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Thursday, February 24, 2022

पादरी को ही आशाराम बापू ने बना दिया हिंदू, अब सनातन का प्रचार कर रहे हैं...

पादरी को ही आशाराम बापू ने बना दिया हिंदू, अब सनातन का प्रचार कर रहे हैं...

https://youtu.be/grA34VRIIt4


10 जुलाई 2021

azaadbharat.org


जहाँ जहाँ ईसाई मिशनरियां धर्मान्तरण करवा रही थीं, खास करके आदिवासी क्षेत्रों में वहाँ-वहाँ हिंदू संत आशाराम बापू ने जाकर लोगों को सनातन हिंदू धर्म की महिमा समझाई, उनको मकान, जीवन जरूरियात सामग्री, नकद राशि देना शुरू कर दिया और ईसाई मिशनरियों के षड़यंत्र से अवगत करवाया जिसके कारण लाखों हिंदुओं ने घरवापसी की और जो धर्मपरिवर्तन करनेवाले थे वे रुक गए। करोड़ों अरबों रुपये लगाकर ईसाई मिशनरियों के NGO's कार्य कर रहे थे उनके पैसे बर्बाद होने लगे क्योंकि आदिवासी समाज अपने हिंदू धर्म की महिमा समझ चुके थे इसलिए वे धर्मपरिवर्तन नहीं कर रहे थे। यहाँ तक कि धर्मपरिवर्तन करानेवाले पादरी ने भी आशारामजी बापू से हिंदू धर्म की महिमा सुनकर हिंदू धर्म अपना लिया।

https://youtu.be/zn2M6lJHTSU

https://youtu.be/4UxPuzV50Vg



ऐसे ही एक इंडोनेशिया के पादरी रॉबर्ट सोलोमन थे। वो चर्च के अंतराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत धर्मपरिवर्तन करवाने का कार्य कर रहे थे लेकिन उन्होंने झारखंड में बापू आशारामजी का प्रवचन सुना और बाद में उन्होंने हिंदू धर्म का अध्ययन किया फिर उनको हिंदू धर्म की महिमा समझ में आई और उन्होंने बापू आशारामजी के कार्यक्रम में जाकर हिंदू धर्म अपना लिया और पादरी रॉबर्ट सोलोमन से बन गए डॉ. सुमन कुमार और आज वे खुद धर्मान्तरण रोकने का कार्य कर रहे हैं और देश की रक्षा के लिए अपने प्राण देने को भी तैयार हुए हैं।

https://youtu.be/grA34VRIIt4


डॉ. सुमन ने क्या कहा अपने वक्तव्य में?


डॉ सुमन कुमार ने कहा कि मेरा पूर्व नाम रॉबर्ट सोलोमन था, वर्तमान नाम सुमन कुमार है। मैं मूल रूप से इंडोनेशिया (जकार्ता) का रहनेवाला था। पढ़ाई ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी लंदन से करने के बाद 1987 तक चर्च के अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत मैं काम कर रहा था। देश एवं विदेशों में मिशनरीज के कार्य में संलग्न था। भारतीय परंपरा, भारतीय दर्शन को ना मैं जानता था, ना मैं मानता था और ना ही सनातनी परंपरा को देखने-समझने का अवसर प्राप्त हुआ था। जाने अनजाने में जो हमसे बहुत बड़ी भूल हुई थी उस भूल को सुधारने के लिए पूजनीय बापूजी के श्री चरणों में आकर प्रायश्चित स्वरूप मैं सोलोमन से सुमन कुमार बनके हिंदू हित, हिंदू समाज, हिंदू दर्शन और हिंदू चिंतन को स्वीकार कर रहा हूं।


दशभक्ति ली लहर दौड़ रही है सुमन कुमार के भीतर


सुमन कुमार ने आह्वान किया- 

ओ भारत के वीर जवानों, मां का कर्ज चुका देना।

कटे-फटे इस मानचित्र को, अब भी ठीक बना देना।

पटना साहब से मिलने, ननकाना बेचैन खड़ा।

और अब के तिरंगा घुसकर, रावलपिंडी में फहरा देना।

अटक कटक से सिंधु नदी, सब कुछ हमको प्यारा है।

कश्मीर मत मांगो, पाकिस्तान हमारा है।

कोई चलता पद चिन्हों पर, कोई पद चिन्ह बनाता है।

है वही सूरमा इस जग में, दुनिया में पूजा जाता है।

ऐसे हमारे प्रातः स्मरणीय पूजनीय आसाराम बापूजी यहां विराजमान हैं। व्यक्ति को विचारों से, आचारों से, व्यवहारों से और संस्कारों से ढालने का प्रयत्न उनके माध्यम से करोड़ों लोगों तक यह संदेश पहुंचाया जा रहा है।

मैं नहीं तू ही तू ही जाकर, मौन तपस्वी साधक बनकर।।

हिमगिरि जैसे चुपचाप चले।।


आज़ादी के लिए क्या कहा?


