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Tuesday, October 13, 2020

कानून के रखवाले हिंदुओं को कैसे प्रताड़ित करते हैं पढ़ लीजिये

13 अक्टूबर 2020


वैसे लगता है कि भारत में राष्ट्र एवं भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य करना अपराध हो गया है, जबकि जो लोग राष्ट्र व भारतीय संस्कृति के खिलाफ़ कार्य कर रहे हैं वे शायद अच्छे कार्य कर रहे हैं क्योंकि कानून इनको आसानी से राहत दे देता है और राष्ट्रहित के कार्य करने वाले सालों से जेल मे प्रताड़ित किये जाते हैं।




आपको ताजा उदाहरण देते हैं जैसे कि न्यायालय ने ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती को जमानत दे दी, नाबालिग रेप केस में सपा नेता गायत्री प्रजापति को जमानत मिल गई, करोड़ों रूपये के घोटाले करने वाले लालू प्रसाद यादव को जमानत मिल गई, देशभर में कोरोना फैलाने वाले मौलाना साद को जमानत मिल गई, देश के 'टुकड़े' करने का नारा लगाने वाले उमर खालिद और कन्हैया कुमार को जमानत मिल गई, बलात्कार आरोपी बिशप फ्रेंको व तरुण तेजपाल को जमानत मिल गई , 65 गैर जमानती वारंट होने के बाद भी दिल्ली के इमाम बुखारी को आज तक एरेस्ट नहीं कर पाए और यही न्यायालय राष्ट्र और भारतीय संस्कृति के उत्थान कार्य करने वाले 85 वर्षीय हिंदू संत आशारामजी बापू को 7 साल से आज तक जमानत नहीं दे पाई ।

बता दें कि जब किसी नेता, अभिनेता, जज या पत्रकार अथवा मुस्लिम और इसाई धर्मगुरु आदि पर आरोप लगते हैं तब सभी बुद्धजीवी बोलतें हैं कि जांच चल रही है, कानून अपना काम कर रहा है, कानून सबके लिए समान है आदि-आदि, लेकिन जैसे ही किसी हिंदुनिष्ठ या हिंदू साधु-संत पर झुठे आरोप लगते हैं तो सभी बोलने लग जाते हैं कि आरोपी पर इतने गंभीर आरोप लगे हैं, फिर भी गिरफ्तारी नहीं हो रही है, ये शर्मनाक बात है आदि-आदि, कुछ इस तरह के नारे लगते हैं और उनको आधी रात में गिरफ्तार कर लिया जाता है और सालों तक जमानत भी नहीं दी जाती है।

जैसे कि शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी पर हत्या का आरोप लगा और उनको आधी रात में गिरफ्तार कर लिया गया फिर वे बाद में निर्दोष बरी हुए।

वैसे साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, स्वामी असीमानंद, स्वामी नित्यानंद, डीजी वंजारा जी आदि को भी सालों तक जेल में प्रताड़ित किया गया और आखिर में वे निर्दोष बरी हुए।

अभी वर्तमान में हिंदू संत आशाराम बापू का केस तो आप देख ही रहे हैं, उनके पास षडयंत्र के तहत फंसाने और निर्दोष होने के प्रमाण भी हैं फिर भी उनको जमानत नहीं दी जा रही है।

दूसरी ओर सलमान खान को सजा होने के बाद भी 1 घण्टे में ही जमानत मिल जाती है, संजय दत्त को बार-बार पेरोल मिल जाती है, लालू को सजा होने के बाद बेटे की शादी में जाने के लिए जमानत मिल जाती है, पत्रकार तरुण तेजपाल पर आरोप सिद्ध होने के बाद भी जमानत मिल जाती है, बिशप फ्रैंको को 21 दिन में जमानत मिल जाती है, इससे साफ सिद्ध होता है कि कानून केवल समान बोला जा रहा है पर कानून व्यवस्था देखने वाले समानता का व्यवहार नहीं कर रहे हैं।

कानून के हाथ भले ही लम्बे हों परन्तु लगता है कि नीति बहुत ही पक्षपाती है। देश में कई ऐसे कैदी हैं जिनके पास वकील रखने व जमानत लेने के पैसे नहीं हैं इसलिए जेल में सड़ रहे हैं, वे बाहर नहीं आ पा रहे हैं। किसी साधु-संत अथवा आम आदमी पर आरोप लगते ही गिरफ्तार कर लिया जाता है पर बड़े नेता-अभिनेता, अमीर आदि को गिरफ्तारी से पहले ही जमानत हासिल हो जाती है।

इन सब बातों से साफ पता चलता है कि कानून समान बोला जा रहा है पर उसका पालन नहीं हो रहा है इससे हिंदुनिष्ठ और आम जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है, यह जनता के लिए दुःखद बात है इस पर सरकार और न्यायालय को ठोस कदम उठाना चाहिए नहीं तो निर्दोष पीड़ित होते ही रहेंगे।

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Thursday, July 2, 2020

पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं को किया जा रहा है भयंकर प्रताड़ित...

