Saturday, February 12, 2022

बापू आशारामजी के जन्मदिवस पर देश की लाखों महिलाओं की माँग

01 मई 2021

AzaadBharat.Org


विश्व में प्रतिदिन अनगिनत क्रियाकलाप होते हैं लेकिन उनमें से गिने-चुने ही जन, समाज के मांगल्य और परोपकार की भावना से भरे होते हैं। हमारे ही बीच समाज का एक ऐसा बड़ा तबका है जो दुनियाभर में ऐसी अनेक वार्षिक परियोजनाओं को चलाता तो है ही, साथ ही हर साल उसका नूतनीकरण दिन भी मनाता है! इस दिन आनेवाले साल के लिए विश्वसेवा का नया संकल्प लिया जाता है। आप न जानते हों तो आपको बता दें कि वह दिन कोई और नहीं बल्कि संत आशारामजी बापू का अवतरण दिन है ।



बापू का अवतरण दिन, जो कि दुनियाभर में ‘विश्व सेवा-सत्संग दिवस’ के नाम से मशहूर है, वह इस साल 2 मई को मनाया जायेगा। बापू के शिष्यों, भक्तों, सत्संगियों और समाजसेवी लोगों में इस निमित्त उत्साह का ऐसा तूफान देखने को मिलता है कि वे महीनाभर पहले ही आयोजनों में जोर-शोर से लग जाते हैं।

इस साल अवतरण दिन के निमित्त किये जानेवाले विभिन्न आयोजन 2 अप्रैल से ही शुरू हो गये हैं। अभी के इस कोरोना काल में चिकित्साकर्मियों को आयुर्वेदिक चाय प्रदान करने, जनता में संक्रमण से सुरक्षा हेतु मास्क वितरण करने तथा मरीजों को फल, बिस्कुट व औषधि वितरण करने से लेकर इस विकट समय में भुखमरी व अभावग्रस्तता का शिकार हो रहे लोगों की अनाज व रोजमर्रा की वस्तुओं की आपूर्ति करने तक की विभिन्न सेवाएँ की जा रही हैं। 


इनके अलावा जरूरतमंदों, अनाथों, लाचारों को भोजन-प्रसाद, वस्त्र, बर्तन आदि जीवनोपयोगी वस्तुएँ व ‘राशन किट’ देने के साथ आर्थिक सहायता प्रदान करना, हर महीने राशन कार्ड द्वारा अनाज वितरण, जगह-जगह निःशुल्क शीतल शरबत, विशेषकर रोगप्रतिरोधक क्षमतावर्द्धक आँवला-चुकंदर शरबत व छाछ वितरण, सत्साहित्य वितरण, विद्यार्थियों में नोटबुक वितरण, गायों को हरा चारा और गुड़ खिलाने जैसे कई सेवाकार्य सम्पन्न हो रहे हैं।


85 वर्षीय बापू के जेल में होने से आहत हुए उनके अनुयायी एवं उन्हें जानने-माननेवाले देश के नागरिक, विशेषकर महिलाएँ अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं। महिला कल्याण के क्षेत्र में काम करनेवाले ‘महिला उत्थान मंडल’, जिसकी शाखाएँ एवं स्वयंसेविकाएं देश-विदेश में फैली हुई हैं, उसके सदस्यों का कहना है कि यह सदी का सबसे बड़ा अन्‍याय है कि महाराजश्री को उनके जीवन और जीवनकार्यों के सर्वथा विपरीत, आधारहीन, अनर्गल मामला खड़ा करके पिछले करीब 8 वर्षों से समाज से दूर रखा गया है। ऐसी स्थितियों में भी हम बापूजी के द्वारा धरोहर के रूप में मिले समाजसेवा के कार्यों में लगे हुए हैं पर यदि बापूजी बाहर होते तो देश और विश्व में अनेक गुना लोकहितकारी कार्य होते। इन लोकसेवी संत की अनुपस्थिति समाजसेवा की वृद्धि में बड़ा भारी अवरोध बन रही है।


