Thursday, January 11, 2024

स्वर्गीय श्री अशोक सिंघल जी का दूसरा बड़ा सपना साकार होना अब भी बाकी है !!

 VHP के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय श्री अशोक सिंघल जी के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का सपना हुआ साकार...

दूसरा बड़ा सपना साकार होना अब भी बाकी है !!


 12 January 2024

https://azaadbharat.org 

🚩यह तो सब जानते ही हैं कि श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर-निर्माण में विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय श्री अशोक सिंघल जी तथा बीजेपी सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी का बड़ा योगदान रहा है। पर क्या आप ये जानते हैं , कि इन्हीं दो नेताओं ने एक और बड़े मुद्दे पर जमकर पैरवी की है और वह है आशाराम बापू की ससम्मान रिहाई ।

दोनों नेताओं ने खुलकर हर मंच पर कहा है , कि आशाराम बापू निर्दोष हैं, उन्हें फँसाया गया है और उन्हें जल्द-से-जल्द ससम्मान रिहा किया जाना चाहिए। अशोक सिंघल जी और सुब्रमण्यम स्वामी जी , श्री आशारामजी बापू से मिलने जोधपुर जेल भी गये थे।

https://youtu.be/zS9LjF4z4MQ


🚩क्या कहते थे सिंघल जी, श्री आशाराम जी बापू के बारे में ?


 🚩जोधपुर जेल में बापू जी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान सिंघल जी ने कहा था कि ‘‘आशारामजी बापू को इस उम्र में इतना कष्ट दिया गया है,निंदनीय है! कानून में किसी को भी फँसाया जा सकता है । बापू पर लगाया गया आरोप, केस – सारा कुछ बनावटी है । हिन्दू धर्म के खिलाफ देश के भीतर वातावरण पैदा हो इसके लिए भारी मात्रा में फंड्स देते हैं विदेशी लोग। आशारामजी बापू हमारी संस्कृति को समाज में प्रतिष्ठित करने में लगे हुए हैं। समाज उनका ऋणी रहेगा और कभी उस ऋण को चुका नहीं पायेगा। उन्होंने अनेक प्रकार के सेवाकार्य वनवासी क्षेत्रों में खड़े किये। ये सेवाएं जिनके लिए बरदाश्त से बाहर की चीज थी उन्होंने ही महाराजजी को ऐसे बदनाम करना चाहा है जैसे शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती जी को किया गया था।’’

 

🚩क्या कहते आये है सुब्रमण्यम स्वामी जी ?


🚩डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी यह पहले ही कह चुके हैं, कि ‘‘लड़की के फोन रिकॉर्ड्स से पता लगा कि जिस समय पर वह कहती है कि वह कुटिया में थी, उस समय वह वहाँ थी ही नहीं ! उसी समय बापू सत्संग में थे और आखिर में एक मँगनी के कार्यक्रम में व्यस्त थे। वे भी वहाँ कुटिया में नहीं थे। बापू पर ‘पॉक्सो एक्ट’ लगवाने हेतु एक झूठा सर्टिफिकेट निकाल के दिखा दिया गया। संत श्री आशारामजी बापू के खिलाफ किया गया केस पूरी तरह बोगस है।’’

https://youtu.be/YegncME19aU?si=UQ49WLp1DT5A3xyq

 

🚩निश्चित ही श्री अशोक सिंघल जी, वी.एच.पी. कार्यकर्ताओं और संस्कृति प्रेमियों का श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का एक सपना तो साकार हो गया है और अब उनका संत श्री आशाराम जी बापू की निर्दोष रिहाई का दूसरा सपना भी जल्द ही साकार होगा ऐसा जनता का मानना है।

देश की जनता की पुरजोर मांग है , कि हिंदूवादी सरकार को भी बापू आशारामजी की रिहाई के लिए प्रयास करने चाहिए।


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हिंदी भाषा 132 देशों में फैल चुकी है, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी अपनाई हिंदी

11 January 2024

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🚩हिन्दी भाषा का दायरा 132 से भी अधिक देशों में फैला हुआ है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी अपने कार्यों और अनिवार्य संदेशों को हिन्दी में प्रेषित करने की घोषणा की हैं।


