Saturday, May 12, 2018

भारत के ये मंदिर सुनाते हैं इतिहास, आस्था और वैभव कि दिव्य कहानी...

🚩भारत कि भूमि ऋषि-मुनियों कि भूमि है जिसके पीछे भारत का गौरवशाली इतिहास गवाह रहा है । चिकित्सा से लेकर विज्ञान के क्षेत्र में आगे होने के बावजूद यह देश कई मायनों में बाकी देशों से अलग है जिसमें आस्था भी एक अहम भूमिका निभाती है जो इस देश को इतनी विविधता होने के बावजूद एक धागे में बांधे रखता है ।
These temples of India recite the
divine story of history, faith and splendor ...
🚩इस आस्था को बनाये रखने में यहां मौजूद मंदिरों कि भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता । चलिये आज हम आपको भारत के ऐसे ही कुछ मंदिरों कि सैर पर ले चलते हैं जो लोगों की आस्था का केंद्र तो है ही, इसी के साथ-साथ भारत के गौरवशाली इतिहास को भी समेटे हुए है ।
*1. बद्रीनाथ मंदिर*
🚩उत्तराखंड का चमोली जिला, अलकनंदा नदी का किनारा भगवान बद्रीनाथ के घर के नाम से भी जाता है । बद्रीनाथ मंदिर हिन्दू धर्म के चार पवित्र धामों में से एक है । इसके अलावा बद्रीनाथ में भी एक छोटा चार धाम है जिसमे भगवान विष्णु के एक सौ आठ मंदिर हैं जो भगवान विष्णु को समर्पित हैं । भगवान विष्णु कि यात्रा करने वाले लोगों का यहां तांता लगा रहता है । यहां पर कि जाने वाली यात्रा केवल अप्रैल से ले कर सितम्बर तक ही रहती है । इस मंदिर से सम्बंधित दो खास त्यौहार हैं जो इसकी खासियत को और बढाते हैं ।
🚩माता मूर्ति का मेला : भगवान बद्रीनाथ कि पूजा शुरू हो कर यह मेला सितम्बर तक चलता है जब तक कि मंदिर के कपाट बंद नहीं हो जाते ।
🚩बद्री-केदार त्यौहार : आठ दिनों तक चलने वाला यह मेला बद्रीनाथ और केदारनाथ दोनों जगहों पर जून के महीने में मनाया जाता है ।
*2. सूर्य मंदिर: कोणार्क*
🚩ओडिसा कि पूरी जिला के पास है कोणार्क जो मंदिर के रूप में वास्तुकला का अद्भुत नमूना है । यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है । रथ के आकार में बने इस मंदिर में बारह पहिये हैं जिसे सात घोडे खींचते हुए महसूस होते है ।
🚩रवींद्रनाथ टैगोर ने इस मंदिर कि खूबसूरती के बारे में कहा था कि, ‘‘यहां पत्थरों की भाषा इंसानों कि भाषा को मात देती नज़र आती है’’ ।
*3. बृहदीस्वरा मंदिर*
बृहदीस्वरा मंदिर को पेरुवुडइयर कोविल, राजराजेस्वरम भी कहा जाता है जिसे ग्याहरवीं सदी में चोल साम्राज्य के राजा चोल ने बनवाया था । भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर भारत के सबसे बडे मंदिरों में से एक है । यह मंदिर ग्रेनाइट कि विशाल चट्टानों को काटकर वास्तु शास्त्र के हिसाब से बनाया गया है । इसमें एक खासियत यह है कि दोपहर बारह बजे इस मंदिर कि परछाई जमीन पर नहीं पडती ।
*4. सोमनाथ मंदिर*
गीता, स्कंदपुराण और शिवपुराण जैसी प्राचीन किताबों में भी सोमनाथ मंदिर का उल्लेख मिलता है । सोम का अर्थ है चन्द्रमा और सोमनाथ का अर्थ, चन्द्रमा की रक्षा करने वाला । एक कहानी के अनुसार, सोम नाम का एक व्यक्ति अपने पिता के श्राप के कारण से काफी बीमार हो गया था । तब भगवान शिव ने उसे बीमारी से छुटकारा दिलाया था जिसके बाद शिव के सम्मान में सोम ने यह मंदिर बनवाया । यह मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो सौराष्ट्र के प्रभास क्षेत्र में है । ऐसी मान्यता है कि यह वही क्षेत्र है जहां भगवान श्रीकृष्ण अपना शरीर त्यागा था ।
🚩यह मंदिर अरब सागर के किनारे बना हुआ है और दक्षिणी ध्रुव और इसके बीच कोई जमीन नहीं है ।
*5. केदारनाथ मंदिर*
