्या आपने अपने जीवन में दिल से कभी अपने माता-पिता की पूजा की भी या नहीं ? जरा ईमानदारी से अपने दिल पर हाथ रखकर तो कहना ।
और अगर सच्चे ह्रदय से माँ-बाप की पूजा होती तो क्या आप #वैलेंटाइन-डे के इस कचरे को अपनाते ??

आज के कल्चर में वैलेंटाइन डे मनाने वाले आगे जाकर लड़कियों के चक्कर में क्या-क्या कर बैठते हैं ये दुनिया जानती है । फिर समाज में और घर-परिवार में मुँह दिखाने लायक नहीं रहते । फिर या तो घर से भाग जाते हैं या तो आत्महत्या के विचार कर बैठते हैं और इसको अंजाम देते हैं ।

कुछ समय पूर्व ही कई अखबारों में पढ़ने को मिला कि जवान लड़के-लड़कियाँ नदी में कूदकर अथवा ट्रेन से कूदकर जान दे बैठे।

क्या यही है आज का
#VELANTINE_DAY....???

अनादिकाल से भारत के महान संत ही समाज की रक्षा करते आये हैं । समाज को संवारने का दैवीकार्य महान ब्रह्मवेत्ता तत्वज्ञ संतों द्वारा ही होता आया है ।

और जब-जब समाज कुकर्म और पाप की गहरी खाई में गर्क हो रहा होता है, अधर्म बढ़ रहा होता है तो किसी न किसी महापुरुष को परमात्मा (ईश्वर) धरती पर प्रकटाते हैं या स्वयं भगवान् धरती पर अवतार लेते हैं और इस दिशाहीन समाज को एक नयी दिशा देकर, समाज को सुसंस्कारित कर, समाज में धर्म की स्थापना करते हैं जैसा कि भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है।

 महापुरुषों की गाथा सुज्ञ समाज अनंत काल तक गाता रहता है । ऐसे ही कई #महापुरुष जैसे संत कबीर, गुरु नानक जी, संत तुलसीदास जी, संत लीलाशाह जी महाराज, संत तुकाराम जी, संत ज्ञानेश्वर जी, स्वामी विवेकानंद जी, स्वामी अखंडानन्द जी आदि महान सन्तों का यश आज भी जीवित है ।
करोड़ो-अरबों लोग धरती पर आते हैं यूँ ही चले जाते हैं लेकिन किसी का नाम सुना नहीं लेकिन संतों का नाम,आदर,पूजन व यश सभी के हृदयों में अंकित है ।

ऐसे ही संत आज इस धरा पर हैं लेकिन बहिर्मुख व कृतघ्न समाज को दिखता कहाँ है!
 कहाँ पहचान पाते हैं हम उन संतों को!!

गुरुनानक जैसे महान संतों को जेल डलवा दिया जाता है ।  दो बार तो गुरुनानक जी को भी जेल जाना पड़ा । संत कबीरजी जैसों को वेश्याओं द्वारा बदनाम करवाया जाता है । स्वामी नित्यानंद जी के ऊपर यौन शोषण का आरोप लगाया गया था । लेकिन उनकी पूजा आज भी होती है क्योंकि
"धर्म की जय और अधर्म का नाश" ये प्राकृतिक सिद्धांत है ।

आज समाज को एक अद्भुत प्यारा सा पर्व देकर हिन्दू संत आसारामजी बापू ने सभी के दिलों में राज किया है । सबको प्रेम दिया है । सभी को सन्मार्ग पर ले चलने का बड़ा महान कार्य किया है ।

कई समाज के बुद्धिजीवी तो संत आसारामजी बापू के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन भारत में ही विदेशी षड़यंत्र द्वारा ( क्रिश्चयन मिशनरीज, विदेशी कंपनियों के मुआवजे से ) उन्हें जेल भिजवा दिया जाता है और समाज देखता रहता है ।

गौरतलब है कि संत आसारामजी बापू 40 महीनों से जेल में है लेकिन उनके करोड़ो भक्त अभी तक उनसे जुड़े हैं । 

क्या ये उन महान संत की निर्दोषता का प्रमाण नहीं..??

