Thursday, August 2, 2018

असम में जो कुछ भी हो रहा, उसको समझना बहुत जरूरी है

02 August 2018

🚩असम राज्य में करीब 40 लाख लोग, NRC में नही आ पाए हैं, मतलब भारत के वैलिड रूप से वो नागरिक नही हैं, हालाँकि इतने बड़े प्रयोग में कुछ सरकारी अमले से गलती होना स्वाभाविक है, इसलिए सरकार ने भूल सुधार करने के लिए समय भी दिया है ।

🚩40 लाख की संख्या बहुत कम है, एक डिबेट में अर्नव गोस्वामी जो कि असम से ही हैं, उसने कहा कि यह संख्या करोड़ो में हैं ।

🚩कांग्रेसी जमात , सेक्युलर गिरोह , और मीडिया के रविश कुमारों के कई तर्क हैं, ममता बनर्जी ने भी गृह युद्ध की धमकी दी है ।

🚩इन सबके तर्कों को सुना, समझा और देखा है ।

🚩इन सभी तर्को का, सही खण्डन भी जान लीजिए ।
It is very important to understand what is happening in Assam

🚩 *तर्क नंबर 1 :-*
भारत बाँहे फैला कर स्वागत करने वाला देश है, ना कि आये हुए लोगों को भगाने वाला...

🚩खण्डन : 
बाँहे फैलाकर स्वागत करने वाला भारत देश नही है, बल्कि हिन्दू हैं, हिन्दुओ से ही भारत का ये गुण है ।
मुसलमान पाकिस्तान में हैं और बंगलादेश में हैं , बांगलादेश ने उन्हें अपनाने से इंकार कर दिया है ।
हिन्दुओं का ये गुण अब उनपर ही भारी पड़ रहा, हमने हर सभ्यता का स्वागत किया, तिब्बती आये उनको भी शरण दी, मुसलमानों को केरल में सबसे पहले हिन्दू राजा ने आश्रय दिया, लाहौर , सिंध सब हिन्दुओ का था, हमने ही इन्हें आश्रय दिया ।

🚩फिर इन्होंने हमारे ऊपर ही आक्रमण किया, हमें ही लूटा, हजारों साल तक हमारे ऊपर ही शासन किया, पहली मस्जिद केरल में बनी, आज वहाँ कोई नही जाता और इन्होंने मक्का मदीना को अपना पवित्र स्थल मान लिया, इतनें से पेट नही भरा तो आजादी के बाद, पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान के नाम से धर्म के आधार पर बँटवारा किया ।

🚩हमारा दिल बड़ा था, आज भी है पर तब हम मजबूत थे, आज बंटवारे के बाद हम बहुत कमजोर हैं, जब आपने धर्म के नाम पर बँटवारा कर लिया तो अब दिल का वास्ता देकर हमारे सीने पर मूँग दरने की कोई जरूरत नहीं है ।

हमारे संसाधन हमसे छीनें जा चुके हैं, हम खुद अपना जीवन यापन के करने लिए लड़ रहे हैं, जमीन उतनी ही है और जनसंख्या बढ़ चुकी है । 

🚩 *तर्क नंबर 2:-*
वो गरीब लोग हैं, बांगलादेश का बॉर्डर कोई बार्डर नहीं है, पोरस है, फेंसिंग नही है , लोग नदी पार कर के इंडिया आते हैं काम करते हैं और शाम को वापस चले जाते हैं ।

🚩खण्डन : 
इस बात से मैं सहमत हूँ, इंडिया-बांग्लादेश ही नहीं बल्कि इंडिया-पाकिस्तान भी नेचुरल बॉर्डर नहीं है, बल्कि जिन्ना जैसे आतंकी सोच वाले लोगों की बोई गई फसल है, पर अब जब बँटवारा आपने कर लिया तो बॉर्डर का सम्मान तो करना पड़ेगा, हमारा देश आपकी खाला जान का घर नहीं, आप कमाएँ भी उस पार और रहें भी उस पार ।

ऐसी नदियों पर BSF की पेट्रोलिंग होनी चाहिए ।

🚩 *तर्क नंबर 3:-*
एक गाना है- पंछी, नदिया और पवन के झोंके, कोई सरहद क्यों इन्हें रोके, सरहद तो इंसानों के लिए है, सोचो हमने और तुमने क्या पाया इंसा होके....