मित्रों बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी।

बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी।

इसे हम खोने नहीं देंगे और देश में रह रहे गद्दारों को हम चैन से जीने नहीं देंगे।

हम चैन से जीने नहीं देंगे।

भारत हमारी मां है, भारत हमारी मां है।

माता का रूप है प्यारा।

करना इसकी रक्षा, यही कर्तव्य है हमारा।


आगे कहा कि यह मेरा परम सौभाग्य है, प्रायश्चित स्वरूप पूजनीय आसाराम बापूजी के श्री चरणों में आने का मौका मिला। हम जानते हैं कि बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी। आज जो आजादी हम को प्राप्त हुई है उस आजादी को हमें पूरा बनाए रखना है, बचाए रखना है, बरकरार रखना है और यही संस्कार पूजनीय बापूजी हमें देते हैं। दिस इज माय होली मदर लैंड। मैं तो कहता हूँ कि यह हमारे लिए पूजनीय वंदनीय प्रातः स्मरणीय भूमि है। हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे तो इसके लिए। छत्रपति शिवाजी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, विनायक सावरकर ने यह जो मार्ग हमको दर्शाए थे आज उन्हीं मार्गों को पुनः स्मरण करने की हमें आवश्यकता है। तो मित्रों मैं तो कहूंगा व्यक्ति को विचार, आचार, संस्कार से ढालने का जो पूजनीय बापूजी ने कार्य किया है, वो पूरी हिंदू सोसायटी के लिए किया है। इन हिन्दू सोसाइटी देअर आर मेनी स्कूल ऑफ आर्ट्स बट ओनली वन स्कूल ऑफ हार्ट। पूज्य बापूजी में वह ताकत है जो पूरे समाज को, पूरे विश्व को दिशा देने के लिए है और मैं तो कहता हूं कि भारतीय परंपरा और भारतीय चिंतन अब विश्व को मार्गदर्शन देने की स्थिति में है और इसलिए सनातनी परंपरां जो सनातनी सच है उस सच को हम समझें।


डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने बयान में कई बार बताया कि मेरे को एक बार फ्लाइट में आसाराम बापू मिले। उनसे मैंने बातचीत करते समय बताया कि आप जो धर्मांतरण रोकने का कार्य पुरजोश से कर रहे हैं इससे आपके ऊपर वेटिकन सिटी बहुत नाराज है और वे लोग सोनिया गांधी को बोलकर आपको जेल भिजवाने की तैयारी में लगे हैं लेकिन बापू आशारामजी निश्चिंत थे। उन्होंने बोला कि भगवान जो करेगा अच्छा ही होगा। ये बात आसाराम बापू को जेल भेजने से पहले की है।

https://youtu.be/rwOJIG3YHEI


आपको बता दें कि जिस केस में हिंदू संत आशारामजी बापू को सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई है जब उनका केस पढ़ते हैं तो वह पूरी तरह बोगस साबित होता है।

जिस समय आरोप लगानेवाली लड़की ने तथाकथित घटना बताई है वो उस समय अपने मित्र से फोन पर बात कर थी जिसकी कॉल डिटेल भी है और आशारामजी बापू एक कार्यक्रम में थे वहां पर 50-60 लोग भी मौजूद थे उन्होंने भी गवाही दी है और मेडिकल रिपोर्ट में भी लड़की को एक खरोंच तक नहीं आने की बात स्पष्ट लिखी है तथा एफआईआर में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नहीं है केवल छेड़छाड़ का आरोप है।

https://www.youtube.com/playlist?list=PLukTS7SXG2Yc5ubazrsi-uwmf6giCDFyB


आपको ये भी बता दें कि बापू आशारामजी आश्रम में एक फैक्स भी आया था उसमें साफ लिखा था कि 50 करोड़ दो नहीं तो लड़की के केस में जेल जाने के लिए तैयार रहो।

https://twitter.com/SanganiUday/status/1053870700585377792?s=19


बता दें कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व किया था। बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश में 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शूरू करवाया, वैदिक गुरुकुल खोले, करोड़ों लोगो को व्यसनमुक्त किया, ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं।

https://youtu.be/wmswegtRqus

https://youtu.be/jZBu4ZSu-tE

https://youtu.be/LO7MWmLPz7w

https://www.youtube.com/playlist?list=PLbBmiOH-57U42_T8gMe-Q1pE7sO78E1Sq



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ऑस्ट्रेलिया की लड़की ने संत आशाराम बापू के बारे में कही बड़ी बात...

ऑस्ट्रेलिया की लड़की ने संत आशाराम बापू के बारे में कही बड़ी बात...

https://youtu.be/YwELDddpR44


01 जुलाई 2021

azaadbharat.org


हिन्दू धर्मगुरु आशाराम बापू की उम्र 85 वर्ष की है, 8 साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। कुछ समय पहले वे कोरोना संक्रमित हुए थे, एलोपैथी दवाई दी गई जिसका उनपर प्रतिकूल असर हुआ और उनका हीमोग्लोबिन 3.7 चला गया था। काफी समय इलाज चला, उसके बाद वापिस उनको जेल भेज दिया गया। उनकी शारीरिक स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। 



इस विषय को लेकर ऑस्ट्रेलिया की लड़की ग्रेलोरे सैनी ने कहा "सारी दुनिया कोरोना वायरस पैंडेमिक के प्रकोप से जूझ रही है। मैंने सुना है कि भारत देश के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि भारतीय जेलों में जो कैदी हैं उनको बेल या पैरोल पर छोड़ दिए जाए। क्योंकि जेलों  में बहुत भीड़ है। कोरोना काल में इतनी भीड़ में साफ़ सफाई रखना मुश्किल होगा इसलिए जेलों की भीड़ कम करने के लिए जिससे कि कोरोना के रोकथाम में मदद हो, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश जारी किया है।" 


आगे कहा कि आसाराम बापूजी, जो कि एक वृद्ध 85 साल के व्यक्ति  हैं, वो कोरोना पॉजिटिव हो गए थे कुछ समय पहले। वो अब भी जेल में हैं और उनको बेल या पैरोल अब तक नहीं दी गई है। 

हम जानते हैं कि कोरोना वायरस वयस्क अथवा वृद्ध लोगों के लिए ज़्यादा खतरनाक है। जब आसारामजी बापू 85 साल के हैं और कोविड19 पॉजिटिव हो गए थे तो उनको अब तक बेल पे छोड़ा क्यों नहीं गया?


