Thursday, March 2, 2023
*सुप्रीम कोर्ट के जज ईसाई होते हुए भी हिंदू धर्म के दीवाने....
*2 March 2023*
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*हिन्दू धर्म को दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म माना जाता है। कुछ लोग इसे मूर्तिपूजकों, प्रकृति पूजकों या हजारों देवी-देवताओं के पूजकों का धर्म मानकर इसकी आलोचना करते हैं, कुछ लोग इसको जातिवादी धारणा को पोषित करने वाला धर्म मानते हैं, लेकिन यह उनकी सतही सोच या नफरत का ही परिणाम है। उन्होंने कभी उपनिषदों या गीता का अध्ययन नहीं किया। आलोचना का अधिकार उसे होना चाहिए जिसने सभी धर्मों का गहन रूप से अध्ययन किया हो। समालोचना सही है लेकिन धर्मान्तरण करने हेतु आलोचना क्षमायोग्य नहीं मानी जाएगी।*
*सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज केएम जोसेफ (KM Joseph) ने कहा है कि वह ईसाई हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें हिंदू धर्म से लगाव है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म एक महान धर्म है और इसे नीचा नहीं दिखाया जाना चाहिए. दरअसर, जस्टिस केएम जोसेफ ने यह टिप्पणी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें देश में बर्बर आक्रमणकारियों ने देश के जिन प्राचीन, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थानों के 'नाम बदल दिए' थे, उनके 'मूल' नाम फिर से रखने के लिए पुनर्नामकरण आयोग (Renaming Commission) के गठन का अनुरोध किया गया है. जस्टिस जोसेफ की अगुवाई वाली इस पीठ में जस्टिस बीवी नागरत्न भी शामिल थे।*
*हिंदू धर्म पर गर्व होना चाहिए: जस्टिस केएम जोसेफ*
*जस्टिस केएम जोसेफ (KM Joseph) ने कहा, 'मैं ईसाई हूं, इसके बावजूद मुझे हिंदू धर्म से लगाव है, जो एक महान धर्म है और इसे नीचा नहीं दिखाया जाना चाहिए. हिंदू धर्म जिस ऊंचाई पर पहुंचा है और उपनिषदों, वेदों एवं भगवद्गीता में जो उल्लेख किया गया है, कोई भी व्यवस्था उस तक नहीं पहुंची है. हिंदू धर्म आध्यात्म ज्ञान में बड़ी ऊंचाइयों पर पहुंचा है. हमें इस महान धर्म पर गर्व होना चाहिए और हमें इसे नीचा नहीं दिखाना चाहिए.'*
*पढ़नी चाहिए डॉ. एस. राधाकृष्णन की किताब: जस्टिस जोसेफ*
*सुनवाई के दौरान जस्टिस केएम जोसेफ (KM Joseph) ने हिंदू धर्म के दर्शन पर डॉ. एस. राधाकृष्णन की किताब पढ़ने की सलाह दी. उन्होंने कहा, 'हमें अपनी महानता पर गर्व होना चाहिए और हमारी महानता हमें उदार बनाती है. मैं इसे पढ़ने का प्रयत्न कर रहा हूं. आपको भी हिंदू धर्म के दर्शन पर डॉ. एस. राधाकृष्णन की किताब पढ़नी चाहिए. केरल में कई राजा हैं, जिन्होंने गिरजाघरों एवं अन्य धार्मिक स्थानों के लिए जमीन दान दी थी।'*
*हिंदू धर्म की महनाता...*
*आर्य संस्कृति एक दिव्य संस्कृति है। इसमें प्राणिमात्र के हित की भावना है। हिन्दुत्व को साम्प्रदायिक या आतंकवादी कहने वालों को यह समझ लेना चाहिए कि हिन्दुत्व अन्य मत-पंथों की तरह मारकाट करके अपनी साम्राज्यवादी लिप्सा की पूर्ति हेतु किसी व्यक्ति विशेष द्वारा निर्मित नहीं है तथा अन्य तथाकथित शांतिस्थापक मतों की तरह हिन्दू धर्म ने यह कभी नहीं कहा कि जो हिन्दू नहीं है उसे देखते ही मार डालो और मंदिरों के अलावा सारे पूजास्थलों को नष्ट कर दो। जो हिन्दू बनेगा उसी का उद्धार होगा, दूसरे का नहीं- ऐसी बेहूदी बातें हिन्दू धर्म एवं समाज ने कभी भी स्वीकार नहीं कीं। फिर भी हिन्दुत्व की बात करने को साम्प्रदायिकता कहना कितना बड़ा पाप है ।*
*हिन्दुत्व एक व्यवस्था है- मानव में महामानव और महामानव में महेश्वर को प्रगट करने की। यह द्विपादपशु सदृश उच्छृंखल व्यक्ति को देवता बनाने वाली एक महान परम्परा है। ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ का उद्घोष केवल इसी संस्कृति के द्वारा किया गया है…*
*विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता हिंदुओं से ही मिली है। संसार का सबसे पुराना इतिहास भी यहीं पर उपलब्ध है। हमारे ऋषियों ने उच्छृंखल यूरोपियों के जंगली पूर्वजों को मनुष्यत्व एवं सामाजिक परिवेश प्रदान किया, इस बात के लाखों ऐतिहासिक प्रमाण आज भी उपलब्ध हैं।*
*संत संस्कृति के प्रति विश्वभर के महान विद्वान की अगाध श्रद्धा अकारण नहीं रही है। इस संस्कृति की उस आदर्श आचार संहिता ने समस्त वसुधा को आध्यात्मिक एवं भौतिक उन्नति से पूर्ण किया, जिसे हिन्दुत्व के नाम से जाना जाता है।*
*हिन्दू धर्म का यह पूरा वर्णन नहीं है, इससे भी कई गुणा ज्यादा महिमा है क्योंकि हिन्दू धर्म सनातन धर्म है इसके बारे में संसार की कोई कलम पूरा वर्णन नहीं कर सकती। आखिर में हिन्दू धर्म का श्लोक लिखकर विराम देते हैं-*
*सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,*
*सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:खभाग भवेत्।*
*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।।।*
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