🚩भारत विविधताओं से परिपूर्ण देश है। हमने पूरी दुनिया को ‘अनेकता में एकता’ का एक अभूतपूर्व संदेश दिया है। आज विश्व में हमारी एक अनोखी सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान है। हमारी यह विविधता हमारी भाषाओं और बोलियों में भी झलकती है। हमारे देश के लोग अपनी सुविधा और संस्कृति के अनुसार अपनी भाषा का चयन करते हैं, लेकिन इन भाषाओं में हिन्दी सर्वोपरि है।


🚩हिन्दी एक ऐसी भाषा है, जो न केवल हमारे देश के आधे से ज्यादा भू-भाग को जोड़ती है, बल्कि यह पूरे विश्व में फैले भारतवासियों को भी एकसूत्र में पिरोने का काम करती है। हिन्दी के इन्हीं महत्वों और उपलब्धियों को देखते हुए, हम हर वर्ष 10 जनवरी को “विश्व हिन्दी दिवस” के रूप में मनाते हैं, जिसका आयोजन विदेश मंत्रालय द्वारा किया जाता है।

 

🚩हिन्दी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का एक अभिन्न अंग है। विश्व हिन्दी दिवस हमें हिन्दी के प्रति अपने समर्पण को बढ़ाने का एक महान अवसर प्रदान करता है। 


🚩दरअसल, यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि आज हिन्दी पूरे विश्व में अपना पैर पसारती जा रही है। अनेकानेक देशों में हिन्दी अच्छी तरह बोली जा रही है और कई देशों की संपर्क भाषा के रूप में प्रतिष्ठित हो चुकी है।

 

🚩हालांकि, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी की यात्रा अत्यंत कठिन रही है। राजनीतिक कारणों के कारण हमारी प्यारी हिन्दी, राष्ट्रभाषा का दर्जा हासिल नहीं कर पाई, लेकिन बीते 9 वर्षों में हिन्दी ने वैश्विक स्तर पर एक नई ऊंचाई को हासिल किया है।

 

🚩आज के समय में हिन्दी को सामान्य जनामानस के अलावा, सरकारी विभागों, मण्डलों और समितियों में भी बढ़ावा देने के लिए गृह मंत्रालय के अंतर्गत राजभाषा विभाग द्वारा अथक प्रयास किए जा रहे हैं।


🚩भारत प्राचीन काल से ही विविध भाषाओं का देश रहा है और आज हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। ‘हिन्दी’ ने हमारे इस लोकतांत्रिक व्यवस्था को एक-सूत्र में पिरोने का महान कार्य किया है। इसने हमारे विविध क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों के अलावा, कई वैश्विक भाषाओं के साथ घुल-मिल कर पूरे विश्व में अपनी एक अनूठी पहचान बनाई है। 

 

🚩हिन्दी ने हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भी एक ‘संवाद भाषा’ के तौर पर समाज को पुनर्जागृत करने में एक उल्लेखनीय भूमिका निभाई। इतिहास साक्षी है कि हमारे देश में 'स्वराज' प्राप्ति और 'स्वभाषा' के आन्दोलन एक साथ चले। 

 

🚩हालांकि, हिन्दी के प्रति सम्मान और इसके प्रसार को बढ़ावा कुछ लोगों को रास नहीं आता है। उन्हें लगता है कि हम आधुनिकता केवल अंग्रेजियत से हासिल कर सकते हैं, लेकिन हमें यह समझना होगा कि किसी भी समाज में मौलिक और सृजनात्मक अभिव्यक्ति को केवल और केवल अपनी भाषा के माध्यम से ही विकसित किया जा सकता है। यह एक शाश्वत सत्य है कि हमारी अपनी मातृभाषा में भी हमारी उन्नति का मूल छिपा हुआ है। 


🚩हमारी भाषाएं, हमारी बोलियां, हमारी अमूल्य विरासत हैं। यदि हमें आगे बढ़ना है, तो इसे हमें साथ लेकर चलना ही होगा। इसी संकल्प के साथ बीते 9 वर्षों के दौरान भारत सरकार ने हिन्दी समेत सभी भारतीय भाषाओं के वैश्विक प्रचार-प्रसार के लिए आधुनिक तकनीक के माध्यम से सार्वजनिक, प्रशासन, शिक्षा और वैज्ञानिक प्रयोग के अनुकूल उपयोगी बनाने का प्रयास किया है। 

