Showing posts with label बॉलीवुड. Show all posts
Showing posts with label बॉलीवुड. Show all posts

Tuesday, July 11, 2023

बॉलीवुड की हर फिल्म एक ही मसाला... " भारतीय सनातन संस्कृति का तिरस्कार और पाश्चात्य छिछोरेपन का प्रचार-प्रसार "

11  July 2023

http://azaadbharat.org

🚩लोगों को ज्ञान देने के मामले में भारत की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री, जिसे बॉलीवुड भी कहा जाता है – वो सबसे आगे हैं। लेकिन, जब उदाहरण सेट करने की बात आती है तो वो इसके उलट काम करते हैं। जैसे, आपको आम तौर पर बॉलीवुड की अभिनेत्रियाँ महिलाओं के बारे में बात करती हुई मिल जाएँगी और फेमिनिज्म का बीड़ा उठाए कई फ़िल्मी हस्तियाँ मिल जाएँगी। लेकिन, ये वही लोग हैं जिनके गिरोह ने हमेशा से फिल्मों के जरिए महिला को एक उपभोग की वस्तु से ज्यादा कुछ नहीं दिखाया है।


🚩महिलाओं के बेहूदा चित्रण में बॉलीवुड सबसे आगे रहा है। आप बॉलीवुड के गानों को ही उठा लीजिए। आजकल गानों के बोल और संगीत से ज्यादा चर्चा इस बात की रहती है कि अभिनेत्री को इसमें कितने कम कपड़े पहने हुए दिखाया जाए !!

अभिनय और कला के ज़्यादा चर्चा इस बात की रहती है , कि किस अभिनेत्री ने बिकनी में इंस्टाग्राम पर तस्वीर अपलोड की है। ‘पठान’ फिल्म को ही ले लीजिए । जानबूझकर दीपिका पादुकोण को भगवा रंग की बिकनी में दिखाया गया और इस पर कंट्रोवर्सी पैदा की गई।


🚩बॉलीवुड में लंबे समय तक काम करने वाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा के एक बयान को ही देख लीजिए। ‘मिस वर्ल्ड’ रह चुकीं प्रियंका चोपड़ा अमेरिका में गायक निक जोनास के शादी के बाद वहीं रहती हैं और हॉलीवुड में भी सक्रिय हैं। प्रियंका चोपड़ा का जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें वो कहती दिख रही हैं , कि बॉलीवुड फ़िल्में केवल ‘हिप्स और बूब्स (जाँघों और स्तन)’ तक ही सिमटी हुई हैं। ये वीडियो एमी अवॉर्ड्स 2016 का है। वीडियो में प्रियंका चोपड़ा डांस करते हुए बताती हैं कि कैसे बॉलीवुड में सिर्फ ‘Hips & Boobs’ चलता है।


🚩इसके बाद कुछ बॉलीवुड के फैंस प्रियंका चोपड़ा की आलोचना करने लगे और कहने लगे कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के साथ कई दिक्कतें हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसका मजाक बनाया जाए। कोई कुछ फिल्मों के नाम गिनाने लगा तो , किसी ने कह दिया कि प्रियंका चोपड़ा ने भारतीय क्लासिकल नृत्य के बारे में नहीं सुना है। कुछ ने प्रियंका चोपड़ा पर व्यक्तिगत हमला करते हुए उन्हें ही फेक बता दिया और उनके मेकअप और व्यवहार पर सवाल उठा दिए।


🚩जबकि ज़रूरत ये है कि बॉलीवुड को हम आत्ममंथन करने के लिए मजबूर करें। कितनी बॉलीवुड फिल्मों में आपने भारत के विभिन्न इलाकों के लोक-नृत्यों की प्रस्तुति देखी है? आंध्र प्रदेश की कुचिपुड़ी, असम का बीहू, बिहार का बिदेसिया, हरियाणा का झूमर, हिमचाल प्रदेश का झोरा, जम्मू कश्मीर का रउफ, कर्नाटक का यक्षगान, केरल की कथकली, महाराष्ट्र की लावणी, ओडिशा का गोतिपुआ, बंगाल का लाठी, राजस्थान का घूमर, तमिलनाडु का भरतनाट्यम, उत्तर प्रदेश की कजरी, उत्तराखंड का भोटिया, मध्य प्रदेश का जवारा, छत्तीसगढ़ का गौर मारिया, गोवा का देक्खनी, झारखंड का सरहुल, अरुणाचल प्रदेश का बुइया, मणिपुर का डोल चोलम, मिजोरम का छेरव, नागालैंड का रेंगमा, त्रिपुरा का होजागिरी, सिक्किम का छाम और लक्षद्वीप का लावा – कितनी फिल्मों में ऐसे नृत्य आपको देखने मिलते हैं..... ???


🚩बिहार के अलग-अलग प्रांतों में एक नहीं बल्कि दर्जन भर लोकनृत्य आपको मिल जाएँगे , लेकिन कभी बॉलीवुड ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की कोशिश !? नहीं की !!

भारत की सबसे बड़ी इंडस्ट्री--हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के तख्त पर लम्बे समय से काबिज रहने के बावजूद बॉलीवुड ने अपना कर्तव्य नहीं निभाया। हाँ, गुजरात का गरबा और पंजाब का भांगड़ा ज़रूर दिख जाता है , लेकिन इसे भी गलत तरीके से पेश किया जाता रहा है। अगर बॉलीवुड ने इन परंपरागत लोकनृत्यों को गंभीरता से लिया होता तो इनमें से अधिकतर आज विप्लुत होने की कगार पर नहीं होते ।


🚩इसके उलट बॉलीवुड ने क्या चुना?