क्या किसी बलात्कारी के पीछे करोड़ों का जन-समूह हो सकता है..??

आज का मानव बिना चमत्कार के किसी को नमस्कार नहीं करता वहीं इनके करोड़ों अनुयायी आज भी इनके लिए पलकें बिछाये बैठे हैं ।

बिना सत्य के बल के कोई करोड़ों के जनसमूह को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर सकता इतना तो हर समझदार इंसान समझ सकता है ।

लेकिन कई मुर्ख लोग मीडिया की बातों में आकर अपने ही संतों पर लांछन लगाने से पीछे नहीं हटते..!!

अगर मीडिया इतनी ही निष्पक्ष है तो क्यों संत आसारामजी बापू द्वारा किये गए और किये जा रहे समाज सेवा के कार्यों को क्यों छुपा रही है ??


हर सिक्के के दो पहलू होते हैं मीडिया ने कहा बापू रेपिस्ट आपने मान लिया पर कभी आपने ये जानने का प्रयास किया कि उन पर आज तक एक भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है । पर न्यायालय से उनको जमानत तक नही मिल पा रही है। न उनकी उम्र का लिहाज किया जा रहा है और न उनके द्वारा हुए और हो रहे समाज उत्थान के सेवाकार्यों को दृष्टिगोचर किया जा रहा है ।

 एक ओर 80 वर्षीय वरिष्ठ संत बापू आसारामजी को जमानत का भी अधिकार नहीं दूसरी ओर ऐसे ही कई केस हमारे सामने हैं जिनमें सबूत मिलने पर भी वो मजे से बाहर घूम रहे हैं ।
जैसे तरुण तेजपाल आदि आदि।

क्या न्याय पालिका की नजर में हिन्दू संत होना ही गुनाह है..??

क्योंकि यही एक गुनाह है जो संत आसारामजी बापू द्वारा हुआ है ।

#ShameOnSystem

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Tuesday, February 14, 2017

सोशल मीडिया पर लाखों लोगों का एक ही नारा विदेशी वेलेंटाइन डे नहीं चाहिए

ग्राउंड लेवल के साथ-साथ सोशल मीडिया में भी धूम मची #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस की..!!

14 फरवरी आने से पूर्व ही विदेशी कम्पनियां अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए मीडिया आदि द्वारा वेलेंटाइन डे का खूब प्रचार करवाती है ।

लेकिन अब जनता चौकन्नी हो गई है, 14 फरवरी को लाखों-करोड़ो लोग वेलेंटाइन डे की जगह #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मना रहे हैं और उन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर रहे है ।
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इन सब को देखते हुए वर्ल्ड न्यूज बीबीसी ने भी कवरेज करके लिखा है कि वेलेंटाइन डे को हटाकर उसकी जगह #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाने का प्रचार करने वाली साइटें युवकों को मानो संदेश दे रही हैं कि बेटा, गुलाब माताजी के पूज्य चरणों में अर्पित कर दो, गर्लफ्रेंड के चक्कर में न पड़ो क्योंकि 'महान राष्ट्र भारत की युवा पीढ़ी में वासना का जहर भरने की विदेशी साजिश है उससे सावधान रहे!'

ये सच है कि वेलेंटाइन डे भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है, ये भी सच है कि वेलेंटाइंस डे के पीछे बाजार की ताकत है ।

वेलेंटाइन डे का विरोध करने वाले लोग ये मानते हुए दिखते हैं कि भारत की सभी समस्याओं का समाधान हिंदू धर्म की जड़ों में छिपा है, भारत जब पूरी तरह हिंदू हो जाएगा तो फिर से महान हो जाएगा, इसके लिए सतयुग की तरफ देश को लौटाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए ।

वेलेंटाइन डे के मामले में बजरंग दल के बल को खास कामयाबी नहीं मिलती देख, सोशल मीडिया के इस दौर में वैकल्पिक सांस्कृतिक धारा बहाने वाले लोग एक सूत्र में जुड़े हुए हैं ।

