Saturday, February 12, 2022

कोरोना महामारी में सरकार व न्यायालय को इसपर ध्यान देना जरूरी है

07 मई 2021

azaadbharat.org


कोरोना वायरस ने भयंकर तांडव मचाया है। कोरोना वायरस सबसे ज्यादा 60 साल से ऊपर के उम्रवालों पर जल्दी हमला करता है और अभी तक जितनी भी मौतें हुई हैं उनमें अधिकतर 60 साल से ऊपर की उम्रवाले हैं, फिर सुप्रीम कोर्ट और सरकारें उन बुजर्गों को जेल से क्यों रिहा नहीं कर रही हैं? और सबसे बड़ी बात है कि अधिक उम्रवाले रिहा करने पर बाहर आकर कोई अपराध भी नहीं करेंगे इसलिए सरकार को चाहिए कि जिनकी 60 साल से ऊपर की उम्र है और जो गर्भवती महिलाएं हैं उनको शीघ्र रिहा करने की व्यवस्था करनी चाहिए- ऐसी जनता की मांग है।



आपको ये भी बता दें कि बापू आशारामजी की उम्र 85 वर्ष की है, उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है और उनके निर्दोष होने के प्रमाण होते हुए भी 8 साल से जेल में हैं लेकिन आजतक एक दिन भी जमानत नहीं दी गई।

जब मौलाना साद, ईमाम बुखारी, बिशप फ्रेंको, सलमान खान, तरुण तेजपाल, लालू प्रसाद यादव आदि को भी जमानत मिल सकती है तो 85 वर्षीय हिंदू संत आशाराम बापू को क्यों नहीं मिल सकती?


वर्तमान में हिंदू संत आशाराम बापू की उम्र 85 साल की हो गई है और उन्होंने 57 साल से अधिक समाज, देश और संस्कृति की सेवा में अतुल्य योगदान दिया है तो क्यों न सरकार पहले उनको रिहा करे!


आपको बता दें कि उनके निर्दोष होने और उन्हें षड्यंत्र के तहत फ़ंसाने के पुख्ता सबूत भी हैं। आरोप लगाने वाली लड़की की मेडिकल में एक खरोंच भी नहीं आया है। लड़की की कॉल डिटेल से स्पष्ट हुआ कि घटना की रात लड़की किसी संदिग्ध व्यक्ति से फोन द्वारा संपर्क में थी। तथाकथित घटना के समय बापू आशारामजी मँगनी कार्यक्रम में व्यस्त थे, लड़की कुटिया में गई ही नहीं।


आपको बता दें कि बापू आशारामजी के अहमदाबाद आश्रम में एक Fax आया था जिसमें 50 करोड़ की फिरौती की मांग की गई थी और न देने पर धमकी दी गई थी कि अगर बापू ने 50 करोड़ नहीं दिए तो झूठी लड़कियां तैयार करके झूठे केस में फंसा देंगे और वे कभी बाहर नहीं आ पाएंगे पर कोर्ट ने इनके ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया।


आशारामजी बापू द्वारा किए गए कार्य:



1). लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर धर्म के संस्कार, मकान, जीवनोपयोगी सामग्री दी, जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया।


2). कत्लखाने जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया।


3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया।


4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया।


5). लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र देकर और योग व उच्च संस्कार का प्रशिक्षण देकर ओजस्वी- तेजस्वी बनाया।


6). लंदन, पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया।


7). वैलेंटाइन डे का कुप्रभाव रोकने हेतु "मातृ-पितृ पूजन दिवस" का प्रारम्भ करवाया।


8). क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया।


9). करोड़ों लोगों को अधर्म से धर्म की ओर मोड़ दिया।


10). नशामुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसनमुक्त कराया।


11). वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल खुलवाए।


12). मुश्किल हालातों में कांची कामकोटि पीठ के "शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी", बाबा रामदेव, मोरारी बापू, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया।


13. बच्चों के लिए "बाल संस्कार केंद्र", युवाओं के लिए "युवा सेवा संघ", महिलाओं के लिए "महिला उत्थान मंडल" खोलकर उनका जीवन धर्ममय व उन्नत बनाया।


ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं।


हिंदू संत आशाराम बापू पर जिस तरह से षड्यंत्र हुआ है उसको देखते हुए और उनके द्वारा किए गये राष्ट्र-संस्कृति व समाज उत्थान के सेवाकार्य तथा उनकी उम्र का ध्यान रखते हुए न्यायालय और सरकार को शीघ्र रिहा करना चाहिए।


Official  Links:

Follow on Telegram: https://t.me/ojasvihindustan

facebook.com/ojaswihindustan

youtube.com/AzaadBharatOrg

twitter.com/AzaadBharatOrg

.instagram.com/AzaadBharatOrg

Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

No comments:

Post a Comment