04 जून 2021
azaadbharat.org
हिंदू संत आशाराम बापू की उम्र 85 वर्ष है, वे पिछले 8 सालों से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं, कुछ समय से उनका स्वास्थ्य काफी गिर गया है, उनको आयुर्वेदिक चिकित्सा की आवश्यकता लग रही है। उन्होंने जोधपुर हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी पर अफसोस कि जो न्यायालय आतंकवादी को अपना मनपसंद भोजन बिरयानी देता है और फाँसी रोकने की सुनवाई में आधी रात को अपना दरवाजा खोलता है उस न्यायालय ने 85 वर्षीय बुजर्ग संत आशाराम बापू को जमानत देने से मना कर दिया और जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुक्रवार को हुई तो उसमें भी अगली तारीख दे दी।
अभी हमें ये जानना होगा कि बापू आशारामजी के कौन-से दोष हैं जिसके कारण उनको सजा मिल रही है?
पहला दोष: वे एक हिन्दू संत हैं। अगर किसी अन्य धर्म के कोई बड़े गुरु होते तो शायद कोई उन्हें छू भी न पाता।
दसरा दोष: वे खरी बात कहते हैं। जिसमें लोगों का भला होता है वह बात स्पष्ट रूप से कह देते हैं जो नेता लोगों को पसंद नहीं आती है।
तीसरा दोष: करोड़ों लोगों के सिगरेट, शराब आदि व्यसन छुड़वाये हैं।
चौथा दोष: करोड़ों लोगों को सनातन धर्म की महिमा समझाकर ईश्वर के मार्ग पर लगाया।
पाँचवाँ दोष: किसीकी चमचागिरी नहीं करते। किसी मीडियावाले को घूस नहीं देते।
छठा दोष: करोड़ों हिन्दुओं को धर्मांतरित होने से बचाया है। लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई।
सातवाँ दोष: जो विधर्मी या विदेशी भारतविरोधी ताकतें हैं, उनके आगे हार मानने को तैयार नहीं हैं।
आठवाँ दोष: करोड़ों युवाओं व विद्यार्थियों को पतन से बचाकर तेजस्वी-ओजस्वी बनाया है। बाल-संस्कार केंद्र और वैदिक गरुकुल खोले।
नौवाँ दोष: पाश्चात्य अंधानुकरण से भोग्या बन रही नारी को उसकी निज महिमा में जगाया है, नारी सशक्तीकरण के लिए कई अभियान चलाये हैं।
दसवाँ दोष: भारतवासियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा-पद्धति की श्रेष्ठता-महत्ता समझाकर स्वस्थ-सुखी जीवन की कुंजियाँ प्रदान की हैं।
गयारहवां दोष: आदिवासियों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री, मकान, पैसे आदि देकर मिशनरियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
बारहवां दोष: कत्लखाने जाती हजारों गायों को छुड़ाकर, गौशाले बनाकर पालन किया।
ऐसे और भी बहुत सारे दोष हैं बापू आशारामजी में लेकिन हमें ये सोचना होगा कि वास्तव में ये उनके दोष हैं या उनकी महानता?
बापू आशारामजी के कई करोड़ साधक हैं और सत्संगी तो उनसे भी ज्यादा हैं। एक-एक नशे के उत्पाद तथा वेलेंटाइन डे गिफ्ट्स एवं देश को लूटनेवाले अन्य उत्पादों से सालभर में कई लाख करोड़ रुपये का नुकसान कम्पनियों को हो रहा है। इस बड़े नुकसान से बचने के लिए बापूजी जैसे संत की प्रतिष्ठा को नष्ट करने के लिए अगर 1000-2000 करोड़ रुपये लगा दिये जायें तो इसमें क्या आश्चर्य है!
ईसाई मिशनरियाँ भारत में भोले-भाले लोगों, गरीबों-आदिवासियों को बहला-फुसलाकर तथा लालच दे के उनका धर्मांतरण कराती हैं। बापू आशारामजी ने उन लोगों को हिन्दू धर्म की महिमा समझायी और उन्हें अपने धर्म में वापस लाने का कार्य किया। इससे बापूजी मिशनरियों की आँख की किरकिरी बन गये।
और भी ऐसी बहुत-सी बातें हैं, जिनके कारण यह षड्यंत्र हुआ ।
आज हिन्दुओं की हालत ऐसी है जैसे पड़ोसी के घर में आग लगी है और सोच रहे हैं कि ‘हम क्यों जायें मदद करने? हम क्यों चिंता करें?’ लेकिन जब यह आग फैलते-फैलते उनके घर को घेर लेगी तो उन्हें पछतावा होगा कि ‘काश ! हमने पड़ोसी की मदद की होती तो आज हमारा घर नहीं जलता।’ आज संत आशाराम बापू पर आरोप लगाये जा रहे हैं, कल किसी और हिन्दू संत को निशाना बनाया जायेगा। फिर अफसोस होगा कि समय रहते ही अगर सब लोग हिन्दुत्व के नाते एक हो गये होते तो मुट्ठीभर षड्यंत्रकारियों की ताकत नहीं थी कि वे 100 करोड़ हिन्दुओं की ओर आँख भी उठा पायें।
Official Links:
Follow on Telegram: https://t.me/ojasvihindustan
facebook.com/ojaswihindustan
youtube.com/AzaadBharatOrg
twitter.com/AzaadBharatOrg
.instagram.com/AzaadBharatOrg
Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ
No comments:
Post a Comment