Sunday, July 22, 2018

महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानून के विरोध में उतरी महिलाएं

22 july 2018 

🚩बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के कारण महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाये गये लेकिन इसका दुरुपयोग भी भयंकर हो रहा है । 

🚩न्यायालय में बलात्कार के केस अधिकतर साबित ही नही हो पाते है । अधिक्तर न्यायालयों का मानना है कि कुछ लड़कियां बदला लेने या पैसे ऐठने के लिए झूठे केस दर्ज करवाती है ।

🚩झूठे केस दर्ज करवाने के लिए कई गिरोह भी काम कर रहे है, इसी कारण घरेलू महिलाएं परेशान हो गई है आज किसी भी निर्दोष पुरुष पर झूठे केस दर्ज करने पर उसके साथ जुड़ी माँ, बहन, पत्नी, बेटियां को परेशानी होती है उनका पालन करने वाले को ही जेल भेज दिया जाता है तो फिर उनको घर सँभालना मुश्किल हो जाता है इसलिए ऐसी प्रताड़ित महिलाओं ने रविवार को ट्वीटर पर 
MisuseOfPOCSOlaw हैशटैग लेकर ट्रेंड चलाया जो घण्टों भर टॉप में रहा ।

Women in protest against the law made for protection of women.

🚩आइए आपको बताते है ट्वीटर पर क्या प्रतिक्रिया दे रही थीं महिलाएं...

*🚩1.* प्रीति गुप्ता लिखती है कि आपसी मतभेद या किसी से बदला लेने, महज़ पैसों के लिए POCSO जैसे बेहद कठिन कानून का दुरुपयोग आजकल किया जा रहा है 
क्या यह कानून से आपके पिता/भाई/दोस्त/रिश्तेदार सब सुरक्षित हैं ?
उत्तर -बिल्कुल नहीं , कानून में बदलाव लाने की अति आवश्यकता है।
*🚩2.* डॉ. भूमि लिखती है कि हर महीने कितने निर्दोष लोग #MisuseOfPOCSOlaw की वजह से पीड़ित होते है, निर्दोष के साथ अन्याय होना क्या ये सही है?? जिस कानून से निर्दोष को सजा मिले, उस कानून का क्या मतलब??




*🚩3.* प्रियंका लिखती है कि जो कानून बना न्याय के लिए, उसे हथियार बनाया जा रहा है निर्दोषों को फँसाने के लिए!
कानून का दुरूपयोग बंद हो!
निर्दोष को न्याय कब मिलेगा?
 #MisuseOfPOCSOlaw कब होगा बंद?
कानून की चुप्पी,
निर्दोष पीड़ित!
कौन देगा न्याय?

*🚩4.* जेनी लुहाना लिखती है एक झूठी कहानी..
ये केस नहीं मात्र एक षड्यंत्र...
एक झूठे रेप की धारा..
एक POCSO Misuse..
इस तरह निर्दोष Sant Asaram Bapu Ji को फँसाया गया!


*🚩5.* आरती प्रजापति कहती है कि POCSO Misuse से हो रही तबाही!
बेगुनाह को हो रही जेल!
इसका साक्षात उदाहरण है की पहले के मुकाबले रेप केस बढ गये है 
 POCSO Misuse द्वारा आम आदमी षड़यंत्र का शिकार बन रहा है 
क्या मोदी जी ये गलत कानून हटायेंगे?


*🚩6.* अश्विनी जायसवाल कहती है कि  
जुर्म हुआ नहीं..
सबूत मिला नहीं.. फ़िर भी एक लड़की के इशारे पर एक निर्दोष संत को जेल!
Asaram Bapu Ji ने जाँच मे सहयोग दिया! समर्थको ने शांति बनाए रखी! पर अभी तक न्याय नही मिला! #MisuseOfPOCSOlaw 


*🚩7.*गार्गी पटेल लिखती है कि बंद करो ऐसे कानून, जिससे निर्दोष हैं जेल मे
मोदी जी, POCSO Misuse रोककर देश की रक्षा करें ।


*🚩8.* वनिता लिखती है कि मीडिया द्वारा केवल ओर केवल निर्दोष हिन्दू सन्तों को ही एक एक करके निशाने पर लेना और 
  #MisuseOfPOCSOlaw दोनो एक ही सिक्के के पहलू हैं।


🚩इस तरीके से हजारों महिलाएं ट्वीट के जरिये बता रही थीं कि बलात्कार कानून में पोस्को एक्ट है उसमें संसोधन किया जाये जिससे निर्दोष पुरषों फंसे नही और साथ ही साथ ये भी कहा कि जो झूठे केस दर्ज करवाती है उनपर भी कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए ।

🚩पास्को कानून क्या है?

