Tuesday, April 18, 2017

भारत में 30,000 से ज्यादा अवैद्य बूचड़खाने,1,707 ही वैध : आरटीआई

🚩भारत में 30,000 से ज्यादा अवैद्य बूचड़खाने,1,707 ही वैध : आरटीआई

🚩उत्तरप्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में अवैध #बूचड़खानों के विरुद्ध मुहिम शुरू किए जाने के बीच आरटीआई से पता चला है कि, देश में केवल 1707 बूचड़खाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत #पंजीकृत हैं। 
azaad bharat ,Illegal slaughterhouses

🚩सबसे ज्यादा पंजीकृत बूचड़खाने वाले राज्यों में क्रमश: तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शीर्ष तीन स्थानों पर हैं, जबकि अरुणाचल प्रदेश और चंडीगढ़ समेत आठ राज्यों में एक भी बूचड़खाना पंजीकृत नहीं है। 

🚩मध्यप्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि, भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (#एफएसएसएआई) ने उन्हें ये आंकड़े फूड अनुज्ञाप‍त्रिंग एंड रजिस्ट्रेशन सिस्टम के जरिये उपलब्ध जानकारी के आधार पर प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे सूचना के अधिकार ( आरटीआई) के तहत मुहैया कराए गए इन आंकड़ों की रोशनी में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में कितनी बड़ी तादाद में अवैध बूचड़खाने चल रहे हैं।’

🚩गौड़ की #आरटीआई अर्जी पर भेजे जवाब में एफएसएसएआई के एक अधिकारी ने बताया कि, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, दादरा व नगर हवेली, दमन व दीव, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में एक भी बूचड़खाना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत नहीं है। आरटीआई से मिली जानकारी यह चौंकाने वाला खुलासा भी करती है कि, आठों राज्यों में ऐसा एक भी बूचड़खाना नहीं है, जिसने केंद्रीय या राज्यस्तरीय अनुज्ञाप‍त्र ले रखा हो।

🚩एफएसएसएआई ने #आरटीआई के तहत बताया कि, तमिलनाडु में 425, मध्यप्रदेश में 262 और महाराष्ट्र में 249 बूचड़खाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत हैं। यानी देश के कुल 55 प्रतिशत पंजीकृत बूचड़खाने इन्हीं तीन राज्यों में चल रहे हैं। उत्तरप्रदेश में 58 बूचड़खाने पंजीकृत हैं, जहां अवैध #पशुवधशालाओं के विरुद्ध नवगठित योगी आदित्यनाथ सरकार की कार्रवाई चर्चा में है।

🚩आंध्रप्रदेश में 1, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 9, असम में 51, बिहार में 5, छत्तीसगढ़ में 111, देहली में 14, गोवा में 4, गुजरात में 4, हरियाणा में 18, हिमाचल प्रदेश में 82, जम्मू-कश्मीर में 23, झारखंड में 11, कर्नाटक में 30, केरल में 50, लक्षद्वीप में 65, मणिपुर में 4 और मेघालय में 1 बूचड़खाने को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत किया गया है।

🚩ओडिशा में 5, पुडुचेरी में 2, पंजाब में 112, राजस्थान में 84, उत्तराखंड में 22 और पश्चिम बंगाल में पांच #बूचड़खाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत हैं। एफएसएसएआई ने आरटीआई के तहत यह भी बताया कि, देश भर में 162  बूचड़खानों को प्रदेशस्तरीय अनुज्ञाप‍त्र मिले हैं, जबकि 117 #पशुवधशालाओं को #केंद्रीय अनुज्ञाप‍त्र प्राप्त हैं।

🚩इस बीच, पशुहितैषी संगठन पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट आॅफ #एनिमल्स (पेटा) इंडिया की विज्ञप्ति में मोटे आकलन के हवाले से कहा गया है कि, देश में अवैध या गैर अनुज्ञाप‍त्र वाले बूचड़खानों की संख्या 30,000 से ज्यादा है। हालांकि, कई #अनुज्ञाप‍त्र प्राप्त बूचड़खानों में भी पशुओं को बेहद क्रूरतापूर्वक मारा जाता है। पेटा इंडिया ने सभी #राज्यों और #केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि, वे ऐसी पशुवधशालाओं को बंद कराएं जिनके पास उपयुक्त प्राधिकरणों के अनुज्ञाप‍त्र नहीं है और जो कानून द्वारा निषिद्ध तरीकों का उपयोग करती हैं।

🚩अब एक सवाल उठता है कि पहले की सरकार तो निर्दोष #पशु और गौ-हत्या करने में मानती थी पर वर्तमान सरकार जो गौ-हत्या बन्द करवाने और #हिंदुत्ववादी के नाम से चुनकर आई है । फिर भी इतने अवैद्य कत्लखानें क्यो चालू?

