Monday, May 27, 2019

भगवा आतंकवाद की असत्यता सिद्ध करने वाले अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर गिरफ्तार

27 मई 2019
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🚩राष्ट्र व धर्म के लिए जो भी व्यक्ति आगे आकर कार्य करेगा उसके पीछे कुछ असामाजिक तत्व पड़ जाते हैं क्योंकि उनको राष्ट्र और धर्म के हित के कार्य अच्छे नहीं लगते हैं । जैसे उल्लू सूर्य के अस्तित्व को नकार देता है क्योंकि वो उसे देख नहीं सकता, वैसे ही सनातन धर्म के लिए जो कार्य करेंगे उनके पीछे दुष्ट प्रकृति के लोग पड़ ही जाते हैं ।
🚩आपको बता दें कि चुनाव का परिणाम आने से पहले एक पत्रकार ने प्रधानमंत्री मोदी को पूछा था कि चीफ जस्टिस पर जो आरोप लगे हैं उसपर आपका क्या कहना है तो उन्होंने बताया था कि जो भी बड़े लोग हैं उनको फंसाने के लिए विदेश से भारी मात्रा में फंडिग आती है । इससे साफ सिद्ध होता है कि जो भी देश या धर्म के लिए कार्य करेगा उसको फँसाया जाएगा ।
🚩हिंदू धर्म के लिए कार्य करने वाली सनातन संस्था को मिटाने के लिए विधर्मी अनेक प्रयास कर रहे हैं, यही कारण है कि सनातन संस्था के धर्मनिष्ठ लोग प्रताड़ित किये जा रहे हैं ।

🚩आपको बता दें कि डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या प्रकरण में सीबीआई ने हिन्दू विधिज्ञ परिषद के सचिव अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर और परिषद के सूचना अधिकार कार्यकर्ता श्री विक्रम भावे को बंदी बनाया गया है ।
🚩सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने बताया कि इस प्रकार से धर्मनिष्ठ लोगों को बंदी बनाना यह निंदनीय है । इस कृत्य की हम कड़ी निंदा करते हैं । केंद्र में हिन्दुत्वनिष्ठ शासन होने पर भी अधिवक्ता पुनाळेकर और श्री विक्रम भावे को बंदी बनाने के पीछे कोई षड्यंत्रकारी, धर्मविरोधी शक्ति कार्य कर रही है ।
🚩आगे बताया कि सनातन संस्था पर दबाव डालने की आधुनिकतावादियों की मांग के आगे सीबीआई झुक गई है । जिन्होंने मालेगांव बमविस्फोट प्रकरण में भगवा आतंकवाद की असत्यता सिद्ध की, जिन्होंने समाज के हित में अनेक याचिकाएं दर्ज की, उन अधिवक्ता पुनाळेकर को बंदी बनाना गंभीर बात है । समाज, राष्ट्र और धर्म की निःस्वार्थ सेवा करनेवाले अधिवक्ता पुनाळेकर निर्दोष हैं, यह हमारी भावना है । अधिवक्ता पुनाळेकरजी का देश के सभी समाजसेवकों, देशभक्तों और हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन तथा अधिवक्ताआें ने समर्थन किया है ।
🚩बता दें कि दाभोलकर की हत्या प्रकरण में पहले डॉ. वीरेंद्रसिंह तावड़े को बंदी बनाया गया था उसका विरोध हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय सचिव अधिवक्ता श्री संजीव पुनाळेकरजी ने विधर्मियों का बुरखा फाड़ते हुए कहा था कि,  ‘अंनिस के डॉ. नरेंद्र दाभोलकर के न्यास ने अनेक वर्षों से शासन को अपना आयकर प्रस्तुत नहीं किया है । अंनिस के न्यास द्वारा अवैधानिक रूप से विदेश से धन एकत्रित कर उससे चारपहिया वाहन खरीदे गए थे ।
🚩डॉ. दाभोलकर को अंतिम छः मास में यह निश्‍चित ज्ञात था कि उन्हें कारावास भोगना पड़ सकता है । यदि डॉ. दाभोलकर के वास्तविक हत्यारे मिल जाते हैं, तो ‘परिवर्तन न्यास’ के 4-5 करोड़ रुपये दाभोलकर परिवार को नहीं मिलेंगे ।
🚩इसलिए दाभोलकर परिवार प्रभावी रूप से हिन्दू धर्मप्रसार करनेवाली सनातन संस्था को लक्ष्य बनाकर वास्तविक हत्यारों को छिपा रहा है ।
🚩परिणामस्वरूप धर्म का कार्य करने से जिन्हें हानि होने वाली है, जो भ्रष्टाचार नहीं कर पाएंगे, ऐसे लोगों ने ही मिलकर सनातन के विरोध में षड्यंत्र रचा है ।
🚩श्री पुनाळेकर बोले थे कि पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के घोटाले हमने बाहर निकाले हैं । उसका प्रतिशोध लेने के लिए सनातन के विरोध में षड्यंत्र चल रहा है ।
🚩गृहमंत्री राजनाथ सिंह को अंधेरे में रखकर सीबीआई यह सम्पूर्ण षड्यंत्र रच रही है, ऐसा आरोप भी पुनाळेकर ने उस समय लगाया था ।
🚩हमारे देश में आतंकवादीयों की पैरवी करने वाले वकील माजिद मेमन बन जाते है, राज्यसभा के सांसद और हिंदुओं के लिए लड़ने वाले को हो रही है जेल ।
🚩एक के बाद एक हिंदुत्व का कार्य करने वाले हिंदुनिष्ठ लोगों को टारगेट किया जा रहा है यह देश के लिए शुभ नहीं है । इस षड्यंत्रों को रोकने के लिए देशवासियों को आगे आना चाहिए ।
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Saturday, May 25, 2019

