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Thursday, February 24, 2022

पादरी को ही आशाराम बापू ने बना दिया हिंदू, अब सनातन का प्रचार कर रहे हैं...

पादरी को ही आशाराम बापू ने बना दिया हिंदू, अब सनातन का प्रचार कर रहे हैं...

https://youtu.be/grA34VRIIt4


10 जुलाई 2021

azaadbharat.org


जहाँ जहाँ ईसाई मिशनरियां धर्मान्तरण करवा रही थीं, खास करके आदिवासी क्षेत्रों में वहाँ-वहाँ हिंदू संत आशाराम बापू ने जाकर लोगों को सनातन हिंदू धर्म की महिमा समझाई, उनको मकान, जीवन जरूरियात सामग्री, नकद राशि देना शुरू कर दिया और ईसाई मिशनरियों के षड़यंत्र से अवगत करवाया जिसके कारण लाखों हिंदुओं ने घरवापसी की और जो धर्मपरिवर्तन करनेवाले थे वे रुक गए। करोड़ों अरबों रुपये लगाकर ईसाई मिशनरियों के NGO's कार्य कर रहे थे उनके पैसे बर्बाद होने लगे क्योंकि आदिवासी समाज अपने हिंदू धर्म की महिमा समझ चुके थे इसलिए वे धर्मपरिवर्तन नहीं कर रहे थे। यहाँ तक कि धर्मपरिवर्तन करानेवाले पादरी ने भी आशारामजी बापू से हिंदू धर्म की महिमा सुनकर हिंदू धर्म अपना लिया।

https://youtu.be/zn2M6lJHTSU

https://youtu.be/4UxPuzV50Vg



ऐसे ही एक इंडोनेशिया के पादरी रॉबर्ट सोलोमन थे। वो चर्च के अंतराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत धर्मपरिवर्तन करवाने का कार्य कर रहे थे लेकिन उन्होंने झारखंड में बापू आशारामजी का प्रवचन सुना और बाद में उन्होंने हिंदू धर्म का अध्ययन किया फिर उनको हिंदू धर्म की महिमा समझ में आई और उन्होंने बापू आशारामजी के कार्यक्रम में जाकर हिंदू धर्म अपना लिया और पादरी रॉबर्ट सोलोमन से बन गए डॉ. सुमन कुमार और आज वे खुद धर्मान्तरण रोकने का कार्य कर रहे हैं और देश की रक्षा के लिए अपने प्राण देने को भी तैयार हुए हैं।

https://youtu.be/grA34VRIIt4


डॉ. सुमन ने क्या कहा अपने वक्तव्य में?


डॉ सुमन कुमार ने कहा कि मेरा पूर्व नाम रॉबर्ट सोलोमन था, वर्तमान नाम सुमन कुमार है। मैं मूल रूप से इंडोनेशिया (जकार्ता) का रहनेवाला था। पढ़ाई ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी लंदन से करने के बाद 1987 तक चर्च के अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत मैं काम कर रहा था। देश एवं विदेशों में मिशनरीज के कार्य में संलग्न था। भारतीय परंपरा, भारतीय दर्शन को ना मैं जानता था, ना मैं मानता था और ना ही सनातनी परंपरा को देखने-समझने का अवसर प्राप्त हुआ था। जाने अनजाने में जो हमसे बहुत बड़ी भूल हुई थी उस भूल को सुधारने के लिए पूजनीय बापूजी के श्री चरणों में आकर प्रायश्चित स्वरूप मैं सोलोमन से सुमन कुमार बनके हिंदू हित, हिंदू समाज, हिंदू दर्शन और हिंदू चिंतन को स्वीकार कर रहा हूं।