🚩वर्तमान #सरकार आने के बाद पहला बजट पास किया गया जिसमें कत्लखाने खोलने के लिए 15 करोड़ सब्सिडी प्रदान की जाती है ।

🚩2014 में  4.8 अरब #डॉलर का बीफ एक्सपोर्ट हुआ था । 2015 में भी भारत, 2.4 मिलियन टन बीफ एक्सपोर्ट कर दुनिया में नंबर वन बन गया। 

🚩#भारत में प्रतिदिन लगभग 50 हजार से अधिक गायें बड़ी बेरहमी से काटी जा रही हैं । 1947 में गोवंश की जहाँ 60 नस्लें थी,वहीं आज उनकी संख्या घटकर 33 ही रह गयी है । हमारी #अर्थव्यवस्था का आधार गाय है और जब तक यह बात हमारी समझ में नहीं आयेगी तबतक भारत की गरीबी मिटनेवाली नहीं है । गोमांस विक्रय जैसे जघन्य पाप के द्वारा दरिद्रता हटेगी नहीं बल्कि बढ़ती चली जायेगी । 

🚩गौवध को रोकें और गोपालन कर #गोमूत्ररूपी विषरहित कीटनाशक तथा गौ दुग्ध का प्रयोग करें । गोवंश का संवर्धन कर देश को मजबूत करें । 
🚩गौमाता हमारे लिए कितनी उपयोगी है। लिंक पर पढ़े

🚩देश का दुर्भाग्य है कि #कसाईघरों के आधुनिकीकरण पर #हजारों #करोड़ खर्च किये जा रहे हैं, मगर गायों के संरक्षण के वास्ते सरकार के खजाने में पैसे नहीं हैं।

🚩अभी जनता की एक ही मांग है कि सरकार जल्द से जल्द #कत्लखानों को बंद करके #गौ-शालाओं में #बजट को निवेश करें जिससे हमारी पवित्र गौ-माता की रक्षा हो और फिर से #भारत #विश्वगुरु पद पर आसीन हो ।

Monday, April 17, 2017

देश- विदेश में मनाया गया बापू आसारामजी का जन्मदिवस एक अनोखे अंदाज में

🚩देश- विदेश में मनाया गया बापू आसारामजी का जन्मदिवस एक अनोखे अंदाज में
🚩आप जानकर हैरान हो जायेंगे कि कैसे संत
आसारामजी बापू के अनुयायी उनका जन्मदिन दिवस (अवतरण दिवस ) मनाते हैं !!
🚩44 महीनों से बिना सबूत जेल में बन्द संत आसारामजी बापू, लेकिन देश-विदेश में फैले उनके अनुयायियों ने उनका अवतरण दिवस बड़ी धूम-धाम से मनाया ।