यह आइडिया कारागृह में बंद संत आसारामजी बापू का है, उन्होंने #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस की पूरी विधि, मंत्र, पूजन सामग्री, आरती और महात्म्य सब बताया है । इस पर्व की शुरुआत संत आसारामजी बापू ने 2006 से की है ।

हिन्दू संत आसारामजी बापू का ये आइडिया दो साल पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को बहुत पसंद आया, उन्हें मालूम था कि उनके शिखर पुरुषों को भी पसंद आएगा, इस तरह #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस राज्य में सरकार प्रायोजित कार्यक्रम बन गया ।

बिना सबूत 40 महीने से संत आसारामजी बापू जेल में बंद है लेकिन #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस का आयोजन लगातार जारी है, अगर आप गूगल सर्च करें तो आपको संत आसारामजी बापू द्वारा प्रेरित #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के समर्थन में बाबा रामदेव, राजनाथ सिंह, गोविंद, योगी आदित्यनाथ, रमण सिंह, राजस्थान सरकार के कई मंत्रियों के वीडियो मिल जाएंगे जो 14 फरवरी की इस नवजात परंपरा को उत्साहपूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं । (बीबीसी - http://bbc.in/2kEL21y)

आज ट्वीटर पर भी एक टॉप में ट्रेंड चल रहा था #HappyParentsWorshipDay हैशटैग के साथ
जिसके द्वारा आज लोखों लोगों की ट्वीटस देखने को मिली।

आइए देखते हैं कुछ ट्विटर यूजर्स के विचार...

मातृ_पितृ_पूजन_दिवस (MPPD) के एक विशेष हैंडल द्वारा ट्वीट की गई है कि...
#Valentine Day के नाम पर युवापीढ़ी का पतन हो ऐसे दिन को त्याग,भारतवासी ऋषियों की संतान #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाएं। #HappyParentsWorshipDay https://t.co/IcYZ07KCNn


दिनेशजी का कहना है कि..
वेलेंटाइन मनाना मतलब 1 दिन के लिए हिन्दू धर्म छोड़ना!
#HappyParentsWorshipDay ही मनाये।


ममता लिखती है कि हमें आसारामजी बापू के कहे अनुसार मनाना है 14 फरवरी को माता पिता पूजन दिवस ।

आशुतोष ने लिखा है कि संत आसारामजी बापू की पावन प्रेरणा से हम युवा #HappyParentsWorshipDay मनाकर भौतिकवादी मूल्यों से हट कर सामाजिक मूल्यों की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

कोमल ने लिखा कि भारत का भविष्य उज्ज्वल करना है, मातृ-पितृ-पूजन दिवस धूमधाम से मनाना है !


दीपक गंभीर लिखते हैं कि भौतिकवादी मूल्यों से हटकर सामाजिक मूल्यों की ओर बढ़ते कदम #HappyParentsWorshipDay
Asaram Bapu Ji की पावन प्रेरणा को विश्वस्तर पर अपनाया गया। 

नीलेश मकवाना का कहना है कि प्रेम-दिवस जरूर मनायें लेकिन प्रेम-दिवस से संयम व सच्चा विकास हो, जो माता-पिता के आदर से ही संभव है #HappyParentsWorshipDay



इस तरह से भारत के साथ-साथ विदेश से भी हजारों लोग बापू आसारामजी द्वारा प्रेरित #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस का समर्थन कर रहे थे ।

आओ हम भी अपनी संस्कृति अपनाएं ।
इस बार वैलेंटाइन डे नहीं #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाएं ।

Monday, February 13, 2017

आखिर क्यों कई देश ‘वेलेंटाइन डे’ पर प्रतिबन्ध लगा रहे हैं..??

🚩आखिर क्यों कई देश ‘वेलेंटाइन डे’ पर प्रतिबन्ध लगा रहे हैं..??