दशभक्ति ली लहर दौड़ रही है सुमन कुमार के भीतर


सुमन कुमार ने आह्वान किया- 

ओ भारत के वीर जवानों, मां का कर्ज चुका देना।

कटे-फटे इस मानचित्र को, अब भी ठीक बना देना।

पटना साहब से मिलने, ननकाना बेचैन खड़ा।

और अब के तिरंगा घुसकर, रावलपिंडी में फहरा देना।

अटक कटक से सिंधु नदी, सब कुछ हमको प्यारा है।

कश्मीर मत मांगो, पाकिस्तान हमारा है।

कोई चलता पद चिन्हों पर, कोई पद चिन्ह बनाता है।

है वही सूरमा इस जग में, दुनिया में पूजा जाता है।

ऐसे हमारे प्रातः स्मरणीय पूजनीय आसाराम बापूजी यहां विराजमान हैं। व्यक्ति को विचारों से, आचारों से, व्यवहारों से और संस्कारों से ढालने का प्रयत्न उनके माध्यम से करोड़ों लोगों तक यह संदेश पहुंचाया जा रहा है।

मैं नहीं तू ही तू ही जाकर, मौन तपस्वी साधक बनकर।।

हिमगिरि जैसे चुपचाप चले।।


आज़ादी के लिए क्या कहा?


मित्रों बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी।

बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी।

इसे हम खोने नहीं देंगे और देश में रह रहे गद्दारों को हम चैन से जीने नहीं देंगे।

हम चैन से जीने नहीं देंगे।

भारत हमारी मां है, भारत हमारी मां है।

माता का रूप है प्यारा।

करना इसकी रक्षा, यही कर्तव्य है हमारा।


आगे कहा कि यह मेरा परम सौभाग्य है, प्रायश्चित स्वरूप पूजनीय आसाराम बापूजी के श्री चरणों में आने का मौका मिला। हम जानते हैं कि बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी। आज जो आजादी हम को प्राप्त हुई है उस आजादी को हमें पूरा बनाए रखना है, बचाए रखना है, बरकरार रखना है और यही संस्कार पूजनीय बापूजी हमें देते हैं। दिस इज माय होली मदर लैंड। मैं तो कहता हूँ कि यह हमारे लिए पूजनीय वंदनीय प्रातः स्मरणीय भूमि है। हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे तो इसके लिए। छत्रपति शिवाजी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, विनायक सावरकर ने यह जो मार्ग हमको दर्शाए थे आज उन्हीं मार्गों को पुनः स्मरण करने की हमें आवश्यकता है। तो मित्रों मैं तो कहूंगा व्यक्ति को विचार, आचार, संस्कार से ढालने का जो पूजनीय बापूजी ने कार्य किया है, वो पूरी हिंदू सोसायटी के लिए किया है। इन हिन्दू सोसाइटी देअर आर मेनी स्कूल ऑफ आर्ट्स बट ओनली वन स्कूल ऑफ हार्ट। पूज्य बापूजी में वह ताकत है जो पूरे समाज को, पूरे विश्व को दिशा देने के लिए है और मैं तो कहता हूं कि भारतीय परंपरा और भारतीय चिंतन अब विश्व को मार्गदर्शन देने की स्थिति में है और इसलिए सनातनी परंपरां जो सनातनी सच है उस सच को हम समझें।


डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने बयान में कई बार बताया कि मेरे को एक बार फ्लाइट में आसाराम बापू मिले। उनसे मैंने बातचीत करते समय बताया कि आप जो धर्मांतरण रोकने का कार्य पुरजोश से कर रहे हैं इससे आपके ऊपर वेटिकन सिटी बहुत नाराज है और वे लोग सोनिया गांधी को बोलकर आपको जेल भिजवाने की तैयारी में लगे हैं लेकिन बापू आशारामजी निश्चिंत थे। उन्होंने बोला कि भगवान जो करेगा अच्छा ही होगा। ये बात आसाराम बापू को जेल भेजने से पहले की है।

https://youtu.be/rwOJIG3YHEI


आपको बता दें कि जिस केस में हिंदू संत आशारामजी बापू को सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई है जब उनका केस पढ़ते हैं तो वह पूरी तरह बोगस साबित होता है।