asaram bapu birthday celebration

🚩किसी का जन्म दिवस होता है तो हम केक काटते हैं । मोमबत्ती जलाते हैं, बड़ी बड़ी पार्टियां करते हैं । लेकिन संत आसारामजी बापू के अनुयायियों ने उनका अवतरण दिन कुछ अनोखे ही अंदाज में मनाया ।
🚩आइये जाने कि कैसे मनाते हैं संत आसारामजी बापू के अनुयायी उनका अवतरण दिवस...
🚩इस दिन देशभर में जगह-जगह पर इनके अनुयायी  विशाल भगवन्नाम संकीर्तन यात्रायें निकालते हैं और वृद्धाश्रमों,अनाथालयों व अस्पतालों में निशुल्क औषधि, फल व मिठाई वितरित करते हैं ।
🚩गरीब व अभावग्रस्त क्षेत्रों में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें वस्त्र,अनाज व जीवन उपयोगी वस्तुएं वितरित की जाती हैं ।
🚩इस दिन विभिन्न स्थानों पर छाछ,पलाश व गुलाब के शरबत के प्याऊ लगाये जाते हैं ।
सत्साहित्य का वितरण,गरीब विद्यार्थियों में नोटबुक व उनकी जरूरियात सामग्री के साथ साथ गौ माता को चारा खिलाना, हवन,जाहिर सत्संग कार्यक्रम आदि किये जाते हैं ।
🚩जब हमने उनके अनुयायियों से ये जानने की कोशिश की कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं ?
🚩तो उन सबका एक ही कहना था कि हमारे गुरूजी संत आसारामजी बापू ने हमें खुद का जन्मदिवस मनाने की हमेशा मनाही की है और कहा है कि अगर आपको मनाना ही है तो "मानव सेवा"करके ही मनाएं क्योंकि मानव सेवा ही महेश्वर सेवा है ।
🚩पब्लिक जो मीडिया दिखाती हैं उसको ही सच मान लेती है । पर सिक्के के दूसरे पहलू पर गौर नहीं करती । अगर कोई संत झूठे आरोप में फंस जाते हैं तो बाकी सब चुप बैठ जाते हैं या मीडिया के अंधे भक्त बनकर उनके विरुद्ध बिना सच्चाई जाने कुछ का कुछ बोलने लगते हैं ।
🚩पर हमने हमारे पाठकों को हमारे हिन्दू संतों के साथ हो रहे अन्याय से कभी अनजान नहीं रखा ।
🚩संत संस्कृति का प्रचार करते हैं, जगह-जगह जाकर प्रवचन के द्वारा लोगों में हिन्दू संस्कृति का ज्ञान देना ये बहुत बड़ा कार्य है जो हिन्दू संतों द्वारा किया जा रहा है इसलिए उन्हें टारगेट किया जा रहा है जिससे हिंदुत्व खत्म किया जा सके । लेकिन हम सबको इसके विरुद्ध आगे आना पड़ेगा, अपने संतों के लिए प्रयास करना पड़ेगा,उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी ।
🚩आज जिस परिस्थिति में 81 वर्षीय हिन्दू संत आसारामजी बापू बिना किसी सबूत के 44 महीनों से जेल में हैं वो अपने आप में बहुत बड़े दुःख का विषय है।
🚩क्या हर हिन्दू का कर्तव्य नहीं बनता कि राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा हिन्दू संतों को जो फंसाकर प्रताड़ित किया जा रहा है उसके विरुद्ध आवाज उठायें।

Sunday, April 16, 2017

करोड़ों अनुयायी मना रहे है बापू आसारामजी का 81वां जन्म दिवस "अवतरण दिवस के रूप में

🚩करोड़ों अनुयायी मना रहे है बापू आसारामजी का 81वां जन्म दिवस "अवतरण दिवस के रूप में !!"

🚩मीडिया ने दिन-रात बापू आसारामजी के खिलाफ समाज को भ्रमित किया , उनकी छवि को धूमिल करने का भरसक प्रयास किया लेकिन उनको मानने वाले करोड़ों अनुयायियों की आज भी अटल श्रद्धा है उनमें । जिसका प्रमाण हम अपने पाठकों को कई बार दे चुके हैं ।
Azaad Bharat  #VishwaSevaDiwas 2017

🚩आज #VishwaSevaDiwas इस हैशटैग द्वारा ट्रेंड टॉप में चल रहा था। जिसमें हजारों- लाखों ट्वीट्स में संत आसारामजी बापू द्वारा चलाये गए व अभी भी उनकी संस्थाओं व अनुयायियों द्वारा चल रहे सेवाकार्यों की झांकी देखने को मिल रही थी ।

🚩उनकी वेबसाइट www.ashram.org पर देखा तो भारत ही नही कई अन्य देशों में भी संत आसारामजी बापू के भक्त उनका जन्मदिन (अवतरण दिवस के रूप में) मना रहे हैं।


🚩ऐसा तो क्या है संत आसारामजी बापू में..???
 कि उनके करोड़ों भक्त उनके जेल जाने के बाद भी उनको #भगवान की तरह पूजते हैं...!!

🚩आइये जाने संत आसारामजी बापू का जीवन चरित्र...