 

🚩हमें इस वास्तविकता को समझना होगा कि आज जब हमने स्वंय को वर्ष 2047 तक एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए ‘पंच प्रण’ का संकल्प लिया है, तो ऐसे में यह निश्चित है कि हिन्दी हमारे पारंपरिक ज्ञान, ऐतिहासिक मूल्यों और आधुनिक प्रगति के बीच, एक महान सेतु की भूमिका निभाएगी इसलिए हमें हिन्दी भाषा को अपनी पूरी शक्ति के साथ प्रचारित और प्रसारित करने की आवश्यकता है।


🚩यह देखना सुखद है कि हर वर्ष हिन्दी दिवस का आयोजन वैश्विक स्तर पर घटित हो रहा है। साथ-साथ यह समय की महती मांग भी है कि हम विश्व के जन-जन तक हिन्दी को प्रचारित और प्रसारित करने के लिए एक आंदोलन के रूप में हिंदी दिवस को एकजुट होकर सफल बनाएं।


🚩हमें हिन्दी दिवस पर विश्व के वैसे सभी देशों में विविध प्रकार के आयोजनों को शामिल करना होगा, जहां भारतवंशी जहां अधिकाधिक हैं साथ ही, हमें आज लॉर्ड मैकाले द्वारा भारत पर थोपी गई उस शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने की भी आवश्यकता है, जो सामाजिक और सांस्कृतिक विरासतों को सदियों से धूल-धूसरित कर रहे हैं। 

 

🚩इसके लिए हमें एकजुट होकर हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं के उत्थान और विकास के लिए एक जन-आंदोलन को अंज़ाम देते हुए, अंग्रेज़ियत से मुक्त पाने की कोशिश करने होगी, क्योंकि एक विदेशी भाषा को अंगीकार कर हम चाहें जितनी भी आर्थिक प्रगति कर लें, लेकिन सांस्कृतिक आत्मनिर्भरता हमें अपनी भाषाओं से ही हासिल हो सकती है। अंत में, समस्त भारतवासियों को विश्व हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं।


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Tuesday, January 9, 2024

भोपाल में मिशनरी द्वारा संचालित एक अवैध बालिका-गृह में दी जा रही है ईसाइयत की ट्रेनिंग !

 68 नामांकित बच्चियों में से 26 गायब !!

10 January 2024

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🚩भोपाल में क्रिश्चियन मिशनरी की ओर से अवैध तरीके से प्राइवेट गर्ल्स हॉस्टल का संचालन किया जा रहा है। यहाँ 68 बच्चियों का नामांकन हुआ है, लेकिन उनमें से 26 बच्चियाँ गायब हैं। इस हॉस्टल को चलाने वाले संचालक अनिल मैथ्यू को इन लड़कियों के बारे में पता तक नहीं है कि वो आखिर गईं तो गईं कहाँ? इस हॉस्टल में 6 से 18 साल की लड़कियाँ रहती हैं, जिसमें से अधिकांश हिंदू हैं।


🚩ये हॉस्टल भोपाल के बाहरी इलाके में स्थित परवलिया थाना इलाके में चलाया जा रहा है। इस हॉस्टल में चल रही अनियमितताओं की सूचना जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को मिली, तो उन्होंने गुरुवार (04 जनवरी 2024) को पूरे स्टाफ के साथ छापेमारी की और मौके पर जाकर हॉस्टल को देखा। इस हॉस्टल में तमाम अनियमितताएँ मिली। उन्होंने खुद इसकी सूचना एक्स के माध्यम से सार्वजनिक की।


🚩प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर लिखा, “04 जनवरी 2024 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के तारासेवनिया में राज्य बाल आयोग अध्यक्ष व सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से एक मिशनरी द्वारा संचालित अवैध बालिका गृह का निरीक्षण किया। यहाँ की संचालक हाल में सरकारी एजेन्सी के तहत चाइल्ड लाइन पार्ट्नर के रूप में कार्यरत रही है एवं इसने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जो बच्चे सड़कों से रेस्क्यू किए, उनको बग़ैर सरकार को सूचना दिए बिना लाइसेंस चलाए जा रहे स्वयं के इस बाल गृह में गुपचुप ढंग से रख कर, उनसे ईसाई धार्मिक प्रैक्टिस करवाई।”