अगर आप पीते हैं, चाय तो जान लीजिए क्या होगा उसका दुष्प्रभाव

25 मई 2019

🚩दो सौ वर्ष पहले भारतीय घर में चाय नहीं होती थी, लेकिन आज कोई भी घर आए अतिथि को पहले चाय पूछता है । ये बदलाव अंग्रेजों की देन है । कई लोग ऑफिस में दिन भर चाय लेते रहते हैं, यहाँ तक कि उपवास में भी चाय लेते हैं । किसी भी डॉक्टर के पास जायेंगे तो वो शराब - सिगरेट - तम्बाखू छोड़ने को कहेगा, पर चाय नहीं, क्योंकि यह उसे पढ़ाया नहीं गया और वह भी खुद इसका गुलाम है । परन्तु किसी अच्छे वैद्य के पास जाओगे तो वह पहले सलाह देगा चाय ना पिएं ।

🚩चाय की हरी पत्ती पानी में उबाल कर पीने में कोई बुराई नहीं परन्तु जहां यह फर्मेंट हो कर काली हुई सारी बुराइयां उसमें आ जाती है ।

🚩हमारे गर्म देश में चाय और गर्मी बढ़ाती है, पित्त बढ़ाती है । चाय का सेवन करने से शरीर में उपलब्ध विटामिन्स नष्ट होते हैं । इसके सेवन से स्मरण शक्ति में दुर्बलता आती है ।

1. चाय का सेवन रक्त आदि की वास्तविक उष्मा को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

🚩2. दूध से बनी चाय का सेवन आमाशय पर बुरा प्रभाव डालता है और पाचन क्रिया को क्षति पहुंचाता है ।

3. चाय में उपलब्ध कैफीन हृदय पर बुरा प्रभाव डालती है, अत: चाय का अधिक सेवन प्राय: हृदय के रोग को उत्पन्न करने में सहायक होता है ।

🚩4. चाय में कैफीन तत्व छ: प्रतिशत मात्रा में होता है जो रक्त को दूषित करने के साथ शरीर के अवयवों को कमजोर भी करता है ।

5. चाय पीने से खून गन्दा हो जाता है और चेहरे पर लाल फुंसियां निकल आती हैं ।

🚩6. जो लोग चाय बहुत पीते हैं उनकी आंतें जवाब दे जाती हैं । कब्ज घर कर जाती है और मल निष्कासन में कठिनाई आती है ।