🚩संत आशारामजी बापू का बचपन का नाम आसुमल था । बापू का जन्म #अखंड भारत के सिंध प्रांत के बेराणी #गाँव में चैत्र कृष्ण षष्ठी विक्रम संवत् १९९४ (1 मई 1937) के दिन हुआ था । उनकी माता #महँगीबा व पिताजी #थाऊमल नगरसेठ थे ।

🚩बालक #आसुमल को देखते ही उनके कुलगुरु ने #भविष्यवाणी की थी कि "आगे चलकर यह बालक एक महान संत बनेगा, लोगों का उद्धार करेगा ।" 

🚩संत आसारामजी बापू का #बाल्यकाल संघर्षों की एक लंबी कहानी है। 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के कारण अथाह सम्पत्ति को छोड़कर बालक आसुमल #परिवार सहित अहमदाबाद आ बसे। उनके पिताजी द्वारा लकड़ी और कोयले का व्यवसाय आरम्भ करने से आर्थिक परिस्थिति में सुधार होने लगा । तत्पश्चात् शक्कर का व्यवसाय भी आरम्भ हो गया ।

🚩माता-पिता के अतिरिक्त बालक आसुमल के परिवार में एक बड़े भाई तथा दो छोटी बहनें थी। 
     
🚩बालक आसुमल को #बचपन से ही प्रगाढ़ भक्ति प्राप्त थी । प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर ठाकुरजी की पूजा में लग जाना उनका नित्य नियम था ।

🚩दस वर्ष की नन्ही आयु में बालक आसुमल के पिताजी थाऊमलजी देहत्याग कर स्वधाम चले गये ।

🚩पिता के देहत्यागोपरांत आसुमल को पढ़ाई (तीसरी कक्षा) छोड़कर छोटी-सी उम्र में ही कुटुम्ब को सहारा देने के लिये सिद्धपुर में एक परिजन के यहाँ नौकरी करनी पड़ी ।  3 साल तक नौकरी के साथ-साथ साधना में भी प्रगति करते रहे ।

🚩3 साल बाद वे वापिस अहमदाबाद आ गए और भाई के साथ शक्कर की दुकान पर बैठने लगे ।

🚩लेकिन उनका मन सांसारिक कार्यो में नही लगता था, ज्यादातर जप-ध्यान में ही समय निकालते थे ।

🚩21 साल की उम्र में घर वाले आसुमल जी की शादी करना चाहते थे लेकिन उनका मन संसार से विरक्त और भगवान में तल्लीन रहता था । इसलिए वे घर छोड़कर भरुच के अशोक आश्रम चले गए । पर घरवालो ने उन्हें ढूंढ कर जबरदस्ती उनकी शादी करवा दी ।

🚩लेकिन मोह-ममता का त्याग कर ईश्वर प्राप्ति की लगन मन में लिए शादी के बाद भी तुरंत पुनः घर छोड़ दिया और आत्म पद की प्राप्ति हेतु जंगलों-बीहडों में घूमते और ईश्वर प्राप्ति के लिए तड़पते रहे ।

 🚩नैनीताल के जंगल में योगी ब्रह्मनिष्ठ संत साईं लीलाशाहजी बापू को उन्होंने सद्गुरु के रूप में स्वीकार किया । 

 🚩#ईश्वरप्राप्ति की तीव्र तड़प देखकर सद्गुरु लीलाशाहजी बापू का ह्रदय छलक उठा और उन्हें 23 वर्ष की उम्र में सद्गुरु की कृपा से आत्म-साक्षात्कार हो गया । तब सद्गुरु लीलाशाह जी ने उनका नाम आसुमल से आशारामजी रखा ।

🚩अपने गुरु #लीलाशाहजी बापू की आज्ञा शिरोधार्य कर संत आसारामजी बापू समाधि-अवस्था का सुख छोड़कर तप्त लोगों के हृदय में शांति का संचार करने हेतु समाज के बीच आ गये। 

🚩सन् 1972 में अहमदाबाद साबरमती के तट पर आश्रम स्थापित किया । भारत की राष्ट्रीय एकता, अखंडता और विश्व शांति के लिए संत आसारामजी बापू ने राष्ट्र के कल्याणार्थ अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया ।

🚩संत आशारामजी बापू के मार्गदर्शन में देश-विदेश में हजारों ‘बाल संस्कार केन्द्र निःशुल्क चलाये जा रहे हैं । इनमें बालकों को माता-पिता का आदर करने के संस्कार, पढ़ाई में अव्वल आने के उपाय और यौगिक प्रयोग आदि सिखाये जाते हैं ।

🚩विद्यालयों में ‘योग व उच्च संस्कार शिक्षा अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें विद्यार्थियों को माता-पिता एवं गुरुजनों का आदर, अनुशासन, यौगिक शिक्षा, आदर्श दिनचर्या, परीक्षा में अच्छे अंक पाने की कुंजियाँ आदि महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर अनुभवी वरिष्ठों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाता है । 