🚩आज समाज में प्रेम-दिवस ( #वेलेन्टाइन डे) के नाम पर जो विनाशकारी कामविकार का विकास हो रहा है, वो आगे चलकर चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, खोखलापन, बुढ़ापा और जल्द मौत लाने वाला साबित होगा।

🚩वर्तमान में भारत में भी पाश्चात्य कल्चर का #अंधानुकरण करनेवाले लोग वेलेंटाइन डे को पूरे एक #सप्ताह तक मनाने लगे हैं ।

🚩वेलेंटाइन डे जैसी कुप्रथाओं की ही वजह से आज भारत जैसे आध्यात्मिक देश में भी कई लोग #निर्लज्जता, #अश्लीलता, #स्वच्छंदता को #फैशन मानने लगे हैं ।
Why-Many-countries-are-banning-Valentines-Day

🚩वेलेंटाइन डे नाम की यह #दुराचार की महामारी प्रतिवर्ष तेजी से बढ़ती जा रही है । इसके पीछे एक बड़ा कारण है इसका बाजारीकरण ।
🚩‘#वाणिज्य एवं #उद्योग मंडल’ के एक #सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2015 में वेलेंटाइन डे से जुड़े सप्ताह के दौरान #फूल, #चॉकलेट आदि विभिन्न उपहारों की बिक्री का कारोबार करीब 22,000 करोड़ रुपये तक पहुँच जाने का अनुमान था ।'

🚩वर्ष 2013 एवं 2014 में क्रमशः 15,000व 16,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ ।

🚩वस्तुतः वेलेंटाइन डे बाजारीकरण और पाशविक वासनापूर्ति को बढ़ावा देनेवाला दिन है । स्वार्थी तत्त्वों द्वारा इसे बढ़ावा देकर बाल व युवा पीढ़ी को तबाही की ओर धकेला जा रहा है ।

🚩फूल, चॉकलेट और उपहारों के अलावा गर्भ-निरोधक साधन और दवाइयाँ ब्ल्यू फिल्म एवं अश्लील पुस्तकें यानि पॉर्नोग्राफी, उत्तेजक पॉप म्यूजिक, वायग्रा जैसी कामोत्तेजक दवाइयाँ तथा एड्स जैसे यौन-संक्रमित रोगों की दवाइयाँ बनानेवाली विदेशी कम्पनियाँ अपने आर्थिक लाभ हेतु समाज को चरित्रभ्रष्ट करने के लिए करोड़ों-अरबों रुपये खर्च कर रही हैं, जिनके शिकार सम्पूर्ण विश्व के लोग हो रहे हैं ।

🚩वेलेंटाइन डे के द्वारा वे बाल व युवा पीढ़ी के नैतिक, चारित्रिक एवं #सांस्कृतिक मूल्यों को नष्ट करके धन कमाना चाहती हैं ।

🚩वेलेंटाइन डे का दुष्प्रभाव देखते हुए
13 फरवरी 2017 को पाकिस्तान की इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शौकत अजीज नेे एक केस की सुनवाई के दौरान यह फैसला लिया है कि देश में वैलेंटाइन डे नहीं मनाया जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि कोई भी प्रिंट या इलेक्ट्रोनिक मीडिया वैलेंटाइन डे का प्रचार नहीं करेगा।

🚩एक रिपोर्ट के अनुसार कई विकसित देश #यौन रोगियों, अविवाहित #गर्भवती #किशोरियों, #वृद्धाश्रमों तथा बेघर कर दिये गये वृद्ध मात-पिताओं की बढ़ती संख्या जैसी समस्याओं से ग्रसे जा रहे हैं #अमेरिका में तो #किशोर- #किशोरियों में यौन उच्छृंखलता के चलते प्रतिवर्ष लगभग 6 लाख किशोरियाँ गर्भवती हो जाती हैं ।

🚩वर्ष 2013 में #अमेरिका में 15 से 19 साल की किशोरियों ने 2,73,000 शिशुओं को जन्म दिया । अब यह गन्दगी भारत में भी तेजी से फैल रही है।

🚩कैलिफोर्निया (अमेरिका) के ‘सुसाइड प्रिवेन्शन सर्विस ऑफ द सेंट्रल कोस्ट’ की डायरेक्टर डायैन ब्राइस पिछले 23 सालों से एक ट्रेंड की साक्षी रही हैं, जिसमें वे बताती हैं कि ‘#वेलेंटाइन डे सबसे अधिक आत्महत्याओं की दर वाले समय की शुरुआत अंकित करता है ।’ 