जो पश्चिमी फ़िल्में दिखा रही थीं, उसे ही बॉलीवुड ने आधुनिक मान कर उसकी नक़ल करनी शुरू कर दी।

...यानी, अमेरिका और यूरोप अपनी फिल्मों के जरिए अपनी स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देते रहे और भारत की मनोरंजन इंडस्ट्री ने भी उनकी ही संस्कृति को बढ़ावा देने का बीड़ा उठा लिया। भारतीय वाद्ययंत्रों का प्रयोग कम होता चला गया। विदेशों में गाने फिल्माए जाने लगे। कम कपड़ों में लड़कियों को उपभोग की वस्तु की तरह पेश किया जाने लगा। फिर यही सब चलता रहा।


🚩भारतीय पहनावे और पोशाकों को बॉलीवुड ने अपनी फिल्मों में जरा भी स्थान नहीं दिया। हाल ही में आई ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ को ही देख लीजिए। करण जौहर की फिल्म और प्रेम कहानी के अलावा फैमिली ड्रामा के नाम पर इसे खूब प्रचारित किया गया, लेकिन ट्रेलर में क्या दिखा? वही, अपनी छाती उघाड़ कर चलता हुआ एक लड़का, हीरो के सिक्स पैक एब्स पर फोकस और रेन डांस। अब तो स्थिति ये हो गई हैकि बॉलीवुड की हर वेब सीरीज गालियों और तथाकथित बोल्ड सीन्स के बिना पूरी ही नहीं होती।


🚩इस संबंध में कभी सलमान खान ने बड़ी-बड़ी बातें की थीं और कहा था , कि वो ऐसा कुछ नहीं करेंगे , जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ हो। इसकी भी पोल खुल गई। TRP और व्यूज की चाहत में ‘बिग बॉस OTT’ लाया गया और फिर इसमें भी वही मसाला परोसा गया...

लिपलॉक और सेक्स सीन के नाम पर अब बॉलीवुड की फिल्मों का प्रमोशन होने लगा है। कोई छोटी-मोटी नौकरी करने वाले हीरो को लाखों की गाड़ियों में चलते हुए और एन्जॉय करते हुए दिखाया जाता है – क्या वास्तविकता में ऐसा संभव है !!?


🚩JioCinema पर आ रहे ‘बिग बॉस ओटीटी’ के दूसरे सीजन का एक वीडियो खूब वायरल हुआ। इसमें लेबनीज एक्टर जैद हदीद ने भारतीय अभिनेत्री आकांक्षा पुरी को जम कर किस किया।

...और बाद में औपचारिक रूप से सलमान खान ने ऑडिएंस से माफ़ी माँगते हुए कह दिया , कि वो इस तरह के कंटेंट को अपने शो में समर्थन नहीं करते। यहां तक की आकांक्षा पुरी को शो से निकाला भी गया। लेकिन, इसके नाम पर ‘बिग बॉस ओटीटी’ को बेचने की कितनी कोशिश की गई ये तो सभी ने देखा।


🚩आकांक्षा पुरी ने शो से निकलने के बाद कहा , कि वो तो बस अपना टास्क पूरा कर रही थीं और ये किस भी उसी टास्क का हिस्सा था, जिससे उनकी टीम को उस दिन जीत मिली।

उन्होंने कहा कि वो तो टास्क पूरा करने के लिए पूजा भट्ट और साइरस ब्रोचा को किस करने के लिए भी तैयार थीं। वैसे ये आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि आजकल कई वेब सीरीज में ये आम बात हो गई है। ‘उल्लू’ एप के कंटेंट्स हो या हॉटस्टार पर ‘सिटी ऑफ ड्रीम्स’, लेस्बियन रोमांस नया नॉर्मल है।


🚩आकांक्षा पुरी का कहना है , कि जैद हदीद के साथ उनका किस 30 सेकेंड्स चलना था । लेकिन बाद में वो बह गए और लगातार किस करने लगे। आकांक्षा पुरी ने सफाई दी है , कि उनके मन में जैद हदीद के लिए कोई फीलिंग्स नहीं थी । उन्होंने जैद पर दोष मढ़ते हुए कहा कि ये एक सिंपल सा टास्क था, लेकिन वो टास्क को टास्क तक सीमित न रख सके ।


🚩शो से बाहर निकलने के बाद आकांक्षा को शादी, किस और हुकअप के लिए अलग-अलग विकल्प दिए गए... और इंटरव्यू में उनकी राय माँगी गई । तो उन्होंने सलमान खान से शादी की इच्छा जता दी। हुकअप के संबंध में उन्होंने कहा , कि ये जितने ज्यादा लोगों से हो उतना अच्छा है।


🚩अब यहां एक बात तो बिल्कुल क्रिस्टल क्लियर है , कि बिग बॉस के उस विवादित सीन के बाद सलमान की माफी फिर आकांक्षा को शो से निकालना और फिर आकांक्षा की अपने फॉलोवर्स को सफाई देना... यह सब कुछ इन अभिनेताओं के गिरे हुए और घटिया मानसिकता को दर्शाता है।

...और फिर भी हम देखना समझना नहीं चाहते !!!


🚩क्या दुर्भाग्य है देश का कि , ऐसे ही लोग आज लाखों फॉलोवर्स लेकर इंस्टाग्राम आदि सोशल साइट्स पर भी युवाओं के आदर्श बनते हैं और आज के दिशा विहीन युवा वही करते हैं..., जो ये ढोंगी ऐक्टर्स करते और कहते हैं । तभी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की एक नई ब्रीड खड़ी हो गई है जो आजकल ‘सक्सेस मन्त्र’ भी बाँटती नजर आती है।


🚩आजकल बॉलीवुड के विमर्श का वो समूह थोड़ा ऊपर आया है, जिसे अब तक दबा कर रखा गया था। इसी का परिणाम है कि हमें ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरल स्टोरी’ जैसी फ़िल्में देखने को मिलीं और ये ब्लॉकबस्टर हुईं। इन दोनों के अलावा भी इस्लामी धर्मांतरण और आतंकवाद की समस्या से लेकर भारतीय इतिहास और संस्कृति पर कई फ़िल्में बनीं। अंत में बॉलीवुड ने राष्ट्रवाद के युग के दोहन का भी निर्णय लिया और रामायण के नाम पर ‘आदिपुरुष’ परोस दी।