🚩अब तक देश के 80,000 से अधिक विद्यालय इस अभियान से लाभान्वित हो चुके हैं ।

🚩विद्यार्थियों के बाल, छात्र व कन्या मंडल भी बनाये गए है जो व्यसनमुक्ति अभियान, गौ-रक्षा अभियान, पर्यावरण सुरक्षा कार्यक्रम आदि सेवाकार्य करते हैं । 

🚩‘#वेलेंटाइन डे जैसे  त्यौहारों से भी बचने हेतु हर वर्ष 14 फरवरी को देशभर के विभिन्न स्थानों के विभिन्न विद्यालयों के साथ साथ घर-घर में ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस' मनाया जा रहा है । 

🚩अब ‘संत श्री आशारामजी गुरुकुलों ' की भी श्रृंखला बढ़ने लगी है, जिनमें विद्यार्थियों को लौकिक शिक्षा के साथ-साथ स्मृतिवर्धक यौगिक प्रयोग, योगासन, प्राणायाम, जप, ध्यान आदि के माध्यम से उन्नत जीवन जीने की कला सिखायी जाती है । उनमें सुसंस्कारों का सिंचन किया जाता है तथा उन्हें अपनी महान वैदिक संस्कृति का ज्ञान प्रदान किया जाता है । 

 🚩‘युवाधन सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है तथा ‘युवा सेवा संघ एवं ‘महिला उत्थान मंडल की स्थापना की गयी है । इन संगठनों द्वारा भारतभर में ‘संस्कार सभाएँ चलायी जा रही हैं, जिनका लाभ लेकर युवक-युवतियाँ अपना सर्वांगीण विकास कर रहे हैं ।

🚩समाज के पिछडे, शोषित, बेरोजगार व बेसहारा लोगों की सहायता के लिए संत आसारामजी बापू द्वारा ‘भजन करो, भोजन करो, दक्षिणा पाओ' योजनायें चलायी जा रही है ।

 🚩इसके अंतर्गत उन्हें कहा जाता है कि वे आश्रम में अथवा आश्रम द्वारा संचालित समितियों के केन्द्रों में आकर दिनभर केवल भजन, कीर्तन और ध्यान करें । उन्हें दिन का भोजन और शाम को घर जाते समय 50 रुपये तक की नकद राशि दी जाती है । इसमें भाग लेनेवालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है । 
जिससे ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मान्तरण में रोक लग रही है और जहाँ लोगों को भोजन की विकट समस्या से निजात मिलती है, वहीं उनका आध्यात्मिक उत्थान भी हो रहा है । इससे बेरोजगार लोगों में आपराधिक प्रवृत्ति को रोकने में बहुत मदद मिल रही है । 

🚩कहा जाता है कि संत आसारामजी बापू का बहुत बड़ा साधक-समुदाय है । लगभग करीब 8 करोड़ लोग देश-विदेश में है और इतने सालों से बिना सबूत जेल में होते हुए भी उनके अनुयायियों की श्रद्धा टस से मस नहीं हुई है । उन करोड़ो भक्तों का एक ही कहना है कि हमारे गुरुदेव (संत आसारामजी बापू) निर्दोष हैं उन्हें षड़यंत्र के तहत फंसाया गया है । वे जल्द से जल्द निर्दोष छूटकर हमारे बीच शीघ्र ही आयेगे । 

🚩गौरतलब है संत आसारामजी बापू का जन्म दिवस 17 अप्रैल को है अभी उनका 81 वां साल चल रहा है, पिछले 44 महीने से जेल में बन्द होने पर भी उनके करोड़ों अनुयायियों द्वारा देश-विदेश में एक अनोखे अंदाज में मनाया जाता है ये दिन..

इस दिन देशभर में जगह-जगह पर निकाली जाती हैं विशाल भगवन्नाम संकीर्तन यात्रायें, वृद्धाश्रमों,अनाथालयों व अस्पतालों में निशुल्क औषधि, फल व मिठाई वितरित की जाती है।


गरीब व अभावग्रस्त क्षेत्रों में होता है विशाल भंडारा जिसमें वस्त्र,अनाज व जीवन उपयोगी वस्तुओं का वितरण किया जाता है।

जगह जगह पर छाछ,पलाश व गुलाब के शरबत के प्याऊ लगाये जाते हैं ।

सत्साहित्य आदि का वितरण कर मनाया जाता है ये दिन ।