24 अप्रैल 2020
पालघर में दो साधुओं की नृशंस हत्या के बाद आज मीडिया और बुद्धिजीवी ये बात बोलने लगे गए है कि साधुओं की हत्या के पीछे बड़ा हाथ ईसाई मिशनरियों का लग रहा है क्योंकि वे लोग धर्मान्तरण करवाते है और लोगों में हिंदू धर्म के देवी-देवताओं और साधु-संतों के खिलाफ जहर भरते है, उसका परिणाम आज देखने को मिल रहा है।
धर्मान्तरण करते समय ईसाई मिशनरियां लोगों में हिंदू धर्म के प्रति ऐसा जहर भर देते है कि वे लोग अपने ही हिंदू धर्म के खिलाफ हो जाते है और हत्या तक का अंजाम दे सकते है जैसे अभी पालघर में हुआ और स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती को 2008 में कुल्हाड़े से काट डाला था ।
अभी बड़ी विंडबना ये है कि जो साधु-संत धर्मान्तरण रोकने में आगे आते है उनको ईसाई मिशनरी निशाना बनाती है। जिनकी हत्या कर सके उनकी हत्या कर देते है या जिनकी हत्या नही कर सकते उनके खिलाफ झूठा मुकदमा बनाकर, मीडिया में बदनाम करवाकर जेल भिजवाया जाता है और कुछ हिंदू तो मीडिया की बात को सच मानकर उन संतों को भी गलत बोल देते हैं। उनको पता नही की उनके खिलाफ बड़ी साजिश चल रही है।
आपको बता दे कि स्वामी असीमानन्द जी आवहा-डांग (गुजरात) मे धर्मान्तरण रोक रहे थे तो उनको बम धमाके के में फसाकर 9 साल जेल में रखा फिर निर्दोष बरी हुए।
ऐसा ही मामला हिंदू संत आशारामजी बापू के साथ है। उन्होंने देश-विदेश में ऐसा अभियान छेड़ा की करोड़ो लोग सनातन धर्म के दीवाने होते गए और जो हिन्दू धर्मपरिवर्तन करने लगे थे उनकी घर वापसी करवा दी। एक तरफ हजारों NGO's धर्मान्तरण करवाने के लिए लगे थे और दूसरी तरफ अकेले बापू आशारामजी धर्मान्तरण रोकने में लगे थे और आदिवासियों में जाकर धर्म के ज्ञान के साथ मकान, अनाज, रुपये, जीवनोपयोगी सामग्री आदि देकर उनकी घर वापसी करवाते थे तथा जो आगे धर्मान्तरित होने जा रहे थे उनको रोक रहे थे। गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड तथा ओडिशा आदि मुख्य राज्य थे जिसमें उनका यह मिशन चलता था। उनके करोड़ो अनुयायियों को भी उन्होंने इसी में लगाकर रखा था।
आपको बता दे कि यहां तक वे सफल हुए थे कि इंडोनेशिया से पादरी डॉ. सोलोमन धर्मान्तरण करने के लिए भारत आया था उसने एक दिन बापू आशारामजी का झारखंड में प्रवचन सुन लिया जिसमे हिंदू धर्म के बारे में बापू आशारामजी बता रहे थे, अचानक उसके जीवन मे परिवर्तन हुआ, वो बापू आशारामजी से मिला और उनको गुरु माना और खुद हिन्दू धर्म अपना लिया तथा नाम रख लिया डॉ. सुमन। अब वे खुद पादरियों की पोल खोलते है और धर्मपरिवर्तन की जगह घरवापसी करवाते है।
एक मुसलमान भी भुट्टो खान से हरी शंकर बन गये।
बता दे कि आशारामजी बापू ने वेलेंटाइन डे की जगह पर मातृ-पितृ पूजन दिवस शुरू किया जिसके कारण करोड़ो लोग उस दिन वेलेंटाइन डे की जगह माता-पिता की पूजा करने लगे। उसके कारण विदेशी कम्पनियों के गर्भनिरोधक सामान, दवाइयां, गिफ्ट, नशीले पदार्थ आदि बिकना बंद हो गये जिसके कारण उनको अरबो रूपये का घाटा आ रहा था।
आपको बता दे कि हिंदू संत आशारामजी बापू एक दिन में चार-चार जगह पर प्रवचन के कार्यक्रम करते थे और हर जगह लोगों की भारी भीड़ होती थी। वे जाती-पाती छोड़कर सबको सनातन धर्म मे जोड़ते थे इससे भारतवासी अपने को सनातनी मानकर गर्व महसूस करने लगे। उनके प्रवचन सुनकर करोड़ो लोगों ने शराब, बीड़ी, सिगरेट, चाय आदि व्यसन छोड़ दियें, उनके बताए अनुसार आसान-प्राणायम करके लोग स्वस्थ होने लगे। कुछ बीमारी होती थी तो उनके प्रवचन में बताएं घरेलू नुस्खे सीखकर स्वस्थ होने लगे जिसके कारण लोगो ने दवाइयां लेना बंद कर दी और टीवी, फिल्में आदि देखना छोड़ दिया, क्लब में जाना छोड़ दिया, व्यभिचार छोड़कर सदाचार अपना लिया, ये अभियान सिर्फ भारत नही बल्कि विश्व के कई देशों में भी होने लगा इसके कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों को खरबो रुपयों का नुकसान होने लगा और धर्मान्तरण करने वालो की दुकानें बंद होने लगी इसके कारण अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियां और वेटिकन सिटी बुरी तरह बोखला गए थे।
बता दे कि हिन्दू संस्कृति का परचम लहराने वर्ल्ड रिलीजियस पार्लियामेंट (विश्व धर्मपरिषद) शिकागों में भारत का नेतृत्व 11 सितम्बर 1893 में स्वामी विवेकानंदजी ने और ठीक उसके 100 साल बाद 4 सितम्बर 1993 में हिंदू संत आशारामजी बापू ने किया था।