🚩18 साल से कम उम्र की किसी लड़की ने अगर किसी पुरुष के खिलाफ FIR दर्ज करा दी कि मेरे साथ छेड़खानी हुई है तो पुलिस आपसे बिना कोई भी #पूछताछ किये गिरफ्तार कर लेगी । उसके बाद आपको #जमानत भी नही मिल सकती और अब उस लड़की को कुछ नही करना पुरूष को साबित करना है कि वह निर्दोष हो और अगर पुरूष खुद की निर्दोषता साबित नही कर पाये सीधी उम्रकैद हो सकती है ।

🚩NCRB (National Crime Report Beauro) के अनुसार वर्ष 2013 में 65,000 से 70,000 हजार पुरुष हर साल महिला कानूनों से तंग आकर आत्महत्या करते थे। यानी हर नौवें मिनट में एक पुरुष सुसाइड करता था। 

🚩आज भारत में हर एक से डेढ़ मिनट के भीतर एक फर्जी केस रजिस्टर्ड हो रहा है। सोचिए कहाँ जा रहे हैं हम ??

🚩प्रतापगढ़ जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि 90 प्रतिशत बलात्कार के केस साबित ही नही हो पाते है । दलालों द्वारा प्रतिवर्ष काफी संख्या में बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराए जाते हैंं। 

🚩इन कानूनों का निर्माण महिला उत्थान के लिये किया गया था मगर आज पथभ्रष्ट महिलाएं इसका धड़ल्ले से दुरुपयोग कर रही हैं । सरकार को इन पथभ्रष्ट महिलाओं द्वारा किये जा रहे हर फर्जी केस पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए तथा ऐसी महिलाओं को कठोर से कठोर दंड देने चाहिए जो अपनी स्वार्थपूर्त्ति के लिए किसी के जीवन से खेल रही हैं । 

🚩आपको बता दे कि इस ट्वीटर ट्रेड में ट्वीट के जरिये काफी महिलाएं पोस्को कानून के तहत उम्रकैद काट रहे हिन्दू संत आसाराम बापू को सपोर्ट कर रही थीं।

🚩महिलाओं ने कहा कि हिन्दू #संत #आसारामजी #बापू सदा हर वर्ग, हर प्राणी को ईश्वरीय सुख-शांति, आत्मिक निर्विकारी आनंद पहुँचाने का अथक प्रयास करते रहे हैं । #समाज, संस्कृति और विश्वसेवा के दैवी कार्य में #बापू आसारामजी का योगदान अद्वितीय है । 

🚩बापू #आसारामजी के ओजस्वी जीवन एवं उपदेशों से असंख्य लोगों ने व्यसन, मांस आदि बड़ी सहजता से छोड़कर संयम-सदाचार का रास्ता अपनाया है ।

🚩एक 82 वर्षीय बुजुर्ग #संत, जिन्हें करोड़ों लोगों के जीवन में संयम-सदाचार जागृत करने व उन्हें भगवान के रास्ते चलाने तथा करोड़ों दुःखियों के चेहरों पर मुस्कान लाने का श्रेय जाता है उनको झूठे केस में फसाया गया है अब तो न्याय मिलना ही चाहिए ।

🚩आम जनता के अलावा राष्ट्रहित में क्रांतिकारी पहल करनेवाली सुप्रतिष्ठित हस्तियों, संतों-महापुरुषों एवं समाज के लिए आगे आने वाले  के खिलाफ बलात्कार कानूनों का राष्ट्र एवं संस्कृति विरोधी ताकतों द्वारा कूटनीतिपूर्वक अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है।
इसमे जो खामियां है उसको दूर करना चाहिए ।