02 जुलाई 2020

🚩द हिन्दू अमेरिका फाउंडेशन (एचएएफ) ने दक्षिण एशिया में हिंदुओं और प्रवासियों पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट (यह रिपोर्ट 2017 की है) में कहा कि, समूचे दक्षिण एशिया और दुनिया के अन्य हिस्सों में रह रहे हिन्दू अल्पसंख्यक विभिन्न स्तरों के वैधानिक और संस्थागत भेदभाव, धार्मिक स्वतंत्रता पर पाबंदी, सामाजिक पूर्वाग्रह, हिंसा, सामाजिक उत्पीड़न के साथ ही आर्थिक और सियासी रूप से हाशिये वाली स्थित का सामना करते हैं।

🚩जारी हुई रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हिन्दू महिलाएं खास तौर पर इसकी चपेट में आती हैं और बांग्लादेश तथा पाकिस्तान जैसे देशों में अपहरण और जबरन धर्मांतरण जैसे अपराधों का सामना करती हैं। कुछ देशों में जहां हिन्दू अल्पसंख्यक हैं वहां ज्यादातर लोग भेदभावपूर्ण और अलगाववादी एजेंडा चलाते हैं जिसके पीछे अक्सर सरकारों का मौन या स्पष्ट समर्थन होता है।’’

🚩अपनी रिपोर्ट में एचएएफ ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया और पाकिस्तान को हिन्दू अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का भीषण उल्लंघनकर्ता माना है। भूटान और श्रीलंका की पहचान गंभीर चिंता वाले देशों के तौर पर की गयी है। रिपोर्ट में भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर को भी इसी श्रेणी में रखा गया है।

🚩बांग्लादेश : 10 मंदिरों पर हुआ हमला

🚩बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले महीने यानी मई 2020 में ही हिंदुओं को प्रताड़ित करने वाली कई घटनाएं सामने आई हैं, जो सोचने पर मजबूर तो करती ही है, साथ ही वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं की दयनीय व्यथा को भी बयां करती है। वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन बांग्लादेश चैप्टर (World Hindu Federation – Bangladesh Chapter) द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार मई 2020 में ही हिंदुओं के 10 मंदिरों को तोड़ दिया गया। मूर्तियों को क्षत-विक्षत कर दिया गया।

🚩प्रेस रिलीज के मुताबिक 3 मई 2020 को दिनाजपुर नगरपालिका क्षेत्र में एक लाख टके का भुगतान न करने पर लोकल क्रिमिनल मामून और उसके गिरोह ने पूर्ण चंद्र रॉय के घर एवं मंदिर पर हमला किया और नष्ट कर दिया।

🚩4 मई 2020 को सुबह के लगभग 3 बजे चटगाँव के लोहगारा में शांति बिहार में 40 हथियारबंद लोगों ने मंदिर पर हमला किया। उपद्रवियों ने मंदिर की खिड़कियाँ, दीवारें और बुद्ध की मूर्ति को तहस नहस कर दिया।

🚩इसके बाद 5 मई 2020 को नेत्रकोना जिले के दुर्गापुर उपजिला के बकलजोरा यूनियन में उपद्रवियों ने कुमुदगंज बाजार काली मंदिर की मूर्ति को खंडित कर दिया।

🚩उपद्रवियों ने 8 मई 2020 को सिराजगंज जिले के बेलकुची चावला में जिधुरी साह पारा मंदिर की मूर्तियों को तहस नहस कर दिया। सिराजगंज जिले डब्ल्यूएचएफ बांग्लादेश चैप्टर के नेताओं ने मंदिर का दौरा किया और दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने की माँग की।

🚩9 मई 2020 को रात में बदमाशों ने नेत्रकोना जिले के कलमाकंद उपजिला के नागदरा गाँव में 100 साल पुरानी काली मंदिर की मूर्ति के साथ बर्बरता की।

🚩10 मई 2020 को सुनामगंज जिले के छतक नगर पालिका के टाटीकोना गाँव में फेसबुक पर टिप्पणी करने को लेकर आतंकवादियों ने हिंदू परिवारों पर हमला किया और उनके घरों एवं मंदिरों को नष्ट कर दिया। इस हमले में कम से कम 10 लोग घायल हो गए। घायल व्यक्तियों की पहचान तापस दास (30), शिप्लू दास (28), पाब्लू दास (32), पिपलू दास (26), सुमन दास (28), रतुल चौधरी (31), शिमला दास (28) और अन्य के रूप में हुई।

