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Thursday, July 23, 2020

खुद को कोरोना है या नही कैसे चेक करें? और कोरोना से कैसे बचाव करें?

23 जुलाई 2020

🚩आजकल मीडिया में देखें तो कोरोना की अधिक खबरे दिखाई जाती है और उससे बचने के लिए तरह तरह की दवाइयों आदि का प्रचार किया जाता है, मीडिया की खबरे देखकर कुछ लोग घबराहट में आ जाते हैं, कोरोना से बचने के लिए सावधानी रखनी चाहिए लेकिन ऐसा नही हो कि उससे हम डर जाए। ये वायरस उन पर अटेक करता है जिनकी रोगप्रतिकारक शक्ति कम होती है, अगर आपके पास रोगप्रतिकारक क्षमता अच्छी है तो वायरस आ भी गया तो टिकेगा नही।

🚩कैसे चेक करें कोरोना है की नही?

🚩कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति 3 सेकंड भी श्वास नही रोक पायेगे क्योंकि वायरस फेफड़ों पर तुंरत असर करता है, अगर आपने श्वास लिया और 15 सेकंड से अधिक रोक लिया तो समझो आपको कोरोना नही है। अगर उससे भी अधिक रोक लिया तो समझो की आप ओर मजबूत है। 

🚩वायरस हम पर हमला न करे उसके लिए क्या करें?

🚩आपको बता चुके है कि वायरस उन्हीं पर हमला करता है जिनकी रोगप्रतिकारक शक्ति कम होती है इसलिए आपको इसको बढ़ाने के लिए हररोज सुबह ताजी हवा में प्राणायाम करना चाहिए अगर आपके आसपास प्रदूषित वातावरण है तो देशी गाय के गोबर के कंडे जलाकर उस पर 1-2 बूंदे देशी गाय का घी डाले इससे 1 टन जितना ऑक्सीजन प्राप्त होगा अथवा तो आपके नजदीक में कोई देशी गाय के गोबर से बनी धूपबत्ती है तो उसका उपयोग कर सकते है।

🚩अगर आप हररोज प्राणयाम करेंगे तो आपकी रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ जाएगी फिर कोई भी वायरस आपके ऊपर हमला नही करेगा उसका उदाहरण है कि इटली में 1000 से अधिक पादरी मर चुके है लेकिन भारत मे 1 भी साधु कोरोना से नही मरा इससे साफ होता है कि हमारे साधु संयमी जीवन जीते है ओर आसान-प्राणयाम करते है और फलाहार करते है, बाजार की पिजा, बर्गर आदि कचरा पट्टी अपने शरीर मे नही डालते हैं।

🚩आप भी कल सुबह से प्राणयाम शुरू कर दीजिए उसकी विधि आदि गूगल पर सर्च करके देख सकते है। अगर आपने 40 सेंकड बहार ओर 1 मिनिट अंदर श्वास रोक लिया ओर ऐसे 5 प्राणयाम हररोज करने लगे, शुरुआत में कम सेंकड कर सकते है धीरे धीरे बढ़ाकर इतना कर सकते है फिर आपकी रोगप्रितकारक शक्ति बढ़ जायेगी आपको कोई वायरस अथवा अन्य बीमारियां हमला नही कर पायेगी।

🚩इसके साथ साथ अगर सूर्य नमस्कार करे और देशी गाय के दूध-घी, तुलसी के पत्ते, फल आदि ले तो बढ़िया रहेगा इससे आपके शरीर की इतनी रोगप्रितकारक शक्ति बढ़ेगी की डॉक्टरों के पास चक्कर नही लगाने पड़ेंगे।

🚩प्राणयाम का महत्व

🚩प्राणायाम का योग में बहुत महत्व है। आदि शंकराचार्य श्वेताश्वतर उपनिषद पर अपने भाष्य में कहते हैं, "प्राणायाम के द्वारा जिस मन का मैल धुल गया है वही मन ब्रह्म में स्थिर होता है। इसलिए शास्त्रों में प्राणायाम के विषय में उल्लेख है।" स्वामी विवेकानंद इस विषय में अपना मत व्यक्त करते हैं, "इस प्राणायाम में सिद्ध होने पर हमारे लिए मानो अनंत शक्ति का द्वार खुल जाता है। मान लो, किसी व्यक्ति की समझ में यह प्राण का विषय पूरी तरह आ गया और वह उस पर विजय प्राप्त करने में भी कृतकार्य हो गया, तो फिर संसार में ऐसी कौन-सी शक्ति है, जो उसके अधिकार में न आए? उसकी आज्ञा से चन्द्र-सूर्य अपनी जगह से हिलने लगते हैं, क्षुद्रतम परमाणु से वृहत्तम सूर्य तक सभी उसके वशीभूत हो जाते हैं, क्योंकि उसने प्राण को जीत लिया है। प्रकृति को वशीभूत करने की शक्ति प्राप्त करना ही प्राणायाम की साधना का लक्ष्य है।"