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Saturday, July 21, 2018

धर्मशिक्षा के अभाव के कारण बलात्कार के 1.10 लाख मामले दर्ज किए गए

🚩भारत मे अन्य देशों की बलात्कार मामले की बहुत कम संख्या है लेकिन महान भारत देश के लिए एक भी बलात्कार की घटना शर्म की बात है । भारत मे पहले एक भी बलात्कार नही होते थे जबसे मुगल और अंग्रेज आये तब से लेकर आज भी वही सिलसिला है जिसको रोकना जरूरी है ।
🚩जब भी किसी महिला के साथ बलात्कार होता है तो सारे बुद्धिजीवी केंडल मार्च निकालना शुरू कर देते है और मीडिया 24 घण्टो खबरे दिखाने लगती है कि इतने बलात्कार क्यो हो रहे है उसपर कोई ध्यान नही देता, आगे किसी महिला के साथ दुष्कर्म न हो इसपर कोई चर्चा नही करता, कानून के बल पर कुछ अंश में रोक लग सकती है लेकिन पूर्णता रोक लगने के लिए बचपन से ही धर्म की शिक्षा देना जरूरी है । अगर व्यक्ति के अंदर अच्छे संस्कार नही होंगे तो वे अपराध करेगा ही ।
1.10 lakh cases of rape were registered due to lack of education

🚩आज जितने बलात्कार होते है उसके मूल में जाओगे तो आपको मिलेगा की उसके जीवन मे धर्म की शिक्षा ही नही है ऊपर से टीवी में जो चलचित्र चलते है बॉलीवुड में जो अश्लीलता परोसी जा रही है मीडिया में जो नंगापन दिखाया जा रहा है, इंटरनेट पर पोर्न फिल्म आदि जो दिखाई जाती है उससे प्रेरित होकर ही अधिकतर बलात्कार होते है। अगर टीवी, मीडिया, इंटरनेट और सिनेमाघरों में धर्मिक सिरियल, फिल्मे चलने लग जाये नॉवेल, अख़बारो में धार्मिक लेख और चित्र छपने लगे और बचपन से ही धर्म की शिक्षा दी जाये तो बिना कानून के ही बलात्कार रुक जाएगा ।
🚩अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने बताया है कि, 2014 से 2016 के दौरान देशभर में बलात्कार के 1,10,333 मामले दर्ज किए गए । केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी । उन्होंने बताया कि 2016 में बलात्कार के 38,947 मामले दर्ज किए गए जबकि 2015 में 34,651 और 2014 में 36,735 मामले दर्ज किए गए थे
🚩उन्होंने बताया कि, 2014 में महिलाओं
के खिलाफ अपराध के 3,39,457 मामले दर्ज किए गए जबकि 2015 में 3,29,243 मामले और 2016 में 3,38,954 मामले दर्ज किए गए ।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स
🚩बलात्कार के मामले जितने दर्ज किये गए है उसमें कुछ तो झूठे मामले होते है जो मनचली लड़कियां पैसे या बदला लेने की भावना से केस दर्ज कराती है और कुछ सज्जन महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो भी जाता है फिर भी किसी को बताते नही है ऐसे भी कई केस होंगे जो मामले दर्ज नही करवाये होंगे ।
🚩यदि सख्त कानून से बलात्कार की घटनाओं पर अंकुश सम्भव होता तो नये बलात्कार निरोधक कानून बनने के बाद बलात्कार की शिकायतों (कम्प्लेंट्स) में 35% की वृद्धि नहीं होती । इसके लिए संयम-शिक्षा तथा सच्चे सात्त्विक मूल्यों को पुनर्स्थापित करना होगा । यह कार्य निस्वार्थ रूप से समाज की भलाई में लगे हुए संत-महापुरुष ही कर सकते हैं । भारतीय संस्कृति के आधारभूत सिद्धांत को अपने जीवन में उतारनेवाले स्वामी रामतीर्थ, श्री रमण महर्षि, समर्थ रामदासजी, स्वामी विवेकानंद, साँईं लीलाशाहजी महाराज आदि महापुरुषों ने पूरी दुनियां में भारतीय अध्यात्म-ज्ञान का डंका बजाया । वर्तमान में संत आसारामजी बापू से मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से देश-विदेश में करोड़ों साधक ब्रह्मचर्य का पालन करके जीवन धन्य बना रहे हैं । हजारों बाल-संस्कार केन्द्रों द्वारा देश-विदेश के बालक-बालिकाओं को सुसंस्कारित किया जा रहा है । करोड़ों युवाओं को संयमी और व्यशन मुक्त बनाया । महिलाओं के उत्थान के लिये अनेक कार्य किये और भी अनेक समाजसेवा के कार्य बापू आसारामजी की प्रेरणा से चल रहे हैं ।
🚩केवल कानून और डंडे के जोर से सच्चा सुधार नहीं हो सकता । सच्चे और स्थायी सुधार के लिए बलात्कार जैसे नृशंस अपराधो को रोकने के लिए संयम-शिक्षा पर बल देने की आवश्यकता है । संत आसारामजी बापू द्वारा प्रेरित ‘युवाधन सुरक्षा अभियान’, ‘दिव्य प्रेरणा-प्रकाश ज्ञान प्रतियोगिता’, ‘योग व उच्च संस्कार शिक्षा’, ‘महिला जागृति’, ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’, ‘नशामुक्ति’ जैसे अभियानों को और अधिक व्यापक बनाने की आवश्यकता है । इनके माध्यम से हमारी युवा पीढ़ी को ब्रह्मचर्य, संयम-सदाचार की शिक्षा देकर उन्हें ईमानदार व सच्चा नागरिक बनाया जा रहा है । किंतु हमारे प्रेरणास्रोत, राष्ट— एवं संस्कृति के रक्षक संतों-महापुरुषों पर झूठे आरोप लगवाकर षड्यंत्रपूर्वक उन्हें जेल में बंद करवाना यह दर्शाता है कि कुछ स्वार्थी राष्ट्र विरोधी ताकतें कानून की आड़ लेकर भारतीय संस्कृति को नष्ट करने की बुरी मंशा रखती हैं । संत-महापुरुष ही समाज के प्रहरी हैं  हमें उन पर हो रहे इस आघात को रोकना होगा ।
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Friday, July 20, 2018