🚩इसमें हनुमान जी से ‘जलेगी तेरे बाप की’ जैसे डायलॉग्स बुलवाए गए, माँ सीता के कपड़ों का ध्यान नहीं रखा गया और भगवान श्रीराम के व्यवहार को ही बदल दिया गया। मनोज मुंतशिर, जिन्होंने फिल्म के डायलॉग्स लिखे थे, ऐसे सवालों पर निर्देशक से पूछने की सलाह देने लगे। फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हुई। सैफ अली खान को रावण के रूप में दिखाया गया। पुष्पक विमान की जगह चमगादड़ ने ले ली और सोने की लंका डरावनी और काली हो गई।

...ती ये है इन लोगों के रिसर्च का स्तर।



🚩ऐसे समय में जब हॉलीवुड में एक से बढ़ कर एक फ़िल्में बनती आई हैं, जिसने दुनिया भर की अलग-अलग समस्याओं को फिल्मों के जरिए उकेरा है – बॉलीवुड बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड पर ही अटका हुआ है। इनके लिए हर फिल्म लव स्टोरी है, लड़का-लड़की की कहानी है और सब कुछ इसी के इर्दगिर्द चलता है। एक लड़का और एक लड़की रोमांस करते हैं तो ब्रह्मास्त्र अपने नियम बदल लेता है – रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की फिल्म में यही दिखाया गया।🚩अगर उदाहरण देने की बात आए तो एक एक प्रोपेगंडा के बॉलीवुड में कई उदाहरण मिल जाएँगे। किस तरह ‘OMG’ फिल्म के जरिए हिन्दू धर्म को बदनाम किया गया, ये किसी से छिपा नहीं है। ‘पाताल लोक’ में एक पुजारी को गन्दी गालियाँ बकते हुए और मांस भक्षण करते हुए दिखाया गया। ‘तांडव’ में हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाया गया। ‘PK’ फिल्म में भगवान शिव का जो चित्रण हुआ, क्या दूसरे मजहबों के आराध्यों को उस तरह से प्रदर्शित करने की हिम्मत भी की जा सकती है !?



🚩आपको उस घटना के बारे में पढ़ना चाहिए, जब कैसे फिल्म निर्माता फराह खान, अभिनेत्री रबीना टंडन और कॉमेडियन भारती सिंह को सिर्फ इसीलिए वेटिकन सिटी के प्रतिनिधि बिशप के सामने उपस्थित होकर हस्तलिखित माफ़ी माँगनी पड़ी थी, क्योंकि उन्होंने बाइबिल के कुछ शब्दों का मजाक बना दिया था।

...यहाँ तो हर एक फिल्म में रामायण-महाभारत की कहानियों को ही आए दिन गलत तरीके से एक्सप्लेन किया जा रहा है और साथ ही उनका रेफरेंस भी गलत और उल्टा-सीधा दिया जा रहा है।


🚩आप सोचिए, आजकल के बच्चे रील्स बनाने के नाम पर कम से कम कपड़े पहन कर मोबाइल फोन के सामने अश्लील फ़िल्मी गानों पर ही नाच करते हुए क्यों दिखते हैं, वो स्थानीय लोकनृत्य या फिर लोकगीतों की प्रैक्टिस करते क्यों नहीं दिखते? क्योंकि बॉलीवुड ने उनके मन में बिठा दिया है कि कपड़े उतार कर अश्लील गानों पर डांस करना ही ‘कूल’ और ‘मॉडर्न’ है, बाकी सब तो पुरानी चीजें हैं जिन्हें हमें छोड़ देना है, वरना हम पुराने खयालातों के कहाएँगे।


🚩हॉलीवुड फिल्मों को देखिए, कैसे वो पश्चिमी संस्कृति को लेकर दुनिया भर में जाते हैं और दुनिया के कई फिल्म इंडस्ट्रीज पर उनका प्रभाव है। ‘Apollo 13’ (1995) फिल्म के जरिए चाँद पर जाने की अमेरिकी प्रयास को दिखाया गया। ‘Dances With Wolves (1990)’ में अमेरिका के मूलनिवासियों के जीवन को दिखाया गया। ‘Do The Right Thing (1989)’ में स्ट्रीट पर रहने वाले लोगों का जीवन दिखा। ऐसी अनगिनत फ़िल्में हैं। लेकिन, भारत में ऐसा कुछ नहीं होता।


🚩यहाँ अगर भारत की कहानी पर भी फिल्म बनाई जाती है तो प्रेरणा अमेरिका से ही लेकर आते हैं ये लोग। ‘आदिपुरुष’ में रामजी व हनुमान जी को फर और बेल्ट पहनाया जाता है। वानर सेना को चिम्पांजी बना दिया जाता है। रावण के किरदार को डरावना बना दिया जाता है। रावण भारतीय वाद्ययंत्र नहीं बल्कि गिटार बजाता है। जब सब कुछ यहाँ की किताबों में वर्णित है, गाँव-गाँव में रामलीला होती है, तो ऐसे में प्रेरणा लेने के लिए ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ और ‘लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’ सीरीज में घुसना सही है क्या?


🚩कुल मिला कर गौरतलब बात ये है , कि बॉलीवुड फिल्मों की 2 ही रेसिपी होती है – अश्लीलता और हिन्दू धर्म का मजाक। कम कपड़ों में हीरोइनें और हिन्दू देवी-देवताओं का हास्यास्पद और अपमानजनक चित्रण। और जब इस पर आवाज उठाई जाएगी, तो आपको या तो महिला विरोधी बता दिया जाएगा या फिर अभिव्यक्ति की आज़ादी का विरोधी।

माँ काली को सिगरेट फूंकते दिखाने और और भगवान शिव को त्रिशूल लेकर भागते हुए दिखाने वाले , भला भारतीय संस्कृति और परंपरा का सम्मान करना क्या जानें?