मडल के प्रवक्ता ने बताया कि बापूजी के सत्संग-मार्गदर्शन से जिन्हें लाभ हुआ है एवं जिन्होंने बापू के देश, धर्म व संस्कृति की रक्षा एवं सेवा हेतु किये जानेवाले कार्यों से प्रेरणा एवं बल प्राप्त किया है ऐसे विश्वभर में फैले धर्म व संस्कृति प्रेमी नारी-वर्ग का कहना है कि इन वयोवृद्ध, परदुःखकातर संत को झूठे आरोपों के चलते करीब 8 वर्षों से समाज से दूर रखा जाना समाज के साथ घोर अन्याय है। उनको शीघ्र रिहा किया जाना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर महिलाएँ एकजुट होती जा रही हैं।



महिलाओं का कहना है कि बापू ने नारियों को अपनी दिव्यता में जगने की राह दिखायी, नारी-उत्थान के लिए महिला आश्रमों एवं महिला उत्थान मंडलों की स्थापना की और इनके माध्यम से अनेक लोक-उत्थान के सेवाकार्य चलाये हैं।  


पाश्चात्य विचारधारा नारी को मात्र भोग की एक वस्तु मानती है और पाश्चात्य शिक्षा-पद्धति भी नारियों को ऐसी ही शिक्षा देती है जिससे उन्हें भोग्या होने में ही गौरव महसूस हो। पाश्चात्य देशों से यह विचारधारा भारत में भी प्रवेश कर जड़ें जमाती जा रही हैं। उसे रोकने और महिला-वर्ग को फिर से अपनी पवित्र संस्कृति की ओर मोड़ने का महान कार्य बापू ने किया है। नारी के बारे में भारतीय संस्कृति के संरक्षक-पोषक आशारामजी बापू की ज्ञानधारा यह उद्घोष करती है- ‘‘नारी ! तू नारायणी... जाग हे कल्याणी!’’ बापू की प्रेरणा से संचालित महिला उत्थान मंडल महिलाओं को भारतीय संस्कृतिरूपी वह आईना दिखा रहा है जो उन्हें अपनी उज्ज्वल, तेजोमयी गरिमा दिखाने में सक्षम है।


2 मई को बापू का जन्मदिवस है। उम्र के 85वें वर्ष में पदार्पण कर रहे बापू आशारामजी को न्याय दिलाने की मुहिम उनकी उम्र के इस पड़ाव पर और तेज हो गयी है। बापू की रिहाई की माँग को लेकर ‘महिला उत्थान मंडल’ के तत्त्वावधान में इन महिलाओं द्वारा देशभर में अनेकानेक स्थानों पर राष्ट्रपति के नाम संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं । कई स्थानों पर धरना-प्रदर्शन, ‘संत एवं संस्कृति रक्षा यात्राओं’ और जगह-जगह ‘संत व संस्कृति रक्षा संकल्प


र्यक्रमों’ के आयोजन प्रारम्भ हो गये हैं। देश के कई महिला संगठन ‘महिला उत्थान मंडल’ की माँग के समर्थन में उतरते जा रहे हैं एवं बापू आशारामजी की रिहाई की माँग को बुलंद कर रहे हैं।


गौरतलब है कि ये महिलाएँ अब सोशल मीडिया पर भी अपना ‘सत्याग्रह आंदोलन’ विश्वव्यापी बनाने में पीछे नहीं रह रही हैं। बापू की निर्दोषता और महानता का बयान करते हुए और बापू जल्द-से-जल्द जेल से बाहर होने चाहिए- इस संकल्प को लेकर महिलाओं के असंख्य सेल्फी विडियोज- यूट्यूब, वॉट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक, टेलीग्राम आदि माध्यमों पर साझा किये जा रहे हैं। सोशल मीडिया में भी देखने में यह आ रहा है कि ‘निर्दोष बापूजी को रिहा करो !’ की आवाज जनता में जोर पकड़ने लगी है।


Official  Links:

Follow on Telegram: https://t.me/ojasvihindustan

facebook.com/ojaswihindustan

youtube.com/AzaadBharatOrg

twitter.com/AzaadBharatOrg

.instagram.com/AzaadBharatOrg

Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

No comments:

Post a Comment