आपको बता दे कि 2004 में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी को झूठे केस में गिरफ्तार किया तो उनके ही लोग बोलने लगे थे कि शंकराचार्य जी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए लेकिन बापू आशारामजी ने जंतर-मंतर पर धरना दिया जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी जैसे कई बड़े-बड़े नेता उनके साथ आये और आखिर शंकराचार्य जी को निर्दोष बरी करना पड़ा उस समय उन्होंने भविष्यवाणी की थी की अब हमारे ऊपर भी ये लोग षड्यंत्र करेंगे।
बता दे कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जब गिरफ्तार करके जेल में प्रताड़ित किया जा रहा था, उनको केंसर हो गया था और चला भी नही जा रहा था तथा जब उनसे किसी को भी मिलने नही जाने दे रहे थे तब बापू आशारामजी को भी प्रशासन ने मिलने से मना किया था तब उन्होंने नही मिलने पर धरना देने का आह्वान किया था फिर डर के मारे उनको तुरंत मुलाकत करवाई थी और बापू आशारामजी ने साध्वी प्रज्ञा को कहा था कि आप इसी पेर से चलोगी और निर्दोष बरी होंगी, यही आज सच निकला। इसलिए आज साध्वी बापू को निर्दोष मानती है।
रामलीला मैदान में जब बाबा रामदेव और उनके भक्तों पर लाठीचार्ज किया था तब बापू आशारामजी ने सबसे पहला नारा लगया था कि "सोनिया मैडम भारत छोड़ो"
बापू आशारामजी ने बच्चों के लिए देशभर में 17000 हजार बाल संस्कार केंद्र और 35 वैदिक गुरुकुल खुलवा दिएं, युवाओं के लिए करोड़ो युवाधन सुरक्षा का साहित्य बंटवा दिया, युवा सेवा संघ की स्थापना की, महिलाओं के उत्थान के लिए महिला उत्थान मंडल खोल दिया, उनके 450 आश्रम और 1400 समितियां देशभर में समाज, राष्ट्र और संस्कृति की सेवा में लग गई।
बापू आशारामजी जोर-शोर से देश-विदेश में सनातन हिंदू धर्म का परचम लहरा रहे रहे थे जिससे लोग राष्ट्रवादी ओर उद्यमी बन रहे थे। राष्ट्रविरोधी ताकतों को ये रास नही आया। वे सबके सब 2008 से उनके पीछे लग गए और उनकी खूब बदनामी शुरू कर दी।
वे एकबार हवाई जहाज से आ रहे थे तब उसी में डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी भी थे। उन्होंने बताया कि बापू आप जो इतना जोरो से धर्मान्तरण पर रोक लगा रहे है उसके कारण वेटिकन सिटी आपसे नराज है और सोनिया गांधी से मिलकर आपको जेल भेजने की तैयारी कर रही है। स्वामी ने आगे बताया कि उनको कोई परवाह नही थी भगवान में विश्वास था। आखिर यही हुआ कि सोनिया गांधी ने वेटिकन सिटी के इशारे पर जेल भिजवाया और विदेशी फंड से मीडिया द्वारा खूब बदनाम करवाया।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि पूरा केस बोगस है क्योंकि जिस समय की घटना लड़की बता रही है उस समय तो वह फोन पर अपने मित्र से बात कर रही थी और आशारामजी बापू अपने एक कार्यक्रम में व्यस्त थे उसके फोटोज भी है और 50 लोग गवाह भी है फिर भी उनको षड्यंत्र के तहत 25 अप्रैल 2018 में उम्रकैद की सजा दे दी। ये वेटिकन सिटी की जीत थी और इतिहास का काला दिवस था जो सनातन धर्म के प्रचार रथ को रुकवा दिया। बापूजी 7 साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है लेकिन एक दिन भी जमानत नही दी गई जबकि बड़े-बड़े अपराधियों को जमानत दे दी जाती है।
आपको बता दें कि बापू आशारामजी के अहमदाबाद आश्रम में एक Fax आया था जिसमें 50 करोड़ की फिरौती की मांग की गई थी और न देने पर धमकी दी गई थी कि अगर बापू ने 50 करोड़ नही दिए तो झूठी लड़कियां तैयार करके झूठे केस में फंसा देंगे और कभी बाहर नहीं आ पाओगे पर कोर्ट ने इनके ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया।
इन सब तथ्यों से साबित होता है कि बापू आशारामजी को षड्यंत्र के तरह फ़साया गया है और इसमें मुख्यरूप से धर्मान्तरण पर रोक लगाने पर ये सब हुआ, ये सभी टीवी चैनल के मालिक जानते है पर उनको उनके खिलाफ खबर चलाने की भारी फंडिग मिलती है इसलिए उनके एंकरों को जैसे बोलते है वैसे वे करते है उनको तो नोकरी करनी है परिवार पालना है देश-धर्म से कोई लेना देना है नही इसलिए वे बापू आशारामजी को बदनाम करते है और भोले-भाले हिंदू उनकी बातों में आकर उनकी बात सच मानकर अपने धर्मगुरुओं को गलत मानने लग जाते है।
अभी भी समय है हिंदू साधु-संतों पर हो रहे अत्याचार को मिलकर रोकना होगा तभी सनातन धर्म बचेगा। और धर्म होगा तभी मानवता जीवित रहेगी और राष्ट्र सुरक्षित रहेगा।
Official Azaad Bharat Links:🏻
🔺 Follow on Telegram: https://t.me/azaadbharat
🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