Tuesday, February 15, 2022

देशवासियों के नाम एक फकीर का संदेश : हिंदुत्व को बचा लो...

16 मई 2021

azaadbharat.org


शरीमति इंदिरा गांधी से लेकर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक की भेंट करने वाले बोरिया बाबा ने बताया कि यदि आज हमारे देश में घंटे-घड़ियाल व मंत्रों की ध्वनि सुनाई पड़ रही है, मंदिरों में सुबह-शाम आरती की घंटियां बज रही है, तो यह सब हमारे साधु-संतो व गुरु लोगों की कृपा का फल है।



औरंगजेब के जमाने में तलवार की ताकत से धर्मांतरण का ऐसा भयंकर बवंडर चला था कि यदि उस समय हमारे आध्यात्मिक गुरु गोविंद सिंह जी तलवार उठा कर हिंदू धर्म की रक्षा नहीं करते तो आज पूरा हिंदुस्तान ही पाकिस्तान बन गया होता।


आज फिर ईसाई मिशनरियों ने हमारे देश को एक ईसाई-राष्ट्र बनाने के लिए एक भयंकर युद्ध छेड़ा हुआ है, ऐसे समय में हिंदू संत आसाराम बापू ने उनके खिलाफ मोर्चा संभाला हुआ था,किंतु इटली की ईसाई महिला सोनिया गांधी की सरकार ने एक षड्यंत्र रच कर उनको कारागार में भेज दिया।


सत आसाराम बापू को समाज से दूर करते ही धर्मांतरणकारी शक्तियों के हौसले अब आसमान की बुलंदी को छू रहे हैं।पिछले कुछ वर्षों में इन लोगों ने जितने इसाई बना दिए हैं,उतने तो शायद पिछले 50 वर्षों में भी नहीं बना पाए थे और आश्चर्य की बात यह है कि आज अधर्म के पक्ष में खड़े बड़े-बड़े राजनेता व तथाकथित बुद्धिजीवी भी यह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि “हिंदू” जिस दिन भी इस देश में अल्पसंख्यक बन जाएगा— उस दिन सारा भारत एक कश्मीरी बन जाएगा।


कई लाख कश्मीरी हिंदू आज भी भारत मे ही शरणार्थी बने घूम रहे हैं।


आपको बता दें कि बोरिया बाबा के गुरूजी बाबा बैताली राम जी जिनका शरीर इस धरा पर लगभग 350 वर्षों तक रहा था।


बोरिया बाबा अपने जीवन के 60-70 वर्ष हिमालय में तपस्या कर अब लोक-कल्याणार्थ नीचे आकर देश में पर्यावरण सुधार के कार्य में जुटे हुए हैं।


इसी सिलसिले में बाबा की भेंट देश के राजनेताओं, श्रीमति इंदिरा गांधी से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक भी होती रही है।


भतपूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी तो बाबा का जब भी दिल्ली आना होता था, वो उन्हें अपने भोंडसी आश्रम जरुर लेकर जाते थे।


यही बोरिया बाबा ने पहले भी हिन्दू संत आसाराम बापू को रिहा करने के लिए पत्र लिखा था उसमें बताया था कि कांग्रेस पार्टी ने 80 वर्षीय संत आशारामजी बापू को एक झूठे मुकदमें में फंसाकर जेल भेज दिया था । मैडम सोनिया ने अपनी हुकूमत में और भी हिन्दू संतो को खूब फंसाया है । अब मैडम सोनिया व उसके पुत्र के कर्म पूरे हो चुके हैं। उनका राजपाट छीन चुका है अब दोनों ही असहाय होकर घूम रहे हैं।


शास्त्र वचन भी है...

संत कै दूखनि नीचु निचाई।

संत दोखी का थाउ को नाहीँ।।


सत आशारामजी बापू पिछले 50 वर्षों से इस देश की सेवा में जुटे हुए थे। अपने सत्संग ,गुरुकुल व गौशालाओं के जरिये वो भारत की सनातन संस्कृति धर्म व गौ-माता की खूब सेवा कर रहे थे । देश में ईसाई मिशनरियों द्वारा हिन्दुओं को धड़ाधड़ ईसाई बनाये जाने के कामों में इससे रोक लग रही थी । और इसी कारण से मैडम सोनिया उनसे नाराज हो गयी थी।


दश के लोगों को पूरी उम्मीद थी कि मोदी जी की सरकार आ जाने पर संत आशारामजी बापू को तुरंत न्याय मिल जायेगा। इस लिए देश के बड़े- बड़े साधु संतो ने भी भाजपा की जीत के लिये खूब-खूब प्रार्थनाएँ, यज्ञ तथा भंडारे किये थे। लेकिन संत आशारामजी बापू की रिहाई न होने के कारण ही आज भारत के बड़े - बड़े साधु संत व मठाधीश तक भयभीत है।


उन संतो का कहना है कि जब इतने बड़े संत के साथ सरकार ऐसा बर्ताव कर सकती है तो हम लोंगो की तो बिसात ही क्या है! इस लिये कोई भी संत महात्मा इस बारे मे खुल कर बोल भी नहीं पा रहा है।मोदी जी मेरा आपसे कहना है कि जिस राजा के राज में संत सताए जाएँ तथा संत महात्मा भयभीत होकर रहें, तो उस राजा का भविष्य कतई उज्जवल नहीं है।


म भी संत महात्माओं की इस पवित्र भारत भूमि पर 100 वर्षों से भी अधिक समय से  विचरण कर रहा एक वैष्णव अघोरी फकीर हूँ। मैंने भी आपके लिए माँ भगवती से खूब प्रार्थनाएं की थी । इसलिए मेरी तो आपको सलाह है कि संत आशारामजी बापू एक निर्दोष संत हैं । आप सम्मान के साथ उनकी आजादी का जल्दी से जल्दी प्रबंध कर दें।


भारत के हजारों संत इसके लिए आपको आशीर्वाद और दुआएं देंगे तथा आपके उज्जवल भविष्य के लिए प्रार्थना भी करेंगे।


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