🚩हिमालय कि गोद, गढवाल क्षेत्र में भगवान शिव के अलौकिक मंदिरों में से एक केदारनाथ मंदिर स्थित है । एक कहानी के अनुसार इसका निर्माण पांडवों ने युद्ध में कौरवों कि मृत्यु के प्रायश्चित के लिए बनवाया था । आठवीं सदी में आदि शंकराचार्य ने इसका पुनरुत्थान करवाया । यह उत्तराखंड के छोटे चार धामों में से एक है जिसके लिए यहां आने वालों को 14 किलोमीटर के पहाडी रास्तों पर से गुजरना पडता है ।
🚩यह मंदिर ठंडे ग्लेशियर और ऊंची चोटियों से घिरा हुआ है जिनकी ऊंचाई लगभग 3,583 मीटर तक है । सर्दियों के दौरान यह मंदिर बंद कर दिया जाता है । सर्दी अधिक पडने कि सूरत में भगवन शिव को उखीमठ ले जाया जाता है और पांच-छह महीने वहीं उनकी पूजा कि जाती है ।
*6. रामनाथस्वामी (रामेश्वरम) मंदिर*
🚩ये मंदिर तमिलनाडु के पास एक छोटे से द्वीप के समीप है जिसे रामेश्वरम के नाम से जाना जाता है । यह हिन्दू धर्म कि मान्यताओं के अनुसार उनके चार पवित्र धामों में से एक है । एक मान्यता के अनुसार जब भगवान राम, रावण को हराकर आये थे तो पश्चाताप के लिए उन्होंने शिव कि पूजा करने की योजना बनाई क्योंकि उनके हाथों से एक ब्राह्मण कि मृत्यु हो गयी थी । शिव कि पूजा के लिए उन्होंने हनुमान को कैलाश भेजा जिससे वह उनके लिंग रूप को वहां ला सकें । पर जब तक हनुमान वापिस लौटते तब तक सीता माता रेत का एक लिंग बना चुकी थी । हनुमान द्वारा लाए गए लिंग को विश्वलिंग कहा गया जबकि सीता द्वारा बनाये गए लिंग को रामलिंग कहा गया । भगवान राम के आदेश से आज भी रामलिंग से पहले विश्वलिंग कि पूजा कि जाती है ।
*7. वैष्णो देवी मंदिर*
🚩जम्मू कश्मीर के कटरा से 12 किलोमीटर त्रिकुट कि पहाडियों पर जमीन से 500 फीट कि ऊंचाई पर स्थित है वह पवित्र गुफा जहां माता वैष्णो देवी के दर्शन होते है । आज वहां वैष्णो देवी तीन पत्थरों के रूप में रहती है जिसे पिंडी कहा जाता है । हर साल लाखों लोग माता से आशीर्वाद लेने यहां आते है ।
*8. सिद्धिविनायक मंदिर*
🚩मुंबई के प्रभादेवी में स्थित है सिद्धिविनायक मंदिर जिसे अठारवीं सदी में बनाया गया था । ऐसा माना जाता है कि किसी भी काम को शुरू करने से पहले गणेश जी कि पूजा की जाती है इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है । वैसे तो इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है पर मंगलवार के दिन खासतौर पर यहां भीड रहती है ।
*9. गंगोत्री मंदिर*
🚩उत्तराखंड के उत्तरकाशी के गंगोत्री को गंगा का उद्भव स्थल माना जाता है । जब भागीरथ गंगा को स्वर्ग से लेकर आये थे तो यहीं पर भगवान शिव ने उन्हें जटाओं में बांधकर जमीन पर उतारा था । अठांरवीं सदी में बना यह मंदिर सफेद ग्रेनाइट से बना हुआ है ।
*10. काशी विश्वनाथ मंदिर: बनारस*
🚩काशी विश्वनाथ मंदिर, पवित्र एवं प्राचीन शहर बनारस में स्थित है । यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है । विश्वनाथ का अर्थ होता है विश्व का स्वामी । यह इस मंदिर कि खासियत ही थी जो यहां गुरु नानक से लेकर तुलसीदास, विवेकानंद और आदि शंकराचार्य जैसे लोगों को खुद तक खींच लाई । ऐसा मानना है कि इस मंदिर को देखने मात्र से मोक्ष के सारे दरवाजे खुल जाते हैं ।
*11. जगन्नाथ मंदिर*
🚩बारवीं सदी में बना यह मंदिर उडीसा के पुरी में बना हुआ है जिस कारण इसे जगन्नाथ पुरी के नाम से भी जाना जाता है । यह मंदिर भगवान कृष्ण के साथ-साथ उनके भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा को समर्पित है । ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है ।
*12. यमुनोत्री मंदिर*
🚩उत्तराखंड के उत्तरकाशी में उन्नीसवीं सदी का बना यह मंदिर कई बार प्राकृतिक आपदाओं के कारण नष्ट हो चुका है । गंगा के बाद यमुना को भी काफी पवित्रता कि दृष्टि से देखा जाता है ।