क्रांतिकारी गदर पार्टी के किस्से अब अमेरिका में भी पढाए जाएंगे

20 july 2018 

🚩भारत के इतिहास में आज भी लुटेरे अंग्रेजों के किस्से पढाये जाते है और उनकी महिमा मंडन की जा रही है लेकिन जिन क्रांतिकारीयों ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की बलि दे दी उनके किस्से हमे नही पढाये जा रहे है ये बड़े दुर्भाग्यपूर्ण बात है लेकिन अमेरिका में यह निर्णय लिया गया है कि भारत की स्वतंत्रता के लिए योगदान देनेवाली क्रांतिकारी गदर पार्टी के किस्से  पढाए जाएंगे ।

🚩अमेरिका के ऑरेगन स्टेट के विद्यालयों में जल्द ही भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने वाली गदर पार्टी के बारे में पढने को मिलेगा । क्रांतिकारी समूह गदर पार्टी की स्थापना के 105 साल पूरे होने के मौके पर ऑरेगन के शीर्ष अधिकारियों ने यह घोषणा की ।
Tales of Revolutionary Gadar Party will now be read in the US

🚩ऐतिहासिक शहर एस्टोरिया में कुछ भारतीय-अमेरिकी मूल के परिवार हैं । आधिकारिक रिकॉर्ड्स के अनुसार 1910  में 74 भारतीय पुरुष यहां आए थे । इनमें से ज्यादातर पंजाब के सिख थे, जो वहां मजदूरी करते थे । इन्हीं लोगों को जोडकर इस इलाके में गदर पार्टी की स्थापना की गई थी ।