वो एक अति वृद्ध व्यक्ति हैं जिनको जेल जैसी भीड़ भरी जगह में रखा गया है। अन्य बहुत सारे अपराध करनेवाले कैदियों को छोड़ा गया है तो आसाराम बापूजी को क्यों नहीं छोड़ा? 

मेरी प्रशासन से विनती है कि आप प्लीज आसाराम बापूजी को बेल अथवा पैरोल पे छोड़ दें। धन्यवाद!


आपको स्पष्ट बता देते हैं कि जिस समय लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है उस समय तो वो अपने मित्र से कॉल पर बात कर रही थी और बापू आशारामजी किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे, वहाँ पर 50-60 लोग भी थे, उन्होंने कोर्ट में गवाही भी दी है, लड़की का कॉल डिटेल भी दिया गया है फिर भी उनको जेल में रखना कहां तक उचित है?

https://youtu.be/V0sr9yHj1Go


उनको साजिश के तहत फंसाना और बाहर नहीं आने देना- उसके मुख्य कारण ये हैं:-


1). लाखों धर्मांतरित ईसाइयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर धर्म के संस्कार, मकान, जीवनोपयोगी सामग्री दी, जिससे धर्मान्तरण करानेवालों का धंधा चौपट हो गया।


2). कत्लखाने जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया।


3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया।


4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाइयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया।


5). लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र देकर और योग व उच्च संस्कार का प्रशिक्षण देकर ओजस्वी-तेजस्वी बनाया।


6). इंग्लैंड, पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया।


7). वैलेंटाइन डे का कुप्रभाव रोकने हेतु "मातृ-पितृ पूजन दिवस" का प्रारम्भ करवाया।


8). क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया।


9). करोड़ों लोगों को अधर्म से धर्म की ओर मोड़ दिया।


10). नशामुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसनमुक्त कराया।


11). वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल खुलवाए।


12). मुश्किल हालातों में कांची कामकोटि पीठ के "शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी", बाबा रामदेव, मोरारी बापू, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया।


13. बच्चों के लिए "बाल संस्कार केंद्र", युवाओं के लिए "युवा सेवा संघ", महिलाओं के लिए "महिला उत्थान मंडल" खोलकर उनका जीवन धर्ममय व उन्नत बनाया।


ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं।


हिंदू संत आशाराम बापू पर जिस तरह से षड्यंत्र हुआ है उसको देखते हुए और उनके द्वारा किए गये राष्ट्र-संस्कृति व समाज उत्थान के सेवाकार्य तथा उनकी उम्र का ध्यान रखते हुए न्यायालय और सरकार को उन्हें शीघ्र रिहा करना चाहिए।


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Wednesday, February 23, 2022

आशाराम बापू के साथ जो हो रहा है वह किसी आतंकवादी के साथ भी नहीं हुआ है...

24 जून 2021

azaadbharat.org


हिंदू धर्मगुरु आशाराम बापू की उम्र 85 वर्ष की है। वे 8 साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। जोधपुर सेंट्रल जेल में काफी लोग कोरोना पोजिटिव पाये गए उसके कारण आशाराम बापू पिछले महीने कोरोना संक्रमित हो गए, उनका स्वास्थ्य इतना गिर गया कि उन्हें जोधपुर AIIMS अस्पताल के AICU में भर्ती किया गया। उनको एलोपैथी दवाई दी गई जिसके कारण उनका स्वास्थ्य और बिगड़ गया और हीमोग्लोबिन 3.7 तक आ गया जिससे किसी सामान्य इंसान की मौत भी हो सकती थी। उनको खून की 7 बोतलें चढ़ाई गईं। कुछ दिन के बाद उनका थोड़ा स्वास्थ्य सुधार हुआ और उन्हें वापिस सेंट्रल जेल ले जाया गया जिसके कुछ दिन के बाद फिर से उनका स्वास्थ्य खराब हुआ और उन्हें वापिस जोधपुर के AIIMS अस्पताल के AICU में भर्ती किया गया। आज फिर उनको वापिस जेल भेज दिया गया जबकि उनका स्वास्थ्य अभी भी पूर्णरूप से ठीक नहीं हुआ है।



उनके करोड़ों भक्त न्यायालय और सरकार से निवेदन कर रहे हैं कि बापू आशारामजी को अभी जेल नहीं भेजा जाए, उनकी आयुर्वेदिक चिकित्सा कराई जाए और पूर्णरूप से स्वस्थ होने के बाद जेल भेजा जाए लेकिन उनकी आवाज सरकार और न्यायपालिका को सुनाई नहीं दे रही है।

दिल्ली जामा मस्जिद के इमाम बुखारी पर 65 वारंट हैं, उसमें कई गैरजमानती वांरट भी हैं लेकिन उसे गिरफ्तार करने से भी सरकार डर रही है कि कहीं दंगे न हो जायें।

आशारामजी बापू के करोड़ों भक्त केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा की मांग कर रहे हैं परन्तु उस बात को भी सरकार सुन नहीं रही है।


🚩कितने बड़े-बड़े अपराधियों को जमानत मिल गई, आतंकवादी को भी जमानत मिल गई लेकिन एक हिंदू संत आशाराम बापू को अपना उपचार आयुर्वेदिक चिकित्सा से कराने के लिए भी न्यायालय और सरकार की परमिशन नहीं है- इससे ज्यादा देश में क्या अन्याय हो सकता है?