🚩वेलेंटाइन डे की आड़ में #प्यार के झाँसे में फँसाकर धोखाधड़ी करनेवालों का कारोबार भी जोरों पर रहता है । #लंदन पुलिस (यू.के.) की ‘#नैश्नल फ्रौड इन्टेलिजेंस ब्यूरो’ के आँकड़े बताते हैं कि ‘वर्ष 2014 में #ब्रिटिश जनता ने अपने करीब 34 मिलियन पाउंड प्यार के नाम पर ठगी करनेवालों पर खो दिये ।’ यह #आँकड़ा 2013 के मुकाबले 33% और बढ़ा हुआ है । इस ‘रोमांस घोटाले’ के शिकार हुए लोगों में से आधे से ज्यादा के जीवन में भौतिक और वित्तीय कुशलता को लेकर गम्भीर भावनात्मक असर पड़ा है ।

🚩इन सबको देखते हुए #अमेरिका के 33% #स्कूलों में यौन शिक्षा के अंतर्गत 'केवल संयम' की शिक्षा दी जाती है। इसके लिए अमेरिका ने 40 करोड़ से अधिक डॉलर (20 अरब रूपये) खर्च किये हैं।

🚩थाईलैंड की रिपोर्ट अनुसार 15 से 19 साल की लड़कियां 1हजार में से 50 लड़कियां मां बन जाती हैं।
और 10 से 19 साल के युवाओं में यौन संबंधी रोग पांच गुना तक बढ़ गए हैं। थाईलैंड में करीब चार लाख 50 हजार लोग HIV रोग से पीड़ित हैं ।

🚩जापान में युवाओं को वेलेंटाइन डे से दूर रहने की सलाह दी गयी है तथा #दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र में सबसे ज्यादा टीनेज #प्रेग्नेंसी वाले देश थाईलैंड में प्रशासन द्वारा एड्स और टीनेज प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए युवाओं को 14फरवरी को #मंदिरों में जाने की सलाह दी गयी ।

🚩विश्व के कई देशों ने अपनी युवा पीढ़ी को वेलेंटाइन डे की गंदगी से बचाने के लिए कठोर कदम उठाये हैं । 

🚩गत वर्षों में #मलेशिया, #ईरान, #सउदी अरब, #इंडोनेशिया, रूस के बेल्गोरोद राज्य आदि में वेलेंटाइन डे पर प्रतिबंध लगाया गया था ।

🚩भारत में अपनी #संस्कृति से विमुख होकर पाश्चत्य सभ्यता का अंधानुकरण करके #चरित्रहीन होती अपनी युवापीढ़ी को देख हिन्दू संत बापू आसारामजी ने 2006 से 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन का विश्वव्यापी अभियान चलाया, जो #विश्वभर में अत्यधिक लोकप्रिय और कारागर साबित हुआ। बापूजी के करोड़ो अनुयायी देश भर में 14 फरवरी निमित्त जगह-जगह पर मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाकर अपनी संस्कृति की गरिमा से विश्वमानव को परिचित करा रहे हैं ।


🚩इसके लिए वे लोग बीच बीच में अलग-अलग हैशटैग द्वारा टॉप #ट्रेंड बना रहे है  आज भी ट्विटर पर उनका ट्रेंड चल रहा है इस हैशटैग के साथ। #Tomorrow_ParentsWorshipDay

🚩गौरतलब है कि संत #आशारामजी बापू की यह पहल सोशल मीडिया और आम जनता में बहुचर्चित है । सोशल मीडिया की गतिविधियाँ देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बापू के जेल जाने के बाद माता-पिता पूजन की इस पहल की लोकप्रियता और भी बढ़ गयी है ।

🚩उदाहरणत: बापूजी की गिरफ्तारी के ही कुछ महीनों बाद बीबीसी वर्ल्ड ने इस विषय पर ट्विटर हैश टैग छेड़ा और प्रमोशनल विडियो रिलीज किया था ।
वर्ष 2015 में भी इस पर्व का उल्लेख बीबीसी की वेबसाइट पर मिलता है ।