🚩टिंबर फैक्ट्री में काम करने वाले इन भारतीयों के वंशज रविवार को गदर पार्टी के पहले स्थापना सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इकट्ठे हुए थे । इस सम्मेलन में ऑरेगन के एटॉर्नी जनरल एलेन एफ रोजनब्लम ने गवर्नर केट ब्राउन की मौजूदगी में यह अहम घोषणा की । उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि एस्टोरिया इस खास घटना का एक प्रतीक है । इस के साथ उन्होने घोषणा की कि ऐतिहासिक घटना राज्य के विद्यालयों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगी ।

🚩गदर पार्टी की स्थापना

🚩ग़दर पार्टी पराधीन भारत को अंग्रेज़ों से स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से बना एक संगठन था। इसे अमेरिका और कनाडा के भारतीयों ने 25 जून1913 में बनाया था। इसे प्रशान्त तट का हिन्दी संघ (Hindi Association of the Pacific Coast) भी कहा जाता था। यह पार्टी "हिन्दुस्तान ग़दर" नाम का पत्र भी निकालती थी जो उर्दू और पंजाबी में छपता था। 

🚩गदर पार्टी ने भारत को अनेक महान क्रांतिकारी दिए। ग़दर पार्टी के महान नेताओं सोहन सिंह भाकना, करतार सिंह सराभा, लाला हरदयाल आदि ने जो कार्य किये उसने भगत सिंह, उधम सिंह जैसे क्रांतिकारियों को उत्प्रेरित किया। पहले महायुद्ध के छिड़ते ही जब भारत के अन्य दल अंग्रेज़ों को सहयोग दे रहे थे गदरियों ने अंग्रेजी राज के विरूध्द जंग घोषित कर दी। उनका मानना था-
सुरा सो पहचानिये, जो लडे दीन के हेत।पुर्जा-पुर्जा कट मरे, कभूं न छाडे खेत॥

🚩'गदर दी गूंज' (ग़दर की गूँज) नामक पुस्तक को भारत में सन्  1913 में अंग्रेज़ी सरकार ने प्रतिबन्धित कर दिया था। इसमें राष्ट्रीय एवं सोसलिस्ट साहित्य का संग्रह था।

🚩ग़दर पार्टी का जन्म अमेरिका के सैन फ़्रांसिस्को के एस्टोरिया में 1913 में अंग्रेज़ी साम्राज्य को जड़ से उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से हुआ। 

🚩स्थापना के बाद गदर पार्टी की पहली बैठक सैक्रामेंटो, कैलिफ़ोर्निया में दिसम्बर 1913 में आयोजित की गयी। इसमें कार्यकारिणी के सदस्यों की घोषणा भी की गयी। 

🚩गदर पार्टी ने 21 अप्रैल 1913 को ऑस्ट्रेलिया की आरा मिलों में एक बुनियादी प्रस्ताव पास किया जिसके तहत कहा गया कि गदर पार्टी हथियारबंद इंक़लाब की मदद से अंग्रेज़ी राज से भारत को आज़ाद कर गणतंत्र कायम करेंगी। 

🚩गदर पार्टी ने अपना पत्र "हिन्दुस्तान ग़दर" निकाला जिसमें ब्रितानी हकुमत का खुला विरोध किया गया। हिन्दुस्तान ग़दर नामक पत्र हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अन्य भारतीय भाषाओं में छापा जाता था। "युगान्तर आश्रम" ग़दर पार्टी का मुख्यालय था। यहीं से ग़दर पार्टी ने एक पोस्टर छापा था जिसे पंजाब में जगह जगह चिपकाया भी गया था। इस पोस्टर पर लिखा था - "जंग दा होका" अर्थात युद्ध की घोषणा।

*योजना*
🚩ग़दर के नेताओं ने निर्णय लिया कि अब वह समय आ गया है कि हम ब्रितानी सरकार के ख़िलाफ़ उसकी सेना में संगठित विद्रोह कर सकते हैं। क्योंकि तब प्रथम विश्वयुद्ध धीरे-धीरे क़रीब आ रहा था ।

🚩अमेरिका ने तो क्रन्तिकारी गदर पार्टी के किस्से पढ़ाने के निर्णय ले लिया लेकिन भारत मे इसका निर्णय कब लिया जाएगा?, भारत के इतिहास में आक्रमणकारि, लुटेरे, बलात्कारी, क्रूर अंग्रेजों और मुगलों की महिमा मंडन किया जाता है लेकिन वास्तव में जिन्होंने अपनी जवानी ओर प्राण देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान दे दिया उनका इतिहास कब पढ़ाया जाएगा???