7. चाय पीने से कैंसर तक होने की संभावना भी रहती है ।

🚩8. चाय से स्नायविक गड़बडियां होती हैं, कमजोरी और पेट में गैस भी ।

9. चाय पीने से अनिद्रा की शिकायत भी बढ़ती जाती है ।

🚩10. चाय से न्यूरोलाजिकल गड़बड़ियां आ जाती हैं ।

11. चाय में उपलब्ध यूरिक एसिड से मूत्राशय या मूत्र नलिकायें निर्बल हो जाती हैं, जिसके परिणाम स्वरूप चाय का सेवन करने वाले व्यक्ति को बार-बार मूत्र आने की समस्या उत्पन्न हो जाती है ।

🚩12. इससे दांत खराब होते है. - रेलवे स्टेशनों या टी स्टालों पर बिकने वाली चाय का सेवन यदि न करें तो बेहतर होगा क्योंकि ये बर्तन को साफ किये बिना कई बार इसी में चाय बनाते रहते हैं जिसकी वजह से कई बार चाय विषैली हो जाती है । चाय को कभी भी दोबारा गर्म करके न पिएं तो बेहतर होगा ।

13. बाज़ार की चाय अक्सर अल्युमीनियम के भगोने में खदका कर बनाई जाती है। चाय के अलावा यह अल्युमीनियम भी घुल कर पेट की प्रणाली को बर्बाद करने में कम भूमिका नहीं निभाता है ।

🚩14. कई बार हम लोग बची हुई चाय को थरमस में डालकर रख देते हैं इसलिए भूलकर भी ज्यादा देर तक थरमस में रखी चाय का सेवन न करें । जितना हो सके चायपत्ती को कम उबालें तथा एक बार चाय बन जाने पर इस्तेमाल की गई चायपत्ती को फेंक दें ।

15. शरीर में आयरन अवशोषित ना हो पाने से एनीमिया हो जाता है । - इसमें मौजूद कैफीन लत लगा देता है । लत हमेशा बुरी ही होती है ।

🚩16. ज़्यादा चाय पीने से खुश्की आ जाती है । आंतों के स्नायु भी कठोर बन जाते हैं ।

17. चाय के हर कप के साथ एक या अधिक चम्मच शक्कर ली जाती है जो वजन बढ़ाती है ।

🚩18. अक्सर लोग चाय के साथ नमकीन , खारे बिस्कुट ,पकौड़ी आदि लेते हैं । यह विरुद्ध आहार है । इससे त्वचा रोग होते हैं ।

19. चाय से भूख मर जाती है, दिमाग सूखने लगता है, गुदा और वीर्याशय ढीले पड़ जाते हैं । डायबिटीज़ जैसे रोग होते हैं । दिमाग सूखने से उड़ जाने वाली नींद के कारण आभासित कृत्रिम स्फूर्ति को स्फूर्ति मान लेना, यह बड़ी गलती है ।

🚩20. चाय-कॉफी के विनाशकारी व्यसन में फँसे हुए लोग स्फूर्ति का बहाना बनाकर हारे हुए जुआरी की तरह व्यसन में अधिकाधिक गहरे डूबते जाते हैं। वे लोग शरीर, मन, दिमाग और पसीने की कमाई को व्यर्थ गँवा देते हैं और भयंकर व्याधियों के शिकार बन जाते हैं ।

21. चाय का सेवन लिवर पर बुरा प्रभाव डालता है ।

🚩चाय का विकल्प-

पहले तो संकल्प कर लें कि चाय नहीं पिएंगे । दो दिन से एक हफ्ते तक याद आएगी; फिर सोचोगे अच्छा हुआ छोड़ दी । एक दो दिन सिर दर्द हो सकता है फिर ठीक हो जाएगा।

🚩सुबह ताजगी के लिए गर्म पानी लें । चाहें तो उसमें आंवले के टुकड़े या पाउडर मिला दें, इससे ताजगी आएगी।

🚩सुबह गर्म पानी में शहद नींबू डाल के पी सकते हैं । गर्म पानी में तरह-तरह की जैसे कि तुलसी की पत्तियाँ या फूलों की पंखुड़ियां डाल कर पी सकते हैं । जापान में लोग ऐसी ही चाय पीते हैं और स्वस्थ और दीर्घायु होते हैं ।