आपको बता देते हैं कि जिस समय लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है उस समय तो वो अपने मित्र से कॉल पर बात कर रही थी और बापू आशारामजी किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे, वहाँ पर 50-60 लोग भी थे, उन्होंने कोर्ट में गवाही भी दी है, लड़की का कॉल डिटेल भी दिया गया है।


बता दें कि आरोप लगानेवाली लड़की ने रेप का आरोप नहीं लगाया है, बल्कि लिखाया है कि मेरे साथ छेड़छाड़ हुई है लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि लड़की को टच भी नहीं किया गया है। इससे साफ होता है कि लड़की के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है।

वीडियो में यह देख सकते हैं।

https://youtu.be/V0sr9yHj1Go


इन सब पुख्ता सबूतों के होते हुए भी उनको आजीवन कारावास की सजा देना और आजतक जमानत नहीं देना- ये हिंदू धर्मगुरु को खत्म करने का कोई बड़ा षड्यंत्र तो नहीं है?


बापू आशारामजी की तरफ से निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका डाली गई है। कल को अगर हाईकोर्ट में आशारामजी बापू निर्दोष साबित होते हैं तो सरकार, मीडिया और न्यायालय अपनी गलती मानेंगे?? और मान भी लें तो इंसानियत का तो गला आपने घोंट ही दिया, बाद में माफी मांगने से क्या फायदा? इतना उनका समय, पैसा, इज्जत और स्वास्थ्य गया उसका जिम्मेदार कौन होगा?


संत आशाराम बापू ने करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति आस्थावान बनाया। लाखों लोगो की घर वापसी करवाई, आदिवासियों को धर्मांतरित होने से बचाया। विदेशों में भी सनातन धर्म का परचम लहराया।


करोड़ों लोगो के व्यसन छुड़वाए, एलोपैथी से देशवासियों को आयुर्वेद पर लेकर आये।


वैदिक गुरुकुल और बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को सनातन संस्कृति के दिव्य संस्कार दिए।


कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर गौशालाएं खोल दी।


वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन और क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन दिवस शुरू करवाया।


क्या राष्ट्र और सनातन धर्म की सेवा करने के परिणामस्वरूप उनको षड्यंत्र करके जेल भिजवाया? अब हिंदुओं को सोचना होगा कि अगर कोई अन्य धर्म के गुरु होते तो आज देश में आग लग जाती लेकिन हिन्दू सहिष्णुता के नाम पलायनवादी हो गए हैं जिसके कारण आज हिन्दू धर्मगुरु जेल में हैं।


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Tuesday, February 22, 2022

अधिकतर लोग नहीं जानते आशाराम बापू के केस के इन तथ्यों के बारे में

10 जून 2021

azaadbharat.org


हिंदू संत आशाराम बापू 8 साल से जेल में हैं, उनको एक दिन भी बाहर नहीं आने दिया- उसके पीछे का कारण अधिकतर लोग जानते नहीं होंगे।



आपने मीडिया में सुना होगा कि आशाराम बापू पर रेप का आरोप लगा है पर सच्चाई यह है कि उनके ऊपर छेड़छाड़ का आरोप लगा है।

बापू आशारामजी पर आरोप लगानेवाली लड़की ने एफआईआर में लिखवाया है कि मेरे साथ छेड़छाड़ किया है लेकिन मीडिया  ने आपको बताया कि लड़की के साथ रेप हुआ जबकी लड़की ने कहीं ऐसा एफआईआर में नहीं लिखवाया है।


अब आते हैं आगे। लड़की ने लिखाया है कि मेरे साथ छेड़छाड़ हुई है लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि लड़की को टच भी नहीं किया गया है। इससे साफ होता है कि लड़की के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। वीडियो में यह देख सकते हैं।

https://youtu.be/V0sr9yHj1Go


अब सवाल उठता है कि आशाराम बापू को फिर सजा क्यों सुनाई गई?

आपको बता दें कि 2012 में पोक्सो एक्ट बनाया गया था। इस एक्ट में ऐसा प्रावधान है कि जो भी नाबालिग बच्चों के साथ अश्लीलता भरा व्यवहार करता है उसको तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए और उसे जमानत नहीं मिलनी चाहिए तथा पुरुष जेल के अंदर ही रहकर अपने को निर्दोष साबित करे। अब आप भला सोचो किसी ने आप पर झूठा मुकदमा लगा दिया और जेल में भेज दिया और बोले कि अंदर ही बैठे-बैठे अपने-आपको निर्दोष साबित करो तो कैसे संभव है?