🚩असली इतिहास नही पढ़ाया जाने के कारण आज किसी को सही इतिहास पता भी नही है गदर पार्टी के बारे में भी अधिकतर भारतवासीयों को पता नही होगा इसलिए सरकार मुगलो व अंग्रेजो के इतिहास हटाकर क्रांतिकारियों व महापुरुषों के इतिहास पढ़ाना चाहिए ।

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Thursday, July 19, 2018

महाराष्ट्र सरकार मंदिरों पर नियंत्रण कर रही है, मस्जिद और चर्च पर नहीं : शिवसेना

19 july 2018 

🚩भारतीय राज्य संविधान के अनुच्छेद 26 (ड) के अनुसार भारतीय जनता को धार्मिक विषयों का व्यवस्थापन संभालने के लिए पूर्णरूप से स्वतंत्र है। ऐसा होते हुए भी लाखों भाविकों की श्रद्धा को ठेस पहुंचाकर सरकार मंदिरों का सरकारीकरण करना चाहती है। 

🚩शिवसेना ने महाराष्ट्र सरकार के कानून के जरिये शनि शिंगणापुर मंदिर पर नियंत्रण करने के निर्णय पर मंगलवार को सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि, उसने (महाराष्ट्र सरकार ने) मस्जिदों और चर्च को छोड दिया है ।

🚩अहमदनगर जिले में स्थित मंदिर पर नियंत्रण के लिए कानून बनाने की सरकार की योजना के विरोध में शिवसेना विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया । विधायकों का तर्क है कि उस्मानाबाद जिले के प्रसिद्ध तुलजाभवानी मंदिर सहित सरकार द्वारा नियंत्रित मंदिरों में अधिकारियों की ‘लूट’ देखी जा सकती है । प्रकाश सुर्वे, प्रकाश फतरपेकर, सदानंद चव्हाण और भारत गोगवाले सहित अन्य विधायकों ने नारेबाजी की और आरोप लगाया कि सरकार केवल मंदिरों पर नियंत्रण कर रही है और चर्च तथा मस्जिदों को छोड रही है ।
Maharashtra government is controlling temples,
not in mosque and church: Shivsena

🚩गोगवाले ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि मंदिरों के प्रबंधन में कोई अनियमितता नहीं हो परंतु शनि मंदिर का सरकारीकरण नहीं होना चाहिए । उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की नजर केवल मंदिरों पर है और इस मुद्दे पर उसे अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए । उल्लेखनीय है कि राज्य विधानमंडल का मॉनसून सत्र अभी नागपुर में चल रहा है । 

🚩सरकार केवल मंदिरों के धन पर आंखें गड़ाए राजकीय असंतुष्टों का पुनर्वसन करने हेतु सुव्यवस्थापन के नाम पर केवल हिन्दुओं के ही मंदिर नियंत्रण में ले रही है। पंढरपुर का श्री विठ्ठल मंदिर, मुंबई का श्री सिद्धीविनायक मंदिर, तुळजापुर का श्री भवानी मंदिर, कोल्हापुर का श्री महालक्ष्मी मंदिर, शिर्डी का साईबाबा मंदिर, पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के अंतर्गत कोल्हापुर, सांगली एवं सिंधुदुर्ग जिलों के 3067 मंदिरों का सरकार ने अतिक्रमण किया है। सरकारीकरण हुए इन मंदिरों में प्रचंड मात्रा में आर्थिक अपहार और भ्रष्टाचार हुआ है ।

🚩इसके कुछ उदाहरण . . .

*🚩1.* पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति : इस समिति के पास 25 हजार एकड भूमि में से 8 हजार एकड भूमि लापता है देवस्थानों के जेवरात-अलंकारों की कहीं प्रविष्टि नहीं, 25 वर्षों से लेखापरीक्षण नहीं !