🚩खंडन : 
इस तर्क को सबसे अधिक मुसलमान दे रहे हैं और कांग्रेसी नेता , NDTV के एक प्रोग्राम में, हैदराबाद के फैजान भाई ने ये गीत सुनाया ।

मैं ऐसे तर्क वालों से एक बात पूछुंगा, कश्मीर का खर्चा हम देते हैं और वहाँ घर नहीं बना सकते, वहाँ जाकर बस नहीं सकते,   

क्या ये गाना वहाँ भी चलाया जा सकता है ?

🚩 *तर्क नंबर 4:-*
बांग्लादेशी हिंदुओं को क्यों बचाया जा रहा है ? वे भी घुसपैठिये हैं, उन्हें भी बाहर किया जाए ।

🚩खण्डन :
हिन्दुओ का मात्र एक देश है भारत , जहाँ भी मुस्लिम बहुसंख्यक हुआ है हिन्दुओ को प्रताड़ित होना पड़ा है , मुसलमानो के 56 मुल्क हैं , और उम्मते मुस्लिमा भी , क्या कोई देश अपने भाइयों को रहने की जगह नही देगा ?

फिर क्या फायदा छोटा कुर्ता और बड़ी दाढ़ी रखने का ?

क्या फायदा मानसूनी जलवायु में भी रेगिस्तानी बुरका पहनने का ?

🚩हिंदुओं का स्वभाविक देश भारत है, इसलिए वो शरण लेने यही आएँगे । और जिन्होंने बँटवारा कर लिया अब वो अपने हिस्से में जाएँ ।

🚩दूसरी बात रोहिंग्या मुसलमानों को जम्मू में बसाया गया, वो कौन सा कानून है, जो कश्मीर में मुसलमानों को बसने की इजाजत देता है, पर हिन्दुओं को नहीं ?
आप एक कश्मीरी लड़की से शादी करके कश्मीरी नहीं बन सकते, लेकिन पाकिस्तानी बन सकता है ।
इन कानूनों को किसनें बनाया और प्रेम के गीत गाने वाले, इसपर जवाब कब देंगे ?

🚩 *तर्क नंबर 5:-*
क्या प्रक्टिकली ऐसा संभव हो पाएगा कि हम लाखों लोगों को डिपोर्ट कर सकें ?
तो फिर ये झंझट करने का मतलब ही क्या है ?

🚩खण्डन :
मुझे ऐसा नहीं लगता कि लोकतंत्र में इतना दम है कि ऐसा संभव हो सके, खास कर इस्लामिक अतिवाद का समर्थन करने वाली पार्टियों के रहते हुए, 
फिर भी अगर हम उन्हें डिपोर्ट न भी कर सकें तो उनसे वो अधिकार ले सकते हैं, जो घुसपैठियों को कतई नहीं होने चाहिए ।

🚩मसलन वोट का अधिकार, सरकारी नौकरी का अधिकार, जमीन खरीदनें का अधिकार, इन सब अधिकारों से इनकी परमानेंट कानूनी बेदखली कुछ हद तक असम के और देश के अन्य हिस्सों के लोगो की चोट पर मरहम का कार्य करेगी ।

🚩अब कुछ बातें मेरी तरफ से:-

🚩इस पैटर्न को ध्यान से समझिए, कुछ सवाल पूछ रहा हूँ, दिल से सोच कर खुद को ही जवाब दे दीजिएगा ।

🚩1. वो कौन सा पैटर्न है, जब रोहिंग्या म्यांमार से चलता है तो सीधे उत्तराखंड की वादियों में रुकता है, उसी रास्ते होते हुए जम्मू तक पहुंच जाता है और एक जत्था दिल्ली रवाना हो जाता है ।

इन गरीबों को ये जानकारी मिली कहाँ से कि जम्मू चलो ?

🚩2. भारत के सभी मुसलमान कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर मौन हैं, लेकिन बंगलादेशियो के मुद्दे पर गृह युद्ध की बातें हो रही हैं, 
क्यों ?