🚩अन्य अनेक क्षेत्रिय एवं राष्ट्रीय टीवी, अखबारों  में बड़े स्तर पर स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर इस कार्यक्रम के आयोजन की खबरें भी देखने, पढ़ने में आयी हैं ।

🚩14 फरवरी के दिन देश-विदेश के बच्चे-बच्चियाँ माता-पिता को तिलक करें, पुष्पों की माला पहनाएं। प्रणाम करें, प्रदीक्षणा करें, आरती करें एवं मिठाई खिलाएं तथा माता-पिता अपनी संतानों को प्रेम करें। संतान अपने माता-पिता के गले लगे। इससे वास्तविक प्रेम का विकास होगा। 

🚩भारतवासी सावधान हो और वैलेंटाइन डे जैसी कुरीति से अपने को बचाते हुए अपनी पवित्र संस्कृति का अनुसरण करते हुए माता-पिता की पूजा कर उनका शुभ आशीष पाकर अपना जीवन धन्य करें।


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Sunday, February 12, 2017

Know the Real History Behind Valentine's Day

कहाँ से आया वेलेंटाइन-डे और इसे क्यों मनाया जा रहा है! जानिए इतिहास..!!


वेलेंटाइन डे कहाँ से और कैसे शुरू हुआ इसका एक ऐसा आश्चर्यचकित इतिहास स्वर्गीय श्री #राजीव_दीक्षित जी ने विस्तृत रूप से बताया है जो आपको चकित कर देगा...!!!


आइये जानते हैं क्या बता रहे हैं श्री राजीव दीक्षित जी.!!
कहाँ से आया वेलेंटाइन-डे और इसे क्यों मनाया जा रहा है! जानिए इतिहास..!!



श्री राजीव दीक्षित ने बताया है कि #यूरोप और #अमेरिका का #समाज जो है वो रखैलों (Kept) में विश्वास करता है पत्नियों में नहीं। यूरोप और अमेरिका में आपको शायद ही ऐसा कोई #पुरुष या #महिला मिले जिसकी एक ही #शादी हुई हो, ये एक दो नहीं हजारों साल की उनकी परम्परा है ।


आपने एक शब्द सुना होगा "#Live in Relationship इसका मतलब होता है कि कुछ समय तक "बिना शादी के पति-पत्नी की तरह  रहना" ।


यूरोप और अमेरिका में ये परंपरा आज भी चलती है। खुद प्लेटो (एक यूरोपीय दार्शनिक) का एक #स्त्री से सम्बन्ध नहीं रहा, #प्लेटो ने लिखा है कि "मेरा 20-22 स्त्रियोँ से सम्बन्ध रहा है" अरस्तु भी यही कहते है, और #रूसों ने तो अपनी आत्मकथा में लिखा है कि "एक
स्त्री के साथ रहना, ये तो कभी संभव ही नहीं हो सकता, It's Highly Impossible" ।


इन सभी महान दार्शनिकों का तो कहना है कि "स्त्री में तो #आत्मा ही नहीं होती। स्त्री तो मेज और कुर्सी के समान हैं, जब पुराने से मन भर गया तो पुराना हटा के नया ले आये "।


बीच-बीच में यूरोप में कुछ-कुछ ऐसे लोग निकले जिन्होंने इन बातों का विरोध किया और इन रहन-सहन की व्यवस्थाओं पर कड़ी टिप्पणी की । उन कुछ लोगों में से एक ऐसे ही #यूरोपियन #व्यक्ति थे जो आज से लगभग 1500 साल पहले पैदा हुए, उनका नाम था - #वेलेंटाइन । ये कहानी है 478 AD (after death) की, यानि ईसा की मृत्यु के बाद ।


उस वेलेंटाइन नाम के महापुरुष का कहना था कि "हम लोग (यूरोप के लोग) जो शारीरिक सम्बन्ध रखते हैं जानवरों की तरह, ये अच्छा नहीं है, इससे यौन संबंधी रोग  (Venereal Disease) होते हैं, इनको सुधारो, एक पति-पत्नी के साथ रहो, #विवाह कर के रहो।" वो वेलेंटाइन महाशय रोम में घूम-घूम कर यही भाषण दिया करते थे।