🚩बॉलीवुड जब हॉलीवुड से ही कंटेंट चुरा रहा है तो उसे ये भी सीखना पड़ेगा कि अपनी संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा कैसे देते हैं। अपने देश की नीतियों, उपलब्धियों और सरकार के नैरेटिव को कैसे इस तरह आगे बढ़ाते हैं कि सामने वाले को पता तक नहीं चलता और वो उसका अनुसरण करने लगता है। ये ‘हिप्स-बूब्स’ की गुलामी और हिन्दू धर्म के अपमान करने के शौक से निकल कर,  बॉलीवुड को दिखाना पड़ेगा , कि भारतीय परिधान, नृत्य और कलाएँ भी ‘कूल’ और ‘मॉडर्न’ हैं।


लेखक : अनुपम कुमार सिंह


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

 twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Saturday, July 1, 2023

हाइकोर्ट : कुरान पर गलत तथ्यों के साथ एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री बनाओ और देखो क्या होता हैं

1 July 2023

http://azaadbharat.org


🚩बॉलीवुड में एक खास धड़ा इसी पर काम कर रहा है, उन्हें पक्का यकीन है कि वो अगर हिंदू संस्कृति पर सवाल उठाएँगे तो ज़ाहिर है लिबरल सनातन समाज उन्हें कठघरे में नहीं खड़ा करेगा, जबकि मुस्लिम समुदाय कार्टून/कैरिकेचर बनने पर ही बवाल खड़े कर देता है। यही वजह है कि कुछ फिल्मों में हिंदू धर्म के प्रति पक्षपाती रवैया देखा गया।


🚩इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण (I&B) मंत्रालय और ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC)’ को नोटिस जारी करते हुए ‘आदिपुरुष’ फिल्म को लेकर जवाब माँगा है। फिल्म के आपत्तिजनक दृश्यों और डायलॉग्स को लेकर 2 PIL दायर की गई है, जिस पर दोनों संस्थाओं को उच्च न्यायालय ने एफिडेविट दायर करने के लिए कहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सेंसर बोर्ड द्वारा इस फिल्म को सर्टिफाई करना एक बड़ा ब्लंडर था और इसने बड़ी संख्या में लोगों की भावनाएँ आहत की हैं।



🚩जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए फिल्म निर्माताओं की मानसिकता पर सवाल उठाया और कहा कि कुरान या बाइबिल जैसे पवित्र ग्रंथों को ऐसे नहीं छुआ जाना चाहिए और न ही उनसे छेड़छाड़ किया जाना चाहिए। उच्च न्यायालय ने माना कि ‘आदिपुरुष’ में जिस तरह से रामायण के किरदारों को दिखाया गया है, स्वाभाविक है कि लोगों की भावनाएँ आहत हुई होंगी। जजों ने कहा कि दिन प्रतिदिन ऐसी घटनाएँ बढ़ती ही जा रही हैं।


🚩हाईकोर्ट ने कहा कि हाल के दिनों में ऐसी कई फ़िल्में आई हैं जिनमें हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूछा कि अगर हमने अभी अपना मुँह बंद कर लिया तो पता है क्या होगा? जजों ने एक फिल्म के दृश्य को याद किया, जिसमें भगवान शिव को त्रिशूल लेकर दौड़ते हुए दिखाया गया था और उनका मजाक बनाया गया था। कोर्ट ने पूछा कि अब ये सब दिखाया जाएगा? साथ ही कहा कि जब फ़िल्में कारोबार करती हैं तो निर्माता कमाते हैं।


🚩इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “मान लीजिए कभी आपने कुरान पर कोई छोटी सी डॉक्यूमेंट्री बना दी, जिसमें आपने कुछ गलत दिखा दिया। तब देखिए क्या-क्या होता है। ये स्पष्ट करना ज़रूरी है कि ये किसी एक धर्म के बारे में नहीं है। संयोग से ये मामला रामायण से जुड़ा हुआ है, न्यायपालिका तो हर धर्म का है। किसी भी धर्म को खराब तरीके से नहीं दिखाया जाना चाहिए। मुख्य चिंता ये है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखा जाना चाहिए।”


🚩इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये टिप्पणियाँ की हैं, लेकिन फ़िलहाल कोई निर्णय नहीं सुनाया है। जजों ने कहा कि ये चीजें मीडिया में भी आ जाएँगी। हाईकोर्ट ने पूछा कि जैसा फिल्म में दिखाया गया है, धार्मिक किरदारों को कोई ऐसा सोच सकता है? खासकर जिस तरह के कपड़े इन किरदारों को पहनाया गया है, उस पर भी हाईकोर्ट ने सवाल उठाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि भगवान राम, लक्ष्मण या माँ सीता का सम्मान करने वाले कभी इस फिल्म को नहीं देख सकते।


🚩ये पहली बार नहीं है,कि बॉलीवुड ने हिंदू विरोधी फिल्म कला या यह कहूँ की कलंक के नाम पर पेश की है। पिछले वर्ष ही तांडव नाम की कुप्रस्तुति की गई थी। इस फिल्म में सैफ अली खान था और इस पर बहुत बहस हुई थी। आज से कुछ वर्षो पहले आमिर खान की फिल्म पीके (PK) ने भी हिंदू समाज के गुरु की नकारात्मक छवि दिखाई थी। इसी पीके (PK) फिल्म में शिवजी के रूप का उपहास किया गया था, कहीं उन्हें मोबाइल फ़ोन पर बात करते भी दिखाया गया, सिर्फ हिंदू रीति रिवाजों का मजाक उड़ाया गया। अन्य कई फिल्में हैं, जो की लव जिहाद और हिंदू फोबिया को नॉर्मलाइज करती हैं।


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

 twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Friday, September 18, 2020

बॉलीवुड में ड्रग्स का आरोप कोई नया नहीं है, पहले भी कई हीरो-हीरोइन शामिल रहे हैं...

