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Thursday, August 27, 2020

सनातन धर्म और मनुस्मृति में महिलाओं के विषय में क्या बताया गया है?

27 अगस्त 2020


हर साल 26 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय महिला समानता दिवस मनाया जाता है। स्वघोषित लिबरल, नारीवादी और अंबेडकरवादी हमेशा चिल्लाते रहते हैं कि सनातन धर्म मे नारी का सम्मान नहीं है। ये कभी उनकी बात नहीं करते जो महिलाओं को पुरुष से आधा मानते हैं। 1 पुरुष के मुक़ाबले 2 महिलाओं की गवाही मानी जाती है।




दूसरा लिबरल इस बात को लेकर चिल्लाते हैं कि मनुस्मृति महिलाओ के खिलाफ है लेकिन इन लोगों ने मनुस्मृति पढ़ी ही नहीं है बस इनको तो हिंदू धर्मग्रंथों व सनातन धर्म को बदनाम करना होता है इसलिए झूठ फैलाते रहते हैं, आज आपको वास्तविकता बता रहे है की हिंदू धर्म मे नारी की महानता कितनी है।

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्रऽफलाः क्रियाः। मनुस्मृति 3/56

अर्थात जिस समाज या परिवार में स्त्रियों का सम्मान होता है, वहां देवता अर्थात् दिव्यगुण और सुख़- समृद्धि निवास करते हैं और जहां इनका सम्मान नहीं होता, वहां अनादर करने वालों के सभी काम निष्फल हो जाते हैं।

पिता, भाई, पति या देवर को अपनी कन्या, बहन, स्त्री या भाभी को हमेशा यथायोग्य मधुर-भाषण, भोजन, वस्त्र, आभूषण आदि से प्रसन्न रखना चाहिए और उन्हें किसी भी प्रकार का क्लेश नहीं पहुंचने देना चाहिए। -मनुस्मृति 3/55

जिस कुल में स्त्रियां अपने पति के गलत आचरण, अत्याचार या व्यभिचार आदि दोषों से पीड़ित रहती हैं। वह कुल शीघ्र नाश को प्राप्त हो जाता है और जिस कुल में स्त्री-जन पुरुषों के उत्तम आचरणों से प्रसन्न रहती हैं, वह कुल सर्वदा बढ़ता रहता है। -मनुस्मृति 3/57

जो पुरुष, अपनी पत्नी को प्रसन्न नहीं रखता, उसका पूरा परिवार ही अप्रसन्न और शोकग्रस्त रहता है और यदि पत्नी प्रसन्न है तो सारा परिवार प्रसन्न रहता है। - मनुस्मृति 3/62

पुरुष और स्त्री एक-दूसरे के बिना अपूर्ण हैं, अत: साधारण से साधारण धर्मकार्य का अनुष्ठान भी पति-पत्नी दोनों को मिलकर करना चाहिए।-मनुस्मृति 9/96

ऐश्वर्य की कामना करने वाले मनुष्यों को योग्य है कि सत्कार और उत्सव के समयों में भूषण वस्त्र और भोजनादि से स्त्रियों का नित्यप्रति सत्कार करें। -मनुस्मृति

पुत्र-पुत्री एक समान। आजकल यह तथ्य हमें बहुत सुनने को मिलता है। मनु सबसे पहले वह संविधान निर्माता है जिन्होंने पुत्र-पुत्री की समानता को घोषित करके उसे वैधानिक रुप दिया है- ‘‘पुत्रेण दुहिता समा’’ (मनुस्मृति 9/130) अर्थात्-पुत्री पुत्र के समान होती है।

पुत्र-पुत्री को पैतृक सम्पत्ति में समान अधिकार मनु ने माना है। मनु के अनुसार पुत्री भी पुत्र के समान पैतृक संपत्ति में भागी है। यह प्रकरण मनुस्मृति के 9/130 9/192 में वर्णित है।

आज समाज में बलात्कार, छेड़खानी आदि घटनाएं बहुत बढ़ गई है। मनु नारियों के प्रति किये अपराधों जैसे हत्या, अपहरण , बलात्कार आदि के लिए कठोर दंड, मृत्युदंड एवं देश निकाला आदि का प्रावधान करते है। सन्दर्भ मनुस्मृति 8/323,9/232,8/342

नारियों के जीवन में आनेवाली प्रत्येक छोटी-बडी कठिनाई का ध्यान रखते हुए मनु ने उनके निराकरण हेतु स्पष्ट निर्देश दिये हैं।