ऐसा ही बापू आशारामजी के साथ हुआ, केवल लड़की के बयान पर उनको सजा सुना दी।


आपको स्पष्ट बता देते हैं कि जिस समय लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है उस समय तो वो अपने मित्र से कॉल पर बात कर रही थी और बापू आशारामजी किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे, वहाँ पर 50-60 लोग भी थे, उन्होंने कोर्ट में गवाही भी दी है, लड़की का कॉल डिटेल भी दिया गया है।


आपको ये भी जानना जरूरी है कि लड़की को कुछ साजिश के तहत नाबालिग बताया गया जबकि वो बालिग है क्योंकि लड़की की LIC Policy जो सुनीता सिंह जो Prosecutrix की Mother है, उसने करवाई है, उसको न्यायालय में पेश करवाया जाए,  इसके अंदर जो Date of Birth है वो 1-7-94 है। और प्रथम कक्षा में भी जो Date of Birth लिखी है उससे भी बालिग है। इससे साफ पता चलता है कि किसी साजिश के तहत उनके ऊपर मुकदमा चलाया गया है।

https://youtu.be/qS9W6m59Lek


इन सब तथ्यों को नकारकर लड़की की झूठी कहानी पर उनको आजीवन कारावास दिया गया। 85 वर्ष की उम्र है, स्वास्थ्य खराब है फिर भी 8 साल से जमानत नहीं दी जा रही है।


बता दें कि 2008 में उनके अहमदाबाद आश्रम में एक फैक्स भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि 50 करोड़ रुपये दो वर्ना परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ। हम झूठी लड़कियां तैयार करेंगे, प्लांट करेंगे जिसके कारण तुम जिंदगीभर जेल में रहोगे, कभी बाहर नहीं आ सकोगे।


आपने देखा होगा कि 3 दिन पहले बापू आशारामजी के आयुर्वेदिक उपचार के लिए सुनवाई थी उसमें भी गहलोत सरकार विरोध कर रही थी; उनको आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए भी सरकार मना कर रही है इससे साफ पता चलता है कि कितनी बड़ी साजिश होगी।


उनको साजिश के तहत फंसाना और बाहर नहीं आने देना- उसके मुख्य कारण ये हैं:-


1). लाखों धर्मांतरित ईसाइयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर धर्म के संस्कार, मकान, जीवनोपयोगी सामग्री दी, जिससे धर्मान्तरण करानेवालों का धंधा चौपट हो गया।


2). कत्लखाने जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया।


3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया।


4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाइयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया।


5). लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र देकर और योग व उच्च संस्कार का प्रशिक्षण देकर ओजस्वी-तेजस्वी बनाया।


6). इंग्लैंड, पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया।


7). वैलेंटाइन डे का कुप्रभाव रोकने हेतु "मातृ-पितृ पूजन दिवस" का प्रारम्भ करवाया।


8). क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया।


9). करोड़ों लोगों को अधर्म से धर्म की ओर मोड़ दिया।


10). नशामुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसनमुक्त कराया।


11). वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल खुलवाए।


12). मुश्किल हालातों में कांची कामकोटि पीठ के "शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी", बाबा रामदेव, मोरारी बापू, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया।


13. बच्चों के लिए "बाल संस्कार केंद्र", युवाओं के लिए "युवा सेवा संघ",के लिए "महिला उत्थान मंडल" खोलकर उनका जीवन धर्ममय व उन्नत बनाया।


ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं।


हिंदू संत आशाराम बापू पर जिस तरह से षड्यंत्र हुआ है उसको देखते हुए और उनके द्वारा किए गये राष्ट्र-संस्कृति व समाज उत्थान के सेवाकार्य तथा उनकी उम्र का ध्यान रखते हुए न्यायालय और सरकार को उन्हें शीघ्र रिहा करना चाहिए।


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आशाराम बापू के केस में क्या है, उनको जमानत क्यों नहीं मिल रही है?

07 जून 2021

azaadbharat.org

शकराचार्य जयेंद्र सरस्वती पर 2004 में जब मर्डर केस लगा था उस समय शंकराचार्यजी को हिरासत में लिया गया था। उसके बाद उनके ही मठ के लोग उनके खिलाफ बोलना शुरू कर दिये थे पर हिन्दू संत आशारामजी बापू जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए, उसके बाद वहाँ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व राष्ट्रपति आदि बहुत सारी हस्तियां आ गईं और शंकराचार्यजी को रिहा किया गया।



उसके बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया; उनपर अनगिनत अत्याचार किये जा रहे थे तब आशाराम बापू उनको जाकर मिले। उनको मिलने नहीं दे रहे थे तब आशाराम बापू ने सरकार को धमकी दी थी कि मिलने नहीं देंगे तो हम अन्न-जल छोड़कर धरना देंगे करोडों भक्तों के साथ, तब सरकार-प्रशासन डर गया और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से मिलने दिया।


मोरारी बापू की मीडिया में बदनामी शुरू हुई तब उसका खंडन आशाराम बापू ने किया और जनता को सच्चाई बताई। बाबा रामदेव की भी मीडिया में जब बदनामी शुरू हुई तब आशाराम बापू ने सबको बताया कि बाबा रामदेव की झूठी बदनामी की जा रही है। जब बाबा रामदेव पर रामलीला मैदान में लाठीचार्ज हुआ तब आशाराम बापू ने कहा था- "सोनिया गांधी, भारत छोड़ो।" 


ऐसे कई अनगिनत साधु-संतों पर अत्याचार कॉंग्रेस सरकार में हो रहा था तब बापू आशारामजी ने उनके लिए आवाज उठाई, सभी साधु-संतों को एक किया; उसके बाद उनके खिलाफ षड्यंत्र शुरू हो गया।


बापू आशारामजी को 2008 में जेल भेजने की तैयारी थी। उनके गुरुकुल के 2 बच्चों की मौत संदिग्ध तरीके से हुई थी, इसको लेकर मीडिया ने उनके खिलाफ बहुत कुप्रचार किया पर उसमें उनको सुप्रीम कोर्ट से क्लीनचिट मिल गई।