🚩11 मई 2020 को उपद्रवियों ने लालमोनिरहाट जिले के चपरहट इमेंद्रघाट में प्रसिद्ध श्री श्री माँ बिदवेश्वरी मंदिर की मूर्ति के साथ तोड़ फोड़ की।

🚩12 मई 2020 को लगभग 1 बजे, अपराधियों के एक समूह ने निलफामारी सदर अपजिला में दक्षिण हरो राधागोबिंद मंदिर का ताला तोड़ने और मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की। हालाँकि, स्थानीय लोगों ने उनका पीछा किया और उनमें से एक को पकड़ लिया और उसे सदर पुलिस स्टेशन को सौंप दिया।

🚩13 मई 2020 को ही उपद्रवियों ने रंगमती जिले के श्री श्री मगादेश्वरी मंदिर में मूर्ति के साथ छेड़छाड़ की और मंदिर के दान पेटी से पैसे चुरा लिए।

🚩13 मई को ही चोरों ने पीछे की दीवार को तोड़कर सुइहारी में क्षत्रिय समिति के पर्थ सारथी मंदिर में प्रवेश किया और मंदिर के आभूषण और अन्य कीमती सामान चुरा लिया।


🚩पाकिस्तान में 102 हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन

🚩पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक बार फिर से बड़ी संख्या में हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक सिंध प्रांत के बाडिन जिले के अंतर्गत आने वाले गोलेरची में 102 हिंदुओं को जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया है।

🚩टाइम्स नाऊ के अनुसार, इन 102 हिंदुओं में पुरुष, महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। इतना ही नहीं यहां के स्थानीय मंदिर में रखी गई हिंदू देवताओं की सभी मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया और उसे मस्जिद में बदल दिया गया।

🚩17 मई को सिंध प्रांत में हिंदुओं ने दावा किया था कि तबलीगी जमात के लोगों ने उन्हें प्रताड़ित किया, उनके घरों में तोड़फोड़ की और इस्लाम कबूल नहीं करने पर एक हिंदू लड़के का अपहरण भी कर लिया।

🚩तबलीगी जमात के अपहरणकर्ता उक्त लड़के को छोड़ने के लिए रुपए-पैसे की माँग नहीं कर रहे थे। उनका कहना था कि अगर अपहृत लड़के का परिवार इस्लाम अपना लेता है तो उसे छोड़ दिया जाएगा। लेकिन, परिवार इसके लिए तैयार नहीं था।

🚩पाकिस्तान की हिन्दू महिला को जमीन पर गिर कर रोते हुए देखा जा सकता है, जहां वो अपने बेटे की रिहाई के लिए गुहार लगा रही हैं। महिला के आसपास हिन्दू समाज के अन्य लोग खड़े हैं, जो हाथों में पोस्टर लेकर वहां के मुसलमानों द्वारा किए जा रहे अत्याचार के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

🚩एक अन्य वायरल वीडियो में वही महिला कहती दिख रही है कि वो मृत्यु को अंगीकार करेंगी लेकिन कभी इस्लाम नहीं अपनाएगी। महिलाओं और बच्चों ने हाथ में पोस्टर रखा था, जिसमें लिखा था, “हम मरना पसंद करेंगे लेकिन कभी भी इस्लाम में परिवर्तित नहीं होंगे।”

🚩प्रदर्शनकारियों की ओर से बोलते हुए, एक महिला ने कहा कि उनकी पिटाई की गई, उनकी संपत्तियों को जबरन ले लिया गया और घरों को नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर वे अपने घरों को वापस लेना चाहते हैं तो उन्हें इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए कहा जा रहा है। पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों से हिंदुओं और ईसाइयों के उत्पीड़न की खबरें लगभग नियमित रूप से आती रहती हैं।

🚩यह चिंता की बात है कि विदेशों में रह रहे हिंदुओं पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन  वहां रह रहे हिंदुओं के हितों की रक्षा के लिए आवाज उठाने वाला कोई नहीं है।

🚩नागरिक संशोधन विधेयक पर कुछ मीडिया, नेता, वामपंथी, सेक्युलर हल्ला मचा रहे है पर इन देशों में हिंदुओं पर इतना अत्याचार हो रहा है इसपर इनकी जुबान खुलती नही है। अब भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र को इसमे हस्तक्षेप करके उनको सुरक्षा प्रदान करना चाहिए।

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