पुरुषों को निर्देश है कि वे माता, पत्नी और पुत्री के साथ झगडा न करें। मनुस्मृति 4/180 इन पर मिथ्या दोषारोपण करनेवालों, इनको निर्दोष होते हुए त्यागनेवालों, पत्नी के प्रति वैवाहिक दायित्व न निभानेवालों के लिए दण्ड का विधान है। मनुस्मृति 8/274, 389,9/4

मनु की एक विशेषता ओर है, वह यह कि वे नारी की असुरक्षित तथा अमर्यादित स्वतन्त्रता के पक्षधर नहीं हैं और न उन बातों का समर्थन करते हैं जो परिणाम में अहितकर हैं। इसीलिए उन्होंने स्त्रियों को चेतावनी देते हुए सचेत किया है कि वे स्वयं को पिता, पति, पुत्र आदि की सुरक्षा से अलग न करें, क्योंकि एकाकी रहने से दो कुलों की निन्दा होने की आशंका रहती है। मनुस्मृति 5/149, 9/5- 6 इसका अर्थ यह कदापि नहीं है कि मनु स्त्रियों की स्वतन्त्रता के विरोधी है। इसका निहितार्थ यह है कि नारी की सर्वप्रथम सामाजिक आवश्यकता है सुरक्षा की। वह सुरक्षा उसे, चाहे शासन-कानून प्रदान करें अथवा कोई पुरुष या स्वयं का सामर्थ्य।

उपर्युक्त विश्‍लेषण से हमें यह स्पष्ट होता है कि मनुस्मृति की व्यवस्थाएं स्त्री विरोधी नहीं हैं। वे न्यायपूर्ण और पक्षपातरहित हैं। मनु ने कुछ भी ऐसा नहीं कहा जो निन्दा अथवा आपत्ति के योग्य हो।

यजुर्वेद में लिखा है कि मंहीमू षु मातरं सुव्रतानामृतस्य पत्नीमवसे हुवेम।
तुविक्षत्रामजरन्तीमुरूची सुशर्माणमदितिं सुप्रणीतिम्॥ -यजु० २१।५

हे नारी! तू महाशक्तिमती है। तू सुव्रती पुत्रों की माता है। तू सत्यशील पति की पत्नी है। तू भरपूर क्षात्रबल से युक्त है। तू मुसीबतों के आक्रमण से जीर्ण न होनेवाली अतिशय कर्मशील है। तू शुभ कल्याण करनेवाली है। तू शुभ-प्रकृष्ट नीति का अनुसरण करनेवाली है।

आपको बता दें कि हिंदू धर्म में साधु है तो साध्वी भी है, तपस्वी हैं तो तपस्वीनी भी है, पुजारी है तो पुजारिन भी हैं।

लेकिन...
मुस्लिम समुदाय में मौलाना है लेकिन मौलानी नहीं हैं। ईसाइयों में पॉप है लेकिन पॉपनी नहीं हैं।

केवल और केवल हिंदू धर्म में ही नारी को पूजनीय माना गया है...! इसलिए सनातन धर्म ही सर्वोत्तम धर्म है...!

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Monday, August 24, 2020

विज्ञान ने माना सनातन धर्म की देन है गायत्री महामंत्र चमत्कारी !

24 अगस्त 2020


हमारे जो ऋषि मुनियों ने लाखों-करोड़ों वर्ष पूर्व खोजा, उसका आज विज्ञान अनुसंधान कर रहा है। हमारे जीवन में मंत्र की महिमा कितनी है, ये ऋषि मुनियों ने हमें पहले से ही बता दिया है।



आपको बता दें कि AIIMS ने अपने अनुसंधान में स्वीकार किया कि गायत्री महामंत्र जपने से बुद्धिमत्ता बढ़ती है। AIIMS (All India Institute of Medical Science) की एक डॉक्टर और IIT (Indian Institute of Technology) के एक वैज्ञानिक ने कई वर्षों के रिसर्च में पाया कि रोज गायत्री महामंत्र जपने से बुद्धिमत्ता का विकास होता है। AIIMS ने MRI (Magnetic Resonance Imaging) द्वारा दिमाग की सक्रियता की जांच करके इस बात की पुष्टि की है कि गायत्री महामंत्र पढ़ने से दिमाग का विस्तार होता है।

AIIMS 1998 से गायत्री महामंत्र पर रिसर्च कर रहा है। इसको जप करने वालों का दिमाग औरों की बजाय शांत और जागरूक भी पाया गया। इसके जप से बुद्धिमत्ता का अनन्त विस्तार किया जा सकता है। AIIMS का ये रिसर्च अभी भी जारी है और रिसर्च पूरा होने के बाद इस पर अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट भी जारी की जाएगी।

