Thursday, February 24, 2022

अंडे खाते हैं तो हो जाइए सावधान, हो सकती हैं ये भयंकर बीमारियां

14 जुलाई 2021

azaadbharat.org


भारतीय संस्कृति और भारतीयों के स्वास्थ्य को हानि पहुँचाने का यह एक विराट षड्यंत्र है । अंडे के भ्रामक प्रचार के कारण ऐसे परिवार जो अंडे का छिलका तक देखना पसंद नहीं करते थे, आज बेझिझक अंडा खाते हैं । अंडे का प्रचार करके उसे जितना फायदेमंद बताया जाता है वह अपने अवगुणों के कारण उतना ही नुकसानप्रद होता है, अंडे में कई विषैले तत्व भी होते हैं, जो आपके स्वस्थ शरीर में जहर घोलने का काम करते हैं ।



अंडा शाकाहारी नहीं होता है, लेकिन क्रूर व्यावसायिकता के कारण एवं ऊलजलूल तर्क देकर उसे शाकाहारी सिद्ध किया जा रहा है । मिशिगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पक्के तौर पर साबित कर दिया है कि दुनिया में कोई भी अंडा चाहे वह सेया हुआ हो या बिना सेया हुआ हो, निर्जीव नहीं होता । अफलित अंडे की सतह पर प्राप्त ‘इलेक्ट्रिक एक्टिविटी’ कोपोलीग्राफ पर अंकित कर वैज्ञानिकों ने यह साबित कर दिया है कि अफलित अंडा भी सजीव होता है । अंडा शाकाहार नहीं, बल्कि मुर्गी का वैनिक (रज) स्राव है ।


यह सरासर गलत व झूठ है कि अंडे में प्रोटीन, खनिज, विटामिन और शरीर के लिए जरूरी सभी एमिनो एसिड्स भरपूर हैं और बीमारों के लिए पचने में आसान है । अब आप कहेंगे कि डॉक्टर्स भी तो अंडा खाने की सलाह देते हैं, तो यहां एक ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि भारत में पढ़ी जाने वाली चिकित्सा की पढ़ाई MBBS यूरोप से ली गयी है और यूरोप एक ऐसा देश है जहाँ हरी सब्जियों की तुलना में मांस एवं अंडे अधिक पाए जाते हैं ।


अब आप ही बताइये एक ऐसा देश जहाँ प्रोटीन का कोई और स्रोत न हो वहाँ तो किताबों में अंडे और मांस को ही एकमात्र स्त्रोत माना ही जाएगा, लेकिन भारत में तो भरपूर मात्रा में हरी सब्जियां उपलब्ध है ।


शरीर की रचना और स्नायुओं के निर्माण के लिए जितने प्रोटीन की जरूरत होती है । उसकी रोजाना आवश्यकता प्रति किलोग्राम वजन पर 1 ग्राम होती है यानी 60 किलोग्राम वजन वाले व्यक्ति को प्रतिदिन 60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है जो 100 ग्राम अंडे में से मात्र 13.3 ग्राम ही मिलता है ।इसकी तुलना में प्रति 100 ग्राम सोयाबीन से 43.2 ग्राम, मूँगफली से 31.5 ग्राम, मूँग और उड़द से 24, 24 ग्राम तथा मसूर से 25.1 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होता है । शाकाहार में अंडे व मांसाहार से  कहीं  अधिक  प्रोटीन होता  है  इस  बात  को अनेक  पाश्चात्य  वैज्ञानिकों  ने प्रमाणित किया है ।


कलीफोर्निया के डियरपार्क में ‘सेंटहेलेना’ अस्पताल के ‘लाईफ एण्डस्टाइल एण्डन्यूट्रिशनप्रोग्राम’ के निर्देशक डॉ. जोन ए. मेक्डूगलकादावा है कि शाकाहार में जरूरत से भी ज्यादा प्रोटीन है ।


1972 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ही डॉ. एफ. स्टेर ने प्रोटीन के बारे में अध्ययन करतेहुए प्रतिपादित किया कि शाकाहारी मनुष्यों में से अधिकांशको हर रोज की जरूरत से दुगना प्रोटीन अपने आहार से मिल जाता है । 200 अंडे खाने से जितना विटामिन ‘सी’ मिलता है उतना विटामिन ‘सी’ एक नारंगी (संतरा) खाने से मिल जाता है । जितना प्रोटीन तथा कैल्शियम अंडे में है उसकी अपेक्षा चने, मूँग, मटर में ज्यादा है ।