🚩उन्होंने आगे लिखा, “6 साल से 18 साल तक की 40 से ज़्यादा लड़कियों में अधिकांश हिंदू हैं। काफ़ी कठिनाई के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। दुर्भाग्य से मध्य प्रदेश के महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी ऐसी ही एनजीओ से चाइल्ड हेल्पलाइन ठेके पर चलवाना चाहते हैं। मुख्य सचिव को पृथक से नोटिस जारी किया है।”


🚩इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हस्तक्षेप किया है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत कठोर कदम उठाने का आग्रह किया। शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, “भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित बालगृह से 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। मामले की गंभीरता तथा संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने एवं त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूँ।”

https://twitter.com/KanoongoPriyank/status/1743320137976225925?t=kWRN53GT1P-R3ksz5bW1jg&s=19


🚩प्रियंक कानूनगो ने कहा कि इस हॉस्टल में उन लड़कियों को रखा जाता था, जो सड़क और रेलवे स्टेशन से रेस्क्यू करके लाई गई थी। इनमें कई बच्चियाँ अनाथ थीं। उन्होंने बताया कि जो NGO सरकारी एजेन्सी चाइल्ड लाइन के रूप में बच्चों को रेस्क्यू कर रही थी, उसी ने बच्चों को गुपचुप ढंग से अवैध बाल गृह में रखा था। ऐसी संस्थाओं को चाइल्डलाइन का काम सौंपा जाना ख़तरनाक है। चुनाव के पहले कुछ अकर्मण्य अधिकारियों ने इन्हीं संस्थाओं के हाथ में बच्चों के संरक्षण हेतु चाइल्ड लाइन संचालित करने का काम देने का आदेश कैबिनेट से स्वीकृत करवा लिया था। प्रियंक कानूनगो ने शिवराज सिंह चौहान के एक्स हैंडल पर जवाब देते हुए लिखा, “मुझे विश्वास है कि आप उसको भी वापिस लेने के लिए सरकार को आग्रह करेंगे।”


🚩बता दें कि इस मिशनरी हॉस्टल का उद्घाटन 2020 में हुआ था। ये हॉस्टल विदेशी दानदाताओं की मदद से बना था। हालाँकि ये पता नहीं चल सका है कि इस एनजीओ को विदेशी सहायता मिलती है या नहीं, लेकिन हॉस्टल के उद्घाटन के समय लगी शिलापट तो साफ-साफ कह रही है कि इसके निर्माण में विदेशी मदद हासिल हुई थी।


🚩देश में ही कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिससे ये बात साफ हो गई है कि ईसाई मिशनरियां मानव तस्करी के साथ दुष्कर्म को बढ़ावा देने वाली बन गई हैं। मदर टेरेसा की संस्था ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ के रांची सेंटर में बच्चे बेचे जाने का मामला सामने आने के बाद पहली बार लोगों को पता चला था कि मानवता और समाज में सेवा के नाम पर दरअसल क्या हो रहा था। जाहिर है देश के लिए इससे शर्मनाक कुछ भी नहीं हो सकता कि धर्म की आड़ में बच्चे बेचने का रैकेट चल रहा हो।


🚩देश में धर्मांतरण का एक बड़ा नेटवर्क चलाया जा रहा है। इस कारण देश में हिंदू आबादी लगातार घट रही है। हिंदुओं के देश में ही आठ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं। इसमें सबसे बड़ी भूमिका ईसाई मिशनरियों की सामने आती रही है।


देशवासियों को ईसाई मिशनरियों के स्कूलों में भी बच्चों को नही भेजना चाहिए, वहाँ पर भी हिन्दू त्योहारों और हिन्दू रीति रिवाजों का विरोध होता है। साथ ही साथ हिन्दू देवी-देवताओं का भी अपमान किया जाता है और यीशु को महान बताकर बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता है।