18 सितंबर 2020


सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जॉंच आगे बढ़ने के बाद बॉलीवुड में ड्रग्स का प्रभाव चर्चा में है। रिया चकवर्ती की गिरफ्तारी के बाद से मीडिया रिपोर्टों में लगातार दावा किया जा रहा है कि उन्होंने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के सामने सारा अली खान, रकुल प्रीत सिंह और सिमोन खंबोटा जैसों का नाम लिया है। अब बताया जा रहा है कि एनसीबी की जॉंच में एक और हीरोइन का नाम सामने आया है। हालॉंकि यह नाम अब तक स्पष्ट नहीं है।




वैसे बॉलीवुड में ड्रग्स समस्या कोई नई चीज नहीं है। फिल्मी दुनिया के कई सितारें पहले भी ड्रग लेने की बात कबूल चुके हैं। जाहिर है कि फ़िल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स बेहद ही गंभीर समस्या पहले भी थी और अब भी है।

बता दें रणबीर कपूर से लेकर संजय दत्त जैसे कई सितारे इस पर खुल कर अपनी बात रख चुके हैं। वहीं गौरी खान, ममता कुलकर्णी, हनी सिंह से लेकर रणबीर कपूर तक के टॉप सेलिब्रिटीज पर ड्रग्स सेवन का आरोप लग चुका है।

फरदीन खान :: दिग्गज अभिनेता फ़िरोज़ खान के बेटे फरदीन का बॉलीवुड करियर बहुत ही कम समय का था। उन्हें 5 मई 2001 में मुंबई पुलिस ने कोकीन के साथ गिरफ्तार किया था। इस लत को छुड़ाने के लिए उन्होनें डिटॉक्सिफिकेशन कोर्स भी किया था। 2012 में टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक साक्षात्कार में, फरदीन ने कहा, “कोई भी मन-परिवर्तन करने वाला पदार्थ, चाहे वह मादक पदार्थ हो या शराब या नशे की गोलियाँ, एक घातक निर्भरता पैदा करती है। इससे पहले कि आप इसके बारे में जाने यह आपको ले डूबता है।” नारकोटिक्स डिपार्टमेंट इस मामले में उन्हें चार्ज करने में 10 साल लग गए थे। जिसके बाद उन्हें जमानत दे दी गई थी।

संजय दत्त :: अनुभवी अभिनेता सुनील दत्त के बेटे संजय दत्त को 1982 में ड्रग रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और इस मामले में उन्हें पाँच महीने जेल में बिताने पड़े थे। दत्त का नाम कई हाई-प्रोफाइल मामलों में शामिल था। जिसमें 1993 में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट भी शामिल थे। इंडिया टुडे के साथ एक साक्षात्कार में दत्त ने अपनी ड्रग्स लत की समस्याओं के बारे में विस्तार से बात की थी।

उन्होंने बताया कि ड्रग्स का वो फेज उनकी नौ साल की जिंदगी का सबसे बुरा समय था। दत्त ने ड्रग्स समस्या से छुटकारा पाने के लिए अमेरिका में एक रिहैबिलिटेशन केंद्र में समय बिताया। दत्त ने एक बार कहा था, “कोकीन से हेरोइन तक, हर तरह का ड्रग्स मैंने लिया है।”

उन्होंने अपने बॉयोपिक में (जिसमें रणबीर कपूर ने अभिनय किया था) इस बात का खुलासा किया था कि वे एक ड्रग्स के नशे में 2 दिन तक सोते रहे थे। जब वे दो दिन बाद उठे तो उन्हें बहुत भूख लगी थी। उस दिन के बाद उन्होंने अपने पिता कॉन्ग्रेस नेता रहे सुनील दत्त के मदद से ड्रग्स से बाहर निकलने का फैसला किया था।

ममता कुलकर्णी :: 90 के दशक में ममता कुलकर्णी बी-टाउन से शुरुआती जीवन में बड़े सितारों में एक थी। अभिनेत्री पर ड्रग्स मामलों में लिप्त पाए जाने के बाद 2014 केन्या में मामला दर्ज किया गया था। उन्हें केन्या पुलिस ने पति विक्की गोस्वामी और एक अन्य भारतीय नागरिक कुलम हुसैन के साथ गिरफ्तार किया था। कुलकर्णी ने 2000 के दशक में बॉलीवुड छोड़ दिया था। उन्होंने कथित तौर पर कुख्यात अंतरराष्ट्रीय ड्रग लॉर्ड गोस्वामी से शादी की थी। गोस्वामी ड्रग मामले के आरोप में 10 साल दुबई जेल में बंद था। जिसके बाद उन्होंने केन्या आकर रियल एस्टेट में कारोबार शुरू किया था।

हनी सिंह :: अपने रैप और पंजाबी संगीत के लिए जाने जाने वाले रैपर-कम-स्टार गायक हनी सिंह का शराब के नशे का लंबा इतिहास रहा है। हनी सिंह ने 2016 में एक इंटरव्यू के दौरान अपनी लत की समस्या का खुलासा किया था। जिसके कारण 18 महीने तक इंडस्ट्री से गायब रहे थे। जब वह बिना किसी सूचना के गायब हो गए थे तो यह अफवाहें सामने आई थी कि वह अपनी ड्रग्स की समस्या के लिए रिहैब केंद्र में समय बिता रहे है।

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने सभी अफवाहों से इनकार करते हुए कहा था कि वह शराब की लत छुड़ाने के लिए इलाज करवा रहे थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें बाइपोलर डिसऑर्डर है और वे एक शराबी है।

गीतांजलि नागपाल :: फैशन इंडस्ट्री को फॉलो करने वालों को गीतांजलि नागपाल के बारे में पता होगा। सुष्मिता सेन और अन्य प्रसिद्ध मॉडलों के साथ रैंप साझा करने वाली सफल मॉडलों में उन्हें जाना जाता है। नशे की लत ने उनसे काफी कुछ छीन लिया। एक फोटो जर्नलिस्ट ने सितंबर 2007 में उन्हें दिल्ली की सड़कों पर भीख माँगते हुए देखा था। हालाँकि किसी को नहीं पता था कि एक पूर्व-नौसेना अधिकारी की बेटी सड़कों पर रहने के लिए क्यों मजबूर हो गई थी। इस घटना से पहले वह एक ब्रिटिश नागरिक के साथ रिश्ते में थी।