🚩3. हिन्दू अगर अब भी आँखे बंद किये, योगी और मोदी को गाली देते रहे और बंटे रहे, तो वो दिन दूर नहीं जब नार्थ ईस्ट, मुसलमानों का हो जाएगा । 

🚩4. जिन पार्टियों का वोट बैंक मुसलमान हैं, वो पार्टियाँ इस देश को बेच खाएंगी । अगर काँग्रेस का शासन 19 में आता है तो समझिए पूर्वोत्तर भारत और बंगाल, कश्मीर की तरह हमारी आंखों के सामने से चला जायेगा ।
क्या आप ऐसा होने देना चाहेंगे ?

🚩इन बातों से अगर आपको लगता है कि मैं सही हूँ और वोटबैंक की राजनीति करने वाले सेक्युलर नेता, केवल मुसलमानों के गजवा-ए-हिन्द मिशन की एक कठपुतली हैं तो निश्चित रूप से आपको तस्वीर साफ होनीं चाहिए ।

🚩भविष्य के गर्भ में क्या है, ये तो मैं नही जानता..
लेकिन असम के सीधे सादे लोगों के साथ पूरा भारत है, पूर्वोत्तर को हम कश्मीर नहीं बनने देंगे ।

🚩ये नई पीढ़ी है, ये सूचना का युग है, 
भारत अब खाला जान का घर नहीं बनेगा ।

🚩हमारे दिल छोटे ही सहीं  
पर एक बार और हम तुम्हें अपनीं आत्मा को कुचलने का मौका नही देंगे ।


🚩पूर्वोत्तर हमारा है , असम से लेकर अरुणाचल तक किसी हिन्दू बहन या बेटी को किसी ने कुत्सित नजर से देखा तो..

लाल रंग की लालिमा पहाड़ों को रोशन करेगी ।।

🚩अबकी बार फिजा दूसरी है  main land का हर भाई अपनी पूर्वोत्तर की बहन के लिए जान भी देगा ।।

🚩लेखक : जनार्दन मिश्रा
                  
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Wednesday, August 1, 2018

सिर्फ भारत ही नहीं,पाकिस्तान से लेकर कैलिफोर्निया तक हैं शिवजी के मंदिर

01 August 2018
http://azaadbharat.org
🚩भारत में एक ओर जहाँ प्राचीन मंदिर तोड़े जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विदेशो में बड़े-बड़े प्राचीन मंदिरों की अच्छी देखभाल की जा रही है और वहाँ लाखों लोग भी जाते हैं ।
🚩भगवान शिवजी की महिमा अथाह है, पूरे विश्व में उनका यश फैला हुआ है, उसका प्रमाण यह है कि विदेशों में आज भी उनके अनेकों मंदिर हैं ।
Shivaji's temple is also in Pakistan, California