🚩कभी पानी में मधुमालती की पंखुड़ियां, कभी मोगरें की, कभी जासवंद, कभी पारिजात आदि डाल कर पी सकते हैं ।

🚩गर्म पानी में  लेमन ग्रास, तेजपत्ता, पारिजात आदि के पत्ते या अर्जुन की छाल या इलायची, दालचीनी इनमें से एक डाल कर पियें ।

🚩चाय पीना मतलब अपना ही सत्यानाश करना है इसलिए आपके घर कोई मेहमान आये तो चाय नहीं बल्कि देशी गाय का दूध या नीबू शर्बत पिलाएं, जिससे उसका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और सरलता से बन भी जाएगा ।

🚩देश में चाय के कारण बहुत नुकसान हो रहा है इसलिए आज़ाद भारत के पाठकों को इसे अवगत कराना जरूरी है ।

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Friday, May 24, 2019

बॉलीवुड द्वारा आपको मीठा जहर परोसा जा रहा है ?

24 मई 2019

🚩सलीम जावेद लिखित शोले फिल्म में वृद्ध मुसलमान (ए के हंगल)  को बेटे की मौत पर नमाज के लिए जाते दिखाते हैं तो नायक वीरू (धर्मेन्द्र) को शिव मन्दिर में लड़की छेड़ते हुए दिखाना । अभी मैन्फोर्स कंडोम के विज्ञापन में मंदिर दिखाना और वृद्ध महिला का अश्लील वार्तालाप करना, सभी हिन्दू धर्मगुरुओं के मुँह पर तमाचा है ।

🚩बालीवुड‬ और टीवी सीरियल के नजरिए से ‪हिन्दू‬ को कैसे देखा जाता है एक झलक:-

ब्राह्मण - ढोंगी पंडित, लुटेरा

‪राजपूत - अक्खड़, मुच्छड़, क्रूर, बलात्कारी

वैश्य या साहूकार - लोभी, कंजूस

गरीब हिन्दू दलित - कुछ पैसो या शराब की लालच में बेटी को बेच देने वाला चाचा या झूठी गवाही देने वाला

जाट - खाप पंचायत का अड़ियल बेटी और बेटे के प्यार का विरोध करने वाला और महिलाओं पर अत्याचार करने वाला

जबकि दूसरी तरफ

मुस्लिम - अल्लाह का नेक बन्दा, नमाजी, साहसी, वचनबद्ध, हीरो-हीरोइन की मदद करने वाला टिपिकल रहीम चाचा या पठान ।

ईसाई - जीसस जैसा प्रेम, अपनत्व, हर बात पर क्रॉस बना कर प्रार्थना करते रहना।

🚩ये बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर्फ हमारे धर्म, समाज और संस्कृति पर घात करने का सुनियोजित षड्यंत्र है और वह भी हमारे ही धन से ।

🚩सलीम-जावेद की जोड़ी की लिखी हुई फिल्मों को देखें, तो उसमे आपको अक्सर बहुत ही चालाकी से हिन्दू धर्म का मजाक तथा मुस्लिम / इसाई को महान दिखाया जाता मिलेगा। इनकी लगभग हर फिल्म में एक महान मुस्लिम चरित्र अवश्य होता है और हिन्दू मंदिर का मजाक तथा संत के रूप में पाखंडी ठग देखने को मिलते हैं ।

🚩"दीवार" का अमिताभ बच्चन नास्तिक है और वो भगवान का प्रसाद तक नहीं खाना चाहता है, लेकिन 786 लिखे हुए बिल्ले को हमेशा अपनी जेब में रखता है और वो बिल्ला भी बार-बार अमिताभ बच्चन की जान बचाता है ।

🚩"जंजीर" में भी अमिताभ नास्तिक है और जया भगवान से नाराज होकर गाना गाती है, लेकिन शेरखान एक सच्चा इंसान है ।

🚩फिल्म "शान" में अमिताभ बच्चन और शशिकपूर साधु के वेश में जनता को ठगते हैं, लेकिन इसी फिल्म में "अब्दुल" जैसा सच्चा इंसान है जो सच्चाई के लिए जान दे देता है ।