🚩जमीन से 3291 मीटर कि ऊंचाई पर स्थित है, जहां यमुना देवी कि पूजा कि जाती है । मंदिर के दरवाजे अक्षय तृतीया से लेकर दिवाली तक श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते है
*13. मिनाक्षी मंदिर: मदुरई*
🚩मदुरई का मीनाक्षी मंदिर न केवल श्रद्धालुओं के बीच प्रसिद्ध है बल्कि यह कला में रुची रखनेवालों के लिए भी किसी स्वर्ग से कम नहीं है । यह मंदिर देवी पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है । मंदिर के बीचों बीच एक सुनहरा कमल रुपी तालाब है । मंदिर में लगभग 985 पिलर हैं हर पिलर को अलग अलग कला कृतियों द्वारा उकेरा गया है । इस मंदिर का नाम विश्व के सात अजूबों के लिए भी भेजा जा चुका है ।
*14. अमरनाथ मंदिर*
जम्मू कश्मीर कि बर्फीली पहाडियों में जमीन से 3888 मीटर ऊपर 5000 साल पुरानी गुफा है जहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 5 दिनों में 40 मील की चढाई करनी पडती है । यह क्षेत्र साल भर बर्फ से ढका रहता है यहां कि यात्रा केवल गर्मियों के दौरान ही कि जाती है । उस समय भी यह क्षेत्र काफी हद तक बर्फ से ढका हुआ रहता है ।
*15. लिंगराज मंदिर*
🚩मंदिरों के शहर उडीसा में एक और मंदिर है जो बडा होने के साथ-साथ अपने साथ इतिहास को भी समेटे हुए है । यह मंदिर श्रद्धालुओं के साथ साथ इतिहासकारों को भी अपनी आेर आकर्षित करता है जिसकी वजह यहां कि एतिहासिक इमारते है । वैसे तो यह मंदिर शिव को समर्पित है पर यहां शिव के साथ साथ भगवान विष्णु कि भी पूजा कि जाती है जिस कारण यह हरिहर के नाम से भी जाना जाता है ।
*16. तिरुपति बालाजी*
🚩आंध्र प्रदेश कि तिरुमाला पहाडियों में बसा है तिरुमाला वेंकटेश्वारा मंदिर जिसे तिरुपति बालाजी के नाम से भी जाना जाता है यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है । यह मंदिर भारत में मौजूद सबसे अमीर मंदिरों में से एक है । यहां पर प्रसाद के रूप में मिलने वाला लड्डू अपने स्वाद के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है । यहां पर मन्नत पूरी हो जाने पर लोग अपने बालों का चढावा चढाते हैं ।
*17. कांचीपुरम मंदिर*
🚩कांचीपुरम के मुख्य आकर्षण हैं यहां के बेहतरीन मंदिर । पहले यहां हजारों मंदिर हुआ करते थे । वहीं आज केवल 124 मंदिर ही शेष बचे हैं । उनमें से मुख्य मंदिर हैं कामाक्षी अम्मा मंदिर, वरदराज मंदिर, कैलाशनाथ मंदिर, एकमबारेश्वर मंदिर, पेरूमल मंदिर । ये मंदिर अपनी बेहतरीन शिल्पकला और बनावट के लिए पूरी दुनिया में प्रसिध्द हैं।
*18. विरूपक्षा मंदिर*
🚩7 वीं सदी में हम्पी में बना यह मंदिर आज भी अपने पूजा पाठ के लिए जाना जाता है । इसे unesco द्वारा राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जा चुका है । यह मंदिर धार्मिक दृष्टि के अलावा पर्यटन कि दृष्टि से भी काफी महत्व रखता है ।
*19. अक्षरधाम मंदिर*
🚩यमुना का किनारा जहां एक ओर दिल्ली को दो भागों में बांटता है वहीं अक्षरधाम मंदिर आस्था के जरिए दिल्ली के दोनों किनारों को आपस में जोडता है । अक्षरधाम मंदिर, वास्तुशास्त्र और पंचशास्त्र के नियमों को ध्यान में रख कर बनाया गया है । इसका मुख्य गुम्बद मंदिर से लगभग 11 फीट ऊंचा है । इस मंदिर को बनाने में राजस्थानी गुलाबी पत्थरों का उपयोग किया गया है । स्त्रोत : Tourmadly
🚩हमारे देश कि आस्था साधु-संतो , मंदिरों, भगवान और देवी-देवताओं एवं शास्त्रों से जुड़ी है उसके कारण इतने षड्यंत्र होते हुए भी आज सबसे खुशहाल देश भारत ही है आज भी षड्यंकारी इसको तोड़ने में लगे है लेकिन भारतवासीयों कि आस्था के कारण भारतीय संस्कृति तूट नही रही है अमर-अजर है ।
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Friday, May 11, 2018