गायत्री महामंत्र की रचना त्रेतायुग में ब्रह्मऋषि विश्वामित्र जी ने की थी। यह महामंत्र यजुर्वेद के मंत्र "ॐ भूर्भुवः स्वः" और ऋगवेद के छंद 3.62.10 के मेल से बना है। इस मंत्र में सवित्र देव की उपासना है इसलिए इसे सावित्री भी कहा जाता है।

गायत्री महामंत्र 👇🏻
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

भावार्थ:- उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें।

बता दें कि वेदों पर रिसर्च करने वाले बहुत सारे विद्वानों ने गायत्री महामंत्र की ऋग्वेद के सबसे प्रभावशाली मंत्रों में से एक माना है। हमारे देश में सदियों से ये मान्यता है कि विद्यार्थियों को गायत्री महामंत्र का पाठ करना चाहिए क्योंकि इससे दिमाग तेज होता है। इस महामंत्र का हिन्दू धर्म की परंपराओं में भी विशेष स्थान है।

देवी भागवत के अनुसार एक माला गायत्री मंत्र का जाप करने से दिन भर के पाप कटते हैं। तीन माला गायत्री मंत्र जपने से नौ दिन के पाप कटते हैं। साथ ही नौ माला गायत्री मंत्र का जाप करने से नौ महीने पहले तक के पाप कटते हैं। इसके अलावा भागवत के दसवें स्कन्द में भगवान कृष्ण के दिनचर्या का वर्णन मिलता है।

अथर्ववेद में भी गायत्री मंत्र की महिमा का वर्णन किया गया है। इस मंत्र के बारे में एक श्लोक आया है कि ”स्तुता मया वरदा वेदमाता प्रचोदयन्ताम्, पावमानी द्विजानाम्। आयु: प्राण प्रजाम् पशु कीर्तिं द्रविणं ब्रह्मवर्चसम्। मह्यम् दत्वा ब्रजत् ब्रह्मलोकम्।।” यानि जो इस मंत्र का जाप करता है उसका दूसरा जन्म होता है, सबकुछ उसका बदल जाता है। साथ ही उसकी उम्र बढ़ती है। प्राण शक्ति भी उस मनुष्य की बढ़ जाती है। इसके अलावा वह ब्रह्मलोक को प्राप्त करता है। गायत्री मंत्र का जाप करने वाले की यश और कीर्ति बढ़ती है।

हिन्दू धर्म के मंत्रों में बड़ी शक्ति होती है मंत्र जप से मनुष्य स्वस्थ्य, सुखी और सम्मानित जीवन जी सकता है। यहाँ तक कि मनुष्यता से ईश्वर तक कि यात्रा भी कर सकता है, आज वैज्ञानिक इसकी महत्ता समझ रहे हैं भारतवासियों को भी इसकी महत्ता समझकर लाभ उठाना चाहिए।

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Monday, July 13, 2020

सनातन धर्म के भगवान व मंत्रों में अकल्पनीय शक्ति है, ईसाई-इस्लाम में नहीं हैं - एंड्रेयु ब्रिजेन, इंग्लैंड

13 जुलाई 2020

🚩कुछ भारतीयों को अपने आप को हिन्दू कहने में शर्म आती है, यहां के रीति-रिवाज परम्परा पुराने जमाने के लगते हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर विश्व के लाखों-करोड़ों लोग सनातन धर्म में आने को आतुर हैं ।

🚩सनातन धर्म, संस्कृति वास्तव में अत्यंत उन्नत संस्कृति है । यह ऐसा धर्म है जो मनुष्य को जीवन जीने की सही राह दिखाता है, मुक्ति का मार्ग दिखाता है । सनातन धर्म की जितनी महिमा गाई जाए वह कम है । इस धर्म के ऋषि-मुनि वास्तव में एक वैज्ञानिक थे, उन्होंने अत्यंत उत्तम खोजें की थीं जो आज के वैज्ञानिकों के लिए असम्भव है ।

🚩यहां आपको नीचे कुछ दृष्टांत बताते हैं जिससे आप भी यह मानने पर मजबूर हो जाएंगे कि सनातन हिंदू धर्म जैसा दूसरा धर्म इस पूरे ब्रह्मांड में होना असंभव है एवं यह धर्म पूर्णतः वैज्ञानिक भी है ।l

