Monday, February 21, 2022

हमारी न्याय-व्यवस्था का खेल: आतंकवादी, हत्यारों को पेरोल, पत्रकार बरी, संत को जेल !

21 मई 2021

azaadbharat.org


भारत की न्याय-व्यवस्था में एक कहावत है कि "कानून सबके लिए समान है।" लेकिन ये एक जुमला बनकर रह गया है। आपको बता दें कि आतकंवादी को पेरोल मिल रही है, पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारे को पेरोल मिल गई, सबूत होते हुए भी पत्रकार को बरी कर दिया गया लेकिन राष्ट्र व संस्कृति की सेवा करनेवाले एक 85 वर्षीय हिंदू संत 8 साल से जेल में बंद हैं, स्वास्थ्य ठीक नहीं है फिर भी उन्हें एक दिन के लिए भी जमानत नहीं दी जा रही है।



आतंकवादी को पेरोल


खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के मुखिया देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर की रिहाई के लिए आतंकियों ने मिर्धा का अपहरण किया था. इसी मामले में हरनेक को 2004 में गिरफ्तार किया गया और 2017 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। जयपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है।

गृह विभाग ने नियमित पेरोल पर रिहा 90 बंदियों की पैरोल अवधि को 30 जून तक बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब 57 बंदियों की सूची तैयार की गई है, जिन्हें 90 दिन की विशेष पेरोल दी जाएगी, उसमें 50वाँ नंबर हरनेक सिंह का है।


पर्व प्रधानमंत्री के हत्यारे को पेरोल


तमिलनाडु सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में उम्रकैद की सजा काट रहे एजी पेरारिवलन को 30 दिन के पेरोल की मंजूरी दी है।  उसकी मां की पेरोल की अर्जी राज्य सरकार ने स्वीकार कर ली। 


सबूत होते हुए भी बरी


तहलका पत्रिका के पूर्व एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल पर उसके सहकर्मी ने नवंबर 2013 में लिफ्ट में रेप का आरोप लगाया था और CCTV में सबूत भी था, लेकिन कुछ दिन बाद उसे जमानत मिल गई और अब 8 साल के बाद रिहा कर दिया गया।


85 वर्षीय संत को केवल जेल


हिंदू संत आशारामजी बापू पर 2013 में छेड़छाड़ का मामला दर्ज हुआ, मीडिया ने रेप-रेप चिल्लाया; जबकि लड़की ने केवल छेड़छाड़ का आरोप लगाया है और मेडिकल रिपोर्ट में भी साफ आया है कि लड़की को टच भी नहीं किया था, दूसरी बात- आशारामजी बापू के आश्रम में फैक्स भी आया था कि 50 करोड़ दो नहीं तो लड़की के झूठे केस में जेल जाने के लिए तैयार रहो। उनके पास निर्दोष होने के प्रमाण भी हैं, साजिश के तहत फंसाने के सबूत भी हैं फिर भी उनको आजतक एकदिन की भी जमानत नहीं दी गई- 21वीं सदी का इससे बड़ा अन्याय क्या हो सकता है?



आपको बता दें कि बापू आशारामजी ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई, आदिवासी व गरीब इलाकों में जाकर उनको सनातन धर्म का ज्ञान देकर व मकान, पैसे व जीवनोपयोगी सामग्री देकर धर्मांतरण पर रोक लगाई; उन्होंने स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व किया था। उन्होंने बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश में 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शुरू करवाया, वैदिक गुरुकुल खोले, करोड़ों लोगों को व्यसनमुक्त किया, ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं।


अब हिंदुओं को उनका साथ देना चाहिए, षड्यंत्र का पर्दाफाश करना चाहिए व उन्हें जेल से रिहा होना चाहिए, क्योंकि वे हमारे जैसे लाखों हिंदुओं की लड़ाई अकेले लड़ रहे थे। अब हमारा कर्तव्य है- उनका साथ दें।


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