गौरी खान :: भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान पर आरोप लगा था कि गौरी खान को बर्लिन एयरपोर्ट पर मारिजुआना के साथ पकड़ा गया था। हालाँकि पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था। हालाँकि बर्लिन या भारत में हवाई अड्डे के अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक रूप से उनका नाम जारी नहीं किया गया था। केवल यह बात सामने आई थी कि एक अभिनेता की पत्नी बर्लिन में पकड़ी गई थी।

सुज़ैन खान :: प्रसिद्ध इंटीरियर डिजाइनर और ऋतिक रोशन की पूर्व पत्नी सुज़ैन खान को लेकर एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि नशे की लत उनके तलाक के पीछे के प्राथमिक कारणों में से एक थी। एक साक्षात्कार में सुज़ैन के पिता अनुभवी अभिनेता संजय खान ने इनडाइरेक्ट तरीके से अपनी बेटी के ड्रग्स की लत के बारे में कहा था। सुज़ैन खान फरदीन खान की चचेरी बहन हैं।

रणबीर कपूर :: दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर और नीतू सिंह के बेटे रणबीर कपूर फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने लोगों में से एक है। उन्हें भी एक मामले में मादक द्रव्यों के सेवन से भी जोड़ा गया था। डेक्कन क्रॉनिकल के साथ अपने एक साक्षात्कार में, उन्होंने कॉलेज के समय में ड्रग्स के सेवन को स्वीकार किया था।

उन्होंने कहा, “मैंने ड्रग्स का इस्तेमाल किया है जब मैं फिल्म स्कूल में था और उस समय बुरे प्रभाव में आ गया था। लेकिन मुझे एहसास हुआ कि अगर मैं ड्रग्स का सेवन जारी रखता हूँ तो मैं जीवन में कुछ नहीं कर पाऊँगा।” हालाँकि उन्होंने कॉलेज के बाद हार्ड ड्रग्स का सेवन नहीं किया लेकिन उन्हें निकोटिन की लत है।

विजय राज :: अपनी कॉमिक भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले विजय राज को 2005 में अबू धाबी पुलिस ने DJ अकील के साथ ड्रग्स रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। राज ने एक सप्ताह जेल में बिताया था। विजय ने दावा किया कि वह निर्दोष थे और उन्हें समझ में नहीं आया कि हवाई अड्डे के अधिकारी अरबी में क्या बता रहे थे। उन्होंने दावा किया था कि वे कोई नशीला पदार्थ नहीं ले जा रहे थे।

कंगना रनौत :: कंगना रनौत विवादों से घिरे रहने वालों में कोई नया नाम नहीं हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने दावा किया था कि 90 प्रतिशत बॉलीवुड ड्रग एडिक्ट है। हालाँकि, उन पर पिछले दिनों आरोप लगे थे कि वह ड्रग्स की आदी थी। उन्होंने मार्च में एक IGTV वीडियो अपलोड किया था। जिसमें उन्होंने अपने जीवन के एक समय में ड्रग एडिक्ट होने की बात स्वीकार की थी। उनके पूर्व-प्रेमी अध्यायन सुमन ने भी एक साक्षात्कार के दौरान यह आरोप लगाया था कि वह ड्रग एडिक्ट हैं।

परवीन बॉबी :: हिंदी फिल्मों में 70 और 80 के दशक की सबसे ग्लैमरस एक्ट्रेस रहीं परवीन बॉबी की जिंदगी भी ड्रग्स के चलते बर्बाद हो गई थी। जानलेवा ड्रग्स और शराब की लत की वजह से उनकी मानसिक हालात बिगड़ गई थी। नशे की लत से मजबूर वह अपने सहयोगियों पर संदेह करने लगी थी। कथित तौर पर उन्होंने दावा किया था कि उनके पास 1993 में हुए मुंबई बम विस्फोट मामले में संजय दत्त के शामिल होने का सबूत है। वह फिल्म निर्माता महेश भट्ट के साथ भी रिश्ते में थीं।

मनीषा कोइराला :: बॉलीवुड में अपनी अदाओं से सबको दीवाना बनाने वाली मनीषा कोइराला को कथित तौर पर एक ड्रग एडिक्ट बताया गया था। कथित तौर पर इसके कारण ही उन्हें कैंसर हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार अपने करियर के चरम पर वह ड्रग्स की आदी हो गई थीं। हालाँकि ड्रग्स के नशे को लेकर मनीषा ने कभी खुलकर बात नहीं कि लेकिन ड्रग्स की लत ने ही उनकी पर्सनल जिंदगी और करियर को भी चौपट कर दिया था।

बॉलीवुड, पार्टी और ड्रग्स

यदि कोई बॉलीवुड में सफल होना चाहता है, तो उसे पार्टियों में शामिल होना पड़ता है। यह फ़िल्म इंडस्ट्री में स्थापित नामों से जुड़ने का सबसे अच्छा तरीका है। हालाँकि, ये पार्टियाँ केवल नेटवर्क बिल्डिंग के लिए ही नहीं हैं। उद्योग के सूत्रों का कहना है कि ऐसी पार्टियों के दौरान ड्रग्स का खुल कर सेवन भी किया जाता है। पार्टी में हर तरीके का ड्रग्स इस्तेमाल होते हुए देखा जा सकता है। कोई ऐसा कोना नहीं बचता, जहाँ नशीली दवाइयाँ पड़ी न हो। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि कोकीन और अन्य हार्ड ड्रग्स मुश्किल से ही देख सकते हैं। लेकिन अगर आप पॉट धूम्रपान करना चाहते हैं, तो बॉलीवुड पार्टी में हर तीसरे व्यक्ति के पास कुछ न कुछ मिलेगा ही।

भारतीय संस्कृति को नष्ट करने में सबसे बड़ा हाथ बॉलीवुड का रहा है, चोरी, डकैती, बलात्कार, हत्या, आत्महत्या, साधु-संतों व देवी-देवताओं के अपमान करना, हिंदुओं व हिंदू के खिलाफ फिल्में बनाना, हिन्दू त्यौहार का मजाक उड़ाना, अश्लीलता फैलना आदि बहुत सारे कार्य है जो बॉलीवुड ने किया है जिसके कारण भारतीय संस्कृति को आघात पहुँचा हैं। अभी धीरे धीरे इनकी असलियत सामने आ रही है काफी लोग इनका बहिष्कार करने लगे हैं।

Official  Links:👇🏻

🔺 Follow on Telegram: https://t.me/ojasvihindustan





🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Monday, June 15, 2020

जानिए बॉलीवुड में कितने लोग आत्महत्या कर चुके है और ये आत्महत्याएं कैसे रुकेगी?