● महामृत्युंजय मंत्र थेरेपी से बोल पड़ा 'बेजुबान'-

🚩यह बात सुनने में बड़ी ही आश्चर्यजनक लगती है किंतु सत्य है । पेशे से पायलट राजीव जी के जीवन में एक ऐसा मोड़ आया जब उन्हें एक एक करके बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा । पत्नी से तलाक, व्यापार में नुकसान एवं छोटे भाई की मौत से राजीव इतने अवसाद में चले गए कि उन्हें सिर्फ एक रास्ता दिखा वो था मौत का ।

🚩राजीव ने खुद को खत्म करने के लिए तरह-तरह के तरीके आजमाना शुरू किया । गुटखा, पान-मसाला, तम्बाकू, धूम्रपान की लत लगा ली । नतीजन उन्हें मुँह का कैंसर हो गया । कैंसर के चौथे स्टेज पर पहुंच चुके राजीव को अपने माता पिता का ख्याल आया और जीने की चाह फिर से जागी । कैंसर का ऑपरेशन हुआ, आधी जीभ काटनी पड़ी एवं डॉक्टर्स ने कहा कि 'वो अब कभी नही बोल पाएंगे ।'

🚩उन्होंने आगे कहा कि 'मैं बहुत निराश था । तभी बेंगलुरु के थेरेपिस्ट डॉ. टीवी साईंराम के बारे में पता चला ।' वहाँ गए एवं शुरू हुई महामृत्युंजय मंत्र थेरेपी । इस थेरेपी ने राजीव के जीवन को एक नया मोड़ दिया और वो बोल पड़े ।

🚩दरअसल संस्कृत के मंत्रों का जब हम उच्चारण करते हैं तो हमारी जीभ चारों ओर घूमती है एवं जीभ की सभी मांसपेशियों की कसरत हो जाती है । महामृत्युंजय मंत्र की तरह गायत्री मंत्र का भी प्रयोग चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है ।

● मंत्र जाप का प्रभाव सूक्ष्म और गहरा 

🚩जब लक्ष्मणजी ने मंत्र जप कर माता सीताजी की कुटीर के चारों तरफ भूमि पर एक रेखा खींच दी तो लंकाधिपति रावण तक उस लक्ष्मण रेखा को न लाँघ सका। हालाँकि रावण मायावी विद्याओं का जानकार था, किंतु ज्योंहि वह रेखा को लाँघने की इच्छा करता त्योंहि उसके सारे शरीर में जलन होने लगती थी।

🚩मंत्रजप से पुराने संस्कार हटते जाते हैं, जापक में सौम्यता आती जाती है और उसका आत्मिक बल बढ़ता जाता है।

🚩मंत्रजप से चित्त पावन होने लगता है, रक्त के कण पवित्र होने लगते हैं, दुःख, चिंता, भय, शोक, रोग आदि निवृत्त होने लगते हैं, सुख-समृद्धि और सफलता की प्राप्ति में मदद मिलने लगती है।

जैसे, ध्वनि-तरंगें दूर-दूर जाती हैं, ऐसे ही मंत्र-जप की तरंगें हमारे अंतर्मन में गहरी उतर जाती हैं, पिछले कई जन्मों के पाप मिटा देती हैं। 
इससे हमारे अंदर शक्ति-सामर्थ्य प्रकट होने लगता है और बुद्धि का विकास होने लगता है। अधिक मंत्र जप से दूरदर्शन, दूरश्रवण आदि सिद्धयाँ आने लगती हैं।

● इस्लाम-ईसाई धर्म में भी मुक्ति का मार्ग नहीं है - एंड्रेयु ब्रिजेन 

🚩एंड्रेयु ब्रिजेन जोकि इंग्लैंड के पश्चिमी लेस्टर के सांसद हैं उनका कहना है कि सनातन धर्म में जिस मुक्ति की बात की गई है वह इस्लाम और ईसाई धर्म में भी नहीं है।  भगवान शिव एवं माँ दुर्गा के मंत्रों में सचमुच अकल्पनीय शक्ति है । 

🚩सनातन धर्म के बीज मंत्रों से वे रोग और कष्ट भी पूर्णतः समाप्त हो जाते हैं जिनका पूरी दुनिया के धर्मों और मेडिकल साइंस में भी कोई समाधान नहीं है ।

🚩तो इस तरह से देखा आपने कि सनातन हिंदू धर्म के मंत्रों में कितनी शक्ति है और ये बात तो अब विदेशी भी समझने लगे हैं, भारतीय कब तक अंजान बने रहेंगे ?

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Thursday, May 14, 2020

सनातन धर्म को कर रहा विश्व नमन, बिना प्रचार के फैल रहा है चहुओर...