बलात्कार के झूठे केस से निर्दोष पुरुषों कि हो रही है जिंदगी बर्बाद...

🚩महिलाओं कि सुरक्षा के लिए कानून जरूरी है परंतु आज साजिश या प्रतिरोध कि भावनाओं से निर्दोष लोगों को फँसाने के लिए बलात्कार के आरोप लगाकर कानून का भयंकर दूरुपयोग हो रहा है ।
🚩न्यायाधीश निवेदिता शर्मा ने बताया कि पुरूषों के खिलाफ रेप के झूठे मामलों से बचाने के लिए ऐसे कानून बनाये जाये जो उन्हें बचा सके।
False cases of rape are innocent men that are ruining life

🚩अभी ताजा मामला बताते है बरेली कि दो युवतियों ने एक युवक पर फर्जी रेप केस दर्ज कराया और बाद में उससे 2 लाख रुपये फिरौती मांगी। युवतियों कि ब्लैकमेलिंग का खुलासा हुआ और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। 
🚩घटना उत्तर प्रदेश के बरेली जिले कि है। पुलिस ने बताया कि नेहा गुप्ता (24) और साफिया (22) नाम कि दो युवतियों के रैकेट का खुलासा हुआ है। दोनों युवकों को फर्जी रेप केस में फंसाकर उनसे फिरौती मांगती थीं। 
🚩एसएचओ प्रेम नगर धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि युवतियों ने युवक के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था। जब पूछताछ के लिए दोनों को बुलाया गया तो दोनों ने सवालों के अलग-अलग जवाब दिए। हालांकि पुलिस को उन पर तब खास शक नहीं हुआ। 
🚩शिकायत के बाद युवक सुनील शर्मा को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया। इस दौरान युवतियां भी वहां पहुंची। उस समय थाने में महिला कॉन्स्टेबल सुनीता सिंह मौजूद थीं। उन्होंने युवतियों को देखते ही पहचान लिया कि वे पहले भी कई लोगों के खिलाफ रेप का केस दर्ज करा चुकी हैं। जब पुलिस ने रेकॉर्ड खंगाला तब मामले का खुलासा हुआ। 
🚩पुलिस ने युवतियों को कस्टडी में लेकर पूछताछ कि तो उन्होंने यह स्वीकार किया कि वह पहले भी कई लोगों पर रेप के फर्जी केस दर्ज करा चुकी हैं। केस दर्ज कराने के बाद वे युवकों से फिरौती मांगती थीं। पुलिस ने बताया कि युवतियों को हिरासत में लिया गया तो उन्होंने पुलिस को भी 1 लाख रुपये घूस देने का लालच दिया। 
🚩युवक ने बताया कि 1 मार्च को युवतियां लगातार उन्हें फोन करके दोस्ती करने की बात कर रही थीं। उन्होंने ध्यान नहीं दिया। युवतियों को उनका नंबर कहां से मिला यह वह नहीं जानते। एक दिन युवतियां उनके जनकपुरी स्थित घर आ गईं और उनसे रुपये मांगने लगीं। जब उन्होंने रुपये देने से मना कर दिया तो युवतियां उन्हें धमकाने लगीं। 
🚩एसपी सिटी रोहित सिंह साजवान ने बताया कि महिलाये इसी तरह बारादरी, सुभाषनगर, प्रेम नगर और कोतवाली थाने में कई युवकों के खिलाफ फर्जी रेप केस दर्ज करा चुकी हैं। पुलिस को अंदेशा है कि युवतियां किसी बड़े रैकेट का हिस्सा हैं। पुलिस इसकी जांच कर रही है। स्तोस्त्र : नवभारत टाइम्स
🚩अब आपने देखा बलात्कार के कड़े कानून का कैसे दुरुपयोग किया जा रहा है, वास्तविकता में जो लड़की पीड़ित है उनको तो न्याय मिल नही पाता है और जो पैसे ऐठने के लिए झूठे आरोप लगा देती है उनको काफी मुनाफा हो जाता है ।