जिस समय आरोप लगानेवाली लड़की ने तथाकथित घटना बताई है वो उस समय अपने मित्र से फोन पर बात कर थी जिसकी कॉल डिटेल भी है और आशारामजी बापू एक कार्यक्रम में थे वहां पर 50-60 लोग भी मौजूद थे उन्होंने भी गवाही दी है और मेडिकल रिपोर्ट में भी लड़की को एक खरोंच तक नहीं आने की बात स्पष्ट लिखी है तथा एफआईआर में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नहीं है केवल छेड़छाड़ का आरोप है।

https://www.youtube.com/playlist?list=PLukTS7SXG2Yc5ubazrsi-uwmf6giCDFyB


आपको ये भी बता दें कि बापू आशारामजी आश्रम में एक फैक्स भी आया था उसमें साफ लिखा था कि 50 करोड़ दो नहीं तो लड़की के केस में जेल जाने के लिए तैयार रहो।

https://twitter.com/SanganiUday/status/1053870700585377792?s=19


बता दें कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व किया था। बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश में 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शूरू करवाया, वैदिक गुरुकुल खोले, करोड़ों लोगो को व्यसनमुक्त किया, ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं।

https://youtu.be/wmswegtRqus

https://youtu.be/jZBu4ZSu-tE

https://youtu.be/LO7MWmLPz7w

https://www.youtube.com/playlist?list=PLbBmiOH-57U42_T8gMe-Q1pE7sO78E1Sq



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मासूम बच्ची का पादरी ने किया यौन-शोषण; मीडिया, सेक्युलर सब मौन हैं

मासूम बच्ची का पादरी ने किया यौन-शोषण; मीडिया, सेक्युलर सब मौन हैं


07 मई 2021

azaadbharat.org


कथलिक चर्च की दया, शांति और कल्याण की असलियत दुनिया के सामने उजागर हो ही गयी है। मानवता और कल्याण के नाम पर क्रूरता की पोल खुल चुकी है। चर्च कुकर्मों की पाठशाला व सेक्स स्कैंडल का अड्डा बन गया है। पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने पादरियों द्वारा किये गए इस कुकृत्य के लिए माफी माँगी थी।



दश-विदेश में ईसाई पादरियों द्वारा यौन शोषण की इतनी सारी घटनाएं घटित हो रही हैं लेकिन मीडिया को इनपर चर्चा करने की या खबर दिखाने की फुर्सत नहीं है, उसे तो केवल हिन्दू संस्कृति मिटानी है इसलिए पवित्र हिन्दू साधु-संतों पर झूठे आरोप लगने पर बदनाम करती है।


10 साल की नाबालिग बच्ची का पादरी द्वारा यौन-शोषण


आंध्र प्रदेश के काकीनाडा स्थित सर्पवरम में पादरी द्वारा 10 साल की नाबालिग बच्ची का यौन-शोषण करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने 46 वर्षीय पादरी अलावला सुधाकर को गिरफ्तार कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपित काकीनाडा क्षेत्र के एक गाँव में पादरी है।

रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि आरोपित पादरी ने 22 जून 2021 को यौन-शोषण करने के साथ ही पीड़िता से मारपीट भी की थी। बच्ची की माँ को जैसे ही इस घटना के बारे में पता चला तो उसने सर्पवरम थाने में पादरी के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पादरी के खिलाफ POCSO एक्ट के विभिन्न प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया। आरोपित को कोर्ट में पेश किया गया था, जहाँ से अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

सर्पवरम सर्किल के इंस्पेक्टर बी राजशेखर ने कहा, “काकीनाडा के रहने वाले पादरी की पहचान अलवला सुधाकर के तौर पर हुई है। 22 जून 2021 को वह शहर में हुए एक समारोह में शामिल हुआ था। इसी दौरान आरोपित ने कथित तौर पर लड़की को पास की एक झोपड़ी में ले जाकर उसके साथ दुर्व्यवहार किया।”


