29 मार्च 2021
azaadbharat.org
जसे ही किसी हिन्दू साधु-संत अथवा हिंदुनिष्ठ पर कोई साजिश के तहत आरोप लगता है तो मीडिया उनकी तुंरत बदनामी शुरू कर देती है, अनेक झूठी कहानियां बनाई जाती है लेकिन जैसे ही वे निर्दोष बरी होते हैं तो मीडिया चुप हो जाती है।
दसरी ओर महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाये गए कड़े कानून का पैसे ऐठने अथवा बदला लेने की भावना अथवा साजिश के तहत कई बार झूठे केस निर्दोष पुरुषों पर लगाये जाते हैं, उसमे भी साधु-संतों की बदनामी करने के लिए ऐसी साजिशें बहुत चल रही हैं फिर मीडिया तुरन्त सक्रिय होकर झूठी कहानियां बनाकर उनको बदनाम करते हैं,पुलिस भी सक्रिय होकर तुंरत गिरफ्तार करती है और न्यायालय जेल भेज देती हैं पर समय पाकर वे निर्दोष बरी होते हैं तब जो उनके पैसे, इज्जत, समय जाता है उसकी भरपाई कौन करेगा?
आपको बता दें कि शाहजहांपुर लॉ कालेज की छात्रा से रेप मामले में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी हो गए।
यपी के शाहजहांपुर स्थित लॉ कालेज की छात्रा ने चिन्मयानंदजी पर रेप का आरोप लगाया था। इस केस में शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुना दिया। रेप मामले में फंसे चिन्मयानंद को एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी कर दिया गया। वहीं, दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा और उसके साथियों को भी कोर्ट ने बरी कर दिया।
आपको बता दें कि 2019 में शाहजहांपुर के स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने एक वीडियो में स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। इस कॉलेज को स्वामी चिन्मयानंदजी का ट्रस्ट चलाते है।
इस मामले में आरोपी स्वामी चिन्मयानंद की मुमुक्ष आश्रम से गिरफ्तारी हुई थी। एसआईटी ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर सितंबर में चिन्मयानंदजी को आश्रम से गिरफ्तार किया था। स्त्रोत : आजतक
जब स्वामी चिन्मयानंदजी पर आरोप लगे थे तब मीडिया ने दिन-रात खबरे उनके खिलाफ दिखाई लेकिन जैसे ही वे निर्दोष बरी हो गए तो मीडिया ने किस कोने में छोटी सी खबर दिखाई बस, ये पहली बार ऐसा नहीं है इससे पहले भी ऐसा होता रहा हैं।
छात्रा से रेप मामले में चिन्मयानंदजी को कोर्ट ने निर्दोष बरी किया।
लकिन मीडिया ने उनको इतना बदनाम किया, उनको जेल भेजा गया, उनकी इज्जत, पैसे और समय की बर्बादी हुई उसकी भरपाई कौन करेगा?
बात दें कि जैसे स्वामी चिन्मयानंद निर्दोष बरी हुए वैसे ही राष्ट्र व सनातन धर्म के लिए कार्य करने व धर्मांतरण पर रोक लगाने वाले 85 वर्षीय संत आशारामजी बापू को साजिश के तहत फसाने के कई प्रमाण भी है फिर भी उनको 8 साल से जमानत नहीं मिलना कितना बड़ा अन्याय है जब वे ऊपरी कोर्ट से निर्दोष बरी होंगे तब उनका कीमती समय कौन लौटाएगा?
आपको बता दें कि बापू आशारामजी के अहमदाबाद आश्रम में एक Fax आया था जिसमें 50 करोड़ की फिरौती की मांग की गई थी और न देने पर धमकी दी गई थी कि अगर बापू ने 50 करोड़ नही दिए तो झूठी लड़कियां तैयार करके झूठे केस में फंसा देंगे और कभी बाहर नहीं आ पाओगे पर कोर्ट ने इनके ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया।
https://youtu.be/YegncME19aU
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कई बार खुलासा किया है कि बापू आशारामजी को धर्मपरिवर्तन पर रोक लगाने और लाखों हिन्दुओं की घरवापसी कराने के कारण षडयंत्र के तहत जेल भिजवाया गया है ।
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