उसके बाद 2013 में एक लड़की द्वारा रात को 2:45 को दिल्ली में छेड़छाड़ के मामले में जीरो एफआईआर हुई। लेकिन उस एफआईआर की ओरिजनल और कार्बन कॉपी अलग-अलग थी, आरोप लगानेवाली लड़की की वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई।


आरोप लगानेवाली लड़की का मेडिकल रिपोर्ट निकलवाया। उसमें साफ लिखा है कि लड़की को टच भी नहीं किया गया है अर्थात् लड़की के साथ कुछ नहीं हुआ है।


तीसरा, जिस समय लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है उस समय तो वो अपने मित्र से कॉल पर बात कर रही थी और बापू आशारामजी किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे, वहाँ पर 50-60 लोग भी थे, उन्होंने कोर्ट में गवाही भी दी है, लड़की का कॉल डिटेल भी दिया गया है।


2008 में उनके अहमदाबाद आश्रम में एक फैक्स भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि 50 करोड़ रुपये दो वर्ना उसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ। हम झूठी लड़कियां तैयार करेंगे, प्लांट करेंगे जिसके कारण तुम जिंदगीभर जेल में रहोगे, कभी बाहर नहीं आ सकोगे।


इन सब तथ्यों को नकारकर लड़की की झूठी कहानी पर उनको आजीवन कारावास दिया गया। 85 वर्ष की उम्र है, स्वास्थ्य खराब है फिर भी 8 साल से जमानत नहीं दी जा रही है।


आपको बता दें कि बापू आशारामजी ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई, आदिवासी व गरीब इलाकों में जाकर उनको सनातन धर्म का ज्ञान देकर व मकान, पैसे व जीवनोपयोगी सामग्री देकर धर्मांतरण पर रोक लगाई; उन्होंने स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व किया था। उन्होंने बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश में 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शुरू करवाया, वैदिक गुरुकुल खोले, करोड़ों लोगों को व्यसनमुक्त किया; ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं।


अब हिंदुओं को उनका साथ देना चाहिए, षड्यंत्र का पर्दाफाश करना चाहिए व उन्हें जेल से रिहा होना चाहिए, क्योंकि वे हमारे जैसे लाखों हिंदुओं की लड़ाई अकेले लड़ रहे थे। अब हमारा कर्तव्य है- उनका साथ दें।


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एक और तारीख मिली आशाराम बापू को, इसके पीछे का कारण क्या है?

04 जून 2021

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हिंदू संत आशाराम बापू की उम्र 85 वर्ष है, वे पिछले 8 सालों से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं, कुछ समय से उनका स्वास्थ्य काफी गिर गया है, उनको आयुर्वेदिक चिकित्सा की आवश्यकता लग रही है। उन्होंने जोधपुर हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी पर अफसोस कि जो न्यायालय आतंकवादी को अपना मनपसंद भोजन बिरयानी देता है और फाँसी रोकने की सुनवाई में आधी रात को अपना दरवाजा खोलता है उस न्यायालय ने 85 वर्षीय बुजर्ग संत आशाराम बापू को जमानत देने से मना कर दिया और जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुक्रवार को हुई तो उसमें भी अगली तारीख दे दी।



अभी हमें ये जानना होगा कि बापू आशारामजी के कौन-से दोष हैं जिसके कारण उनको सजा मिल रही है?


पहला दोष: वे एक हिन्दू संत हैं। अगर किसी अन्य धर्म के कोई बड़े गुरु होते तो शायद कोई उन्हें छू भी न पाता।


दसरा दोष: वे खरी बात कहते हैं। जिसमें लोगों का भला होता है वह बात स्पष्ट रूप से कह देते हैं जो नेता लोगों को पसंद नहीं आती है।


तीसरा दोष: करोड़ों लोगों के सिगरेट, शराब आदि व्यसन छुड़वाये हैं।


चौथा दोष: करोड़ों लोगों को सनातन धर्म की महिमा समझाकर ईश्वर के मार्ग पर लगाया।


पाँचवाँ दोष: किसीकी चमचागिरी नहीं करते। किसी मीडियावाले को घूस नहीं देते।


छठा दोष: करोड़ों हिन्दुओं को धर्मांतरित होने से बचाया है। लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई। 


सातवाँ दोष: जो विधर्मी या विदेशी भारतविरोधी ताकतें हैं, उनके आगे हार मानने को तैयार नहीं हैं। 


आठवाँ दोष: करोड़ों युवाओं व विद्यार्थियों को पतन से बचाकर तेजस्वी-ओजस्वी बनाया है। बाल-संस्कार केंद्र और वैदिक गरुकुल खोले।


नौवाँ दोष: पाश्चात्य अंधानुकरण से भोग्या बन रही नारी को उसकी निज महिमा में जगाया है, नारी सशक्तीकरण के लिए कई अभियान चलाये हैं।


दसवाँ दोष: भारतवासियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा-पद्धति की श्रेष्ठता-महत्ता समझाकर स्वस्थ-सुखी जीवन की कुंजियाँ प्रदान की हैं।


गयारहवां दोष: आदिवासियों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री, मकान, पैसे आदि देकर मिशनरियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।


बारहवां दोष: कत्लखाने जाती हजारों गायों को छुड़ाकर, गौशाले बनाकर पालन किया।


ऐसे और भी बहुत सारे दोष हैं बापू आशारामजी में लेकिन हमें ये सोचना होगा कि वास्तव में ये उनके दोष हैं या उनकी महानता? 


