Wednesday, January 22, 2025

अपर कर्णाली जलविद्युत परियोजना: ऊर्जा सुरक्षा और अक्षय विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम

 22 January 2025

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🚩अपर कर्णाली जलविद्युत परियोजना: ऊर्जा सुरक्षा और अक्षय विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम


🚩परिचय


हाल ही में भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने अपर कर्णाली जलविद्युत परियोजना के विकास के लिए एसजेवीएन लिमिटेड, जीएमआर एनर्जी लिमिटेड और नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) के साथ संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी बल्कि अक्षय ऊर्जा के विकास को भी बढ़ावा देगी।


🚩परियोजना के मुख्य बिंदु

🔹स्थान और क्षमता

▪️यह परियोजना नेपाल की करनाली नदी पर स्थापित की जा रही है।

▪️यह 900 मेगावाट की रन-ऑफ-द-रिवर जलविद्युत परियोजना है।


🔹उत्पादन और आपूर्ति

▪️ परियोजना से लगभग 3,466 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।

▪️यह बिजली नेपाल, भारत और बांग्लादेश को 25 वर्षों की अनुबंधित अवधि के लिए आपूर्ति की जाएगी।


🔹पर्यावरणीय लाभ


▪️परियोजना से हर साल लगभग दो मिलियन टन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की भरपाई की जाएगी।

▪️ यह जलविद्युत परियोजना टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करेगी।


🔹 बीओओटी मॉडल


परियोजना को 25 वर्षों तक ‘बिल्ड-ओन-ऑपरेट-ट्रांसफर’ (BOOT) मॉडल पर विकसित, संचालित और रखरखाव किया जाएगा।


🚩इरेडा की भूमिका


भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (IREDA):


▪️इरेडा, भारत सरकार के नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है।

▪️यह अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

▪️इसकी स्थापना 11 मार्च, 1987 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत की गई थी।

▪️वर्ष 2024 में इरेडा को “नवरत्न” का दर्जा प्रदान किया गया।


🚩परियोजना का महत्व


🔹 क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा

यह परियोजना भारत, नेपाल और बांग्लादेश के बीच ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देगी। यह न केवल ऊर्जा आपूर्ति में सुधार करेगी बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को भी सुदृढ़ करेगी।


🔹अक्षय ऊर्जा का प्रसार

परियोजना अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देकर कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी। यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


🔹आर्थिक और सामाजिक लाभ


▪️स्थानीय रोजगार का सृजन होगा।

▪️ नेपाल में ऊर्जा अवसंरचना का विकास होगा।

▪️क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति मिलेगी।


🚩चुनौतियाँ और समाधान


🔹 चुनौतियाँ:


▪️जलविद्युत परियोजनाओं में पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव का प्रबंधन।

▪️क्रॉस-बॉर्डर सहयोग और ऊर्जा वितरण में तकनीकी और कानूनी बाधाएँ।


🔹समाधान:


▪️पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए सख्त मानकों का पालन।

▪️भागीदार देशों के बीच बेहतर संवाद और सहमति।


🚩निष्कर्ष


अपर कर्णाली जलविद्युत परियोजना भारत-नेपाल के ऊर्जा संबंधों में एक मील का पत्थर साबित होगी। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में नई संभावनाएँ भी खोलेगी। टिकाऊ विकास और पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में यह एक आदर्श पहल है।


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