ईसाई मिशनरियों के काले चिट्ठे सामने आ गए हैं, लेकिन एक भी सेक्युलर नेता या मीडिया बोलने को तैयार नहीं है, क्योंकि इन्हें भी वेटिकन सिटी से फंडिंग मिलती है।


🚩गौरतलब है कि यहाँ ख़तरा सिर्फ़ हिन्दू बच्चों के ऊपर नहीं मंडरा रहा है,हालांकि यह भी उतना ही सच है, कि इन मिशनरीज़ और इनके एनजीओज़ का मेन टार्गेट पॉइंट विशेषकर हिन्दू ही हैं।

आवश्यकता है सावधान होने की और तभी हमारे देश के भावी कर्णधारों को हम सुरक्षित रख सकेंगे...


जय हिंद  !

जय माँ भारती !!


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Monday, January 8, 2024

श्रीराम जन्मभूनि मंदिर निर्माण के लिए प्रयास इतने भी सहज नहीं रहे हैं...800 वर्षों में लाखों हिंदुओं ने दिए हैं बलिदान !!

09 January 2024

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🚩भारत में विधर्मी आक्रमणकारियों ने बड़ी संख्या में हिन्दू मन्दिरों का विध्वंस किया । स्वतन्त्रता के बाद भी तत्कालीन सरकारों ने मुस्लिम वोटों के लालच में मस्जिदों, मजारों आदि को बना रहने दिया ।

🚩इनमें से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर (अयोध्या), श्रीकृष्ण जन्मभूमि (मथुरा) और काशी (विश्वनाथ मंदिर) के सीने पर बनी मस्जिदें सदा से हिन्दुओं को उद्वेलित करती रही हैं। इनमें से श्रीराम मंदिर के लिए विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष स्वर्गीय श्री अशोक सिंघल की अध्यक्षता और शिवसेना के बाला साहब की अध्यक्षता में देशव्यापी आन्दोलन किया गया, जिससे 6 दिसम्बर, 1992 को वह बाबरी ढाँचा धराशायी हुआ ।


🚩श्री राम मंदिर कब तोड़ा गया?


🚩मुस्लिम आक्रमणकारी बाबर 1527 में फरगना से भारत आया था, बाबर के आदेश से उसके सेनापति मीर बाकी ने 1528 ई. में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को गिराकर वहाँ एक मस्जिद बना दी थी । मंदिर तोड़ रहे थे उस समय इस्लामी आक्रमणकारियों से मंदिर को बचाने के लिए रामभक्तों ने 15 दिन तक लगातार संघर्ष किया, जिसके कारण आक्रांता मंदिर पर चढ़ाई न कर सके और अंत में मंदिर को तोपों से उड़ा दिया। इस संघर्ष में 1,36,000 रामभक्तों ने मंदिर रक्षा हेतु अपने जीवन की आहुति दी थी।


🚩भगवान श्री रामजन्मभूमि मंदिर टूटने के बाद हिन्दू समाज एक दिन भी चुप नहीं बैठा। वह लगातार इस स्थान को पाने के लिए संघर्ष करता रहा । 


🚩1528 से 1949 ईस्वी तक के कालखंड में श्रीरामजन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण हेतु 76 बार संघर्ष/युद्ध हुए। इस पवित्र स्थल हेतु श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज, महारानी राज कुंवर तथा अन्य कई विभूतियों ने भी संघर्ष किया।


🚩800 सालों के संघर्ष के बाद आज हिंदुओं को सफलता मिली है, अब अयोध्या में भव्य श्री रामजन्मभूमि मंदिर बन गया है,लेकिन आज भी हिंदुओं को सावधान रहना जरुरी है । क्योंकि विधर्मी लोगों को मंदिर रास नही आ रहा है इसलिए राम मन्दिर के साथ राम राज्य की भी स्थापना बहुत जल्द और बेहद ज़रूरी है।


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Sunday, January 7, 2024

रामचरितमानस जलाने वालों पर NSA लगाने पर हाईकोर्ट ने क्या कहा ?