14 मई 2020

🚩ये बिल्कुल सत्य है कि सनातन धर्म आज के दिन विश्व का एकमात्र ऐसा धर्म है जो बिना प्रचार प्रसार के ही फैल रहा है, जिसे विश्व के लोग प्रेम से अपना रहे है।

🚩हिन्दू धर्म को अपनाने का मुख्य कारण है इसका वैदिक ज्ञान जो "वसुधैव कुटुम्बकम्", "सर्वे भवन्तु सुखिनः" की बात करता है, इसके धर्मग्रंथों यथा वेद और श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान जो निष्काम कर्म और आत्मा परमात्मा का ज्ञान प्रदान करता है, इसकी परंपराएं जो वैज्ञानिक सिद्ध हो चुकी है।

🚩आज पूरा विश्व कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है। कोरोना ने पूरे विश्व में तबाही मचा रखी है। पश्चिमी जीवनशैली कोरोना महामारी से बचाने में ना केवल असफल रही है उल्टा पश्चिमी जीवनशैली कोरोना वायरस को फैलाने में मददगार सिद्ध हुई है।

🚩कोरोना वायरस से बचने के लिए वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने जो सावधानी रखने की बात कही, जो सफाई रखने की बात कही, वो तो सनातन संस्कृति में परम्पराएं के रूप में सदियों से चली आ रही हैं। पहले सनातन संस्कृति की ऐसी कुछ परम्पराओं के विषय में बता रहे हैं 👇🏻

(1) सनातन धर्म में दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते करने की परंपरा है।

(2) जब कोई घर में प्रवेश करता है तो हाथ पैर धोकर प्रवेश करता है।

(3) सनातन धर्म में मृत शरीर का दाह-संस्कार करने की परंपरा है। मृत शरीर को अग्नि द्वारा जलाया जाता है।

(4) सनातन संस्कृति में श्मशान घाट और अस्पताल से आने के बाद स्नान करने की परंपरा है।

(5) सनातन संस्कृति ने सदा शाकाहारी रहने की शिक्षा दी और शाकाहार जीवन का अनुसरण किया।

(6) सनातन संस्कृति के योग और प्राणायाम की खोज की और स्वस्थ रहने के लिए योग, प्राणायाम करने की शिक्षा दी।

(7) सनातन संस्कृति संतों द्वारा ही "ॐ" और दूसरे मंत्रों की खोज की गई जिनमें आरोग्यता के साथ साथ भगवान से मिलाने की शक्ति है।

(8) सनातन संस्कृति ने यज्ञ, भजन, पूजा-पाठ, घण्टी-शंख बजाना आदि परम्पराएं चलाई जिनसे पर्यावरण शुद्ध होता है।

(9) सनातन संस्कृति में पशुओं, जंगलों, तुलसी, पीपल आदि को पूजने की प्रथा भी है।

🚩उपरोक्त सभी परम्पराओं पर दुनिया पहले सनातन संस्कृति पर हँसती थी। पर जब पूरे विश्व को अदृश्य और अति सूक्ष्म वायरस ने अपनी चपेट में लिया तो वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने यहीं पद्दतियां अपनाने की सलाह दी जिनका हम सदियों से अनुसरण कर रहे हैं। तब पूरा विश्व भी सनातन संस्कृति की प्रशंसा करता नजर आया और इस बात को स्वीकार किया कि सनातन संस्कृति की परम्पराएं वैज्ञानिक हैं।

🚩अब कोरोना त्रासदी के दौरान विश्व में कुछ हुए घटनाक्रमों को देखते हैं जिनसे सिद्ध होता है कि सनातन संस्कृति का लोहा सबने माना हैं👇🏻

(1) विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप की मौजूदगी में व्हाइट हॉउस के रोज़ गार्डन में प्रार्थना दिवस मनाया गया और इस दौरान यहां वैदिक शांति पाठ का उच्चारण भी किया गया। यहां शांति पाठ के उच्चारण के लिए खास हिन्दू पंडित को बुलाया गया था। मंदिर के पुजारी हरीश ब्रह्मभट्ट ने यहां वैदिक मंत्र का उच्चारण किया।

(2) स्पेन को कोरोना वायरस ने पूरी तरह हिला दिया है। यहां भी डॉक्टर, नर्स से लेकर पूरा स्टॉफ मरीजों के लिए प्रार्थना करता दिखा। इस दौरान वे बड़े अनुशासित ढंग से वे "ॐ" मंत्र का उच्चारण करते नजर आए।