15 जून 2020

🚩ग्‍लैमर और शोहरत से चकाचौंध बॉलीवुड इंडस्‍ट्री अपने भीतर कई रहस्‍यों को छिपाये हुए है। कलाकारों के लव-अफेयर्स, धोखा, ब्रेकअप और लड़ाई झगड़ों की खबरें आए दिन सुर्खियों में बनी रहती हैं, लेकिन सुशांत राजपूत और पिछले कुछ सालों में फिल्‍मी कलाकारों की आत्‍महत्‍या ने लोगों को इस चमचमाती दुनियां के बारे में बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया है। इनके पास धन-संपत्ति, सुंदरता, प्रसिद्धि सबकुछ होता है फिर भी ये लोग आत्महत्या जैसे कदम क्यो उठाते है इसके पीछे का कारण है कि उनके जीवन मे धर्म और संतों का मार्गदर्शन नही हैं।

🚩कौनसी सेलिब्रिटी ने आत्महत्या की?

▪️1. टीवी एक्ट्रेस और मॉडल नफीसा जोसेफ साल 2004 में महज 26 साल की उम्र में फांसी के फंदे पर झूल गईं।

▪️2. अभिनेत्री परवीन बॉबी ने 22 जनवरी 2005 को मुंबई के अपने अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी।

▪️3. कुलजीत रंधावा टीवी एक्ट्रेस और मॉडल थी साल 2006 में मुंबई स्थित अपने अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी।

▪️4. एक्टर कुणाल सिंह  7 फरवरी 2008 को अपने मुंबई स्थित अपार्टमेंट में पंखे से लटके हुए मिले थे।

▪️5. बॉलीवुड की स्ट्रगलिंग एक्ट्रेस सैय्यम खन्ना (मोना खन्ना) ने साल 2014 में आत्महत्या की थी।

▪️6. 40 साल की एक्ट्रेस शिखा जोशी ने 16 मई 2015 को मुंबई के अंधेरी इलाके में चाकू से गला काटकर आत्महत्या कर ली थी।

▪️6. अमिताभ बच्‍चन के साथ फिल्‍म निशब्‍द से फिल्‍मी करियर शुरू करने वाली अभिनेत्री जिया खान ने 2016 में आत्‍म हत्‍या कर ली थी।

▪️7. मात्र 24 साल की अभिनेत्री प्रत्युषा बनर्जी ने भी 1 अप्रैल 2016 को फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली।

▪️8. असम की मॉडल और सिंगर बिदिशा बेजबरूआ ने 2017 में हरियाणा के गुरुग्राम में खुदकुशी कर ली।

▪️9. अभिनेत्री सिल्क स्मिता चेन्नई के अपार्टमेंट आत्महत्या कर ली थी।

▪️10. दक्षिण भारतीय अभिनेत्री दिव्‍या भारती की 19 साल की उम्र में ही मृत्‍यु हो गयी थी। इनकी मौत आज भी एक रहस्य है।

🚩इन कलाकारों में साधु-संतों का मार्गदर्शन और धर्म का थोड़ा बहुत भी स्थान होता तो ये लोग आत्महत्या नही करते इन लोगो को ये बात बताई गई कि कैसे सफलता के शिखर पर पहुँचना है पर ये नही बताया गया कि विपरीत परिस्थितियों में अपने को कैसे सुखी रखना हैं।

🚩आप भारत और सनातन हिन्दू धर्म मे पैदा हो गए, उससे ज़्यादा गौरशाली ओर कुछ नही, क्योंकि यहां एक ब्राह्मण चाणक्य पूरी सत्ता पलट देता है, कृष्ण किसी क्षत्रिय या ब्राह्मण के घर नही पलते, बल्कि एक ग्वाले को जीवन का सबसे सुखद क्षण बालपन देते है और उनके यहां ही पलते बढ़ते है। हम अपना सही इतिहास पढेंगे, अपने बच्चों को बतायेगें तो कोई भी आत्महत्या नही कर सकते।

1 -अपने बच्चे को श्रीराम की शिक्षा दीजिये, एक राजकुमार युवराज और भावी राजा होकर उनको वन वन भटकना पड़ा, और जीवन जय किया, लेकिन हर संघर्ष के बाद वह ओर ज़्यादा मजबूत हुए, आत्महत्या नही की।

2 - श्रीकृष्ण के पिताजी वासुदेवजी तो राजा थे, लेकिन कंस ने उन्हें कालकोठरी में डाल दिया, एक राजा के लिए बिना किसी अपराध के कारावास भोगने से ज़्यादा दुखदाई ओर क्या हो सकता है ? लेकिन उन्होंने जीवन से हार नही मानी , ओर भारत को कितना सुनहरा भविष्य श्रीकृष्ण दिया।

3 - श्रीकृष्ण से ज़्यादा संघर्षमयी जीवन किसका था ? 8 साल की उम्र में कंस के विरूद्ध संघर्ष की शुरुआत हुई और जीवन के अंतिम क्षण तक रही, महाभारत का युद्ध भी कौरव ओर पांडव दोनो नही चाहते थे, क्योंकि कौरवों के पास सब कुछ था, इसलिए उन्हें युद्ध की क्या जरूरत थी? और पांडव सन्यासी प्रकृति के थे, वह तमाम दुख झेलने को तैयार थे, लेकिन युद्ध नही चाहते थे। कृष्ण का विरोध खुद उनके भाई बलरामजी ने भी किया। धर्मज्ञ श्रीकृष्ण को कितना संघर्ष करना पड़ा होगा? आज कोई भी आदमी मामूली टेंशन में डिप्रेशन में चला जाता है, लेकिन कृष्ण उस डिप्रेशन के समय मे भी बांसुरी बजाते, नाचते गाते।

