13 मार्च 2020
*हिन्दूओं को खत्म करने की साजिश... एक तरफ ईसाई मिशनरी धर्मान्तरण का धंधा चलाकर पुरजोर से कर रही हैं तो दूसरी तरफ जिहादी बलपूर्वक हिंदुओं को खत्म करना चाहते हैं तो तीसरी तरफ वामपंथी और मीडिया है जो हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल रही है इन सबके पीछे उनका उद्देश्य एक है कि हिंदुत्व खत्म हो तो उनका वोटबैंक बने जिसे वे अपनी वोटबैंक के जरिये देश की सत्ता को अपने हाथ मे ले लें। इन सबके पीछे एक ही कारण है इसलिए सबसे पहले अपने धर्म की रक्षा करनी जरूरी है क्योंकि धर्म नहीं रहेगा तो देश की स्वतंत्रता भी खतरे में है।*
*जिस तरफ से दिल्ली दंगे की प्लानिंग पूर्व तैयारी से की थी और हिंदुओं को सुनियोजित तरीके से मारा गया और उनकी सम्पत्ति जला दी गई ऐसा देश में वे किसी भी इलाके में कर सकते हैं। इसके लिए हिंदुओं को शास्त्र के साथ कानूनी मान्यता अनुसार शस्त्र भी अपने साथ रखने चाहिए क्योंकि दिल्ली दंगे में पुलिस भी बचा नहीं पाई भले हम किसी पर हमला न करें पर कम से कम हमारी और परिवार की रक्षा के लिए हथियार तो रखने चाहिए।*
*••● दिल्ली दंगों पर GIA की रिपोर्ट में खुलासा*
*उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में ग्रुप ऑफ इंटेलेक्चुअल एंड एकेडमिशियन (GIA) ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी को सौंप दी। इस रिपोर्ट में बेहद चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं ! रिपोर्ट के अनुसार, ‘नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगा एक सुनियोजित षडयंत्र था। वामपंथी-जिहादी गुट की एक सुनियोजित तथाकथित क्रांति जिसे दूसरे जगहों पर दोहराने की साजिश रची जा रही है। शहरी नक्सल और जिहादी गुट के जाल ने इस दंगे की योजना रची और उसे अमली जामा पहनाया। पिछले कई वर्षों से मुस्लिम समुदाय में कट्टरता को जिस तरह से बढ़ाया गया वो दंगे की एक वजह रही है !’*
*••● CAA के विरोध के नाम पर हुई हिंसा की शुरुआत !!*
*रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोधी प्रदर्शनवाली जगहों से दंगे की शुरूआत हुई । सभी विरोध-प्रदर्शनों की जगहों पर महिलाओं को एक ढाल की तरह उपयोग किया गया। घटना स्थलों पर चल रहे लगातार नारेबाजी की वजह से स्थानीय लोग काफी चिन्तित और भयभीत थे। सड़कों, गलियों और बाजारों के पास आयोजित प्रदर्शनों की वजह हमेशा वहां अफरा-तफरी का माहौल रहा। शाहीन बाग मॉडल की वजह से भी एक तनाव जैसा माहौल बनता रहा !*
*••● जिहादी भीड़ ने चुन-चुन कर लोगों को निशाना बनाया*
*रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, ये विरोध प्रदर्शन हिन्दू विरोधी, भारत-विरोधी, पुलिस-विरोधी और सरकार -विरोधी रहा है। जिहादी भीड़ ने टारगेट हत्याएं , चुन-चुन कर लोगों को लूटना और खास तबके की दुकानों को निशाना बनाया गया। दंगे के लिए हथियारों को पिछले कई दिनों से जमा किया जा रहा था। इन दंगों के तार विदेशी ताकतों से जुड़ी हुई है। जिस नृशंसता से आईबी आफिसर अंकित शर्मा और नेगी की हत्या की गई उससे यही लगता है कि, इन दंगाईयों के तार ISIS जैसे संगठनों से जुड़े हुए हैं !*
*••● ज्यादातर दंगाई बाहरी थे...!*
*रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं को हिंसा की कई वारदातों का सामना करना पड़ा। पीड़ितों में ज्यादा तादाद अनुसूचित और जनजाति के लोगों की है।* *दंगाईयों की पहचान होना जरूरी है। ज्यादातर दंगाई बाहरी थे। पीड़ितों का कहना है। जेएनयू जैसे विश्वविद्यालयों के छात्रों ने भी बढ़-चढ़ कर इस में हिस्सा लिया और वो लोगों को उकसाते हुए पाए गए। सीएए -विरोधी प्रदर्शन शुरूआत से ही हिंसक रहा। दंगों की शुरुआत से पहले कई थानों में हिंसक प्रदर्शन के मामले दर्ज हुए !’*
*~स्त्रोत : जी न्यूज*
*••● बांग्लादेशी भी शामिल थे हिंसा में*
*बता दें कि पिछले साल दिसंबर में CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दक्षिण दिल्ली में आगजनी, पथराव और मारपीट की कई घटनाएं हुई थीं।*
*जांच-पड़ताल में दिल्ली पुलिस के विशेष जांच दल (Special Investigation Team) ने जांच में पाया था कि दक्षिण दिल्ली के जामिया नगर के अलावा उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर, जाफराबाद, सीमापुरी और दरियागंज में हुए दंगों में बांग्लादेशी भी शामिल थे।*
*एसआइटी से जुड़े अधिकारियों की मानें तो सीसीटीवी फुटेज और खुफिया सूचना पर ऐसे दंगाइयों की पहचान हो चुकी है। इनमें से कई का संबंध पीएफआई से भी है। इसके लिए अब सबूतों को जुटाया जा रहा है। स्त्रोत : जागरण*
*रिपोर्ट को जानकर आप समझ गए होंगे की किस तरीके से हिंदुओं को खत्म करने की साजिश चल रही है और ये भी देखा कि दिल्ली दंगों में अधिक नुकसान दलितों को हुई है फिर भी राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा बिके कुछ लोग हिंदुओं को आपस मे जाति में बांट रहे हैं, भीम आर्मी बना रहे हैं। हिंदुओं को आपस में तोड़ने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। उनसे सावधान आपस में एक बने रहें।*
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