(3) इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कोरोना से बचने के लिए भारतीय तरीके से अभिवादन करने को कहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने देशवासियों से कहा कि वो हाथ ना मिलाएं और भारत के अभिवादन की परंपरा की तरह नमस्ते करें।

(4) व्हाइट हॉउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने एक दूसरे को नमस्ते कहकर अभिवादन किया।

(5) बकिंघम पैलेस में प्रिंस चार्ल्स और ब्रिटिश टीवी एंकर फ्लोएला बेंजामिन ने एक दूसरे का नमस्ते करके अभिवादन किया।

(6) टोक्यो, जापान में प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री शिंजो आबे और गवर्नर युरिको कोइके ने एक दूसरे को नमस्ते करके अभिवादन किया।

(7) फ्रांस में राष्ट्रपति इमेनुएल मेंक्रो ने स्पेन के राजा को नमस्ते किया।

(8) शेफील्ड, ब्रिटेन में शेफील्ड यूनाइटेड VS नोविर्च सिटी फुटबाल मैच से पहले खिलाड़ी एक दूसरे को अभिवादन करते नज़र आए।

(9) फिलीपींस में डॉक्टर राधिका देवी जो कोरोना के मरीजों का इलाज कर रही थी, वो बीच में माला के साथ भगवन्नाम जप करते नज़र आई।

(10) श्रीलंका में कोरोना से मृत्यु के पश्चात दाह संस्कार को अनिवार्य किया।

(11) चीन जहां से कोरोना पूरे विश्व में फैला था, वहाँ भी सरकार ने कोरोना से मृत्यु के बाद दाह संस्कार के आदेश दिए हुए थे।

(12) जर्मनी में चांसलर एंजेला मर्केल के लिए उस वक्त स्थिति असहज हो गई जब जर्मनी के आंतरिक मंत्री होर्स्ट जेहोफान ने एंजिला मर्केल से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया।

(13) कोरोना वायरस फैलने का कारण मांसाहार था इसलिए पूरी दुनिया मांसाहार छोड़कर शाकाहार को अपनाती नज़र आई।

(14) जर्मनी की ल्युबेक यूनिवर्सिटी ने भारतीय खानपान पर रिसर्च करती नज़र आई।

(15) हावर्ड वैद्यकीय विद्यालय, अमेरिका ने कहा कि कोरोना वायरस से जुड़ी व्यग्रता और बेचैनी से निपटने के लिए योग व ध्यान करें।

(16) अमेरिका ने स्वीकार किया कि तुलसी और पीपल सर्वोत्तम है।

(17) फ्रांस ने स्वीकार किया कि शंख ध्वनि लाभदायक है।

(18) इजराइल ने कहा कि यज्ञ-हवन से वायरस दूर होते हैं।

(19) कोरोना पर भारत का मजाक उड़ाने वाले अर्थशास्त्री जिम ओ नील को अमेरिकी अभिनेत्री शेरोन स्टोन ने जवाब दिया कि भारत ने शाकाहार को आदर्श बनाया और आयुर्वेद का विस्तार किया, जिस कारण भारत कभी गम्भीर बीमारी के संकट में नहीं पड़ा। भारत ने इतिहास के पन्नों में कोई महामारी उत्पन्न नहीं की। भारतीय सभ्यता दुनिया में सबसे उन्नत है इसलिए नमस्ते को विश्व के नेता प्रचारित कर रहे हैं। अपनी उन्नत संस्कृति और आदर्शों की वजह से भारत हर संकट से लड़ने में कामयाब रहा था और रहेगा।

🚩विश्व कोरोना वायरस से जूझ रहा है पर ये भी वास्तविकता है कि विश्व सनातन संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहा है। पूरे विश्व में हिन्दू धर्म इतना लोकप्रिय हो रहा है कि लोग अपना धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म और हिन्दू जीवनशैली अपना रहे हैं। जानिए पूरा विश्व कैसे हिन्दुत्व का लोहा मानकर उसे अपना रहा है 👇🏻

(1) रूस में हिन्दू धर्म बहुत तेजी से फैल रहा है। ऑस्ट्रेलिया में भी हिन्दू धर्म बड़ी तेजी से फैल रहा है, वहां बड़े-बड़े मंदिर बन रहे हैं।

(2) टेनिस में कई बार विम्बलडन विजेता रह चुके स्टार खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने कहा कि शाकाहार, योग और ध्यान ने मुझे शिखर पर पहुँचाया है।

(3) दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया के नोट पर भगवान गणेश की फ़ोटो है। भगवान गणेश को इंडोनेशिया में शिक्षा, कला और विज्ञान का देवता माना जाता है।