🚩दिल्ली महिला आयोग कि जाँच के अनुसार- अप्रैल 2013 से 2014 तक #बलात्कार के 53% शिकायतें #झूठी पाई गयी है।
🚩न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि रेप के केस 90% झूठे पाए जाते है ।
🚩निर्दोष लोगों को फँसाने के लिए बलात्कार के नये कानूनों का व्यापक स्तर पर हो रहा इस्तेमाल आज समाज के लिए एक चिंतनीय विषय बन गया है । राष्ट्रहित में क्रांतिकारी पहल करनेवाली सुप्रतिष्ठित हस्तियों, संतों-महापुरुषों एवं समाज के आगेवानों के खिलाफ इन कानूनों का राष्ट्र एवं संस्कृति विरोधी ताकतों द्वारा कूटनीतिपूर्वक अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है ।
🚩बलात्कार का निवारण कड़े कानून से नही संयम-शिक्षा से संभव
🚩यदि बलात्कार के सख्त कानून से बलात्कार की घटनाओं पर अंकुश सम्भव होता तो नये बलात्कार निरोधक कानून बनने के बाद बलात्कार की शिकायतों (कम्प्लेंट्स) में 35% की वृद्धि नहीं होती । इसके लिए संयम-शिक्षा तथा सच्चे सात्त्विक मूल्यों को पुनर्स्थापित करना होगा । यह कार्य निस्वार्थ रूप से समाज कि भलाई में लगे हुए संत-महापुरुष ही कर सकते हैं । भारतीय संस्कृति के आधारभूत सिद्धांत को अपने जीवन में उतारनेवाले स्वामी रामतीर्थ, श्री रमण महर्षि, समर्थ रामदासजी, स्वामी विवेकानंद, साँईं लीलाशाहजी  महाराज आदि महापुरुषों ने पूरी दुनियां में भारतीय अध्यात्म-ज्ञान का डंका बजाया । वर्तमान में संत आसारामजी बापू से मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से देश-विदेश में करोड़ों साधक ब्रह्मचर्य का पालन करके जीवन धन्य बना रहे हैं । हजारों बाल-संस्कार केन्द्रों द्वारा देश-विदेश के बालक-बालिकाओं को सुसंस्कारित किया जा रहा है । करोड़ों युवाओं को संयमी और व्यशन मुक्त बनाया । महिलाओं के उत्थान के लिये अनेक कार्य किये और भी अनेक समाजसेवा के कार्य बापू आसारामजी कि प्रेरणा से चल रहे हैं ।
🚩केवल कानून और डंडे के जोर से सच्चा सुधार नहीं हो सकता । सच्चे और स्थायी सुधार के लिए बलात्कार जैसे नृशंस अपराधो को रोकने के लिए संयम-शिक्षा पर बल देने कि अति आवश्यकता है । संत आसारामजी बापू द्वारा प्रेरित ‘युवाधन सुरक्षा अभियान’, ‘दिव्य प्रेरणा-प्रकाश ज्ञान प्रतियोगिता’, ‘योग व उच्च संस्कार शिक्षा’, ‘महिला जागृति’, ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’, ‘नशामुक्ति’ जैसे अभियानों को और अधिक व्यापक बनाने कि आवश्यकता है । इनके माध्यम से हमारी युवा पीढ़ी को ब्रह्मचर्य, संयम-सदाचार कि शिक्षा देकर उन्हें ईमानदार व सच्चा नागरिक बनाया जा रहा है । किंतु हमारे प्रेरणास्रोत, राष्ट्र— एवं संस्कृति के रक्षक संतों-महापुरुषों पर झूठे आरोप लगवाकर षड्यंत्रपूर्वक उन्हें जेल में बंद करवाना यह दर्शाता है कि कुछ स्वार्थी राष्ट विरोधी ताकतें कानून कि आड़ लेकर भारतीय संस्कृति को नष्ट करने कि बुरी मंशा रखती हैं । संत-महापुरुष ही समाज के प्रहरी हैं  हमें उन पर हो रहे इस आघात को रोकना होगा ।
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Thursday, May 10, 2018