4 - अर्जुन और पांचों भाइयो से ज़्यादा दुःखमय जीवन और किसका था? पिता का साम्राज्य अपने लोगो ने कब्जा लिया, उल्टे उनकी हत्या की बार बार साजिश रची गयी, प्राण से प्यारा  अभिमन्यु मारा गया, लेकिन पांडवों ने हिम्मत नही हारी, ओर विश्व जय किया।

5 - आमेर का राजा मानसिंह के समय उनका साम्राज्य मात्र कुछ हिस्सों तक सीमित था, उनका प्रिय पुत्र जगतसिंह जो उनकी आंख था, धर्म के लिए लड़ते हुए उन्होंने अपने प्राणों की बलि दे दी, लेकिन मानसिंह पूरी तरह टूटकर भी धर्म ओर कर्म नही भूले, आत्महत्या का तो विचार भी नही आया।

6 - विक्रमादित्य जब युवा भी नही हुए थे, तभी मालवा पर शकों का इतना भंयकर आक्रमण हुआ, की उनके पास राज्य तो क्या, सेना के नाम पर मात्र उनका एक मित्र बचा, लेकिन हार नही मानी, ओर अंत मे विश्वविजेता बने।

7 - राजा हरिश्चंद्र की कहानी तो आप सभी जानते ही है, वह राजा से रंक बन गए, लेकिन हिम्मत नही हारी और फिर से उन्हें राजपाठ मिल गया।

8 -  महाराणा प्रताप हल्दीघाटी के युद्ध के बाद परिवार सहित जंगल में रहने को मजबूर हुए, खाने को नही मिल रहा था तो घास की रोटी खाते थे लेकिन संघर्ष किया और फिर से राज्य पा लिया।

🚩वैदिक ग्रंथों में आत्महत्या करनेवाले व्यक्ति के लिए एक श्लोक लिखा गया है, जो इस प्रकार है…

असूर्या नाम ते लोका अंधेन तमसावृता।
तास्ते प्रेत्याभिगच्छन्ति ये के चात्महनो जना:।।

🚩इसका अर्थ है कि ”आत्महत्या करनेवाला मनुष्य अज्ञान और अंधकार से भरे, सूर्य के प्रकाश से हीन, असूर्य नामक लोक को जाते हैं।”

🚩स्कंद पुराण’ के काशी खंड, पूर्वार्द्ध (12.12,13) में आता है : ‘आत्महत्यारे घोर नरकों में जाते हैं और हजारों नरक-यातनाएँ भोगकर फिर देहाती सूअरों की योनि में जन्म लेते हैं । इसलिए समझदार मनुष्य को कभी भूलकर भी आत्महत्या नहीं करनी चाहिए। आत्महत्यारों का न तो इस लोक में और न परलोक में ही कल्याण होता है।’

🚩‘पाराशर स्मृति (4.1,2)’ के अनुसार ‘आत्महत्या करनेवाला मनुष्य 60 हजार वर्षों तक अंधतामिस्र नरक में निवास करता है।

 🚩‘पाराशर स्मृति’ व ‘कौटिल्य अर्थशास्त्र’ में तो यहाँ तक लिखा गया है कि जिसने आत्महत्या की उसने प्रकृति की, ईश्वर की दी हुई शरीररूपी सौगात से खिलवाड़ किया है, उसका अपमान किया है, उस अभागे को कंधा मत दो। किसी गंदगी उठानेवाले को बोलो कि उसका शव रस्सी से बाँधकर मार्ग से घसीटता हुआ ले जाय, ताकि उसको देखकर दूसरा ऐसी बेवकूफी न करे।

अच्युतानन्त गोविन्द नामोच्चारणभेषजात्।नश्यन्ति सकला रोगाः सत्यं सत्यं वदाम्यहम्।।

‘हे अच्युत ! हे अनंत ! हे गोविंद ! – इस नामोच्चारणरूप औषध से तमाम रोग नष्ट हो जाते हैं, यह मैं सत्य कहता हूँ… सत्य कहता हूँ ।’

🚩आत्महत्या यह मानस रोग है। मन की कायरता की पराकाष्ठा होती है तभी आदमी आत्महत्या का विचार करता है तो उस समय भगवान को पुकारो।

अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम् ।
ना भुक्तं क्षीयते कर्म जन्म कोटिशतैरपि ।।

🚩आत्महत्या कर के भी कोई उससे बच नहीं सकता है। उलटे आत्महत्या का एक नया पापकर्म हो जायेगा। परंतु अगर हम दुःखदायी परिस्थिति को सहन कर लेंगे तो पुराने पाप नष्ट होंगे और हम शुद्ध होंगे। कोई भी परिस्थिति सदा रहनेवाली नहीं है। सुख भी सदा नहीं रहता तो दुःख भी सदा नहीं रहता है। सूर्य के उदय होने के बाद अस्त होना और अस्त होने के बाद उदय होना यह प्रकृति का नियम है। अतः दुःखदायी परिस्थिति के आने पर घबराना नहीं चाहिए।

🚩मृत्यु ईश्वर का वरदान है, अपने आप मरकर उस वरदान का मौका मत गँवाईये।  संत और धर्म आपको हमेशा आश्वासन देते है, आज नही तो कल अच्छा होगा, हम जो भोग रहे है, शायद हमारे किसी जन्म में कोई बुरे कर्म थे। इसलिए आत्महत्या का विचार ही नही आएगा, दुःखों को दुःख की जगह हम आशीर्वाद मान लेंगे।

🚩आत्महत्या से बचना है तो धर्म के रास्ते चलिए, संतों से मार्गदर्शन लीजिये और भगवान को आर्तभाव से प्रार्थना करिये यही सबसे सरल उपाय है इससे आत्महत्या करने में रुकावट आएगी।

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻

🔺 Follow on Telegram: https://t.me/azaadbharat





🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