(4) मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया में सुग्रीव के नाम पर खुला पहला हिंदू विश्‍वविद्यालय खुल चुका है।

(5) स्विट्जरलैंड में यूरोपीय संशोधन केंद्र ने संशोधन के बाद कहा कि भगवान शिवजी का 'तांडव नृत्य' ब्रह्मांड में हो रहे मूल कणों के उतार-चढ़ाव की क्रियाओं का प्रतीक है।

(6) अमेरिका की सेटन हॉल यूनिवर्सिटी में श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ना अनिवार्य है।

(7) अमेरिका की हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में रामायण और श्रीमद्भागवत गीता पढ़ाई जा रही है।

(8) श्रीमद्भगवद्गीता का विश्व की 578 से भी अधिक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। सभी ने इसे महान ग्रन्थ स्वीकार किया है।

(9) रोमानिया में 11वीं कक्षा में रामायण और महाभारत का कुछ अंश पढ़ाया जा रहा है।

(10) यूरोपीय विद्वान मार्क स्ट्रैंथ ने कहा कि धर्म के आधार पर सभी देश दरिद्र है किन्तु भारत धर्म के क्षेत्र में अरबपति तथा सबसे महान राष्ट्र है।

(11) सैमुअल जानसन के अनुसार हिन्दू लोग धार्मिक, प्रसन्नचित, शांतिप्रिय, न्यायप्रिय, सत्यभाषी, दयालु, कृतज्ञ, ईश्वरभक्त तथा भावनाशील होते हैं।

(12) दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर जोंटी रोडस भारत और हिन्दू धर्म से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने हिन्दू धर्म अपना लिया और जब उनको बेटी हुई तो उसका नाम "इंडिया" रखा।

(13) इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हिन्दू धर्म से बहुत प्रभावित है और इसलिए वो हिंदी भी सीख रहे हैं। कुछ दिन पहले केविन पीटरसन ने हिंदी भाषा में ट्वीट किया था। उन्होंने उसमें लिखा - "नमस्ते इंडिया, हम सब कोरोना वायरस को हराने में एक साथ हैं, हम सब अपनी-अपनी सरकार की बात का निर्देश करें और घर में कुछ दिन के लिए रहें, यह समय है होशियार रहने का। आप सभी को ढेर सारा प्यार"।

🚩एक तरफ जहाँ इस्लाम धर्म को फैलाने के लिए मुस्लिम जिहाद, लव जिहाद जैसे अमानवीय कृत्य कर रहे हैं, ईसाई मिशनरियां पैसे, छल, बल द्वारा गरीबों,आदिवासियों, मजबूरों का धर्म परिवर्तन कर रही है वहीं दूसरी और अपनी महान, वैदिक और वैज्ञानिक परम्पराओं की वजह से हिन्दू धर्म को लोग बिना प्रचार प्रसार के ही अपना रहे हैं। जहां रोगों को चमत्कार से दूर करने की बात करने वाले सैकड़ों पादरी और मौलवी कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मर गए वहीं हिन्दू संतों द्वारा खोजा गया योग, प्राणयाम, जप और संतों द्वारा शाकाहार जीवनशैली की शिक्षा और दूसरी सनातन परम्पराएं पूरे विश्व की कोरोना वायरस से रक्षा कर रही हैं। ये गर्व की बात है कि हमारा जन्म भारत में हुआ। गर्व से कहो कि हम सनातन धर्मी है।

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Tuesday, April 14, 2020

कोरोना महामारी में केवल सनातन धर्म के ही नियम काम आ रहे हैं, जानिए सच

14 अप्रैल 2020

*🚩सनातन हिंदू धर्म के नियम और सिद्धांत है वे केवल मनुष्य ही नहीं प्राणी मात्र के लिए परम् हितकारी है पर आजतक हमें इस बात का समझ नहीं आ रहा था जब कोरोना जैसे महामारी फैल रही है तब थोड़ा समझ में आ रहे हैं और वही सिद्धांत दुनियाभर के देश अपना रहे हैं।*

*🚩सनातन धर्म का प्रत्येक विधान ऋषियों के द्वारा शोध करके बनाया गया है। इसकी सारी परम्परा वैज्ञानिक तरीके से प्राणीमात्र के हित के लिए हैं ।*

*🚩इस विषय में काव्य के माध्यम से ये सुंदर पंक्तियां पढ़ें:-*

*धरती के सभी धर्मों में श्रेष्ठ, वैज्ञानिक है सनातन धर्म।*
*इसकी सभी विधाओं में है, जीवन रक्षक सारा कर्म।।*