बापू आशारामजी के कई करोड़ साधक हैं और सत्संगी तो उनसे भी ज्यादा हैं। एक-एक नशे के उत्पाद तथा वेलेंटाइन डे गिफ्ट्स एवं देश को लूटनेवाले अन्य उत्पादों से सालभर में कई लाख करोड़ रुपये का नुकसान कम्पनियों को हो रहा है। इस बड़े नुकसान से बचने के लिए बापूजी जैसे संत की प्रतिष्ठा को नष्ट करने के लिए अगर 1000-2000 करोड़ रुपये लगा दिये जायें तो इसमें क्या आश्चर्य है!


ईसाई मिशनरियाँ भारत में भोले-भाले लोगों, गरीबों-आदिवासियों को बहला-फुसलाकर तथा लालच दे के उनका धर्मांतरण कराती हैं। बापू आशारामजी ने उन लोगों को हिन्दू धर्म की महिमा समझायी और उन्हें अपने धर्म में वापस लाने का कार्य किया। इससे बापूजी मिशनरियों की आँख की किरकिरी बन गये।

और भी ऐसी बहुत-सी बातें हैं, जिनके कारण यह षड्यंत्र हुआ । 


आज हिन्दुओं की हालत ऐसी है जैसे पड़ोसी के घर में आग लगी है और सोच रहे हैं कि ‘हम क्यों जायें मदद करने? हम क्यों चिंता करें?’ लेकिन जब यह आग फैलते-फैलते उनके घर को घेर लेगी तो उन्हें पछतावा होगा कि ‘काश ! हमने पड़ोसी की मदद की होती तो आज हमारा घर नहीं जलता।’ आज संत आशाराम बापू पर आरोप लगाये जा रहे हैं, कल किसी और हिन्दू संत को निशाना बनाया जायेगा। फिर अफसोस होगा कि समय रहते ही अगर सब लोग हिन्दुत्व के नाते एक हो गये होते तो मुट्ठीभर षड्यंत्रकारियों की ताकत नहीं थी कि वे 100 करोड़ हिन्दुओं की ओर आँख भी उठा पायें।


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Saturday, February 12, 2022

आशाराम बापू कौन हैं, कैसे बने संत? उनकी संस्था क्या कार्य करती है?

आशाराम बापू कौन हैं, कैसे बने संत? उनकी संस्था क्या कार्य करती है?

02 मई 2021

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रविवार को हिन्दू संत आशारामजी बापू का जन्मदिन था, शनिवार को ट्वीटर पर टॉप ट्रेंड कर रहा था #2May_विश्व_सेवा_दिवस क्योंकि उनके  अनुयायी उनका जन्मदिन विश्व सेवा दिवस के रूप में मनाते हैं।



बापू आशारामजी के बचपन का नाम आसुमल था। उनका जन्म अखंड भारत के सिंध प्रांत के बेराणी गाँव में चैत्र कृष्ण षष्ठी विक्रम संवत् 1994 के दिन हुआ था। उनकी माता महँगीबा व पिताजी थाऊमल नगरसेठ थे।

https://youtu.be/oMmfhuvLQzM


बालक आसुमल को देखते ही उनके कुलगुरु ने भविष्यवाणी की थी, "आगे चलकर यह बालक एक महान संत बनेगा, लोगों का उद्धार करेगा।"


बापू आशारामजी का बाल्यकाल संघर्षों की एक लंबी कहानी है। 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के कारण अथाह सम्पत्ति को छोड़कर बालक आसुमल का परिवार गुजरात, अहमदाबाद शहर में आ बसा। उनके पिताजी द्वारा लकड़ी और कोयले का व्यवसाय आरम्भ करने से आर्थिक परिस्थिति में सुधार होने लगा। तत्पश्चात् शक्कर का व्यवसाय भी आरम्भ हो गया।


माता-पिता के अतिरिक्त बालक आसुमल के परिवार में एक बड़े भाई तथा दो छोटी बहनें थीं।

     

बालक आसुमल को बचपन से ही प्रगाढ़ भक्ति प्राप्त थी। प्रतिदिन सुबह 4 बजे उठकर ठाकुरजी की पूजा में लग जाना उनका नित्य नियम था।


दस वर्ष की नन्हीं आयु में बालक आसुमल के पिताजी थाऊमलजी देहत्याग कर स्वधाम चले गये।


पिता के देहत्यागोपरांत आसुमल को पढ़ाई (तीसरी कक्षा) छोड़कर छोटी-सी उम्र में ही कुटुम्ब को सहारा देने के लिये सिद्धपुर में एक परिजन के यहाँ नौकरी करनी पड़ी। 3 साल तक नौकरी के साथ-साथ साधना में भी प्रगति करते रहे। 3 साल बाद वे वापिस अहमदाबाद आ गए और भाई के साथ शक्कर की दुकान पर बैठने लगे।


लकिन उनका मन सांसारिक कार्यों में नहीं लगता था, ज्यादातर जप-ध्यान में ही समय निकालते थे। 21 साल की उम्र में घर वाले आसुमल जी की शादी करना चाहते थे लेकिन उनका मन संसार से विरक्त और भगवान में तल्लीन रहता था। इसलिए वे घर छोड़कर भरुच के अशोक आश्रम चले गए; पर घरवालों ने उन्हें ढूंढकर जबरदस्ती उनकी शादी करवा दी।