संयोग से वो एक चर्च के पादरी हो गए तो चर्च में आने वाले हर व्यक्ति को वो यही शिक्षा देते थे।कुछ लोगों ने उनसे पूछा कि ये वायरस आप में कहाँ से घुस गया? ये तो हमारे यूरोप में कहीं नहीं है।


तो वो कहते थे कि "आजकल मैं भारतीय संस्कृति और दर्शन का अध्ययन कर रहा हूँ, और मुझे लगता है कि वो उत्तम है, और इसलिए मैं चाहता हूँ कि आप लोग इसे मानो।
तो जो लोग उनकी बात मानते थे, उनकी #शादियाँ वो #चर्च में कराते थे। ऐसी एक-दो नहीं उन्होंने #सैकड़ों शादियाँ करवाई थी ।


जिस समय वेलेंटाइन हुए, उस समय #रोम का #राजा था #क्लौड़ीयस। जो बड़ा क्रूर था ।
क्लौड़ीयस ने कहा कि "ये जो आदमी है-वेलेंटाइन, ये हमारे यूरोप की परंपरा को बिगाड़ रहा है, हम बिना शादी के रहने वाले लोग हैं, #मौज-मजे में डूबे रहने वाले लोग हैं, और ये शादियाँ करवाता फिर रहा है, ये तो अपसंस्कृति फैला रहा है, हमारी #संस्कृति को नष्ट कर रहा है"।


इसलिए क्लौड़ीयस के आदेश पर वेलेंटाइन को #14 फरवरी #498 ई.वी. को #फाँसी दे दी गई। उसका आरोप क्या था कि वो बच्चों की शादियाँ कराता था। मतलब यूरोप में शादी करना जुर्म था ।


तो जिन बच्चों ने वेलेंटाइन के कहने पर शादी की थी वो बहुत #दुखी हुए और उन सब ने उस वेलेंटाइन की दुःखद याद में 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाना शुरू किया तो उस दिन से यूरोप में वेलेंटाइन डे मनाया जाता है ।


तो ये था वेलेंटाइन-डे का इतिहास और इसके पीछे का आधार ।


अब यही वेलेंटाइन-डे भारत में जब अंग्रेज आये तब वो लोग मनाते थे तो भारत के कुछ अंग्रेज के चाटुकार, मूर्ख और लालची लोग भी मनाने लगे ।


भारत में अंग्रेज वेलेंटाइन डे इसलिए मना रहे थे कि भारत के लोगों का नैतिक पतन हो जिससे वो अंग्रेजो के सामने लड़ ही न सके और लंबे समय तक भारत गुलाम बना रहे ।


फिर अंग्रेज तो गये लेकिन विदेशी कम्पनियां ने सोचा कि हम अगर भारत में वेलेंटाइन डे को बढ़ावा देते हैं तो हमें अरबों खबरों का फायदा होगा तो उन्होंने टीवी, अखबार आदि में खूब-प्रचार प्रसार किया जिससे उन्होंने महंगे ग्रीटिंग कार्ड, गिफ्ट, फूल चॉकलेट आदि से कई करोड़ो रुपए कमाएं। इसके इलावा ब्ल्यू फिल्म, गर्भ निरोधक साधन, पोनोग्राफी, उतेजक पोप म्यूजिक जैसी काम उतेजक दवाइयां बनाने वाली विदेशी कम्पनियां अपने आर्थिक लाभ हेतु समाज को चरित्रभ्रष्ट करने के लिए करोड़ों अरबों रूपये खर्च कर रही है।


वाणिज्य एवम उद्योग मंडल (एसोचैमके ) के एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2016 में वेलेन्टाइन डे से जुड़े सप्ताह के दौरान फूल, चॉकलेट, आदि विभिन्न उपहारों की बिक्री का कारोबार 22,000 करोड़ रूपये था । इस बार 30,000 करोड़ रूपये का कारोबार होने का अनुमान है । वस्तुत: वेलेन्टाइन डे के विदेशी बाजारीकरण वासनापूर्ति को बढ़ावा देने वाला दिन है ।