*इस धर्म ने सदा से कहा है, छुआछूत ना अच्छा है।*
*वर्तमान स्थिति में देखिये, यह कितना सच्चा है।।*
*जात पात में पड़कर हमने, नष्ट किया है इसका मर्म।*
*इसकी सभी विधाओं में है, जीवन रक्षक सारा कर्म।।*

*इस मजहब में हाथ मिलाने की,  नहीं है कोई परंपरा।*
*समवयस्क में नमस्कार, आशीष अनुज को प्रेम भरा।।*
*बड़े बुजुर्गों की चरण वंदना करना, छोटों का है धर्म।*
*इसकी सभी विधाओं में है, जीवन रक्षक सारा कर्म।।*

*प्राण वायु के लिए वृक्षो को, सदा पूजते आए हैं।*
*पीपल को भगवान मानते, तुलसी घर-घर लगाए हैं।।*
*जीवनदायनी नदियों को माँ का, दर्जा देता है यह धर्म।*   
*इसकी सभी विधाओं में है, जीवन रक्षक सारा कर्म।।*

*हवन-यज्ञ है श्रेष्ठ कर्म, पर्यावरण पवित्र करता है।*
*डमरू घंटी और शंखनाद से, सारा वायरस मरता है।।*
*धूप दीप कपूर जलाने से, नहीं बचते कोई विषाणु जर्म।*
*इसकी सभी विधाओं में है, जीवन रक्षक सारा कर्म।।*

*सनातन धर्मी हाथ पैर धोकर ही, सारे कर्म करता है।*
*प्राणायाम, जप और योग, सभी रोगों को हरता है।।*
*प्रकृति पूजन के लिए, सभी पर्व मनाता है यह धर्म।*
*इसकी सभी विधाओं में है, जीवन रक्षक सारा कर्म।।*
     
*पुरुषों में नारायण दर्शन करते, नारी में लक्ष्मी माता।*
*पत्थर, काष्ठ, स्वर्ण को भी, शिव विष्णु मान पूजा जाता।।*
*कण-कण में ईश्वर का हैं वास, बतलाता है यह धर्म।*
*इसकी सभी विधाओं में है, जीवन रक्षक सारा कर्म।।*
     
*चेचक को माँ शीतला कहते, सर्प का भी करते पूजन।*
*बैल शिव का, चूहा गणेश का, कुकुर भैरव का वाहन।।*
*घृणा छोड़ सम्मान करना, सिखाता है यह धर्म।*
*इसकी सभी विधाओं में है, जीवन रक्षक सारा कर्म।।*

*परम उदार है सनातन धर्म, पूरे विश्व का हित करता।*
*वेदों का एक-एक मंत्र, विश्व कल्याण की बात करता।।*
*पूरे विश्व को अपना मानता, कहता है वसुधैव कुटुम्बकम्।*
*इसकी सभी विधाओं में है, जीवन रक्षक सारा कर्म।।*

*करोना वायरस से डरो मत, ईश्वर पर दृढ़ विश्वास रखो।*
*लौंग, इलाइची,जावित्री, कपूर सैदेव अपने पास रखो।।*
*तुलसी का सेवन करो सदा, घर में रहकर पीओ जल गर्म।*
*इसकी सभी विधाओं में है, जीवन रक्षक सारा कर्म।।*

*धरती के सभी धर्मों में श्रेष्ठ, वैज्ञानिक है सनातन धर्म।*
*इसकी सभी विधाओं में है, जीवन रक्षक सारा कर्म।।*

*🚩वास्तव में देखा जाए तो जबसे सृष्टि का निर्माण हुआ है तबसे ईश्वर ने एक ही धर्म बनाया है वे सनातन धर्म जिसको आज हिंदू धर्म बोलते हैं और यही सनातन हिंदू धर्म सिर्फ मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी, कीट-पतंग, पेड़-पौधे आदि आदि सभी के मंगल के लिए बनाया था ओर जबतक सनातन धर्म के अनुसार लोग जीवन जी रहे थे तब स्वस्थ, सुखी और सम्मानित और लंबी आयु से जीवन जी रहे थे लेकिन जबसे सनातन धर्म से विमुख होते गये त्यों त्यों चिंता, भय, रोग , दुःख सब घेरने लगे अभी कोरोना महामारी भी यही बता रही है कि हम अभी भी अपनी प्राचीन संस्कृति पर लौट आएं। .. नहीं आएंगे तो प्रकृति डंडे मारकर लाएगी इससे अच्छा है अभी से उसके अनुसार जीवन जीकर जिंदगी को खुशहाल बनाएं।*


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