जानिए राजीव दीक्षित ने क्या कहा था हिन्दू संत आसाराम बापू के बारे में..

10 May 2018

🚩वर्तमान में #हिन्दू #धर्मगुरुओं पर जो #बहस चल रही है उसपर पहले से ही देशभक्त स्वर्गीय श्री राजीव दीक्षित ने बता दिया था कि धर्मसत्ता और राजसत्ता क्या होती है? 
और कौन कौन संत धर्मसत्ता के प्रतीक हैं ।

🚩आइये  जानते हैं कि क्या कहा श्री राजीव दीक्षित जी ने...
Know what Rajiv Dixit said about Hindu saint Asaram Bapu ..k

🚩साधु समाज संत समाज जब भी निकला है, समाज उसके पीछे चला है ।  हमारे यहाँ की #राजनैतिक व्यवस्था #हमेशा #संत समाज के #नीचे रही है संत समाज ऊपर रहा है, राजनैतिक व्यवस्था नीचे रही है । संत समाज के आशीर्वाद से हमारे यहाँ नेता काम कर रहे हैं । आप जानते हैं कि भारत के महान राजा #चंद्रगुप्त, #विक्रमादित्य, #हर्षवर्धन , #सम्राट अशोक ये जितने भी बड़े-बड़े महान चक्रवर्ती सम्राट हुए इन सबका नियम था कि दरबार में कोई साधु आ गया तो राजा अपना सिंहासन छोड़ता था और साधु को अपने सिंहासन पर बिठाता था मतलब साधु के लिए सन्यासी के लिए सिंहासन खाली है।। राजा उनके चरणों में बैठता था इसका मतलब ये है कि साधु समाज #संत समाज धर्म समाज हमारी #राज्यसत्ता को #निर्देशित करती थी । तो जब तक भारत की धर्म सत्ता राज्य सत्ता को निर्देशित करती थी तब तक भारत सोने की चिड़िया था ।

 🚩#चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के समय में देख लो #भारत #सोने की #चिड़िया था, समुद्रगुप्त का समय देख लो भारत सोने की चिड़िया था, #हर्षवर्धन का समय देख लो भारत सोने की चिड़िया था, #सम्राट अशोक का समय देख लो भारत सोने की चिड़िया था...

🚩 जब-जब #धर्म सत्ता #ऊपर रही है और #राज्य सत्ता नीचे रही तब-तब #भारत #सोने की #चिड़िया रहा लेकिन जब विदेशियों का हमला हुआ, #विदेशियों ने यहाँ आकर #साम्राज्य #स्थापित कर लिया तब #धर्म सत्ता नीचे चली गई राज्य सत्ता ऊपर आ गई । तब से भारत नीचे #रसातल में गिरता ही चला जा रहा है !!