8 January 2024

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🚩मुस्लिम समुदाय बाहुल्य देशों में ईशनिंदा करने से फांसी तक की सजा दी जाती है लेकिन भारत हिंदु बाहुल्य देश है फिर भी हिंदुओं के अराध्य देवी, देवताओं, मंदिरों, धर्म ग्रंथो और साधु संतो का आए दिन अपमान किया जा रहा है फिर भी उनपर कोई कार्यवाही नही की जाती है क्योंकि हिंदुओं ने अपनी संस्कृति से सीखा है की प्राणी मात्र का हित करना, करुणा करना, सभी पर दया करना इसका फायदा उठाकर आसुरी स्वभाव के लोग हिंदुओं की अस्थाओ पर प्रहार करते रहते है।


🚩इलहाबाद हाइकोर्ट ने क्या कहा ?


🚩इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामचरितमानस जलाने वाले 2 हिन्दू विरोधियों पर लगे NSA (रासुका) हटाने से इनकार कर दिया है। इन दोनों ने रामचरितमानस की प्रतियाँ खुलेआम जलाई थीं। गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरितमानस का उत्तर भारत में विशेष महत्व है। उन्होंने रामायण को सरलीकृत लोकसभा में आम जनों तक पहुँचाया था। लेकिन, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और राजद नेता व बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव जैसे नेताओं ने लगातार बयान देकर 2023 में रामचरितमानस को बदनाम करने की कोशिश की।


🚩वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियाँ खुलेआम जलाई गईं। जिलाधीश के आदेश पर 2 आरोपितों के खिलाफ रासुका के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन दोनों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती दी। अब हाईकोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया है। जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने शुक्रवार (5 जनवरी, 2024) को देवेंद्र प्रताप यादव एवं सुरेश सिंह यादव की याचिकाओं को रद्द कर दिया।


🚩सतनाम सिंह नवी नामक हिन्दू कार्यकर्ता ने 29 जनवरी, 2023 को इस संबंध में स्थानीय PGI थाने में मामला दर्ज कराया था। वृन्दावन कॉलोनी में रामचरितमानस पुस्तक के न सिर्फ पन्ने फाड़े गए थे, बल्कि जला भी दिया गया था। इससे आम लोग आक्रोशित हो गए और इलाके में तनाव बढ़ गया था। इन दोनों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में इस कृत्य को अंजाम दिया था। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि आरोपितों ने अपने सहयोगियों के साथ मिल कर दिन-दहाड़े सार्वजनिक स्थल पर भगवान राम के जीवन के घटनाक्रम से संबंधित ग्रन्थ का जिस तरह से अपमान किया, उससे सामाजिक आक्रोश स्वाभाविक है।


🚩इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साथ ही रामचरितमानस को हिन्दुओं की धार्मिक मान्यताओं और आस्था से भी जोड़ा। जजों ने नोट किया कि मोबाइल, इंटरनेट और सोशल मीडिया के वर्तमान युग में हर व्यक्ति इनसे जुड़ा हुआ है और ऐसे में ऐसी घटनाओं से समाज में धार्मिक उन्माद और तनाव फैल सकता है। साथ ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने माना कि प्रशासन द्वारा NSA लगाने का निर्णय लेना उचित है और सही है। अदालत ने कहा कि जिस तरह का व्यवहार किया गया, हिन्दुओं का आक्रोशित होना स्वाभाविक था। - ओप इंडिया


🚩तुलसीदास जी राम कथा की महिमा बताते हुये कहते हैं।


🚩रामचरितमानस एहि नामा। सुनत श्रवन पाइअ बिश्रामा ।।

मन करि बिषय अनल बन जरई। होई सुखी जौं एहिं सर परई ।।

रामचरितमानस मुनि भावन। बिरचेउ संभु सुहावन पावन ।।

त्रिबिध दोष दुख दारिद दावन । कलि कुचालि कुलि कलुष नसावन ।।


🚩वे कहते हैं कि भगवान की इस कथा का नाम ‘श्री रामचरितमानस’ इसलिये रखा है कि इसको सुनकर व्यक्ति को विश्राम मिलेगा । इस कथा के प्रभाव से मानसिक स्वस्थता प्राप्त होगी । मन में विषय वासनायें भरी हुई हैं । जिस प्रकार अग्नि में लकड़ी जल जाती है, उसी प्रकार जब लोग रामकथा सुनगें तो यह उनके हृदय में पहुँचकर विषयों की वासना को समाप्त कर देगी । श्री रामचरितमानस एक सरोवर के समान है जो इस सरोवर में डुबकी लगायेगा वह सुखी हो जायेगा । विषयों की अग्नि में व्यक्तियों के हृदय जल रहे हैं और यह ताप उन्हें दुख देता है । जिसने श्री रामचरितमानस रूपी सरोवर में डुबकी लगाई उसका सन्ताप दूर होकर शीतलता प्राप्त हो जाती है।