लकिन मोह-ममता का त्याग कर ईश्वर प्राप्ति की लगन मन में लिए शादी के बाद भी तुरंत पुनः घर छोड़ दिया और आत्म-पद की प्राप्ति हेतु जंगलों-बीहड़ों में घूमते और साधना करते हुए ईश्वर प्राप्ति के लिए तड़पते रहे। नैनीताल के जंगल में योगी ब्रह्मनिष्ठ संत साईं लीलाशाहजी बापू को उन्होंने सद्गुरु के रूप में स्वीकार किया।


 ईश्वरप्राप्ति की तीव्र तड़प देखकर सद्गुरु लीलाशाहजी बापू का हृदय छलक उठा और उन्हें 23 वर्ष की उम्र में सद्गुरु की कृपा से आत्म-साक्षात्कार हो गया। तब सद्गुरु लीलाशाहजी ने उनका नाम आसुमल से आशारामजी रखा ।


अपने गुरु लीलाशाहजी बापू की आज्ञा शिरोधार्य कर संत आसारामजी बापू समाधि-अवस्था का सुख छोड़कर तप्त लोगों के हृदय में शांति का संचार करने हेतु समाज के बीच आ गये।


सन् 1972 में अहमदाबाद में साबरमती के तट पर आश्रम स्थापित किया।

उसके बाद देश-विदेश में बढ़ते गए आश्रम।आज उनके आश्रम करीब 450 हैं और समितियां 1400 से अधिक हैं जो देश-समाज और संस्कृति के उत्थान कार्य कर रही हैं। भारत की राष्ट्रीय एकता, अखंडता और विश्व शांति के लिए हिन्दू संत आशारामजी बापू ने राष्ट्र के कल्याणार्थ अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।


आशारामजी बापू द्वारा किए गए कार्य:



1). लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर धर्म के संस्कार, मकान, जीवनोपयोगी सामग्री दी, जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया  ।


2). कत्लखाने में जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया।


3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया।

https://youtu.be/fQ7DtN1dc0Q


4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया ।


5). लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र देकर और योग व उच्च संस्कार का प्रशिक्षण देकर ओजस्वी- तेजस्वी बनाया ।


6). लंदन, पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया  ।


7). वैलेंटाइन डे का कुप्रभाव रोकने हेतु "मातृ-पितृ पूजन दिवस" का प्रारम्भ करवाया।


8). क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया।


9). करोड़ों लोगों को अधर्म से धर्म की ओर मोड़ दिया।


10). नशामुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसनमुक्त कराया।


11). वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल वाए।


12). मुश्किल हालातों में कांची कामकोटि पीठ के "शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी" बाबा रामदेव, मोरारी बापूजी, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया।


13. बच्चों के लिए "बाल संस्कार केंद्र", युवाओं के लिए "युवा सेवा संघ", महिलाओं के लिए "महिला उत्थान मंडल" खोलकर उनका जीवन धर्ममय व उन्नत बनाया।


कहा जाता है कि हिन्दू संत आशारामजी बापू का बहुत बड़ा साधक-समुदाय है। लगभग करीब 8 करोड़ लोग देश-विदेश में हैं और इतने सालों से जेल में होते हुए भी उनके अनुयायियों की श्रद्धा टस से मस नहीं हुई है। उन करोड़ों भक्तों का एक ही कहना है कि हमारे गुरुदेव (संत आशारामजी बापू) निर्दोष हैं उन्हें षड़यंत्र के तहत फंसाया गया है। वे जल्द से जल्द निर्दोष छूटकर हमारे बीच शीघ्र ही आयेंगे।

http://ashram.org/Pujya-Bapuji


गौरतलब है- संत आशारामजी बापू का जन्म दिवस गत वर्ष 13 अप्रैल को था। अभी उनका 85वाँ साल चल रहा है, पिछले 8 साल से जेल में बन्द होने पर भी उनके करोड़ों अनुयायियों द्वारा देश-विदेश में एक अनोखे अंदाज में मनाया जाता है- ये दिन "विश्व सेवा दिवस" के नाम पर।


वसे तो हर साल इस दिन देशभर में जगह-जगह पर निकाली जाती हैं- भगवन्नाम संकीर्तन यात्रायें और वृद्धाश्रमों,अनाथालयों व अस्पतालों में निशुल्क औषधि, फल व मिठाई वितरित की जाती है। गरीब व अभावग्रस्त क्षेत्रों में होता है- विशाल भंडारा जिसमें वस्त्र,अनाज व जीवन उपयोगी वस्तुओं का वितरण किया जाता है। उस दिन जगह जगह पर छाछ, पलाश व गुलाब के शरबत के प्याऊ लगाये जाते हैं एवं सत्साहित्य आदि का वितरण किया जाता है।

www.ashram.org/seva


कोरोना महामारी में लॉकडाउन होने के कारण इसबार देशभर में अनेक स्थानों पर ज़रूरतमंद लोगों में भोजन प्रसादी, राशनकिट, जीवनुपयोगी सामग्री आदि का वितरण किया जा रहा है।


मीडिया ने दिन-रात हिन्दू संत आशारामजी बापू के खिलाफ समाज को भ्रमित करने और उनकी छवि को धूमिल करने का भरसक प्रयास किया लेकिन उनको मानने वाले करोड़ों अनुयायियों की आज भी अटल श्रद्धा है उनमें। जनता भी प्रश्न कर रही है कि बापू निर्दोष हैं तो उनकी रिहाई क्यों नहीं की जा रही है? सरकार को उसपर ध्यान देना चाहिए।


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