🚩सावधानियाँ:-

🚩सबसे पहले तीन बातों की आवश्यकता है, विश्वास, सत्यभावना और दृढ़ता।

🚩प्राणायाम करने से पहले हमारा शरीर अन्दर से और बाहर से शुद्ध होना चाहिए।

🚩बैठने के लिए नीचे अर्थात भूमि पर आसन बिछाना चाहिए।

🚩बैठते समय हमारी रीढ़ की हड्डियाँ एक पंक्ति में अर्थात सीधी होनी चाहिए।

🚩सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन किसी भी आसन में बैठें, मगर जिसमें आप अधिक देर बैठ सकते हैं, उसी आसन में बैठें।

🚩प्राणायाम करते समय हमारे हाथों की उंगलियां ज्ञानमुद्रा या किसी अन्य मुद्रा में होनी चाहिए।

🚩प्राणायाम करते समय हमारे शरीर में कहीं भी किसी प्रकार का तनाव नहीं होना चाहिए, यदि तनाव में प्राणायाम करेंगे तो उसका लाभ नहीं मिलेगा।

🚩प्राणायाम करते समय अपनी शक्ति का अतिक्रमण ना करें।

🚩जिन लोगो को उच्च रक्त-चाप की शिकायत है, उन्हें अपना रक्त-चाप साधारण होने के बाद धीमी गति से प्राणायाम करना चाहिये।

🚩यदि ऑपरेशन हुआ हो तो, छः महीने बाद ही प्राणायाम का धीरे धीरे अभ्यास करें।

🚩हर साँस के आने जाने के साथ मन ही मन में ओम् का जाप करें

🚩ओम् का उच्चारण  करने से हमारे पूरे शरीर मे (सिर से ले के पर के अंगूठे तक) एक वाइब्रेशन होता है जो हमारे अंदर की नेगेटिव एनर्जी को बाहर निकाल के मन और आत्मा को शुद्ध करता है।

🚩आप स्वस्थ रहना चाहते हो तो आज से प्राणयाम शुरू करें।

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Monday, June 29, 2020

कोरोना काल मे जेलों में कैदियों की भीड़ खतरनाक साबित हो रही हैं!

29 जून 2020

🚩हम ये मान लेते हैं कि जो जेल में हैं, वे सभी अपराधी हैं। कुछ साल पहले ज्ञात हुआ कि देश में लगभग दो - तिहाई कैदी वास्तव में अभी अपराधी करार नहीं दिए गए। वे 'अंडर ट्रायल्स' हैं। यानी उनका और उनके गुनाह का फैसला नहीं हुआ है। वे अदालती निर्णय के इंतजार में जेल में समय बिता रहे हैं। 2015 के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 40% अंडर ट्रायल्स ने जेल में एक साल से कम समय बिताया था। लगभग 20% ऐसे थे जिन्होंने 1-2 साल कैद में बिताए। कई बार ऐसा भी हुआ कि कैदी को खुद पर लगे इल्जाम के लिए जो सजा हो सकती है, उससे भी ज्यादा समय जेल में बिता दिया, बिना अदालती फैसला आए। इनमें कुछ स्वामी असिमानन्द जैसे हैं, जिन्हें अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया। न्यायिक प्रक्रिया ने ही अन्याय किया।
🚩ज्यादातर अंडर ट्रायल्स कम पढ़े-लिखे, कमजोर तबके के लोग हैं। समाज में उन्हें गुनहगार ही माना जाएगा और निजी जिंदगी में, रोजगार में दिक्कतें आ सकती हैं। लेकिन अंडर ट्रायल्स के सामने और भी दुःख हैं। देश में कई राज्यों में जेलों में उनकी क्षमता से बहुत ज्यादा कैदी हैं। इससे कैद की जिंदगी और कठिन हो जाती है और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। 2015 की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 115 कैदियों की मौत ख़ुदकुशी से हुई।