🚩सावन में शिव भक्तों का शिवजी की आराधना के लिए मंदिरों में तांता लगा रहता है । सावन के इस पावन महीने में भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सिर्फ भारत में ही नहीं दुनिया भर के कई देशों में शिव के मंदिर हैं, जहां सावन में उनकी पूजा का विधान है।
🚩आइए हम आपको बताते हैं कि भारत के अलावा पूरी दुनिया में कहां-कहां शिव के मंदिर हैं ।
🚩मुन्नेश्वरम मंदिर :-
🚩श्रीलंका के मुन्नेश्वर गांव में बने इस मंदिर में, भगवान शिव की अराधना होती है । द्रविड़ शैली के अद्भुत नमूने के तौर पर इसे देखा जाता है । इतिहास की बात करें तो इसे रामाणय काल से जोड़ा जाता है, जिसमें कहा गया है कि भगवान राम ने, रावण का वध करने के बाद इसी मंदिर में, भगवान शिव की अराधना की थी । कहा जाता है कि पुर्तगालियों ने इस मंदिर पर दो बार हमला करके, नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी । यहां भगवान शिव के अलावा देवी काली की भी पूजा होती है । इसके अलावा 5 और भगवानों की मूर्ति स्थापित की गई है । 
🚩अरुल्मिगु श्रीराजा कलिअम्मन मंदिर :-
🚩ये मंदिर मलेशिया के जोहोर बरु में स्थित सबसे पुराना मंदिर है । जिस जमीन पर ये मंदिर बना है, उसे जोहोर बरु के सुल्तान ने भारत को भेंट के तौर पर दिया था । ये मंदिर इतना भव्य है कि इसकी दीवारों पर 3 लाख मोतियों को चिपकाया गया है । 1922 के आसपास इस मंदिर का निर्माण किया गया था । 
🚩रामलिंगेश्वर मंदिर :-
🚩मलेशिया की राजधानी क्वालालमपुर में एक और हिंदू मंदिर है, जोकि 2011 से वहां की एक ट्रस्ट चला रही है। यहां हमेशा ही शिवभक्तों का तांता लगा रहता है। 
🚩पशुपतिनाथ मंदिर :-
🚩नेपाल के बागमती नदी के किनारे बने इस मंदिर के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं । मान्यता के अनुसार इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में बनाया गया था, लेकिन दीमक की वजह से इस मंदिर को बहुत नुकसान हुआ तथा इसे दोबारा 17वीं शताब्दी में बनाया गया । यूनेस्को ने इसे अपने वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल किया है । इस मंदिर में भगवान शिव की चार मुंह वाली मूर्ति लगी है । साथ ही मंदिर में चार द्वार हैं, जो चांदी के बने हुए हैं । 
🚩प्रम्बानन मंदिर :-
🚩इंडोनेशिया के जावा में भी भगवान शिव का एक प्रमुख मंदिर बना हुआ है, जोकि 10वीं शताब्दी में बना था । भारत से बाहर बने हिंदू मंदिरों में ये सबसे बड़े मंदिरों में से एक है । यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हैरटेज घोषित किया है । 
🚩कटास राज मंदिर :-
🚩पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में प्राचीन शिव मंदिर है । इसे काटस राज मंदिर के नाम से जाना जाता है । कहा जाता है कि इसका निर्माण छठी शताब्दी से लेकर नौवीं शताब्दी के मध्य हुआ था । ये चकवाल गांव से 40 किमी दूर कटास की पहाड़ियों पर बना हुआ है । मान्यता है कि इस मंदिर में विराजमान एक कुंड है, जिसके निर्माण के विषय में कहा जाता है कि जब माता सती की मृत्यु हुई थी, उसके बाद भगवान शिव इतना रोए थे कि उनके आंसुओं से ये कुंड भर गया था । 
🚩कैलाश मानसरोवर :-
🚩तिब्बत के मानसरोवर झील से घिरा हुआ कैलाश पर्वत, जोकि चीन की सरहद के अंदर आता है । कहा जाता है कि यहां साक्षात भगवान शिव विराजमान हैं । इससे जुड़ी कई पौराणिक कहानियां हैं । भारत से हर साल लोग इसके दर्शन के लिए जाते हैं ।
🚩इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के मेलबार्न में, न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में, कैलिफोर्निया के लिवेरमोरे में और स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में, भगवान की शिव का छोटा लेकिन भव्य मंदिर बना हुआ है । 
🚩आपको जनकारी दे दें कि विदेशों में मंदिर होना कोई आश्चर्य नही है क्योंकि पहले भारत का साम्राज्य पूरे पृथ्वी पर था, लेकिन कुछ उपद्रवी तथा राक्षसी स्वभाव के लोग उत्पन्न हुए और उन्होंने आपस मे लड़ना-झगड़ना शुरू किया, तबसे ही बंटवारा चालू है ।
🚩आपको ये भी बता दें कि सनातन धर्म (हिन्दू धर्म), जबसे पृथ्वी का उद्गम हुआ है, तबसे है, लेकिन ईसाई धर्म की स्थापना 2018 साल पहले और मुस्लिम धर्म की स्थापना 1500 साल पहले की गई है, और ईसा पूर्व 6वीं शताब्दी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है । 
🚩हिन्दू धर्म सनातन धर्म है इसलिए पूरे विश्व में कहीं भी खुदाई होती है, तो हिन्दू भगवानों के मूर्ति के अवशेष ही मिलते हैं, कभी कहीं चर्च या मस्जिद के अवशेष नहीं मिलेंगे ।
🚩महान सनातन धर्म को तोड़ने की साजिश ईसाई मिशनरियां, मीडिया, बॉलीवुड, सेकुलर नेताओं द्वारा आज भी चल रहा है,  इसलिए सावधान रहें और ऐसी महान संस्कृति की रक्षा करें ।
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