🚩क्या आपको बालीवुड की वे फिल्मे याद हैं जिनमें फादर को दया और प्रेम का मूर्तिमान स्वरूप दिखाया जाता था तो हिन्दू सन्यासियों को अपराधी । जो मीडिया हिंदू संत आशाराम बापू पर पागल हो गया था वह आज चुप है । बॉलीवुड प्राय: सदा फिल्मों में हिन्दू पात्रों के नाम वाले कलाकारों को किसी इस्लामिक मज़ार या चर्च में प्रार्थना करते दिखाता है । किसी मुस्लिम या ईसाई पात्र को कभी किसी हिन्दू मंदिर में जाकर प्रार्थना करता दिखाना तो बहुत दूर की बात है । इसके विपरीत वह सदा हिन्दू मान्यताओं का परिहास जैसे पंडित को या भगवान की मूर्ति को रिश्वत देना, शादी के फेरे जल्दी-जल्दी करवाना, मंदिर में लड़कियाँ छेड़ना, हनुमान जी अथवा श्री कृष्णा जैसे महान पात्रों के नाम पर चुटकुले छोड़ना आदि-आदि दिखाता है । परिणाम यह निकलता है कि हिन्दुओं के लड़के-लड़कियां हिन्दू धर्म को ही कभी गंभीरता से लेना बंद कर देते है ।
#StopBollywoodJihad

🚩22 साल पहले गुलशन कुमार को सरेआम गोलियों से मार दिया गया क्योंकि इन्होंने दाऊद जैसे गुण्डों के आगे झुकने से मना कर दिया था । ये बॉलीवुड के इस्लामीकरण में बहुत बड़ी बाधा थे । यह वह हिन्दू व्यापारी था जो अपना आयकर भरता था । कुछ वर्ष तक भारत का सबसे बड़ा आयकर देने वाला व्यक्ति रहा क्योंकि इसने दाऊद के आगे घुटने टेकने से इंकार कर दिया था इसलिए इसे जान से मार दिया गया । परंतु न तो भारत सरकार इसके कत्ल के आरोपी नदीम को भारत ला पाई और न ही इसके परिवार को न्याय मिला ।

🚩गुलशन कुमार की हत्या के  ठीक 6 महीने बाद 1998 में साईं नाम के एक नए भगवान् का अवतरण हुआ, इसके कुछ समय बाद 1999 में बीवी नंबर 1 फिल्म आई जिसमे साईं के साथ पहली बार राम को जोड़कर ॐ साईं राम गाना बनाया था, न किसी हिन्दू संगठन का इस पर ध्यान गया और न किसी ने इस पर आपत्ति की, पहला षड्यंत्र कामयाब ।

🚩इस नए भगवान की एक खासियत थी, इसे लोग धर्मनिरपेक्ष अवतार कहते थे, जिसने हिन्दू मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया था, वो अलग बात है कि उसी चिलम बाबा उर्फ़ साईं बाबा के समय में कई दंगे हुए, बंगाल विभाजन हुआ, मोपला दंगे हुए, मालाबार में हजारों हिन्दुओं को काटा और साईं के अल्लाह का भक्त बना दिया गया, अब इस नए भगवान की एक और खासियत थी, नाम हिन्दुओं का प्रयोग हो रहा था और जागरण में अल्लाह-अल्लाह गाया जा रहा था ।  हिन्दुओं की संतानों की स्थिति अर्ध नास्तिक जैसी हो जाती है । जो केवल नाममात्र का हिन्दू बचता है । परन्तु उसका हिन्दू समाज की मान्यताओं एवं धर्मग्रंथों में कोई श्रद्धा नहीं रहती । ऐसी ही संतानें लव जिहाद और ईसाई धर्मान्तरण का शिकार बनती हैं ।

🚩अगर इसे हम बॉलीवुड जिहाद कहें तो कैसा रहेगा ?

🚩सेंशर बोर्ड को ऐसी फिल्मों पर रोक लगानी चाहिए और हिंदुओं को भी ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करना चाहिए, तभी हिंदुओं की अच्छाई और सच्चाई वाली फिल्में बनेंगी । अगर ऐसा नहीं हुआ तो हिंदू धर्म पर प्रहार होता रहेगा ।

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