07 जून 2021
azaadbharat.org
शकराचार्य जयेंद्र सरस्वती पर 2004 में जब मर्डर केस लगा था उस समय शंकराचार्यजी को हिरासत में लिया गया था। उसके बाद उनके ही मठ के लोग उनके खिलाफ बोलना शुरू कर दिये थे पर हिन्दू संत आशारामजी बापू जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए, उसके बाद वहाँ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व राष्ट्रपति आदि बहुत सारी हस्तियां आ गईं और शंकराचार्यजी को रिहा किया गया।
उसके बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया; उनपर अनगिनत अत्याचार किये जा रहे थे तब आशाराम बापू उनको जाकर मिले। उनको मिलने नहीं दे रहे थे तब आशाराम बापू ने सरकार को धमकी दी थी कि मिलने नहीं देंगे तो हम अन्न-जल छोड़कर धरना देंगे करोडों भक्तों के साथ, तब सरकार-प्रशासन डर गया और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से मिलने दिया।
मोरारी बापू की मीडिया में बदनामी शुरू हुई तब उसका खंडन आशाराम बापू ने किया और जनता को सच्चाई बताई। बाबा रामदेव की भी मीडिया में जब बदनामी शुरू हुई तब आशाराम बापू ने सबको बताया कि बाबा रामदेव की झूठी बदनामी की जा रही है। जब बाबा रामदेव पर रामलीला मैदान में लाठीचार्ज हुआ तब आशाराम बापू ने कहा था- "सोनिया गांधी, भारत छोड़ो।"
ऐसे कई अनगिनत साधु-संतों पर अत्याचार कॉंग्रेस सरकार में हो रहा था तब बापू आशारामजी ने उनके लिए आवाज उठाई, सभी साधु-संतों को एक किया; उसके बाद उनके खिलाफ षड्यंत्र शुरू हो गया।
बापू आशारामजी को 2008 में जेल भेजने की तैयारी थी। उनके गुरुकुल के 2 बच्चों की मौत संदिग्ध तरीके से हुई थी, इसको लेकर मीडिया ने उनके खिलाफ बहुत कुप्रचार किया पर उसमें उनको सुप्रीम कोर्ट से क्लीनचिट मिल गई।
उसके बाद 2013 में एक लड़की द्वारा रात को 2:45 को दिल्ली में छेड़छाड़ के मामले में जीरो एफआईआर हुई। लेकिन उस एफआईआर की ओरिजनल और कार्बन कॉपी अलग-अलग थी, आरोप लगानेवाली लड़की की वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई।
आरोप लगानेवाली लड़की का मेडिकल रिपोर्ट निकलवाया। उसमें साफ लिखा है कि लड़की को टच भी नहीं किया गया है अर्थात् लड़की के साथ कुछ नहीं हुआ है।
तीसरा, जिस समय लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है उस समय तो वो अपने मित्र से कॉल पर बात कर रही थी और बापू आशारामजी किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे, वहाँ पर 50-60 लोग भी थे, उन्होंने कोर्ट में गवाही भी दी है, लड़की का कॉल डिटेल भी दिया गया है।
2008 में उनके अहमदाबाद आश्रम में एक फैक्स भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि 50 करोड़ रुपये दो वर्ना उसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ। हम झूठी लड़कियां तैयार करेंगे, प्लांट करेंगे जिसके कारण तुम जिंदगीभर जेल में रहोगे, कभी बाहर नहीं आ सकोगे।
इन सब तथ्यों को नकारकर लड़की की झूठी कहानी पर उनको आजीवन कारावास दिया गया। 85 वर्ष की उम्र है, स्वास्थ्य खराब है फिर भी 8 साल से जमानत नहीं दी जा रही है।
आपको बता दें कि बापू आशारामजी ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई, आदिवासी व गरीब इलाकों में जाकर उनको सनातन धर्म का ज्ञान देकर व मकान, पैसे व जीवनोपयोगी सामग्री देकर धर्मांतरण पर रोक लगाई; उन्होंने स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व किया था। उन्होंने बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश में 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शुरू करवाया, वैदिक गुरुकुल खोले, करोड़ों लोगों को व्यसनमुक्त किया; ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं।
अब हिंदुओं को उनका साथ देना चाहिए, षड्यंत्र का पर्दाफाश करना चाहिए व उन्हें जेल से रिहा होना चाहिए, क्योंकि वे हमारे जैसे लाखों हिंदुओं की लड़ाई अकेले लड़ रहे थे। अब हमारा कर्तव्य है- उनका साथ दें।
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