बरिटिश हेल्थ मिनिस्टर मिसेज एडवीनाक्यूरी ने चेतावनी दी कि अंडों से मौत संभावित है क्योंकि अंडों में सालमोनेला विष होता है जो स्वास्थ्य की हानि करता है । अंडों से हार्ट अटैक की बीमारी होने की चेतावनी नोबेल पुरस्कार विजेता अमेरिकन डॉ. ब्राऊन व डॉ. गोल्डस्टीन ने दी है क्योंकि अंडों में कोलेस्ट्राल भी बहुत पाया जाता है । साथ ही अंडे से पेट के कई रोग होते हैं ।


डॉ. पी.सी.सेन, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतसरकार ने भी चेतावनीदी है कि अंडों से कैंसर होता है क्योंकि अंडों में भोजन तंतु नहीं पाये जाते हैं तथा इनमें डी.डी.टी. विष पाया जाता है ।


जानलेवा रोगों की जड़ है : अंडा


अंडे व दूसरे मांसाहारी खुराक में अत्यंत जरूरी रेशातत्त्व (फाईबर्स) जरा-भी नहीं होते हैं । जबकि हरीसाग-सब्जी, गेहूँ, बाजरा, मकई, जौ, मूँग, चना, मटर, तिल, सोयाबीन, मूँगफली वगैरह में ये काफी मात्रा में होते हैं । अमेरिका के डॉ. राबर्ट ग्रास की मान्यता के अनुसार अंडे से टी.बी. और पेचिश की बीमारी भी हो जाती है । इसी तरह डॉ. जे.एम. विनकीन्स कहते हैं कि अंडे से अल्सर होता है ।


मर्गी के अंडों का उत्पादन बढ़े इसके लिए उसे जो हार्मोन्स दिये जाते हैं उनमें स्टील बेस्टेरोलनामक दवा महत्त्वपूर्ण है । इसदवावाली मुर्गी के अंडे खाने से स्त्रियों को स्तनका कैंसर, हाई ब्लडप्रेशर, पीलिया जैसे रोग होने की सम्भावना रहती है । यह दवापुरुष के पौरुषत्व को एक निश्चित अंश में नष्ट करती है ।


वज्ञानिक ग्रास के निष्कर्ष के अनुसार अंडे से खुजली जैसे त्वचा के लाइलाजरोग और लकवा होने की भी संभावना होती है ।


अडे के अवगुण का इतना सारा पढ़ने के बाद बुद्धिमानोें को उचित है कि स्वयं भी इस विष का सेवन न करें एवं जो इसके नुकसान से वाकिफ नहीं हैं उन्हें इस विष के सेवन से बचाने का प्रयत्न करें । उन्हें भ्रामक प्रचार से बचायें ।


सतुलित शाकाहारी भोजन लेने वाले को अंडा या अन्य मांसाहारी आहार लेने की कोई जरूरत नहीं है ।शाकाहारी भोजनसस्ता, पचने में आसान और आरोग्य की दृष्टि से दोषरहित होता है । कुछ दशक पहले जब भोजन में अंडे का कोई स्थान नहीं था, तब भी हमारे बुजुर्ग तंदुरुस्त रहकर लम्बी उम्र तक जीते थे । अतः अंडे के उत्पादकों और भ्रामक प्रचार की चपेट में न आकर हमें उक्त तथ्यों को ध्यान में रख कर ही अपनी इस शाकाहारी आहार संस्कृति की रक्षा करनी होगी ।


आहारशुद्धौ सत्त्वशुद्धिः ।


1971 में ‘जामा’ पत्रिका में एक खबर छपी थी । उसमें कहा गया था कि ‘शाकाहारी भोजन 60 से 67 प्रतिशत तक हृदयरोग को रोक सकता है ।उसका कारण यह है कि अंडे और दूसरे मांसाहारी भोजन में चर्बी (कोलेस्ट्राल) की मात्रा बहुत ज्यादा होती है ।’

केलिफोर्निया की डॉ. केथरिन निम्मो ने अपनी पुस्तक ‘हाऊ हेल्दीयरआर एग्ज’ में भी अंडे के दुष्प्रभाव का वर्णन किया है ।


वज्ञानिकों की इन रिपोर्टों से सिद्ध होता है कि अंडे के द्वारा हम जहर का ही सेवन कर रहे हैं । अतः हमें अपने-आपको स्वस्थ रखने व फैल रही जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए ऐसेआहार से दूर रहने का संकल्प करना चाहिए व दूसरों को भी इससे बचाना चाहिए ।


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