🚩आज अंडर ट्रायल्स की बात करना क्यों जरूरी है? हमें पता है कि कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है और इससे बचने के लिए आपस में दूरी रखना जरूरी है। इस वजह से जेलों में कैद लोगों को भी बहुत खतरा है, खासकर जहां क्षमता से ज्यादा कैदी हैं। जेलों में भीड़ की समस्या केवल भारत में ही नहीं, ईरान, अमेरिका, इंग्लैंड में भी है। इन देशों में धीरे - धीरे सहमति बनी है कि इस समय कैदियों को रिहा कर देना न सिर्फ मानवीयता के नजरिये से सही है बल्कि इसमें ही समझदारी है।

🚩ईरान में करीब 50 हजार कैदियों को मार्च में छोड़ा गया, अमेरिका में ट्रम्प पहले इसका विरोध कर रहे थे लेकिन वहां भी कई राज्यों ने कैदी रिहा किए। भारत में खबरें आ रही हैं कि जेलों में कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इस हफ्ते दिल्ली की मंडोली जेल में कोरोना से पहले कैदी की मौत का तब पता चला जब मौत के बाद जांच हुई। उसके साथ रहने वाले 17 कैदी भी पॉजिटिव मिलें। जब देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है, तो जेलों में क्या हाल होगा। मार्च में सर्वोच्च न्यायलय ने आदेश दिया कि हर राज्य में कमेटी गठित हो ताकि जेलों में भीड़ घटाने पर विचार हो। दिल्ली के तिहाड़ से मार्च में चार सौ कैदी रिहा किए गए थे और येरवडा, पुणे में हजार कैदियों को रिहा किया गया। इस सब पर सरकार की तरफ से और तीव्रता की जरूरत है। 

🚩तमिलनाडु के थूथूकुड़ी में एक पिता-पुत्र को लॉकडाउन के उल्लंघन पर टोका गया तो उन्होंने दुकान तो बंद कर ली लेकिन अपशब्द इस्तेमाल करने पर गिरफ्तार किया गया और इतना टॉर्चर किया कि उनकी मौत हो गई। न्यायिक प्रक्रिया को हमेशा से सत्ता ने राजनैतिक मकसदों के लिए इस्तेमाल किया है। महामारी में सत्ता का ऐसा उपयोग अनैतिक, अमानवीय है। लेखिका - रितिका खेड़ा, अर्थशास्त्री

🚩डब्ल्यूएचओ की सलाह 

🚩कोरोना के चलते डब्ल्यूएचओ ने भी सलाह दी है कि सभी देश, जेलों में भीड़ कम करने के उपाय ढूंढें, रिहाई, नियमित स्वास्थ्य जांच और मिलने आने वालों पर रोक। निकारागुआ में कैदियों को जेल से घर पर कैदी रखा गया हैं। रिहाई में अंडर ट्रायल्स, वृद्ध कैदियों, छोटे और अहिंसक गुनाहों के लिए कैद लोगों, अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त, को प्राथमिकता दी जा रही हैं।

🚩जो देशद्रोह जैसे गंभीर आरोप में जेल में हैं उनको रिहा नही कर सकते है लेकिन जो अंडर ट्रायल में है और उन पर गंभीर आरोप नही है, गर्भवती महिलाएं, वृद्ध लोग है जिनके आचरण जेल में अच्छे है उनको जमानत अथवा पेरोल मिलनी चाहिए ऐसी जनता की मांग हैं।

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Saturday, May 30, 2020

क्या पंचगव्य से कोरोना खत्म हो सकता है? पंचगव्य से क्या-क्या फायदे होते हैं?

30 मई 2020

🚩विश्व में कोरोना वायरस की महामारी चल रही है उसके रोकथाम के लिए अभी तक कोई दवाई नही बन पाई है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि पंचगव्य से कोरोना वायरस खत्म किया जा सकता है।

🚩कोरोना के इलाज पर पंचगव्य से ट्रायल चालू हो गया है जो सबसे पहले राजकोट, गुजरात के सिविल अस्पताल में होगा और 15 दिन तक चलेगा।

🚩बता दे कि गाय को पशु नहीं माना जाता है गाय को माता का दर्जा दिया है क्योंकि गाय माता में 33 करोड़ देवता बसते हैं, गाय के दूध, दही, घी, गोबर और गौझरण से असाध्य रोग भी मिट जाते हैं, यह कुछ वैज्ञानिकों ने भी सिद्ध किया है।

🚩आपको बता दे कि गुजरात जूनागढ़ कृषि यूनिवर्सिटी के बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा अलग-अलग शोध किए जाते हैं। बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सह संशोधक वैज्ञानिक डॉ. रूकमसिंह तोमर, डॉ. श्रद्धाबेन भट्‌ट, डॉ. कविताबेन जोशी ने गोमूत्र पर महत्वपूर्ण शोध किया है। शोध में गोमूत्र के अर्क में चार प्रकार के कैंसर के कोश को नष्ट करने की क्षमता पाई गई है।

🚩पंचगव्य किससे बनता है?