*🚩2.* श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति, पंढरपुर :इस मंदिर की 1200 एकड भूमि होते हुए भी गत 25 वर्षों से वह नियंत्रण में नहीं, इसके साथ ही एक रुपये का उत्पन्न भी मंदिर को नहीं मिलता; मंदिर की गोशाला का गोधन कसाईयों को बेच दिया गया !

*🚩3.* श्री भवानी मंदिर, तुळजापुर : इस मंदिर समिति के बडे-बडे घोटालों की सीआयडी जांच चल रही है !

🚩ऐसी ही स्थिति सरकारीकरण हुए अन्य सभी मंदिरों की है। मंदिर में भाविकों द्वारा अर्पित दान का उपयोग धर्मप्रसार हेतु नहीं अपितु मुसलमान एवं ईसाई पंथियों के लिए किया गया है। अंधाधुंद कार्यभार कर मंदिरों में हुए करोडों रुपयों का भ्रष्टाचार उजागर होने पर भी उसे बडी सहजता से अनदेखा कर सरकार ने शिंगणापुर के श्री शनैश्वर देवस्थान के सरकारीकरण का आदेश दिया है। अब मुंबई के श्री मुंबादेवी मंदिर पर भी वक्रदृष्टि पड़ी है !

🚩सरकारीकरण हुए मंदिरों में अपेक्षित पवित्रता नहीं रखी जाती है। अनेक स्थानों पर पूर्व से चली आ रहीं अनेक प्रथा-परंपराओं को तोडा जा रहा है, वंशपरंपरागत पुजारियों को हटाकर धर्मशास्त्र न जाननेवाले वेतन लेनेवाले पुजारियों को नियुक्त करने का प्रयत्न सभी मंदिरों में हो रहा है। सरकारी नियम से नियुक्त किए गए पुजारियों को धार्मिक प्रथा-परंपराओं की कितनी जानकारी है, यह तो भगवान ही जानें ! 

🚩हिन्दू मंदिर, चैतन्य और सात्त्विकता के केंद्र होते हैं। इस सात्त्विकता को टिकाने के लिए मंदिरों की पवित्रता को संजोना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है ! यदि सरकार ऐसी अर्थहीन पद्धति से मंदिरों का कारोबार करेगी, तो ऐसे लोगों पर भगवान कभी प्रसन्न होंगे अथवा उनका कोप होगा, यह अलग से बताने की आवश्यकता नहीं। इसलिए वंशपरंपरागत पुजारी एवं प्रथा-परंपराएं, मंदिरों में कायम रखी जाएं।

🚩स्वयं को धर्मनिरपेक्ष कहलवानेवाला शासन मस्जिदों और चर्च के सरकारीकरण का विचार नहीं करता केवल मंदिरों का ही सरकारीकरण कर रहा है। यह हिन्दू समाज पर किया जानेवाला अन्याय और सामाजिक भेदभाव है।

🚩हिन्दू मन्दिरों पर सरकारी नियंत्रण और मस्जिदों, चर्च को खुली छूट, ये कैसा सेक्युलरवाद ?

🚩सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार सरकार के मंदिर सरकारीकरण का प्रयत्न असंवैधानिक है। इसलिए सरकारीकरण हुए सभी मंदिर सरकार भक्तों के स्वाधीन करे, वंशपरंपरागत पुजारियों की परंपरा कायम रखते हुए मंदिरों में धार्मिक प्रथा-परंपराओं में मनमानी परिवर्तन न करे । 

🚩मंदिर की संपत्ति का उपयोग हिन्दूहित के लिए नहीं किया जाता । इससे हिन्दू आर्थिक दृष्टि से निर्बल बन रहे हैं । हिन्दुआें के धर्मांतरण का यह एक बडा कारण है । मंदिरों का प्रशासन पुनः यदि हिन्दुआें के पास आ गया तो उससे हिन्दुआें में आत्मविश्‍वास जागृत होगा तथा मंदिरों की संपत्ति का उपयोग हिन्दूहित के लिए ही किया जाएगा । इस संपत्ति का उपयोग हिन्दुआें को पारंपरिक शस्त्रविद्या, शिक्षा आदि अनेक विषय की शिक्षा देने के लिए किया जा सकता है । स्तोत्र : हिन्दू जन जागृति समिति


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