🚩श्री रामचरितमानस को सबसे पहले शंकर जी ने रचा था । वह अति सुन्दर है और पवित्र भी। यह कथा तीनों प्रकार के दोषों, दुखों, दरिद्रता, कलियुग की कुचालों तथा सब पापों का नाश करने वाली है। जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक इस कथा को सुनेंगे तो उनके मानसिक विकार दूर होंगे । अनुकूल व प्रतिकूल परिस्थितियों में वे विचलित नहीं होंगे ।आधिदैविक, आधिभौतिक और आध्यात्मिक तीनों ताप उन्हें नहीं सतायेंगे, उनकी वासनायें परिमार्जित हो जायेंगी और वे आत्मज्ञान के अधिकारी बनेंगे ।


🚩जो प्राणिमात्र का कल्याण करने का सामर्थ रखता है ऐसे पवित्र ग्रंथ श्री रामचरितमानसके मानस के बारे में गलत बोलना भी भयंकर पाप है इसलिए इस पवित्र ग्रंथ का जितना आदर करो उतना कम है क्योंकि सही जीवन जीने की राह यही ग्रंथ देता है और मरने के बाद मोक्ष तक की यात्रा करवा देता हैं।


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Saturday, January 6, 2024

अंग्रेजी नववर्ष पर 2800 करोड़ का दारू पी गए ?

04 January 2024

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🚩अंग्रेज़ी नववर्ष पर युवकों के मदिरापान, नशीले पदार्थों का सेवन करने की मात्रा में काफी बढोतरी हुई है। युवक-युवतियों का स्वेच्छाचारी आचरण बढ़ा है तथा मदिरापान कर तेज सवारी चलाने से दुर्घटनाओं में बढोतरी हुई है। इस ख्रिस्ती नए वर्ष ने युवा पीढ़ी को विलासवाद तथा भोगवाद की खाई में धकेल दिया है।


🚩आपको बता दे की मीडिया रिपोर्ट अनुसार अंग्रेजी नववर्ष पर केवल राजस्थान में ही करीब 163 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री हुई है।


🚩बात दे की दिल्ली में 31 दिसंबर को ही करीब 24 लाख शराब की बोतलें बिक गईं हैं। वहीं, गाजियाबाद में लोगों ने 31 दिसंबर को 7.72 करोड़ की शराब पी डाली। नोएडा में करीब 11 करोड़ की शराब पी गए।


🚩वही देहरादून में अंग्रेजी नए साल में करीब 30 करोड़ रुपये की शराब गटक गए। भोपाल में करीब 4 करोड़ की दारू पी गए।


🚩अंग्रेज़ी नए साल में दारू पीने के आंकड़े कुछ ही आए है बाकी सभी राज्यों में 100 करोड़ की दारू बिक्री माना जाए तो 28 राज्यों में 2800 करोड की दारू की बिक्री हुई। और पूरा आंकड़ा तो आना संभव नही है, क्योंकि गांवों में भी लोकल ब्रांड की दारू पी गई होगी।


🚩एक तरफ भारत में नशाबंदी की बात चल रहि है वही दूसरी तरफ अंग्रेज़ी नववर्ष मनाने में अरबों रुपए की दारू पी जाते है । अंग्रेजी नववर्ष हमारे देश की युवा पीढ़ी और देश को बर्बाद ही कर रही है।