🚩गिरता ही जा रहा है !! 

🚩गिरता ही जा रहा है !! 

🚩और इतना ही गिरता जा रहा है कि लोगों को भरोसा ही उठ गया है कि ये देश उठ सकता है !! #गरीबी बढ़ी, #व्यभिचार बढा, #पापाचार बड़ा , #अत्याचार बढ़ा, #भ्रष्टाचार #बढ़ा। जब से #धर्म सत्ता नीचे हो गई राज्य सत्ता ऊपर आ गई । 

🚩अब फिर से धर्म सत्ता ऊपर आ रही है #स्वामी #सत्यमित्रानंद गिरिजी धर्म सत्ता के प्रतीक हैं। महा-मंडलेश्वर जितने भी हैं धर्म सत्ता के #प्रतीक हैं। हमारे देश के महान #मोरारी बापू धर्म सत्ता के प्रतीक हैं। #पूज्य #आसारामजी बापू #धर्म सत्ता के #प्रतीक हैं । ये बड़े #साधु-महापुरुष-सन्यासी #धर्म सत्ता के #प्रतीक इक्कठे हो रहे हैं ... !!

🚩अंग्रेजो के जमाने के बनाये कानूनों को खत्म करने की बात करते हो । ऐसे 15-20 मुद्दे तय हुए हैं उसके आधार पर आप वोट करिये ये बात कहने के लिए मैं जाने वाला हूँ और ऐसे दूसरे भी साधु-संत जाने वाले हैं ।

🚩आपको सुनकर हैरानी होगी हमारे देश के महा-मंडलेश्वर बहुत पूजनीय है । सत्य मित्रानंदजी गिरी वो परसो हमारे साथ थे हरिद्वार में । उनका पूरा आशीर्वाद है कि ये काम के लिए आप निकलते हो तो मैं भी आपके साथ हूँ,मोरारी बापूजी का पूरा आशीर्वाद है, 15 बड़े साधु-संत जिनके 1-1 कोटी से ज्यादा फॉलोवर हैं ऐसे 15 साधु-संत 600 जिलों का प्रभाव शुरू करने जा रहे हैं। अगले 2 साल में और ये प्रयास इसी बात के लिए है कि हमको गेट करार नहीं चाहिए, #मल्टी नेशनल #नहीं #चाहिए, डब्लू DO नहीं चाहिए, #विदेशीकरण जो हो रहा है इस देश में वो #नहीं चाहिए, कर्जबाजारी जो बढ़ रही है देश की ओर समाज की ओर वो नहीं चाहिए ।

🚩जब साधु-संत निकल रहे हैं तो समाज में तो आप जान लीजिए परिवर्तन तो होगा ही... इस देश में !! क्योंकि जब भी भारत का सन्यासी या साधु निकला है तो उसने देश और समाज को बदला है ये हमारा हजारों साल का इतिहास है आप कभी भी उठा कर देख सकते हैं ।

🚩आज #विदेशी #ताकतों द्वारा केवल #हिन्दू साधु-संतों को ही #बदनाम किया जा रहा है #क्योंकि #भारत में उनके #विदेशी #प्रोडक्ट #नही बिकते हैं, #धर्मान्तरण #नहीं हो #पाता है इसलिए #विदेशी #फंडिग #मीडिया से #बदनाम करवाते हैं ।

🚩हिन्दू #धर्मगुरु #आसारामजी बापू के बारे में तो राजीव दीक्षित पहले ही धर्म सत्ता के प्रतीक बता चुके हैं, लेकिन मीडिया की बातों में आकर कुछ हिन्दू ही उनको गलत बोल रहे हैं क्योंकि उनकी वास्तविकता पता नही है, मेडिकल में क्लीन चिट भी मिल हुई है, #डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी भी उनका केस लड़ चुके हैं पर आखिर उन्होंने बताया कि लाखों हिन्दुओं की घर वापसी करवाने के कारण #ईसाई मिशनरियां पीछे पड़ी है इसलिए जेल जाना पड़ा ।

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