🚩पंचगव्य स्वस्थ देशी गाय के दूध, दही, घी, गौमूत्र, गोबर से बनता है।

🚩पंचगव्य से क्या लाभ होता है?

🚩पंचगव्य के नियमित सेवन से मानसिक व्याधियाँ पूर्णतः नष्ट हो जाती हैं। विषैली औषधियों के सेवन से तथा लम्बी बीमारी से शरीर में संचित हुए विष का प्रभाव भी निश्चितरूप से नष्ट हो जाता है। गोमाता से प्राप्त होनेवाला, अल्प प्रयास और अल्प खर्च में मानव-जीवन को सुरक्षित बनानेवाला यह अद्भुत रसायन है। पंचगव्य द्वारा शरीर की रोगनिरोधक क्षमता को बढ़ाकर रोगों को दूर किया जाता है। आयुर्वेद में पंचगव्य से कैंसर जैसे भयानक रोग तक का निदान किया जाता है। दिल्ली के पश्चिमी पंजाबी बाग स्थित एक चेरिटेबल अस्पताल में पंचगव्य आधारित आयुर्वेदिक कैंसर चिकित्सा के जरिये सैंकड़ों मरीजों को ठीक करने का दावा किया जाता है। कोरोना वायरस भी रोगप्रतिकारक शक्ति कम होने के कारण ही होता है इसलिए पंचगव्य पान करने से रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ेगी तो कोरोना जैसा वायरस हमला नही कर सकता।

🚩आपको बता दे कि देशी गाय का दूध, दही, घी, गोबर व गोमूत्र सम्पूर्ण मानव-जाति के लिए वरदानरूप हैं। दूध स्मरणशक्तिवर्धक, स्फूर्तिवर्धक, विटामिन्स और रोगप्रतिकारक शक्ति से भरपूर है। दही में सुपाच्य प्रोटीन एवं लाभकारी जीवाणु होते हैं जो क्षुधा को बढ़ाने में सहायता करते हैं। घी ओज-तेज प्रदान करता है। इसी प्रकार गोमूत्र कफ व वायु के रोग, पेट व यकृत (लीवर) आदि के रोग, जोड़ों के दर्द, गठिया, चर्मरोग आदि सभी रोगों के लिए एक उत्तम औषधि है। गाय के गोबर में कृमिनाशक शक्ति है। जिस घर में गोबर का लेपन होता है वहाँ हानिकारक जीवाणु प्रवेश नहीं कर सकते। पंचामृत व पंचगव्य का प्रयोग करके असाध्य रोगों से बचा जा सकता है। ये हमारे पाप-ताप भी दूर करते हैं। गाय से बहुमूल्य गोरोचन की प्राप्ति होती है।

🚩यहाँ तो आपको कम शब्दों में गाय के दूध, घी, दही, गौमूत्र और गोबर की महिमा बताई गई है बाकी इन एक एक चीज का वर्णन करेंगे तो एक एक चीज पर बड़े-बड़े ग्रँथ लिखे जा सकते हैं गौ माता की महिमा आज हम भूल गए और उसका पालन करना छोड़ दिया और गौहत्या करके उसका मांस खाने लगे, गौ आधारित खेती करना छोड़ दिया तभी से देश मे अनेको भयंकर रोग फैलने लगे और अरबो-खबरों रुपये की दवाइयां आज देशवासी खा रहे है हॉस्पिटल में भीड़ लगी रहती हैं अगर अभी भी हम गौमाता की महिमा समझकर उसका पालन करे और उसके दूध-दही-धी आदि का उपयोग करे तो जीवन स्वस्थ्य और सुखी रह सकता हैं। सिर्फ स्वास्थ्य लाभ ही नही बल्कि गाय के दूध-घी-गोबर-गौमूत्र द्वारा आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

🚩गौ-सेवा से धन-सम्‍पत्ति, आरोग्‍य आदि मनुष्‍य-जीवन को सुखकर बनानेवाले सम्‍पूर्ण साधन सहज ही प्राप्‍त हो जाते हैं।

🚩केंद्र और राज्य सरकार क सभी कत्लखानों को बंद करके उसमें गौशालाओं खोल देनी चाहिए जिससे देश की आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी एवं लोगो का स्वास्थ्य लाभ होगा और देश मे सुख-शांति बढ़ेगी।

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