एक स्थानीय समाचार की रिपोर्ट में बताया गया है कि 22 जून को आरोपित पादरी एक समारोह में शामिल हुआ था। वहीं पर 10 वर्षीय बच्ची भी आई हुई थी। आरोपित सुधाकर बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ चर्च से दूर ले गया और दुर्व्यवहार किया।


मदद के लिए गुहार लगाने पर आरोपित ने बच्ची को 50 रुपए का नोट पकड़ाकर इसके बारे में किसी से कुछ नहीं बताने को कहा। हालाँकि, ग्रामीणों और परिजनों के बार-बार पूछने पर पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना के बारे में सबकुछ बयाँ कर दिया। इसके बाद पीड़िता की माँ ने आरोपित पादरी के खिलाफ पुलिस में शिकायत की। जिसके आधार पर पादरी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।


पादरियों द्वारा नाबालिगों का यौन-शोषण लंबे समय से एक ज्वलंत मुद्दा रहा है, जिसे चर्च प्रशासन ने हमेशा से छुपाने की कोशिश की है। हाल ही में पोलैंड स्थित एक कैथोलिक चर्च के पादरियों पर नाबालिगों के साथ हुए यौन अपराधों के मामलों को दबाने का आरोप लगा था। एक रिपोर्ट के मुताबिक 1958 से वर्ष 2020 तक 292 पादरियों ने 300 बच्चों का यौन शोषण किया था। मामले में बवाल मचने के बाद कैथोलिक चर्च ने इस बात को स्वीकार किया था कि उसे पिछले तीन वर्षों में 368 लड़कों और लड़कियों के यौन शोषण की शिकायतें मिली थीं। इस मामले को दबाए जाने की बात को मानते हुए पोलिश चर्च के आर्कबिशप वोजशिक पोलाक ने पीड़ितों से माफी माँगी थी।

https://twitter.com/OpIndia_in/status/1412634794878328833?s=19


सान डियेगो चर्च के अधिकारियों ने पादरियों के द्वारा किये गये बलात्कार, यौन-शोषण आदि के 140 से अधिक अपराधों के मामलों को निपटाने के लिए 9.5 करोड़ डॉलर चुकाने का ऑफर किया था।


कन्नूर (केरल) के कैथोलिक चर्च की एक नन सिस्टर मैरी चांडी ने पादरियों और ननों का चर्च और उनके शिक्षण संस्थानों में व्याप्त व्यभिचार का जिक्र अपनी आत्मकथा ‘ननमा निरंजवले स्वस्ति’ में इस तरह किया है- ‘चर्च के भीतर की जिन्दगी आध्यात्मिकता के बजाय वासना से भरी थी। एक पादरी ने मेरे साथ बलात्कार की कोशिश की थी। मैंने उस पर स्टूल चलाकर इज्जत बचायी थी। यहाँ गर्भ में ही बच्चों को मार देने की प्रवृत्ति होती है।'


इसपर मीडिया मौन रहती है पर किसी पवित्र हिंदू साधु-संत पर झूठे आरोप लगते हैं तो दिनभर चिल्लाने लगती है, कुछ सेक्युलर हिंदू भी इनकी झूठी खबरें सुनकर अपने धर्मगुरु को गलत बोलने लग जाते हैं; इसलिए सावधान रहें।


हिंदुस्तान में बलात्कार करनेवाले पादरी धर्मांतरण करवाते हैं। देशवासी पादरी और चर्च से बचके रहें, धर्मपरिवर्तन करके अपना जीवन बर्बाद न करें। याद रहे- श्रीमद्भगवत गीता में श्री कृष्ण ने भी कहा है, "स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः" अर्थात स्वधर्म में मरना भी कल्याणकारक है, पर परधर्म तो भय उपजानेवाला है।

अतः धर्मान्तरण की आंधी से बचकर रहें।


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