अब ये #वेलेंटाइन डे हमारे स्कूलों में कॉलजों में बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है और हमारे यहाँ के #लड़के-लड़कियाँ बिना सोचे-समझे एक दूसरे को वेलेंटाइन डे का कार्ड, गिफ्ट फूल दे रहे हैं।


इन सब विदेशी गन्दगी को देखते हुए हिन्दू संत बापू आसारामजी ने 2006 में 14 फरवरी को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मनाना शुरू किया जिसका अभी व्यापक प्रचार हो रहा है। भारत में उनके करोड़ो अनुयायी, हिन्दू संगठन और छत्तीसगढ़ सरकार आदि गांव-गांव, नगर-नगर में इस दिन को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मना रहे है । विदेशों में भी उनके अनुयायी इस दिन को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मना रहे हैं ।


हिन्दू संत बापू आसारामजी का कहना है कि 14 फरवरी को पश्चिमी देशों की नकल कर भारत के युवक युवतियाँ एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्डस, फूल आदि देकर वेलेन्टाइन डे मनाते हैं। इस विनाशकारी डे के नाम पर कामविकार का विकास हो रहा है, जो आगे चलकर चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, खोखलापन,जल्दी बुढ़ापा और जल्दी मौत लाने वाला साबित होगा ।
हजारों हजारों युवक-युवतियां तबाही के रास्ते जा रहे हैं । वेलेन्टाइन डे के बहाने आई लव यू करते करते लड़का-लड़की एक दूसरे को छुएंगे तो रज-वीर्य का नाश होगा । आने वाली संतति पर भी इसका बुरा असर पड़ता है और वर्तमान में वे बच्चे-बच्चियां भी तबाही के रास्ते हैं । लाखों लाखों माता-पिताओं के हृदय की पीड़ा को देखते हुए तथा बच्चे बच्चियों को इस विदेशी गंदगी से बचाकर भारतीय संस्कृति की सुगंध से बच्चे-बच्चियों को सुसज्जित करना है । प्रेम दिवस जरूर मनायें लेकिन प्रेमदिवस में संयम और सच्चा विकास लाना चाहिए। युवक युवती मिलेंगे तो विनाश-दिवस बनेगा।


इस दिन बच्चे-बच्चियाँ माता-पिता का पूजन करें और उनके सिर पर पुष्ष रखें,प्रणाम करें तथा माता-पिता अपनी संतानों को प्रेम करें। संतान अपने माता-पिता के गले लगे। इससे वास्तविक प्रेम का विकास होगा।


तुम भारत के लाल और भारत की लालियाँ (बेटियाँ) हो। प्रेमदिवस मनाओ, अपने माता-पिता का सम्मान करो और माता-पिता बच्चों को स्नेह करें। ! पाश्चात्य लोग विनाश की ओर जा रहे हैं। वे लोग ऐसे दिवस मनाकर यौन रोगों का घर बन रहे हैं, अशांति की आग में तप रहे हैं। उनकी नकल भारत के बच्चे-बच्चियां न करें ।


आपको बता दें कि बापू आसारामजी ने इस तरीके से करोड़ो लोगो को वेलेंटाइन डे आदि विदेशी प्रथाओं से, व्यसन आदि से बचाया है जिसके कारण विदेशी कंपनियों का अरबों रुपये का घाटा हुआ है।


हमारे शास्त्रों में माता-पिता को देवतुल्य माना गया है और इस संसार में अगर कोई हमें निस्वार्थ और सच्चा प्रेम कर सकता है तो वो हमारे माता-पिता ही हो सकते है।


तो क्यों न हम संत #आसाराम जी बापू प्रेरित #14 फरवरी_मातृ_पितृ_पूजन जैसे सच्चे प्रेम का सम्मान करें ।


आओ एक नयी दिशा की ओर कदम बढ़ाएं।
आओ एक सच्ची दिशा की ओर कदम बढ़ाएं।
14 फरवरी को वेलेंटाइन डे नही माता-पिता की पूजा करके उनका शुभ आशीष पाएं।