🚩हमें समझना चाहिए कि अंग्रेजों द्वारा थोपा गया नूतन वर्ष हमारा सांस्कृतिक, शारीरिक, मानसिक और सामाजिक पतन करता है जो राष्ट्र के लिए भी हानि करता है इसलिए हमें ऐसे त्यौहार से बचना चाहिए और अपने आसपास कोई गलती से नया साल मना रहा हो तो उसको भी समझाइये कि भाई ये हमारा त्यौहार नहीं है, हमारी संस्कृति सबसे महान है और वो नूतन वर्ष चैत्री शुक्लपक्ष प्रतिपदा को आएगा उस दिन हम सभी मिलकर धूमधाम से नववर्ष मनायेंगे। 1 जनवरी को केवल कैलेंडर ही बदलें, नहीं बधाई दें और अपना परिचित कोई बधाई देता है तो उसको समझायें कि हमारा नया साल 1 जनवरी नहीं है,विक्रम संवत 2081 चैत्री शुक्लपक्ष प्रतिपदा गुड़ी पड़वा ( 9 अप्रैल 2024 ) को आएगा।


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Friday, January 5, 2024

मिल का आटा और फ्रिज में रखा हुआ आटा स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक ?

06 January 2024

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🚩आजकल बड़ी-बड़ी मिलों से बनकर आने वाले आटे का उपयोग अधिक होता है किंतु यह आटा खाने वाले के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है। मिलों के आटे की अपेक्षा घरेलू मशीनों का आटा अच्छा रहता है लेकिन हाथ की चक्की द्वारा बनाया गया आटा सर्वोत्तम होता है। 


🚩आटे की मिलों में प्रतिदिन टनों की मात्रा में गेहूँ पीसा जाता है। अतः इतने सारे गेहूँ की ठीक से सफाई नहीं हो पाती। फलतः गेहूँ के साथ उसमें चूहों द्वारा पैदा की गयी गंदगी तथा गेहूँ में लगे कीड़े आदि भी घिस जाते हैं।


🚩इसलिए इसे शुद्ध एवं सात्त्विक अन्न नहीं कहा जा सकता। इसलिए जहाँ तक हो सके गेहूँ को साफ करके स्वयं चक्की में पीसना चाहिए और उस आटे को सात दिन से अधिक समय तक नहीं रखना चाहिए क्योंकि आटा सात दिन तक ही पौष्टिक रहता है। सात दिनों के बाद उसके पौष्टिक तत्त्व मरने लगते हैं। इस प्रकार का पोषकतत्त्वविहीन आटा खाने से मोटापा, पथरी तथा कमजोरी होने की सम्भावना रहती है।

आटे को छानकर उसका चापड़ा (चोकर) फेंके नहीं, वरन् चोकरयुक्त आटे का सेवन करें।


🚩फ्रिज में रखा हुआ आटा से नुकसान


🚩पेट से संबंधित समस्याएं


🚩फ्रिज में रखने से आटे की रोटी खाने से पेट में दर्द और उल्टी होने जैसी समस्याएं हो सकती है, क्योंकि फ्रिज में रखे आटे में बैक्टीरिया पनप सकता हैं जो फूड पॉइजनिंग का कारण बनता हैं। फ्रिज में रखे आटे की रोटी खाने से हमारे पाचन तंत्र पर भी बुरा असर पड़ता है, जिसके कारण हमें एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


🚩बैक्टीरिया


🚩फ्रिज में रखे आटे की रोटियां खाना हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि फ्रिज में रखे आटे में बैक्टीरिया जल्द पनपता हैं, जिससे में कई समस्याएं हो जाती हैं, क्योंकि फ्रिज में ठंडक होती है, जो बैक्टीरियां को मारती नहीं है।


🚩पोषक तत्वों की कमी


🚩फ्रिज में आटा रखने से उसमें पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जो हमारी सेहत के लिए अच्छी नहीं होती है, क्योंकि फ्रिज में आटा रखने से आटे में मौजूद मिनरल्स और विटामिन खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है, कि अगर आपको आटा फ्रिज में रखना है,तो आप आटे को 5-6 घंटे से ज्यादा समय के लिए ना रखें, क्योंकि फ्रिज में आटा रखने से आटे में मौजूद रसायन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं और फ्रिज में गैस होती है जो आटे में समा जाती हैं, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक होती है।


🚩संभव हो तो घर में आटा चक्की लाकर पीसना चाहिए नहीं तो आसपास की चक्की से ताजा और शुद्ध आटा खरीदना चाहिए और आटा को फ्रिज में कभी नही रखना चाहिए।


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